रवि को बहुत तेज पेशाब का प्रेशर लगा था।।वो उठा और हांफते हुए किचन से बाहर को चला गया। और बाथरूम जा के पेशाब करने लगा।।
उसका लिंग पुरी तरह से बैठा नहीं था । तेज पेशाब की धर से वो अपने को हल्का करने लगा।
उस सुनसान घर में, रवि के पेशाब करने की तेज आवाज , अंजू को भी सुनाई दी।।वो धीरे से उठी, और अपने कपड़े ठीक करने लगी।।वो अभी भी गहरी सांस ले रही थी।
अंजू उठी और अपने बर्तन धोने लगी ये सोचते हुए कि आज रात भर उसका क्या हाल होगा। घर में बच्चे भी नहीबते और वो आज रात भर अपने अदभुत प्रेमी से चुदने वाली थी। ये सोच के ही उसके शरीर का रोम रोम उत्तेजना से बाहर गया। और अपने आप ही उसकी मांसल जांघ आपस में चिपक गई।।
अंजू को अपने पे बहुत शर्म आई, की वो कैसे इतनी चुदासी हो गई है। अभी तो जमीन पे रवि उसको रौंद के गया था। उसके गर्भ के अंदर भेद कर गया था , क्या उसको अब और भी चाहिए था??
ये सवाल अंजू खुद से पूछने लगी थी बर्तन धोते हुए। रवि अंदर रूम में था , उसको बर्तन की आवाज आ रही थीं। जरूर अंजु बचे हुए बर्तन धो रही है , जो रह गए थे।
करीब 15 मिनट बाद अंजू बहार आई, उसको उस रूम में जाने में बहुत शर्म आई कि रवि क्या सोचेगा?
इसलिए वो अपने बेड रुम को चले गई। अंजु ने अपने कपड़े उतारे और एक मैक्सी डाल ली। और लाइट बंद करके लेट गई और रवि का इंतजार करने लगी।
वो अपनी सोच में कोई थी कि कैसे उसका और रवि का ये सम्बन्ध बन गया। उस दिन शायद महेंद्र उसके साथ जबरदस्ती नहीं करता तो शायद आज वो रवि के साथ हमबिस्तर नहीं होती।
तभी उसको अपने पति मोहन की हरकतों की याद आई कैसे वो रात को दारू पी कर उसके साथ जबरदस्ती करता था। यहां तक कि उसके साथ हमबिस्तर होते हुए उसके गुदा द्वार को भी चोदा था बिना उसके मर्ज़ी से।
अंजू को याद आया कि कैसे उसका पति उसको रुला देता था। मना करने पर भी वो उसके गुदा में ही डालता था। अंजू रात भर पेट के बल लेटी हुई रोते हुए चुदाती थी।
अंजु को वो दर्द आज भी याद है। जब पहले बार उसके पति ने उसका बलात्कार किया था उसके गुदा द्वार पे, अगले दिन वो उठ तक नहीं पाई थी। और उसकी सास उसको ताने दे रही थी कि रात भर क्या ऐसा कर रही थी कि दिन मैं कोई काम नहीं कर रही है।
अंजू के लिए वो दिन बहुत दर्द नाक रहते थे।। रोज़ रात ये ही होता था। वो गर्म भी नहीं होती थी कि मोहन उसके ऊपर चढ़ जाता था।और अपनी पुरी मनमानी करके ही उतरता था।
एक वो दिन था , जब अंजू को संभोग से घृणा हो गई थी और आज वो दिन है जब वो खुद रवि से मिलने को बेचैन है। कितना फर्क है दोनों में हालांकि रवि का लिंग और उसके धक्के मोहन से कही जायदा तेज होते है, लेकिन अंजू को ये पसंद था उसका प्यार करना।
अंजू दोनों मर्दों में तुलना कर ही रही थी कि तभी रवि टीवी बंद करके आ गया। अंजू शर्म से सोने का बहना करने लगी।
रवि ने देखा लाइट बंद है और अंजू बेड मैं बड़े सलीके से लेटी हुई है। और वो धीरे से उसके पास आया और बोला।
रवि:: पानी लाई हो?? ( लेटी हुई अंजू को देख कर)
अंजू धीरे से उठी और बोली।
अंजु:: ओह। भूल गई, लाती हूं.( शर्म से बेड से उतर के)
अंजू उतर ही रही थीं कि रवि उसको अपनी बाहों में भर लिया, और धीरे से बोला।
रवि:: रहने दो।( अंजु के कुल्हे सहला के मैक्सी के ऊपर से)
अंजू की सांस बढ़ गई, वो बस खड़े रही।
