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Incest Maami ki garami

Devrajan

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भाग ५

गौरी सब्जियां लेके घर पहोच जाती है।
गौरी - मां में सब्जी या ले आई
मामी - दिखा क्या क्या लाई हे।
गौरी - बैगन टमाटर और गाजर लाई हू।
मामी - गाजर तो बहोत लंबे ओर मोटे हे ( मोटे गाजर देखा कर मामी के आंखो में चमक आ जाती हे) ठीक ही इसे रसोई घर में रखा दे। ओर थोड़ा आराम कर ले।
फिर शाम को खाने के तयारी करनी हे।
गौरी आराम करने के लिए अपने कमरे में चली जाती हे।
ओर मामी अपने कामो में जुट जाती हे।

दिन भर खेत में काम करने के बाद में और मामा साथ में घर की ओर निकल पड़े।
मामा - सूरज लगता हे आज रात में बिजली आयेगी। तब में आज पूरी रात खेत में रुककर खेतो को पंप के जरिए पानी दूंगा।
में - मामा में भी चलूगा आप के साथ।
मामा - नही बिजली का कोई भरोसा नहीं। रात को आ भी सकती है और नही भी। में रात में रुकता हु अगर रात में बिजली नही आइ तो तुम दिन में बिजली आ ने पे पानी देना। में दिन में घर पे थोड़ा आराम कर लूंगा।
में - ठीक है मामाजी
बाते करते करते हम घर पहुंच गए। बाहर आंगन में खटिया में बैठकर थोड़ा आराम किया। फिर खाने का वक्त हो गया।
मामा और में खाने के लिया बैठ जाते हे। खाने में आज बैगन और टमाटर की सब्जी और गाजर का हलवा बनाया था।
मामा - वा आज गाजर का हलवा बनाया हे।
मामी - हा गौरी आज खेत से लंबे मोटे गाजर लेके आयि थी। हमारे खेत में इतने बड़े गाजर होते हे।
मामा - ये तो सूरज की मेहनत हे जो सब्जीया अच्छी ओर बाडिया आइ हे।
मामी - मेरे तरफ देखते हुए बहोत मेहनती ही मेरा भांजा
में - मामा जो सिखाया वही मेने किया लगा और थोड़ा हसा पर मेरी नजर मामी के चूचो पर थी।
गौरी मुझे मामी की चूची घूरते हुवे देख रही थी।
पर मुझे मालूम नही था में अपने ही मोज में खाना खाते हुवे मामी के हुस्न को निहारता रहा।
खाना खाने के बाद सब सारा काम निपटके अपने अपने कमरे में सोने चले गए।
पर मुझे कमरे में नींद नहीं आ रही थी। कमरे में परेशान हो गया मेरे आंखो के सामने मामी और गौरी नंगे नजर आ रहे थे।
मेने सोचा थोड़ा बाहर घूम आऊ। में कमरे से बाहर आया और देखा की गौरी मामा की रूम के खिड़की से कुछ देख रही हे।
में थोड़ा दीवार से सट कर छुप गया। ओर देखने लगा।गौरी घागरे के ऊपर से अपनी चूत सहला रही थी।
में समाज गया की गौरी मामा मामी की चुदायी देख रही हे।
में - जी करता हे की पीछे से जा के गौरी को पकड़ लू और उसकी चूत में लंड घुसा दू। में धोती के ऊपर से लंड को मसलने लगा।
गौरी लगातार जोर जोर से चूत मसलने लगी। थोड़ी देर बाद गौरी वहा से अपने कमरे में चली गई।
कुछ समय बितने के बाद मामा के कमरे का दरवाजा खुला कमरे से मामा निकले और घर के बाहर चले गए।
में समाज गया की मामा खेतो में चले गए हे।
में पहले गौरी के कमारे के पास गया शायद कुछ देखने को मिले पर खिड़की अंदर से बंद थी। तब में वहा से मामा के कमरे के पास गया। कमरे का दरवाजा थोड़ा खुला था। शायद मामा जाने के बाद मामी ने दरवाजा के अंदर से कुंडी नही लगाई।
लगता है मेरा आज नसीब अच्छा हे। मेने दरवाजे के पास खड़े होकर अंदर का नजारा देखने लगा। कमरे में दिए की हलकी रोशनी फेली हुइ थी। अंदर थोड़ा धुंधला धुंधला दिखाई दे रहा था। में अंदर का नजारा देख कर दंग हो गया मामी खाट पे पूरी नंगी लेटी हुइ थी।
उनकी आवाज साफ साफ मुझे सुनाई दे रही थी।
मामी - कमीना खुद जलादि ठंडा हो जाता हे ओर मुझे प्यासा छोड कर चला जाता हे। आज के बाद उसको हाथ लगाने नही दूंगी। अह्ह्ह्ह....ओह... आवाज के साथ एक हाथ से अपनी चूची के जोर से मसलने लगी और एक हाथ से चूत को रगड़ने लगी आह....ओह... सीआ... ये प्यासी चूत... अब इनमें पहले जैसी फुर्ती नही रही कबतक मेरी चूत इसी तरह प्यासी रहेगी। कोई हे मेरा सुनने वाला जो मेरी चूत की प्यास बुझाए। आहा... ओहो...
में बाहर मन में बोला में हुना आपका भांजा आपके चूत में मेरा ९ इंच का लंड के पानी से आपकी प्यास बुझाऊंगा। बस एक बार मोका दो ओर बाहर धोती के ऊपर से लंड को।मसलने लगा।
मामीने तभी पास में रखी मोटी गाजर लि और उसको अपने मुंह में डालकर चूसने लगी।
में - मामी ये गाजर के साथ क्या कर रही हे।
थोड़ी देर बाद मामी ने गाजर चूस चूस कर पूरा गीला कर दिया।ओर नीचे ले जाकर चूत के ऊपर रगड़ने ओर गाजर को चूत में थोड़ा अंदर डाल दिया आह... ओहो... ऊमहा...
में - ओह तो इस लिए मोटा लंबा गाजर खेतो से लाये थे।

