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आगे
पैंटी आधी फट कर एक जांघ पर आ जाती है लड़का दोनो टांगे हवा में उठा देता है औरत की चूत का मुंह खुल जाता है लड़का धीरे से औरत की चूत को सूंघता है ये देख कर धीरे आवाज में
प्रमिला: ये क्या कर रहा है
रवि : खाने से पहले चेक कर रहा है की ताजा है या नही
और हंसता है
प्रमिला : अच्छा बड़ा आया
रवि : हां मां
प्रमिला : क्या मां ... सूंघ कर बड़ा पता चल जायेगा उसे ताजा है या नही
रवि : देखो खुद आप
प्रमिला देखती है की वो लड़का औरत की चूत सूघने के बाद उस औरत की चूत को अपनी उंगलियों से फैलता है और औरत की आखों में आंख डाले हुए अपनी जीभ बाहर निकालता है
प्रमिला ये देख कर
प्रमिला : रवि तूने लगता है सच बोला ... इसकी लार टपक रही है जैसे कोई मिठाई देख ली है इसने
इस दौरान रवि अपनी मां से बिलकुल सट जाता है और मां की जांघो पर हाथ फेरने लगता है
रवि : हां मां जैसे मालपुआ देख लिया हो
प्रमिला : हां .. सही बोला तुने मालपुए जैसे फूली है इसकी चू..... और बोलते बोलते रुक जाती है
रवि : क्या मां
प्रमिला : यही रे
और मोबाइल की स्क्रीन पर औरत की चूत को टच करती है
रवि : अच्छा मुझे तो खोवे की जलेबी जैसे लग रही है गाढ़े रस में डूबी हुई ऐसा लग रहा है पूरा रस चाट लूं और जलेबी खा लूं
प्रमिला : अच्छा बड़ा आया.... जैसे वो बोलेगी आ बेटा चाट ले मेरा गाढ़ा रस और खा ले जलेबी
रवि: हां यही तो
प्रमिला : तू खा लेगा तो उसका बेटा क्या खायेगा ...
रवि : अच्छा
प्रमिला दुबारा मोबाइल में देखते हुए
प्रमिला : हा वैसे सही कहा तूने देख रस भी निकल रहा है
रवि : हां बहुत जादा है
प्रमिला : कहां है रे जादा ..इसका तो कुछ भी नही निकला
रवि : अच्छा
प्रमिला : हां और क्या ....तुझे पता नही कितना बहता है धार लग जाती अब तक
रवि: अब तक मतलब
प्रमिला हड़बड़ा जाति है वो अपने बारे में सोच कर बोल रही थी
रवि भी मौका देख कर चादर के अंदर अपने हाथ जांघो से थोड़ा उपर करके अपनी मां की पैंटी की नीचे वाली इलास्टिक पर उंगली डाल कर फेरने लगता है प्रमिला मोबाइल पर खोई हुई थी पर उसे अहसास था की रवि पैंटी की इलास्टिक पर उंगलियां फिर रहा है तभी
प्रमिला: रुक ना देखने दे
रवि : देखो ना माना किसने किया
प्रमिला : माना करेगा वो भी तू ( और रवि को देख कर मुस्कुराती है)
तब तक रवि का लन्ड इतना तन चुका था की उसकी चड्डी के इलास्टिक से बाहर निकलने को कर रहा था तभी
रवि वीडियो को पॉज करके
रवि : मां गर्मी लग रही है
प्रमिला : चड्डी में है फिर भी गर्मी लग रही है
रवि : सच मां
प्रमिला : कूलर चला ले ना
रवि : चल तो रहा है
प्रमिला वीडियो में इतना खो गई थी उसने देखा नही की कूलर चल रहा है
प्रमिला: अच्छा हां ... तो क्या करूं
रवि : उतार दूं
प्रमिला : क्या
रवि नीचे अपनी चड्डी को देखते हुए
प्रमिला : पागल नही तो ... बस वहीं गर्मी लग रही है क्या
रवि : हा मां
प्रमिला : क्या हां मां.. बाजू में मैं बैठी हूं
रवि : तभी तो और गर्मी लग रही है
प्रमिला : अच्छा
रवि: हां
प्रमिला : जा कर बाथरूम में ठंडा कर दे
रवि: किसे
प्रमिला चड्डी के उभार को देखते हुए
प्रमिला : इसे
रवि : कैसे
प्रमिला जोर से हंसते हुए : नल से नीचे सटा इसे लगा कर पानी चालू कर ले
रवि : क्या मां
प्रमिला : सही तो बोल रही हूं नया ट्राई कर ... हाथ से मुठ बहुत मारा है तूने ( खिलखिलाते हुए)
रवि : अच्छा
प्रमिला : हां तो...मैंने खुद देखा है कैसे मुठियाता है तू इसे
रवि : कब ( बनते हुए)
प्रमिला : जादा बन मत समझा ... कैसे निचोड़ रहा था इसे देखा था मैने जैसे कोई गाय से दूध निकल रहा हो
रवि: कुछ भी
प्रमिला : और नही तो क्या उस उस दिन पीछे बाथरूम में ऐसे निचोड़ रहा था ऐसे निचोड़ रहा था जैसे पहली बार मुठ मार रहा हो ....
