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Adultery manmohak rashak kahaniya.....(short stories)

Yogibaba00007

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में अपने कमरे जा के ड्रेस अप किया फॉर्मल शर्ट और फॉर्मल पैंट शर्ट इन कर के पहन लिया । बालों को कंघी किया चेहरे पे क्रीम लगाया और हल्का सा परफ्यूम ।





और कुछ नोट्स तैयार किए थे वो लिया और बाहर गेट पे इंतजार करने लगा । थोरी देर बाद मां बाहर आई वोही सारी में जो मैने बेड पे रखा था ।



में " आज तो इंद्र देव भी आपका पीछा नही छोड़ने वाला है "



मां " चुप नालायक जो पहनती नही वोही निकल के रख देता हे । ये सारी बोहोत ज्यादा सिल्की होने कारण स्लिप्री है गांठ ढीली पड़ जाती हे "



में " कोई बात नही । आज का दिन गुजर ले । "





मां बाइक पे बैठ गई । और बाइक चलाने लगा । मां की हांथ मेरे कंधे पे थी । लोग घूर घूर के देख रहे थे । देखे भी क्यू ना मां की हुस्न के आगे ताजमहल भी शरमा जाए ।





गदराया हुआ भरा जिस्म छोड़ी फुला हुआ चीना धेनुकृति कमर और उसके नीचे लोटे जैसे आकार में चौड़ी चुटर । गोल चेहरा गोल बड़ी बड़ी आंखे पंखुरी जैसी गुलाबी होंठ गोरी त्वचा छूटे ही निसान पड़ जाए गुलाबी गाल । बस हाइट से मार खा गई मां की हाइट लगभग 5 फीट 2 इंच थी फिर भी परफेक्ट थी 36—32—38 जान लेने वाली कातिलाना फिगर ।









मैंने स्टेशन में बाइक पार्क की और स्टेशन के अंदर गया हमारी वाली ट्रेन सामने रुकी हुई थी और हम चढ़ गए टिकट ले के । ट्रेन चलने लगी हमेशा की तरह भीड़ थी । जब भी में मां के साथ ट्रेन में चढ़ता तो लोग मां को देख आनंदित हो जाते थे और मुझे देख के जलन की इतनी खूबसूरत औरत उनके साथ क्यों नही हे ।









जैसा की लोकल ट्रेन में दो पैसे के लिए भागम भागी करने वाले लोग सफर करते है ज्यादातर आज भी वैसे ही लोग थे । ट्रेन में और भी लड़किया औरतें थी । लेकिन मां को देख के कोन बोल सकता है की ये भी मिडिल क्लास की 25000 कमाने वाली औरत है जिसकी उम्र 48 साल की है देखने पे 35 की ऊपर नही लगती । लोगो को लगता होगा की किसी मजबूरी में अपनी मर्चेडिज छोड़ के ट्रेन में आ गई ।







ये सफर मेरे लिए किसी जन्नत की सैर करने जैसा होता था । हमेशा की तरह मेरी नजर आसपास की लोगों के नजरे पकड़ने में लगे । में मां की पीछे लेफ्ट साइड में खड़ा हो गया । मां के आगे एक लड़की और एक औरत थी और पीछे तीन मर्द । एक मेरे उम्र का लड़का दो अधेड़ उम्र के बूजुर भी कहा जा सकता है।





सबकी नजरे अपने कला से भाप लिया की कोन कोन मां ताड़ रहा है और कोन नही । एक नजर ऐसी मिली जो पीछे वाला लड़का था उसकी नजर मां की कमर में थी ।







मां की लेफ्ट कंधे पे हैण्ड बेग थी । और उसने राइट हैंड से ऊपर हैंड ग्रीब पकड़ रखी थी । मां जिस जगह खड़ी थी उस जगह पे पंखे कि हवा नही आ रही थी । और भीड़ की वजह से दरवाजे और खिड़की से आती हुई हवा भी मां के पास नही पड़ रही थी । मां की ब्लाउस के बाहर उसकी व्हाइट ब्रा लाइन दिखाई दे रही थी इतना को लोग बिना ब्लाउस के अंदर झांक बता सकता था की मां ने व्हाइट ब्रा पहनी हे । मां की ब्लाउस दीप नेक और दीप बैक्लस थी जिससे मां की गोरी चिकनी पीठ देखने वालो कि मुंह में पानी ला रहा होगा । मां की कमर दाई तरफ से खुली प्रदर्शन करवा रही थी । उनके कमर में एक तील था जो उसकी हुस्न को और चार चांद लगा देती थी ।







वो लड़का मां चूतर मां की पीठ से हवास की नजरें हटा ही नही रहा था एक पल के लिए भी ।बाकी लोग तो फिर भी एक नजर मार के देख लेते है । गर्मी के कारण मां की पीठ पे पसीने के बूंदे आने लगी । उनकी बगल पसीने से गोली हो गए माथे से पसीने बहने लगे जो बार बार रुमाल से पोंछ रही थी । और मेरा अंदर का जानवर ये सब देख कर उपभोग कर रहा था ।
 

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ये थी मेरी बीमारी । मेरी जगह कोई और होता तो शायद उसी वक्त उन सबकी आंखें फोड़ देता । अगर कोई कमजोर भी होता तो शर्म के मारे नजरे नीचे कर लेता फिर भी अपनी मां की जिस्म को हवास की नजरों देखे ये कभी बर्दास्त नही करता । लेकिन मेरे साथ उल्टा होता हे । ये देख के मेरा दिमाग शांत रहता है में अपने काम फोकस कर पता हूं । मुझे अच्छी नींद आती है । मेरी हवास शांत होता हे ।













मेरी बीवी मेरे 2 इंच से नही भागी मेरी अजीब गरीब बीमारी से भाग गई थी । जब मुझे पता चला की उसके एक्स ब्वॉयफ्रेंड के साथ कभी कबर चैटिंग होती हे जो उसने खुद बताई थी तो मेरी काल्पनिक दुनिया में नई कल्पना रचा और अपनी बीवी के साथ अंजाम देने का सोचा ।





मैने पहले उसके एक्स ब्वॉयफ्रेंड से दोस्ती करने माना लिया मैने भी दोस्ती की उसके एक्स ब्वॉयफ्रेंड के साथ फिर में अपनी बीवी को सिड्यूस करने लगा की उसके साथ सेक्स करें ।





लेकिन मेरी बीवी को कदापि पसंद नही था । मैने बोहोत कशिश की लेकिन उसने ना मानी और एक बोली ।" जब उसके साथ ही सेक्स करना हे तो में तेरे साथ क्या कर रही हूं । खुद तो कुछ कर नही चकता दूसरो के नीचे लिटाने में लगे पड़े हो । में जा रही हूं हमेशा के लिए अपनी सकल मत दिखाना । तू दिमाग से पागल हे बस चले तो अपनी मां को भी गैर के नीचे लिटा दोगे । "











ये बातें मुझे आज भी याद हे उसकी । और में कुछ हद तक सही भी मानता हूं । लेकिन मैने कभी अपने दिमाग को सुधारने की कशिश नही की कभी सोच को बदलने की कशिश नही की । मुझे लगता है मेरी सोच मेरी दोस्त है वो हमेशा मेरा भला चाहता हे ।