मामी बाहर आपके भांजे का लंड चूत के लिए तरस गया है और आप इस गाजर से अपनी प्यास बुझा रही हो गाजर का नसीब हे की इतनी कुबसूरत मादक ओरत के चूत में घुसाने का मोका मिला। काश में वह गाजर होता
मामी धीरे धीरे गाजर को चूत के अंदर बाहर करने लगी आह... ओह... उम्हाआ...की आवाज कमरे में गूंजने लगी
मामी आह... ओहो... मजा आ रहा हे आह..
में बाहर धोती में से लंड को आजाद कर दिया और हिलाने लगा।
करीब १५ मिनट तक मामी चूत में गाजर को अंदर बाहर करती रही।
में बाहर से ये नजारा देख कर जोर से लंड हिलाने लगा। अब मामी तेजी से गाजर को चूत के अंदर बाहर करने लगी ओर आवाजे निकलने लगी आहा... ओहो.. उम्हाआआ...

अब मामी चरम।पर पहुच गई थी। खाट जोरो से हिलाने लगी। मामी का पूरा शरीर अकड़ने लगा और एक जोरदार चीख के साथ मामी के चूत ने पानी छोड दिया। मामी के चूत ने करीब २ मिनट तक पानी छोड़ा। मामी के चहरे पे संतुष्टी के भाव दिख रहे थे। मामी हफाने लगी और चूत से गाजर बाहर निकल कर बाजूमे रखा दिया।
ओर नंगी ही सो गयि।

आगे जारी रहेगा...
 

