Update 2
* माहौल कुछ ऐसा था कि, के रूम जहा पे सिर्फ औरते सोही है,
लोग ज्यादा थे तो सब चिप क चपकर सो रहे थे, मेभी उनके साथ जमीन
पे गद्दे पर ही था ( पता नहीं कि मा****d ne gira diya aur khud so gai)
और मेरी ही उम्र की भांजी मेरे साथ। चिपककर सो रही थी *
अब आगे ..
ठंडी थी, उपर से में नीचे सो रहा था। मेरे ऊपर कम्बल नहीं था।
और टीना एकदम चिपक के मुझे सो रही थी ।
उसने कम्बल ले रखा था । उसके चूचियां मेरे हाथो को छू रही थी। ऐसी सिचुएशन में मेरे सैनिक ने सलामी देना चालू कर दिया था । मेरा रॉकेट उसकी जांघो को छू रहा था। ठंड बोहोत थी । तो मैंने टीना का ब्लैंकेट ले लिया। अब हम एक ही ब्लैंकेट में थे।
मैने सोचा अंकित इस से बेहतर मौका नहीं मिलेगा कभी । थोड़ा आगे बढ़ और घुसा दे। लेकिन हिम्मत नहीं हो रही थी,
पर भी मैने अपना हाथ से उसकी चूचियां दबाने लगा।
मेरे बदन मै एक करंट सा दौड़ गया एक दम नरम नरम
चूचियां थी उसकी । उसकी और से कोई रिएक्शन नहीं आया तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई कि आधी रात
हो चुकी है सब सो रहे होंगे । तो मैने थोड़ी और हिम्मत करके
उसके उसके निप्पल को दबाने लगा एक दम कड़क हो चुके थे उसके मैंने सोचा कहीं यह जगी तोह नहीं है, इस लिए थोड़ी
देर के लिए रुख गया, उसका चेहरा एक दम मेरी तरह था सौ हुई थी तोह में थोड़ा ऊपर होने लगा, इसकी वजह से मेरा lund एकदम उसके चू त को चुने लगा, अब मेरा डर चला गया था तो ने जोरो से उसकी चूचियां दबाने लगा, अचानक से मेरे lund पे किसीने हाथ रख गया मेरी फट चुकी थी कि किसका है, कहीं
टीना जाग ती नहीं गई । मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी आखे
खोलने की । फिर वो हात धीरे धीरे पैंट के ऊपर से ही मेरे
Lund को सहला रहा था । तो इस वजह से मैंने अखे खोलीतो टीना की आंखे बंद थी पर हात उसका ही था। मैंने सोचा कि ये
गर्म तो नहीं हो गई, फिर में भी आगे बढ़ा और अपना हाथ
को नीचे करके सलवार के ऊपर से ही उसके चू त को रगड़ने
लगा, टीना जोर जोर से सांसें ले रही थी, उनकी गर्माहट मेरे
गले पर महसूस हो रही थी, और उसकी चू त भी थोड़ी थोड़ी
गीली होने लगी थी। तभी हमारे ऊपर किसीने अपना हाथ रख
दिया । मेरी और टीना की दोनो की फट गई । हम लोग एक
मूर्ति की तरह थंब गए । मैंने सिर बाहर करने देखा तो वो और
कोई नहीं वंदना दीदी थी । जो टीना के बाजू में सो रही थी।
टीना ने अपना हात हटा लिया था तो मैंने अपना भी हटा लिया
था और में फिर सिसेही सी गया।
अगले दिन
सुबह हो चुकी थी मर, चार बज रहे थे मेरे गाड़ी का वाइब्रेंट अलार्म
बज रहा था। मैंने सोचा था कि सुबह उठकर तस्वीर खिचने जाऊंगा । मै उठा और दीदी का हाथ अभी भी टीना के ऊपर थातो मैंने उन्हें ऐसेहि सोने दिया, और बाहर आ गया ।
बाहर ठंड थी थोड़ा कोहरा भी था।
' अरे उठ गया तू '
मै : जी बड़े पापा
बड़े पाप : इतनी जल्दी उठ गया, अरे सोजा यही तो दिन है सोने
के । फिर बाद में तो बीवी सोने ही नहीं देगी।
मै : अरे नहीं बड़े पापा वो मुझे गांव के पर्यावरण और पक्षी
वो की तस्वीर लेंज थी इस लिए इतनी सुबह सुबह उठ गया ।
फिर मैंने अपना मु धी लिया । और सुबह
सुबह तस्वीर निकाल ने निकाल गया। और डेढ़ घंटे बाद मै वापस आ गया।
थोड़ी देर बाद सब उठाने लगे । मै ऊपर छत पर अपने ब्लॉग
पे फोटोज अपलोड कर रहा था। और फिर अजय आ गया।
अजय : क्या फिर कैसी गई महाराज आपकी नींद आमो के
बीच में।
मै : मतलब ?
