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Fantasy MAYAVI DUNIYA (completed)

Rohit1988

Well-Known Member
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(UPDATE-02)
अग्नि के बस कहने के ही देर थी फिर सब उन्न वारएवोल्फ’से के ऊपर टूट पड़ते हैं और वारएवोल्फ’से भी कहाँ पीछे हटने वाले थे और फिर एक खतरनाक जंग शुरू होजती है वारएवोल्फ’से और डेत वाली के बीच में

सारे वेमपाइर’से अपने बढ़ता और ताक़त से वारएवोल्फ’से के ऊपर झपट रहे थे वहीं दानओं को वापिस अपनी पुरानी ताक़त मिल चुकी थी अग्नि के जरिए वो सब भी वारएवोल्फ’से को बुरी तरह से मरते हुए कुचलते हुए आगे तरफ रहे थे

और जहाँ कहीं भी वारएवोल्फ’से वेमपाइर’से और दानओं के ऊपर भारी पड़ते हुए नज़र आ वहाँ अग्नि अपने ड्रॅगन को आर्डर देदेटा और वो ड्रॅगन वहाँ पे अपने मुंह से आग का गोला फूँक देता और तो और वो ड्रॅगन उड्दते हुए जाकर उन्न वारएवोल्फ’से कभी जाता था

डेत वाली में अब कड़ाके की ठंड पड़ रही थी और बर्फ से ज़मीन ढकना शुरू होने लगा था और इसे मौसम में भी वहाँ घनघोर लधाई छल्ल रही थी , ज़में पर फैला हुआ सफेद सफेद बर्फ अब खून से लाल लाल बर्फ होचुके थे चारों तरफ बस खून ही खून थे

लधाई के पहले जहाँ पे लाखों वारएवोल्फ’से आए थे जंग लड़ने के लिए वहीं अब सिर्फ़ कुछ हज़ारों ही बचे थे बकीके सबको वेमपाइर’से और दानओं ने मर दिया था लेकिन अभी भी कुछ वारएवोल्फ’से जिंदा थे और पूरे जोश के साथ लध रहे थे और प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से तो ख़ूँख़ार दरिन्दा बन चुका था जो भी उसके सामने आता चाहे वो वेमपाइर’से हो या दानव मारा जाता

कुछ घंटों तक जंग चलती रही जीतने भी वारएवोल्फ’से बच गये थे उन्न में से कुछ मर गये कुछ भाग गये और कुछ को बंदी बना लिया गया लेकिन अभी भी प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से लध रहा था और बहुत ही बहादुरी से लध रहा था

प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के बहादुरी को देख अग्नि ने खुद उस से लड़ने का तय किया और नीचे उतरने लगा , जब ड्रॅगन नीचे उतरने लगा तो एक पल के लिए वहाँ पे तूफान सा आ गया क्योंकि जब ड्रॅगन नीचे उतार रहा था तो वो अपने पंख को हवा और ज़मीन के बीच में उड़ा रहा था और इसे से इतनी तेज हवा चल रही थी की नीचे ज़मीन पे एक पल के लिए खड़ा होना सबके लिए मुश्किल हो गया था

फिर अग्नि ड्रॅगन के ऊपर से नीचे उतरता है और अग्नि के नीचे उतरते ही सारे वेमपाइर’से और सारे दानव अपने अपने गर्दन को नीचे झुकाके अग्नि को सलामी करने लगे और अग्नि धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के तरफ

सारे वेमपाइर’से और दानव जो ईश्वक़्त प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से को घेरे हुए थे वो सब अग्नि के वहाँ आने से हॅट जाते हैं , अग्नि प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के सामने पहुँच जाता है और फिर अग्नि अपने काले लबादे को एक ही झटके में निकल देता है , काले लबादे के हाथ ते ही अग्नि का चेहरा और उसका पूरा जिस्म सबके सामने आ जाता है

अग्नि के जिस्म और चेहरे का रंग सफेद था दूध जैसा सफेद , आँखों का रंग ब्लू(डीप ब्लू) , उसके बाएँ हाथ पे गोल्डन फ्लवर का टट्टो बना हुआ था , उसके बाल लंबे और घुँगरालू थे और उसके बाल उसके आँखों तक अरहे थे , अग्नि ईश्वक़्त एक योढ़ा के कपड़ों में खड़ा था और उसके कमर में दो तलवार लटक रही थी

