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Ek number

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Update 5
जैसे की आपने आगे देखा की मेने और कमला ने पूरी रात चूदाई की। उसका वीडियो नीचे है।



अब आगे......

सुबह हुई। में कमला के साथ ही सोया था रात को। में उठा तब कमला बेड पे नही थी। मेने सोचा की उठ गई होगी जल्दी। फिर में भी उठ कर वाशरूम जाके फ्रेश हुआ।

नीचे आके देखा तो। कमला किचन में थी और वृंदा डाइनिंग टेबल पर बैठ के कमला से बाते कर रही थी। में सीधा चला गया।

में: गुड मॉर्निंग।

कमला: गुड मॉर्निंग, बेटा।

वृंदा: गुड मॉर्निग माय लिटिल फ्रेंड।

में: अच्छा तो आपने मुझे फ्रेंड मान ही लिया।

वृंदा: मानना तो था ही। अगर आप इतने स्मार्ट ना होते तो।

में: अरे आप भी क्या सुबह सुबह मेरी टांग खींच रही हो।

कमला: अरे बस बंध करो तुम दोनो ये हसी मजाक। चलो नाश्ता रेडी हो गया है।

फिर कमला ने मुझे और वृंदा को नाश्ता दिया और खुद भी लेके बैठ गई।

में: आप आज यहां नाश्ता करने आई है?

वृंदा: हा घर्मे कोई है नही तो मेने सोचा की चलो आज कमला के हाथ का नाश्ता ही कर लू। इतना टेस्टी जो बनाती है।

में: क्यू कोई नही है। आपके हसबैंड कहा गए?

वृंदा: वो कल रात ही बिजनेस ट्रिप के लिए निकल गए।

में: तो आपके बच्चे कहा गए?

वृंदा: (थोड़ी उदास सी होके) मेरी कोई संतान नहीं है।

कमला: कोई बात नही वृंदा तुम टेंशन मत लो।

वृंदा: क्यू ना लू टेंशन। 20 साल हो गए है शादी के लेकिन आज तक मां बनने का सुख नही मिला।

में: (में उसका हाथ पकड़ते) तुम टेंशन मत लो वृंदा। आज में तुम्हारे साथ वक्त गुजारता हु।

वृंदा: सच बोल रहे हो।

में: पका वाला सच।

वृंदा: ठीक है। तो जल्दी जल्दी नाश्ता करके चलो मेरे घर।

कमला: हा ले जाओ इसे बहुत शेतानिया करता है ये। वैसे भी मुझे आज काम है। तो में बाहर ही रहूंगी। लेकिन शाम तक आ जाऊंगी।

वृंदा: ठीक है तो में इसे अपने घर ले जा रही हु।

फिर हमने जटपट नाश्ता किया। फिर में और वृंदा उसके घर चले आए। उसका घर बाजू वाला हु था। यहां घर बोहत बड़े बड़े है। मेरी दादी का घर ही बोहत बड़ा है। क्युकी साथ में आगे पीछे गार्डन जैसा भी है। और साथ में पार्किंग भी। इसलिए बोहत जगह लेता है। में वृंदा के घर गया वैसे हमारे यह कोई वॉचमैन नही है। ना ही दादी के यह और ना ही वृंदा के यहां। वृंदा ने गेट खोला और हम एंटर हुए। फिर गेट बंद करके घर की तरफ जाने लगे। करीब 20–25 मीटर का फासला था। गेट से घर तक का क्युकी बीच में गार्डन और पार्किंग भी तो थी।

में और वृंदा उसके घर में आए। फिर वो सोफे पे बैठी और अपने दोनो हाथ आगे करके मुझे बुलाके अपनी गोद में बैठने को बोली। एक तो में हाईट में छोटा इसलिए। फिर में भी उसकी गोद में बैठ गया।

वृंदा: खाने में क्या खाओगे?

में: आपको. (थोड़ा नॉटी होके)

वृंदा: चल बदमाश।

में: वैसे भी आप इतनी हरी भरी है। इतना मांस है की मेरी 5 दिन की भूख मिट जायेगी।

वृंदा: अच्छा

में: आपको पकाकर खाऊ या ऐसे ही खाउ।

वृंदा: ये धीरे से क्या बोले तुम??

