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Fantasy MAYAVI DUNIYA (completed)

AK 25

Supreme
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UPDATE-13
कुंवर विक्रांत ईश्वक़्त गंडर के पहाड़ी इलाक़ों के तरफ तरफ रहा था जहाँ पे वो हार गिरा था तो वहीं कुंवर यश मायवी जंगल के तरफ तरफ रहा था जहाँ पे रुद्रा और सुनहेरी थे और सुनहेरी के पास वो जादुई रत्ना हार कुंवर विक्रांत ईश्वक़्त गंडर के पहाड़ी इलाक़ों में उस जगह पे खड़ा था जहाँ पे वो रत्ना हार गिरा था और वहाँ पे हार को नापके कुंवर विक्रांत बहुत ही गुस्से में था , और फिर कुंवर विक्रांत अपने साथ चल रहे एक जादूगर को अपने पास बुलाता है

कुंवर विक्रांत – जादूगर तुमने कहा था की हार हमें वहीं मिलेगा जहाँ पे हार गिरा है पर यहाँ पे तो कोई भी हार हमें नहीं मिला तो अब हम क्या करे इन पहाड़ों को खोदते फिरेन

जादूगर – हुज़ूर मैंने तो आप को वही बताया जो इसे जादुई पाशे ने मुझे बताया अब में कुछ भी नहीं कार सकता

कुंवर विक्रांत – एक काम करते हैं दुबारा हार के खोज पे निकालने से पहले इसे जादुई पाशे को आजमा लेते हैं , इनसे पूछिए की क्या में गंडर के महाराज का बड़ा बेटा हूँ

फिर वो जादूगर उन्न पशों को एक पठार के ऊपर फेंकता है और वो पाशे घूमने लगते हैं और जब वो पाशे एक जगह पे रुकते हैं तो हारे(ग्रीन) रंग से जगह मगाने लगते हैं

जादूगर – हाँ हुजूर आप महाराज के बारे बेटे हैं

कुंवर विक्रांत – एक और सवाल क्या मेरा मनपसंद रंग लाल है

फिरसे उन्न पशों को फेंका जाता है और फिरसे हारे रंग से पाशे जगमगाने लगते हैं

जादूगर – हाँ हुजूर

कुंवर विक्रांत – क्या बहुत ज्यादा मिन्नतें या गुज़ारिशें मुझे मजबूर करती हैं एक दगाबाज़ और गद्दार की जान बक्ष दम

और फिरसे वो जादूगर उन्न पशों को फेंकता है और इषबार पाशे जब रुकते हैं तो हारे रंग के बदले लाल रंग से वो पाशे जगमगाने लगते हैं और ये देख कुंवर विक्रांत

कुंवर विक्रांत – इसका क्या मतलब है

जादूगर – हुजूर लाल रंग का मतलब नहीं है

कुंवर विक्रांत बहुत बढ़िया , इन्हें फिरसे फेंको और इसे बार इन्हें उछल फेंको
फिर वो जादूगर उन्न पशों को ऊंचा फेंकता है और पशों को फेनटे ही कुंवर विक्रांत अपना अगला सवाल पूछता है

कुंवर विक्रांत – क्या तुम मेरे छोटे भाई के लिए काम करते हो और क्या तुम मेरे साथ मुझे गुमराह करने के लिए आए हो

ये सवाल सुनते ही उस जादूगर के चेहरे के हवैइयाँ उड़ जाती है और पाशे अकके उस पठार के ऊपर पड़ते हैं और जब वो रुकते हैं तो इसे बार उन्न पशों का रंग हरा ही आता है यानि की वो जादूगर सच में कुंवर विक्रांत को धोका दे रहा था

और पशों का रंग देख के जादूगर की हवैइयाँ उड़ जड़ी हैं और वो जैसे ही अपना चेहरा कुंवर विक्रांत के तरफ करता है माफिई माँगने के लिए तब तक बहुत देर होचुकी थी क्योंकि कुंवर विक्रांत अपने कमर से अपना तलवार निकल चुका था और उस तलवार को देखते ही देखते उस जादूगर के पेट में उतार देता है

और फिर एक कालेगा दहला देने वाली चीख निकलती है उस जादूगर के मुंह से वो चीख उन्न पहाड़ों में गूंजजज्ज उठती है और वो वहीं निढल हो जाता है और कुंवर विक्रांत के फ़ौजी उस जादूगर के लाश को उठाकर पहाड़ियों के नीचे फेंक देते हैं

कुंवर विक्रांत उन्न पशों को पठारों के ऊपर से उठता है और चारों तरफ देखने लगता है

कुंवर विक्रांत – हमारे सामने दो राषते हैं एक ये पहाड़ी इलाका जो आगे हमें गंडर के तरफ लेजता है और ये दूसरा मायवी जंगल जो हमें आगे विचस माउंटन के तरफ लेजाएगी , अब किस तरफ वो हार हमें मिलेगा ये जादुई पेशाब ही बताएगा , ए जादुई पाशे बता मुझे क्या मुझे इन्हीं पहाड़ी राषते में ही आगे वो रत्ना हार मिलेगा