रवि : अच्छा
प्रमिला : हां .. ( रवि के लन्ड के उभार को देखते हुए) पता मुझे कितनी दया आ रही थी इस पर ... अधमरा कर दिया था तूने इसे
रवि: कुछ भी
प्रमिला : क्या कुछ भी ....तूने नही देखा क्या ..वैसे तू कहा से देखता ...तू तो मुठ मार के शांत हो गया..बेचारे का आगे का हिस्सा लाल हो गया था...और ऐसे लटक गया था जैसे बैल का घंटा लटक रहा हो...
रवि: अच्छा
प्रमिला बनते हुए : इतना रोना आ रहा था इस पर ...ऐसा लग रहा था की दरवाजा खोल कर अंदर आ जाऊं और रोक कर तुझे ...
रवि : रोक कर क्या
प्रमिला : रोक कर तुझे .. इसे अपने हाथों में ले कर बहुत दुलार करूं अपने होंठो से लगाकर बहुत प्यार करूं
To be continue
पैंटी आधी फट कर एक जांघ पर आ जाती है लड़का दोनो टांगे हवा में उठा देता है औरत की चूत का मुंह खुल जाता है लड़का धीरे से औरत की चूत को सूंघता है ये देख कर धीरे आवाज में
प्रमिला: ये क्या कर रहा है
रवि : खाने से पहले चेक कर रहा है की ताजा है या नही
और हंसता है
प्रमिला : अच्छा बड़ा आया
रवि : हां मां
प्रमिला : क्या मां ... सूंघ कर बड़ा पता चल जायेगा उसे ताजा है या नही
रवि : देखो खुद आप
प्रमिला देखती है की वो लड़का औरत की चूत सूघने के बाद उस औरत की चूत को अपनी उंगलियों से फैलता है और औरत की आखों में आंख डाले हुए अपनी जीभ बाहर निकालता है
प्रमिला ये देख कर
प्रमिला : रवि तूने लगता है सच बोला ... इसकी लार टपक रही है जैसे कोई मिठाई देख ली है इसने
इस दौरान रवि अपनी मां से बिलकुल सट जाता है और मां की जांघो पर हाथ फेरने लगता है
रवि : हां मां जैसे मालपुआ देख लिया हो
प्रमिला : हां .. सही बोला तुने मालपुए जैसे फूली है इसकी चू..... और बोलते बोलते रुक जाती है
रवि : क्या मां
प्रमिला : यही रे
और मोबाइल की स्क्रीन पर औरत की चूत को टच करती है
रवि : अच्छा मुझे तो खोवे की जलेबी जैसे लग रही है गाढ़े रस में डूबी हुई ऐसा लग रहा है पूरा रस चाट लूं और जलेबी खा लूं
प्रमिला : अच्छा बड़ा आया.... जैसे वो बोलेगी आ बेटा चाट ले मेरा गाढ़ा रस और खा ले जलेबी
रवि: हां यही तो
प्रमिला : तू खा लेगा तो उसका बेटा क्या खायेगा ...