में: कुछ नही।

वृंदा: कुछ तो बोले तुम।

में: अरे कुछ भी तो नहीं।

वृंदा: ठीक है। वैसे तुम्हारा और कमला का केसा चल रहा है।

में: क्या मतलब केसा चल रहा है।

वृंदा: अरे मेरा मतलब घर में दादी नही है ना तो कमला आंटी अच्छे से ध्यान रख रही है ना।

में: बोहत अच्छे से।

वृंदा: वैसे मेने कल कुछ देखा था।
(अब कमला के हाथ मुझे घेर रहे थे।)

में: क्या देखा था?
( मुझे डरना तो नही चाहिए था लेकिन मूजे पता नही क्यू दर लग रहा है?)

वृंदा: वही जब मेरा कॉल आया था और में बाहर चली गई थी, उसके बाद।

में कमला के हाथ छुड़ाते हुए उठने की कोशिश करने लगा धीरे धीरे।

में: क्या आपने सब देखा?

वृंदा: हा मेने सब देखा।

में: प्लीज किसीको को कुछ मत बतायेगा। प्लीज, प्लीज।

वृंदा: अगर मेने दादी को बता दिया तो।

में: नही प्लीज। ऐसा मत कीजिए।

वृंदा हसने लगी। बोहत जोरो से हसने लगी लेकिन फिर अचानक ही रुक गई और मेरी आंखो में देखते हुए।

वृंदा: आज तो मेरी फैंटेसी पूरी करके ही रहूंगी। (अपने होठों पर जुबान फिराई)

में: कैसी फैंटेसी??

वृंदा: आजतक तो मेने ये सब सिर्फ वीडियो में ही देखा है। लेकिन आज में ये कर के ही रहूंगी।

फिर वृंदा ने मुझे कस के किस किया। पगलो की तरह चूमने लगी।

वृंदा: देख मेने कल सब देख लिया था। अगर तुम नही चाहते की में किसीको कुछ बताऊं तो में जो बोलूंगी वो करना पड़ेगा। मंजूर है ना?

में: हा मंजूर है। (वैसे भी मेरे पास और कोई रास्ता भी नही है।)

वृंदा: चल मेरे साथ।

फिर वृंदा ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपने रूम में ले गई। बोहत आलीशान कमरा है। फिर वो दुपट्टा लाई और मेरे हाथ बांध दिए।

वृंदा: बेड पे लेट जा।

में जाके बेड पे लेट गया। में वृंदा को देख रहा था की अब क्या करेगी। वृंदा ने अपने कपड़े उतारे। बेड पे चढ़ी। बेड पे चढ़न केे बाद वो मेरे चेहरे के ऊपर अपनी 40 की मखमली और गदराई गांड़ रख दी। मेरा पूरा चेहरा उसकी गांड़ के नीचे दब गया था। में आंखो के सामने अंधेरा छाया हुआ हैं।

वृंदा: चाट ना यार।

फिर में चाटने लगा। थोड़ी देर चाटने के बाद वो अपनी गांड़ को आगे पीछे करने लगी। थोड़ी देर में तड़प ने लगा क्युकी मुझे सांस नही आ रही थी। में हाथो को और पैरो को जोरो से हिलाने लगा। फिर वो अपनी गांड़ लेके उठी और मेरे पैंट और अंडरवियर उतार दी।

वापस वो मेरे चेहरे के ऊपर आकर बैठ गई और मेरे लन्ड को सहलाने लगी।

वृंदा: ऐसा लन्ड मेने पहली बार देखा है। मेरे पति का भी इतना बड़ा नही है की जितना तुम्हारा है।

वृंदा बोहत खुश हुई। आज उसकी फैंटेसी जो पूरी हो रही है।

वृंदा मेरे लैंड को सहला रही है। वापस उसने गांड़ रगड़ ना चालू किया। मेरा चाटना भी चालू ही है। 2 मिनिट के बाद वृंदा बिहार जोरो से गांड़ हिलाई और मेरे चेहरे पे टाइट कर दी। मेरा चेहरे बोहत बुरी तरह से दबा है लेकिन वो जड़ रही है।

जड़ ने के बाद वृंदा ढीली हो रही है। और अब वो मेरे पे ही निढाल हो गिरी। मेरे लन्ड के पास मुंह आके गिरा उसका। 1 मिनिट तक अपनी चरमसुख का आनंद लिया।

फिर वापस खड़ी हुई और मेरे बगल में आके लेट गई। उसने मेरे बंधे हुए हाथो को पीछे कर दिए। फिर मुझे चूमा।

वृंदा: मजा आ रहा है।

मेने हा में सर हिलाया।

वृंदा: तू उस कामिनी को क्यू चोदता है?

