★★ मेरी अधूरी कहानी ★★
Time - Day
Location - Sea beach
राहुल बीच के किनारे एक पहाड़ी पर बैठा हुआ कुछ सोच रहा था । तभी उसे दूर से गाड़ी के हॉर्न की आवाज आती है और वो अपने ख्यालों से निकल कर उस तरफ देखने लगता है । सामने गाड़ीे का गेट खुलता है और उसमें से उसे नैना बाहर आती हुई दिखती है ।
राहुल दूर से नैना को आवाज लगाता है - नैना.... नैना... मैं यंहा हूँ ।
नैना अब तक गाड़ी से बाहर आ चुकी थी और वो आवाज को सुनकर राहुल की तरफ चलने लगती है
राहुल उसे ऊपर पहाड़ी पर आने के लिए कहता है और नैना का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच कर पहाड़ी पर बिठा लेता है ।
दोनों अब एक दूसरे के करीब बैठे थे पर कुछ बोल नही रहे थे । दोनो एक दम शांत हुए कभी सामने देखते कभी एक दूसरे को देखते ।
राहुल - नैना... क्या तुमने अपने डैडी से बात की ?
( राहुल उस शांत माहौल को तोड़ते हुए हल्के आवाज में नैना से पूछता है )
नैना - किस बारे में राहुल ?
( नैना राहुल का ऐसे जवाब देती है जैसे उसे कुछ पता ही न हो )
राहुल कुछ देर शांत हो जाता है ।
राहुल - हमारी शादी के बारे में...!!!
(राहुल एक गहरी सांस लेते हुए नैना से अपने दिल मे दवी आवाज को अपने जुबाँ से निकाल देता है )
नैना - हाँ, बात तो की थी मैंने पर..
नैना इतना बोलकर शांत हो जाती है । वो आगे बोलकर राहुल का दिल नही तोड़ना चाहती थी ।
राहुल उसको कुछ न बोलते देख उसके चेहरे की ओर देखने लगता है । जैसे वो उसके चेहरे को पढ़ना चाहता हो ।
राहुल - पर क्या नैना ??
( राहुल उसके चेहरे के बदलते हाव भाव के साथ बोलता है )
नैना - मेरे डैडी ने तुमसे शादी के लिए साफ इंकार कर दिया राहुल..!!!
( नैना अपना रोया सा चेहरा बनाकर राहुल को जवाब देती है)
राहुल - क्या..!!
( राहुल नैना के होठों से निकले हर एक शब्द को बड़े ध्यान से सुनकर एक दम दिल थाम के रह जाता है । जैसे उसे इस उत्तर की बिल्कुल भी उम्मीद नही थी )
नैना - हाँ राहुल ! मेरे डैडी मेरी शादी एक एनआरआई लड़के के साथ करना चाहते हैं । उसके डैडी के पास बहुत पैसे हैं । और उनका बड़ा बिजिनिस भी है । पर राहुल तुम इस बात की चिंता मत करो । मैं सिर्फ तुम्ही से शादी करूंगी । बस एक बार तुम्हारी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी हो जाये और तुम्हे कोई अच्छी सी नौकरी मिल जाये , फिर देखना मैं तुम्हे पापा के पास खुद लेकर जाऊंगी ।
( राहुल ये सुनकर थोड़ा खुश होता है पर )
राहुल - नही नैना... शायद ये नही हो सकता क्योंकि अब मेरा पढ़ाई में मन नही लगता । मैं बस हर जगह तुम्हे ही देखता हूँ ।
दिन हो या रात सुबह हो या शाम हमेशा ऐसा महसूस करता हूँ जैसे के तुम मेरे करीब हो । लेकिन में जानता हूँ नैना मेरे चाचा चाची ने मुझे गांव से यंहा पढ़ने के लिए भेजा है पर मैं अब तुमसे और दूर नही रह सकता...!!!
( राहुल के माता पिता की बचपन मे ही एक एक्सीडेंट में डेथ हो गयी थी, राहुल इकलौता बच्चा था उनका और उसका लालन पालन उसके चाचा चाची ने किया )
इतना कहने के बाद राहुल के आंखों से आसूं बहने लगते हैं जो उसकी आंख से होते हुए उसके गाल तक आ चुके थे ।
नैना - ओ कम ऑन राहुल...
( नैना राहुल के आंसू को पोंछते हुए कहती है )
तुम भी क्या बातें कर रहे हो पागल..!!
( और फिर कुछ देर के लिए दोनों शांत हो जाते हैं )
राहुल - क्या कभी तुम उस लड़के से मिली हो ?
