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Maximum mutual enjoyment on public transport

mastmast123

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ये एक औरत की आप बीती है मुझे कैसे पता, इस से आपके आनंद पर कोई फर्क नहीं पढ़ने वाला।
उसका नाम मान लीजिए सीमा है वो 32 yeras की है और दो बच्चों की मां है लेकिन आज अकेली पूना जा रही है इंदौर से, उसके हसबैंड ने दो बर्थ पास पास वाली रिजर्व की है पर वो बैठेगी अकेली और पास वाली बर्थ खाली पड़ी रहेगी।
बस एसी है और पूरी पैक है, एक भी बर्थ खाली नहीं है, जैसे ही बस इंदौर के आखरी स्टॉप पर पहुंची, जिसके बाद वो कहीं नही रुकने वाली थी, तब सीमा ने एक कोल्ड्रिक की botle क्लीनर से मंगवाई , बस आगे बढ़ने ही वाली थी की एक युवक दौड़ता हुआ बस में चढ़ा और बोला भाई मुझे puna जाना है एक बर्थ दे दो , कंडक्टर ने बोला बर्थ नहीं है खड़े खड़े जाना पड़ेगा, शायद उसे कुछ अर्जेंट था बोला कोई बात नही, में खड़ा रह लूंगा। उसके सिर के सामने सीमा की बर्थ थी और परदा खुला था, उसने देखा एक 35 36 साल का हैंडसम ऊंचा पूरा आदमी है एकदम गोरा चिट्ठा, इसके दिल में पता नहीं क्या हुआ वो मचल गई, सीमा थोड़ी सी मोटी और गदराई लेकिन 36 के मोटे मोटे कठोर नारियल की मालकिन साथ ही उसकी गांड भी 36 की साइज की मस्त थी, आज पता नहीं क्यों वो जब घर से निकली तब से ही चुदासी हो रही थी, वैसे वो एकदम घरेलू और धर्मिक औरत है लेकिन कहते हैं ना कि जब वो घर से अकेली कहीं बाहर जा रही होती है तो पति के उसे बस स्टॉप पर छोड़ने के बाद हर अकेली जाने वाली औरत कुछ और ही बन जाती है। यही हाल भी उसका था उसने घर से अंदर पेंटी और ब्लाउज में ब्रा नही पहनी थी, जाने क्यों उसे लगा था के कुछ खास होने वाला है उसके साथ, अब जब उसने इस आदमी को देखा तो उसे उस पर प्यार आ गया। आदमी बर्थ नहीं मिलने से उदास था, तभी सीमा को न जाने क्या सूझी वो जोर से बोली अरे आप कविता के भाई हो न, आदमी दंग था उसे कुछ समझ नही आ रहा था क्या हो रहा है, सीमा कंडक्टर से बोली भैया ये हमारे साथ हैं इनको यहां बिठा दो और इनसे पैसे मत लेना, ये बर्थ है हमारे पास, tan कंडक्टर ने उस आदमी को ऊपर सीमा के पास भेज दिया वो चौंकता हुआ ऊपर बैठ गया, जब वो पास बैठा तो सीमा बोली आप खड़े थे तो हमसे देखा नहीं गया झूठ मूठ बोलकर आपको ये बर्थ दिलवा दी। हमको माफ कर दीजिए हमने आपसे झूठ बोला, आदमी भी धीरे से बोला अरे आप ये क्या कर रही हो मैडम आपने बहुत उपकार किया है की बर्थ दी वरना पूना तक मेरी कमर टूट जाती और हंसने लगा, सीमा भी उसके साथ हस्ती हुई शर्मा के नीचे देखने लगी। उसने कहा मेरा नाम सुधीर है और आपका, वो बोली सीमा।
सुधीर ने हाथ आगे बढाया सीमा ने धत कहा और मुंह में साडी का पल्लू दबा कर हंसने लगी। सुधीर बोला सॉरी , मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था, तब सीमा झट से बोली अरे नहीं, हमको शर्म आती है और कोई बात नही और उसकी आंखों में देर तक देखती रही अपलक। सीमा जब उसको देख रही थी वो भी उसे देख रहा था दोनों की आंखें मिली हुई थी सीमा को लगा की आज जो वो सोच रही थी वो सच हो गया, उसके बदन में मीठी मीठी लहरें उठने लगी उसकी आंखों में चमक आ गई थी और उसके स्तन और तन गए थे जो उसकी नीली साड़ी में कयामत ढा रहे थे, उसने धीरे से कहा सुधीर परदा लगा दीजिए न, मुझे अजीब लग रहा है कोई देख लेगा तो,
सुधीर ने हंसते हुए पलट कर परदा लगा दिया, तब तक ड्राइवर ने बस की बड़ी लाइट्स बंद कर के एकदम मद्धिम बल्ब जला दिए थे। सीमा ने इतना हैंडसम आदमी आज तक नहीं देखा था एकदम फिल्मी हीरो, उसने कभी सोचा नहीं था कोई हीरो भी उसकी जिंदगी में आ सकता है इसलिए उसने हिम्मत कर के उसे अपने पास बिठा लिया था।
अब सीमा इतराते हुए पीछे टिक कर बैठ गई और घुटने मोड़ लिए थे।
सुधीर भी सकुचाया हुआ दूसरी ओर सामने की तरफ कोने में बैठ गया था उसे नहीं पता अब क्या हो इसलिए उसने खुद को समेत लिया था, तभी सीमा धीरे से अपना एक पैर पकड़ कर चीखी हायराम, और एसएसएसएसएसएस करते हुए बोली बड़ा दर्द हो रहा है जल्दी के चक्कर में ये मुड़ गया है,
