तीसरे अध्याय का नौवाँ भाग
बहुत ही जबरदस्त और उत्कृष्ट कहानी।।
साक्षी के दिमाग मे एक बात आती है क़ातिल का पता लगाने की जब वो एक सैटेलाइट की खबर देखती है समाचार चैनल पर।। और पहुच जाती है उस जगह जहां पर सैटेलाइट लगा हुआ है और 3d तस्वीर निकलवा लेती है अक्ष के रहने वाले स्थान पर।। अब्दुल का के दिन से पता नहीं चल रहा था, क्योंकि राणा को अब्दुल की सच्चाई का पता चल चुका है तो जाहिर सी बात है कि अब्दुल अब इस दुनिया मे नही रहा।।
शाहिद अब्दुल का पता लगाने के लिए कार्ल और अन्य साथियों के साथ जाता है अक्ष का स्वास्थ्य ठीक नहीं है इसलिए उसे साथ चलने से रोक देता है शाहिद, अब इसे विधि का लिखा ही कहेंगे कि आज अक्ष की किस्मत में साक्षी से मिलना लिखा था इसलिए शाहिद ने उसे साथ चलने से रोका। साक्षी भी वहां पहुँच चुकी है, लेकिन यहां पर साक्षी ने एक गलती ये कर दी कि उसने सीबीआई को इसके बारे में सूचित कर दिया।। जो शायद उसे अक्ष से और अधिक दूर ले जाये।।
अक्ष जब शाहिद का फोन आने के बाद अब्दुल को खोजने भोपाल जाने वाला होता है तभी साक्षी ने अक्ष पर हमला कर दिया, अक्ष मजबूर था इसलिए उसने साक्षी पर जवाबी प्रहार नहीं किया जिसका साक्षी ने फायदा उठाया और अक्ष को जख्मी कर दिया, अक्ष की चीख सुनकर साक्षी उसे पहचान गई।। साक्षी की तो जान ही निकल गयी ये जानकर कि जिसको उसने क़ातिल समझकर जख्मी कर दिया है वो क़ातिल ही अक्ष है। साक्षी की तो जैसे दुनिया ही उजड़ गई उसे बहुत दर्द हुआ अक्ष को दर्द देकर। साक्षी के बार बार पूछने पर अक्ष अतीत में साक्षी के जाने के बाद ऐसा क्या हुआ कि अक्ष क़ातिल बन गया।।
साक्षी के जाने के बाद मानसी ने अपने दिल पर पत्थर रखकर अक्ष को साक्षी को देने का फैसला कर लिया और इसके बारे में अक्ष से बात की। ये बहुत मुश्किल घड़ी होती है जब आप अपने सच्चे प्यार को किसी और को लिए कुर्बान कर देते हैं।। मानसी ने जब इसके बारे में अक्ष से बात की तो वो तैयार नहीं हुआ, क्योंकि अक्ष मानसी के साथ अन्याय नहीं करना चाहता था, मानसी के ज़िद के आगे अंततः अक्ष को झुकना पड़ा। मानसी और अक्ष के रिश्ते की बात करने के लिए अमन और किरण अक्ष के घर आये थे। परन्तु तभी राणा ने वहां पर आकर कत्लेआम मचा दिया और सबकी बेरहमी से हत्या कर दी। अक्ष की बदकिस्मती कहें या उसकी किस्मत कि ऐन मौके पर अभिनव और अनंत आ गए और अक्ष बच गया।
लेकिन एक बात अभी भी समझ मे नहीं आयी कि अभिनव की हत्या कैसे हुई, उसे मारा किसने और कैसे अक्ष उसके कत्ल के इल्जाम में फंसा।। अक्ष के अतीत का समापन हुआ तो अनंत ने अक्ष पर हमला कर दिया शाहिद और बाकी अक्ष के साथी इसमे मारे गए। एक गोली साक्षी को भी लगी जिससे वो कोमा में चली गई। अक्ष को जब ये बात पता चली तो उसने साक्षी से बात की और उसे कोमा से बाहर निकलने के लिए साक्षी के ऊपर झूठा गुस्सा दिखाया जिसे साक्षी में महसूस किया और उसके चेतना वापस आ गयी। अक्ष को अनन्त फांसी की सज़ा दिलवाना चाहता है, इसलिए उसने अक्ष को जेल में डाल दिया।
अब सवाल ये है कि अगर साक्षी को होश आया तो उसकी क्या प्रतिक्रिया होगी। उसे जब अनंत की सच्चाई का पता चलेगा तो वो कैसे रियेक्ट करेगी। अब अक्ष जेल में है तो वो कितने दिन जेल में रहता है वो जेल से भागता है या उसे फांसी होती है।। राणा को तो ये बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगेगा कि उसका दुश्मन उसके हाथों न मर कर अदालत द्वारा मारा जा रहा है। हो सकता है राणा ही अक्ष को छुड़वा ले। देखते हैं चौथे अध्याय में क्या होता है।।