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Incest Life Change ( Sex System )

Naik

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chapter 4

( सुमन के घर )

मोना जीना माया अपने पतियों के साथ मायके आ चुकी थी

सुमन मोना जीना माया सभी एक कमरे मे बैठे बाते करने मे लगे हुवे थे सुमन जुली को गोद मे लिये हुवे थी

सुमन तीनों को देख - मेरी बचियों तुम सब आती हो तो घर मे रोनक आ जाती है और मे अपनी नाती नातिन को देख पाती हु

मोना मुस्कुराते हुवे - मा हमे भी खुशी होती है यहा आके
सुमन माया को देख मुस्कुराते हुवे - तुम भी जल्दी मुझे नाती या नातिन दे दो नही तो घर आने नही दुगी

माया हैरानी से सर्म से - मा इसमें मे क्या करू जब होना होगा हो जायेगा
जीना हस्ते हुवे - मा ने हमे भी ऐसा हि कहा था अब तेरी बारी आ गई
मोना - मा क्या लगता है आपको वो कमीना कही मर गया होगा

मोना की बात सुन सभी हैरान हो जाते है और उन्हें अर्जुन की याद आ जाती है

सुमन गुस्से से - मर ही गया होगा कमीना उसके सरीर मे जान ही नही थी अच्छा हुआ चला गया
जीना - सही कहा मे तो जब भी सोचती हु उसके बारे मे तो मुझे घिन आती है बिस्वास नही होता जिसे हमने इतना प्यार दिया वो नीच गिरा हुआ निकलेगा
माया - कोन अंदर से कैसा निकलेगा हम जान नही सकते
सुमन - अब से उस कमीने के बारे मे आप मत करना मुझे उसे याद भी नही रखना है अच्छा होता उसे पैदा नही करती तो आज ये दिन नही देखना परता

मोना जीना माया - ठीक है मा उसके बारे मे हम बाते नही करेगे

एक कमरे मे मुकेश अपने तीनों जीजा से बाते कर रहा था इसके बीच कुछ अलग बाते चल रही थी

चलो इनको छोर आयन के पास चलते है

मोहन अपने दोनो बच्चो को दुकान लेके जाता है और दोनो को चोकलेट दिला देता और घर जाने लगता है जूलिया राजू को लेकर

आयन कान मे फोन लगाये किसी से बाते करने का नाटक करते हुवे मोहन पे नजर रख रहा था ताकि किसी को अजीब य उसपे सक ना हो

मोहन जब घर की तरफ जा रहा होता है तो सामने से एक teddy 🧸 बेचने वाला आ रहा होता है लरकियो को तो teddy बहोत पसंद होते है इस लिये जूलिया जैसे ही देखी है बहोत खुश हो जाती है


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जूलिया मोहन को teddy दिखाते हुवे - पापा पापा मुझे वो teddy चाहिये मुझे खरीद कर दो

मोहन आगे देखता है teddy वाला कई सारी खूबसूरत teddy लेकर बेचने निकला था जिसे देख मोहन की टेंसन बढ़ जाती है

मोहन जूलिया से - बेटा मेरे पास पैसे नही है बाद मे खरीद दुगा पक्का
जूलिया जिद करते हुवे - नही नही नही मुझे अभी खरीद कर दो
मोहन अपना सर पकर मन मे - ये साला teddy वाला गाव मे आता हि कियु है

मोहन - अच्छा चलो
जूलिया खुश हो जाता है

मोहन teddy वाले के पास जाता है और उसे रोकने के लिये केहता है teddy वाला रुकते हुवे - बोलये कोन सा teddy चाहिये

जूलिया एक teddy की तरफ इसारा करते हुवे - ये गुलाबी भालू वाला teddy बहोत प्यारा है मुझे ये चाहिये

मोहन teddy वाले को देख - कितने का है भाई
teddy वाला - 300 का है

मोहन ये सुनते ही हैरानी से - क्या कहा तुम ने 300 मजाक कर रहे हो क्या मुझसे
teddy वाला - मे भला कियु मजाक करुगा
मोहन दूसरे छोटे teddy को देखते हुवे - ये छोटा वाला कितने का है
teddy वाला - 150 का है
मोहन हैरान होते हुवे मन मे - साला कमीना जब इतना मेहगा teddy होता है तो गाव मे बेचने कियु आता है पूरे दिन काम करता हु खून पसीना बहाता हुई तो मुझे 300 रुपये मिलते है में दिला भी देता लेकिन मेरे पास इतने पैसे है ही नही अभी

