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Update 6.2
Agli सुबह मैं उठकर तैयार हुआ। में सोफे पर बैठकर सोचने लगा की इस फारूक के बच्चे को सबक िसखाना पड़ेगा। इसिलए मैंने कु छ तय िकया।
में जल्दी से नीचे गया। सुबह का वक्त था इसिलए गंगू, और रघु दादाजी सामान लगा रहे थे और वो सुलेमान बुड्ढा भी उनकी मदद कर रहा था।
मैंने देखा िक फारूक गोदाम के आिखरी िहस्से में कु छ सामान इधर उधर रख रहा था।
हम दोनो ने एक द ू सरे को देखा। उसके चेहरे पर कािमनी मुस्कान तैर गई।
मैं गोदाम में उसकी तरफ गया। और उसके पास खड़ा हो गया। और उसको तंग करने लगा
में - क्यू be कामचोर जल्दी जल्दी काम नहीं कर सकता क्या। हाथ पांव ढीले पड़ गए है क्या तुम्हारे। Fokat ki पगार कै से लेते हो।
फारूक जेड क्या है कोई काम नहीं है क्या तुझे आ जाता है raub झाड़ने। िनकाल काम करने दे।
मैं - वही तो कह रहा हु मैं कामचोर। तुम पर भरोसा ही नहीं िकया जा सकता। तुम्हारा तो खून ही खराब है। गंदी के नाली के कीड़े। पता नही तुम्हारी मां कै सी होगी।
मैंने सुना तेरी मां ने तुझे रास्ते पे छोड़ िदया था। पता नही कै सा कै रेक्टर होगा उसका।
फारूक गुस्से में लाल हो गया- साले हराम मेरी मां के बारे बोलने की तेरी िहम्मत कै से हुई। तेरी मां चोद द ूंगा मैं भड़वे।तेरी मां की गांड़ मार मार के suja द ूंगा में कु त्ते।
इतनी galiya सुनते ही मेरा पारा satwe आसमान पर chad गया। और मैंने उसे गाल पर 2-3 झापड़ लगा िदया। साले हरामी औकात में रह अपनी और काम कर
घिटया इं सान। उसकी आं खों में आं सू आ गए ।में तुरंत वहा से िनकलकर ऊपर आ गया।और सोफे पर बैठ गया। हम द ू र hone ki wajah se kisi ko kya hua
kuch pata nahi chala। ना जाने क्यों उसकी मॉम के बारे मे दी हुई गािलयां सुनकर मुझे गुस्सा भी आ रहा था और अच्छा भी लग रहा था।
थोड़ी देर में बेल बजी। मॉम ने दरवाजा खोला और फारूक पान चबाते हुए अंदर आया। उसकी आं खों में अभी भी पानी था।ah
दोनो एक द ू सरे को देख रहे थे। मॉम को देखते हुए उसके मुंह से पान का लाल थूक बाहर िनकलने लगा िजसे उसने अपनी शटर् की कॉलर से पोंछ िलया। आज भी उसने शॉटर्
पैंट और tshirt pehna हुआ था।
मॉम - तुम्हारी आं खों में पानी क्यों है।
Faruk- वो मालिकन मेरी आं खो में कु छ चला गया शायद
मोम - अच्छा ठीक है चलो जल्दी जल्दी काम शुरू करो। ऐसा कहकर मॉम िकचन में चली गई और िकचन के पास खड़ी होकर कु छ सिब्जयां साफ कर रही थी।
फारूक झाड़ ू मारते हुए िकचन घुसके झाड़ ू मारने लगा। मॉम िकचन में थोड़ा झुक के खड़ी होने की वजह से साड़ी में उनकी गांड़ पूरे आकार में आ चुकी थी।
तभी मैंने कु छ सोचते हुए मॉम से कहा की मैं अपने बेडरूम जा रहा हूं ऐसा कहकर मैं उनके सामने बेडरूम जाने के िलए मुड़ा लेिकन बेडरूम में ना जाते हुए मैं िकचन की
िखड़की के पास चुपचाप खड़ा हो गया।
उसको आते ही मॉम ने उसकी तरफ देखा। दोनो की नजरे एक हुई लेिकन दोनो एकद ू सरे को छ ु पकर ितरछी नजरों से देख रहे थे। जहा पर मॉम खड़ी थी ठीक उसके पीछे
कु छ द ू री पर फ्रीज रखा था। यानी िकचन और फ्रीज के बीच के छोटी सी जगह थी। ऊपर से उस छोटी जगह के बीच मॉम पहले से ही थोड़ी झुककर खड़ी थी