फिर कुंवर विक्रांत उन्न पशों को उस पठार के ऊपर फेंक देता है और पाशे घूमने लगते हैं और जब पाशे रुकते हैं तो पशों का रंग लाल था

कुंवर विक्रांत – यानि की पाशे ये कहना चाहते हैं की मुझे विचेस माउंटन के तरफ बढ़ना चाहिए

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सूरज डूब चुका था और मायवी दुनिया में शाम होचुकी थी और सुनहेरी अभी भी उसी पेड़ के नीचे बैठी हुई थी और रुद्रा का इंतजार कार रही थी , रुद्रा दोपहर से कुछ खाने का इंतजाम करने गया था और अभी तक लौट के नहीं आया था

और सुनहेरी अकेली बैठी बैठी उंघ रही थी जब भी झाड़ियों में कोई आवाज़ होती तो सुनहेरी को लगता की रुद्रा है और वो उसे आवाज़ देने लगती लेकिन ये उसका बहन ही निकलता और इसे ही बैठी बैठी वो चिढ़ से गयी थी

सुनहेरी – पत्ता नहीं ये लड़का कहाँ चला गया इतनीी देर हो गयी है और अब तो अंधेरा भी होने लगा है कहीं इसे लड़के को कुछ हो ना गया हो

सुनहेरी बेत्के अपने आप से यही सब कह रही थी की उसे झाड़ियों के पीछे से कोई आवाज़ सुनाई देती है

सुनहेरी – रुद्रा तुम हो क्या रुद्रा

लेकिन इसे वार भी कोई नहीं होता और तो और वहाँ पे एक पल के लिए सानाथाअ छा जाता है और हवाएँ भी तेज चलने लगती हैं सैईईईईन्न्णणन् सैईईईईईन्न्णणन् करके हवा चलने लगती है और झाड़ियों के पीछे से भी अजीब अजीब आवाजें आने लगती है और ये सब देख के सुनहेरी डर जाती है

सुनहेरी – कौन है वहाँ कौन है वहाँ बाहर आऊ

कोई भी झाड़ियों के पीछे से नहीं आता है और ये देख सुनहेरी और भी डर जाती है और चारों तरफ देखने लगती है लेकिन उसे चारों तरफ सीबे सानाते के कुछ भी नहीं मिलता है

सुनहेरी – रुद्रा क्या ये तुम हो अगर तुम हो तो मेरे साथ मज़ाक मत करो नहीं तो में तुम्हारे साथ कहीं भी नहीं चलूंगी

और इसे वार भी कोई जवाब नहीं आता है और इसे से परेशान होकर सुनहेरी रुद्रा रुद्रा चिल्लाने लगती है और तभी उन्न झाड़ियों के पीछे से कोई निकलता है , और वो एक यूनिकॉर्न था एक सफेद यूनिकॉर्न और वो सीधे अकके रुकता है सुनहेरी के पास

और यूनिकॉर्न को देख सुनहेरी के जान में जान आती है और सुनहेरी उस यूनिकॉर्न को प्यार से सहलाने लगती है और फिर वो यूनिकॉर्न अपने सिंग से उस जादुई चैन को काट देता है जिस से सुनहेरी बँधी हुई थी और ये देख सुनहेरी बहुत खुश होजती है और उस यूनिकॉर्न को गले लगा लेती है

फिर वो यूनिकॉर्न नीचे झुक जाता है जैसे सुनहेरी को अपने ऊपर बैठने को बुला रहा हो फिर सुनहेरी उस यूनिकॉर्न के ऊपर बैठ जाती है और वो यूनिकॉर्न वहाँ से चल देता है

सुनहेरी उस यूनिकॉर्न के ऊपर सवार होकर जंगल में आगे तरफ रही थी और अपने आप से बातें कार रही थी

सुनहेरी – किससे पत्ता की वो रुद्रा अपना कंडाल वाला वादा पूरा करता भी या नहीं , में ये मान ने को तैयार नहीं की इसे पूरे मायवी दुनिया में उसके सीबे कोई और मेरी मदद नहीं करेगा और तो और वो क्या बक बक कार रहा था हाँ मेरी सोना ऐशी है मेरी सोना वैशी है हुन्न्ञन् बड़ा आया सोना का चमचा में तो उसके बातें सुन सुन के बहुत पक्क गयी थी

इसी तरह अपने आप से बातें करते करते सुनहेरी जंगल से बाहर निकल जाती है और जंगल के बाहर निकलते ही उसे बारिश का सामना करना पड़ता है जो बहुत जोरों से हो रही थी और इसे बारिश में सुनहेरी पूरी तरह से भीग जाती है और फिर उसकी नज़र पड़ती है एक घर के ऊपर शायद ये कोई सरया(होटल) था , सुनहेरी उस सराय के सामने यूनिकॉर्न को रोकती है और नीचे उतरके उस सराय का दरवाजा खटखटती है , कुछ ही देर में उस घर का दरवाजा खुलता है और एक खूबसूरत औरत अंदर से निकलती हैं और वो बहुत खूबसूरत थी