यूँ तो देखने में अग्नि एक खतरनाक योढ़ा की तरह दिखता था लेकिन उसके आँखें बहुत अजीब थी उसके आँखों में एक अजीब से कशिश दिखती थी , उसके आँखों में एक अजीब से प्यास दिखती थी , उसके आँखों में एक अजीब से आवारापन दिखता था

अग्नि को अपने सामने देख प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से अपने इंसानी रूप में आ जाता है और फिर

प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से – क्या बात है मुझसे लड़ने खुद अंधेरे का युवराज आया है ये तो बहुत बड़ी खुश खबरी है मेरे लिए

अग्नि – सही कहा प्रिन्स आपने आप जैसे योढ़ा को हराने का मौका और वो खुशी में कैसे खो सकता हूँ इसलिए में आ गया

प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से – वो तो जंग लड़ने के बाद ही पता चलेगा की कौन जीतेगा और कौन हारेगा

फिर प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से एक कुल्हाड़ी लेकर अग्नि के तरफ तरफ जाता है और अग्नि अपने कमर में लटकी हुई दोनों तलवारें निकल लेता है , अग्नि के दोनों तलवार अग्नि के आँखों की तरह नीले रंग से चमक रहे थे और फिर अग्नि भी आगे तरफ जाता है और दोनों एक दूसरे से टकरा जाते हैं और दोनों के हत्यार भी एक डुशेरे से टक्रजते हैं

अंधेरा हो चुका था शाम होने के वजह से और इन दोनों की जंग शुरू हो चुकी थी एक जानलेवा और खतरनाक जंग और मौसम भी बट्ट से बत्तर होता जा रहा था बर्फ़बारी( स्नोफॉल ) और तेजिसे होने लगी थी

जब जब दोनों एक दूसरे से और दोनों के हत्यार एक दूसरे के हत्यार से टकराते थे तब तब आश्मन में बिजलिी कदकट्ी थी दोनों एक दूसरे के ऊपर वार पे वार करते जा रहे थे कभी प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से अग्नि के ऊपर तो कभी अग्नि प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के ऊपर कुछ देर तक इसे ही लधाई चलती रही

फिर अग्नि अपने तेज रफ्तार से अपने दोनों तलवार को प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के कुल्हाड़ी पर दे मरता है जिस से प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के हाथों से कुल्हाड़ी दूर जाकर गिरती है

अग्नि – (अपने चेहरे पे एक क़ातिलाना मुश्कं लिए)प्रिन्स अब क्या करेंगे आप



Kamal ka update hai bhai ji
 

AK 24

Supreme
22,055
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259
(UPDATE-03)
फिर प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से एक वार फिरसे अपना रूप बदल लेता है और एक बिशल कई भेड़िया में बदल जाता है और बहुत तेजिसे भोक्ता है ओोउुुुुुुुुउउ और फिर अग्नि के ऊपर छलाँग लगा देता है

प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से अग्नि के ऊपर छलाँग लगा देता है और अपने पंजे से एक जोरदार वार अग्नि के ऊपर करता है जिस से अग्नि दूर जाकर गिरता है और एक पेड़ से टकरा जाता है जिस से वो पेड़ उखाड़ जाता है

अग्नि फिर से उठ खड़ा होता है और इसे वक्त उसके आँखों में बहुत गुस्सा था , अग्नि अभी तक बस प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के साथ एक तरह से खेल रहा था लेकिन प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के इसे वार से वो गुस्से में आ जाता है और अग्नि हवा के रफ्तार से प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के सामने जा पहुँचता है और एक जोरदार मुक्का झड़ देता है जिस से प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से पत्रों से टकराते हुए दूर जाकर गिरता है

इसके बाद प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से बहुत बार अग्नि के ऊपर तेज रफ्तार से वार करता है लेकिन हर बार अग्नि उसे पूरे ताक़त के साथ पछाड़ देता है और दूर फेंक देता है फिर एक बार और प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से ने वैसे ही हमला किया और इसे वार अग्नि उसका गर्दन पकड़ लेता है और उसके उस बिशल कई शरीर को ऊपर उठा देता है और प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के एक हाथ को मरोड़ देता है और नीचे फेंक देता है

इसे तरह अग्नि ने प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से का हाथ मरोड़ा था की उसका हाथ की हड्डी टूट चुकी थी और प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से नीचे ज़मीन में पड़ा करहह रहा था और वो अपने इंसानी रूप में भी आ जाता है

फिर अग्नि दुबारा से प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से को उठता है और कहता है

अग्नि – तो प्रिन्स अब में आप के साथ क्या करूँ

प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से – वही जो एक युवराज दूसरे युवराज के साथ करता है