में: बस चोदता हू। तुझे क्या? (दर्द में)

वृंदा: में इतनी खूबसूरत हु। मुझे चोद ना.

वो जितनी भी बोल रही है या बोलेगी। तब वो बोहत खुश होकर बोल रही है। उसकी स्माइल मुझे कुछ अलग ही आनंद में डाल रही थी।

वृंदा इतना बोलने के बाद मेरे पे चढ़ कर लेट गई। में वृंदा के नीचे जैसे दब सा गया हु। मेरा खड़ा लन्ड उसकी चूत से ले के नाभि तक दब गया था। उसका मुंह मेरे मुंह से करीब 2–3 इंच की दूरी पर लाकर।

वृंदा: दब में केसा लग रहा है? 😁

में: बोहत बढ़िया।

वृंदा: तुम्हारा इतना बड़ा लन्ड केसे है?

में: क्यू अच्छा नही लगा?

वृंदा किस करके: अरे मेरे पति का सिर्फ 5 इंच का है और पतला सा।

में: तुम्हारी कोई औलाद नहीं है?

वृंदा थोड़ी मायूस हो कर: नही है।

में: में आज तुम्हारी ही औलाद हु।

वृंदा गीली किस देके: अच्छा।

में: हा, तुम्हे इतने सालो से कोई औलाद का सुख प्राप्त नहीं हुआ है। तो आज जी भर के मुझे अपनी औलाद समझ के प्यार करो।

वृंदा मेरे बालो अपने हाथ से फेर ते हुए: वैसे तुम्हे पता है ना मां बाप जो बोलते है। उसे औलाद करती है।

में: हा, मुझे पता है।

मुझे पता नही क्यू में उसकी बातो में मोहित होता चला जा रहा हु। उसका 70 किलो का शरीर भी मुझे हल्का लगने लगा था।

वृंदा: और पता है ना मां बाप अपनी औलाद को मरते भी है।

में: अरे पगली उसे प्यार कहते है मां बाप का।

मेरी ये बात सुन कर वृंदा बोहत उत्तेजित हो गई और मुझे किस पे किस दिए जा रही है। करीब 2 मिनिट बाद हमारी सांसों में जोर आया तब जाके रुकी वृंदा। मेरे होंठो के आजू बाजू पूरा थूक से गीला कर दिया है और चूमते चूमते वृंदा अपने मुंह में बोहत थूक जमा कर लिया था।

वृंदा: जल्दी अपना मुंह खोलो।

मेरे मुंह खोलते ही वृंदा ने अपना सारा थूक मेरे मुंह में डाल दिया। जब मुंह खोला तो थोड़ा ओड लगा लेकिन जब उसका थूक मेरे मुंह में आया तो उसका स्वाद हद से मीठा था। जाहिर सी बात है। अगर कोई गोरी, लंबे काले बाल, एक दम बड़े चूचे, गांड़ भी देखो तो एक दम भरी हुई। पूरा गदराया बदन उसका और जबसे मेरे पास आई है तब से उसके शरीर की खुश्बू से पागल कर रही है। तो ऐसे औरत का थूक क्या उस औरत का सब कुछ मीठा लगेगा।

मेरे थूक निगलते ही: मम्मी!!!!!

