Incestlover
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ऐसी ही कहानी की मैं प्रतीक्षा कर रहा था । बस इतना जानना था अगर कहानी incest बेस्ड है तो बाप और भाई तो ज़रूर आयेंगे ना ?
Update ka intezar rahegaJi zarur aur bohat bohat shukriya
Very madak storyहेलो दोस्तों सबका बोहात शुक्रिया पहले भाग को प्यार देने के के लिये ।
तो कल के भाग मैं, हम ghar से station के लिए निकले थे । जैसा के मैंने कल बताया मैंने
एक ग्रे टाइट जीन्स और black hank तोप पहना था!
(Pic upload)
घर से निकलते वक़्त मैंने साँस को गुड बाई कहा । राहुल मेरा सामान लेकर बाहर कर के पास खड़ा था मैं जाते वक़्त ख़ुद को आइने मैं dekha toh एक हल्का सा रौंद पतच (दाग़)meri गाँड़ पे बना हुआ tha mere cum का गीलापन ऊपर से वो panty maine thurday से पहन रखी thi जोह के kaafi smelly थीं
मैं थोड़ा परेशान थीं अकेले सफ़र मैं पहले कर चुकी थी पर कही dhur नाहीं और यह तो ८२ hrs मुझे ट्रेन मैं ही रहना था । वहाँ बाथरूम vagaira clean होंगे ya nahi iss बात से डर रही थी ।
घर से बाहर आते ही राहुल कर के पास खड़ा था
Rahul: जान जल्दी करो ट्रेन मिस कर दोगी ।वो तो बस मुझे जल्दी से भेजना चाहता हो जैसे
मैंने ग़ुस्से मैं कहाँ “तुम्हें बड़ी जल्दी हैं मेरे जाने की “
Rahul: ओ बेबी ऐसा कुछ नहीं है ill miss you alot tumhai ट्रेन मैं तकलीफ़ ना हो इसलिलए जल्द बाज़ी कर रहा हु
मैं वक़्त कोई परेशानी नहीं चाहती थी इसलिए चुप चाप गाड़ी मैं बैठ गयी !
गाड़ी स्टार्ट की और हम स्टेशन के लिए निकले मैंने अपनी fav ग्लासी रेड lipstick लगायीं जोह की काफ़ी डार्क थी !(see pic)
Rahul: car साइड मैं laga कर कहा रुको मैं atm से होकर aaya ! जैसे ही usने car ऑफ़ की ac bhi बंध होगया ।
बहार kaafi गर्मी thi सुबह के १० baj रहे थे सूरज छड़ा हुआ था ! जींस मेरी गाँड़ और thigs पे टाइट फ़िट थी जिससे मेरी पैंटी बार बार मेरी दरारों मैं फँस रही thii मुझे हल्का हल्का पसीना आने लगा था
उफ़्फ़्फ़्फ यह गरमी !!
मैं rahul को देखा तो atm मैं काफ़ी भीड़ थीं
Ac off थाऔर कर के सारे शीशे बंध
मेरी पैंटी की mehak ने जादू कर दिया ! मैंने हल्का सा नाक स्निफ़ किया तो cum+ peshaab कि घनी धीमी mehak आने लगी
UUfffffff यह पैंटी तो काफ़ी स्मेल कर रही है वहाँ ट्रेन मैं कोई पहचान ना ले । मुझे सूरूर छड़ने लगा आँखें मीठकर मेरा हाथ tight जींस पे से झाँघो पे चला गया uss महक ने जैसे नशा छड़ा दिया हो ।
मैंने kisi tarah ख़ुद को सम्भाला rahul के आते ही मैंने खिड़की।खोल दी !
Rahul: सारी जान देर होगायी चलते है! अर्रेय तुम्हेंतो पसीना आ रहा है कहाँ था ना इतने टाइट कपड़े मत पहनो
Priya: कोई नहीं ट्रेन मैं विंडो seat पे बैठ जाऊँगी
राहुल ने कार स्टार्ट की और हम निकल पड़े
१०:३० को हम स्टेशन पोहचे वह काफ़ी भीड़ थी ! सारे लोग मेरा बदन निहार रहे they aate जातें लोग मुझे ही घूर के jaarhe थे
उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मुझे ख़ुद पे ग़ुरूर आ रहा था मैं भी जाँबुचकार लोगों को देख मुस्कुरा देती बस छेड़कनी कर रही थी !
