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Adultery Meri sharif Suman didi

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अगले दिन सुबह सुमन हमेशा की तरह जल्दी उठी, तैयार हुई और कॉलेज के लिए निकल पड़ी। क्लास में आज का दिन भी सामान्य ही रहा—प्रोफेसरों की लेक्चर, दोस्तों से हंसी-मजाक, और नोट्स की तैयारियां। लंच ब्रेक में सुमन ने रेनू के साथ थोड़ी बातें कीं, लेकिन आज का दिन बाकी दिनों की तुलना में थोड़ा शांत था।
क्लास खत्म होने के बाद सुमन ने जल्दी-जल्दी अपना बैग समेटा और स्कूटी लेकर घर की ओर चल पड़ी। रास्ते में उसे थोड़ी थकान महसूस हो रही थी, लेकिन घर पहुंचने की जल्दी भी थी। जब वह अपने घर के सामने पहुंची, तो देखा कि दरवाजे पर एक बाइक खड़ी थी जो उसे जानी-पहचानी लगी।
सुमन ने दरवाजा खोला और अंदर गई, तभी उसकी नज़र उसके मामा पर पड़ी। मामा सोफे पर बैठे थे और मम्मी-पापा से बात कर रहे थे। सुमन को देखकर मामा ने हंसते हुए कहा, "अरे सुमन बिटिया, कैसे हो? कॉलेज कैसा चल रहा है?"
सुमन के चेहरे पर तुरंत मुस्कान आ गई, "मामा! आप कब आए? मुझे तो पता ही नहीं चला।"
मामा ने हंसते हुए कहा, "अभी थोड़ी देर पहले ही आया हूँ। सोचा, तुम लोगों से मिल लूं।"
सुमन ने अपने मामा को नमस्ते किया और जल्दी से अपना बैग एक तरफ रखा। मम्मी ने उसे रसोई में बुलाकर कहा, "जाओ, हाथ-मुंह धो लो, फिर चाय-नाश्ता करो।"
सुमन ने मम्मी की बात मानी और फटाफट फ्रेश होकर वापस आई। घर में मामा का आना हमेशा खास होता था, क्योंकि उनके साथ हंसी-मजाक और कहानियों का दौर शुरू हो जाता था। मामा की बातें सुनकर सुमन को हमेशा बहुत अच्छा लगता था, क्योंकि वे अपने मजेदार किस्सों से सबको हंसाते रहते थे।
शाम को चाय और नाश्ते के साथ, मामा ने अपने कुछ नए अनुभव सुनाए और सुमन भी कॉलेज की बातें करने लगी। पूरे घर में खुशी और हंसी का माहौल था, और सुमन ने महसूस किया कि मामा का आना हमें कितना अच्छा लगता है.

मामा और सुमन छत पर आगे की तरफ खड़े होकर बात कर रहे थे। तभी सुमन के हाथ से उसका मोबाइल niche गिर गया और जैसे ही सुमन झुकी मोबाइल उठाने के लिए। मामा ने जब उसे गले की तरफ देखा तो चौंक गया, इतने बड़े-बड़े choochi देखकर मामा के अंदर के लहर दौड़ गई। मामा मन में सोचने लगा इतनी मासूम सी दिखने वाली सुमन to बम है। फिर दोनों बात करते हुए नीचे चले गए। लेकिन मामा को बार-बार सुमन की बड़ी-बड़ी choochi याद आने लगी। और सीढ़ी पर जाते समय सुमन आगे और मामा पीछे पीछे चल रही थी। और अचानक से सुमन झुकी तो पीछे से सुमन का गांड देख कर mama की हालत और ख़राब हो गई। इतने बड़े बड़े गांड और chhochi देख कर मामा बेचैन हो गया। फिर सोचा ये मैं क्या सोच रहा हूँ। वो मेरी बहन है ये सब गलत है मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए। अब मामा के दिमाग में मानो जंग छिड़ गई थी सही और गलत का। और आखिरी बार मैं जीत गलत की हुई। अब सोचने लगा आज नहीं तो कल कोई ना पता ही लेगा सुमन को। हां हो सकता है कोई पता लिया हो। ऐसा नहीं हो सकता सुमन एक अच्छी लड़की है उसका कोई BF नहीं हो सकता। mai सुमन खुद ही पूछ लूंगा उसका bf है हां नहीं रात में खाना खाने के बाद.
 