सुधीर बोला अरे कैसे, आपको बड़ा दर्द हो रहा है मेरे पास पैन बाम है अगर बुरा न मानो तो मालिश कर दूं, सीमा तो यही चाहती थी मगर ऊपरी मन से बोली आप से कैसे पैर दबवा लूं, और शर्म से नज़रे झुका ली, सुधीर बोला अरे आपने भी तो मेरी मदद की है बहुत बड़ी, सीमा उसको देखने लगी तब सुधीर उसके बड़े बड़े बॉब्स को देखते हुए बोला मुझे भी अब बड़ों बड़ों की बहुत सेवा करने का मौका दीजिए मैडम।
सीमा बोली में आपसे छोटी हूं pls सीमा कहिए मुझे सुधीर जी,
फिर दोनों की आंखें देर तक मिली रही तब सुधीर ने उसके बड़े बड़े बॉब्स की और दोनों हथेलियों को नापने के अंदाज में करते हुए बोला मुझे तो कहीं से छोटे नहीं लग रहे है और आप कह रही हो छोटे हैं।
सीमा इठलाते हुई बोली ध्यान से सुना कीजिए हमने छोटे नहीं छोटी कहा है आपके मुकाबले।
ओह तो आप को मेरा बड़ा लग रहा है आपकी छोटी होगी लगता तो नहीं है, अब दोनों खुलने लगे थे, सीमा बोली धत आपको कैसे पता कि हमारी छोटी नहीं है, इतना कहते कहते सीमा की चूत ने काम रस तेजी से बहाना शुरू कर दिया था और उसकी चोंच दोनों टाइट होने लगी थी यहां सुधीर का भी यही हाल था,बोला आपको देख कर लगता है आपकी शादी हो गई है, सीमा बोली हां हो गई है , वो बोला बच्चे, तब वो बोली दो, देखो मैने नहीं कहा था छोटी नहीं है, सीमा बोली बच्चे है दो तो उससे छोटे बड़े का क्या ताल्लुक, वो भी सब समझ रही थी पर मजे ले रही थी अब सुधीर भी रंग में आ गया था बोला बच्चे ही तो वजह हैं बड़ी करने की।
सीमा बोली आपकी शादी, वो बोला जी हो गई है, और बच्चे वो बोला वैसे मेरे भी दो हैं लेकिन मेरे बच्चों ने छोटा या बड़ा नहीं किया है।
सीमा आपका तो वैसा ही रहेगा लेकिन बिचारी भाभी जी तो मर गई होगी राम, और जोर जोर से हंसने लगी।
उसका कचूमर निकला था और आपको उस पर दया आने की बजाय हंसी आ रही है।
अच्छा मेरा ऐसा हाल हुआ तो वो आएंगी मेरे आंसू पोछने , बात कर रहे हो आप भी।

इसके बाद रुकने का कोई कारण नहीं था सुधीर धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा सीमा उसकी आंखों में देखते हुए दोनों बॉब्स को ढकती हुई नीचे का होंठ दबाते हुए बोली हाय राम कोई भाभी जी को बुलाओ आज , फिर बॉब्स को देखा फिर सुधीर की आंखों में देखती हुई बोली, आज इनकी शामत आने वाली है।
सुधीर आगे एकदम पास आ गया, और दोनों हाथों को हटाते हुए बोला आपके उपकार के बदले इनकी सेवा तो बनती है,और धीरे से अपने दोनों हाथों में सीमा के दोनो भरी बॉब्स को भरते हुए उसके मुंह को अपने पास खींच कर उसके नाजुक रसीले होंठों को चूमने लगा।
 
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pk002

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Enjoyment on bus
I am a housewife and ex teacher. My husband is in and out of town for his profession and my teen age son is in first year college. I am tall, about five feet eight and well endowed. This incident is about how I was seduced by a young friend of my son who had seen me stark naked accidently.
Once I was coming back to my hometown Pune from Mumbai after meeting my relatives. Coincidently this boy was also in mumbai and came on same bus which I boarded in Borivali.
Our tickets were not reserved and when the bus came to the stand there was little rush to enter.
His name is Riaz. Riaz was very pleased to see me and I was in turn happy to see him also as it was a four hours journey and I was alone. He was right behind me when we entered the bus and I could feel his dick touching my buttocks but thought no more about it as he is just a bit like my son. He suggested we take a backside seat to avoid the crowd. It was two by two type of seat. I sat near the window. The bus was non A.C. , semi luxury type. As the journey started, we chatted in general for some time. I asked him about his studies and family etc. This boy was quite good looking as I observed and wondered how pretty his mother would be. The bus had started at five in the evening and would reach pune by nine if there would be no traffic.