वृंदा ने जब ये सुना तो और भी पागल हो गई और मुझे वापस किस करना चालू किया और वो भी जंगलियों की तरह। कभी उसकी जबान मेरे मुंह तो कभी मेरी जबान उसके मुंह। 2 मिनिट की किसिंग के बाद वृंदा ने अपने मुंह वापस थूक जमा कर लिया था।

अब उसने अपने हाथो से मेरा मुंह खोलकर थूक डाला मेरे मुंह में। जैसे में उसका थूक निगला तो में बोहत उत्तेजित हो गया। इतना हुआ की मेरे जो हाथ बंधे थे वो भी मेने तोड़ डाले और वृंदा को एक हाथ से उसके सिर को पीछे से पकड़ के वापस किस करना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से उसके पीठ को सहलाने लगा।

थोड़ी देर किस करने के बाद

वृंदा: मेने हाथ बंधे थे तो तोड़ क्यू दिए। लेकिन केसे तोड़े मेने तो बोहत टाइट बंधा था।

में: तुम्हारा अमृत जैसा थूक जब मेरे गले से उतरा तब में पागल हो गया और मेरे अंदर ताकत आ गई तो ऑटोमैटिक टूट गया।

वृंदा: इसके लिए तुम्हे सजा मिलेगी।

में: जो भी मेरी मां बोलेगी वो मुझे मंजूर है।

वृंदा: ओ, मेरा बच्चा इतना प्यार।

में: हा

वापस से वृंदा किस करना शुरू। वृंदा जुबान जब भी मेरे मुंह जाती तो एक अलग सा मीठे पन का ऐहसास होता है। और अब की बार तो और भी जंगली हो गई थी वृंदा। अब वो जीभ से मेरे चेहरे को चाटने लगी।

में: अह्ह्ह्ह्ह मां,

वृंदा ने मेरे मुंह से मां सुनते ही मेरे मुंह में अपना मुंह डाल के लॉक कर दिया जिसे सांस अंदर ना जा सके और एक हाथ से मेरा नाक दबा दिया और दूसरे हाथ से मेरी दाढ़ी वाली जगह पकड़ ली। मतलब अब में सांस लेने की हालत में नही था। उसने 30 सेकंड तक ऐसा रखा फिर में अपने हाथ से उसके थप थपा ने लगा।

में: उम्म्म् , उम्म
मेरे थप थपा ने के बावजूद वृंदा नही हटी। जब मेरी आंखो में से आंसू आ गए तो वृंदा ये देख के हटी।

में गहरी गहरी सांसे लेते हुए: मां ऐसा क्यू कर रही थी।

वृंदा: मेरे बेटे को पनिश कर रही थी। (किस किया)

में: मुझे कुछ हो जाता तो?

वृंदा: कुछ नही होगा मेरे राजा बेटे को।

अब वृंदा चूमते हुए मेरे गले तक फिर मेरी छाती और अब मेरे लन्ड तक पहुंच गई थी। इसके चूमने से मेरे मुंह से मजे की सिसकारियां निकल ने लगी। मेने पैर फैला दिए थे तो वृंदा वहा मेरे लन्ड के पास बैठे के मेरे लन्ड को हाथ में पकड़ कर देख रही है।

में: क्या देख रही है?

वृंदा: यही की इतना बड़ा लन्ड केसे है। वैसे तो है एवरेज भी कह सकते है। लेकिन तुम्हारी उम्र के हिसाब से काफी बड़ा है।

में: पसंद नहीं आया आपको?

वृंदा: बोहत पसंद आया मुझे। उम्मम्मा

मेरे लन्ड किस किया। फिर जीभ निकाल के मेरे लन्ड के टिप/टॉप/सुपाड़ा को धीरे से चाटा। ऐसा करते ही मेरे अंदर वाइब्रेशन डोड गया और में वाइब्रेंट हो उठा।

वृंदा: मेरे छूने से तो तुम उछल पड़े।

में: पता नही क्यू लेकिन अच्छा लगा था।

वृंदा: अभी तो और भी अच्छा लगेगा।

फिर वृंदा ने लन्ड को चूसने लगी, चाटने लगी। कभी लन्ड को पूरा ले लेती तो कभी ऊपर के टॉप को अपनी जीभ से चाट ती। 10 मिनिट की चुसाई में आनंद आनंद आ गया। उसने अपने जीवन में सारी सीखी हुई स्किल्स को आज मेरे पे आजमा दिया।

वृंदा: केसा लगा?