15 मिनट बाद हम ट्रेन से अपना स्टेशन उतरे और थोरी दूर पेडल चल के स्कूल पोहॉच गया और वो लाइब्रेरी चली गई ।







मैने हेड ऑफिस में अटेंडेंट्स लगाया और टीचर्स कि रूम में जा के नोट निकाल के देखने लगा । कोनसा नोट देना है कोनसा आज समझना है । क्लास टैस्ट भी लेना था अगले हफ्ते उसका सिलेबस कटना था वो सब काम में कर रहा था ।







विकाश ज्योंति कर के एक टीचर था जो गणित पढ़ाया करता था । वो मेरे पास आ के बैठा " और रजनी बेटा कैसे हो ।"



में " हां सर सब ठीक । आप बताइए ।"



विकास सर " अरे भाई क्या बताऊं । 9th क्लास के बच्चे बोहोत बिगड़ गए है । में बोर्ड पे सॉल्यूशन समझा रहता हूं लड़के लोग गुटखा खाते रहते है मोबाइल निकल के बैठ जाते हे । लड़के तो लड़के ही लड़किया भी बिगड़ गई है "





में " जमाना बदल गया सर । हमारे जमाने में तो धाप धूप मार पड़ती थी । अभी इनको एक थप्पड़ लगाओ तो पैरेंट्स एफआईआर कर देते हे "



विकास सर " हम सही कहा । नारू पब्लिक स्कूल में हाल में ऐसा कैसे हो गया है । अच्छा तुम्हारी मां शालिनी आई है आज "



में " हा आई है । कुछ काम था "



विकाश सर " नही बस पूछ लिया । "





में मन में सोचने लगा । " खुसाद बुड्ढे सब समझता हू । लेकिन तेरे टकले पे मूत के चली जायेगी लेकिन कभी पतेगी नही ।"







लंच ब्रेक में मां और में कैंटीन में गए खाना खाने वाहा भी विकाश सर हमे ही ढूंढते हुए और हमारे साथ ही बैठ के खाना खाते हुए अपनी मन घरण कहानियां सुना के पका दिया ।









वैसे तो कोई मेरी मां के दीवाने थे । लेकिन सब जानते थे मां संस्कारी थी गैर मर्द के साथ कभी रिश्ता नही बनाएगी । फिर भी लगे पड़े थे चपरासी से ले के सिक्योरिटी गार्ड भी उनके साथ दो बातें करने के लिए मर मिटते थे । मां की हर बात माना करते थे उनके दीवाने लोग । जब कभी मां काम पे नही आती थी उनके दीवाने उनके एटेंडेंस भर देते थे । मां अपनी हुस्न का फायदा उठाना जानती थी ।
 

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में हमेशा मां के साथ रहता । वल्कि वो मेरे साथ रहती थी । कही भी जाना हो वो मेरे साथ जाति थी और लोग जब उसकी हुस्न को देख के आंखे सेक लेते तो उस पल को में एन्जॉय करता हूं । खासकर सब्जी मंडी में मुझे बोहोत मजा आता हे । में जान बूझ कर नीचे बैठ के दुकान लगाने वाले के पास बहाने से ले जाता हू । और जब मां झुकती है या फिर नीचे बैठ जाती हे तो सब्जी वाले की नजर कहा होती है में देखता हू और जैसा की मेरी उदमिद होती थी सब्जी वाले की नजर मेरे मां की ब्लाउस के अंदर हो सच में उनकी नजर मां की मोती मोती चूचियां ताड़ने में होती है ।













मुझे इस खेल में मजा आता था । दूधवाला भी मेरे मां के दीवाने थे । गैस वाला तो महीने में दो बार आता था गैस खतम तो नही हुआ बहाना कर के । जब की मां बोलती थी खतम होगा तो फोन कर दूंगी । मां भी अनजान नही थी । लेकिन मां सच में शरीफ थी मैंने मां पे पूरी रिसर्च की हे । पूरे घर में हिडेन कैमरा और माइक्रोफोन लगा रखा हे मैंने । और मेरे पास रिमोट से कंटोर्ल करने वाली कैमरा थी जो एक छोटी सी बटरफ्लाई कैमरा थी । उन सब चीजों को मैने बड़ी मेहनत से ढूंढ ढूंढ के खर्चा कर के इकट्ठा किया था ।





कभी कभी मां पोर्न मूवीज देखती थी और अपनी छूट मचलती थी अपनी चुचियों को कस के मचलती थी । और सावार के नीचे छूट रगड़ती थी ।









मैने एक प्लान बनाया । बड़ी सोच समझ के दो कदम आगे की सोच के मैने हिम्मत से काम लिया । मैंने लाइब्रेरी की लेडीज टॉयलेट में कैमरा छुपाई । और रोज रिकॉर्डिंग करने लगा । जिसमे मेरी मां मुटने जाती थी । इस शक्कर में लाइब्रेरी काम करने वाली लड़किया या फिर औरतों की एमएमएस मैने सेव कर ली अगर बाद में किसी काम आ जाए । लेकिन मां का ढंग का वीडियो नही मिल पा रहा था मुझे । आके मूत के टीसू पेपर से पोंछ के चली जाती हे ।







लेकिन एक दिन वीडियो मिल ही गया । एक दिन टॉयलेट में मां आई और अपनी कुर्ती उतार दी । उनकी ब्रा की हुक्त टूट गई थी जो उसने ब्रा भी खोल के सेफ्टी पिन से जुगाड़ कर बापच से पहन ली और कुर्ती भी पहन ली । में खूसि से पागल हो बैठा ।







मेरा प्लान था मां को किसी के साथ सिड्यूस करवा दूं । लेकिन में जनता था मां कभी ऐसा नही करेगी । वो सिर्फ उसके साथ करेगी जिसके साथ प्यार मोहब्बत करेगी । और तब तक का मेरे पास टाइम नही था । ब्लैकमेल के अलावा मेरे पास कोई रास्ता नही था और मेरा जानवर शांत नही हो रहा था बोहोत उतावला था ।









उसी रात मैने मां के वाटचैप पर वीडियो भेज दी दूसरे जुगारू नंबर से और मोबाइल भी चोर मार्केट से लिया था ताकि कुछ गरबर होने पे पकड़ा ना जाऊ । मैने सारे सेटिंग कर रखे थे अगर मां पुलिस कंप्लेन करेगी भी तो आसानी से पकड़े जानेवाला नही था । और हवास ने ऐसा हिम्मत दिया की एक पल भी नही सोचा की अगर पकड़ा गया तो क्या होगा । और कॉल ना लगने वाली भी स्टिंग कर दी । ताकि मां से बात ना करना पड़े नही तो मेरी आवाज़ पहचान जायेगी । इस काम अपने बाप से कुछ पैसा लिया जो हसी खुशी दिया था वैसे भी हर महीने खर्चे का पैसा देता ही हे ।









