(UPDATE-04)
और दूसरा स्क्स था उसका बचपन का दोस्त उसका लोंगोतिया यार सन्नी पूरे गाओंवले इनके दोस्ती की मिशल दिया करते थे की दोस्त हो तो रुद्रा और सन्नी की तरह वरना ना हो और दोनों बिलकुल जाई और वीरू थे एक दूसरे के ऊपर जान छिड़कना तो आम से बात थी ये दोनों हमेशा साथ पाए जाते थे , दिन के 24 घंटे में से अगर सोने का वक्त यनेकिी 6 घंटे निकल दो तो बकीके 18 घंटे दोनों साथ बिताते थे , दोनों एक दूसरे के मन की बात एक दूसरे को बिना बोले ही समझ जाते थे , इसी तरह की थी उनकी दोस्ती सुबह के 7 बज रहे थे और रुद्रा अपने कमरे में तैयार हो रहा था कालेज जाने के लिए , कालेज में पहला क्लास सुबह के 9 बजे था और कालेज सरहादपुर से 30केयेम दूर था इसलिए रुद्रा सुबह जल्दी उतज़ता था
रुद्रा तैयार होकर अपने कमरे से बाहर निकलता है तो देखता है की बाहरवाले कमरे में उसके पापा बैठे हैं और चाय पी रहे हैं , रुद्रा के पापा का नाम वीर सिंग था और वो एक ढाबा चलते थे
रुद्रा – गुड मॉर्निंग पपाजिी
पपाजिी – गुड मॉर्निंग बेताजिी , तो तैयार हो गये आप
रुद्रा – हाँ पपाजिी में तैयार हो गया हूँ अब चलता हूँ सन्नी मेरा इंतजार कार रहा होगा बस स्टैंड पे
पपाजिी – अरे बेताजिी नाश्ता तो कर लो
रुद्रा – नहीं पपाजिी लेट होरा है में नाश्ता कालेज में करलूंगा
पपाजिी – चलो ठीक है मगर पैसे तो है ना आप के पास
रुद्रा – हाँ पपाजिी पैसे हैं मेरे पास
फिर रुद्रा घर से बस स्टैंड के तरफ निकल जाता है और इधर बस स्टैंड पे सन्नी पहले से ही खड़ा लड़कियों को तद्ड रहा था और अपनी आँखें सेख रहा था
सन्नी – (एक लड़की को देखते हुए) आश्मन में तादादम लाखों तारे हैं तादादम ओउ जानेमन कैसी हो
लड़की – देख सन्नी मुझे गुस्सा ना दिला वरना
सन्नी – वरना क्या जानेमन पपीई देगी क्या , चल देदे मुझे एक पपीई दिन बहुत अच्छा गुजरेगा
लड़की – पपीई नहीं मेरी ये सैंडल(चपल) दूँगी और वो भी तेरे गाल पे
सन्नी – जानेमन में अपने गाल पे सिर्फ़ पपीई लेता हूँ और कुछ नहिंन्न्न् समझी क्या , देना है तो एक पपीई देदे
फिर वो लड़की गुस्से में आ जाती है और अपनी सैंडल(चपल) निकल के सन्नी के तरफ बढ़ती है लेकिन ठीक उसी वक्त वहाँ पे रुद्रा पहुँच जाता है और उस लड़की को रोक देता है
लड़की – देख रुद्रा तेरे इसे लफंगे दोस्त को समझा दे वरना अच्छा नहीं होगा
रुद्रा – आब्बी ओये सन्नी ये क्या यार रोजाना इसे परेशान करता रहता है चल अब इसे सॉरी बोल
सन्नी – ठीक है यार तू बोल रहा है इसे लिए बोल्देटा हूँ , ओये जानेमन आम सॉरी
लड़की – कमीने तू कभी नहीं सुधरेगा हुन्न्ञननणणन्
सन्नी – अरे जानेमन हम बिगड़े ही कब थे जो सुधरेंगे हम तो बचपन से ही इसे हैं
और ठीक उसी वक्त बस आ जाता है और उसमें रुद्रा और सन्नी दोनों चढ़ जाते हैं और जाते जाते भी सन्नी उसे लड़की को तंग करने से पीछे नहीं हाथ था
सन्नी – ओये जानेमन चल कल मिलते हैं और कल में तुझसे पपीई लेकर ही रहूँगा बेययययययी
बस आगे चल देती है और वो लड़की वहाँ खड़ी सन्नी को गलियाँ देती रही जाती है
रुद्रा – आबे साले तू कभी नहीं सुधरेगा
सन्नी – आबे यार मेरी बातें चोद तू ये बता तू आज लेट क्यों हुआ तू तो हमेशा मुझसे भी पहले आ जाता है
रुद्रा – कुछ नहीं यार वो आज उठने में थोड़ा सा लेट हो गया इसे वजह से
सन्नी – लगता है कल रात भर तू उसी के सपने देखता रहा जीशके वजह से आज तुझे उठने में लेट हो गया क्यों सही बोल रहा हूँ ना
रुद्रा – क्या यार सन्नी तू भी ना कुछ भी बोलता रहता है (ये सब कहते वक्त रुद्रा का चेहरा शर्म से लाल हो गयी थी)
सन्नी – आबे रहने दे रहने दे तेरा चेहरा देख के कोई भी बता देगा की तू साले झूठ बोल रहा है
इसे ही बातें करते करते वो दोनों कालेज पहुँच जाते हैं और कालेज में घुसते ही रुद्रा चारों तरफ देखने लगता है और सन्नी रुद्रा को यूँ चारों तरफ देखते हुए देख सन्नी समझ जाता है ये रुद्रा चारों तरफ इसे क्यों देख रहा है
