123@abc
Just chilling
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क्या बेहतरीन कहानी है। पुराने दिनों के राजाओं की कहानियों को इस अन्दाज से पेश करना कोई खेल नहीं। इसके लिये सब से ज्यादा कहानी लिखने का आग्रह चाहिए। उसके बाद कहानी के प्लाट को दिमाग से निकाल कर शब्दों में उतारना पड्ता है। कौनसी बात किसके आगे और किसके बाद लाना है यह बहुत कठिन फेस्ला है। एसी कहानी लिखने के लिए शब्दों का चयन भी एक बहुत बड़ी मह्त्व रखती है। जिससे यह मह्सूस हो कहानी मौजुदा दौर की नहीं ब्लकि पुराने दिन की है। बलदेव व देवरानी की प्रेमकथा को जिस अन्दाज से दिखाया गया है वह बहुत ही रोमांचक है। शादी के बाद उन के आपस के नटखट आदतोँ को लिखना ना भूले। बलदेव को माँ नहीं ब्लकि देवरानी या पत्नी ही बुलाना चाहिए ताकि उनका प्यार और मजबुत हो। उन्के बीच में इस तरह के प्यार भरी बातें जितनी होगी यह कहानी को और ज्यादा मधुर बना देगी।
आप आप को धेड सारी शुभकामनाएं। कहानी लिखते रहें और हमें आनन्द देते रहें। और स्वस्थ रहें।
भकामनाएं। कहानी लिखते रहें और हमें आनन्द देते रहें। और स्वस्थ रहें।
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क्या बेहतरीन कहानी है। पुराने दिनों के राजाओं की कहानियों को इस अन्दाज से पेश करना कोई खेल नहीं। इसके लिये सब से ज्यादा कहानी लिखने का आग्रह चाहिए। उसके बाद कहानी के प्लाट को दिमाग से निकाल कर शब्दों में उतारना पड्ता है। कौनसी बात किसके आगे और किसके बाद लाना है यह बहुत कठिन फेस्ला है। एसी कहानी लिखने के लिए शब्दों का चयन भी एक बहुत बड़ी मह्त्व रखती है। जिससे यह मह्सूस हो कहानी मौजुदा दौर की नहीं ब्लकि पुराने दिन की है। बलदेव व देवरानी की प्रेमकथा को जिस अन्दाज से दिखाया गया है वह बहुत ही रोमांचक है। शादी के बाद उन के आपस के नटखट आदतोँ को लिखना ना भूले। बलदेव को माँ नहीं ब्लकि देवरानी या पत्नी ही बुलाना चाहिए ताकि उनका प्यार और मजबुत हो। उन्के बीच में इस तरह के प्यार भरी बातें जितनी होगी यह कहानी को और ज्यादा मधुर बना देगी।
आप आप को धेड सारी शुभकामनाएं। कहानी लिखते रहें और हमें आनन्द देते रहें। और स्वस्थ रहें।
भकामनाएं। कहानी लिखते रहें और हमें आनन्द देते रहें। और स्वस्थ रहें।सुन्दर रिप्लाई भाई आपने सही कहा