Update 16
मुझे तो पहले ही नींद आ गई थी खुशी दीदी और रॉकी भी अब पलंग पर लेट गए थे करीब 5 मिनट गुजरने के बाद रॉकी के मन में कुछ आईडिया सुझा। और रॉकी उठकर बैठ गया दीदी जिसको भी नींद नहीं आई थी दीदी ने आंख खोल कर देखा और रॉकी से पूछा क्या हुआ रॉकी।
तो रोकी बोला खुशी में सोफे पर ही सो जाता हूं यार
दीदी बोली क्या हुआ
रॉकी बोला यार मैंने जींस पहनी हुई है ही बहुत टाइट है सोने में तकलीफ हो रही है इसलिए मैं जींस खोल कर बॉक्सर में ही सोफे पर सो जाता हूं
दीदी थोड़ा सोचती है लेकिन बोली नहीं तो रोकी बेड से उठ गया रॉकी का मुंह उतर गया उसने सोचा कि अब खुशी उसके साथ सोने का नहीं बोलेगी
तभी खुशी दीदी बोल पड़ी रॉकी अपने बॉक्सर पहन रखा है तो कोई बात नहीं जींस उतार दो और यही बेड पर सो जाओ
यह सुनकर रॉकी का चेहरा खिल गया और वह बहुत खुश हो गए और अपने हाथ नहीं चल जाकर जींस का बटन खोल दिया और पेंट उतारने लगा। अब रॉकी बॉक्सर में था और उसने अपना शर्ट भी उतार दिया और जींस और शर्ट दोनों टेबल पर रख दिए अब वह बॉक्सर और वेस्ट में था और बेड पर खुशी दीदी के पास सो गया।
रॉकी के मन में अब लड्डू फूट रहे थे उसकी आंखों में नींद दूर-दूर तक नहीं थी वह बस तेरी के सोने का इंतजार कर रहा था।
ऐसे ही करीब एक घंटा गुजर गया तो उसने चेक किया कि मैं और खुशी दीदी सो रहे हैं या जाग रहे हैं। उसने पहले मेरी तरफ देखा मैं तो पहले ही सो गया था मैं बहुत गहरी नींद में था फिर उसने खुशी की दीदी की तरफ देखा दीदी भी अब सो गई थी। अब थोड़ा मौसम ठंडा हो गया था तो रोकी उठा और चद्दर मुझे ओडा और मेरा मुंह ढक दिया ताकि अगर मेरी नींद जग भी जाए तो मैं कुछ देख ना सकूं।
फिर उसने एक चद्दर और ली जिसको उसने खुद और खुशी दीदी ने ओढ़ा लिया। अब खुशी दीदी और रॉकी दोनों एक ही चद्दर में थे खुशी दीदी ने लोअर टीशर्ट पहन रखी थी और रॉकी ने वेस्ट और बॉक्सर पर रखा था।
चादर ओढ़ कर रॉकी दीदी के पास खिसक गया और अपना हाथ धीरे से दीदी की कमर पर रख दिया दीदी का मुंह मेरी तरफ था और दीदी की गांड रॉकी की तरफ थी। और रॉकी दीदी की कमर को धीरे-धीरे सहलाने लगा रॉकी थोड़ा डरते हुए आराम से यह सब कर रहा था फिर धीरे-धीरे रॉकी अपना हाथ खुशी दीदी की गांड तक ले जा रहा था और धीरे-धीरे दीदी की गांड को सहलाने लगा।