अग्नि – अगर आप की यही इच्छा है तो यही सही , फिर अग्नि प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से को दानओं के बीच फेंक देता है और कहता है

अग्नि – मुझे इसे क्या देख रहे हो कहा जाओ इसे यही इसकी आखिरी इच्छा है

अग्नि के इतना कहते ही सारे दानव प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के ऊपर टूट पड़ते हैं और उसके जिस्म को चीरते हुए फाड़ते हुए खाजाते हैं और वहीं खड़ा अग्नि ये सब देख रहा था और उसके चेहरे पे एक हल्की से मुश्कूराहट थी गंडर – मायाबी दुनिया का सबसे बड़ा स्टेट और सबसे ज्यादा ताकतवर स्टेट , जिधर भी नज़र जाए जहाँ तक भी नज़र जाए हर तरफ जादू ही जादू देखने को मिलेगा यहाँ चाहे वो कोई नाश्ते का दुकान हो या कोई बहुत बड़ा सा घर यहाँ हरर तरफ सब कुछ जादू से ही चलता है जैसे नाश्ते के दुकान में नाश्ते अपने आप ही बन रहे थे और लोगों को अपने आप ही डेलिवर हो रहे थे जैसे बारे बारे घरों में सारे छोटे मोटे काम और बारे बारे काम जादू से होरहे थे

यही गंडर की खासियत है की इसे स्टेट में हर कोई जादू जनता है हर कोई अपने अपने जादू में माहिर है , अब आगे बढ़ते हैं

एक सिपाही तेजिसे घोड़े पे सवार गंडर के महेल के तरफ तरफ रहा था अपने घोड़े को चाबुक से मरते हुए वो तेजिसे अपनी मंजिल गंडर के महेल तरफ तरफ रहा था और वो सिपाही कुछ देर में गंडर के महल के सामने पहुँच भी जाता है और वो घोड़े से उतरता है और तेजिसे दौड़ हुए महेल के अंदर घुस जाता है महेल के बाहर पहरे में खड़े सिपाही उसे नहीं रोकते हैं बल्कि उसे सलाम करते हैं

कुछ देर में वो सिपाही महेल के अंदर गंडर के महाराज के कमरे के सामने खड़ा था और बाहर पहरे पे खड़े सिपाही से कहता है जाओ और महाराज को बताओ की हम उनसे मिलना चाहते हैं

वो सिपाही अंदर चला जाता है और कुछ देर बाद वापस अकके कहता है आप अंदर जाए सेनापति जी महाराज आप को अंदर बुला रहे हैं

ये भागता हुआ आया सिपाही कोई और नहीं वो गंडर का सेनापति था और कोई कुछ समाचार लेकर आया था और ईश्वक़्त गंडर के महाराज बिस्वजीत सिंग रठोड़ के सामने खड़ा था

आज कल महाराज की तबीयत कुछ ठीक नहीं है इसलिए ज्यादातर वक्त वो अपने बिस्तर पर ही बिताते थे

महाराज – बोलिए सेनापति जी क्या खबर लाए हैं आप

सेनापति – जी महाराज वो वो

महाराज – ये जी जी क्या लगा रखा है साफ साफ बताइए समाचार क्या है

सेनापति – वो महाराज बहुत बुरी खबर है वारएवोल्फ’से हार गये और प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से को दानओं ने कहा लिया

महाराज – क्य्ाआआआआअ ये कैसे हो सकता है वो दानव और वो वेमपाइर’से कैसे प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से को हरा सकते हैं वो सब तो बहुत कमजोर थे

सेनापति – वो महाराज थे ईविल प्रिन्स यानि की सम्राट का वारिश अग्नि अचुका है

अग्नि के आने की बात सुनकर महाराज बिस्वजीत सिंग रठोड़ को तो जैसे साप सूंघ जाता है वो बोखलते हुए अपने बिस्तर से उतजाते हैं

और फिर सेनापति महाराज को सारी बातें बता देता है सबकुछ जो वहाँ हुआ था वो सब सेनापति बता देता है

महाराज – ये सब बातें तुम्हें कहाँ से पता चली सेनापति जी

सेनापति – महाराज जिस वक्त जंग चल रही थी ुषवक़्त में उन्न जादूगरों के साथ था और जादुई पानी में उस जंग को देख रहा था

महाराज – इसका मतलब सम्राट की भविस्यबानी सच हो गयी है और अग्नि अचुका है और उसके पास सम्राट की सारी ताकतें भी है