एक घंटे के अंदर 10 msg जो देख मेरी होंठो पे हंसी आ गई । " कोन हो तुम । क्यू किया ऐसा । क्या चाहिए तुम्हे । तुम जानते नही में कोन हूं । शर्म नही आती ऐसा काम करने पर । डिलीट करो अभी के अभी । वरना में पुलिस केस करूंगी "









मां डरी हुई थी लेकिन मैसेज पे मुझे धमका रही थी । लेकिन मुझे मजा आ रहा था । मां की रातों की नींद उड़ चुकी जैसे सांस लेना मिस्किल हो गया था ।







सुबह होते ही मां बाथरूम में बैठ के मैसेज करने लगी ।



" डिलीट की या नही "



" चुटिया हूं क्या । डिलीट करना होता तो तेरे को क्यू भेजता । तेरे को समझ नही आति क्या टेरेको ब्लैकमेल कर रहा हू ।"





" क्यू कर रहे ऐसा । प्लीज ऐसा मत करो "



मां रोने की इनोजी भेज रही थी जो मुझे हसी आई



" जो मुझे चाहिए वो दे दो "



" क्या चाहिए तुझे *"





" अनारकली तेरी खूबसूरती का में कायल हूं । बस एक मेरे साथ बिताओ । तुझे भी मजा दूंगा और लूंगा भी तेरी । बस एक रात । तेरे पास दोनो घंटे है हा या ना बताने का । ना किया तो दो घंटे बाद पूरा शहर देखेगा फिर पूरी देश फिर पूरा वर्ल्ड ।"





" बोहोत हो गया । में अभी पुलिस के पास जा रही हूं "





" लगता हे तुझे ट्रेलर दिखाना पगेड़ा । एक तो अपने लाडले की वजह से बदनाम हो । शहर के आधे से ज्यादा लोग जानते होंगे की तेरा बेटा नामर्द हे । तुझे बदनामी जीना अच्छा लगता हे तो ले तेरे बेटे को वीडियो भेज दी "







में जान बूझ के मोबाइल टेबल में रख के बाथरूम में चला गया । मां दौड़ती हुई मेरे कमरे में आई और मेरे मोबाइल से वीडियो डिलीट की । मां इतनी दर गई की पसीने से नहा सूकी थी ।





मां बापच अपने कमरे में गई और मैसेज की " देखो में वो सब नही कर सकती तुझे पैसे चाहिए तो बोल । 1 लाख 2 लाख "





" भोसडी के अगर तू बिकती तो में तुझे लाखो दे के खरीदता "





" प्लीज । ऐसा मत करो अपनी मां बहन के बारे में सोचो "





" दो घंटे वरना अपने आप नेट पे वायरल हो जायेगा "



" नही ऐसा मत करो । "



मैंने कोई रिप्लाई नही दी । मां भिंक मांग रही थी ।
 

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2 घंटे होने में 5 मिनट बाकी था और मैंने मैसेज कर दिया । मां परेशान हो चुकी थी वो क्या करे । उसके साथ सो के इत्त्जत बचाए या फिर पुलिस के पास जाए । अगर पुलिस के पास गई तो हो सकता हे पकड़ा जाए लेकिन वीडियो वायरल होगा । आगे खाई पीछे कुवा करे तो करे क्या । ऐसे केसेज ज्यादातर सबके सामने इत्जत बचाते हुऐ एक के साथ इज्जत लुटवा लेती ।





" तो हा ये ना में बताओ "



" नही में ऐसा नही कर सकती । समझा करो "



" ओके । काल तुझे लोग घूर घूर के देखेंग उसके लिए ऑल द बेस्ट "





कुछ देर तक कोई रिप्लाइ नही आया । लेकिन जैसे ही दो घंटे हुए मां का मैसेज आया " में तैयार हूं "





में बेड पे गिर के सांस छोड़ के चैन लि की मां मान गया । मैने मां को रिप्लाई दिया " रात को मैसेज करता हूं तब तक वैक्सिंग सेक्सिंग करवा अपनी चिकनी बन "









अब मेरे प्लान को आगे बढ़ाने के लिए एक मोहरे की जरूरत थी । और मैने एक जिग्लो से चैटिंग की । पहले तो उसका फोटो देखा एक बॉडी बिल्डर था । लेकिन उसका लंद देख के में हैरान था की क्या ऐसा सच में होता हे । प्रोफाइल में फोटो था जिसमे उसने 9 इंच बता रखा था देखने में जैसे हाल्फ लिटर की मिनरल वाटर की बोतल जैसा साइज था । मैने पूछा ऐसा कैसे हो सकता हे तू उल्लू तो नही बना रहे हे । मुझे विश्वास नही हो रहा था तो मैंने वीडियो कॉल कर के दिखाने को कहां । और उसने किया मैने कमरे पे उंगली रख दी । उसने भी अपना चेहरा नही दिखाया बस बॉडी और अपना खड़ा लन्ड । सच में वैसा ही था जैसा फोटो में था ।



मैने उसे आगे का प्लान बताया तो उसने सीधा माना कर दिया की ऐसा जबरदस्ती वाला काम नहीं करता है । लेकिन मैने लालच दिया डबल देने का । पूरे 10 हजार । वो मान भी गया लगता हे पैसे की बोहोत जरूरत होगी उसे ।











रात को मां से मैसेज की " काल शाम 6 बजे रूपा सिनेमा हाल में मिलना जानेमन "



मां " प्लीज ऐसा मत करो । तरस खाओ मुझ पे में अच्छी घर की औरत हूं "





में " अगर 6 बजे से 1 मिनट भी लेट आया तो तेरे बेटे का वीडियो बना के दोनो मां बेटे की वायरल कर दूंगा । "









सब प्लान के हिसाब से हुआ । दर क्या क्या नही करता । इंसान इत्जत के लिए जीता है । एक मर्द अपनी मर्दानगी की इत्जत के लिए और एक औरत अपनी आबरु के लिए । उसके खातिर कुछ भी करवा सकता हे बस थोड़ी खेल खेलने की जरूरत है ।









जिस लम्हें का मुझे इंतजर था वो पल जल्दी ही आने वाला था । में अपनी बाइक धो रहा था और मेरी बाहर निकली वो हमेशा की तरह दैनंदिन कपरे में थी । सावलार सूट और हाथ में हैंड बैग और बालों को इलास्टिक से बांध रखी थी । चेहरे पे आज हल्का मेकअप भी नही थी आंखे नम थी जो मुझसे छुपा रही थी । ओर बोली " रजनी जरा में बाहर हो के आती हूं । "







और मेरे जवाब दिए बिना वो चली गई । में तुरंत अपने कमरे में गया और उस प्ले ब्वॉय कॉल किया और तैयार रहने को कहा ।











और प्लान के मुताबिक प्ले बॉय ने मां को रूपा सिनेमा हॉल से पिकअप किया और आयो में रूम बुक कर के रूम के अंदर ले गया । प्लान के मुताबिक उसको मेरे कॉल से जुड़े रहना को था जो लेकिन वो मुझसे बात नही कर सकता था सिर्फ में उसे ऑर्डर दे सकता था उसके ईयरबड के जरिए । और अपने मोबाइल को वीडियो कॉलिंग के जरिए रूम के कोने में रख देना था ।