Verma sahab

Active Member
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2,016
143
भाग ५

गौरी सब्जियां लेके घर पहोच जाती है।
गौरी - मां में सब्जी या ले आई
मामी - दिखा क्या क्या लाई हे।
गौरी - बैगन टमाटर और गाजर लाई हू।
मामी - गाजर तो बहोत लंबे ओर मोटे हे ( मोटे गाजर देखा कर मामी के आंखो में चमक आ जाती हे) ठीक ही इसे रसोई घर में रखा दे। ओर थोड़ा आराम कर ले।
फिर शाम को खाने के तयारी करनी हे।
गौरी आराम करने के लिए अपने कमरे में चली जाती हे।
ओर मामी अपने कामो में जुट जाती हे।

दिन भर खेत में काम करने के बाद में और मामा साथ में घर की ओर निकल पड़े।
मामा - सूरज लगता हे आज रात में बिजली आयेगी। तब में आज पूरी रात खेत में रुककर खेतो को पंप के जरिए पानी दूंगा।
में - मामा में भी चलूगा आप के साथ।
मामा - नही बिजली का कोई भरोसा नहीं। रात को आ भी सकती है और नही भी। में रात में रुकता हु अगर रात में बिजली नही आइ तो तुम दिन में बिजली आ ने पे पानी देना। में दिन में घर पे थोड़ा आराम कर लूंगा।
में - ठीक है मामाजी
बाते करते करते हम घर पहुंच गए। बाहर आंगन में खटिया में बैठकर थोड़ा आराम किया। फिर खाने का वक्त हो गया।
मामा और में खाने के लिया बैठ जाते हे। खाने में आज बैगन और टमाटर की सब्जी और गाजर का हलवा बनाया था।
मामा - वा आज गाजर का हलवा बनाया हे।
मामी - हा गौरी आज खेत से लंबे मोटे गाजर लेके आयि थी। हमारे खेत में इतने बड़े गाजर होते हे।
मामा - ये तो सूरज की मेहनत हे जो सब्जीया अच्छी ओर बाडिया आइ हे।
मामी - मेरे तरफ देखते हुए बहोत मेहनती ही मेरा भांजा
में - मामा जो सिखाया वही मेने किया लगा और थोड़ा हसा पर मेरी नजर मामी के चूचो पर थी।
गौरी मुझे मामी की चूची घूरते हुवे देख रही थी।
पर मुझे मालूम नही था में अपने ही मोज में खाना खाते हुवे मामी के हुस्न को निहारता रहा।
खाना खाने के बाद सब सारा काम निपटके अपने अपने कमरे में सोने चले गए।
पर मुझे कमरे में नींद नहीं आ रही थी। कमरे में परेशान हो गया मेरे आंखो के सामने मामी और गौरी नंगे नजर आ रहे थे।
मेने सोचा थोड़ा बाहर घूम आऊ। में कमरे से बाहर आया और देखा की गौरी मामा की रूम के खिड़की से कुछ देख रही हे।
में थोड़ा दीवार से सट कर छुप गया। ओर देखने लगा।गौरी घागरे के ऊपर से अपनी चूत सहला रही थी।
में समाज गया की गौरी मामा मामी की चुदायी देख रही हे।
में - जी करता हे की पीछे से जा के गौरी को पकड़ लू और उसकी चूत में लंड घुसा दू। में धोती के ऊपर से लंड को मसलने लगा।
गौरी लगातार जोर जोर से चूत मसलने लगी। थोड़ी देर बाद गौरी वहा से अपने कमरे में चली गई।
कुछ समय बितने के बाद मामा के कमरे का दरवाजा खुला कमरे से मामा निकले और घर के बाहर चले गए।
में समाज गया की मामा खेतो में चले गए हे।
में पहले गौरी के कमारे के पास गया शायद कुछ देखने को मिले पर खिड़की अंदर से बंद थी। तब में वहा से मामा के कमरे के पास गया। कमरे का दरवाजा थोड़ा खुला था। शायद मामा जाने के बाद मामी ने दरवाजा के अंदर से कुंडी नही लगाई।
लगता है मेरा आज नसीब अच्छा हे। मेने दरवाजे के पास खड़े होकर अंदर का नजारा देखने लगा। कमरे में दिए की हलकी रोशनी फेली हुइ थी। अंदर थोड़ा धुंधला धुंधला दिखाई दे रहा था। में अंदर का नजारा देख कर दंग हो गया मामी खाट पे पूरी नंगी लेटी हुइ थी।
उनकी आवाज साफ साफ मुझे सुनाई दे रही थी।
मामी - कमीना खुद जलादि ठंडा हो जाता हे ओर मुझे प्यासा छोड कर चला जाता हे। आज के बाद उसको हाथ लगाने नही दूंगी। अह्ह्ह्ह....ओह... आवाज के साथ एक हाथ से अपनी चूची के जोर से मसलने लगी और एक हाथ से चूत को रगड़ने लगी आह....ओह... सीआ... ये प्यासी चूत... अब इनमें पहले जैसी फुर्ती नही रही कबतक मेरी चूत इसी तरह प्यासी रहेगी। कोई हे मेरा सुनने वाला जो मेरी चूत की प्यास बुझाए। आहा... ओहो...
में बाहर मन में बोला में हुना आपका भांजा आपके चूत में मेरा ९ इंच का लंड के पानी से आपकी प्यास बुझाऊंगा। बस एक बार मोका दो ओर बाहर धोती के ऊपर से लंड को।मसलने लगा।
मामीने तभी पास में रखी मोटी गाजर लि और उसको अपने मुंह में डालकर चूसने लगी।
में - मामी ये गाजर के साथ क्या कर रही हे।
थोड़ी देर बाद मामी ने गाजर चूस चूस कर पूरा गीला कर दिया।ओर नीचे ले जाकर चूत के ऊपर रगड़ने ओर गाजर को चूत में थोड़ा अंदर डाल दिया आह... ओहो... ऊमहा...
में - ओह तो इस लिए मोटा लंबा गाजर खेतो से लाये थे।

