अब मम्मी भी फुल जोश में आचुकी थी वो भी अंकल को अपने बाँहों में जकड के उनकी पीठ सेहला रही थी और साथ ही अंकल भी माँ के पीठ से लेके चूतर तक दबा रहे थे सेहला रहे थे हम्म्म्म आआआहहहहह
अब अंकल ने माँ को फिर से मुड़ने को कहा और अपने लण्ड को माँ के गांड से सटा के घिसने लगे और साथ ही माँ के ब्लाउज़ का बटन खोलने लगे आआह्ह्ह्हह आआअह्ह्ह्ह ह्ह्हम्मम्मम्मम
अब मम्मी अंकल को रोक नहीं पा रही थी क्यों की वो भी वासना की आग में जल रही थी ऊपर से अंकल का बड़ा लण्ड कब से उनकी गांड में चुभ रहा था और अंकल ब्लाउज़ का बटन खोलने लगे आआआह्ह्ह्ह आआह
मम्मी- भाई साहब ऊपर से ही करिये न राजू सच में न आजाये ह्म्म्मम्म आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह
अंकल - नहीं आएगा भाभी बस एक बार आपके चूचियों के दीदार कर लू बहुत मन कर रहा है फिर पेहेन लीजियेगा ह्म्मम्म्म्म आआह्ह्ह
मम्मी- अच्छा बाबा ठीक है जल्दी कीजिये ह्म्म्मम्म आह्ह्ह्ह आअह्ह्ह आअह्ह्ह आराम से ब्लाउज़ का बटन टूट जायेगा हम्म्म्म अह्ह्ह
अंकल - आआअह्ह्ह्हह आप ही तो कह रहीं है की जल्दी कीजिये हम्म्म्म आआह्ह्ह्ह
मम्मी- हस्ते हुए .............हां हां हां हां ........जल्दी का मतलब ये थोड़ी की कपडे ही फाड् दीजिये ह्म्म्मम्म आह्ह्ह्हह्ह आह्हः
अब अंकल ने माँ के ब्लाउज़ के सारे बटन खोल दिए अब सिर्फ माँ की चूचियां ब्रा में थी उउउउउउफफ्फ्फफ्फ्फ़ कितनी सेक्सी लग रही थी ह्म्म्मम्म आआह्ह्ह
अंकल- ीीीिस्स्सह्ह्हह्ह स्स्स्सह्ह्हह्ह आआह्ह्ह्ह क्या सेक्सी चूचियां है भाभी जी ह्म्म्मम्म सही में पहले से ज्यादा सेक्सी हो गई है आप हम्म्म्म आअह्ह्ह्ह कितनी मुलायम गोरी गोरी चूचियां आआह्ह्ह्हह्ह है आप की कितनी दिनों बाद छूने को मिल रही है हम्म्म्म आआअह्ह्ह्ह
मम्मी - आअह्ह्ह्हह आआआह आराम से दबाइये हम्म्म्म ाः आआह्ह्ह मममममममम
अब अंकल ने माँ के ब्रा से एक चुकी को बाहर निकल लिए आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह क्या गज़ब की लग रही थी हम्म्म्म आआह्ह
अंकल- आआह्ह्ह्हह भाभी जी क्या गज़ब की चूचियां है आप की ह्म्म्मम्म आअह्ह्ह्ह सच में राजेश बहोत लकी है जो आप उसकी बीवी हैं ह्म्म्मम्म आआह्ह आआआहहह कितनी मुलायम मुलायम चूचियां छूने को मिल रही हैं आज भाभी आआह्ह्ह्हह आअह्ह्ह
मम्मी- आह्ह्ह्ह आअह्हह्ह्ह्ह संजय भाई बीवी चाहे जिसकी हु लेकिन फ़िलहाल तो आप की ही हु न हम्म्म्म आआह्ह्ह दबाइये मेरी चूचियां आज आप की ही हैं हम्म्म्म आह्ह्ह्ह आह
मम्मी की इस बात पे अंकल को और जोश आगया और माँ की दूसरी चूची भी निकल लिए अब माँ की दोनों नंगी चूचियां अंकल के हाथ में थी और अंकल उसका भरपूर मज़ा ले रहे थे ह्म्म्मम्म आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
कुछ देर दबाने के बाद ......
अंकल- आआह्ह्ह्हह भाभी जी क्या खड़े खड़े निप्पल है मन तो पीने का कर रहा है हम्म्म आह्ह्ह्ह पीलू क्या हम्म्म्म आह्ह्ह्ह
मम्मी- आअह्ह्ह्ह नहीं नहीं अभी नहीं रात को आराम से पीजिएगा अब मुझे कपडे पेहेनने दीजिये ह्म्म्मम्म अह्हह्ह्ह्ह और खाना तो बना के कम्प्लीट कर लू हम्म्म्म आआह्ह्ह्हह्ह
अंकल ने मम्मी की बात मन ली और माँ के अपने ब्लाउज़ पेहेन ली और अंकल कुछ देर खड़े रहे मम्मी के पास फिर कुछ देर बाद अंकल का हाथ फिर से माँ की चूत की तरफ जाने लगा आआआअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्हह आह्हः वैसे आग तो मम्मी के चूत में भी लगी थी और अंकल के लण्ड में तो जबरदस्त लगी थी लेकिन बस यही डर था की मैं कही न आ जाऊँ हम्म्म्म आह्ह्ह्हह्ह