फारूक झाड़ ू मारते हुए मॉम के बाजू में आकर झुकते हुए रुक गया। मॉम को पता था िक वो उसके पीछे खड़ा है।उसके मुह् के सामने कु छ ही द ू री पर मॉम की उभरी हुई गांड़ पूरे आकार में थी। उसने मॉम के चूतड की तरफ देखा। उसके चेहरे पर कािमनी मुस्कान आ गई। इस बीच मॉम भी अपनी जगह पर वैसे ही खड़ी होकर कु छ सोच रही थी।
तभी फारूक ने झाड़ ू मारने का बहाना करते हुए अपने झाड़ ू पकड़े हुए हाथ की कोहनी मॉम के बड़े चूतड की दरार में धसा दी। उसने इतनी जोर से कोहनी मॉम की गांड़ में घुसाई की मॉम एकदम उछल पड़ी और उनकी साड़ी भी दरार में घुस गई। ये उसने बहुत तेजी से िकया।
मॉम जल्दी से उसकी तरफ मुड़ी और गुस्से से उसके मुंह पर एक थप्पड़ जड़ िदया। उसकी आवाज से ही पता चल रहा था की थप्पड़ िकतना जोर दार था।
मॉम गुस्से में - तुम्हे शमर् नहीं आती क्या यह सब करते हुए।
फरौक अपने गाल पर हाथ मसलते हुए- मैने क्या िकया मालिकन। इतना जोर से कोई मरता है क्या।
Mom- अच्छा तुम्हे नही पता की तुमने अभी मुझे कहा छ ु आ। तुम्हारी िहम्मत कै से हुई ऐसा करने की।
फारूक सहमी हुई आवाज में - लेिकन मालिकन मेरा तो ध्यान भी नही था की कब मेरा हाथ लगा। मेरा ध्यान तो झाड़ ू मारने में था।
मॉम - अच्छा ज्यादा बनो मत।
फारूक - सही कह रहा हु मालिकन मैने ऐसा कु छ नही िकया। आप ही देख लीिजए यह िकतनी कम जगह है।एक तरफ ये िकचन और द ू सरी तरफ फ्रीज होने से बीच में फ्रीज होने से िकतनी कम जगह है। और ऊपर से इतनी कम जगह में एक साइड आप खड़ी है।
और तो और आप झुककर खड़ी होने की वजह से आपके बड़े चूतड और बाहर िनकल कर आ गये है। इसिलए और जगह काम हो गई है। Isme Mera kya
कसूर।
उसने सीधे मॉम के सामने उनके चूतड जैसे शब्दों का इस्तेमाल िकया और तो और बड़े चूतड है ऐसा कहा। ये सुनकर मेरा लुंड पैंट में अकड़ने लगा। मुझे लगा अब उसकी
खैर नहीं।
मॉम गुस्से में - ये क्या वािहयात शब्दो का इस्तेमाल कर रहे हों मेरे सामने गवार कही के तुम्हे कु छ अकाल है की नही। िबलक्कु ल जािहल हो
फारूक अपनी नजरे नीचे krta hai - मालिकन अब चूतड को चूतड नही कहेंगे तो और क्या कहेंगे। ज्यादा से ज्यादा गांड़ कहते हैं। और मैंने क्या गलत कहा मालिकन
आपकी गांड़ बड़ी है इसिलए यहां जगह नही बची थी। इसिलए मेरा हाथ लग गया होगा उसे। मैंने जनभूजकर कु छ नही िकया।
उसके द्वारा िफर से अपनी गांड़ के बारे सुनकर मॉम एकदम स्तब्ध हो गई। मुझे लगा की मॉम उसको अभी घर से बाहर िनकाल फे के गी लेिकन मेरा अंदाजा गलत हुआ।
मॉम धीरे से - ठीक है जाओ झाड़ ू पोंछा करके िनकलो।
फारूक - जैसा आप कहे मालिकन
वो साला खुल्लम खुल्लम मॉम के सामने चूतड गांड़ जैसे शब्द बोल रहा था और मॉम ने उसे ऐसे ही छोड़ िदया। मुझे बहुत हैरानी हो रही थी। आिखर मॉम ने ऐसा क्यों िकया। क्या चल रहा है मॉम के मन में।
वो िफर से झाड़ ू मारते हुए आगे िनकला और मॉम उसको पीछे से देख रही थी। तभी मॉम िफर से मुड़कर kitche पर पड़ी सिब्जयां साफ करने लगी।
वो झाड़ ू मारते हुए िकचन से बाहर आ रहा था इसिलए मैं चुपके से अपने बेडरूम में उनको िदखे बगैर चला गया।
मैं दरवाजा थोड़ा खुला रखकर चुपके से उस पर नजर रखने लगा। उसने झाड़ ू मारने के बाद पोंछा मारने लगा। उसने मेरे कमरे का दरवाजा खोला और मुझे देखकर कािमनी
मुस्कान से हसने लगा। जैसे कह रहा हो की आज तेरी मां की गांड़ को छ ू कर आ रहा हु।
में - क्या है मैने बेड पर बैठे हुए कहा
फारूक - पोंछा मारना है।