ट्रेन स्टेशन पे रुकी थी और कुछ ही देर मैं रवाना होने वाली थी । मैं यहाँ वहाँ कोई वॉश्रूम धूँदे लगी rahul ने मेरा हाथ पकड़ रखा था और वो फ़ोन पर लगा था मैंने उसे इशारे मैं कहाँ जैसा छोटे बच्चे कहते है ऊँगली दिखा कर “ससु जाना है”
उसने वहाँ right तरफ़ इशारा किया मुझे इतना घुसा आया उसपे की वो इतना busy होगाया है काम
मैं की मुझे वहाँ तक भी नहीं लेके jaarha ।
मैं ghusee से गाँड़ मटकाए बाथरूम की तरफ़ बढ़ने लगी
वहाँ एक male aur female टॉलेट था और डोनो के बीच बस ek कच्ची दीवार थी वहाँ बाथरूम के बाहर baithe सारे लोग मुझे गुर रहे थे ! मैं बाथरूम के बाहर khadi थी और यहाँ वहाँ देख मैं अंदर चली गयीं।
वो काफ़ी गंदा, बड़बुड़ार टॉलेट था । ३ कैबिन वाला
मुझे काफ़ी ज़ोर se पेशाब आयीं थी मैं पेर चिपकाए अन्दर एक cabin मैं chali गयी वो इंदीयन टॉलेट था यहाँ वहाँ देखा तो दीवार मैं kaafi छेद थे । और मेंस टॉलेट साफ़ नज़र आ रहा था
मुझे डर भी lag rha था अपनी जींस खोलकर घुटने तक मैं बैठ गयी और एक तेज़ धार से पेशाब करने लगी
Uffffff काफ़ी ज़ोर की धार निकली (pic upload)
पूरे बाथरूम मैं आवाज़ गुनझने लगीं तभी टॉलेट मैं kisi की आवाज़ आयी काफ़ी रफ़ और स्ट्रोंग वॉस आयी २ आदमी फ़ीमेल टॉलेट मैं आए थे । मैं काफ़ी ज़्यादा डर गयी मेरी सांसें तेज़ चलने लगी । voh एक दूसरे से बात karhe थे
Aslam: यार Rashid काफ़ी लम्बा सफ़र होने वाला है अपना पेशाब, tati दबा के karle
Rashid: हाँ यार aslam बाद मैं कही रुके ना रुके ट्रेन
मैं अन्दर अधनंगी हालत मैं thhi सब सुन रही थी
Aslam: yaar वोऔरत देखी तूने बाहर !
Rashid: कोनसी
Aslam: यार वही शादी शूडा जींस वाली उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या बदन है यार उसका एक रात मिल जाए मज़ा आजाए
मेरी धड़कनने काफ़ी तेज़ चल रही थी
Rashid: ufffff सही कहा यार कमल की गाँड़ है उसकी लाल भर गयी मुँह मैं
मुझे अपनी तारीफ़ अच्छी लग्रही थी पर डर भी लग्रहा था
मैंने दरवाज़े के होल से झाँका तो मेरे होश उध गए ।
बाक़ी की कहानी अगले भाग मैं
Keep supporting guys
Super storyहेलो दोस्तों सबका बोहात शुक्रिया पहले भाग को प्यार देने के के लिये ।
तो कल के भाग मैं, हम ghar से station के लिए निकले थे । जैसा के मैंने कल बताया मैंने
एक ग्रे टाइट जीन्स और black hank तोप पहना था!
(Pic upload)
घर से निकलते वक़्त मैंने साँस को गुड बाई कहा । राहुल मेरा सामान लेकर बाहर कर के पास खड़ा था मैं जाते वक़्त ख़ुद को आइने मैं dekha toh एक हल्का सा रौंद पतच (दाग़)meri गाँड़ पे बना हुआ tha mere cum का गीलापन ऊपर से वो panty maine thurday से पहन रखी thi जोह के kaafi smelly थीं
मैं थोड़ा परेशान थीं अकेले सफ़र मैं पहले कर चुकी थी पर कही dhur नाहीं और यह तो ८२ hrs मुझे ट्रेन मैं ही रहना था । वहाँ बाथरूम vagaira clean होंगे ya nahi iss बात से डर रही थी ।
घर से बाहर आते ही राहुल कर के पास खड़ा था
Rahul: जान जल्दी करो ट्रेन मिस कर दोगी ।वो तो बस मुझे जल्दी से भेजना चाहता हो जैसे
मैंने ग़ुस्से मैं कहाँ “तुम्हें बड़ी जल्दी हैं मेरे जाने की “
Rahul: ओ बेबी ऐसा कुछ नहीं है ill miss you alot tumhai ट्रेन मैं तकलीफ़ ना हो इसलिलए जल्द बाज़ी कर रहा हु
मैं वक़्त कोई परेशानी नहीं चाहती थी इसलिए चुप चाप गाड़ी मैं बैठ गयी !
गाड़ी स्टार्ट की और हम स्टेशन के लिए निकले मैंने अपनी fav ग्लासी रेड lipstick लगायीं जोह की काफ़ी डार्क थी !(see pic)
Rahul: car साइड मैं laga कर कहा रुको मैं atm से होकर aaya ! जैसे ही usने car ऑफ़ की ac bhi बंध होगया ।
बहार kaafi गर्मी thi सुबह के १० baj रहे थे सूरज छड़ा हुआ था ! जींस मेरी गाँड़ और thigs पे टाइट फ़िट थी जिससे मेरी पैंटी बार बार मेरी दरारों मैं फँस रही thii मुझे हल्का हल्का पसीना आने लगा था
उफ़्फ़्फ़्फ यह गरमी !!