अजय : अरे इतने आमो के बीच में तो सो रहे थे।
मै - अबे तेरेको कैसे पता
अजय : अरे तू कहीं मिल नहीं रहा था तो म तुझे देखने चला
आया तो वह अकेले चारपाई पे सो रहे थे, तो मैंने सोचा कि
तेरे साथ थोड़ी मस्ती करता हूं और तुझे नीचे सुला दिया,
तोह फिर कैसे लगा ।
मै : वो तो तू है वो कमिना जिसने मुझे गिरा दिया,
और हम बातें करने लगे फिर हमें नाश्ते के लिए बुलाया लिया
सब उठ चुके थे । टीना भी उठ चुकी थी और वो भी हमारे सामने
नाश्ता कर रही थी, वो मेरे तरफ चुपके चुपके देख रही थी,
मैंने सोचा कहीं यह घुस्सा तो नहीं है, कहीं किसीको बता तोह
देगी, और फिर मेरे दिन ने कहा,
श्रृष्टि : है अंकित चल ना गव घुमके आते है और फोटोज भी
कुछ लेंगे, मुझे पोस्ट करनी सोशल मीडिया पे,
अजय: अरे किव नहीं दीदी चलो, टीना गोलू तुम भी चलो और
हम नस्ता करने के बाद घूमने चले गए, हमने बोहोत सरी तस्वीरे
भी खीची । घूमते घूमते हम गांव के स्कूल में आ गए Sunday था तो छुट्टी तो और वह पे बच्चे खेल रहे थे। मै जाके शुले पर बैठ गया,
वह से एक बच्चा हमारे तरफ आने लगा और बोला
' भैया भैया ' हमारे साथ खेली छुपन छुपाई।
मेरी दीदी ने कहा अरे चलो ना खेलते है, वैसे भी हम कभी
मौका नहीं मिलता । और हम खेलने लगे। अजय को अब हमे
धुंडना था तोह मै चूपने के लिए स्कूल के पीछे वाले टॉयलेट
मै घूस गया मुझे अजय की आवाज आ रही थी सो में दीवार
से चिपक गया । और बाहर से टीना अनार भाग कर दीवार से
छिपना चाहती थी मगर दीवार से में था तोह था तोह वो
जल्दी जल्दी में मुझे ही चिपक के खड़ी हो गई । टॉयलेट
छोटा था उसकी गांड़ ने जैसी ही मेरे lund को छुआ मेरा
Lund खड़ा हो गया और उसके दरार मै धसने लगा ,
बाहर किसिकी पैरो को आवाज आ रही थी तो वो मुझे कुछ
ज्यादा ही चिपक गई, वो जितना चिपकती उतना मेरा lund
उसके गांड़ म घुसता चला जाता, उसने हाथ पीछे करके मेरे
Lun को पकड़ लिया औरवो पीछे पलट गई और अपना
मुंह मेरे तरफ कर लिया और आंखे बंद कर दी । मुझे
आगा की किस तो करने को नहीं कह रही । तो मैंने अपने
हॉट उसके पर रख दिए और उसे किस करने लगा,
वो मेरे लन्ड को पैंट के ऊपर से ही सहला रही थी।
हमर किस चल ही रहा था कि फोन की घंटी बज गई
और हम अलग हो गए।
मैने देखा तो बड़ी मम्मी का फोन था,
मै: जी बोलिए बढ़ी मम्मी
बड़ी मम्मी : अरे बेटा वो सब अपने शादी के काम
मै लगे है तोह कुछ सामान लाना था तोह क्या तू
अजय के साथ जा सकता है गाड़ी पे, इनको गाड़ी
चलानी नहीं आती नहीं तो इन्हे ही भेज देती,
मैं ना करते हुए भी मुझे अजय को लेके जाना था।
सोच रहा किस्मत बड़ी कुत्ती चीज है, सला कुछ नहीं
मिलता इसमें,
बाज़ार शहर में था हम शाम ही गई आते आते,
हमने आके पहले तो खाना खाया,
(मनमे सोचते हुए) क्या साला इतने मुश्किल से तोह मौका मिला
था ओह भी चला गया, चलो कुछ नहीं आज रतको फिरसे वहीं
सोऊंगा और तो फिर मजे है मजे,
मैंने देखा कि टीना और मेरी बहने बकि ओक साथ
मेहनी बना रही है ।
रात हो चुकी थी कल शादी थी तो आज हल्दी चालू थी
सबने खाना खा लिया था dj चल रहा था सब नाच रहे थे ।
मैने सोचा 11 तो बज चुके जा के पहले ही सो जाता हूं ,
कहीं बाद म प्रॉब्लम ना हो जाए, तभी मेरे मम्मी ने कहा,
मम्मी : अरे बेटा यह मत सो, आज बोहोत सारे जन आए है
मर्द लोग ही सब पड़ोसी ओ के घर पे सोने जा रहे है,
तू भी अजय के चाची के घर जाके सो जा,
अब कोई चारा नहीं था तो उसके है घर जाना पढ़ा।
साला किस्मत ही खराब है बे,
और फिर हम उसके चाची के घर चले गए।
उसकी चाची तो देखकर मेरा साप तो फड़फड़ाने लगा,
वो मस्त गोरी चिकनी पेट, वो जवानी भरा शरीर,
क्या मस्त बड़े बड़े वो आम और वो गांड़ , लगा कि जाके
अभी पहाड़ दू इसकी,
मै म: कीजिए गए आपको परेशानी के लिए
अंजलि ( अजय की चाची ) : अरे बेटा परेशानी कैसे तुम तो मेरे बेटे जैसे ही हो, और राजू( अंजलि का पति ) तो
रातको खेती में हज जाता है,
मै अजय के साथ सो गया हॉल में , रात हुई मेरा गला सूख
रहा तो मै उठ गया देखा तो अजय वह पे नहीं था,
और मुझे एक जोर की चिक चुनाव दू मैने जल्दी जाके
देखा तो, अजय पलंग पे नंगा लेटा हुआ था और
उसके ऊपर चाची नंगी उसके lund पर कूद रही थी
और सिसकारियां लिए रही थी, मेरा lund खड़ा हो गया
था तो मै उसे बाहर निकलकर हिलाने लगा,
चाची : अरे अजय तेरे उस दोस्त का तो तुझ से भी बड़ा
Lund दिख रहा था, उस को बुला लेते दो नो एकही
साथ खा जाती,
मैंने यह सुनते ही कमरे में चला गया,
वो मुझे चौकते हुए देख रहे थे,
क्या होगा अब :
आगे के अपडेट में देखेंगे।
see you in next update