सेनापति – हाँ महाराज , अब आप को कुछ करना होगा महाराज

फिर महाराज सेनापति को बाहर जाने को कहते हैं और सेनापति के जाने के बाद महाराज किसी गहरी सोच में डुब्ब जाते हैं

***********************************************

जिस वक्त मायाबी दुनिया में ये सब घाट्ट रहा था उस वक्त इंसानी दुनिया में इंसान इन सब बातों से बेख़बर बारे आराम से और मौज से अपनी अपनी जिंदगी जी रहे थे

हिन्दुस्तान का एक छोटा सा गाँव जिसका नाम सरहादपुर था , ये गाँव पहाड़ों और जंगल से घिरा हुआ था और कुदरत से घिरे होने कारण ये गाँव एक खूबसूरत और शांत गाँव था , यहाँ के लोग भी बहुत अच्छे थे हरर किसकी मदद करना इन्हें अच्छा लगता था

ये गाँव सिर्फ़ खूबसूरत और शांत गाँव नहीं था ये गाँव प्रगातीसील हिन्दुस्तान का प्रगातीसील गाँव था और ये गाँव दिन बीए दिन और प्रगती कार रहा था

और इसी गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम था रुद्रा , उसका पूरा नाम था रुद्रा सिंग , और ये लड़का दिखने में , उसका जिस्म और चेहरे का रंग सफेद था उसकी आँखों का रंग काला था उसका बॉडी नॉर्मल था चेहरे से बहुत ही मस्सों और प्यारा लगता था पूरे गाँव में उस से ज्यादा हॅंडसम लड़का कोई और नहीं था

गाँव की सारी लड़कियाँ उशपे मारती थी लेकिन वो किसी और पे मरता था हरर पल कोई ना कोई लड़की उस से बात करने का मौका तलाश करती थी और रुद्रा उन्न सबसे अपने आप को हमेशा बचाते फिरते थे क्योंकि उसने अपने दिल को जो किसी और को दे दिया था

शा ही था रुद्रा , और उसके जो सबसे करीब थे वो दो स्क्स थे एक थे उसके पापा जिन्हें रुद्रा बहुत प्यार करता था और उसके पापा भी उसे बहुत प्यार करते थे , रुद्रा की मां नहीं थी उसे पल पॉश के उसके पापा ने ही बड़ा किया था और रुद्रा हमेशा अपने पापा के बात को मानता था और अपने पापा से कुछ भी नहीं छिपाता था चाहे वो कितनी छोटी बात हो या बड़ी बात
 

Rohit1988

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(UPDATE-03)
फिर प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से एक वार फिरसे अपना रूप बदल लेता है और एक बिशल कई भेड़िया में बदल जाता है और बहुत तेजिसे भोक्ता है ओोउुुुुुुुुउउ और फिर अग्नि के ऊपर छलाँग लगा देता है

प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से अग्नि के ऊपर छलाँग लगा देता है और अपने पंजे से एक जोरदार वार अग्नि के ऊपर करता है जिस से अग्नि दूर जाकर गिरता है और एक पेड़ से टकरा जाता है जिस से वो पेड़ उखाड़ जाता है

अग्नि फिर से उठ खड़ा होता है और इसे वक्त उसके आँखों में बहुत गुस्सा था , अग्नि अभी तक बस प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के साथ एक तरह से खेल रहा था लेकिन प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के इसे वार से वो गुस्से में आ जाता है और अग्नि हवा के रफ्तार से प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के सामने जा पहुँचता है और एक जोरदार मुक्का झड़ देता है जिस से प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से पत्रों से टकराते हुए दूर जाकर गिरता है

इसके बाद प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से बहुत बार अग्नि के ऊपर तेज रफ्तार से वार करता है लेकिन हर बार अग्नि उसे पूरे ताक़त के साथ पछाड़ देता है और दूर फेंक देता है फिर एक बार और प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से ने वैसे ही हमला किया और इसे वार अग्नि उसका गर्दन पकड़ लेता है और उसके उस बिशल कई शरीर को ऊपर उठा देता है और प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के एक हाथ को मरोड़ देता है और नीचे फेंक देता है

इसे तरह अग्नि ने प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से का हाथ मरोड़ा था की उसका हाथ की हड्डी टूट चुकी थी और प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से नीचे ज़मीन में पड़ा करहह रहा था और वो अपने इंसानी रूप में भी आ जाता है

फिर अग्नि दुबारा से प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से को उठता है और कहता है

अग्नि – तो प्रिन्स अब में आप के साथ क्या करूँ

प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से – वही जो एक युवराज दूसरे युवराज के साथ करता है