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Udhar सुमन की माँ खाना बना के इंतज़ार कर रही थी, तभी देखा mama और सुमन को ऊपर से आते हुए।



माँ- तुम logo ki बात ख़तम हो गई हो तो खाना खा लो, जबसे mama आ jate है सुमन एकदम से परेशान कर देती है भैया को।
mama- नहीं दीदी ऐसी बात नहीं है सुमन कभी परेशान नहीं करती।
सुमन- क्या मम्मी तुम तो मुझे कहीं जाने नहीं देती हो और jab mama आती है तो उनसे भी बात नहीं कर सकती क्या। सुमन अपनी माँ से shikayat karti है।
रात का खाना खत्म होने के बाद, घर में सब लोग आराम करने लगे। सुमन ने देखा कि मामा छत पर टहलने के लिए जा रहे थे। उसे भी हल्की ठंडी हवा में टहलने का मन हुआ, तो उसने मामा से कहा, "मामा, मैं भी आपके साथ छत पर चलती हूँ।"

मामा ने हंसते हुए कहा, "चलो, बहुत अच्छा! थोड़ी ताज़ी हवा लेते हैं और बातें भी कर लेते हैं।"

दोनों छत पर चले गए। रात का आकाश तारों से भरा हुआ था, और हल्की-हल्की ठंडी हवा चल रही थी। मामा ने चारों ओर देखा और मुस्कुराते हुए बोले, "यहां आकर अच्छा लगता है, शांत और सुकून भरा माहौल है।"

सुमन ने भी आकाश की ओर देखते हुए कहा, "हाँ मामा, दिनभर की थकान के बाद यहाँ आकर थोड़ा सुकून मिलता है।"

थोड़ी देर की खामोशी के बाद, मामा ने सुमन से पूछा, "तो , पढ़ाई कैसी चल रही है? कोई परेशानी तो नहीं?"

सुमन ने सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं मामा, सब ठीक चल रहा है। बस, परीक्षाओं की तैयारी चल रही है, तो थोड़ा दबाव है। लेकिन धीरे-धीरे सब मैनेज हो जाता है।"

मामा ने सुमन की बात सुनकर गर्व से कहा, "तू हमेशा से समझदार रही है, मुझे पता है कि तू अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाएगी। बस मेहनत करते रहो और खुद पर विश्वास रखो।"

सुमन ने मामा की बातों को ध्यान से सुना और फिर मुस्कुराते हुए बोली, "आपकी बातें हमेशा प्रेरणादायक होती हैं, मामा। जब भी आपसे बात करती हूँ, तो मुझे और हिम्मत मिलती है।"

मामा ने सुमन के सिर पर हाथ रखा और कहा, "तू हमारी शान है, सुमन। बस आगे बढ़ते रहो, हम सब तेरे साथ हैं।"

दोनों कुछ देर और छत पर टहलते रहे, बातें करते रहे। सुमन को मामा के साथ बिताया हुआ यह समय बहुत कीमती लगा। रात की ठंडी हवा में, तारे देखते हुए, उसकी सारी थकान दूर हो गई।

माँ- सुमन एक बात बताओ क्या कॉलेज तुम्हें कोई परेशान तो नहीं करता।



सुमन- नहीं mama, किसी से ज़्यादा मतलब नहीं, बस क्लास करके घर चली आती।



माँ- मन से सोचता है मुझे नहीं लगता इसका कोई बीएफ होगा।



अच्छा मेरे कॉलोनी में एक लड़की है वो भी एक कॉलेज में पढ़ाई करती thi । एकदिन उसके घरवालो ने किसी लड़के के साथ देख लिया फिर उसकी शादी कर दी। वो पढने में इतनी अच्छी थी लेकिन एक गलती से उसकी जिंदगी बेकार हो गई। मुझे यकीन था कि अगर आगे पढ़ाई होती तो जिंदगी में कुछ बड़ा करती।