रवि : अच्छा
प्रमिला दुबारा मोबाइल में देखते हुए
प्रमिला : हा वैसे सही कहा तूने देख रस भी निकल रहा है
रवि : हां बहुत जादा है
प्रमिला : कहां है रे जादा ..इसका तो कुछ भी नही निकला
रवि : अच्छा
प्रमिला : हां और क्या ....तुझे पता नही कितना बहता है धार लग जाती अब तक
रवि: अब तक मतलब
प्रमिला हड़बड़ा जाति है वो अपने बारे में सोच कर बोल रही थी
रवि भी मौका देख कर चादर के अंदर अपने हाथ जांघो से थोड़ा उपर करके अपनी मां की पैंटी की नीचे वाली इलास्टिक पर उंगली डाल कर फेरने लगता है प्रमिला मोबाइल पर खोई हुई थी पर उसे अहसास था की रवि पैंटी की इलास्टिक पर उंगलियां फिर रहा है तभी
प्रमिला: रुक ना देखने दे
रवि : देखो ना माना किसने किया
प्रमिला : माना करेगा वो भी तू ( और रवि को देख कर मुस्कुराती है)
तब तक रवि का लन्ड इतना तन चुका था की उसकी चड्डी के इलास्टिक से बाहर निकलने को कर रहा था तभी
रवि वीडियो को पॉज करके
रवि : मां गर्मी लग रही है
प्रमिला : चड्डी में है फिर भी गर्मी लग रही है
रवि : सच मां
प्रमिला : कूलर चला ले ना
रवि : चल तो रहा है
प्रमिला वीडियो में इतना खो गई थी उसने देखा नही की कूलर चल रहा है
प्रमिला: अच्छा हां ... तो क्या करूं
रवि : उतार दूं
प्रमिला : क्या
रवि नीचे अपनी चड्डी को देखते हुए
प्रमिला : पागल नही तो ... बस वहीं गर्मी लग रही है क्या
रवि : हा मां
प्रमिला : क्या हां मां.. बाजू में मैं बैठी हूं
रवि : तभी तो और गर्मी लग रही है
प्रमिला : अच्छा
रवि: हां
प्रमिला : जा कर बाथरूम में ठंडा कर दे
रवि: किसे
प्रमिला चड्डी के उभार को देखते हुए
प्रमिला : इसे
रवि : कैसे
प्रमिला जोर से हंसते हुए : नल से नीचे सटा इसे लगा कर पानी चालू कर ले
रवि : क्या मां
प्रमिला : सही तो बोल रही हूं नया ट्राई कर ... हाथ से मुठ बहुत मारा है तूने ( खिलखिलाते हुए)
रवि : अच्छा
प्रमिला : हां तो...मैंने खुद देखा है कैसे मुठियाता है तू इसे
रवि : कब ( बनते हुए)
प्रमिला : जादा बन मत समझा ... कैसे निचोड़ रहा था इसे देखा था मैने जैसे कोई गाय से दूध निकल रहा हो
रवि: कुछ भी
प्रमिला : और नही तो क्या उस उस दिन पीछे बाथरूम में ऐसे निचोड़ रहा था ऐसे निचोड़ रहा था जैसे पहली बार मुठ मार रहा हो ....
रवि : अच्छा
प्रमिला : हां .. ( रवि के लन्ड के उभार को देखते हुए) पता मुझे कितनी दया आ रही थी इस पर ... अधमरा कर दिया था तूने इसे
रवि: कुछ भी
प्रमिला : क्या कुछ भी ....तूने नही देखा क्या ..वैसे तू कहा से देखता ...तू तो मुठ मार के शांत हो गया..बेचारे का आगे का हिस्सा लाल हो गया था...और ऐसे लटक गया था जैसे बैल का घंटा लटक रहा हो...
रवि: अच्छा
प्रमिला बनते हुए : इतना रोना आ रहा था इस पर ...ऐसा लग रहा था की दरवाजा खोल कर अंदर आ जाऊं और रोक कर तुझे ...
रवि : रोक कर क्या
प्रमिला : रोक कर तुझे .. इसे अपने हाथों में ले कर बहुत दुलार करूं अपने होंठो से लगाकर बहुत प्यार करूं
To be continue
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