जल्दी से मारो और दरवाजा बंद करके िनकलो मैने कहा।
िफर उसने पोंछा मारा और दरवाजा बंद करके चला गया। वैसे ही मैं उठकर दरवाजे के पास गया और देखने लगा। लेिकन उसने जल्दी से िकचन में भी पोंछा मारा और
अपना सारा काम खतम िकया। और जाने लगा।
फारूक मैन दरवाजे के पास पहुंचा और दरवाजा खोलने वाला था लेिकन वो रुक गया। और वो िफर से िकचन में घुस गया।
में भी जल्दी से िकचन की िखड़की पास आ गया और अंदर झांकने लगा। मॉम अपने ख्यालों मैं ही सब्जी साफ कर रही थी उनका ध्यान उसपर नही था वो मॉम से थोड़ी
द ू री पर खड़ा था।
उसने मॉम को आवाज लगाई िजससे मॉम का ध्यान उस पर गया।
फारूक- मालिकन प्यास लगी है पानी िमलेगा।
मॉम ने ऊपर से नीचे तक उसे देखा। मॉम अभी भी वही खड़ी थी थोड़ी झुककर।
मॉम - फ्रीज से बॉटल िनकलकर िपलो।
तभी फारूक फ्रीज के पास आया। ये वही जगह थी जहा पर उसने मॉम की गांड़ में हाथ घुसाया था। िफर से वही situation तैयार हो गई थी। मॉम के झुक े होने की
वजह फ्रीज और उनके बीच बहुत कम जगह बची थी।
जैसे ही फारूक फ्रीज का दरवाजा खोलनेवाला था वो रुक गया। हैंडल पकड़े हुए हुए झुककर उसने मॉम की तरफ देखा जो ठीक फ्रीज के सामने कु छ ही द ू री पर उसकी
तरफ पीठ करके खड़ी थी।झुकने की वजह से उनकी गांड़ पूरे आकार में थी पहले की तरह। मॉम और फ्रीज में बहुत कम अंतर था।
मॉम ने अपनी गदर्न पीछे करके उसकी तरफ देखा जो झुक े हुए उनको ही देख रहा था।
मॉम - रुक क्यों गए। फ्रीज खोलकर पानी ले लो।
फारूक - मालिकन क्या आप थोड़ा हट सकती है। क्योंिक जगह काम होने की वजह से िफ्रज का दरवाजा खोलते वक्त िफर से मेरा हाथ आपके बड़े चूतड को लग सकता है। और आप िफर से मुझे थप्पड़ मारोगी।
उसने बड़े चूतड इस शब्द पर कु छ ज्यादा ही जोर िदया। वो मॉम के सामने बार बार ऐसे शब्द बोल रहा था। मुझे लगा की अब मॉम हट जाएगी लेिकन जो हुआ उसने मुझे सच में िहला िदया।
मॉम वैसी ही खड़ी रही - बार बार िकतने गंदे शब्द बोल रहे हों गवार कही के ।तमीज नही है क्या तुम्हे बोलने की
फारूक - बड़े चूतड को बड़े ही कहूंगा न मालिकन। हट जाइए
मॉम - चुप चाप पानी िपयो और िनकलो। फ्रीज बहुत द ू र है मुझसे।
फारूक - ठीक है मालिकन।मुझेहैरानी थी की आिखर मॉम हट क्यों नहीं रही है। आिखर उनको िदक्कत क्या है हटने में
फारूक ने अपनी गरदन फ्रीज की तरफ की। मॉम अभी भी उसको पीछे गदर्न करके उसको ही देख रही थी।
फारूक ने तेजी से िफ्रज का दरवाजा खोला और वही हुआ जो होना था। उसकी कोहनी मॉम की गांड़ मे अंदर तक धस गई। लेिकन वो तुरंत िनकली नही वैसी ही मॉम के
चूतड की दरार में घुसी रही।
मुझे हैरत तब हुई जब उसकी कोहनी चूतड पर धसने के बाद मॉम को आं खे एक पल के िलए बंद हो गई।
मॉम छोटी आं खे करके उसकी तरफ पीछे देखेने लगी। और वो अपना चेहरा फ्रीज के अंदर डाले हुए बॉटल िनकलने लगा इसी बीच वो thoda थोड़ा दरवाजा आगे पीछे कर
रहा था िजससे उसकी कोहनी मॉम की दरार में िघसने लगी। मॉम अधखुली आं खों से उसके तरफ देख रही थी। इसी बीच mm ne apne dono hath िकचन पर र िदए िजससे उनके चूतड और बाहर िनकल गए। ऐसा लग रहा था जैसे वो अपने चूतड को कोहनी की तरफ धके ल रही हो।
मुझे समझ नहीं आ रहा था की आिखर मॉम को क्या हो गया। क्या मॉम को उस गंदे लड़के की छ ू वन अच्छी लग रही थी।