After a couple of hours first stoppage came. Riaz said I will bring some refreshments. I gave him money but he would not accept. Bus staryed after fifteen to twenty minutes and I was little bit relaxed and dozed off. After a while I could feel some fingers playing with my navel. I was shocked to see it was Riaz. I scolded him and he was apologetic. Again I dozed off. After some time Riaz started fondling my entire midriff and waist between blouse and saree. I got up and looked at him with anger. This time he said Arti aunty you are very hot. I said shut up but internally I started feeling aroused and my nipples started hardening. I didn’t say anything. Emboldened by this Riaz now started touching my side boob with his left elbow. I was cautious and looked if anyone in the bus noticed. By this time darkness was falling and everybody was dozing. For his ease I stretched by right hand and kept on the front seat leaving my entire boob free for him. He was very pleased and started cupping my right boob now. My saree drape was shifted and cleavage was visible from top side. He was mad by now and started pressing my boobs. I signalled him to be patient. By now my saree had fallen on my lap and he was trying to insert his hand from top quite unsuccessfully. I took his left hand over my shoulders and let him play with my boobs. But he was not satisfied by this. He said I want to suck you. I said are you crazy? We are in a bus with co passengers. Now he started unbuttoning my blouse but unsuccessfully again. I opened two top buttons for his ease again and he inserted his hand inside but could reach my bra cups only and started fondling over bra cups. He said it’s not working out and I almost laughed. Again I checked if anyone is awake. Our seat was way behind most of the seats and nobody sat behind us. I said poor boy wants to drink milk. He was irritated and put one hand behind my neck and kissed both my cheeks. I was also getting hot. Then we started kissing on lips. All the while he was fondling my boobs over the blouse. I pushed him and unbuttoned my blouse completely. But because of size of my boobs he couldn’t reach his hand on them directly. My boobs were firmly tucked in the bra. It was dark by now and I was sure nobody could see me. He tried to insert his hand from top, side and botttom of my bra but failed again. I reached behind my back and unhooked my bra. Now Riaz could place his hand under my bra and started playing with my boobs and nipples. He said Arti aunty I was waiting for this day very ardently. By this time I had started breathing heavily and cared no more. I raised my hands and removed the bra over the hands and was completely topless. Now Riaz started sucking my nipples and I was in seventh heaven. He put one hand on my mouth and didn’t let me moan loudly. I came to the senses. Now his hand reached downwards to my saree. I stopped and said not now. He asked then when ? I said not now not in the bus. He said I want to bang you in front of your son. I have promised him that. I was astonished to hear this. I asked him what did he say? He laughed and said he said you can try but you will fail. I was amazed by his chutzpah. Now I wore my bra and blouse. Pune was about to come. He extracted a promise from me and I have agreed. On this note we parted.
