उत्तम ! अति उत्तम !! साधु साधु !!!
आदरणीय माही जी,
आपकी यह कहानी इस मंच पर लगभग सभी पाठकों को आकर्षित कर रही है! इस बात की आपको बधाई हो! आपने बहुत ही अच्छा विषय चुना है और इसमें जो आपने धीमा प्यार दिखाया है वही इस कहानी की शान है! जब भी लगता है के अब कोई ऐसा दृश्य आएगा तो कहानी दूसरी तरफ मुड़ जाती है जो कि सिद्ध करता है कि आप एक बहुत ही अच्छी लेखिका हो ! आप इसी तरह से इस कहानी को आगे बढ़ाते जाइये आपके पाठक अपने आप ही बढ़ते जायेंगे ! एक और विनती है आपसे कि आप इस कहानी में कम से कम तस्वीरें रखें तो बहुत अच्छा है ! नहीं तो कहानी की गंभीरता नहीं रहती ! वैसे पिछले दो उपडटेस में आपने कम ही तस्वीरें डाली हैं उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद! ऐसे ही लिखती रहें !
माणिक मित्तल