मोहन जूलिया को देख - बेटा चलो चलते है आज पापा के पास पैसे नही है जब होगे तो दिला दुगा

जूलिया ये सुनते ही रोते हुवे - नही मुझे अभी चाहिये खरीद कर दो
मोहन परेसान होते हुवे - बेटा तुम समझती कियु नही मेरे पास अभी पैसे नही है
राजू - दीदी मान भी जाओ पापा के पास अभी पैसे नही है होते तो दिला देते
जूलिया रोते हुवे - नही मुझे teddy चाहिये आप दिला दो मुझे
मोहन किया करे समझ मे नही आ रहा था
teddy वाला - लेना है या नही कि मे जाऊ
मोहन - आप जा सकते है
जूलिया ये सुन और जोर से रोने लगती है
teddy वाला जाने लगता है तभी एक आवाज - रुक जाओ
teddy वाला पीछे देखता है तो आयन बैग लिये teddy वाले के पास जाके जो teddy जूलिया को पसंद आई थी उसे खरीद लेता है teddy वाला फिर वहा से जाने लगता है

जूलिया खरी आखो मे आसु लिये teddy वाले को जाते देख रही थी
तभी अभय जूलिया के पास आके नीचे घुटनों पे बैठ जूलिया को teddy के साथ बरा डेरी मिल्क चोकलेट देते हुवे
आयन - ये लो बेटा teddy तुम्हे चाहिये था ना

जूलिया खुश होते हुवे आयन को देख - किया आप सच केह रहे ये teddy मेरे लिये है
आयन मुस्कुराते हुवे - हा बेटा ये तुम्हारे लिये है ले लो
जूलिया खुश होते हुवे teddy लेते हुवे - थैंक्स आपका

मोहन ये सब देख हैरान होते हुवे आयन को देख - मे तुम्हे जानता नही तुम मुझे जानते नही फिर कियु तुमने मेरी बच्ची तो teddy खरीद कर दी

आयन खरा होकर मोहन को देखता है फिर जूलिया को देख
आयन - आप देख रहे है वो कितनी खुश है teddy पाके इसी खुशी को देखने के लिये
मोहन और हैरान हो जाता है मोहन को समझ भी नही आता
आयन समझ जाता है थोरा और अच्छे से जाल मे फसाना होगा

आयन मोहन को देख इमोसनल होके - मेरी भी एक छोटी बेहन थी मुझे याद है वो भी पापा से ऐसे हि जिद किया करती थी किसी चीज के लिये जब पापा नही दिला पाते थे तो बहोत रोटी थी लेकिन जब पापा दिला देते थे तो बहोत खुश हो जाती थी

आयन जूलिया को देख - बस मुझे उसी की याद आ गई

मोहन हैरान होते हुवे - थी का क्या मतलब है
आयन आखो मे आसु लाते हुवे - मेरी मा पापा बेहन को एक एक बस वाले थे ठोक दिया मे पीछे था इस लिये बच गया लेकिन मेरी मा पापा मेरी प्यारी बेहन

आयन आखो से आसु गिराने लगता है आयन कि कहानी सुन मोहन बहोत इमोसनल हो जाता हैं

मोहन इमोसनल होते हुवे - ये कब हुआ था
आयन आसु साफ करते हुवे - 6 साल पेहले उसके बाद मे अनाथ हो गया उसके बाद मेरे पापा के दोस्त सेहर मे रेहते थे उन्हें पता चला तो वो मुझे ले गये यही कहानी है मेरी आज मे इस गाव मे आया हु कियुंकी मुझे अपने गाव की बहोत याद आ रही थी

मोहन आयन के कंधे पे हाथ रखते हुवे दुखी होते - छोटे तुम्हारे साथ बहोत बुरा हुआ जिंदगी ऐसी ही होती है कब क्या हो जाये कहा नही जा सकता

आयन - जी भाई आपने सही कहा
मोहन - ये बताओ गाव घूम कर आज ही चले जाओगे
आयन मोहन को देख - गाव मे पला बरा मुझे गाव बहोत पसंद है सेहर से जायदा तभी मेरे पास उतने पैसे नही है लेकिन जब हो जायेंगे तो गाव मे ही घर बना कर रहुंगा

मोहन - तुमने ये बात तो सही कही सेहर से जायदा गाव मे सुकून होता है इसी लिये मे सेहर नही जाता कमाने यही मजदूरी कर जिंदगी गुजार रहा हु लेकिन ये बताओ रुकोगे कहा जब यही गाव मे रेहने वाले हो तो