में अपने लैपटॉप के स्क्रीन में देख के इंतजार कर रहा था । में इतना एक्साइटेड था की क्या बताऊं जिंदगी में कभी में इतना एक्साइट नही हुआ था जितना में आज था ।







कूची देर में स्क्रीन में एक कमरे के सीन आया और में खुशी से झूम उठा । लेकिन ये क्या मां बेड पे एक कोने में बैठ के मुंह छुपाए बस रोए जा रही थी । " प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करो प्लीज में तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूं । में तुम्हारे पैर पड़ती हूं प्लीज मुझे जाने दो । मेरे साथ ऐसा मत करो ।







और मेरा प्ले बॉय उसे देखता ही रहा । मुझे उस प्लाईबॉय के ऊपर बोहोत गुस्सा आया । और मैने उसे धमकाते हुए बोला " साले देख क्या रहा वे उसकी कपरे उतार जल्दी "







प्लेबॉय मां की पास गया और मां उससे और दूर सड़क गई । प्ले बॉय फिर रुक गया । मुझे बोहोत गुस्सा आया । " मादरचोद अपना काम कर । तुझे जितना पैसा मांगा था मैंने उतना ही दिया है चाहे तो और दे दूंगा । उतार उसकी कपरे । थोड़ा नखरा करेगी बाद में शांत हो जायेगी "





प्लेबॉय फिर मां के पास गया और मां की चूर्णी पे हाथ डाला की मां उसके पैरो में गिर गई । " मां रोटी रोटी उसके आगे बिंख मांगने लगी की मुझे छोड़ दो प्लीज "





प्ले बॉय मुझसे बात की । " साले ये मेरा प्रोफेशन नही हे किसी के साथ जबदस्ती करने का । और साला तू मेरा भी वीडियो बना रहा हे ना । ये वीडियो वायरल की तो मेरा धंधा बन हो जायेगा । दम हे तो खुद कर ले ।"









और इसके बाद ही स्क्रीन ऑफ । वो शायद कॉल डिस्कोनेंक्ट कर के रूम से बाहर निकला गया था । मुझे इतना गुस्सा आया की में जोर से चिल्लाया " आआआआआआआआआआआआआ बहनचोद " और मैने अपना मोबाइल दीवार पे पटक दिया । मेरा सारा का प्लान बर्बाद हो गया ।







में जमीन पे बैठ के गुस्से में आगबबूला हो के शर पकड़ कर बैठा रहा । क्या करूं कुछ समझ नही आ रहा था ।









7 बजे मां घर लौटी । मेरे साथ नजरे नही मिला रही थी । मैने पूछ की क्या हुए तो उसने बताया कि तबियत थोड़ा ठीक नही लग रहा हे । तो मैंने बोला की डॉक्टर को बुलाऊं तो उसने बताया कि बस शर थोड़ा भारी है एक अच्छी नींद लूंगी तो ठीक हो जायेगा ।









मुझे बर्दास्त नही हो रहा था । उस प्लेबॉय के ऊपर गुस्सा मेरा शांत ही नही हो रहा था । मुझे शांति चाहिए थी और में रात में मां को बिना बताए ही घर से निकल गया ।









शहर में रात के 12 बजे तक इधर उधर घूम रहा था पागलों की तरह । दो बॉटल बियर का नशा चढ़ चुका था । जब धीरे धीरे सड़कों की भीड़ कम होने लगी तो सोचने लगा अब में कहा जाऊ । नशे की हालत में भी था होश खो बैठा था । और घूमते घूमते मुझे एक गुदाम मिला तो उसके अंदर ही में जमीन में सो गया ।











सुबह जब तेज धूप मेरे आंखो में पड़ी तो में जाग गया । और मुझे रात को चारें घटना याद गया । मेरे पास मोबाइल भी नही था बाहर धूप देख के मुझे आइडिया लगा लगभग 10 या 11 बज रहे होंगे । और में ऑटो पकड़ के घर चला गया ।









मुझे लगा मां परेशान होंगी और मुझे देख के खुश होगी लेकिन ये क्या मां सोफे पे बैठी मुंह फुलाए बैठी हे । में नजरे झुकाए बोला " वो में दोस्त के घर गया था । आपको परेशान नही करना चाहता था आपकी तबियत ठीक नहीं थी । इसलिए बिना बताए चला गया था "







मां सोफे से उठी और मेरे पास आई " अच्छा तेरे तो कोई दोस्त नहीं है । "





के कुछ बोलने ही वाला था मां मेरे कमरे में गई और मेरा लैपटॉप और और मेरे सारे गैजेट ला के मेरे सामने पकट दिए । मुझे याद आया गुस्से में में इतना पागल हो गया था सारे चीज़े को अपनी जगह रखना भूल ही गया था जो मेरी एक खुफिया जगह थी छुपाने का ।





मां गुस्से में बोली " क्या हे ये सब । क्या है । तू सच में इंसान हे या दानाब । अपनी ही मां की नेकेड वीडियो बनाता हे । अपनी ही मां की ऊपर गंदी नजर रखता हे । और कल तो ही कर दी । उस अनजान लड़के के हाथों मेरा रेप करवाना चाहता था । "







मेरे पैर थर थर कांपने लगे । पहली बार मैंने मां का इतनी भयानक रूप को देख रहा था अपनी आंखो के सामने ।





मां ने चप्पल उतरी और मुझे मरने लगी में अपना बचाओ करने लगा " नीच । हरामखोर तू मेरे कोख से पैदा हुआ क्यू । तुझे जरा भी शर्म हया नही अपनी ही मां के ये गंदा काम करते हुए । अभी के अभी मेरे घर से निकल इससे पहले की में पुलिस को बुलाऊं "







में मां की चप्पल से बचता हुआ अपने कमरे में गया और दरवाजा बंद कर दिया । और दर के मारे कांपने लगा की अब में क्या करूं । लेकिन में एक बात समझ गया और यहां एक पल भी रुका तो मेरा हालत बुरा होगा । सच में मां पुलिस को बुला लेगी । और मैने कुछ कपरे पैक किए और जितने पैसे थे सब लिए । और में घर से निकल गया । जाते जाते मां की आखरी लाइन सुनाई दी मुझे " आज से तू मेरे लिए मर चुका हे "
 

Yogibaba00007

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में अपनी जिंदगी तबाह होते हुए देख रहा था । अब ना कोई मंजिल थी ना कोई रास्ता था मेरा । बस पानी पियो और जितने दिन जिंदा रह सकते हो मर मर के जिओ ।









लेकिन मरने का भी मुझे कोई दर नही था । मुझे अंदर एहसास होता था की मर रहा हूं । जैसे मकड़ी ने मेरी जिस्म को अंदर से खाए जा रहा हे बस मेरी आत्मा मेरे शरीर को छोड़ के निकल जाने की देर हे ।