और न जाने कब रवि उसके होंठों को चूसने लगा। अंजू के मुंह से कामुक सिसकियां फूट पड़ी।
रूम में तेज़ चुंबनों की आवाज गुंज गई।रवि उसके कुल्हे मसल के मेक्सी को ऊपर उठाने लगा। और अंजू को जहां पे हो वहा पे चूमने लगा।
अंजू की धड़कन भी बढ़ने लगीं, ये सोच के कि फिर से रवि उसके गर्भ के अंदर अपना सुपाड़ा डालेगा। उफ्फ कैसे वो उन धक्कों को झेलेगी। उफ्फ कैसे रवि उसकी योनि को फाड़ के अन्दर घुस जाएगा। उफ्फ कैसे रवि होंठों को चूसते हुए उसके अंदर तक धक्के मारेगा वो भी बिना रुके।
कैसे वो पानी छोड़ेगी और रवि उस पानी में गोते लगाएगा।
कैसे रूम में पच पच पच पच की आवाज गूंजेगी ।।उफ्फ रात भर ये ही होना है आज ।।
अंजू के माइंड में ये सब एक पिक्चर के तरह चलने लगा था।
तभी रवि उसके मम्मे दबा के उसको बेड में लेटाने लगा।और अंजू भी अन्न्ह अन्न्ह सी अहम अहम की आवाज निकाल के पीछे बेड में गिर गई।।रवि ज़ोर से उसके दाएं निप्पल को मसल दिया।।और उसके गले में गहरे निशान दे गया।
अंजू ने उत्तेजकता पूर्वक गर्दन उपर कर दी।।उसके पैर अभी भी बेड से नीचे थे। रवि उसको फिर से भोग लेना चाहता था।
हालांकि वो कंडोम लाया था, लेकिन वो अपने और अंजू के बीच कंडोम रुपी दीवार को बर्दाश्त नहीं कर सकता था।
वो मन ही मन सोच रहा था कि वो अंजु को ऐसे ही चोदेगा।
रवि ने एक हाथ से मेक्सी ऊपर की, अंजू ने अंदर पेटीकोट डाला था। हालंकि चड्डी तो पहले ही उतर चुकी थीं।
रवि ने हाथ मैक्सी के अंदर डाल के उसके उसके मोटे लंबे भूरे रंग के चूचक को मसल दिया। अंजू बेड में छटपटा गई, और बेड के ऊपर के ओर सरकने लगी। रवि भी उसके पीछे पीछे , निप्पल को मसलते हुए , उसके गले में बेतहाशा चुंबनों की बरसात करने लगा।।
अंजू की मानो अब जान निकल रही थी, रवि अपने हाथ के अंगूठे और अंगुली के बीच ले कर मसलते रहा ,जिसका परिणाम ये हुआ कि अंजू की योनि में तरल पदार्थ उतर आया।
रवि उसको नीचे दबा के बस चूमते रहा।।और अंजू नीचे लेती हुई। आह सी अहम, आराम से।।।।।।।।।। अन्नन्ह अन्न्ह,
रवि तो मानो आगे की प्लॉनिंग करके पागल हो चुका था, वो जल्दी जल्दी अंजू के अंदर समा जाना चाहता था।
तो रवि ने उसको चूमना छोड़ा, और उसके मैक्सी को ऊपर तक किया, अंजू ब्रा उतर चुकी थी, तो उसके ठोस उरोज, जिसपे दो मोटे निप्पल थे तन के रवि को देखने लगे।
रवि ने अंजू को देखा , उसके होंठों आगे का होने वाला सोच के , कांपने लगे।
अंजू का मानो, अपने होंठों पे कैंटोल ही नहीं रहा, रवि समझ गया, वो अंजू को और भी तड़पाना चाहता था, तो उसने अंजू के राइट साइड के बूब्स को नीचे से पकड़ा , जिससे निप्पल और भी तन गए, और रवि ने तुरन्त उसको अपने मुंह में भर लिया।
तो अंजू छटपटा गई, और रवि के बाल को खींच दी। रवि ने जोर से निप्पल को अंदर को खींचा और सीधा हाथ से उसके , जांघों के जोड़ पे ले जा के उसकी चिकनी चूत को मुठ्ठी में भींच दिया।
अंजू मस्ती और दर्द से पागल हो के , पैर पटकने लगी।।और बेहद कामुक सीत्कारी मारने लगी , अपने सिर को बेड से उठा के ,फिर बेड में पटक के।
रवि उसके चूत से खेलता हुआ, उसके निप्पलों को एक एक करके चूसता रहा। तो अंजू कामुक हो के बोल पड़ी।
अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह सी सी प्लीज़ छोड़ दो ना।। नहीं अन्ह अन्ह प्लीज़ रवि। अन्ह में मर जाऊंगी यार।।