सन्नी – आब्बी मजनू के चाहते हुए औलाद इसे क्या देख रहा है चारों तरफ तेरी लैला अभी तक नहीं आई है
रुद्रा – तुझे कैसे पता भी
सन्नी – आबे अगर तेरी लैला कालेज अचूकी होती तो पार्किंग प्लेस में तेरी लैला के आशिक नितिन की कार जरूर पार्क होती क्यों समझ में आया
रुद्रा – (चिढ़ते हुए) आबे तुझे कितनी वार बोला है वो दोनों दोस्त होंगे यार
सन्नी – मेरे प्यारे भोले मैंने भी तुझे कितनी वार बोला है की वो दोनों कोई दोस्त बोस्ट नहीं लैला मजनू हैं लेकिन तू है की बात को समझता नहीं है
रुद्रा – नहीं यार मेरा दिल नहीं मानता हाँ शा भी तो हो सकता है की नितिन ही मेरी सोना के पीछे पड़ा हो और उस नितिन के साथ घूमना फिरना सोना की कोई मजबूरी हो और अगर वो दोनों एक दूसरे से प्यार करते भी हैं तो सोना हमेशा मुझे देख के मुश्कूराती क्यों है और उसके उस मुश्कं में प्यार झलकता है
सन्नी – पहले तो यार यही कहूँगा की तू स्वार्थ को मजबूरी का नाम मत दे और दूसरी बात सोना जैसी लड़कियाँ किसी एक की नहीं रही सकती जीशके पास भी ज्यादा पेसा और पावर रहेगा सोना उशिके पास जाएगी इसे वक्त नितिन का बाप हमारे गाँव का सरपंच है और बहुत बड़ा ज़मेंडर भी इसे लिए सोना नितिन के साथ है और रही बात तुझे देख के मुश्कूराने की तो बात ये है की तू साला हमारे गाँव और इसे कालेज का सबसे हॅंडसम लौंडा है और वो जानती है की तू उसे प्यार करता है इसलिए वो तुझे अपने उंगलियों पे नाचना चाहती है अब समझा
रुद्रा – चल तू कुछ भी बोला मात कर मेरी सोना ऐशी नहीं है वो तो बहुत अच्छी है समझा
सन्नी – साले एक दिन मरेगा इसे सोना के चक्कर में तब तुझे पत्ता चलेगा की में सच बोल रहा था
सन्नी – लो आ गाई तेरी सोना अपने मजनू नितिन के साथ , बोलो जाई सोना मैयाँ की , ये बोलकर सन्नी हस्सने लगता है
रुद्रा नितिन की कार के तरफ ही देखने लगता है , कार का दरवाजा खुलता है और उसमें से नितिन के साथ सोना बाहर निकलती है , सोना इसे कालेज की सबसे ज्यादा खूबसूरत लड़की थी , सोना को देखते ही रुद्रा सोना के खूबसूरती में खो जाता है ,नितिन और सोना दोनों धीरे धीरे आगे तरफ रहे थे , और जैसे ही सोना रुद्रा के सामने से गुजरती है तो रुद्रा को देख हल्का सा मुस्करा देती है
और सोना की ये मुश्कं सीधे आकर लगती है रुद्रा के दिल पे और रुद्रा इसे बात से बहुत खुश हो जाता है जैसे की उसे आज दुनिया की सबसे कीमती चीज़ मिल गयी हो सोना के मुश्कं के रूप में , और रुद्रा को इतना खुश देख सन्नी उसे कहता है
सन्नी – आब्बी ओये ज्यादा उड़ मात वरना जब ज़मीन पे गिरेगा ना तो बहुत दर्द होगा समझा , अब चल क्लास का वक्त हो गया है
फिर रुद्रा और सन्नी भी क्लास के तरफ चल देते हैं , क्लास तो शुरू होजती है लेकिन रुद्रा का दिल आज पढ़ाई में नहीं था उसका दिल तो सोना के ख्यालों में था और उसकी निगाहें भी सोना के ही ऊपर थी
इधर क्लास रूम में टीचर पढ़ा रहे थे उधर रुद्रा सोना को ही देख रहा था और सोना भी ये जानती थी की रुद्रा उसे ही देख रहा है इसलिए वो बीच बीच में रुद्रा को देख मुस्करा देती है जिस से रुद्रा का दिल और भी ज्यादा मचल उठ था और वो और भी ज्यादा खुश हो जाता
इसे ही देखते देखते आज के सारे क्लास खत्म होजते हैं और कालेज की छूतीी होजती है और कालेज खत्म होने के बाद सब अपने अपने घर के तरफ चल देते हैं , सोना नितिन के साथ उसके गाड़ी में आई थी और नितिन के साथ ही घर लौट गयी
और रुद्रा और सन्नी दोनों बस में जा बैठे कुछ देर में बस गाँव में पहुँच जाती है और दोनों बस से उतरके अपने अपने घर के तरफ चलने लगते हैं
सन्नी – यार तूने आज रात के बारे में क्या सोचा है
रुद्रा – रात के बारे में?
सन्नी – आबे साले तू भूल गया आज गाँव में शाम को मेला लगने वाला है और हमें वहाँ जाना है
रुद्रा – अरे हाँ यार में इतनी बड़ी बात कैसे भूल गया