आयन चारो तरफ देख - पता नही स्कूल या कही जगह मिले सो जाउंगा

मोहन हैरान होते हुवे - क्या
आयन उदास होते हुवे - क्या ही कर सकता हु भाई देखुंगा कोई गाव वाले मुझे रेहने के लिये जगह दे देगे तो अच्छा रहेगा नही तो बाहर कही सो जाउंगा

मोहन आयन को देख मन मे - बेचारा कब उमर मे अनाथ हो गया इतना दर्द झेला होगा इसने इसका मे अंदाज़ा भी नही लगा सकता

मोहन आयन से - तुम मेरे साथ चलो जीतने दिन तुम गाव मे रहोगे मेरे घर रेहना

आयन अंदर ही अंदर खुश होते हुवे काम बन गया

आयन - नही भाई आपको बेकार मे परेसान नही करना चाहता
मोहन आयन के कंधे पे हाथ रख - छोटे तूने मेरी बेटी को teddy दिया है जबकि तुम हमे जानते भी नही मे इतना तो कर हि सकता हु वैसे भी लोगो की मदद करनी चाहिये

आयन मोहन को देख - ठीक है भाई आपका बहोत बहोत सुक्रिया
मोहन हस्ते हुवे - कोई बात नही चलो अरे अपना नाम तो बता दो
आयन - आयन हो मेरा नाम
मोहन - मेरा नाम मोहन है ये मेरी बेटी जूलिया राजू है
आयन - बहोत अच्छा नाम रखा है आपने दोनो का
मोहन - नाम मे मत जाओ दोनो बहोत शैतान है
आयन हस्ते हुवे - बच्चे सैतानी करते ही है

मोहन आयन बच्चो की साथ घर आता है अंदर जाते ही सुहाना की नजर आयन पे जाती है तो कुछ पल आयन के हैंडसम चेहरे को देखती रेह जाती है

सुहाना आयन को देख मोहन से - ये कोन है आपके साथ

मोहन सुहाना को सारी बाते बता देता है

मोहन - तो आज से आयन हमारे साथ रहेगा कुछ दिनों तक
सुहाना बहोत हैरान होती है ये जान कर सुहाना आयन को घूर के देखती है

असल मे सुहाना बहोत अच्छी दिल की है लेकिन कोई चाहे कितना अच्छा कियु ना हो कोई किसी अंजान का अपने घर रेहने नही दे सकता सुहाना बना करने वाली थी लेकिन जूलिया को teddy के साथ खुश देख कुछ नही केहती है

आयन आगे जाके सुहाना के पैर परते हुवे - भाभी मुझे पता है एक अंजान को घर रखना कोई नही चाहेगा आप कहेगी तो चला जाता हु

सुहाना आयन को देख - आप रेह सकते है ( ये केहते हुवे सुहाना अपने कमरे मे चली जाती है

मोहन - आओ तुम्हे मे कमरा दिखा देता हु
आयन - जी

मोहन एक कमरे मे ले जाते हुवे - आज से तुम इसी कमरे मे रहोगे
आयन मोहन को देख - आपका थैंक्स भाई
मोहन - कोई बात नही तुम आराम करो ( मोहन फिर अपने कमरे मे चला जाता है

मोहन के जाने के बाद आयन अपना बैग रख बिस्तर पे लेत जाता है आयन मुस्कुराते हुवे - पेहला मुश्किल पराओ पार कर लिया लेकिन सुहाना के करीब जाना आसान नही होगा मुझे धीरे धीरे सब करना होगा

वही सुहाना मोहन कमरे मे थे

सुहाना - देखिये उसकी कहानी सुन मुझे दुख हुआ लेकिन किसी अंजान को घर रहने देना
मोहन सुहाना को देख - जानता हु तुम सही भी हो लेकिन मुझे लगता है वो बुरा इंसान नही है फिर भी कुछ दिन देखो तुम्हे वो अजीब लगे तो केहना मे जाने का बोल दुगा अब खुश

सुहाना मोहन का देख - ठीक है जैसा आप कहे


( साम 4 बजे )

