HexaneChem
New Member
- 15
- 18
- 3
bhai please..... LAUT AAAAOOOO BHAI.. I REALLY REALLY LOVE YOUR CONTENT...
Tumne jaisi likhi hai apne tarike se waise hi likho Bhai but continue rakho.What kind of story you want in this! ? I am sure I will continue to update !
Position | Benifits |
---|---|
Winner | 4000 Rupees + Award + 5000 Likes + 30 days sticky Thread (Stories) |
1st Runner-Up | 1500 Rupees + Award + 3500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories) |
2nd Runner-UP | 1000 Rupees + 2000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) |
3rd Runner-UP | 750 Rupees + 1000 Likes |
Best Supporting Reader | 750 Rupees + Award + 1000 Likes |
Members reporting CnP Stories with Valid Proof | 200 Likes for each report |
You have changed the storyline because only son is there and no daughter in the story till now but you have written by adding daughter and son in law in the storyline please correct itघर पहुंचकर हम सब फिर से नहाए। फिर नहाकर पापा और पति आँगन में ही बैठ गए। हमें जोरो की भूख लगी थी तो पहले हम पापा और पति को खाना खिलाने लगे। मैं और मम्मी पापा और पति के लिए थाली लेकर गई। फिर थाली देखकर पति बोले के इसमें आपकी टट्टी तो नहीं हैं। फिर मम्मी बोली के आज ऐसे ही खा लो कल से मैं थोड़ी टट्टी अंदर रखूँगी और आपको खिला दूँगी। लेकिन पति नहीं माने। फिर पति ने मम्मी से कहा के थोड़ी बहुत तो अभी भी पड़ी होगी जोर लगाकर निकाल लीजिए। फिर मम्मी पीछे मुड़ी और अपनी गाँड निकाल कर चारपाई के पास ही झुककर खड़ी हो गई और फिर जोर लगाने लगी। फिर पापा ने भी मुझे मम्मी की तरह ही खड़ा करवा लिया। पापा और पति ने हमारी गाँड के नीचे अपनी अपनी थाली रख दी थी और हम माँ बेटी अपनी टट्टी निकालने की कोशिश करने लगी। टट्टी तो नहीं निकली पर हमारा पेशाब निकलकर आँगन में गिरने लगा। जोर लगा लगाकर मेरी और मम्मी का मुँह लाल हो गया था पर हमारी टट्टी नहीं निकली। ये सब देखकर दाई हमारे पास आ गई। फिर मम्मी ने दाई को सब बात बताई जो खेत में हुई। फिर दाई बोली के अब हमारी टट्टी भी नहीं छोड़ोगे क्या। फिर पति बोले के नहीं। फिर हम सब हँसने लगे। फिर दाई बोली के वो आज सुबह हगने नहीं गई थी। फिर पति बोले के तो आप आ जाओ। फिर मैं और मम्मी सीधी खड़ी हो गई और फिर अपनी गाँड चौड़ी करके हमारे जैसे खड़ी हो गई। फिर पति ने मुझसे बर्तन मंगवाया। वो बर्तन पति ने दाई की गाँड के नीचे रख दिया। फिर दाई जोर लगाने लगी और पति और पापा दाई की गाँड पर हाथ फेरने लगे। फिर दाई की गाँड से टट्टी निकलने लगी और साथ में दाई की चूत से पेशाब की धार भी निकलने लगी। दाई की यहाँ आकर खुराक अच्छी हो गई थी तो दाई की टट्टी भी काफी निकली थी। दाई की टट्टी से पूरा बर्तन भर गया था। फिर दाई ने टट्टी कर ली तो पति ने दाई की गाँड चाट कर साफ कर दी। फिर दाई हमारे साथ आकर सीधी खड़ी हो गई। फिर हम तीनों उन्हें दाई की टट्टी खाते हुए देखने लगी। दाई की लैट्रिन सुखी थी तो पापा और पति ने टट्टी का एक एक टुकड़ा हाथ में लिया और फिर उसमें से थोड़ा थोड़ा खाया। दाई ये देखकर बोली के मर्द इस हद तक भी जा सकते हैं ये मैं पहली बार देख रही हूँ। फिर पति और पापा ने खाना खाया और फिर वो बाहर वाले कमरे में चले गए। फिर मैंने, मम्मी, दाई और रामु ने एक साथ खाना खाया। खाना खाकर फिर हम तीनों भी उनके पास चली गई। फिर पति और पापा ने पहले तो हम तीनों की गाँड चूसी और फिर दोपहर हो चुकी थी तो पति मम्मी की गाँड में और पापा मेरी गाँड में मुँह डालकर सो गए। दाई रामु के साथ सो गई। मैं और मम्मी पाद भी मरती तो वो दोनों हमारा पाद भी सूँघकर कहते के बहुत अच्छी खुशबू हैं। ये देखकर मैं और मम्मी जोर जोर से हँसने लग जाती।