मैने एक महीने तक स्कूल नही गया । ना किसी ने मुझे कोई कॉन्टेक्ट किया और ना ही मैंने किसी को । मुझे पता था मां अब मुझे भूल चुकी हे । कोनसा बेटा अपने मां के साथ ऐसा करता होगा या फिर कभी किया होगा । अगर एक बेटे का मां बेस्या भी होगी तो भी शायद वो अपनी मां को ब्येश्या की नजर से नही अपनी मां की नजर से देखेगा ।











मैने एक बदबूदार गली में एक छोटा सा कमरा रेंट पे लिया था और दिन रात नशे उस कमरे में पड़ा रहता था । मैने खुद को इस हालत में छोड़ दिया था की कोई आ के मुझे मार भी जाए वजह तो भी कोई गम नही । बल्कि में तो उसे पुण्य का काम किया हे बाल के धन्यवाद से नवाजूंगा । कुछ कीमती होता मेरे पास तो में उसे दे के आखरी सांस लेता ।









लेकिन मेरी जिंदगी इतनी अचनी से खतम नही होने वाली थी । एक दिन में अपने कमरे में पड़ा था । उस वक्त में नशे में नही था थोरी देर बाद में ठेके पे जाने वाला था । किसी ने दरवाजा खटखटाया मैंने सोचा मकान मालिक भारा लेने आ गया होगा ।





मैने दरवाजा खोला सामने मेरी मां खड़ी थी । में मां को देख के हैरान था । मां नाक सिकुड़ के कमरे में आ गई । बहार छोटे छोटे बच्चे देख रहे थे की मेरे कमरे कोन आ गई हे । मैने उनको भगाया और कमरे के अंदर आ गया ।









मां कमरे की हालत देख के मुंह बना रही थी । में क्या बोलू कुछ समझ नही पा रहा था । कुछ पल खामोशी से गुजरे ।





में हिम्मत कर के बोला । " बैठिए "



मां खात पे बैठ गई और हैंड बैग रख दी । मैने स्टील के कैन से एक ग्लास पानी निकल के मां को दिया । इतने दिन बाद मां ने मेरी आंखों में देख के पानी ली और जैसे ही पीना चाहा वो नाक सिकुड़ के पानी साइड में रख दी ।







मां बोली " इतनी गन्दी जगह पे कैसे रह रहा हे । "





में " आपको कुछ काम था " में अपनी मां से नजरे नही मिला पा रहा था ।





मां " स्कूल में सब तुम्हारे बारे में पूछ रहे थे । "



में " बता देते में जब छोर चुका हूं "



मां " कैसे बताती । प्रिंसीपल भी बोहोत नाराज हे तुमसे बिना बताए जब छोर डी। मैंने अभी तक रोक के रखा है ये बोल के की तुम किसी जरूरी काम से बाहर गए हो । "



में " में जॉब छोड़ चुका हूं । "





मां " ठीक हे । चलो घर चलो में लेने आई हूं तुम्हे "



में " यही मेरा घर हे । में अपने घर ही हूं और यही रहूंगा "





मां " तुमसे बात करनी है । चलो घर चल के बात करेंगे आराम से । कितने दुबले हो गए हो दिन भर शराब पीते रहते हो । लोग तुम्हे बेवड़ा बुलाते हे पता हे "





में " बोलने दो । आप यह क्यू आई हे । में तो आपके लिए मर गया हूं ना । तो फिर क्यू आए हो । या फिर कानूनी तरीके से मुझे अपनी जिंदगी से बेदखल करना चाहती हो । उसके लिए आए हो तो जिस कागज पे सिग्नेचर करना है बोल दो में कर दूंगा "







मां " नही में ये सब नही करने आई हूं । लेकिन तूने काम ही ऐसा किया हे की । क्या बोलू बोलते हुए शर्म आ रही हे । लेकिन में तुम्हे लेने आई हूं । सबको एक मौका मिलनी चाहिए "







में हंस पड़ा । " जानता हूं आपको अपनी ममता जाग उठी थे । लेकिन एक बात कह दी मुझे कोई अफसोस नहीं जो मैने किया आपके साथ । "





मां मेरी तरफ देखने लगी में मां के सामने बैठ गया । पता नही वो क्या सोच रही थी ।
 

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मां " तुम्हारे पापा और मेरे बीच हमेशा लड़ाई जगरा होते रहते थे इसके शक्कर में में तुम्हे सही परवरिश नही दे पाई इसलिए तुम गलत रास्ते पे गलत राह पे चले गए हो । मगर अब सब कुछ सुधारना चाहता हूं । जो हुआ सब कुछ बोल जाओ । और हम नई जिंदगी शुरुआत करेंगे । "







में " इससे कुछ फर्क नही पड़ने वाला । में जैसा हूं वैसा ही रहूंगा । आप जाइए यह से "





मां मेरे करीब आई और मेरे गाल में हाथ रख के बोली " जानता हूं तुम अपनी जिंदगी से नाखुश हो । हमेसा अकेले रहने की वजह से तुम्हारे सोच थोरी बदल गई हे । और उसकी वजह से तुम डिप्रेस में चले गए हो उसकी सजा उसको मिलेगी । तुम सिंटा मत करो मेरे साथ चलो अभी "



में " मां उसकी कोई गलती नही थी । वो मेरी कमी के वजह से भाग गई है । आपने कभी जानने की कशिश की ही नही । मेरे बारे में आप गलत हो जो में असल में हूं आप मुझे नही जानती "





मां " क्या मतलब हे तुम्हारा "





में " वो मेरी वजह से भागी थी । लेकिन मेरी असलियत जानते हुए भी वो मेरे साथ रहना चाहती थी "





मां " क्या कह रहे हो रहना चाहती थी भी और भाग भी गई । क्या कहना चाह रहे हो ठीक से साफ साफ बोलो ना "



में " क्यू की मैने उसको उसके एक्स बॉयफ्रेंड के साथ सोने को बोला था । मुझे उसको उसकी एक्स बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स करते हुए देखना चाहता था । जो में नही एक पता था उसके साथ । क्यू की मेरा खड़ा ही नही होता हे । पिद्दू सा हे मेरा "





और में खड़े हों के अपना पेंट नीचे कर के एक मिनट तक खड़ा रहा । मां मेरी नूनी को मुंह फाड़ के देखती रही । कुछ देर बाद मैंने पेंट ऊपर किया । मां मेरे गले लग के मुझे खाद पे बिठा दिया ।







मां " एम सॉरी । मैने कभी इस बात पे ध्यान ही नही दिया । में भी कैसी मां हूं तुम कितने तकलीफ में थे और मैने ध्यान ही नही दिया । सॉरी बेटा मुझे माफ कर दे । "



में " कोई बात नही । मुझे देख के कोन के सकता हे की नपुंचक हूं । आप भी नजरों का धोखा खा गई । बहार से इतना बड़ा मुस्टंडा लेकिन अंदर से उसके लाठी में दम ही नही हे । "





मां मुझे गले लगा के प्यार करने लगी " सॉरी । तुमने मुझे कभी बताने की नही सोचा । मां हूं तेरी अपनी प्रोब्लम बता देते । अच्छा बुरा ना मानो तो एक बात पूछूं । तुम्हे लड़के तो पसंद नही हे ना ।देखो घबराओ मत मुझे से खुल के अपन प्रोब्लम शेयर कर सकते हो । में हर कदम पे तुम्हारे साथ दूंगी ।"





में हास के बोल " नही मां गे नही हूं । मुझे लडके पसंद नही है "



मां " ठीक हे डरो मत । आज काल सब बीमारी का इलाज है । इसका भी इलाज हे । चाहे जितना पैसा लगे हम खर्च कर के तुम्हारा इलाज कर के सब ठीक कर देंगे । और तुम्हारे पापा भी तुमसे प्यार करते हे वो भी हमारा मदट करेंगे "





में " नही मां मुझे कोई आर्टिफिशियल या किसी सर्जरी से ठीक नही होना है । में जैसा हूं वैसा ही ठीक हूं । मैने खुद को सिकरना सीख लिया हे मुझे इसका अब कोई अबओस नही होता हे । ".