आयन मोहन साथ मे बाहर घूमने जाते है दोनो मे बाते भी चल रही थी

आयन - तो भाई आप मजदूरी करने जाते है समझ सकता हु गाव मे यही एक काम मिलता है
मोहन - हा सही कहा तुमने
आयन - वैसे भाई यहा तारी कहा मिलती है
मोहन आयन को देख मुस्कुराते हुवे - तुम तारी भी पीते हो
आयन मुस्कुराते हुवे - पेहली बार पीने वाला हु गाव मे रेह कर तारी नही पिया तो क्या फायदा
मोहन हस्ते हुवे - अच्छा ये बात है तो चलो मेरे साथ

मोहन आयन एक जगह पे लेके जाता है जहा तारी मिलती थी आयन देखता है कुछ लोग बैठे जोकि जयादा तर बूढ़े अंकल हि थे बैठे पीने मे लगे हुवे थे

मोहन लो आ गये हम

मोहन आयन एक जगह इट पे बैठ जाते है तारी लाया जाता है आयन देखता है चना गरम भी मिल रहा है तो चखने के लिये ले लेता है

आयन ग्लास मे तारी उठा के मन मे - मेरा पेहली बार है मे कोई नसा करने वाला हु वो भी तारी पीके

आयन एक बार मे ही पी जाता है
मोहन ये देख मुस्कुराते हुवे - कैसा लगा
आयन मोहन को देख खट्टा ही लेकिन मजा आया
मोहन तारी खट्टे हि होते है

मोहन आयन बैठ दो दो बोतल बाते करते हुवे पी जाते है पीने के बाद मोहन पैसे देने जाता ही तो आयन रोक देता है

आयन - पैसे मे दुगा आप नही
मोहन - अरे मे दे देता हु ना
आयन - नही मे दुगा

आयन जाके पैसे दे देता है दोनो फिर बाते कर घर कि तरफ आने लगते है

आयन मोहन को देख - भाई चलो मुर्गी लेकर चलते ही आज मुर्गी बनेगा
मोहन हस्ते हुवे - अच्छा मुर्गी खानी है ठीक है चलो
दोनो जाके मुर्गी लेते है मोहन जिद करता है पैसे देने के लिये लेकिन आयन पैसे दे देता है दोनो फिर घर आते है

मोहन सुहाना को मीठ देते हुवे - इसे बना दो
आयन बाहर खाट पे लेता था
सुहाना मोहन को देख थोरा गुस्से से - आपने तारी पी मुर्गी लेकर आये यानी एक दिन की मजदूरी उरा आये
मोहन सुहाना को देख - गलत आयन ने हि मुझे पिलाया ये मीठ के पैसे भी उसने दिये है और हा उसे देख समझ गया हु जब तक रहेगा हमारे घर कुछ भी फिरी मे नही खायेगा उसका पैसा वो जरूर देगा अब खुश जान कर ( मोहन थोरा नाराज था सुहाना से

सुहाना मोहन को देख - आप गलत समझ रहे है मे कोई बुरी नही हु आप जानते है ना हमारे घर की हालत
मोहन सुहाना को देख - मेरी जान पुरे दिल से हम किसी की मदद करेगे बिना अपने बारे मे सोच उसी को इंसानियत केहते है

सुहाना - समझ गई

बाहर खाट पे लेता बेटा आयन आसमान को देखते हुवे मन मे - मुझे सुहाना का भरोसा जितना होगा उसे यकीन दिलाना होगा मे बुरा पर्सन नही हु वैसे कांड तो बुरा ही करने आया हु


मोहन आयन के पास आके बैठते हुवे - किया सोच रहे हो
आयन मोहन को देख - जिंदगी के बारे मे

दोनो के बीच बाते सुरु होती है तो खतम खाना बनने के बाद होती है

रात 9 बजे

आँगन मे मोहन जूलिया राजू आयन बैठे खाना खा रहे थे सुहाना पास ही मे बैठी हुई थी

आयन सुहाना को देख - भाभी मीठ आपने बहोत अच्छा बनाया है
सुहाना आयन को देख - थैंक्स
मोहन मुस्कुराते हुवे - तुम्हारी भाभी सब कुछ बहोत अच्छा बनाती है छोटे
आयन मुस्कुराते हुवे - हा खाना खाने के बाद पता चल ही गया

आयन जूलिया राजू को से देख - तुम दोनो स्कूल जाते हो की नही
जूलिया राजू - जाते है
आयन थोरा हि बाते करता है खाना खाने के बाद मोहन से थोरि बाते करता है फिर सभी सोने चले जाते है

आयन बिस्तर पे लेत मन मे - task बहोत मुश्किल है लेकिन करना ही परेगा अब आके क्या करना है सोचा जाये