तो रवि उसके निप्पलों को छोड़ के उसके कान में वो बात बोला कि अंजू शर्म से मर ही गई।
रवि:: अभी तो डाला भी नहीं, अभी से?? आज तो पुरी रात ये होना है।
और अपने दांत भींच के 2 अंगुली उसके योनि में घुसेड़ के बोला।।
अभी तो इसके अंदर भी डालना है। डालने दोगी ना।।। हममम।।बोलो ना।।( गीली चूत में अंगुली अंदर बाहर करते हुए)
अंजू का बदन टाइट हो गया,और वो आँख ऊपर चढ़ाए हुए बोली।
अंजु:: हां यार बस , हां दूंगी बस।। अन्न्ह रवि मर गई।।( बेड में सिर पटक के)
तो रवि जल्दी से नीचे को आया और अंजू का पेटीकोट का नारा खोलने लगा।।अंजू अभी भी सी सी सी सी सी करते हुए सिसक रही थी।
रवि ने उसके पेटिकोट को नीचे खिंचा और उसकी चूत के सही से दर्शन किए।
क्या फूली हुई गीली चूत थी। जिसके बीच गुलाबी घाटी थी।।जो रस टपका रही थी।
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रवि को अपनी चूत को ऐसे देखने से वो शर्म से नजर फेर ली। और रवि उसके पर थोड़े से फैलाया और झुक गया उस सुरमई सुरंग के पास।
रवि ने जैसे ही उसके , योनि पर अपनी जीभ फिराई, अंजू के बॉडी में झटका लगा ,और वो जोर से सीईईईईईईईईई हाईईईई कहते हुए अपने जांघों के बीच रवि का सिर दबा दी।।रवि ने हाथ से उसके चूत के फांकों को फैलाया और चाटने लगा उसकी चटनी।
अंजू मानो तड़प के रह गई। और कमर को बेड में पटकने लगी। और अन्नन्ह रविवी वि……………….
लेकिन रवि रुका नहीं उसके भग्नासा को जीभ से और भी छेड़ने लगा। तो अंजू और जोर से उसका सिर को दबा दी।।और रवि ने जैसे ही उसके फांकों को होंठो पे दबा के चूसा तो अंजू से रहा नहीं गया।।और वो , कमर को ऊपर उठा के , एक तेज़ धार मार दी।।
और बेड में तड़पने लगी जोर जोर से सांस ले कर। रवि भी हांफते हुए उठा।।और अपने लोवर को नीचे खींच दिया।
अंजू की हालत ख़राब हो गई थी।।रवि उसके पर फैलाया तो अंजू खुद ही उपर को सरक के तकिए पे सिर रख दी, रवि अपने लिंग में थूक लगा के उसके पैरो के बीच आया।
और अंजू को देख के , नीचे झुका और प्यारा सा चुम्बन लिया।
और पहले धीरे से फिर उसके बाद चुंबनों की रफ़्तार बढ़ने लगी, अंजू अपनी आंखो को ज़ोर से बंद कर दी,और रवि को खेलने दी अपने होठों से।
और रवि उसके निचले होंठ को ,अपने होंठो के बीच दबा के चूसते हुए , लिंग को उसके योनि पे रगड़ने लगा, और उसका छेद ढूंढने लगा।।
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और छेद मिलते ही, कमर दबा दिया। ।
रवि का सुपाड़ा जैसे ही अंजू की बुर को फैलाया, अंजू ने उन्न्न्ह करते हुए, होंठों को चुराने लगी।
लेकिन रवि ने उसके गले के नीचे हाथ डाल के जकड़ लिया उसको, और धीरे धीरे उसके योनि में उतरने लगा।।अंजू के फांक ,रविके लिंग पे किसी ग्रिप के तरह चढ़ गए।।
रवि धीरे धीरे धीरे बस उसकी लेते रहा, अंजू नीचे से दबी हुई आवाज में हर धक्के के साथ, अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह करने लगी।।
और जैसे ही रवि ने पूरी कमर दबाई, अंजू ने कामुक तरह से सीईईईईईईईईई मां, हाई रे कहा।
और रवि उसके होंठों को छोड़ के उसके गले को चूमते हुए, उसके मम्मे दबा के उसकी लेने लगा।।
रवि बहुत धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था।।अंजू को असीम सुख का अनुभव होने लगा।वो भी आँख बंद किए हुए, गर्दन हिला के, मस्ती में सी सी सी करते हुए , रवि का अंदर लेने लगी।।
