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Incest Maa bete ka safar..

Rasila

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दिन में सब काम से निपट कर दोनों ने एक दूसरे को देखा तो स्वाति ने भौहें उचका कर प्रमिला से पूछा क्या, तो प्रमिला बोली चले अंदर, स्वाति शरमाते हुए आगे आगे कमरे की तरफ चल पड़ी। प्रमिला बोली तुम चलो मैं main door lock कर के आती हूं। सब लोग चले गए थे ऑफिस और स्कूल कालेज।
प्रमिला अंदर आई तो देखा स्वाति bed के एक कोने पर साड़ी का पल्लू दातों से दबाए नीचे देखती हुई बैठी है।
प्रमिला उसके पास बैठती हुई बोली स्वाति अब तुम कुंवारी कली नही हो एक खेली खाई चू दी हुई परिपक्व औरत हो अगर इसी तरह शरमाते हुए रहना है तो मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी है और वो बेड से उठने लगी, स्वाति एकदम से शर्म से बाहर आती हुई प्रमिला का हाथ पकड़ कर बिठाती हुई बोली दीदी आप भी ना, पहले आप बैठो फिर सुनो , देखिए आपने मेरी शादी के इतने सालो बाद मुझसे इतना खुलकर बात की है में भी कभी से चाहती थी लेकिन आप बड़ी है मुझे थोड़ी शर्म तो आयेगी ही, प्लीज बुरा मत मानिए, अब नहीं शर्माऊंगी। और आगे बढ़कर दीदी को पलंग से उठाया और थोड़ी शर्म के साथ प्रमिला के दोनों पहाड़ों को हथेलियों से टाइट पकड़ते हुए उसके होंठो को तेजी से चूमने चाटने लगी, प्रमिला हैरान रह गई और तारीफ की नजरों से देखते हुए हाथ से वाह का इशारा किया। स्वाति जल्दी से फिर शर्माती हुई नीचे बैठ गई। अब प्रमिला नीचे जमीन पर बैठ कर स्वाति की आंखों में देखती हुई नशीली आवाज में बोली आज से तुम मेरी भाभी नहीं मेरी पक्की सहेली और मेरी जान हो, और उसके पेटीकोट में हाथ डालकर ऊपर की ओर बढ़ाने लगी, स्वाति ने शर्म से दोनों टांगेभींच ली, फिर से वही स्वाति मैं जाऊं यहां से और गई तो फिर कभी इस तरह नहीं आउंगी, स्वाति झट से टांगें खोल दी और कान पकड़ कर सॉरी बोली, प्रमिला ने हां ना यार अब क्या शर्माना हम दोनों खेली खाई हैं, स्वाति सिहर रही थी एक हाथ धीरे धीरे पंजों से होता हुआ जांघों की तरफ सरक रहा था, प्रमिला नीचे बैठी स्वाति की आंखों में देख रही थी और स्वाति दोनों हाथों से चादर सख्ती से पकड़े हुए शर्म से गड़ी जा रही थी मगर उसके होठों पर मुस्कान थी और चमकती आंखों से प्रमिला को देख रही थी। वो नहाने के बाद साड़ी तो बदल चुकी थी पर न जाने क्या सोचकर उसने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी मगर ये बात प्रमिला को में पता थी दोनों एक दूसरे में खोए हुए थे अब हाथ तकरीबन घुटने के पास पहुंचने वाला था, स्वाति के हाथ और कस गए और उसकी भोली भाली चूत ने बड़ी तेजी से रोना शुरू कर दिया था, उसके चेहरे के भाव बदल गए थे शर्म और उत्तेजना से दहकने के साथ नीचे झुकने लगा था प्रमिला ने हाथ पैर पर टिका कर आगे बढ़ाने से रोक दिया था और स्वाति से पूछा मेरी मेरी पक्की सहेली की चूत क्या डर रही है मुझसे, स्वाति की चूत ये सुनकर और फड़क गई और स्वाति नशे में डूबी बोली नहीं दीदी नहीं डरी नहीं है वो बस संकोच में है बार बार खुल और बंद हो रही है अपनी दीदी के हाथ को करीब पाकर, प्रमिला बोली अब से तुम मुझे दीदी नहीं पम्मी बोला करोगी जब दोनों अंतरंग होंगे ठीक