Good start
Please update
 

mastmast123

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सीमा इतनी जल्दी सब करने को तैयार नहीं थी अभी तो गाड़ी इंदौर से निकली ही थी अभी तो सारी रात बाकी थी वो थोड़ा मज़ा लेना चाहती थी उसने सुधीर को रोका और बोला आप क्या कर रहे हैँ ये मुझे ये अच्छा नहीं लग रहा है अभी, कुछ बात कीजिये पहले, फिर देखूँगी आगे।
सुधीर थोड़ा सहम गया उसे लगा शायद उसने जल्दी कर दी है वो पीछे हो कर बैठ गया, सीमा मन ही मन हंसी ये ठीक है अब इसे धीरे धीरे ही खुद को छेड़ने देगी वो बोली परिचय तो हुआ नहीं और आप तो एकदम से ऐसे कैसे,,,,, इतना क़ह कर वो चुप हो गई।
तब सुधीर बोला मेरा नाम सुधीर है और आपका
वो बोली सीमा.
सुधीर बोला एक बात बोलूं आप मेरे साले की वाइफ की हम नाम हो, और बहुत कुछ उनसे मिलती जुलती हो,
सीमा बोली क्या आपको वो अच्छी लगती हैँ
बहुत ज्यादा सुधीर बोला
आपने उनसे कहा कभी कि आप उनको पसंद करते हो
कभी क़ह नहीं पाया शर्म और लिहाज़ कि वज़ह से, लेकिन आँखों आँखों से कई बार कहा है और वो जानती भी हैँ शायद.
सीमा : चलो तब आप ये समझ लीजिये मैं वो सीमा हुँ आपकी सैलहज, और आज हम दोनों अकेले हैँ मैं आपको जीजाजी कहूँगी और आप मुझे भाभी, ठीक है, देखते हैँ आप क्या क्या कहना चाहते हैं सीमा भाभी से.
सुधीर : ये ठीक है
भाभी आप कैसी हो और कैसा अच्छा मौका आया है आज हम साथ साथ पूना जा रहे हैँ आपको कैसा लग रहा है मेरे साथ चलकर।
सीमा : सच में शर्माने की एक्टिंग करते हुये साड़ी का पल्ला मुंह से दबाते हुये बोला जीजाजी अच्छा तो लग रहा है मगर शर्म भी बहुत लग रही है आज पहली बार आपके साथ अकेली जा रही हुँ।
सुधीर : शर्म कैसी आप तो अब शादी के आठ साल हो चुके हैँ और आपके दो बच्चे भी हो चुके हैँ आपके शर्माने की उम्र तो बीत चुकी है कोई नई नवेली तो हो नहीं जो इतना शर्माओ।
सीमा : जीजाजी, कैसी बात करते हो आप, आपके साथ तो पहली बार अकेली हुँ और दीदी ने कहा है आपका पर्दा करूँ ज्यादा बात नहीं करूँ, उनको तो और आपके साले को तो ते ही पता है कि मैं अकेली ही जा रही हुँ इस बस में, वो तो मैंने आपको अचानक देखा और आपको पास बुला लिया।
सुधीर : ज़ब आपकी दीदी और पति को पता ही नहीं है कि हम साथ हैं तो फिर कैसी शर्म कि बात
सीमा : हाँ वो तो है फिर भी आती तो है आप नहीं समझोगे.