अग्नि – अगर आप की यही इच्छा है तो यही सही , फिर अग्नि प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से को दानओं के बीच फेंक देता है और कहता है

अग्नि – मुझे इसे क्या देख रहे हो कहा जाओ इसे यही इसकी आखिरी इच्छा है

अग्नि के इतना कहते ही सारे दानव प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से के ऊपर टूट पड़ते हैं और उसके जिस्म को चीरते हुए फाड़ते हुए खाजाते हैं और वहीं खड़ा अग्नि ये सब देख रहा था और उसके चेहरे पे एक हल्की से मुश्कूराहट थी गंडर – मायाबी दुनिया का सबसे बड़ा स्टेट और सबसे ज्यादा ताकतवर स्टेट , जिधर भी नज़र जाए जहाँ तक भी नज़र जाए हर तरफ जादू ही जादू देखने को मिलेगा यहाँ चाहे वो कोई नाश्ते का दुकान हो या कोई बहुत बड़ा सा घर यहाँ हरर तरफ सब कुछ जादू से ही चलता है जैसे नाश्ते के दुकान में नाश्ते अपने आप ही बन रहे थे और लोगों को अपने आप ही डेलिवर हो रहे थे जैसे बारे बारे घरों में सारे छोटे मोटे काम और बारे बारे काम जादू से होरहे थे

यही गंडर की खासियत है की इसे स्टेट में हर कोई जादू जनता है हर कोई अपने अपने जादू में माहिर है , अब आगे बढ़ते हैं

एक सिपाही तेजिसे घोड़े पे सवार गंडर के महेल के तरफ तरफ रहा था अपने घोड़े को चाबुक से मरते हुए वो तेजिसे अपनी मंजिल गंडर के महेल तरफ तरफ रहा था और वो सिपाही कुछ देर में गंडर के महल के सामने पहुँच भी जाता है और वो घोड़े से उतरता है और तेजिसे दौड़ हुए महेल के अंदर घुस जाता है महेल के बाहर पहरे में खड़े सिपाही उसे नहीं रोकते हैं बल्कि उसे सलाम करते हैं

कुछ देर में वो सिपाही महेल के अंदर गंडर के महाराज के कमरे के सामने खड़ा था और बाहर पहरे पे खड़े सिपाही से कहता है जाओ और महाराज को बताओ की हम उनसे मिलना चाहते हैं

वो सिपाही अंदर चला जाता है और कुछ देर बाद वापस अकके कहता है आप अंदर जाए सेनापति जी महाराज आप को अंदर बुला रहे हैं

ये भागता हुआ आया सिपाही कोई और नहीं वो गंडर का सेनापति था और कोई कुछ समाचार लेकर आया था और ईश्वक़्त गंडर के महाराज बिस्वजीत सिंग रठोड़ के सामने खड़ा था

आज कल महाराज की तबीयत कुछ ठीक नहीं है इसलिए ज्यादातर वक्त वो अपने बिस्तर पर ही बिताते थे

महाराज – बोलिए सेनापति जी क्या खबर लाए हैं आप

सेनापति – जी महाराज वो वो

महाराज – ये जी जी क्या लगा रखा है साफ साफ बताइए समाचार क्या है

सेनापति – वो महाराज बहुत बुरी खबर है वारएवोल्फ’से हार गये और प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से को दानओं ने कहा लिया

महाराज – क्य्ाआआआआअ ये कैसे हो सकता है वो दानव और वो वेमपाइर’से कैसे प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ’से को हरा सकते हैं वो सब तो बहुत कमजोर थे

सेनापति – वो महाराज थे ईविल प्रिन्स यानि की सम्राट का वारिश अग्नि अचुका है

अग्नि के आने की बात सुनकर महाराज बिस्वजीत सिंग रठोड़ को तो जैसे साप सूंघ जाता है वो बोखलते हुए अपने बिस्तर से उतजाते हैं

और फिर सेनापति महाराज को सारी बातें बता देता है सबकुछ जो वहाँ हुआ था वो सब सेनापति बता देता है

महाराज – ये सब बातें तुम्हें कहाँ से पता चली सेनापति जी

सेनापति – महाराज जिस वक्त जंग चल रही थी ुषवक़्त में उन्न जादूगरों के साथ था और जादुई पानी में उस जंग को देख रहा था

महाराज – इसका मतलब सम्राट की भविस्यबानी सच हो गयी है और अग्नि अचुका है और उसके पास सम्राट की सारी ताकतें भी है