मामी बाहर आपके भांजे का लंड चूत के लिए तरस गया है और आप इस गाजर से अपनी प्यास बुझा रही हो गाजर का नसीब हे की इतनी कुबसूरत मादक ओरत के चूत में घुसाने का मोका मिला। काश में वह गाजर होता
मामी धीरे धीरे गाजर को चूत के अंदर बाहर करने लगी आह... ओह... उम्हाआ...की आवाज कमरे में गूंजने लगी
मामी आह... ओहो... मजा आ रहा हे आह..
में बाहर धोती में से लंड को आजाद कर दिया और हिलाने लगा।
करीब १५ मिनट तक मामी चूत में गाजर को अंदर बाहर करती रही।
में बाहर से ये नजारा देख कर जोर से लंड हिलाने लगा। अब मामी तेजी से गाजर को चूत के अंदर बाहर करने लगी ओर आवाजे निकलने लगी आहा... ओहो.. उम्हाआआ...

अब मामी चरम।पर पहुच गई थी। खाट जोरो से हिलाने लगी। मामी का पूरा शरीर अकड़ने लगा और एक जोरदार चीख के साथ मामी के चूत ने पानी छोड दिया। मामी के चूत ने करीब २ मिनट तक पानी छोड़ा। मामी के चहरे पे संतुष्टी के भाव दिख रहे थे। मामी हफाने लगी और चूत से गाजर बाहर निकल कर बाजूमे रखा दिया।
ओर नंगी ही सो गयि।

आगे जारी रहेगा...
Nice update
 
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भाग ५

गौरी सब्जियां लेके घर पहोच जाती है।
गौरी - मां में सब्जी या ले आई
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मामी - गाजर तो बहोत लंबे ओर मोटे हे ( मोटे गाजर देखा कर मामी के आंखो में चमक आ जाती हे) ठीक ही इसे रसोई घर में रखा दे। ओर थोड़ा आराम कर ले।
फिर शाम को खाने के तयारी करनी हे।
गौरी आराम करने के लिए अपने कमरे में चली जाती हे।
ओर मामी अपने कामो में जुट जाती हे।