खैर सुमन तुम inn सब चकरो में मत पड़ना। तुम्हारा कोई बीएफ तो नहीं है ना।



सुमन- सुमन थोड़ी घबराई और बोली नहीं mama ऐसी कोई बात नहीं है सुमन ने नज़र झुका के बोली क्योंकि वो थोड़ी शर्मा गई थी,
 
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Shivraj Singh

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Mama se khoon ka rishta thodi hai. Khoon rishta bhai behen maa beta aur baap beti. parantu humare yaha beti jawan hote hote pita ki age dhal jati hai. 100 me se keval 1 ya 2 shaukin hote hai. Jo rishton me chudai ko sahi mante hai. Baki sab to apni beti ke bare me galat soch bhi nahi sakta. Bhai behen hum umra hote hain. To unme feeling apne aap aati hai. Aur Chhota ladka sabase pehla crush apni maa par rakhta hai. Aur bad me kisi teacher par. Par ladki ka pehla crush uska bhai aur fir baap hota hai. Vaise behen ka sabse jyada crush bhai par hota hai. Kyonki blood walon me attraction hota hai. Attraction hi prem ka pehla padav aur antim sex.
 
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दोनों के बीच की बातचीत अब पहले जैसी सामान्य नहीं थी। एक शाम, जब पूरा गांव धीरे-धीरे शांत हो रहा था और चांदनी अपनी रौशनी बिखेर रही थी, सुमन और Mama छत पर बैठे थे। हवा में हल्की ठंडक थी, और आसमान तारों से भरा हुआ था।

सुमन ने धीरे से पूछा, "मामा, क्या आप कभी अकेला महसूस करते हैं?"

Kalpesh ने उसकी ओर देखा और हल्के से मुस्कुराए। "कभी-कभी, हां। लेकिन जब तुमसे मिलता हु, तो ये अकेलापन कहीं खो जाता है।"

सुमन की आंखों में हल्की चमक आई। वो जानती थी कि वो अपने मामा के बहुत करीब थी, लेकिन इस बार कुछ और था। Kalpesh ने भी महसूस किया कि उनके बीच की भावनाएं अब बदल चुकी हैं। एक गहरी चुप्पी दोनों के बीच आ गई।

थोड़ी देर बाद, Kalpesh ने कहा, "सुमन, क्या तुमने कभी किसी से... प्रेम किया है?"

सुमन ने धीरे से सिर हिलाया। "नहीं मामा, लेकिन कभी-कभी ऐसा लगता है कि प्रेम मेरे बहुत करीब है।"

Kalpesh ने उसे ध्यान से देखा, उसकी आंखों में एक अजीब सी नरमी थी। "प्रेम कभी-कभी वहीं होता है, जहां हम least expected करते हैं।"

उनकी ये छोटी सी बातचीत दोनों के दिलों में गहरे भावनाओं का बीज बो गई। जब रात गहरी हो गई, तो दोनों अपने-अपने कमरों में सोने चले गए।

सुमन ने बिस्तर पर लेटे-लेटे आसमान को देखा। उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था। वो सोच रही थी कि जो भावनाएं उसने महसूस की हैं, क्या वो सच में प्रेम है? और अगर है, तो क्या मामा भी वही महसूस कर रहे हैं?

उधर, Kalpesh भी अपने कमरे में लेटे हुए सुमन के बारे में सोच रहे थे। उनके दिल में सवाल थे, लेकिन वो जवाब देने से डरते थे। क्या यह सही है? क्या वो सुमन को उसी नजर से देख रहे हैं, जैसा एक प्रेमी देखता है?

रात भर दोनों के दिल में सवाल और भावनाएं हिलोरें लेती रहीं। हालांकि दोनों ने एक-दूसरे से कुछ नहीं कहा, लेकिन वो जानते थे कि अब उनके बीच कुछ बदल चुका है।


अचानक से कल्पेश को सुमन की चूची याद आ गई और उसका लंड धीरे धीरे अपना सर उठाने लगा। और कल्पेश अपने हाथो से लंड सहलाने लगा। और सुमन के बारे में सोचते हुए हिलाने लगा!

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Try and fail. But never give up trying
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