अभी रूम की स्थिति ये थी कि, अंजू बेड में पैर मोड़ , फैलाएं हुए लेटी थी, और रवि उसके जांघों के बीच अपनी कमर ऊपर नीचे कर रहा था।।अंजू की योनि में पूरा लिंग किसी पिस्टन के जैसे अंदर बाहर हो रहा था।
बाहर की लाइट जाली थी, जिससे अंदर उजाला हो रहा था, और बेड हल्के हल्के चू चू चू की आवाज कर रहा था,
और अंजू की हल्की लेकिन मादक सिसकियों से रूम गुंज रहा था।
तभी रवि रुका और अंजू को मेक्सी उतरने को बोला।।।
अंजू थोड़ा सा ऊपर उठी, और पुरी मैक्सी उतर के लेट गई, अपने बाल से क्लिप निकाल के, रवि अपना लिंग हिला के उस मादक हसीना को देखने लगा।
अंजू फिर से लेट गई, मुंह शर्म से फेर कर।
रवि फिर से उसके बीच आया, और इस बार,दोनों हाथ उसके उसके पिंडलियों के नीचे डाल के उसके पैरों को ऊपर उठा दिया।।और उफ्फ कहते हुए जोर से धक्का मारा, अंजू की चूत बहुत गीली थी तो उतना दर्द नहीं हुआ, वो बस।
अन्न्ह मां सीईईईई।।कहते हुए आंखों को मिच की।।रवि ने फिर से लिंग को खींचा, और फिर से धक्का मारा।।और अंजू अपने होंठों को दबा दी।।
रवि डिप्स वाली पोजिशन में, लिंग को देखने लगा , उसकी योनि के अंदर बाहर जाते हुए,
वही अंजू को बहुत मजा आ रहा था , वो रवि को अपनी बाहों में जकड़ लेना चाहती थी।।तो मस्ती भरी नजर से। सीसीई सीईईईई सीसीईईई सीईईईई अन्न्ह कहते हुए रवि को खींचने लगी।।
रवि झुका और झटके मरते हुए, उसके निप्पलों को चूसने लगा।।तो अंजू भी धीरे धीरे कमर उचकने लगी।
अंजू की कामुक सिसकियां रवि को पागल बना रही थीं, और वो अंजू के ऊपर जैसे ही लेटा, अंजू ने उसको अपनी बाहों में बाहर लिया।।और उसके गाल चूमने लगी, और पर उसके कमर पे कैंची जैसे कर दी।।
अंजू की इन कामुक अदा ने रवि को ज़ोश से भर दिया, और वो तेजी से अंदर बाहर होने लगा।
तो अंजू की दर्द भरी रोने वाली आवाज आने लगी।। उस आवाज में बहुत कशिश थी।
अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह हाय, मां सीईईईई सीसीईईई सीईईईई सीसीईईई सीईईईई अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह सी सी हाय मां सीईईईई सीसीईईई सीईईईई सीसीईईई सीईईईई अन्न्ह अन्न्ह अन्न्ह सी …………….
वही रवि फू फू फू फू फू फू करते हुए अंजू के गले को चूम के तेजी से। उसकी योनि को कुचलने लगा।
अंजू की चूत O आकर में खुली हुई थी, लिंग पूरा उसके पानी से तर था।।अंजू के योनि के अंदर लिंग उसको खींचने लगा।
पूरा बेड अब , चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर चर ….. की आवाज से हिल रहा था।
तभी रवि आह आह कहते हुए पूरा कमर दबा दिया।। और लिंग अंजू के गर्भाशय ग्रीवा से होते हुए , उसके गर्भ द्वार को किसी छल्ले के तरह फैला के अंदर घुस गया।
रवि पूरी ताकत से वैसे ही दबाए रहा, तो अंजू ने दर्द और मस्ती से बेड में पैर पटक दिए।और रोने वाली आवाज में जोर से बोल पड़ी।
आईईईईईईईईईईईईईईई मेरी मां।। मर गई सी सीईईईई अन्न्ह मां।।
कहते हुए चादर को मुठ्ठी में भींच दी।।तो रवि ने उसके होंठों को मुंह में भर दिया।।और लिंग उसके गर्भ से बाहर खींचा तो अंजू को ऐसा लगा कि उसके अंदर से बहुत सारा चीज़ भर निकल आया है।
तभी रवि ने फिर से धक्के मारने शुरू कर दिए।।अंजू की बॉडी टाइट हो गई, और मुंह से बस उन्न्न्ह उन्न्न्ह उन्न्न्ह उन्न्न्ह की ही आवाज आ पाई।