सुमन के घर

रमन - मेरी जान बच्चे सो गये है तो अपना काम सुरु करे
मोना रमन को देख मुस्कुराते हुवे - कियु बिना डाले रेह नही सकते आप
रमन मोना के चुचे दबाते हुवे - बीवी इतनी खूबसूरत हॉट हो और चूत भी गर्म टाइट हो तो कोई अंदर डाले कैसे रेह सकता है
मोना रमन को मारते हुवे - छी गंदी बाते मत किया कीजिये
रमन - नही करता लेकिन डालने तो दो


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मोना मुस्कुराते हुवे नाइटी उपर कर टांगे फैलाते हुवे - सुरु हो जाइये
रमन मुस्कुराते हुवे - ये हुई ना बात

रमन मोना के चूत के पास आके बैठ अपना लंड निकाल मोना की चूत मे बिना देरी किये धक्का मार दाल देता है मोना आह मा करती है रमन जोर जोर धक्का मारने लगता है


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रमन मोना की चुदाई करते हुवे - दो बच्चे इसी चूत से निकाले है तुम ने लेकिन अभी भी बहोत टाइट है तुम्हारी चूत
मोना आह सिसकिया लेते हुवे - बच्चे पैदा होने के बाद बिल फैल नही जाता समझ गये आप बाते कम धक्का मारिये जोर से मजा आ रहा है
रमन धक्का मारते हुवे - हा मार तो रहा हु तुम्हारी चूत भी इतनी गर्म रेहती है अंदर लंड जाते ही ऐसा लगता है जल जायेगा
मोना आह - चूत गर्म ही रेहती है

मोहन के घर

सुबह हो जाती है आयन उठ कर खेतो मे हल्का होने जाता है सुहाना उठ कर खाना बनाने मे लगी हुई थी

मोहन आयन फिर नहा के रेडी हो जाते है खाना भी बन जाता है फिर मोहन आयन खाना खाते है खाना खाने के बाद

मोहन आयन से - छोटे मे काम पे चला तुम आराम से रहो गाव को घूम लो अगर काम पे नही जाना होता तो मे ही तुम्हे घुमाने ले जाता
आयन - भाई आपने रहने के लिये घर दिया वही बहोत है
मोहन - कोई बात नही अच्छा मे चलता हु
आयन - जी
मोहन काम पे चला जाता है सुहाना आयन को देखती है फिर कमरे मे चली जाती है
आयन सुहाना को जाते देखता है और अपने कमरे मे आके बैठ जाता है
आयन मन मे - चलो ये अच्छा है मोहन भाई घर पे नही रहेगे तो मे अपना काम आराम से कर सकता हु

सुबह 9.30


एक खूबसूरत ही लरकी भाभी भाभी करते हुवे अंदर आती है सुहाना जूलिया राजू को लेकर आती है और लरकी को देख


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( लरकी का नाम ) रवीना 18 साल
सुहाना - लो आ गई तुम्हारी बुआ जाओ
लरकी सुहाना को देख - भाभी मेने किसी करके को देखा था भईया के साथ वो कोन है
सुहाना सोचने के बाद - वो तुम्हारे भाई का दोस्त है कुछ दिन गाव घूमने आया है
लरकी - अच्छा ऐसा है ठीक है चलती हु
सुहाना - ठीक है अच्छे से साइड से जाना
लरकी जूलिया राजू को लेकर जाते हुवे - हा समझ गई भाभी

लरकी जूलिया राजू को स्कूल लेके जा रही है कियुंकी वो खुद उसी स्कूल मे पढ़ती है और सुहाना की परोसी है

थोरि देर बाद सुहाना बकरी बोरी लेकर खेतो मे निकल जाती है और आयन को लेकर ही सोच रही थी

4 दिन बाद

मोना माया जीना सभी अपने अपने ससुराल चले गये

वही आयन इस चार दिनों में सुहाना से बात तक नही की ना घर मे जायदा देर रेहता था रवीना आयन की मुलाकात तो रोज होती रही लेकिन आयन रवीना को देखता भी नही था आयन का पूरा फोकस सुहाना के नजदिक जाना था आयन जान बुझ कर सुहाना से दूरी बना कर रखता था बाते नही करता था कियुंकी ये जल्दी बाज़ी हो जाती और हो सकता था सुहाना को अजीब लगता