तभी फारूक ने एक बॉटल िनकली जो काफी कम भरी हुई थी। फारूक ने फ्रीज का दरवाजा बंद िकया और खड़ा होकर बॉटल खोलकर मॉम को देखकर पानी पीने लगा।
मॉम वैसे ही खड़ी होकर उसको पानी पीता हुआ देख रही थी। उसने उस बॉटल का सारा पानी पी िलया और उस बॉटल को फ्रीज के ऊपर रख िदया।
फारूक अनजान बनते हुए - मालिकन आपने तो आधी ही बॉटल भरी हुई थी मुझे तो बहुत प्यास लगी हुई है।
तभी िजसकी मुझे उम्मीद नहीं थी वो हुआ।
उसने नीचे झुककर िफ्रज का दरवाजा खोला और िफर से उसकी कोहनी मॉम के चूतड के बीच घुस गई। मॉम हल्की सी उछल पड़ी। उसने मॉम के चूतड मैं कोहनी घुसाए
हुए मॉम की तरफ मुड़कर देखा और उनकी आं खों में देखते हुए कोहनी को मॉम के चूतड मैं दो तीन बार ऊपर नीचे िघस दी।
िफर वो फ्रीज से द ू सरी बॉटल िनकालकर मॉम को देखते हुए पानी पीने लगा।
उसने पानी पीकर बॉटल रख दी और वही खड़ा रहा। मॉम भी अब सीधी उसकी तरफ मुंह करके खड़ी हो गई।
फारूक - बोला था ना मालिकन हट जाइए नही तो मेरा हाथ आपके बड़े चूतड को लग जायेगा। देिखए घुस गई ना मेरी कोहनी आपकी गांड़ में।
वो एकदम िब ं दास मॉम के सामने बार बार गंदे शब्द बोले जा रहा था।
उसके बोलते ही मॉम ने एकबार िफर एक थापड़ उसके गाल पर जड़ िदया।
लेिकन ये थप्पड़ िपछलेवाले िजतना जोर से नही था। ऐसा लगा जैसे मॉम उसके गालों को थपथपा रही हो।
मॉम - जल्दी से दफा हो जाओ यहां से।
मॉम के बोलने पर फारूक तुरंत नजरे नीचे करके घर से बाहर चला जाता है। उसके जाने से पहले ही मैं अपने रूम में घुस गया।
उसके जाने के बाद मॉम अपने बेडरूम चली जाती है। मैं जल्दी से घर के बाहर िनकल कर नीचे जाता हूं।
वो दोनो गोदाम के कोने में बैठे हुए थे। मेरे आने से पहले ही फारूक ने उस बुड्ढे सुलेमान को सब बताना शुरू कर िदया था। आज जो हुआ वो सब उसने बूढ़े को बता िदया।
सुलेमान - क्या बात कर रहा है छोट ू तूने सच में उसके गांड़ में कोहनी घुसाई।
फारूक - ha दाद ू । और एक बार नही कई बार। आिखरी मैं तो उसकी आं खो में देखकर कोहनी को उसके चूतड मैं िघस दी। वो अपनी आं खे मूंद रही थी और एक दो बार
तो उसकी िससकी भी िनकली।
सुलेमान- इसका मतलब वो साली गरम हो रही हो थी तेरे छ ू ने से।
फारूक - वो मुझे नही पता दाद ू
सुलेमान - गरम ही हो रही होगी तुझे क्या समझ आएगा। हमारा गाँड ू मािलक कई महीनो तक उसकी सवारी नही krta होगा। तो चूत में खुजली होती होगी उसे।
फारूक - लेिकन उसने मुझे दो बार थप्पड़ भी मारे।
सुलेमान - अरे इन संस्कारी औरतों की चूत में बहुत गमीर् होती है लेिकन िदखाती ऐसे है की िकतनी सती सािवत्री है। इसिलए िदखावे के िलए तुझे थप्पड़ मार िदया होगा।
तुझमें इतनी िहम्मत कहा से आ गई उसके सामने चूतड और गांड़ जैसे शब्द बोलने की।
फारूक - पता नही दाद ू लेिकन जब जब मैं उसके सामने gand chutad जैसे शब्द बोलता तो मुझे बहुत मजा aa raha था। अल्लाह कसम दाद ू उसकी लेने में बहुत
मजा आयेगा। सर से पांव तक बहुत िचकनी है वो। सब थप्पड़ों का जवाब उसको चोदकर लूंगा मैं।
सुलेमान - अच्छा अब ज्यादा खयाली पुलाव मत पका। चल अब बहुत काम है।
िफर वो दोनो उठने लगे और मैं वािपस ऊपर आ गया अपने बेडरूम मे।
मुझे कु छ समझ नहीं आ रहा था क्या हो रहा है। उनकी बाते सुन कर मेरा लन्ड खड़ा हो रहा था जब की मुझे गुस्सा आना चािहए था। मॉम का ऐसा बतार्व मेरे समझ के बाहर था।