सेनापति – हाँ महाराज , अब आप को कुछ करना होगा महाराज

फिर महाराज सेनापति को बाहर जाने को कहते हैं और सेनापति के जाने के बाद महाराज किसी गहरी सोच में डुब्ब जाते हैं

***********************************************

जिस वक्त मायाबी दुनिया में ये सब घाट्ट रहा था उस वक्त इंसानी दुनिया में इंसान इन सब बातों से बेख़बर बारे आराम से और मौज से अपनी अपनी जिंदगी जी रहे थे

हिन्दुस्तान का एक छोटा सा गाँव जिसका नाम सरहादपुर था , ये गाँव पहाड़ों और जंगल से घिरा हुआ था और कुदरत से घिरे होने कारण ये गाँव एक खूबसूरत और शांत गाँव था , यहाँ के लोग भी बहुत अच्छे थे हरर किसकी मदद करना इन्हें अच्छा लगता था

ये गाँव सिर्फ़ खूबसूरत और शांत गाँव नहीं था ये गाँव प्रगातीसील हिन्दुस्तान का प्रगातीसील गाँव था और ये गाँव दिन बीए दिन और प्रगती कार रहा था

और इसी गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम था रुद्रा , उसका पूरा नाम था रुद्रा सिंग , और ये लड़का दिखने में , उसका जिस्म और चेहरे का रंग सफेद था उसकी आँखों का रंग काला था उसका बॉडी नॉर्मल था चेहरे से बहुत ही मस्सों और प्यारा लगता था पूरे गाँव में उस से ज्यादा हॅंडसम लड़का कोई और नहीं था

गाँव की सारी लड़कियाँ उशपे मारती थी लेकिन वो किसी और पे मरता था हरर पल कोई ना कोई लड़की उस से बात करने का मौका तलाश करती थी और रुद्रा उन्न सबसे अपने आप को हमेशा बचाते फिरते थे क्योंकि उसने अपने दिल को जो किसी और को दे दिया था

शा ही था रुद्रा , और उसके जो सबसे करीब थे वो दो स्क्स थे एक थे उसके पापा जिन्हें रुद्रा बहुत प्यार करता था और उसके पापा भी उसे बहुत प्यार करते थे , रुद्रा की मां नहीं थी उसे पल पॉश के उसके पापा ने ही बड़ा किया था और रुद्रा हमेशा अपने पापा के बात को मानता था और अपने पापा से कुछ भी नहीं छिपाता था चाहे वो कितनी छोटी बात हो या बड़ी बात


Wonderful update bhai ji
 

AK 24

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(UPDATE-04)
और दूसरा स्क्स था उसका बचपन का दोस्त उसका लोंगोतिया यार सन्नी पूरे गाओंवले इनके दोस्ती की मिशल दिया करते थे की दोस्त हो तो रुद्रा और सन्नी की तरह वरना ना हो और दोनों बिलकुल जाई और वीरू थे एक दूसरे के ऊपर जान छिड़कना तो आम से बात थी ये दोनों हमेशा साथ पाए जाते थे , दिन के 24 घंटे में से अगर सोने का वक्त यनेकिी 6 घंटे निकल दो तो बकीके 18 घंटे दोनों साथ बिताते थे , दोनों एक दूसरे के मन की बात एक दूसरे को बिना बोले ही समझ जाते थे , इसी तरह की थी उनकी दोस्ती सुबह के 7 बज रहे थे और रुद्रा अपने कमरे में तैयार हो रहा था कालेज जाने के लिए , कालेज में पहला क्लास सुबह के 9 बजे था और कालेज सरहादपुर से 30केयेम दूर था इसलिए रुद्रा सुबह जल्दी उतज़ता था

रुद्रा तैयार होकर अपने कमरे से बाहर निकलता है तो देखता है की बाहरवाले कमरे में उसके पापा बैठे हैं और चाय पी रहे हैं , रुद्रा के पापा का नाम वीर सिंग था और वो एक ढाबा चलते थे

रुद्रा – गुड मॉर्निंग पपाजिी

पपाजिी – गुड मॉर्निंग बेताजिी , तो तैयार हो गये आप

रुद्रा – हाँ पपाजिी में तैयार हो गया हूँ अब चलता हूँ सन्नी मेरा इंतजार कार रहा होगा बस स्टैंड पे