अब रॉकी की हिम्मत थोड़ी बढ़ गई और वह खुशी दीदी की गांड को धीरे-धीरे दबाने लगा कुछ देर दीदी की गांड को दबाने के बाद अपना हाथ दीदी के पेट से होते हुए धीरे-धीरे दीदी के बूब्स पर ले गया और धीरे से दीदी के राइट बूब को अपने हाथ से धीरे से पकड़ लिया। और कुछ देर अपना हाथ ऐसे ही रहने दिया वहीं दूसरी तरफ रॉकी ने अपने दूसरे हाथ से अपना बॉक्सर थोड़ा नीचे किया और अपने लन्ड को निकाल लिया और अपने हाथ से उसे पकड़ कर दीदी की गांड की दरार में धीरे से फंसा दिया। और अपना दूसरा हाथ जो दीदी के बोबे पर था उससे थोड़ा प्रेशर बनाया और दीदी का बोबा दबाने लगा फिर कुछ तेरे से ही दीदी का बोबा दबाया और अपने लण्ङ को ऐसे ही दीदी की गांड लोवर के ऊपर से ही आगे पीछे करता रहा।
अब रॉकी का हौसला थोड़ा बढ़ गया और हवस भी बढ़ गई थी तो रॉकी ने अपना बॉक्सर पूरी तरह से उतार दिया और नीचे से नंगा हो गया फिर उसने अपने हाथ दीदी की कमर पर ले गया और धीरे से दे देगा पजामा भी खोलने लगा उसे पजामा खोलने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी और डर भी लग रहा था लेकिन उसने धीरे-धीरे करते हुए दीदी का पजामा थोड़ा नीचे कर दिया इससे दीदी की पैंटी में फंसी हुई गांड उसके सामने आ गई फिर रॉकी ने दीदी की गांड को पैंटी के ऊपर से ही दबाया
कुछ देर दीदी की गांड में ऐसे दबाने के बाद उसने हिम्मत करके अपना हाथ फिर की तरफ़ बढ़ाया और दीदी की पैंटी को उतारने लगा और बहुत आराम से कुछ ही सेकंड में उसने दीदी की पैंटी को भी नीचे कर दिया आप दीदी की गांड बिल्कुल नंगी हो चुकी थी। जिस पर रॉकी ने तेरे से अपना हाथ रख दिया और दीदी की गांड को सहलाने लगा कुछ तेरा दीदी की गांड को सहलाने के बाद
रॉकी ने अपना लंड जो पूरी तरह से कड़क हो चुका था और दीदी के बिल में घुसने के लिए तैयार था उसको धीरे से दीदी के दोनों जांघों के बीच दीदी की चूत के मुख पर धीरे धीरे सरकाते हुए पहुंचा दिया, ऐसे ही दीदी को अपनी चूत पर रॉकी का लंड महसूस हुआ दीदी के मुंह से एक सिसकी दबी हुई आवाज में निकल गई।
जो रॉकी को सुनाई दे गई सिसकी सुनते ही रॉकी के मुख पर हल्की सी मुस्कान आ गई अब वह जान गया था कि खुशी सोई हुई नहीं है बल्कि जगी हुई इस काम क्रीडा का आनंद ले रही है।
यह बात रॉकी को जैसे ही पता चली उसमें एक जोश आ गया और उसने अपना हाथ दीदी के बॉबी पर रख दिया और उसे लंड का झटका दिया तो रॉकी का लंड की टोपी खुशी दीदी की चूत में घुस गई जिससे दीदी की फिर से इसकी निकल गई अब रॉकी वहीं रुक गया और दीदी के बोबे को धीरे-धीरे मसलने लगा लेकिन दीदी ने कोई विरोध नहीं किया और चुपचाप अपनी चूची मसलवाने लगी।
अब रॉकी धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे पीछे कर रहा था जिससे उसका लंड दीदी के चूत के मुख पर रगड़ खा रहा था ,कुछ देर ऐसा करने के बाद रॉकी थोड़ा पीछे हटा और दीदी को कंधे से पकड़कर सीधा लिटा दिया। खुशी दीदी बिल्कुल भी विरोध नहीं कर रही थी रॉकी जैसा चाह रहा था वैसा हो रहा था। तो रोकी ने पहले दीदी का पजामा और फिर उसकी पैंटी उसके शरीर से अलग कर दी और साइड में डाल दी।