ये िदन भी इन सब बातों में ही िनकल गया।
Agli सुबह मैं उठकर तैयार हुआ। में सोफे पर बैठकर सोचने लगा की इस फारूक के बच्चे को सबक िसखाना पड़ेगा। इसिलए मैंने कु छ तय िकया।
में जल्दी से नीचे गया। सुबह का वक्त था इसिलए गंगू, और रघु दादाजी सामान लगा रहे थे और वो सुलेमान बुड्ढा भी उनकी मदद कर रहा था।
मैंने देखा िक फारूक गोदाम के आिखरी िहस्से में कु छ सामान इधर उधर रख रहा था।
हम दोनो ने एक द ू सरे को देखा। उसके चेहरे पर कािमनी मुस्कान तैर गई।
मैं गोदाम में उसकी तरफ गया। और उसके पास खड़ा हो गया। और उसको तंग करने लगा
में - क्यू be कामचोर जल्दी जल्दी काम नहीं कर सकता क्या। हाथ पांव ढीले पड़ गए है क्या तुम्हारे। Fokat ki पगार कै से लेते हो।
फारूक जेड क्या है कोई काम नहीं है क्या तुझे आ जाता है raub झाड़ने। िनकाल काम करने दे।
मैं - वही तो कह रहा हु मैं कामचोर। तुम पर भरोसा ही नहीं िकया जा सकता। तुम्हारा तो खून ही खराब है। गंदी के नाली के कीड़े। पता नही तुम्हारी मां कै सी होगी।
मैंने सुना तेरी मां ने तुझे रास्ते पे छोड़ िदया था। पता नही कै सा कै रेक्टर होगा उसका।
फारूक गुस्से में लाल हो गया- साले हराम मेरी मां के बारे बोलने की तेरी िहम्मत कै से हुई। तेरी मां चोद द ूंगा मैं भड़वे।तेरी मां की गांड़ मार मार के suja द ूंगा में कु त्ते।
इतनी galiya सुनते ही मेरा पारा satwe आसमान पर chad गया। और मैंने उसे गाल पर 2-3 झापड़ लगा िदया। साले हरामी औकात में रह अपनी और काम कर
घिटया इं सान। उसकी आं खों में आं सू आ गए ।में तुरंत वहा से िनकलकर ऊपर आ गया।और सोफे पर बैठ गया। हम द ू र hone ki wajah se kisi ko kya hua
kuch pata nahi chala। ना जाने क्यों उसकी मॉम के बारे मे दी हुई गािलयां सुनकर मुझे गुस्सा भी आ रहा था और अच्छा भी लग रहा था।
थोड़ी देर में बेल बजी। मॉम ने दरवाजा खोला और फारूक पान चबाते हुए अंदर आया। उसकी आं खों में अभी भी पानी था।ah
दोनो एक द ू सरे को देख रहे थे। मॉम को देखते हुए उसके मुंह से पान का लाल थूक बाहर िनकलने लगा िजसे उसने अपनी शटर् की कॉलर से पोंछ िलया। आज भी उसने शॉटर्
पैंट और tshirt pehna हुआ था।
मॉम - तुम्हारी आं खों में पानी क्यों है।
Faruk- वो मालिकन मेरी आं खो में कु छ चला गया शायद
मोम - अच्छा ठीक है चलो जल्दी जल्दी काम शुरू करो। ऐसा कहकर मॉम िकचन में चली गई और िकचन के पास खड़ी होकर कु छ सिब्जयां साफ कर रही थी।
फारूक झाड़ ू मारते हुए िकचन घुसके झाड़ ू मारने लगा। मॉम िकचन में थोड़ा झुक के खड़ी होने की वजह से साड़ी में उनकी गांड़ पूरे आकार में आ चुकी थी।
तभी मैंने कु छ सोचते हुए मॉम से कहा की मैं अपने बेडरूम जा रहा हूं ऐसा कहकर मैं उनके सामने बेडरूम जाने के िलए मुड़ा लेिकन बेडरूम में ना जाते हुए मैं िकचन की
िखड़की के पास चुपचाप खड़ा हो गया।
उसको आते ही मॉम ने उसकी तरफ देखा। दोनो की नजरे एक हुई लेिकन दोनो एकद ू सरे को छ ु पकर ितरछी नजरों से देख रहे थे। जहा पर मॉम खड़ी थी ठीक उसके पीछे
कु छ द ू री पर फ्रीज रखा था। यानी िकचन और फ्रीज के बीच के छोटी सी जगह थी। ऊपर से उस छोटी जगह के बीच मॉम पहले से ही थोड़ी झुककर खड़ी थी