पपाजिी – अरे बेताजिी नाश्ता तो कर लो

रुद्रा – नहीं पपाजिी लेट होरा है में नाश्ता कालेज में करलूंगा

पपाजिी – चलो ठीक है मगर पैसे तो है ना आप के पास

रुद्रा – हाँ पपाजिी पैसे हैं मेरे पास

फिर रुद्रा घर से बस स्टैंड के तरफ निकल जाता है और इधर बस स्टैंड पे सन्नी पहले से ही खड़ा लड़कियों को तद्ड रहा था और अपनी आँखें सेख रहा था

सन्नी – (एक लड़की को देखते हुए) आश्मन में तादादम लाखों तारे हैं तादादम ओउ जानेमन कैसी हो

लड़की – देख सन्नी मुझे गुस्सा ना दिला वरना

सन्नी – वरना क्या जानेमन पपीई देगी क्या , चल देदे मुझे एक पपीई दिन बहुत अच्छा गुजरेगा

लड़की – पपीई नहीं मेरी ये सैंडल(चपल) दूँगी और वो भी तेरे गाल पे

सन्नी – जानेमन में अपने गाल पे सिर्फ़ पपीई लेता हूँ और कुछ नहिंन्न्न् समझी क्या , देना है तो एक पपीई देदे

फिर वो लड़की गुस्से में आ जाती है और अपनी सैंडल(चपल) निकल के सन्नी के तरफ बढ़ती है लेकिन ठीक उसी वक्त वहाँ पे रुद्रा पहुँच जाता है और उस लड़की को रोक देता है

लड़की – देख रुद्रा तेरे इसे लफंगे दोस्त को समझा दे वरना अच्छा नहीं होगा

रुद्रा – आब्बी ओये सन्नी ये क्या यार रोजाना इसे परेशान करता रहता है चल अब इसे सॉरी बोल

सन्नी – ठीक है यार तू बोल रहा है इसे लिए बोल्देटा हूँ , ओये जानेमन आम सॉरी

लड़की – कमीने तू कभी नहीं सुधरेगा हुन्न्ञननणणन्

सन्नी – अरे जानेमन हम बिगड़े ही कब थे जो सुधरेंगे हम तो बचपन से ही इसे हैं

और ठीक उसी वक्त बस आ जाता है और उसमें रुद्रा और सन्नी दोनों चढ़ जाते हैं और जाते जाते भी सन्नी उसे लड़की को तंग करने से पीछे नहीं हाथ था

सन्नी – ओये जानेमन चल कल मिलते हैं और कल में तुझसे पपीई लेकर ही रहूँगा बेययययययी

बस आगे चल देती है और वो लड़की वहाँ खड़ी सन्नी को गलियाँ देती रही जाती है

रुद्रा – आबे साले तू कभी नहीं सुधरेगा

सन्नी – आबे यार मेरी बातें चोद तू ये बता तू आज लेट क्यों हुआ तू तो हमेशा मुझसे भी पहले आ जाता है

रुद्रा – कुछ नहीं यार वो आज उठने में थोड़ा सा लेट हो गया इसे वजह से

सन्नी – लगता है कल रात भर तू उसी के सपने देखता रहा जीशके वजह से आज तुझे उठने में लेट हो गया क्यों सही बोल रहा हूँ ना

रुद्रा – क्या यार सन्नी तू भी ना कुछ भी बोलता रहता है (ये सब कहते वक्त रुद्रा का चेहरा शर्म से लाल हो गयी थी)

सन्नी – आबे रहने दे रहने दे तेरा चेहरा देख के कोई भी बता देगा की तू साले झूठ बोल रहा है

इसे ही बातें करते करते वो दोनों कालेज पहुँच जाते हैं और कालेज में घुसते ही रुद्रा चारों तरफ देखने लगता है और सन्नी रुद्रा को यूँ चारों तरफ देखते हुए देख सन्नी समझ जाता है ये रुद्रा चारों तरफ इसे क्यों देख रहा है

सन्नी – आब्बी मजनू के चाहते हुए औलाद इसे क्या देख रहा है चारों तरफ तेरी लैला अभी तक नहीं आई है

रुद्रा – तुझे कैसे पता भी

सन्नी – आबे अगर तेरी लैला कालेज अचूकी होती तो पार्किंग प्लेस में तेरी लैला के आशिक नितिन की कार जरूर पार्क होती क्यों समझ में आया

रुद्रा – (चिढ़ते हुए) आबे तुझे कितनी वार बोला है वो दोनों दोस्त होंगे यार

सन्नी – मेरे प्यारे भोले मैंने भी तुझे कितनी वार बोला है की वो दोनों कोई दोस्त बोस्ट नहीं लैला मजनू हैं लेकिन तू है की बात को समझता नहीं है