क्यूंकि रवि ने उसके होंठों को सिल रखा था, अंजू ने रवि के पीठ में नाखून लगा दिए। कमर उठा के, तब भी रवि रुका नहीं , बस चोदता रहा उसको दम भर के।
पूरे रूम में पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच पच और चर चर चर चर चर की आवाज आने लगी।
अंजू के बच्चेदानी पे लगातार हमले होते रहे, जिससे उसकी आंख चढ़ गई, और वो फिर से पर उसके कमर पे चढ़ा ली।
रवि बस चोदते रहा उसको, और हर तीसरे झटके पे कमर को पूरा दबा देता, और लिंग उसके बच्चेदानी को फैला के घुस जाता।
और अंजू अपनी चूत टाइट कर देती, ताकि लिंग बाहर न निकले।
रवि से अब कंट्रोल नहीं हो रहा था, वो अंजू के बगल को चाट के तेजी से झटके मारने लगा।
और जैसे ही डिप्स वाली पोजीशन में आया, अंजु पर फैला दी, और रवि उसको देखते हुए उसकी लेने लगा।
दोनों ही कामग्नि के चरम पे थे, अंजू रवि के बाजू पकड़े हुए नीचे से, आह आह आह आह आह आह आह कहते हुये , चूद रही थी, उसके मम्मे हिल रहे थे।
खुले बाल में अंजू कमाल लग रही थी, वो रवि को देखते हुए, कामुक मुंह बना के, आह सी सी हाय सी सी आह कहते हुए रवि के बाजू में नाखून लगा रही थी।
और रविभी थोड़ा नीचे को हुआ तो , अंजू ने अपने होंठ खोल दिए।।रवि ने रुक के उसके होंठ चूस, और बोला।
मज़ा आ रहा है हम्ममम??( निप्पल मसल कर)
अंजू मस्ती में उसको अपनी बाहों में भर के मस्ती से बोली।।
बहुत जायदा।। उम्मम्मा ( उसके गाल में चूम के)
रवि: डाल दूं पूरा हम्ममम??( कमर दाएं, बाएं हिला कर)
अंजू ने दर्द से आँख बंद करते हुए पैर चढ़ा के बोली।।
अंजू:: मर जाऊंगी तो।। अन्ह मां सीईईईई रवि, आय लव यू, बहुत प्यार करती हूं तुमको।। सीसीई कर लो जो मन है, तुम्हारी हूं।।( कामुक आवाज में, उसके कंधों को चूम के)
रवि: फट गई तो।। हम्ममम ( कमर दाएं बाएं हिला कर)
अंजू: अन्ह फट ही गई है।।। अन्ह सी।।मां
रवि: दर्द होगा तो( कमर दबा के)
तो अंजू छटपटा गई, और बोली।
अंजू::अन्ह मां, बस बस, अन्ह, झेल लूंगी। अन्ह करो।।सी हाई।।।सीसीई
तो रवि ने उसके होंठों पे चुम्बन लिया, जिससे जोर से आवाज हुई, और बेड फिर से हिलने लगा।
और फिर वो ही कामुक आवाज। थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप।।
अंजू मानो दूसरे दुनिया में पहुंच गई, और नीचे से तेजी से कमर हिलाने लगीं।
वही रवि उसके हुस्न में पागल हो के , उसके मम्मे दबा के उसकी लेने लगा।। चादर अंजू के गिरते पानी से भीगने लगी, वो कितने बार पानी छोड़ी ये भी नहीं पता।
तभी रवि से रहा नहीं गया, उसके माइंड में एक ही आवाज थी अंजू की।
करो, झेल लूंगी।।।।( तेज़ सांस लेते हुए)
तो वो अंजु को जकड़ लिया,और पूरी कमर दबा दिया।
अंजू फफक पड़ी, रवि का खड़ा लिंग उसके बच्चे दानी को फैला के , पूरा अंदर जा के अपना वीर्य छोड़ने लगा।।
अंजू अन्नन्ह मां, अन्न्ह मां,अन्नन्ह मम्मी।।।। बस यार, मर गय्यीई। मर गई। तुमने लूट लिया रवि ( रोने वाली आवाज में)
कह के रवि के गले
लग गई। प्यार के आंसु लिए हुए।।
रवि अपना लावा छोड़ते रहा और अंजू अपने बदन को टाइट किए रही, और तब तक जकड़े रही, जब तक रवि ने उसके बच्चे दानी को गढ़ा वीर्य से भर नहीं दिया।।
रवि बहुत देर तक उसके ऊपर लेटा रहा।।रूम में आया तूफ़ान शांत हो गया।।बस थी तो गहरी सांस।।।
जारी रहेगा।।