दिन भर खेत में काम करने के बाद में और मामा साथ में घर की ओर निकल पड़े।
मामा - सूरज लगता हे आज रात में बिजली आयेगी। तब में आज पूरी रात खेत में रुककर खेतो को पंप के जरिए पानी दूंगा।
में - मामा में भी चलूगा आप के साथ।
मामा - नही बिजली का कोई भरोसा नहीं। रात को आ भी सकती है और नही भी। में रात में रुकता हु अगर रात में बिजली नही आइ तो तुम दिन में बिजली आ ने पे पानी देना। में दिन में घर पे थोड़ा आराम कर लूंगा।
में - ठीक है मामाजी
बाते करते करते हम घर पहुंच गए। बाहर आंगन में खटिया में बैठकर थोड़ा आराम किया। फिर खाने का वक्त हो गया।
मामा और में खाने के लिया बैठ जाते हे। खाने में आज बैगन और टमाटर की सब्जी और गाजर का हलवा बनाया था।
मामा - वा आज गाजर का हलवा बनाया हे।
मामी - हा गौरी आज खेत से लंबे मोटे गाजर लेके आयि थी। हमारे खेत में इतने बड़े गाजर होते हे।
मामा - ये तो सूरज की मेहनत हे जो सब्जीया अच्छी ओर बाडिया आइ हे।
मामी - मेरे तरफ देखते हुए बहोत मेहनती ही मेरा भांजा
में - मामा जो सिखाया वही मेने किया लगा और थोड़ा हसा पर मेरी नजर मामी के चूचो पर थी।
गौरी मुझे मामी की चूची घूरते हुवे देख रही थी।
पर मुझे मालूम नही था में अपने ही मोज में खाना खाते हुवे मामी के हुस्न को निहारता रहा।
खाना खाने के बाद सब सारा काम निपटके अपने अपने कमरे में सोने चले गए।
पर मुझे कमरे में नींद नहीं आ रही थी। कमरे में परेशान हो गया मेरे आंखो के सामने मामी और गौरी नंगे नजर आ रहे थे।
मेने सोचा थोड़ा बाहर घूम आऊ। में कमरे से बाहर आया और देखा की गौरी मामा की रूम के खिड़की से कुछ देख रही हे।
में थोड़ा दीवार से सट कर छुप गया। ओर देखने लगा।गौरी घागरे के ऊपर से अपनी चूत सहला रही थी।
में समाज गया की गौरी मामा मामी की चुदायी देख रही हे।
में - जी करता हे की पीछे से जा के गौरी को पकड़ लू और उसकी चूत में लंड घुसा दू। में धोती के ऊपर से लंड को मसलने लगा।
गौरी लगातार जोर जोर से चूत मसलने लगी। थोड़ी देर बाद गौरी वहा से अपने कमरे में चली गई।
कुछ समय बितने के बाद मामा के कमरे का दरवाजा खुला कमरे से मामा निकले और घर के बाहर चले गए।
में समाज गया की मामा खेतो में चले गए हे।
में पहले गौरी के कमारे के पास गया शायद कुछ देखने को मिले पर खिड़की अंदर से बंद थी। तब में वहा से मामा के कमरे के पास गया। कमरे का दरवाजा थोड़ा खुला था। शायद मामा जाने के बाद मामी ने दरवाजा के अंदर से कुंडी नही लगाई।
लगता है मेरा आज नसीब अच्छा हे। मेने दरवाजे के पास खड़े होकर अंदर का नजारा देखने लगा। कमरे में दिए की हलकी रोशनी फेली हुइ थी। अंदर थोड़ा धुंधला धुंधला दिखाई दे रहा था। में अंदर का नजारा देख कर दंग हो गया मामी खाट पे पूरी नंगी लेटी हुइ थी।
उनकी आवाज साफ साफ मुझे सुनाई दे रही थी।
मामी - कमीना खुद जलादि ठंडा हो जाता हे ओर मुझे प्यासा छोड कर चला जाता हे। आज के बाद उसको हाथ लगाने नही दूंगी। अह्ह्ह्ह....ओह... आवाज के साथ एक हाथ से अपनी चूची के जोर से मसलने लगी और एक हाथ से चूत को रगड़ने लगी आह....ओह... सीआ... ये प्यासी चूत... अब इनमें पहले जैसी फुर्ती नही रही कबतक मेरी चूत इसी तरह प्यासी रहेगी। कोई हे मेरा सुनने वाला जो मेरी चूत की प्यास बुझाए। आहा... ओहो...
में बाहर मन में बोला में हुना आपका भांजा आपके चूत में मेरा ९ इंच का लंड के पानी से आपकी प्यास बुझाऊंगा। बस एक बार मोका दो ओर बाहर धोती के ऊपर से लंड को।मसलने लगा।
मामीने तभी पास में रखी मोटी गाजर लि और उसको अपने मुंह में डालकर चूसने लगी।
में - मामी ये गाजर के साथ क्या कर रही हे।
थोड़ी देर बाद मामी ने गाजर चूस चूस कर पूरा गीला कर दिया।ओर नीचे ले जाकर चूत के ऊपर रगड़ने ओर गाजर को चूत में थोड़ा अंदर डाल दिया आह... ओहो... ऊमहा...
में - ओह तो इस लिए मोटा लंबा गाजर खेतो से लाये थे।