( राहुल अपनी हल्की आवाज के साथ दवे मन से पूछता है)
नैना - नही ! मैं उससे अभी तक नही मिली हूँ ।
राहुल - तो... तुम क्या चाहती हो नैना ??
नैना - मैं तो तुम्हे ही पसन्द करती हूं राहुल, और मैं चाहती हूं हम दोनों की शादी हो पर अभी तो ये मुश्किल लग रहा है...!!!
(नैना इतना बोलकर रुकती है और फिर से बोलना शुरू करती है
नैना - क्यों न हम भाग कर शादी करलें...!!!
लेकिन अगर हम अभी भाग कर शादी कर भी लें तो जाएंगे कंहा ? और फिर हम खाएंगे पियेंगे कैसे ? हम दोनों ही बेरोजगार हैं ! न तुम्हारे पास पैसे हैं न कोई अपना घर यंहा.. न जॉब का कुछ अता पता.... जरा सोचो हम बिना काम और पैसों के कैसे जी सकेंगे..???
( राहुल नैना की बात सुनकर सोच में पड़ जाता है उसे भी नैना की बात सही लगती है )
नैना - मैं एक बात कहूँ ???
(राहुल को कुछ सोचता देख नैना बोलती है )
राहुल - क्या..??
(राहुल अपनी सोच से निकलते हुए जवाब देता है )
नैना - हमारे घर वाले जीते जी तो हमें एक होने नही देने !!
क्यों न हम मरकर एक हों जाएं..??
(राहुल इस बात की उम्मीद नही करता है फिर भी वो नैना की बात को समझता है और बोलता है )
राहुल - यू मीन सुसाइड..!!!!
नैना - हाँ,
राहुल - क्या तुम पागल हो गयी हो नैना ?? क्या इन सब से तुम्हारे मम्मी पापा को दुख नही होगा ?? कितनी उम्मीद रखते है वो अपने बच्चों से और तुम ऐसी बात कर रही हो...!!!
( राहुल थोड़ा गुस्से में बोलता है )
नैना - तो हम कर भी क्या सकते हैं राहुल !!!
तुम्ही बताओ अब कुछ फिर !! मेरे डैड तो तुम्हे इस तरह कभी एक्सेप्ट नही करेंगे । तो फिर हम क्यों उनके बारे में सोचें ? जब उन्हें ही हमारी खुशी से कोई मतलब नही तो फिर क्यों हम उनकी परवाह करें ??
( नैना की बात सुनकर राहुल एकदम शांत हो जाता है और मन मे कुछ सोचने लगता है)
राहुल - नैना.. मुझे ऐसा लगता है तुम शायद ठीक ही कह रही हो । हमे इस दुनिया को छोड़ देना चाहिए । वैसे भी मेरे लिये इस दुनिया मे कुछ भी नही जीने के लिए... !!!
( दवे मन से राहुल नैना को बोलता है)
दोनों एक दूसरे का हाथ थाम लेते हैं !! एक दूसरे की आंखों में झांकते हैं और कुछ देर बाद दोनों एक दूसरे के करीब आने लगते हैं । दोनों एक दूसरे की बाहों में समा जाते हैं और कुछ पल के लिए जैसे समय ठहर जाता है.....!!!!!
राहुल अपना चेहरा थोड़ा पीछे करता है । अपने होठों को नैना के होठों से लगा देता है । दोनों इस अंतिम पल को याद रखकर जीवन त्यागना चाहते हैं । कुछ देर बाद दोनों अलग होते हैं और उस पहाड़ी पर खड़े हो जाते हैं..!!!
अभी भी दोनों के हाथ एक दूसरे के हाथों में थे । राहुल नैना का हाथ थामे समुद्र में छलांग लगाने के लिए आगे बढ़ता है नैना उसे रोक लेती है।
नैना - रुको राहुल... मुझे डर लग रहा है ....!!!
राहुल - इसमें अब डरने वाली क्या बात है नैना... हम दोनों ने एक साथ जीने मरने की कसम खायी है तो फिर क्यों तुम्हे डर लग रहा है ???? आज हम एक साथ जीवन त्याग कर अपने प्यार को साबित कर देंगे...!!!
नैना - लेकिन राहुल तुम तो जानते हो मुझे गहरे पानी से कितना डर लगता है !
( नैना इतना कहने के बाद थोड़ा रुकती है और फिर )
नैना - अगर तुम पहले ये कदम उठाओ तो तुम्हे देखकर मुझे थोड़ी हिम्मत मिलेगी और फिर तुम्हारे बाद मैं भी अपनी जान दे दूँगी...!!!