फारूक झाड़ ू मारते हुए मॉम के बाजू में आकर झुकते हुए रुक गया। मॉम को पता था िक वो उसके पीछे खड़ा है।उसके मुह् के सामने कु छ ही द ू री पर मॉम की उभरी हुई गांड़ पूरे आकार में थी। उसने मॉम के चूतड की तरफ देखा। उसके चेहरे पर कािमनी मुस्कान आ गई। इस बीच मॉम भी अपनी जगह पर वैसे ही खड़ी होकर कु छ सोच रही थी।
तभी फारूक ने झाड़ ू मारने का बहाना करते हुए अपने झाड़ ू पकड़े हुए हाथ की कोहनी मॉम के बड़े चूतड की दरार में धसा दी। उसने इतनी जोर से कोहनी मॉम की गांड़ में घुसाई की मॉम एकदम उछल पड़ी और उनकी साड़ी भी दरार में घुस गई। ये उसने बहुत तेजी से िकया।
मॉम जल्दी से उसकी तरफ मुड़ी और गुस्से से उसके मुंह पर एक थप्पड़ जड़ िदया। उसकी आवाज से ही पता चल रहा था की थप्पड़ िकतना जोर दार था।
मॉम गुस्से में - तुम्हे शमर् नहीं आती क्या यह सब करते हुए।
फरौक अपने गाल पर हाथ मसलते हुए- मैने क्या िकया मालिकन। इतना जोर से कोई मरता है क्या।
Mom- अच्छा तुम्हे नही पता की तुमने अभी मुझे कहा छ ु आ। तुम्हारी िहम्मत कै से हुई ऐसा करने की।
फारूक सहमी हुई आवाज में - लेिकन मालिकन मेरा तो ध्यान भी नही था की कब मेरा हाथ लगा। मेरा ध्यान तो झाड़ ू मारने में था।
मॉम - अच्छा ज्यादा बनो मत।
फारूक - सही कह रहा हु मालिकन मैने ऐसा कु छ नही िकया। आप ही देख लीिजए यह िकतनी कम जगह है।एक तरफ ये िकचन और द ू सरी तरफ फ्रीज होने से बीच में फ्रीज होने से िकतनी कम जगह है। और ऊपर से इतनी कम जगह में एक साइड आप खड़ी है।
और तो और आप झुककर खड़ी होने की वजह से आपके बड़े चूतड और बाहर िनकल कर आ गये है। इसिलए और जगह काम हो गई है। Isme Mera kya
कसूर।
उसने सीधे मॉम के सामने उनके चूतड जैसे शब्दों का इस्तेमाल िकया और तो और बड़े चूतड है ऐसा कहा। ये सुनकर मेरा लुंड पैंट में अकड़ने लगा। मुझे लगा अब उसकी
खैर नहीं।
मॉम गुस्से में - ये क्या वािहयात शब्दो का इस्तेमाल कर रहे हों मेरे सामने गवार कही के तुम्हे कु छ अकाल है की नही। िबलक्कु ल जािहल हो
फारूक अपनी नजरे नीचे krta hai - मालिकन अब चूतड को चूतड नही कहेंगे तो और क्या कहेंगे। ज्यादा से ज्यादा गांड़ कहते हैं। और मैंने क्या गलत कहा मालिकन
आपकी गांड़ बड़ी है इसिलए यहां जगह नही बची थी। इसिलए मेरा हाथ लग गया होगा उसे। मैंने जनभूजकर कु छ नही िकया।
उसके द्वारा िफर से अपनी गांड़ के बारे सुनकर मॉम एकदम स्तब्ध हो गई। मुझे लगा की मॉम उसको अभी घर से बाहर िनकाल फे के गी लेिकन मेरा अंदाजा गलत हुआ।
मॉम धीरे से - ठीक है जाओ झाड़ ू पोंछा करके िनकलो।
फारूक - जैसा आप कहे मालिकन
वो साला खुल्लम खुल्लम मॉम के सामने चूतड गांड़ जैसे शब्द बोल रहा था और मॉम ने उसे ऐसे ही छोड़ िदया। मुझे बहुत हैरानी हो रही थी। आिखर मॉम ने ऐसा क्यों िकया। क्या चल रहा है मॉम के मन में।
वो िफर से झाड़ ू मारते हुए आगे िनकला और मॉम उसको पीछे से देख रही थी। तभी मॉम िफर से मुड़कर kitche पर पड़ी सिब्जयां साफ करने लगी।
वो झाड़ ू मारते हुए िकचन से बाहर आ रहा था इसिलए मैं चुपके से अपने बेडरूम में उनको िदखे बगैर चला गया।
मैं दरवाजा थोड़ा खुला रखकर चुपके से उस पर नजर रखने लगा। उसने झाड़ ू मारने के बाद पोंछा मारने लगा। उसने मेरे कमरे का दरवाजा खोला और मुझे देखकर कािमनी
मुस्कान से हसने लगा। जैसे कह रहा हो की आज तेरी मां की गांड़ को छ ू कर आ रहा हु।
में - क्या है मैने बेड पर बैठे हुए कहा
फारूक - पोंछा मारना है।