औरत – है भगवान ये क्या इतनी तेज बारिश में आप इतनी भीग चुकी हैं आप को तो शारडी लग जाएगी जल्दी कीजिए अंदर अजाईए , हमारे पास सब कुछ है खाना पीना गर्म बिस्तर और गरमा गरम कंबल और नहाने के लिए गर्म पानी भी मिलेगा अंदर सब है चलिए जल्दी अजाईए अंदर

सुनहेरी – जी मेरे पास आप को बदले में देने के लिए कुछ भी नहीं है में बहुत मुसीबत में फंसी हुई हूँ

औरत – कैसी बातें कार रहे हो आप मुसीबत में फासे हुए लोगों की मदद करना हमारा फर्ज है अब चलिए वरना आप को शारडी लग जाएगी

सुनहेरी – आप बहुत अच्छी हैं बिना किसी स्वार्थ के मेरी मदद कार रही हैं और कुछ लोग इसे हैं जो बहुत स्वार्थी होते हैं

और फिर सुनहेरी घर के अंदर चली जाती है और उसके पीछे पीछे वो औरत भी आ जाती है और वो औरत अंदर आ ही दरवाजे को बंद करदेटी है और उसके चेहरे पे एक शैतानी मुश्कं थी

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इधर रुद्रा दौड़ता हुआ आ रही था उस जगह पे जहाँ पे उसने सुनहेरी को चोद के गया था खाने का इतनेजाँ करने में बहुत वक्त लगा था और लौटने में शाम होचुकी थी उष्को सुनहेरी की चिंता सटा रही थी इसलिए वो तेजिसे भागता हुआ आ रही था

जब वो उस जगह पे अकके पहुँचता है तो उस पेड़ के नीचे सुनहेरी को नहीं पत्ता है और उसे वो जादुई चैन भी मिल जाती है कटी हुई और ये देख

रुद्रा – में कितना बेवकूफ़ हूँ मुझे उसके ऊपर भरोसा नहीं करना चाहिए था , वो मुझे चकमा देकर भाग गयी

रुद्रा को अपने आप के ऊपर बहुत गुस्सा आता है और वो अपना गुस्सा अपने साथ लाए हुए खाने के समान के ऊपर उतरता है रुद्रा उन्न फ्रूट’से को गुस्से में फेंक देता है और जाकर उसी पेड़ के नीचे बैठ जाता है और देखते ही देखते दिन भर थकान के कारण उष्कीी आँख लग जाती है और वो वहीं बैठे बैठे सो जाता है

कुछ देर बाद रुद्रा के कानों में एक आवाज़ पड़ता है शायद कोई उसके नाम लेकर उसे बुला रहा था और फिर रुद्रा की आँखें खुल जाती है और वो चारों तरफ देखने लगता है फिर उसकी नज़र पड़ती है आश्मन के तरफ और जब उसकी नज़र ऊपर पड़ती है तो रुद्रा चौक जाता है क्योंकि उसे पुकारने वाली बहुत सारे सितारें थी जो आश्मन में चमक रही थी

सितारें – रुद्रा प्लेज़्ज़्ज़्ज़ हमारी बहन की रक्षा करो रुद्रा हमारी बहन सुनहेरी के ऊपर खतरा मंडरा रहा है हमने यूनिकॉर्न को भेजा था ताकि वो सुनहेरी की मदद कार सके लेकिन अब वो एक ख़तनाक जाल में फ़ासस चुकी है

रुद्रा – ये आप सब क्या कह रहे हैं केशा खतरा और केशा जाल

सितारें – रुद्रा मायवी दुनिया में कोई भी सितारा सुरक्षित नहीं है 1000 साल पहले आखिरी तारा टूट के गिरता मायवी दुनिया में उसे कुछ चुड़ालों ने कैद कर लिया उसे अपने मीठी मीठी बातों में फंसाया उसकी देखभाल किया और जब उसका दिल फिरसे स्वस्त होकर चमकने लगा तो उन्होंने उसके सीने को काट के उसके दिल को निकल के कहा लिया और सुनहेरी ईश्वत उन्हीं चुड़ालों के चंगुल में फ़ासस चुकी है और उसे इसे खतरे के बारे में पता भी नहीं है वक्त बहुत कॅम है रुद्रा जाओ रुद्रा जाओ और हमारी बहन की रक्षा करो रुद्रा रुद्रा ये सारी बातें सुनकर बहुत परेशान होचुका था वो ये सोचने लगता है की कैसे वो सुनहेरी की जान बचाए इसलिए और कैसे वो उस जगह पे जल्दी से जल्दी पहुँचे कुछ देर सोचने के बाद उसे उस जादुई मोमबति की याद आती है और फिर रुद्रा उस मोमबति को अपने जेब से बाहर निकलता है
 
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