सुधीर : भाभी आप मुझे बहुत बहुत अच्छी लगती हो मैंने आपको कई बार कहने कि कोशिश कि मगर मौका नहीं मिला पर आँखों से कहा कई बार, आपने भी देखा है, देखा है न
सीमा : धत, मैं आपके बीबी के भाई कि बीबी हुँ छोटी हुँ आपको शर्म करनी चाहिये.
सुधीर : शर्म ही तो करता रहा आज तक लेकिन आज रोक नहीं पाया और क़ह दिया आप बहुत सुंदर और बहुत गदराइ माल हो, कहना तो नहीं चाइये पर क़ह रहा हुँ मुझे माफ करना
सीमा : धीरे से हँसते हुये हाय कितने बेशर्म हैं आप अपनी भाभी को कोई ऐसा कहता है भला.
सुधीर : सच में आप गजब हो
सीमा अच्छा ऐसा क्या गजब है मुझमें ज़रा मैं भी तो सुनूं
सुधीर : क़ह दूँ? फिर मत कहना बड़े बेशर्म हो
सीमा जी क़ह दीजिये आज तो अकेले है
सुधीर : ज़ब हम आपको देखने आये थे तब पहली ही नज़र में आप मुझे भा गई थी।
सीमा : सच, हाय कितने बदमाश हो जीजाजी आप, आये तो साले के लिए पसंद करने के लिए और खुद के लिए सोचने लगे, हाय, तभी मैं सोचूँ आप कैसे नज़रों से मुझे देख रहे थे, मैं उनको कम और आपको ज्यादा देख रही थी, पता है मेरी भाभी समझ गई थी और ज़ब मैं अंदर गई तो बोली थी तेरा जीजाजी तो तेरे पे मर गया है देखना सम्हलना उससे
सुधीर : अच्छा तभी आप हमेशा मुझसे दूर दूर रही अब तक
सीमा हाँ ये बात भी और दीदी से भी डर लगता है वो बहुत ध्यान रखती हैं कि मैं आपसे बात न करूँ और सामने न आऊं ज्यादा.
सुधीर : ओह, ऐसा क्या? मुझे पहली बार में आपके गुण रूप और शरीर का अहसास हो गया था
सीमा : क्या, जरा ठीक से बताइये
सुधीर : ज़ब आप चाय लेकर साड़ी पहने सिर पर पल्लू लिए धीरे धीरे चलती हुई आई तो मैंने देख लिया था, सच क़ह दूँ क्या देखा था और किस नज़र से देखा था बुरा तो नहीं मानोगी
सीमा : हाँ आप बताओ जीजाजी, ये बात इन्होने भी आज तक नहीं बताई कि मैं मैं कैसी लगी थी इनको उस दिन, आप बताओ मैं भी तो सुनु कैसी थी उस दिन मैं
सुधीर : जब आप आ रही थी आपकी पायल बज रही थी सिर पर पल्लू था ऑंखें झुकी हुई मगर बड़ी बड़ी और बहुत काली और गहरी, सच कहूं तो मैं in आँखों को देखकर ही आपको पसंद कर लिया था आपने शिफॉन कि साड़ी पहनी थी जो पतली थी और मेरी नज़र फिर सीधे आपके इन दोनों गोलों पर पड़ी ज़ब आप चल रही थी तो क्या मस्त हिल रहे थे और बड़े भी बहुत थे कुंवारी के अमूमन इतने बड़े होते नहीं है आप के स्पेशल थे आपने शायद ब्रा नहीं पहनी थी अंदर इसलिए उनकी हलचल साफ दिखाई दे रही थी.