दोपहर 12 बजे - सनिवार् का दिन

कमरे मे सुहाना रवीना बैठे बाते कर रहे थे रवीना का भी आयन की बनाई कहानी के बारे मे सुहाना ने बता दिया था

रवीना - भाभी मे जब उसे देखती हु गुमसुब् बैठा हुवा तो मुझे बहोत बुरा लगता है बेचारा इतना हैंडसम है बॉडी भी मस्त है लेकिन उसका कोई नही है कई बार मे उससे बात करने गई लेकिन मुझे देखते हि दूर भाग जाता है भाभी बताइये किया मे खूबसूरत नही हु

सुहाना हस्ते हुवे - किसने कहा आप बहोत खूबसूरत है इस गाव कि सब से खूबसूरत लरकी
रवीना - तो फिर वो आयन मुझसे बात कियु नही करता है
रवीना की बात सुन सुहाना मन मे - चार दिन हो गये लेकिन पेहले दिन ही उसने मेरे खाने की तारीफ की लेकिन उसके बाद आज तक नही की मुझे भी देख नजरे फेर लेता है मुझे तो खुद नही है

रवीना - कहा खो गई आप
सुहाना रवीना को देख - ननद जी मुझे भी नही पता कियुंकी आयन जी मुझसे भी बाते नही करते है दिन भर बाहर रेहते है घर मे होते है तो भी मुझसे एक शब्द नही बोलते जब आपके भाई आते है तो साम का घूमने जाते है तो खाना खाने के समय हि आते है

रवीना हैरानी से - किया बेचारा खुद अकेला है कोई दोस्त नही लेकिन एक बात है लरका हैंडसम के साथ दिल का अच्छा है जूलिया राजू के साथ बहोत बाते करता है खेलता है और दोनो को रोज चोकलेट लाके भी देता है

सुहाना मन मे - हा ये सच है मेरे बच्चो से बहोत प्यार से बात करता है रोज चोकलेट लाके भी देता है ( सुहाना रवीना को देख) लेकिन आप बताइये आयन जी से कियु बात करना है आप का दूसरी आप आयन को कई बार हैंडसम बॉडी की तारीफ कर चुकी है क्या चकर है

रवीना सुहाना की बात सुन हैरान हो जाती है
रवीना जाते हुवे - भाभी बाद मे बात करते है ( ये केह रवीना भाग जाती है
सुहाना रवीना को जाते देख मन मे - मुझे लगता है आपको आयन पसंद आ गया है

सुहाना कुछ सोचते हुवे खरी होकर आयन के कमरे मे आती है तो देखती है आयन छत को देख सोचो मे गुम था सुहाना आयन के पास खरी होके

सुहाना - देवर जी
सुहाना की बात सुन आयन होस मे आता है सामने सुहाना को देख जल्दी से बैठते हुवे - भाभी आप
सुहाना - मुझे आपसे कुछ बात करनी है
आयन - बैठिये ना बैठ के बात करते है ना
सुहाना नीचे बैठ जाती है

नोट - चटाई है नीचे बिछा

सुहाना आयन को देख - आप जूलिया राजू उनके पापा सब से बात करते है लेकिन रवीना मुझसे नही करते कियु

आयन सुहाना की बात सुन नजरे नीचे कर दुखी आवाज मे - मुझे पता है मेरे रेहने से आप खुश नही है कियुंकी मे एक अंजान हु आप सही भी है आपकी जगह कोई भी होता तो ऐसा हि करता मुझे कुछ दिन इस गाव मे रेहना है सच कहु तो मे कुछ महीने रेहने आया हु लेकिन मे यहा कुछ दिन ही रहुंगा फिर मे दूसरा कोई ठिकाना ढूंढ लुगा
रही बात मे आपके रवीना से बात कियु नही करता वो इस लिये कही आप मुझे गलत ना समझे आपसे बात करने का दिन मुझे भी करता है आपके साथ खेतो मे जाने का बहोत दिल करता था लेकिन मे नही चाहता था आप को अजीब लगे इस लिये

सुहाना मन मे - अच्छा तो ये बात थी हा मे आयन के घर मे रहने से खुश नही थी लेकिन अब मुझे बुरा लग रहा है

सुहाना जाते हुवे आयन को बिना देखे - आप बात कर सकते है मे आपको घर से नही निकालुगी ( सुहाना ये केह चली जाती है)

आयन सुहाना की बात सुन मुस्कुराते हुवे - कियु नही इसी पल का तो इंतज़ार था

साम 3 बजे

सुहाना गायो का चारा काटने मे लगी हुई थी और बहोत थक भी गई थी हैंडल घुमाते धुमाते तभी आयन वहा आते हुवे

