अंकिता फ्रस्ट्रेशन का शिकार लगती है । जो गुस्सा अपने फेमिली पे नहीं उतार पाई वो साजिया और ज्योती पर उतार रही है ।
दोनों फेक आई डि बनाकर चैटिंग ही तो कर रही थी । थोड़ी न भरे बाजार में अपनी इज्जत और आबरू सरेआम नीलाम कर रही है । ज्योती शादीशुदा महिला है जिसका हसबैंड खाड़ी देशों में काम कर रहा है । उसकी भी तो सेक्सुअल फैंटेसी होगी । एक अकेली महिला और क्या कर सकती है ! या तो सोसल मीडिया में अपने को व्यस्त रखेगी या एडल्ट किताबें पढ़कर समय बितायेगी ।
उसी तरह साजिया भी है । जवान है । कालेज में पढ़ती है । उसकी भी कुछ इच्छाएं हैं । वो भी वही कर रही है जो ज्योती कर रही है ।
' ए बैड मैन इज बेटर देन ए बैड नेम '
यदि सबकुछ ढकें छुपे हो ! पर्दे के पीछे हो ! बदनामी न हो ! तो फिर काहे का टेंशन ।
ये सभी जवां हैं । कोई उम्रदराज औरतें नहीं जो दिन रात भजन कीर्तन करती रहें । हर काम का एक उम्र होता है । एक समय होता है । जब समय आएगा तो ये लड़कियां भी इन सब चीजों से तौबा कर लेंगी ।
मैं तो ज्योती और साजिया के सपोर्ट में हूं । आखिर मैं भी तो देखूं कि वे दोनों किस तरह से और कैसे अपनी सेक्सुअल फेंटेसी पुरी करती हैं । बल्कि मैं तो चाहूंगा कि अंकिता भी जरा इसका स्वाद चख ले ।
बहुत ही बेहतरीन अपडेट भावना जी ।