मां " पर बेटा । तुम शायद सोच रहे हो इसका इलाज नही होगा । लेकिन बेटा तुम भी जानते हो मेडिकल साइंस में इसका इलाज हे तुम ठीक हो सकते हो अपनी नॉर्मल जिंदगी जी सकते हो । "





में " नही मां । मुझे नही ठीक होना हे में सच में ठीक हूं जैसा हे वैसा ही ठीक हे । लेकिन मेरी दिमाग में जो सोच है वो आपके लिए ठीक नही है इसलिए आप मुझे अपने हालत पे छोड़ दो । और चली जाओ । "



मां को शायद वो सब याद गया और उसे शर्म आने लगी वो नजरे झुका ली । " पर तुमने ऐसा क्यू किया "





में " मां में आपको समझा नही सकता । और आप कभी समझ भी नही पाओगी । आप चले जाओ "



मां " पर में अपने बेटे को लिए बिना नही जाऊंगी । में अपने बेटे के बिना नही जी पाऊंगी । पता हे में किस दर्द में जी रही हू तुम्हरे बिना । तू चाहे कितना भी माना का ले में तुझे यह से आज और अभी ले के जाऊंगी "
 

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में " आप समझ नेहीं रहे हे । में अपने सोच को कभी रोक नही पाऊंगा । में आपके साथ हमेशा खतरा बन के रहूंगा । जो मैने किया है वो में दुबारा करूंगा । क्यू में खुद रोक नही सकता और ना ही रोकना चाहता हूं । "





मां कुछ पल जमीन पे देखती रही खामोशी से पता नही क्या सोच रही थी । " तुम अपनी बीवी को तरह मुझे भी दूसरो के साथ देखना चाहता हे । लेकिन कुछ समझ नही पा रही हूं मैंने वीडियो में देखी थी तुम मेरे अंडरगार्मेंट के साथ वो सब "





में " हां । में आपसे भी अट्रैक्ट हूं । कैसे समझाऊं आपको । मतलब मुझे आपकी खुशबू पसंद हे आपका फिगर पसंद है और आपको नंगा भी देखना पसंद है । और आपको दूसरो के साथ सेक्स करते हुए देखना चाहता हूं । आप चली जाओ यहां से अभी चली जाओ । "







में मां का हाथ पकड़ के बाहर निकलना चाहा लेकिन मां मुझसे अपनी हाथ छुड़ा के फिर खात पे बैठ गई " कहा ना में तुम्हरे बिना में नही जाऊंगी । तुम समझते क्यू नही में तुम्हरे बिना नही जी सकती । "





में ." और में अपने हेवन को नही छोर सकता मां । में उसकी के साथ मरना चाहता हूं । प्लीज आप समझिए बात को । में अलग हूं । आप लोगो जैसा नही हूं । समझो । चाहे तो कभी कभी महीने में मिलने आ जाना । "





मां " अच्छा एक बात बता तू मेरे बारे में जो सोचता हे वो तो ठीक हे । लेकिन बेटा तू किसी गैर मर्द को मुझसे सेक्स करवाना चाहता था मेरी मर्जी के बिना क्या तुम्हे वो सही लगता हे । एक तरफ से मेरा बलात्कार हुआ ना । तू समझता हे बलात्कार क्या है । तू इतना भी तो ना समझ नही । बेटा तेरा हवास इतना गंदा है । "





में " इसी लिए तो में आपको के रहा हूं की आप चले जाओ "







मां " नही जा सकती ना । बेटे हो तुम मेरे । 9 महीने पेट में पाला हे तुझे दूध पिलाया हे तुझे मेने। "







में कोई जवाब नही दे पाया । मां जिद्द पे अड़ी थी की मुझे अपने साथ ले के ही जायेगी । और में कमजोर पर गया था । मैने कशिश की मां से दूर रहने की लेकिन मां की जिद्द ने मुझे एक उम्मीद दिखाई दी । में अपने मतलब की सोचने लगा ।







में " पर में कोई बादा नही कर सकता । आपके साथ कुछ होता हे तो मुझे जमीदार मत ठहराना । "





मां मुस्कुराई " लेकिन एक बात पे तुझे बादा करना होगा । की मेरा कभी बलात्कार नही करवाओगे । ये यहसास बोहोत बुरी है जब कोई अपनी मर्जी के बिना छूटा है तो । ओके । और जहा तक तुम्हारे गंदे सोच है वो में निकल के रहूंगी थोड़ा वक्त लगेगा । "







में मां के करीब गया और उसकी माथे पे चूम के बोला " ठीक हे वादा रहा आपके मर्जी के बिना आपको किसी से जबरदस्ती सेक्स नही कराऊंगा । लेकिन कुछ भी कर ले आपको गंदी नजर से देखना नही छोडूंगा और ना ही आप इस सोच के निकल पायेगी । "





मां खुशी से मेरे गले में लग गई " देखते हे कोन जीतता हे । सुकर माना तुझे मेरी जेसी मां मिली हे । मेरी जैसे मां इस दुनिया में कभी नही होगी । और हां थोरी इत्जत से बात करना सीख ले अपने मां के सामने ही सेक्स की बाते करता है । "





में हंस पड़ा " वो तो कभी होने से रहा नही । लेकिन जैसा वादा किया हे वो किसी भी हालत में निभाऊंगा । और वो जो किया उसके लिए माफ कर देना "



मां " कोई बात नही माफ किया । पहले ही कर दी थी जब तेरे बिना मुझे अकेलापन काटने लगे थे और तेरी याद मेरी दिल में चुरा मार रहे थे । चलो अपना सामान बांधो । "









समान तो कुछ खास थी नही । अपने कुछ दो चार अच्छे कपरे लिए और बर्तन वगैरा और केरोसिन से जलने वाला चूल्हा था वो सब वोही छोर के मकान मालिक को एक महीने का एक्स्ट्रा भारा भी दे के चला आया अपने घर अपने मां के पास ।
 

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फिर से जॉब पे जाने लगा मां के साथ । प्रिंसिपल बोहोत गुस्सा थे स्कूल की कमिटी को भी मानना पड़ा लेकिन मां की हुस्न ने यह भी बचा लिया ।







