Scorpion
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lad nhi rha bhai, sahi info de rha hu, taki koi faltu me is chkr me pr kr maar na kha le apne parents se...Kyo lad rahe ho scorpion
lad nhi rha bhai, sahi info de rha hu, taki koi faltu me is chkr me pr kr maar na kha le apne parents se...Kyo lad rahe ho scorpion
देर से शादिया होने से माँ- बेटे के संबंध बनने में जरूर मुश्किल आएगी। जब तक बेटा जवान होगा माँ की जवानी तो चली जाएगी।हर घर में व्यभिचार पनपता है। औरत और मर्द दोनों का रिश्ता ही ऐसा है कि, दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते जाते हैं। विज्ञान इसे अपनी भाषा में हार्मोन्स का रिसाव कहता है। टेस्टोस्टेरोन एवं एस्ट्रोजन का खेल। जब इनका रिसाव होता है तो दोनों मर्द और अविरत एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं,अब साधारण भाषा में इसे प्रेम कहते हैं। एक दूजे के प्रति इसी आकर्षण से दोनों करीब आकर शारीरिक संबंध बनाते अर्थात साधारण भाषा में चुदाई करते हैं या बूर में लण्ड घुसाकर मज़े करते हैं। ये संसार का स्वाभाविक नियम है, जिससे शायद ही कोई भी शिक्षित व्यक्ति आस्वीकार कर सके। परंतु जब यही चीज़ घर के अंदर होने लगे तो उसे यही लोग व्यभिचार कहने लगते हैं। समाज में इससे बहुत बदनामी होती है जिसके डर से लोग इन चीजों को बाहर आने आने नही देते। जो इसमें संलिप्त हो जाते हैं वो इसे गोपनीय रखने की चेष्टा करते हैं। ये बात हर कोई जानता है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, किन्तु विज्ञान ने हमें जानवर की श्रेणी में ही रखा है। जानवरों में प्रजनन की प्रक्रिया के लिए संभोग/ समागम/ चुदाई की जाती है। ये शरीर की आवश्यकता है, और प्रकृति के लिए नए प्राणी का मार्ग भी है। केवल मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो मज़े के लिए चुदाई करता है। अन्य बाकी जीव केवल एक खास मौसम में प्रकृति के नियमों का पालन करते हैं। आदमी की जरूरत होने पर वो भी स्त्री को संसर्ग/ चुदाई के लिए ढूंढता है। पहले घरों में बेटीयों बहनों की शादी जल्दी हो जाती थी, तो उन्हें समय से चुदाई सुख मिलता था। बूर में लंड घुसवाके वो भी मस्त हो जाती थी और उन्हें खूब बच्चे भी होते थे। आजकल बेटीयों, बहनों की शादी में काफी विलंब हो जाता है। इस कारण बेटों और भाइयों की शादी भी देर से हो रही है। ज़माने की भाग दौड़ में लोग इनकी शारीरिक जरूरतों को अनदेखा कर रहे हैं। जिस कारण फलस्वरूप ये एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो कर चुदाई में लिप्त हो जाते हैं। बहनें अपने भाइयों के सामने बूर खोलके लेट जाती हैं और भाइयों का कड़ा लंड लेकर मस्ती से चुदवाती हैं। बाहर का बॉयफ्रेंड तो बस उन्होंने खर्चों के लिए बना रखा है। वो बस ऊपर से मज़े लेते हैं, असली मज़ा तो घर के भाई, देवर, ससुर, बेटा देता है। इससे घर की बात अंदर ही रहती है, और बदनामी का डर भी नहीं। ना जाने कितनी बहनें आजकल रात भाइयों के बिस्तर में बिताती है और कितनीं भाभियाँ खुद ही देवर को अपने कमरे में बुलाकर चुदाई का आनंद ले रही हैं। जिनके पति बाहर हैं, उन बेचारी स्त्रियों का क्या दोष, बूर में लंड की जरूरत तो बनी ही रहती हैं। ऐसे में उनकी मदद घर के देवर, जेठ, ससुर, भाई, बाप ही करते हैं। बेटियां भी अपने विधुर बाप के साथ संभोग की क्रीड़ा में सम्मिलित होती जा रही है। नौजवान बेटीयाँ अपनी रिसती हुई बूर में बाहर के लण्ड के बदले घर का अनुभवी लंड लेना ज़्यादा पसंद कर रही हैं। बाप भी जवान बेटी की गंदी हरकतों को घर में ही सहमति दे देते हैं। इन पापा की परियों के लिए तो बाप ही सर्वोपरि होता है। सुहागरात के दिन पवित्र होने का नाटक करती हैं, पर सच्चाई कुछ और ही होती हैं। असल में ये घर की औरतें भी नहाते और मूतने के समय खूब अंग प्रदर्शन करती हैं, और अपने अंदर के तूफान को शांत करने के लिए, लण्डों को रिझाती हैं।
Sahi khaJab bhi moka mile ...kar lene ka...samjh lo...
tap tapa tap
aise hi sardi ki raat thi aur mein apni mom ke peeche aake so gya..
bachpan se sota aa rha hun.koi galat baat nhi thi ab tak , lekin iss raat thand zyada thi aur kambal sirf mom aur dad par tha. so mai bhi bich mei ghuss gya.
mom ne dad ko piche se japhi aur mai ne mom ko piche se japhi daal li.
adhi raat mom seedhi let gyi aur mai ne mom ke upar haath aur laat rakh di.
Fir meri jaag uthi aur paya mera haath
mom ke boobs par tha Aur laat ka ghutna
mom ki chut Ko touch kr rha tha.
Itne mei hi mera lund khada ho gya achanak.Mom ke haath Ko takiye ki Tarah
apne sar ke niche rakh kar apne face to mom ki gardan par rakhte hue mom ko kiss kiya. Iss par mom ki nind disturb ho gyi.
Fir meri taraf face karte hue mera sar apni
chatti ya yun kaho dono boobs ke bich mei
de diya.Ab mom ne apni laat mujhpar rakh di aur jis ki wajah se mera lund ab mom ki tango ke bich mei hi tha.
Mera ek haath mom ki peeth par tha aur dusra boobs ke niche.
Kafi mehnat aur sabr ke baad mai mom ke nange badan ko chuh pa rha tha.naram body aur skin feel kar rha tha aur sehla rha tha.Issi par maine mom ke boobs pakad liye wo bhi kapdon ke ander yaani nange badan par....Aur boobs ki naram golai ko bhi dabaya aur nipple bhi chede.
Yeh mere jeevan ki anokhi raat thi ...
chahta tha iss raat ki subah na ho...
Lekin chahat tou sapne ke jaisi hoti hai..isiliye...Kaha gya hai....
Jab bhi moka mile ...kar lene ka...samjh lo...
tap tapa tap
tapa tap
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Wow kya expression hai maa ka![]()
Jab maa ki chut me mene ungli dali
Isiliye gao wali aurato ke jyada beton se yaun sambandh bante hai, 16-19 tak me ladka paida ho jata h, phir jb wo 19-20 ka hota h to maa 40 se km rhti h aur 10 saal dabake sambhog krte hai.देर से शादिया होने से माँ- बेटे के संबंध बनने में जरूर मुश्किल आएगी। जब तक बेटा जवान होगा माँ की जवानी तो चली जाएगी।