में: जन्नत से बेहतर।

वृंदा: अब तुम ऊपर आओगे या में चढ़ू?

में: में अपनी मां को मेहनत नही करने दूंगा। आप लेट जाइए। में आपको सुख दूंगा। क्युकी बेटे का तो धर्म होता है अपनी मां को सुख देने का।

वृंदा: बाते तो अच्छी कर लेते हो। लेकिन लेते रहो!!

में उठ ही रहा था की वृंदा ने अपने हाथ से धक्का देकर वापस लिटा दिया। अब वृंदा मेरे लन्ड पे आके बैठी। अपने हाथ से मेरे लन्ड को पकड़कर अपनी चूत के छेद पे रखा और धीरे धीरे बैठने लगी।

वृंदा: हम्म्म....

मेने अपने हाथो से उसकी कमर को पकड़ के मेरे लन्ड पे जोर से दबा दिया जिससे मेरा पूरा लन्ड उसकी चूत में उतर गया।

वृंदा थोड़ी चिला उठी: क्या कर रहे हो? मेरी चूत में आज तक मेरे पति का ही लन्ड गया है और वो भी 5 इंच का।

में थोड़ा मुस्कराते हुए: कोई बात नही जान आज में तुम्हे इस छेद को जन्नत दिखाऊंगा।

अब वृंदा खुद धीरे धीरे ऊपर नीचे होना चालू किया। साथ साथ सिसकारियां भी चालू हो गई। हम 5 मिनिट तक ऐसी ही धीरे धीरे चूदाई कर रहे थे। हम एक दूसरे की आंखों में देख रहे है।

में: केसा लगा ये? मजा आ रहा है ना?

वृंदा ने मेरे हाथो को अपने दोनो हाथो से कुछ इस तरह से लॉक कर दिया। वृंदा के ऐसा करते है मेरे अंदर एक जोश जाग उठा और में नीचे से स्पीड में धक्के मरना चालू किया। 2 मिनिट की इस स्पीड वाली चूदाई में वृंदा जड़ ने आ गई।

वृंदा: येस बेबी, आई एम कमिंग, येस।

उसकी आंखे ऊपर हो रही है। उसकी जबान बाहर को निकली हुई है। मेने उसकी चूत को अपने लन्ड पे टाइट होना मेहसूस किया। आखिर के 5–6 धक्के मारे और मेरे ऊपर ही गिर पड़ी और बोहत बुरी तरह से कांपने लगी। एकाद मिनिट लगा उससे शांत होने में। मेरे मुंह के पास उसका मुंह था। वो मेरी आंखो में देखती हुई।

वृंदा: आज मुझे जिंदगी का पहला सुख मिला और वो भी आनंद दायक।

मे: अभी तो और मिलेगा।

इतना बोलते ही मेने नीचे धक्के मारने चालू कर दिए। एक बार जड़ के इतना पानी निकाला था की मेरा पूरा लन्ड गीला हो के आवाज निकाल ने लगा। मेने उसे अपनी बाहों में जकड़ने की कोशिश की। जितनी हो सके उतनी मेरे हाथ उसकी पीठ पे गए। वो मेरे कानो के पास जाके अपनी गरम सांसे छोड़ ने लगी।

वृंदा: अअह्ह्ह्ह मुझे शांत तो होने देता थोड़ा।

में: और कितना शांत होगी मेरी जान। इतने सालो से शांत ही तो थी।

वृंदा: हम्मम... हा बेटा बस ऐसे ही चोदते रेह।

मेने उसके सिर को अपने पास खींच कर उसके कान को अपनी जीभ से चाटना चालू किया। दूसरी तरफ मेरे हाथ से उसकी पूरी पीठ पर धीरे धीरे उंगलियां फिराना चालू किया।

वृंदा: अह्ह्ह्ह्ह... उफ्फ... ये क्या कर रहे हो? में पागल हो रही हु।

अब मेने अपने हाथो से वृंदा को कस के पकड़ लिया। फिर धक्के स्पीड बढ़ा दी।

वृंदा: चोद, अअह्ह्ह्हह और जोर से चोद। लगता है थोड़ी देर में झड़ने वाली हु। उफ्फ....