मैने मां के साथ जो किया वो तो ना में भुला सकता था ना मां कभी भुला पाएगी । लेकिन मां ने मुझपे बिस्वास किया अपने खून पे और मेरी जिंदगी सुधारने की अभियान में लगी पड़ी थी और खुद भी सतर्क रहती थी । मेरी हर एक हरकत पे उनकी नजर रहती थी ।









लेकिन जहा में मां को पहले कैमरे में देखता था अब में खुले आम मां की जिस्म को घूरता हूं जी भर के देखता हूं । पहले कुछ दिन शर्म से नजरे फिरा लेती थी या अनदेखा कर लेती थी । लेकिन धीरे धीरे उनको आदत पड़ गई और अब मुझे गुस्से से कभी देखती थी या कभी हल्के से मुझे मरती थी या फिर जूठा गुस्सा दिखा के बोलती थी " आंखे निकाल के गोटिया खेलूंगी सकती कपूर की तरह " मेरी हंसी छूट जाती थी ।









मां खुश थी मुझे अपने पास पा कर लेकिन दुखी भी थी मेरी कमजोरी के बारे में जान कर । उसने मौका देख के मेरे इलाज के बारे में कोई बार बात छेड़ी थी लेकिन मैने हमेसा की तरह माना कर दिया करता था ।









एक रात में मां के कमरे में गया सोने के लिए । मां हमेशा की तरफ ढीली ढाली घर में पहनने वाली मैक्सी पहनी हुई थी ।







मां बोली " क्या हुआ कुछ बात करनी हे क्या "



में " नही । पर में आपके साथ सोऊंगा "





मां " क्या । नही नही । बोहोत गर्मी हे । जाओ अपने कमरे में "





में बोला " मां दर क्यू रही हो । वैसे भी में चाहु भी तो कुछ कर नही सकता । प्लीज सोने दो आज मन कर रहा हे तुम्हारे साथ सोने को । "





मां " है बात पे गंदी बात बोलना जरूरी हे । ठीक हे सो जा "





में बिस्तर पे लेट गया और मां भी । मां को लगा में उनसे कुछ बात करूंगा लेकिन उनको पीठ दिखा के करवट में सो गया तो मां मेरे शर बालों पे हाथ फेरने लगी ।





में उनके हाथ को अपनी कमर में रख के बोला " मां मुझे पकड़ के सुनाई ना ऐसे "





मां मुझे पीछे से बाहों में भर के बोली " आज काल तू वर्कआउट नही करता क्या । तेरे बाई शेप गायब होते जा रहे हे ।"



में " कर रहा हूं । थोड़ा टाइम लगेगा पहले जैसे बॉडी बनाने में "



मां " वैसे तेरा बॉडी मस्त हे । तुझपे कोई लड़की मरती नही क्या " मां को लगा उसने कुछ गलत कह दिया



में " पता नही कोई देखता ही नही । सकल तो अच्छी हे फिर भी कोई भाव ही नही देती "





मां " तुझे क्या पता देती हे या नही । नजरे उठा के देखता भी नही होगा । स्कूल में कितनी अच्छी अच्छी सुंदर सुंदर अनमैरिड टीचर्स है तेरे उम्र की । बस अपनी मां के पीछे पड़ा रहता हे "





में मां करवट ले के मां के सामने घूम गया मां मुस्कुराते हुए मुझे बापच से करवट में ठेलने लगी " घुमा क्यू । चल इधर मुंह कर "







लेकिन मां मेरे ताकत के आगे बच्ची थी । और में मां को बाहों में भर के उसकी आंखो में सरारती नजरों से देखने लगा " क्यू की मेरी मां जैसी खूबसूरत कोई नही हे इस दुनिया में "





मां " सैटन का बच्चा । खूबसूरती को नजर से देखता तो ठीक था लेकिन तू हवास की नजर से देखता है मुझे कमीने "



में " मां आज काल तुझे बुरा नही लगता हे ना जब में तुम्हे इस नजर देखता हूं तो "



मां " क्या करू अब आदत हो गई हे । तुझे सुधारते सुधारते थक गई में "



में " मां मेरे वो सब कैमरे और मेरा लैपटॉप कहा रखे हे । मुझे मिला नही "



मां " सब जला दिए मैने "



में " ओह हो ।अब फिर से नया लेे
 

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में " ओहो अब फिर से नया लेना होगा "





मां " खबरदार जो फिर से मेरे कमरे में या बाथरूम में कैमरा लगाया तो "



में " पर मां मुझे आपको देखना हे नंगा ।"



मां " चुप कर । जीतना देखता है उतने में मन नही भरता है क्या तेरा "



में " 24 घंटे देखता भी राहु तो भी मन नही भरेगा मेरा । और ऐसे कहा नंगा देख पता हूं । कपरों में रहती हो । अच्छा मां कल सुबह नहाने से पहले अपने ब्रा पेंटी दे देना मुझे "





मां " उसका तू करता क्या है । वो तो तू करता नही जो लड़के लोग करते हे । "



में " सूंघ के मजा आता हे । फील आता हे मुठ ना मार पाया तो क्या हुआ लेकिन उससे भी ज्यादा मुझे मजा और सकून मिलता हे सूंघ के । पता हे आपकी पेंटी जो पेसाब और पसीने खुशबू आती कितनी मजेदार लजीज खाने की खुशबू की तरह है और आपकी ब्रा से भीनी भीनी जो खुशबू आती हे उसका में क्या बताऊं"





मां बुरा मुंह बना के " ची " बोल के करवट बदली ।





में मां को पीछे से ही बाहों में कस के भर लिया और उसकी मोटी बाह पे चूम के बोला। " कास आप मेरी फीलिंग समझ पाती मां "





मां ने कोई जवाब नही दिया उसने आंखे बंद कर ली और मैने भी आंखे बंद कर के उसकी जिस्म की खुशबू सूंघते हुए नर्म जिस्म को महसूस करते हुए सोने लगा ।













दूसरे दिन सुबह में तो देखा मां पहले ही उठ चुकी थी । तब 7 बज चुके थे में अपने कमरे में गया । अपने बाथरूम जा के फ्रेश हुआ और मस्त करने किचन गया । मां किचेन में ऑमलेट बना रही थी । मैंने देखा मां भी बाल अभी भी थोड़े गिले हे तो में फॉरेन बोला " मां ये चीटिंग हे । आपने कुछ देने के को वादा किया था और आपने नहा li "





मां " मैंने कब वादा किया था । नही मैने कोई वादा नही की थी कुछ देने का । "



में " मा बात को बदलो मत । कहा था मैंने नहाने से पहले आपका कुछ चाहिए मुझे "





मा मुस्कुराई और बोली " वो वोह । वो तो हमेशा की तरह वोही मिलेगा ना जहा तुम्हे मिला करता था "



में सीधा मां के बाथरूम में गया और देखा बाल्टी में मां की बसी अंडरगार्मेंट पड़े थे जो अभी तक उसने धोए नही । में आनंद से उसको अपने हाथों में उठाया और नाक में ले के लंबी सांस ली । आह मां ।