दीदी को सीधा लिटा कर और दीदी की टांगें फैला कर रॉकी खुशी दीदी की दोनों टांगों के बीच आ गया। और घुटने के बल बैठकर दीदी की शर्ट को ऊपर कर दिया इससे दीदी का पेट नंगा हो गया और दीदी की ब्रा में कैद चूचियां दिखने लगी फिर रॉकी ने दीदी की ब्रा को भी ऊपर कर दिया और दीदी के दोनों कबूतर बिल्कुल नंगे हो गए जिन्हें रुकी धीरे-धीरे मसलने लगा और नीचे झुक कर बारी-बारी से दोनों का रसपान करने लगा।
कुछ देर इसी तरह मेरी खुशी दीदी की चूचियों का दुग्धपान करने के बाद रॉकी अपना एक हाथ नीचे ले गया और अपने लंड को पकड़ कर दीदी की चूत को ढूंढने लगा , लेकिन रॉकी का लंड दीदी की चूत का द्वार नहीं ढूंढ पाया तो फिर रॉकी अपने घुटनों के बल आया और एक हाथ से अपना लंड पकड़ा और दूसरे हाथ से दीदी की चूत में उंगली डालकर बाहर निकाली और इधर से अपना लंड खुशी दीदी की चूत पर सेट करके धक्का दिया कि रॉकी के लंड की टोपी अंदर चली गई और फिर दीदी के ऊपर आ गया और धीरे धीरे पूरा लंड दीदी की चूत के अंदर उतार दिया दीदी को दर्द तो बहुत हुआ होगा लेकिन दीदी ने हिम्मत दिखाते हुए मुंह से आह तक नहीं निकाली और चुप चाप रॉकी का लंड अपने चूत में लेकर पड़ी रही।
कुछ देर रुकने के बाद अब रॉकी ने धक्के लगाने शुरू किए और अपना लंड खुशी दीदी की चूत में अन्दर बाहर करने लगा। रॉकी लगातार मेरी खुशी दीदी को चोद रहा था।
तभी मैने जोर की सांस ली और करवट लेने लगा तो रॉकी डरकर रुक गया और दीदी के ऊपर अपना लंड उसकी चूत में डाले ही लेटा रहा। करीब 5 मिनट बाद जब उसे लगा कि अब सब ठीक है और मैं सो ही रहा हूं तो उसने फिर से धक्के लगाने शुरू कर दिए और खुशी दीदी को एक बार फिर चोदने लगा।
अब रॉकी ने धक्कों की स्पीड थोड़ी बढ़ा दी और दीदी भी धीरे धीरे अपनी कमर उठाकर चुदाने लगी। दीदी के कमर उठाकर इस प्रकार से स्वागत करने पर रॉकी को और जोश आ गया और वो खुशी दीदी को जोर लगाकर चोदने लगा। करीब 20 मिनट की धकमपेल चूदाई के बाद रॉकी अब हांफने लगा और उसके धक्के तेज हो गए साथ में दीदी भी उछल उछल कर उससे चूद रही थी।
2 मिनिट इस प्रकार के धक्कों के बाद रॉकी झटके खा e लगा और झटके खाते हुए उसके धक्कों की स्पीड कम होने लगी। और स्पीड कम होते होते उसने हार मान ली और मेरी खुशी दीदी के ऊपर निढाल हो कर गिर गया और करीब 5 मिनट तक लेता रहा।
फिर उठकर साइड में लेट गया और अपने हाथ पैर से अपना बॉक्सर ढूंढकर पहन लिया और सो गया।
कुछ देर बाद मेरी प्यारी खुशी दीदी भी उठी और अपनी पैंटी और लोवर ढूंढने लगी और ढूंढकर बैठे हुए ही पहन ली और वो भी रॉकी वाली चादर में ही पहले की तरह सो गई।
To be continued..........