सीमा : हाय इतने ध्यान से देखा था आपने, तभी आपकी आँखों में कुछ था जो मैं समझ नहीं पाई थी आज मालूम पड़ा, पहली बार से आप मुझ पर नज़र गाड़ाए थे, हय राम बेशर्म इंसान, मेरी भाभी पहचान गई थी आपको, बोली थी तुझे छोड़ेंगे नहीं तेरे नन्दोई जी मैं दावे से कहती हुँ, और बोली थी साला है भी हीरो कि माफिक तू भी क्या रोक पायेगी खुद को,
सुधीर : सच ऐसा था क्या, मैं भी पसंद था आपको भाभी सच बताना
सीमा : हाँ, मगर दीदी से डरती रही, मन तो था बहुत बार इच्छा भी हुई मगर दीदी ने कभी ऐसा होने ही नहीं दिया.
सुधीर : ज़ब आप चाय रख कर मुड़ी तो आपका पिछला हिस्सा देखा सच कहूं तो ऐसी औरत आज तक नहीं देखी
सीमा : कैसी, क्या देखा क्या बात थी पीछे
सुधीर :आप मुड़ कर फिर अंदर गई थी कुछ लेने, ज़ब आप मुड़ी आपकी कमर साड़ी से दिख रही थी क्या प्यारा काटव था गोरी गोरी और पीछे क्या क्या गोल मटोल कड़क लचीले देख कर क्या झटका लगा भाभी बता नहीं सकता
सीमा जीजाजी साफ बोलिए ना कुछ समझ नहीं आ रहा है आप चिंता मत कीजिये मैं कुछ नहीं बोलूंगी
सुधीर अब पूरा खुलना चाहता था बोला, जब आप मुड़कर चलने लगी तो आपकी, sorry अब आप शादीशुदा और दो बच्चों की माँ भी हो तो अब आप सब जानती ही हो तो सुनो, ज़ब आप जाने लगी तो आपकी गांड क्या कयामत ढा रही थी टक टक एक चुतड ऊपर तो दूसरा चुतड नीचे और दोनों rydam में ऊपर नीचे हो रहे थे मेरा तो पानी चु गया था
सीमा : हाय कितने गंदे हो आप जीजाजी अपने होनेवाली सलहज को ऐसी नज़रों से देख रहे थे, ब्रशर्म, और पानी क्या, मैं समझी नहीं
सुधीर : भाभी आपकी गांड की थिरकन और आपके जो बोबे हिलते हुये देखे थे उनको देखकर मेरे लन्ड ने अंगड़ाई ली थी और पानी यानी लन्ड रस की एक बून्द टपक पड़ी थी पहली नज़र मैं.
सीमा ने शर्म के मारे दोनों हाथों से अपना चेहरा छुपा लिया और बोली भाभी ने ये देख लिया था उस दिन और मुझे बहुत दिन टक छेड़ती रही कहती रही सही मायने में तो तेरे नन्दोई ने तुझे पसंद किया है सीमा रानी, कितने खराब हो आप जीजाजी.
अब सुधीर आगे बढ़ा और उसने सीमा के दोनों हाथों को पकड़ कर अलग किया और उसकी ठोड़ी को ऊपर उठाते हुये उसकी आँखों में देखते हिये बोला भाभी I LOVE YOU, आप मेरी जान हो उस दिन से, मैं आपको बहुत प्रेम करता हुँ, ऐसा बोलकर उसने सीमा के लबों को चुम लिया और दोनों एक passionate kiss में डूब गए, बस तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ी जा रही थी।
 

Tamildriller2k3

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So hot, I wante
Enjoyment on bus
I am a housewife and ex teacher. My husband is in and out of town for his profession and my teen age son is in first year college. I am tall, about five feet eight and well endowed. This incident is about how I was seduced by a young friend of my son who had seen me stark naked accidently.
Once I was coming back to my hometown Pune from Mumbai after meeting my relatives. Coincidently this boy was also in mumbai and came on same bus which I boarded in Borivali.
Our tickets were not reserved and when the bus came to the stand there was little rush to enter.
