उसने सितारों टंके काले आसमान की तरफ देखा ।
उस थ्री सीटर विमान का अब वहाँ दूर-दूर तक कहीं कुछ पता नहीं था, जो उसे वहाँ छोड़ गया था ।
जंगल में ठण्डी-ठण्डी हवा अभी भी चल रही थी ।
दूर कहीं से किसी सियार के रोने की आवाज आ रही थी, जिसने जंगल के उस वातावरण को और भी ज्यादा खौफनाक बना दिया था ।
सचमुच बर्मा का वह जंगल बड़ा खतरनाक था । दुनिया के सबसे बड़े ‘अनाकोंडा’ अजगर अगर वहाँ थे, तो उन बारह योद्धाओं ने अफ्रीका के माम्बा सांप भी वहाँ लाकर छोड़ रखे थे । लाल चींटियों के तो वहाँ झुंड के झुंड थे और अफ्रीकन गुरिल्लों की भी एक बड़ी प्रजाति उस जंगल में मौजूद थी ।
कमाण्डर को इस बार काफी तैयारियों के साथ उस मिशन पर भेजा गया था ।
उसकी चुस्त पेंट पर दोनों साइडों में स्प्रिंग ब्लेड बंधे थे ।
स्प्रिंग ब्लेड खास तरह के चाकू थे, जिन्हें उस मिशन के लिए स्पेशल तौर पर तैयार किया गया था ।
उन स्प्रिंग ब्लेड के दोनों तरफ तेजधार थीं । उनका फल कोई नौ इंच लम्बा था और उनकी मूठ के पास स्प्रिंग कुछ इस तरह से सैट की गई थी कि जब उन स्प्रिंग ब्लेडों से किसी पर हमला किया जाता, तो उस परिस्थिति में स्प्रिंग ब्लेडों की वेलोसिटी दोगुनी हो जाती और वह दुश्मन के छक्के छुटा डालते ।
इसके अलावा कमाण्डर के हैवरसेक बैंग में भी काफी सारा सामान था ।
जैसे दो कम्बल !
पानी की कैन !
काफी सारी खाद्य सामग्री !
फर्स्ट-एड-बॉक्स !
हैंडग्रेनेड बम !
प्वाइंट अड़तीस कैलीबर की रिवॉल्वर में चलाने के लिए गोलियों के कई पैकिट ।
कुल मिलाकर कमाण्डर करण सक्सेना के पास इतना साज-सामान था, जो वह कई दिन उस खतरनाक जंगल में गुजार सके ।
उस थ्री सीटर विमान का अब वहाँ दूर-दूर तक कहीं कुछ पता नहीं था, जो उसे वहाँ छोड़ गया था ।
जंगल में ठण्डी-ठण्डी हवा अभी भी चल रही थी ।
दूर कहीं से किसी सियार के रोने की आवाज आ रही थी, जिसने जंगल के उस वातावरण को और भी ज्यादा खौफनाक बना दिया था ।
सचमुच बर्मा का वह जंगल बड़ा खतरनाक था । दुनिया के सबसे बड़े ‘अनाकोंडा’ अजगर अगर वहाँ थे, तो उन बारह योद्धाओं ने अफ्रीका के माम्बा सांप भी वहाँ लाकर छोड़ रखे थे । लाल चींटियों के तो वहाँ झुंड के झुंड थे और अफ्रीकन गुरिल्लों की भी एक बड़ी प्रजाति उस जंगल में मौजूद थी ।
कमाण्डर को इस बार काफी तैयारियों के साथ उस मिशन पर भेजा गया था ।
उसकी चुस्त पेंट पर दोनों साइडों में स्प्रिंग ब्लेड बंधे थे ।
स्प्रिंग ब्लेड खास तरह के चाकू थे, जिन्हें उस मिशन के लिए स्पेशल तौर पर तैयार किया गया था ।
उन स्प्रिंग ब्लेड के दोनों तरफ तेजधार थीं । उनका फल कोई नौ इंच लम्बा था और उनकी मूठ के पास स्प्रिंग कुछ इस तरह से सैट की गई थी कि जब उन स्प्रिंग ब्लेडों से किसी पर हमला किया जाता, तो उस परिस्थिति में स्प्रिंग ब्लेडों की वेलोसिटी दोगुनी हो जाती और वह दुश्मन के छक्के छुटा डालते ।
इसके अलावा कमाण्डर के हैवरसेक बैंग में भी काफी सारा सामान था ।
जैसे दो कम्बल !
पानी की कैन !
काफी सारी खाद्य सामग्री !
फर्स्ट-एड-बॉक्स !
हैंडग्रेनेड बम !
प्वाइंट अड़तीस कैलीबर की रिवॉल्वर में चलाने के लिए गोलियों के कई पैकिट ।
कुल मिलाकर कमाण्डर करण सक्सेना के पास इतना साज-सामान था, जो वह कई दिन उस खतरनाक जंगल में गुजार सके ।