आयन सुहाना को देख - आप हट जाइये भाभी मे काट देता हु
सुहाना आयन को देख उसकी बात सुन हैरान हो जाती है लेकिन उसके बाद मुस्कुराते पीछे हट जाती हो

आयन फिर चारा काटना सुरु कर देता है आयन अपना हाथ तेज तेज चला रहा था और सुहाना अंदर चारा दाल रही थी थोरि देर मे हि काम खतम हो जाता है

सुहाना आयन को देख मुस्कुराते हुवे - देवर जी आप मे दम बहोत है
आयन सुहाना को देख मुस्कुराते हुवे - इतने मे थक जाता तो ये बॉडी किस काम की होती

सुहाना मुस्कुराते हुवे - हा ये भी सही कहा आप ने

तभी रवीना पीछे आती है और सुहाना आयन को बात करता देख हैरान परेसान मुह खोले दोनो को देखने लगती है

तभी सुहाना आयन की नजर रवीना पे जाती है

रवीना आयन के पास आके - आये आयन के बच्चे मुझसे बात ना कर भाभी से कियु बात कर रहा है

आयन रवीना को देख - कियुंकी भाभी खूबसूरत है तुम नही तो

आयन की बात सुन सुहाना हैरान हो जाती है लेकिन एक औरत को तारीफ सुनना अच्छा लगता है तो सुहाना को भी अच्छा लगता है थोरा शर्मा भी जाती है

लेकिन वही रवीना का पारा सतक जाता है रवीना को यकीन नही हो रहा था जो लरका उसकी तरफ देखता नही था बाते नही करता था आज बोला भी तो उसकी बइजति मार दी


रवीना गुस्से से इधर उधर देखने लगती है रवीना को एक डंडा दिख जाता है रवीना गुस्से से भाग कर जाती है और उस डंडे को उठा देती है आयन समझ जाता है अब लगने वाली है रवीना गुस्से से आयन की तरफ भागते हुवे - तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ये केहने की मे खूबसूरत नही हु

आयन सुहाना के पीछे छुप जाता है रवीना आयन को मारने की कोसिस करती आयन सुहाना के पीछे छुप जाता रवीना आयन को पकरने कि कोसिस करती आयन सुहाना के गोल घूमने लगता

बीच मे बेचारी सुहाना पीस रही थी

आयन रवीना से - पागल लरकी डंडा बहोत मोटा है लग जायेगी
रवीना आयन को पकरने की कोसिस करते हुवे - यही तो मे चाहती हु मे खूबसूरत नही हु ना अब बताती हु मे
आयन सुहाना से - भाभी आप देख क्या रही है रोकिये इसी नही नही तो आपके देवर को मार देगी डंडा

सुहाना आयन को देख मुस्कुराते हुवे - देवर जी ये आपका मामला है आप ही हैंडल कीजिये

आयन रवीना को देख - तुम बहोत खूबसूरत हो रवीना मेने तो मजाक मे केह दिया था

आयन की बात सुनते ही रवीना रुक जाती है

रवीना आयन को देख - फिर से कहो
आयन - तुम बहोत खूबसूरत हो बस
रवीना मुस्कुराते हुवे - यही बात पेहले बोलना था ना

आयन मन मे रवीना को देख - क्या सब लरकिया इसकी तरह पागल होती है क्या

सुहाना - चलो तुम दोनो का हो गया तो मे गाय को चारा खिला देती दु

आयन - जी भाभी

रवीना आयन को प्यार से देखने लगती है आयन अजीब नजर से रवीना को देखता है

आयन - ऐसे क्या देख रही है पागल लरकी
रवीना गुस्से से - क्या बोला
आयन डरते हुवे - मेने बोला ऐसे कियु देख रही हो मुझे
रवीना सर्माते हुवे - तुम बहोत हैंडसम हो
आयन - अच्छा समझ गया मुझे आज आज पता चला मे हैंडसम हु
रवीना - सीधे से बात नही कर सकते क्या
आयन - हा हा ठीक है

तभी रवीना की मा रवीना को बुलाने लगती है तो रवीना आयन को देख मुस्कुराते हुवे - बाद मे मिलती हु

रवीना फिर चली जाती है

आयन सुहाना के पास आके - भाभी ये लरकी पागल है क्या
सुहाना आयन को देख - ऐसा ही समझ लो
सुहाना मन मे -तुम्हारे प्यार मे पागल हो गई है ये