His name is Riaz. Riaz was very pleased to see me and I was in turn happy to see him also as it was a four hours journey and I was alone. He was right behind me when we entered the bus and I could feel his dick touching my buttocks but thought no more about it as he is just a bit like my son. He suggested we take a backside seat to avoid the crowd. It was two by two type of seat. I sat near the window. The bus was non A.C. , semi luxury type. As the journey started, we chatted in general for some time. I asked him about his studies and family etc. This boy was quite good looking as I observed and wondered how pretty his mother would be. The bus had started at five in the evening and would reach pune by nine if there would be no traffic.
After a couple of hours first stoppage came. Riaz said I will bring some refreshments. I gave him money but he would not accept. Bus staryed after fifteen to twenty minutes and I was little bit relaxed and dozed off. After a while I could feel some fingers playing with my navel. I was shocked to see it was Riaz. I scolded him and he was apologetic. Again I dozed off. After some time Riaz started fondling my entire midriff and waist between blouse and saree. I got up and looked at him with anger. This time he said Arti aunty you are very hot. I said shut up but internally I started feeling aroused and my nipples started hardening. I didn’t say anything. Emboldened by this Riaz now started touching my side boob with his left elbow. I was cautious and looked if anyone in the bus noticed. By this time darkness was falling and everybody was dozing. For his ease I stretched by right hand and kept on the front seat leaving my entire boob free for him. He was very pleased and started cupping my right boob now. My saree drape was shifted and cleavage was visible from top side. He was mad by now and started pressing my boobs. I signalled him to be patient. By now my saree had fallen on my lap and he was trying to insert his hand from top quite unsuccessfully. I took his left hand over my shoulders and let him play with my boobs. But he was not satisfied by this. He said I want to suck you. I said are you crazy? We are in a bus with co passengers. Now he started unbuttoning my blouse but unsuccessfully again. I opened two top buttons for his ease again and he inserted his hand inside but could reach my bra cups only and started fondling over bra cups. He said it’s not working out and I almost laughed. Again I checked if anyone is awake. Our seat was way behind most of the seats and nobody sat behind us. I said poor boy wants to drink milk. He was irritated and put one hand behind my neck and kissed both my cheeks. I was also getting hot. Then we started kissing on lips. All the while he was fondling my boobs over the blouse. I pushed him and unbuttoned my blouse completely. But because of size of my boobs he couldn’t reach his hand on them directly. My boobs were firmly tucked in the bra. It was dark by now and I was sure nobody could see me. He tried to insert his hand from top, side and botttom of my bra but failed again. I reached behind my back and unhooked my bra. Now Riaz could place his hand under my bra and started playing with my boobs and nipples. He said Arti aunty I was waiting for this day very ardently. By this time I had started breathing heavily and cared no more. I raised my hands and removed the bra over the hands and was completely topless. Now Riaz started sucking my nipples and I was in seventh heaven. He put one hand on my mouth and didn’t let me moan loudly. I came to the senses. Now his hand reached downwards to my saree. I stopped and said not now. He asked then when ? I said not now not in the bus. He said I want to bang you in front of your son. I have promised him that. I was astonished to hear this. I asked him what did he say? He laughed and said he said you can try but you will fail. I was amazed by his chutzpah. Now I wore my bra and blouse. Pune was about to come. He extracted a promise from me and I have agreed. On this note we parted.

Enjoyment on bus
I am a housewife and ex teacher. My husband is in and out of town for his profession and my teen age son is in first year college. I am tall, about five feet eight and well endowed. This incident is about how I was seduced by a young friend of my son who had seen me stark naked accidently.
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Our tickets were not reserved and when the bus came to the stand there was little rush to enter.
His name is Riaz. Riaz was very pleased to see me and I was in turn happy to see him also as it was a four hours journey and I was alone. He was right behind me when we entered the bus and I could feel his dick touching my buttocks but thought no more about it as he is just a bit like my son. He suggested we take a backside seat to avoid the crowd. It was two by two type of seat. I sat near the window. The bus was non A.C. , semi luxury type. As the journey started, we chatted in general for some time. I asked him about his studies and family etc. This boy was quite good looking as I observed and wondered how pretty his mother would be. The bus had started at five in the evening and would reach pune by nine if there would be no traffic.
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So hot, want to do the same with U on another trip
 
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