जल्दी से मारो और दरवाजा बंद करके िनकलो मैने कहा।
िफर उसने पोंछा मारा और दरवाजा बंद करके चला गया। वैसे ही मैं उठकर दरवाजे के पास गया और देखने लगा। लेिकन उसने जल्दी से िकचन में भी पोंछा मारा और
अपना सारा काम खतम िकया। और जाने लगा।
फारूक मैन दरवाजे के पास पहुंचा और दरवाजा खोलने वाला था लेिकन वो रुक गया। और वो िफर से िकचन में घुस गया।
में भी जल्दी से िकचन की िखड़की पास आ गया और अंदर झांकने लगा। मॉम अपने ख्यालों मैं ही सब्जी साफ कर रही थी उनका ध्यान उसपर नही था वो मॉम से थोड़ी
द ू री पर खड़ा था।
उसने मॉम को आवाज लगाई िजससे मॉम का ध्यान उस पर गया।
फारूक- मालिकन प्यास लगी है पानी िमलेगा।
मॉम ने ऊपर से नीचे तक उसे देखा। मॉम अभी भी वही खड़ी थी थोड़ी झुककर।
मॉम - फ्रीज से बॉटल िनकलकर िपलो।
तभी फारूक फ्रीज के पास आया। ये वही जगह थी जहा पर उसने मॉम की गांड़ में हाथ घुसाया था। िफर से वही situation तैयार हो गई थी। मॉम के झुक े होने की
वजह फ्रीज और उनके बीच बहुत कम जगह बची थी।
जैसे ही फारूक फ्रीज का दरवाजा खोलनेवाला था वो रुक गया। हैंडल पकड़े हुए हुए झुककर उसने मॉम की तरफ देखा जो ठीक फ्रीज के सामने कु छ ही द ू री पर उसकी
तरफ पीठ करके खड़ी थी।झुकने की वजह से उनकी गांड़ पूरे आकार में थी पहले की तरह। मॉम और फ्रीज में बहुत कम अंतर था।
मॉम ने अपनी गदर्न पीछे करके उसकी तरफ देखा जो झुक े हुए उनको ही देख रहा था।
मॉम - रुक क्यों गए। फ्रीज खोलकर पानी ले लो।
फारूक - मालिकन क्या आप थोड़ा हट सकती है। क्योंिक जगह काम होने की वजह से िफ्रज का दरवाजा खोलते वक्त िफर से मेरा हाथ आपके बड़े चूतड को लग सकता है। और आप िफर से मुझे थप्पड़ मारोगी।
उसने बड़े चूतड इस शब्द पर कु छ ज्यादा ही जोर िदया। वो मॉम के सामने बार बार ऐसे शब्द बोल रहा था। मुझे लगा की अब मॉम हट जाएगी लेिकन जो हुआ उसने मुझे सच में िहला िदया।
मॉम वैसी ही खड़ी रही - बार बार िकतने गंदे शब्द बोल रहे हों गवार कही के ।तमीज नही है क्या तुम्हे बोलने की
फारूक - बड़े चूतड को बड़े ही कहूंगा न मालिकन। हट जाइए
मॉम - चुप चाप पानी िपयो और िनकलो। फ्रीज बहुत द ू र है मुझसे।
फारूक - ठीक है मालिकन।मुझेहैरानी थी की आिखर मॉम हट क्यों नहीं रही है। आिखर उनको िदक्कत क्या है हटने में
फारूक ने अपनी गरदन फ्रीज की तरफ की। मॉम अभी भी उसको पीछे गदर्न करके उसको ही देख रही थी।
फारूक ने तेजी से िफ्रज का दरवाजा खोला और वही हुआ जो होना था। उसकी कोहनी मॉम की गांड़ मे अंदर तक धस गई। लेिकन वो तुरंत िनकली नही वैसी ही मॉम के
चूतड की दरार में घुसी रही।
मुझे हैरत तब हुई जब उसकी कोहनी चूतड पर धसने के बाद मॉम को आं खे एक पल के िलए बंद हो गई।
मॉम छोटी आं खे करके उसकी तरफ पीछे देखेने लगी। और वो अपना चेहरा फ्रीज के अंदर डाले हुए बॉटल िनकलने लगा इसी बीच वो thoda थोड़ा दरवाजा आगे पीछे कर
रहा था िजससे उसकी कोहनी मॉम की दरार में िघसने लगी। मॉम अधखुली आं खों से उसके तरफ देख रही थी। इसी बीच mm ne apne dono hath िकचन पर र िदए िजससे उनके चूतड और बाहर िनकल गए। ऐसा लग रहा था जैसे वो अपने चूतड को कोहनी की तरफ धके ल रही हो।
मुझे समझ नहीं आ रहा था की आिखर मॉम को क्या हो गया। क्या मॉम को उस गंदे लड़के की छ ू वन अच्छी लग रही थी।