फिर हमने नाश्ता किया । मेरे मन में और उम्मीद जाग उठा । ऐसा लगा जैसे मां मुझे हड्डी डाल रही हे और में उनके पीछे डूंग हिलाऊ ।





मां तैयार होने कमरे में चली गई । पर मुझे आइडिया आया आज मां का मूड अच्छा है तो इसका फायदा उठाना चाहिए । में मां के कमरे में चला गया ।





मां " क्या हुआ स्कूल नही जाना क्या । तेरे स्टूडेंट जब फेल हो जायेंगे ना तुझे भी स्कूल से निकाल देंगे । हमेशा में तुम्हे बचा नही सकती । मेरे बाप की स्कूल नही हे जो हर बार मेरी सिफारिश मान लेगा स्कूल । "





में " नही में तो तयार होने ही जा रहा था । लेकिन मेरा मन थोड़ा भटक गया । कुछ दिलचास करने को मन हुआ "





मां आईने में खुद को सवार रही थी । में मां के पीछे खड़ा हो के उनको आईने में देख रहा था ।



मां " अब तुझे क्या चाहिए ।"



में " मां । आज में तुम्हे तैयार करना चाहता हूं । "



मां हंस पड़ी " अच्छा मैने तो मेकअप कर लिया हे बस कपरे चेंज करना बाकी हे । "



में " हां तो के कर दूंगा ना । इसी बहाने आपकी हुस्न को बिना पर्दे के देख लूंगा । मेरा दिल की ख्वाइश भी पूरी हो जायेगी "





मां " ख्वाईश । बेटा अपनी मां को नई नई कपड़ो में देखने के लिए नई ड्रेस गिफ्ट करते हे और तू अपनी मां की कपरे उतार के नंगी देखना चाहता हे और ढंग तैयार करने का । वह बेटा । पर में तेरी ये ख्वाइश पूरी नही कर सकती "





में " मां में तुम्हे दो साल से पता नही कितनी बार नंगी देख चुका हूं । रोज देखता था । तो अब क्या फर्क पड़ता है प्लीज मां मान जाओ ना प्लीज मां । "





मां । " नही । तब मुझे पता नही था । तब की बात अलग हे । पर में ये नही कर सकती सॉरी । जाओ तुम यह से । "





में नाराज होने का ढंग किया । और मुंह लटका के जाने लगा " हां आपको मेरी क्या परवा है मेरी खुशी का । "





में दरवाजे तक पोहोच ही गया था मां बोली " ठीक है । इमोशनल ब्लैकमेल करता हे अपनी मां के साथ ।
 

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में खुशी से मां के पीछे जा के खड़ा हो गया । लेकिन मां को देख के लगा रहा था की वो खुश नही हे । मजबूरी उसके सकल पे साफ दिख रही थी । लेकिन सुरुवार यही से तो करना होगा ।





में उनके कंधे को पकड़ कर " तो में ये मैक्सी उतरने वाला हूं । आप तैयार हो "





मां " जल्दी करो लेट हो रहे हे हम ।"





में मां की मैक्सी नीचे से धीरे धीरे उठाते हुए ऊपर से निकल दिया । मां आईने पूरी मादरजात नंगी दिख रही थी उसकी गोरा बदन मेरे आंखों के जरिए मेरी दिल को थंडांक पोहोचा रही थी । मां शर्म से अपनी आबरु छुपाने की कोशिश की एक हाथ अपनी चूचियां छुपाने लगी और एक हाथ अपनी चिकनी चूत को छुपाने की कशिश की ।







और में पीछे से अपनी मां को पकड़ा और उसकी चूचियों पे हाथ फेरते हुए बोला " ओह मां तुम कितनी सैक्सी हो । "





मां मुझे पीछे धकेलिती हे मुझे लगा वो शरमा रही है पर मां गुस्से में थी उसक मुझे जोर से थप्पड़ मारी " बेशर्म "





और उसने मैक्सी पहन ली । में अपने गाल पे हाथ रख के बोसक्खा रहा । मुझे भी गुस्सा आया और अपने कमरे में गया और अपना बैग पैक करने लगा । में अपने गुस्से को काबू नही कर पा रहा था ।





मां भी मेरे कमरे में आई और मुझे देख के बोली " ये क्या कर रहे हो । कपरे क्यू पेक कर रहे हो ।"





में गुस्से में बोला " मुझे यह आना ही नही चाहिए था । में जा रहा हूं "







मां " क्या । आखिर तुम्हारी प्रोब्लम क्या हे । नही तुम नही जा सकते कपड़े रखो । नही तुम नही ऐसा नही कर सकते "





मां मेरे बैग से समते हुए कपड़ों को निकलने लगी ।





में " आप मेरी प्रोब्लम कभी समझ नही पाएगी । और ना ही मुझे कभी समझ पाएगी ।"





मां । " क्या नही समझ रही में । में मां हूं तुम्हारी । देखने तक इमेजिन करनें तक तो में बर्दास्त कर सकती हूं लेकिन में तुझे इस तरफ से चुने नही दे सकती । ये सब नियम के खिलाफ हे और मुझे भी ये सब नही होगा। तुम भी तो मुझे समझने की कशिश करो । "





में । " आप भी एक बात समझो । मेरी जिंदगी आप के साथ हे आप के साथ ही मेरी खुशी हे । में बाहर की दुनिया में दोस्त बना के लोगो से मिल के बाते कर के कोई रिस्ता बना के किसी के साथ खुश नही रह सकता । में अपने दुनिया में खुश रहने वाला हूं जिसमे मुझे आपकी बोहोत जरूरत हे मुझे । आप भी थोड़ा मेरा साथ दो । कोई और होता तो आप पे इलजाम लगता की आपने ऐसा ही पैदा किया वैसा ही पैदा किया हे । मेरी परविश करते समय मुझे सुरक्षा नही दिया । बागेरा बगैरा इल्जाम लगता । लेकिन में तो नही का रहा हूं ।"





मां कुछ दी संत पड़ गई । " ठीक हे । में मानती हूं मुझमें ही कमि रह गई हे । पर अब क्या कर सकती हूं । अच्छा हम इस बारे में बात करेंगे लेकिन तुम ये बैग छोर दो । बैठो में कुछ पीने के लिए लाती हूं । दिमाग ठंडा हो जायेगा । "





मां किचन से ठंडा दूध ले के आई । लोगो को गर्म दूध पीना पसंद है लेकिन मुझे ठंडा दूध पसंद हे उसके स्वाद कुछ अलग ही फ्लेवर में आते हे जो मुझे काफी पसंद था ।





में दूध का ग्लास ले के मुंह फुला के बोल " मुझे गाय का दूध नही चाहिए । मुझे आपका दूध चाहिए "





मां " क्या । "



में मां की चूची कि तरफ इसारा कर के बोला । में इसकी दूध की बात कर रहा था ।



मां मुस्कुराई " धेत्त बदमाश । इनमे अब दूध थोरी आयेगा ।"





में " यही तो मसला हे । आता तो उखड़ के हाथो में ले के पीते पीते घूमता । "





मां शरमा गई । और मेरी हंसी । और मेरे कान पकड़ के डांटा प्यार से ।
 
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