मैं rahul को देखा तो atm मैं काफ़ी भीड़ थीं
Ac off थाऔर कर के सारे शीशे बंध
मेरी पैंटी की mehak ने जादू कर दिया ! मैंने हल्का सा नाक स्निफ़ किया तो cum+ peshaab कि घनी धीमी mehak आने लगी
UUfffffff यह पैंटी तो काफ़ी स्मेल कर रही है वहाँ ट्रेन मैं कोई पहचान ना ले । मुझे सूरूर छड़ने लगा आँखें मीठकर मेरा हाथ tight जींस पे से झाँघो पे चला गया uss महक ने जैसे नशा छड़ा दिया हो ।
मैंने kisi tarah ख़ुद को सम्भाला rahul के आते ही मैंने खिड़की।खोल दी !
Rahul: सारी जान देर होगायी चलते है! अर्रेय तुम्हेंतो पसीना आ रहा है कहाँ था ना इतने टाइट कपड़े मत पहनो
Priya: कोई नहीं ट्रेन मैं विंडो seat पे बैठ जाऊँगी
राहुल ने कार स्टार्ट की और हम निकल पड़े
१०:३० को हम स्टेशन पोहचे वह काफ़ी भीड़ थी ! सारे लोग मेरा बदन निहार रहे they aate जातें लोग मुझे ही घूर के jaarhe थे
उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मुझे ख़ुद पे ग़ुरूर आ रहा था मैं भी जाँबुचकार लोगों को देख मुस्कुरा देती बस छेड़कनी कर रही थी !
ट्रेन स्टेशन पे रुकी थी और कुछ ही देर मैं रवाना होने वाली थी । मैं यहाँ वहाँ कोई वॉश्रूम धूँदे लगी rahul ने मेरा हाथ पकड़ रखा था और वो फ़ोन पर लगा था मैंने उसे इशारे मैं कहाँ जैसा छोटे बच्चे कहते है ऊँगली दिखा कर “ससु जाना है”
उसने वहाँ right तरफ़ इशारा किया मुझे इतना घुसा आया उसपे की वो इतना busy होगाया है काम
मैं की मुझे वहाँ तक भी नहीं लेके jaarha ।
मैं ghusee से गाँड़ मटकाए बाथरूम की तरफ़ बढ़ने लगी
वहाँ एक male aur female टॉलेट था और डोनो के बीच बस ek कच्ची दीवार थी वहाँ बाथरूम के बाहर baithe सारे लोग मुझे गुर रहे थे ! मैं बाथरूम के बाहर khadi थी और यहाँ वहाँ देख मैं अंदर चली गयीं।
वो काफ़ी गंदा, बड़बुड़ार टॉलेट था । ३ कैबिन वाला
मुझे काफ़ी ज़ोर se पेशाब आयीं थी मैं पेर चिपकाए अन्दर एक cabin मैं chali गयी वो इंदीयन टॉलेट था यहाँ वहाँ देखा तो दीवार मैं kaafi छेद थे । और मेंस टॉलेट साफ़ नज़र आ रहा था
मुझे डर भी lag rha था अपनी जींस खोलकर घुटने तक मैं बैठ गयी और एक तेज़ धार से पेशाब करने लगी
Uffffff काफ़ी ज़ोर की धार निकली (pic upload)
पूरे बाथरूम मैं आवाज़ गुनझने लगीं तभी टॉलेट मैं kisi की आवाज़ आयी काफ़ी रफ़ और स्ट्रोंग वॉस आयी २ आदमी फ़ीमेल टॉलेट मैं आए थे । मैं काफ़ी ज़्यादा डर गयी मेरी सांसें तेज़ चलने लगी । voh एक दूसरे से बात karhe थे
Aslam: यार Rashid काफ़ी लम्बा सफ़र होने वाला है अपना पेशाब, tati दबा के karle
Rashid: हाँ यार aslam बाद मैं कही रुके ना रुके ट्रेन
मैं अन्दर अधनंगी हालत मैं thhi सब सुन रही थी
Aslam: yaar वोऔरत देखी तूने बाहर !
Rashid: कोनसी
Aslam: यार वही शादी शूडा जींस वाली उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या बदन है यार उसका एक रात मिल जाए मज़ा आजाए
मेरी धड़कनने काफ़ी तेज़ चल रही थी
Rashid: ufffff सही कहा यार कमल की गाँड़ है उसकी लाल भर गयी मुँह मैं
मुझे अपनी तारीफ़ अच्छी लग्रही थी पर डर भी लग्रहा था
मैंने दरवाज़े के होल से झाँका तो मेरे होश उध गए ।
बाक़ी की कहानी अगले भाग मैं
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