आयन मन मे - पागल है चलेगा लेकिन मुझसे दिल मत लगा बैठना कियुंकी मेरे सीने मे दर्द ही दर्द है जिसे अपनो ने धोका दिया हो वो किसी और पे भरोसा कैसे करेगा कभी नही मे फिर धोका नही खाना चाहता

सुहाना - कहा खो गये
आयन - कही नही भाभी


रात 9 बजे

आँगन मे बैठ मोहन जूलिया राजू आयन खाना खा रहे थे

आयन सुहाना को देख - भाभी आपके हाथो मे तो जादू है जादू आपके हाथो का बना खाना खाके मजा आ जाता है

सुहाना मुस्कुराते हुवे - आपको पसंद आया मुझे जान खुशी हुई देवर जी

आयन खाना खाते हुवे - भाभी कल ना आलू का प्राथा बनाना आपके हाथो का बना पराथा खाने मे मजा आयेगा
सुहाना हस्ते हुवे - ठीक है देवर जी आपने कहा तो जरूर बनाउगी

दोनो के बीच बाते चल रही थी मोहन खाना खाते दोनो को बाते करते देख सुन मुस्कुरा रहा था

खाना खाने के बाद फिर थोरि देर बाते होती है फिर आयन

आयन मोहन सुहाना को देख - गुड नाइट भइया भाभी

मोहन सुहाना - गुड नाइट .

आयन फिर बिस्तर पे आके लेत जाता है

आयन मन मे - चलो सब सही चल रहा है मेरा काम अब बहोत आसान हो जायेगा

वही मोहन सुहाना बिस्तर पे लेते हुवे थे

मोहन सुहाना को देख मुस्कुराते हुवे - लगता हो तुम्हारा मौन टूट हि गया लेकिन ये कैसे हुवा मुझे लगा था तुम कभी भी आयन से बात नही करोगी मुझे पता था तुम्हे अच्छा नही लग रहा था आयन का रेहना

सुहाना मोहन को देख - जैसा मेने आपको कहा मे कोई बुरी नही हु जब मुझे एहसास हुवा आयन एक अच्छा लरका हो तो मेने बात करी और सच कहु ( सुहाना मुस्कुराते हुवे एक देवर होना इतना बुरा भी नही है आज बाते सुरु की दिन कैसे गुजर गया पता भी नही चला

मोहन मुस्कुराते हुवे - मुझे अच्छा लगा ये जान कर वो अनाथ है हम उसके दर्द का अंदाज़ा भी लगा नही सकते पता नही उसने कितना दर्द साहा होगा

सुहाना - आप ने सही कहा मेने देखा है देवर जी कभी कभी बहोत दुखी गुम सुम रेहते है लेकिन आज हस्ते हुवे देखा मस्ती करते हुवे देखा है आपको पता है रवीना आयन को पसंद करने लगी है

मोहन हैरान होके - किया लेकिन मुझे डर है मेरी जान उसके घर वाले एक अनाथ से शादी नही करना चाहे तो या फिर आयन रवीना को पसंद ना करता हो तो ऐसे मे एक का दिल टूट जायेगा

सुहाना हैरान होते हुवे - आपका केहना भी सही है मेने तो सोचा भी नही इस बारे मे

मोहन - खैर किस्मत पे छोर दो जो लिखा होगा वही होगा तुम दोनो को अपनी हालात पे हि छोर दो

सुहाना - जैसा आप कहे


आज के किये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
Badhiya
Chalo Ayan ki mehnat Thoda rang lane lagi
Lekin yeh Raveena Wala masla na ban jaye
Baherhal dekhte h aage kia hota h
 

Shivraj Singh

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Bhai kuchh bhi ho. Arjun ne kabhi bhi suhana ko nahi chhodna chahiye. Kyonki jise arjun karega. Uske bad vo mahila kabhi dusre purush ke layak nahi rahegi. Mtlv ki chut bhosda ban jayegi. Aur arjun ke ilawa use koi chodkar santusht nahi kar payega. Raveena arjun ki premika aur suhana rakhail.
 

ms rajput

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आपकी जितनी भी कहानी पड़ी उसमें सबसे ऊपर है यह कहानी शानदार बहुत-बहुत धन्यवाद आपको बहुत अच्छा लीख रहे हैं आप❤️♥️❤️💕💕💕🙏🙏
 
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