तभी फारूक ने एक बॉटल िनकली जो काफी कम भरी हुई थी। फारूक ने फ्रीज का दरवाजा बंद िकया और खड़ा होकर बॉटल खोलकर मॉम को देखकर पानी पीने लगा।
मॉम वैसे ही खड़ी होकर उसको पानी पीता हुआ देख रही थी। उसने उस बॉटल का सारा पानी पी िलया और उस बॉटल को फ्रीज के ऊपर रख िदया।
फारूक अनजान बनते हुए - मालिकन आपने तो आधी ही बॉटल भरी हुई थी मुझे तो बहुत प्यास लगी हुई है।
तभी िजसकी मुझे उम्मीद नहीं थी वो हुआ।
उसने नीचे झुककर िफ्रज का दरवाजा खोला और िफर से उसकी कोहनी मॉम के चूतड के बीच घुस गई। मॉम हल्की सी उछल पड़ी। उसने मॉम के चूतड मैं कोहनी घुसाए
हुए मॉम की तरफ मुड़कर देखा और उनकी आं खों में देखते हुए कोहनी को मॉम के चूतड मैं दो तीन बार ऊपर नीचे िघस दी।
िफर वो फ्रीज से द ू सरी बॉटल िनकालकर मॉम को देखते हुए पानी पीने लगा।
उसने पानी पीकर बॉटल रख दी और वही खड़ा रहा। मॉम भी अब सीधी उसकी तरफ मुंह करके खड़ी हो गई।
फारूक - बोला था ना मालिकन हट जाइए नही तो मेरा हाथ आपके बड़े चूतड को लग जायेगा। देिखए घुस गई ना मेरी कोहनी आपकी गांड़ में।
वो एकदम िब ं दास मॉम के सामने बार बार गंदे शब्द बोले जा रहा था।
उसके बोलते ही मॉम ने एकबार िफर एक थापड़ उसके गाल पर जड़ िदया।
लेिकन ये थप्पड़ िपछलेवाले िजतना जोर से नही था। ऐसा लगा जैसे मॉम उसके गालों को थपथपा रही हो।
मॉम - जल्दी से दफा हो जाओ यहां से।
मॉम के बोलने पर फारूक तुरंत नजरे नीचे करके घर से बाहर चला जाता है। उसके जाने से पहले ही मैं अपने रूम में घुस गया।
उसके जाने के बाद मॉम अपने बेडरूम चली जाती है। मैं जल्दी से घर के बाहर िनकल कर नीचे जाता हूं।
वो दोनो गोदाम के कोने में बैठे हुए थे। मेरे आने से पहले ही फारूक ने उस बुड्ढे सुलेमान को सब बताना शुरू कर िदया था। आज जो हुआ वो सब उसने बूढ़े को बता िदया।
सुलेमान - क्या बात कर रहा है छोट ू तूने सच में उसके गांड़ में कोहनी घुसाई।
फारूक - ha दाद ू । और एक बार नही कई बार। आिखरी मैं तो उसकी आं खो में देखकर कोहनी को उसके चूतड मैं िघस दी। वो अपनी आं खे मूंद रही थी और एक दो बार
तो उसकी िससकी भी िनकली।
सुलेमान- इसका मतलब वो साली गरम हो रही हो थी तेरे छ ू ने से।
फारूक - वो मुझे नही पता दाद ू
सुलेमान - गरम ही हो रही होगी तुझे क्या समझ आएगा। हमारा गाँड ू मािलक कई महीनो तक उसकी सवारी नही krta होगा। तो चूत में खुजली होती होगी उसे।
फारूक - लेिकन उसने मुझे दो बार थप्पड़ भी मारे।
सुलेमान - अरे इन संस्कारी औरतों की चूत में बहुत गमीर् होती है लेिकन िदखाती ऐसे है की िकतनी सती सािवत्री है। इसिलए िदखावे के िलए तुझे थप्पड़ मार िदया होगा।
तुझमें इतनी िहम्मत कहा से आ गई उसके सामने चूतड और गांड़ जैसे शब्द बोलने की।
फारूक - पता नही दाद ू लेिकन जब जब मैं उसके सामने gand chutad जैसे शब्द बोलता तो मुझे बहुत मजा aa raha था। अल्लाह कसम दाद ू उसकी लेने में बहुत
मजा आयेगा। सर से पांव तक बहुत िचकनी है वो। सब थप्पड़ों का जवाब उसको चोदकर लूंगा मैं।
सुलेमान - अच्छा अब ज्यादा खयाली पुलाव मत पका। चल अब बहुत काम है।
िफर वो दोनो उठने लगे और मैं वािपस ऊपर आ गया अपने बेडरूम मे।
मुझे कु छ समझ नहीं आ रहा था क्या हो रहा है। उनकी बाते सुन कर मेरा लन्ड खड़ा हो रहा था जब की मुझे गुस्सा आना चािहए था। मॉम का ऐसा बतार्व मेरे समझ के बाहर था।
ये िदन भी इन सब बातों में ही िनकल गया।