है स्वा, और मैं तुम्हें सिर्फ स्वा ही बुलाऊंगी, और उंगलियों को एक cm आगे बढ़ाया, स्वाति की चूत बहुत जोर से सिसकी और ढेर सा चूत रस छोड़ा, जो बहाकर जांघो से नीचे आने लगा स्वाति किनारे पर बैठी थी एकदम और उसके पांव जमीन की तरफ सीधे थे सो चूत रस नीचे आ रहा था कुछ प्रमिला की सीधी नजर उसकी आंखों में और कुछ पहला पहला मिलन किसी औरत का किसी अपनी सबसे करीब रिश्तेदार से, प्रमिला की चूत क्या कम बह रही थी वो तो स्वाति से दस गुना ज्यादा सेक्सी और चुड़ककड थी, जैसे ही प्रमिला का हाथ स्वाति की ओर थोड़ा ऊपर बड़ा उसकी उंगलियों पर चिपचिपा पानी लगा और स्वाति धीरे से चीखी oooooohhhhhh दीदी ये आप ने क्या कर दिया ओह ये कैसी खुशी है मेरी मुनिया खुशी से रो रही है और आपकी उंगलियों तक पहुंच गई उसकी खुशी, मैं धन्य हुई कहते हुए प्रमिला को हाथो से पकड़ कर चूम बैठी और तुरंत हाथ पीछे कर लिए, प्रमिला का भी पहला अनुभव था वो सिहर गई और सोचने लगी चूत से मिलने का नशा क्या इतना गहरा होता है, और उसने हाथ बाहर निकाल लिया , स्वाति ने चौंक कर प्रमिला को देखा और नशे से जाग कर पूछा क्या हुआ दीदी, और रोनी सूरत हो गई, प्रमिला झट से खड़ी हुई और स्वाति को पकड़ कर खड़ा कर दिया और कस के सीने से लगा लिया, स्वाति निहाल हो गई उसकी चूत तो रो ही रही थी आंखों ने भी रोना शुरू कर दिया वासना और मस्ती के वशीभूत होकर।
अब दोनों खड़ी थी और दोनों की चूत बुरी तरह से बह रही थी चूत रस बहकर तकरीबन पिंडलियों तक आ पहुंचा था, स्वाति बोली दीदी आपका चरणामृत मुझे पीना है प्रमिला बोली अभी कैसे , स्वाति बोली आप मुझसे बड़ी और ज्यादा चू दी हुई हो ओर आपको नहीं मालूम , दीदी चरणामृत मतलब दोनों चरणों के बीच की खाई से निकलने वाला अमृत, इतना कह कर वो जल्दी से नीचे बैठ गई और झटके से प्रमिला की साड़ी और पेटीकोट को पकड़ कर कमर तक उठा दिया जांघो पर बह रहे चूत रस को चाटने लगी, और जोर से हाय दीदी हाय दीदी बोलती हुई चाटने लगी, प्रमिला पहली बार वासना के समंदर में डब गई, इतना नशा तो कभी रवि के साथ भी नहीं आया था, वो मस्ती के अतिरेक में गिरने को हुई तुरंत उसने पलंग को थाम लिया और चहकने लगी स्वाति क्या मुझे आज मार ही डालोगी इतनी जल्दी तुम शर्माना छोड़ दोगी नहीं जानती थी, हाय स्वाति तुम पहले क्यों नहीं मिली मुझे, हाय क्या और कितना खो दिया है मैने बता नहीं सकती, स्वाति खड़ी हुई और बोली मैं तो शादी की पहली रात से ही आपके पास होना चाहती थी मगर कभी हिम्मत ही नहीं हुई आपसे कुछ कहने की। हाय पम्मी मैं आज तुम्हारी गद रिली गांड और उन्नत विशाल चुचियों के साथ हूं कहते हुए पेटीकोट में हाथ डालकर प्रमिला की दोनों चूतड़ों को कस कर पकड़ लिया, प्रमिला नशे में डूबी स्वाति के कंधों को पकड़ कर चूत रस पूरी धारा प्रवाह बहाने लगी।
ठहर स्वाति कहती हुई प्रमिला ने स्वाति को खड़ा किया और उसकी साड़ी की खींच कर उतारने लगी स्वाति भी कहां कम पड़ने वाली थी आनन फानन में दोनों ने एक दूसरे के सारे कपड़े उतार दिए और पूर्ण नग्न होते हुए एक दूसरे को बांहों में भरते हुए बिस्तर पर गिर गए।
Ek or story h adhuri naam h Garam Bahu wo bhi agar ap likhnge to bahut accha seductive narratives rakhenge pls try to do the needful
 