मामी बाहर आपके भांजे का लंड चूत के लिए तरस गया है और आप इस गाजर से अपनी प्यास बुझा रही हो गाजर का नसीब हे की इतनी कुबसूरत मादक ओरत के चूत में घुसाने का मोका मिला। काश में वह गाजर होता
मामी धीरे धीरे गाजर को चूत के अंदर बाहर करने लगी आह... ओह... उम्हाआ...की आवाज कमरे में गूंजने लगी
मामी आह... ओहो... मजा आ रहा हे आह..
में बाहर धोती में से लंड को आजाद कर दिया और हिलाने लगा।
करीब १५ मिनट तक मामी चूत में गाजर को अंदर बाहर करती रही।
में बाहर से ये नजारा देख कर जोर से लंड हिलाने लगा। अब मामी तेजी से गाजर को चूत के अंदर बाहर करने लगी ओर आवाजे निकलने लगी आहा... ओहो.. उम्हाआआ...

अब मामी चरम।पर पहुच गई थी। खाट जोरो से हिलाने लगी। मामी का पूरा शरीर अकड़ने लगा और एक जोरदार चीख के साथ मामी के चूत ने पानी छोड दिया। मामी के चूत ने करीब २ मिनट तक पानी छोड़ा। मामी के चहरे पे संतुष्टी के भाव दिख रहे थे। मामी हफाने लगी और चूत से गाजर बाहर निकल कर बाजूमे रखा दिया।
ओर नंगी ही सो गयि।

आगे जारी रहेगा...
mast update..!!
 
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Devrajan

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34
524
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दोस्तो मुझे इस कहानी में कुछ गलतियां नजर आ रही है। इस लिए में फिर से ये कहानी जादा रोमांचित ओर चुड़ाकड़ तारीखे से लिखुगा। आप इसे तरह कहानी पे बने रहिए।
नई कहानी मामा का गांव ( बड़ा प्यारा )
 

Abymilffucker02

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दोस्तो मुझे इस कहानी में कुछ गलतियां नजर आ रही है। इस लिए में फिर से ये कहानी जादा रोमांचित ओर चुड़ाकड़ तारीखे से लिखुगा। आप इसे तरह कहानी पे बने रहिए।
नई कहानी मामा का गांव ( बड़ा प्यारा )
Okay toh yahi saare characters ke saath tum nayi story likh rahe ho मामा का गांव ( बड़ा प्यारा )
 
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