( राहुल नैना की तरफ देखता है और पानी मे छलांग लगा देता है )
नैना राहुल को देखते ही रह जाती है..... उसी वक़्त उसका फोन बजने लगता है । नैना काफी डरी हुई थी वो कांपते हाथों के साथ अपने जेब से फोन निकालती है और कॉल रिसीव कर लेती है..!!
दूसरी तरफ - नैना कंहा हो तुम ????
मैं 2 घण्टे से शॉपिंग मॉल में इंतजार कर रहा हूँ....!!
नैना अपने कदम पहाड़ी से बापस खींच लेती है और अपनी कार की तरफ भागते हुए जाती है । कार में बैठकर वो वँहा से चली जाती है....!!!
Time - Night
Location - Sea Beach.
रात हो चुकी ही । बीच पर अब सन्नाटा पसरा हुआ था । दूर दूर तक न कोई शख्स था न कोई परिंदा...
समुन्द्र की लहरें किनारे आती और फिर बापस चली जाती । ये क्रम लगातार चल रहा था ।
एक ओर पहाड़ी की तरफ किनारे पर राहुल की बॉडी पड़ी थी । कल तक जो शख्स एक होस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई और प्यार के समुंदर में खोया हुआ था आज वो जमीन पर यूँ लेटा हुआ जैसे अब उसे किसी चीज की परवाह नही,
एक गहरी नींद में सोया हो कोई ऐसा लग रहा था राहुल को देख कर । पर विधि को कुछ और ही मंजूर था ।
तभी राहुल के बॉडी से एक प्रकाश स्वरूप एक रूह निकलती है ,
वो रूह राहुल को बड़े ध्यान से देखती है फिर अचानक से वो इधर उधर भागने लगती है जैसे वो किसी को तलाश रही हो...!!!
उसे कोई भी नजर नही आता । फिर वो रूह वँहा से भागते हुए शहर की तरफ चलने लगती है...!!!
Time - Night
Location - Road and Street
राहुल इस शहर और गली से भली भांति परचित था । आखिर हो भी क्यों न यहीं तो उसके दिल की धड़कन रहती है ।
नैना
राहुल आगे बढ़ता हुआ चला जा रहा । उसे अपने आस पास की दुनिया से जैसे कोई मतलव ही न हो.…
Time- Night
Location- Naina’s House
नैना आईने के सामने बैठ कर खुद के बालों को संभाल रही थी ।
वो आज बहुत ज्यादा ही खुश नजर आ रही थी । बाल सम्भालने के बाद वो अपना फोन उठाती है और फिर एक कॉल करने लगती है...!!!
नैना - तुम डिनर पर आ रहे हो न ?
(तब तक राहुल की रूह भी वँहा पहुंच चुकी थी । वो नैना को बात करते हुए भी सुन लेता है । दरवाजे के आर पार होते हुए वो नैना के कमरे में दाखिल हो जाता है )
नैना - तुमने अपने वेडिंग कार्ड देखे न.. मुझे तो वो बहुत पसंद आये... मैं तो कबसे उस दिन का इंतजार कर रही हूं...
( राहुल की रूह सोनिया के करीब जाकर उसे छूने की कोशिश करती है , लेकिन उसके हाथ हवा में ही आर पार हो जाते हैं । राहुल फिर से एक बार नैना को छूने की कोशिश करता है पर वो नैना को नही छू पाता । उसे एहसास है वो तो मर चुका है )
राहुल कमरे से बाहर निकल जाता है...
Time - Night
Location - Road and Street.
राहुल अपने साथ हुई घटना को याद करता है और भटकता हुआ एक और चला जा रहा था । वो चिल्ला रहा था पर उसकी आवाज किसी को सुनाई नही दे रही थी । वो अपने आपको कोसता है उसने ये क्या कर लिया । पर जो हो चुका उसे बदला नही जा सकता...
Time - Night
Location - Sea Beach
राहुल शहर से बापस उस बीच पर आ जाता है । वँहा अब भी उसकी बॉडी पड़ी हुई थी । राहुल उसके करीब बैठ जाता है और उसे छूने की नाकामयाब कोशिश करता है । वो चीखने लगता है और जोर जोर से रोने लगता है । पर उसकी आवाज कोई भी नही सुन पाता । अब उसे पछताबा हो रहा था । पर उसके बाद अब और विकल्प नही था सिवाए पछताने के....!!!!
The End
Note : - जीवन अनमोल है । इसे प्यार के नाम पर कुर्बान न करें । प्रेम का अंत खुदखुशी कभी भी नही हो सकता ये सिर्फ और कायरता है । माँ बाप के बलिदान के सामने प्रेम कुछ भी नही । इस तरह के कदम उठाने से पूर्व अपने माँ बाप के त्याग को जरूर देखें ।