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Rasila

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Ek or story h adhuri naam h Garam Bahu wo bhi agar ap likhnge to bahut accha seductive narratives rakhenge pls try to do the needful
Or story me jitna jada samwad hoga utna hi alag maja hoga direct sex nhi indirect seductive long relationship with sex
 
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mastmast123

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प्रमिला भोचक्की सी स्वाति की देह को निहार रही थी, स्वाति किसी फिल्मी तारिका की तरह एकदम सफेद रंग की रंगत लिए नीली आंखों में मद लिए प्रमिला को देख रही थी, वक्ष पर नजर पड़ते ही प्रमिला से रहा नहीं गया मानों पहाड़ ही चोटी पर दो धवल कठोर विशाल कटोरिया हवा के झोकों से हिलोरे मार रही हों और उनकी घुंडियों से ताजा स्वेद बिंदु नीचे फिसलने को आतुर है, प्रमिला ने आगे हाथ बढ़ा कर उन घुंडियाें को उमेठना शुरू कर दिया। स्वाति सीत्कार उठी और लहरा कर दोहरी होती हुई पलंग पर पीठ के बल लहराती हुई गिर गई। प्रमिला ने पास रखे टेबल से क्रीम की शीशी से बहुत सारा क्रीम अपने हथेलियों में लथेड लिया और स्वाति के सिर की तरफ बैठकर उसके कठोर हो चुके स्तनों की घनघोर मालिश करने लगी। स्वाति मादकता में सराबोर होकर बुरी तरह मचलने लगी उसे पांव चारों दिशाओं में बहकने लगे उसके हाथों ने प्रमिला की नग्न जांघो को कसकर पकड़ रखा था। वो पूरी तरह से गर्म होकर आंखे बंद किए प्रमिला से कहने लगी पम्मो मैं मर रहीं हूं मेरी चूत की प्यास के मारे तू इस का कुछ नहीं कर सकती है मुझे एक बहुत मोटा बहुत लंबा लंड कहीं से भी लाकर दे नहीं तो मैं यहीं इसी हालत में दम तोड दूंगी तूने जो हालत मेरी कर दी है उसके बाद कोई औरत इस निगोड़ी चूत की प्यास नहीं बुझा पाएगी। Pls pls pls पम्मों सुन ले इस चूत की आह,,,,प्रमिला ने एक हाथ उसकी बहती हुई चूत पर रखा और बोली हाय कोई देखो मेरी बन्नो को किस्से किसी हालव्वी कठोर लंड के लिए अपना दम तोड रही है, और ऐसा कहते हुए स्वाति के रस भरे होठों को वासना में डूबकर बेतहाशा चूमने लगी, स्वाति भी पूरे मन से उसका साथ देते हुए मस्ती से छटपटाने लगी।
 

Rumana

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beautiful update, but we want MORE AND MORE
 
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