रुद्रा – नहीं यार मेरा दिल नहीं मानता हाँ शा भी तो हो सकता है की नितिन ही मेरी सोना के पीछे पड़ा हो और उस नितिन के साथ घूमना फिरना सोना की कोई मजबूरी हो और अगर वो दोनों एक दूसरे से प्यार करते भी हैं तो सोना हमेशा मुझे देख के मुश्कूराती क्यों है और उसके उस मुश्कं में प्यार झलकता है

सन्नी – पहले तो यार यही कहूँगा की तू स्वार्थ को मजबूरी का नाम मत दे और दूसरी बात सोना जैसी लड़कियाँ किसी एक की नहीं रही सकती जीशके पास भी ज्यादा पेसा और पावर रहेगा सोना उशिके पास जाएगी इसे वक्त नितिन का बाप हमारे गाँव का सरपंच है और बहुत बड़ा ज़मेंडर भी इसे लिए सोना नितिन के साथ है और रही बात तुझे देख के मुश्कूराने की तो बात ये है की तू साला हमारे गाँव और इसे कालेज का सबसे हॅंडसम लौंडा है और वो जानती है की तू उसे प्यार करता है इसलिए वो तुझे अपने उंगलियों पे नाचना चाहती है अब समझा

रुद्रा – चल तू कुछ भी बोला मात कर मेरी सोना ऐशी नहीं है वो तो बहुत अच्छी है समझा

सन्नी – साले एक दिन मरेगा इसे सोना के चक्कर में तब तुझे पत्ता चलेगा की में सच बोल रहा था

सन्नी – लो आ गाई तेरी सोना अपने मजनू नितिन के साथ , बोलो जाई सोना मैयाँ की , ये बोलकर सन्नी हस्सने लगता है

रुद्रा नितिन की कार के तरफ ही देखने लगता है , कार का दरवाजा खुलता है और उसमें से नितिन के साथ सोना बाहर निकलती है , सोना इसे कालेज की सबसे ज्यादा खूबसूरत लड़की थी , सोना को देखते ही रुद्रा सोना के खूबसूरती में खो जाता है ,नितिन और सोना दोनों धीरे धीरे आगे तरफ रहे थे , और जैसे ही सोना रुद्रा के सामने से गुजरती है तो रुद्रा को देख हल्का सा मुस्करा देती है

और सोना की ये मुश्कं सीधे आकर लगती है रुद्रा के दिल पे और रुद्रा इसे बात से बहुत खुश हो जाता है जैसे की उसे आज दुनिया की सबसे कीमती चीज़ मिल गयी हो सोना के मुश्कं के रूप में , और रुद्रा को इतना खुश देख सन्नी उसे कहता है

सन्नी – आब्बी ओये ज्यादा उड़ मात वरना जब ज़मीन पे गिरेगा ना तो बहुत दर्द होगा समझा , अब चल क्लास का वक्त हो गया है

फिर रुद्रा और सन्नी भी क्लास के तरफ चल देते हैं , क्लास तो शुरू होजती है लेकिन रुद्रा का दिल आज पढ़ाई में नहीं था उसका दिल तो सोना के ख्यालों में था और उसकी निगाहें भी सोना के ही ऊपर थी

इधर क्लास रूम में टीचर पढ़ा रहे थे उधर रुद्रा सोना को ही देख रहा था और सोना भी ये जानती थी की रुद्रा उसे ही देख रहा है इसलिए वो बीच बीच में रुद्रा को देख मुस्करा देती है जिस से रुद्रा का दिल और भी ज्यादा मचल उठ था और वो और भी ज्यादा खुश हो जाता

इसे ही देखते देखते आज के सारे क्लास खत्म होजते हैं और कालेज की छूतीी होजती है और कालेज खत्म होने के बाद सब अपने अपने घर के तरफ चल देते हैं , सोना नितिन के साथ उसके गाड़ी में आई थी और नितिन के साथ ही घर लौट गयी

और रुद्रा और सन्नी दोनों बस में जा बैठे कुछ देर में बस गाँव में पहुँच जाती है और दोनों बस से उतरके अपने अपने घर के तरफ चलने लगते हैं

सन्नी – यार तूने आज रात के बारे में क्या सोचा है

रुद्रा – रात के बारे में?

सन्नी – आबे साले तू भूल गया आज गाँव में शाम को मेला लगने वाला है और हमें वहाँ जाना है

रुद्रा – अरे हाँ यार में इतनी बड़ी बात कैसे भूल गया
 
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