हम लोग होटल पहुंच गए और घूमने की थकान मिटाने के बाथरूम में जाकर bath लिया।
उसके बाद
फिर मैं बोली- कमल काफी रात हो गई है, खाना यहीं मंगवा लें क्या?
कमल- ठीक है, मंगवा लो। जब तक खाना आएगा तब तक मैं एक पैग विसकी पी लेता हूं।
लवली- विस्कि कब लिया।
मैं बोला- अभी मंगाया था तुम्हें भी पियोगे क्या?
लवली - हाँ यार थोड़ी थकान सी लग रही है, यदि आपकी इज़ाज़त हो ।
कमल- मुझे कोई दिक्कत नहीं है और तो मजा ही आयेगा।
कमल ने रूम सर्विस को बोलकर सोडा, हॉट वाटर और कुछ चखना मंगवाया, तो मैने ने एक चिल्ली पनीर, फिश फ्राई और चिल्ली चिकन भी ऑर्डर कर दिया।
थोड़ी देर में वेटर गिलास सोडा, चखना और पानी लेकर आ गया।
वो बोला कि पनीर रेडी होते ही ले आएगा।
उसके जाने के बाद मैंने दो पैग बनाये और एक उसको दे कर बोली- चीयर्स जान!
कमल भी मस्त मुस्कान के साथ बोली- चीयर्स बोले!
एक घूंट लेकर मैं चखना लेने झुकी तो मेरी शर्ट के अंदर का सामान कमल को दिख गया।
कमल की जुबानी।
उस एक पल की ही झलक ने मेरा नशा दोगुना कर दिया।
मेरा दिमाग घूम गया।
इसी पल में अचानक मेरे मन में चुदाई का ख्याल भी आ धमका।
मेरी बीवी भी मस्त … और विस्की के सुरूर में लंड भी तन चुका था।
मैंने सोचा कि नशे के बहाने क्यों न लवली के साथ कुछ नया ट्राई किया जाए, अगर मान गई तो ठीक … वरना बोल दूंगा कि दारू के नशे में कर गया था।
अब मेरे लंड का मुंड मेरे शॉर्ट्स में से उठा हुआ दिखने लगा था।
कुछ नया करने के ख्याल से ही अब लंड फटा जा रहा था।
बात करते हुए उसने पूरा गिलास खाली कर दिया।
मैंने उसके लिए एक और पैग बना दिया।
अब हमारा चिली पनीर और फिश फ्राई चिकन भी आ गया।
वेटर को साथ ही हमने खाने का ऑर्डर भी दे दिया ताकि दारू खत्म होने के समय तक खाना भी आ जाए। लवली दूसरा पैग पी रही थी और थोड़ा सुरूर उसके चेहरे पर दिखने लगा था। ओ नसे में मस्त होती जा रही थी।
मैं उठा और उसके पास जाकर उसका हाथ पकड़ कर उसे उठाया और उसके गाल को पकड़ कर उसके होंठों पर एक छोटा सा किस किया।मेरे होंठ लगते ही उसने आंखें बंद कर लीं और मेरी कमर को कस कर पकड़ लिया।
मैं कस कर उसके होंठों को चूसने लगा।
हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए और जिस्मों को सहलाते हुए एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे।
कभी मैं उसके ऊपर का होंठ चूसता तो कभी नीचे का। बीच बीच में usiki चुचियों को भी सहला देता। हमारी सांसे फूलने लगी तो अलग हुए।
फिर हम दोनो ने खाना खाया।
फिर एक एक पैक विसकि की लगा ली। फिर क्या था लवली नसे से मस्त हो कर मेरे लिप लॉक करके किस करने लगी और हम मस्ती में बेड पे गिर गए। अब वो पूरी तरह मेरे से लिपट गई।
मैंने उसकी नाइट शर्ट में हाथ डाल दिया और उसकी चूचियों को मसलने लगा।
वो और भी जोर से मेरे से चिपक गई।
उसके हाथ मेरी पीठ को सहलाने लगे।
उसकी चूचियां मेरी पूरी हथेली में भर कर आ रही थीं।
चूचियों को मसलने से उसकी सिसकारी निकलने लगी- आह्ह … उम्म … सीईई … आह्ह।
मैं भी उसका नग्न जिस्म देखने के लिए बेताब था, उसके कसे हुए निप्पल चूसने के लिए बेताब था।
मैंने झुक कर निप्पल को मुंह में भर लिया।
चूचियों पर मुंह लगते ही वो सिसकार उठी- आह्ह सर … मत करो न प्लीज … कुछ हो रहा है।
मैं उसकी सारी बातों को अनसुना करके उसकी चूचियों को मसलने में लगा था।
मेरे होंठ एक चूची को चूस रहे थे तो दूसरी को मेरे हाथ मसल रहे थे।लवली… नहीं … आह्ह … आईईई … उम्म् … मैं पागल हो जाऊंगी … स्स्स … आह्ह … आह्ह … उम्म्म … आह्ह … आईई … स्स्स … ओह्ह … …