2 मिनिट तक ऐसे जोरदार धक्के मारे की तब अचानक उसने अपने हाथो से मेरी कमर के नीचे हाथ डालकर अपनी चूत में दबाई और बोहत जोर से जड़ ने लगी।

वृंदा की सांसे तेज हो गई है। वो बोहत गहरी गहरी सांसे लेते हुए मेरे पे ही लेटी रही। मेरा लन्ड अभी भी उसकी चूत में टाइट पड़ा हुआ है। 3 मिनिट लगे वृंदा को अपनी सांसे ठीक करने में।

वृंदा: तुम अभी तक क्यू नही जड़े?

में: क्यू आपको और सुख नही चाहिए क्या?

वृंदा: चाहिए ना। लेकिन इतने में तो हर किसी का निकल जाता है। लेकिन तुम्हारा क्यू नही निकला?

में: आप सिर्फ आम खाइए गुटलिया मत गिनिए।

अब वापस वृंदा उठ कर लन्ड पे ऊपर नीचे होने लगी। थोड़ी देर ऐसा करने के बाद मुझे अपने पास खींच कर उछल ने लगी।

वृंदा शरारती हसी के साथ: आजा मेला प्याला बच्चा। ये दूदू पिएगा।



उसने अपने एक चूचे पे अपने हाथो से मुझे दबाते हुए उछल ने लगी।

में: म्म्म्म.... म्म्म्म्म.....




मेने अपने हाथ पीछे रख के टेका लिया हुआ है क्युकी वृंदा मेरे पे ही थी पूरी की पूरी।



वृंदा: मेरे बच्चे को दूदू केसा लगा? मम्मी का दूदू पीना सेहत के बोहत अच्छा होता है।

1 मिनिट बाद उसने मेरे मुंह पे से चूचा हटाया तो में गहरी सांसे लेने लगा।



वृंदा: मजा आया ना मेरे बेटे को?

में अपनी सांसे ठीक करके: हा बोहत

अब पोजिशन में जरा चेंज आया जो में आपको बता नही सकता क्युकी में ये पोजिशन में बारे लिखूंगा तो में जड़ जाऊंगा। तो नीचे देख लो की कैसी पोजिशन है।



में: रुको रुको।

वृंदा: क्या हुआ?

में: अरे पोजिशन चेंज करनी है। लेट जाओ जल्दी।

वृंदा लेट गई अपने पैर फेलाके। में अब उसकी चूत पे पास बैठा। उसने अपने दोनो हाथो से चूत की पंखुड़ियां खोल दी है। अब मेने चूत के लन्ड डाल के वृंदा के चूचों पे लेट गया और चोदने लगा। क्युकी इसके आगे की पोजिशन ने मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर दिया है।

में: मां आज में आपको दुनिया सबसे बड़ा सुख दूंगा।

वृंदा: हा बेटा दे दे।


में वृंदा के चूचों को मसलते मसलते चोदने लगा। और वृंदा भी अपने हाथ मुजपे फिराने लगी।

में: हम्म.... मां

वृंदा: हा बेटा, अह्ह्ह्ह्ह..

अब मेने स्पीड थोड़ी और बढ़ा दी। और वृंदा ने भी अपने पैर और ज्यादा फेला दिए।



में: उफ्फ.... मम्मी, मां

वृंदा: आई लव यू! उफ्फ...

में: आई लव यू सो मच!

हमने इतनी चूदाई की है अब तक की अब मेरे धक्कों से पूरे कमरे में फच फच आवासों के साथ हमारी सिसकारियों की आवाजे भी गूंजने लगी।


अब में पूरा लन्ड निकाल ता और पूरा डालता। ऐसे ही थोड़ी देर चोदता रहा। वो भी मादक आवाजे निकाल के चूदाई की मदहोशी में डूब चुकी है।

अब मेने पोजिशन चेंज की में उसके एक पैर को पकड़ के चोदने लगा। तब उसने एक तरफ हाथ पीछे किया जिससे मुझे उसकी बगल दिखी। बालो वाली बगल थी उसकी।

में चोदते चोदते: तुम बोहत गंदी हो। मोम इस डर्टी बीच।

वृंदा: येस। दिस बीच, दिस बीच इस डर्टी। हम्म्म्म...


मेने एक हाथ से चूचे दबाए हुए और दूसरे हाथ से उसकी टांग को पकड़ ते हुए चोदते जा रहा हु। 5 मिनिट की ऐसी चूदाई के बाद पोजिशन बदली।

अब में उसके पीछे होकर उसे चोदे जा रहा हु। मेने एक हाथ से उसके एक हाथ से लव वाला लॉक कर के दूसरे हाथ से उसके शरीर को पकड़ के चोदे जा रहा हु। साथ में किस भी किया और उसकी बगल को भी चाटा।


में: प्लीज मुझे माफ कर दो। (जब में बगल चाटना चालू किया तब)

वृंदा: ये सब तुम्हारा ही है, अअह्ह्ह्ह.....

थोड़ी देर उसकी बगल को चाट के उसे अपने दोनो हाथ से कस के पकड़ के चोदना चालू किया। में अब उसके अंदर पीछे से पूरा घूस गया हु। जब तक वो इस पोजीशन में जड़ी नही तब तक उसे चोदा।



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झड़ने के बाद मेने डॉगी स्टाइल चालू किया। सेम 10 मिनिट में इस पोजीशन में भी जड़ा दिया उसे।

अब बारी थी मेरी झड़ने की तो वापस पहले की पोजिशन में आ गया। वो लेट गई।

मेने उसके दोनो हाथो को अपने दोनो हाथो से मिलाकर पीछे कर दिया।


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में: मां आज आपको मेरा सुख मिलेगा। अह्ह्ह्ह्ह...

वृंदा: हा, बेटा मुझे चाहिए ये सुख। हम्मम...

अब मेने और जोरदार धक्के चालू किए। क्युकी में मेरी आखरी चरम सीमा पे आ गया था। अब मेने उनके पैर पूरे आगे कर दिए।

वृंदा: बेटा, आई लव यू सो मच!♥️♥️

में: आई एम सो सॉरी। ♥️

में: सॉरी♥️

अब में मेरी चरम सीमा पे पहुंच गया। मेने उसको जीभ से जीभ मिलाके के किस करना चालू किया।



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वृंदा: येस, अंदर तक और अंदर तक। तुम मेरी बच्चे दानी को ठोकर मार रहे हो। अअह्ह्ह्ह...

में: म्मम्म.... म्म्म्मम...

वृंदा: छोड़ दो अंदर तक तुम्हारा वीर्य, करदो मुझे प्रेगनेंट।♥️

में: येस आई एम कमिंग, कमिंग।

वृंदा: में टू। येस येस बेबी।

अब मेने पिचकारी छोड़ दी उसकी बच्चे दानी में। वो भी जड़ी मेरे साथ उसने अपने पैरो से मुझे पूरा जकड़ लिया। ऐसा लग रहा है की मुझे कभी ये खुद्से अलग ही नही करेगी आज।



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वृंदा: अअह्ह्ह्ह... पूरा भर दिया रे तुमने।

मेने इतना वीर्य निकाला की उसकी बच्चेदानी में तो गया लेकिन मेरे लन्ड होते हुए भी वीर्य बाहर निकल आया।

मेने खुदको पूरा जड़ जाने दिया। तब हमने जी भर कर एक दूसरे को किस किया और जीभ को एक दूसरे के मुंह में डालने लगे।

5 मिनिट के बाद हम एक दूसरे से अलग हुए। हम अगल बगल में लेट गए

Sorry guys iss baar bohat let ho gaya. Yrr iss baar jara ghar me problems aa gai thi isliye. Mera accident hua. Papa ka hernia ka operation karaya. Aesa sab chal raha hei. Isliye upadate dene me time lag gaya.

Ye Update kesa laga?

Comment karke zarur bataiye..
Nice update
 
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rahlone

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Nice story but very very slow updates. Is tarah to story ka bhi pata nahi chalega Or na yaad rahegi.
 

rahlone

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No doubt story bahot achchi hai. Lekin irregular updates story ko downgrade kar degi. Writer dude ispe bhi thoda dhyan dijiye. Baki as human being I can understand the personal problema you are facing like most of the youths in this world. Hope you will overcome all of those.
 
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