मेरा नाम संगीता गुप्ता है जो कि पूरी तरह से Original है...
उम्र- 47
रंग- गोरी
Height- 5 फिट 7 इंच
चूची- 38
कमर- 30
गाँड़- 40
निप्पल का रंग- लाल
चुत में बाल रखना पसंद है
शादीसुदा
3 बच्चे
पति Bank में Job करते हैं
और
में सरकारी हॉस्पिटल में नर्स की नौकरी करती हूँ.. Sorry वो हॉस्पिटल का नाम नहीं बता सकती....
ये तो हुआ मेरी खुद की Original introduction..
अब में आपको मेरी family की परिचय करवाती हूँ
घर में मेरे और मेरी बच्चे और पति के अलावा और कोई नहीं रहता... बाकी सब गांव में रहते हैं... क्योंकि मेरी पति गाँव से हैं लेकिन उनका job यहां इंदौर में लग गया और में भी नर्स की नौकरी यहां पर कर ली क्योंकि मेने नर्सिंग की पढ़ाई की हुई थी...
गाँव में मेरे पति की माँ बापूजी यानी मेरी सास ससुर, मेरी देवर और उसका बीवी और उसके 1 बच्चे थे,
मेरे पति की परिवार में सिर्फ दो भाई ही थे... एक मेरा पति और दूसरा मेरा देवर...
तो फिर चलिए कहानी की सुरुआत करते हैं-:
सच कहूं तो में कॉलेज के दिनों से ही चुदक्कड़ थी... जब तक में अपना Graduation पूरी की तब तक में लगभग 6, 7 Boyfriend से चुद चुकी थी... लन्ड लेने की आदत सी लग गयी थी.. चुदासी की भूत सवार थी..
उसके बाद मेने Nursing की पढ़ाई की... पापा की यही इच्छा था कि में नर्स या डॉक्टर बनके लोगों की सेवा करूँ...
हमारे गाँव से indore city नजदीक ही है... सब काम indore में ही होती थी.. इसलिए Nursing की पढ़ाई भी इंदौर में ही कि....
Nursing की पढ़ाई के वक़्त में Hostel में रहती थी जो कि हम सिर्फ लड़कियां ही रहती थी.. लेकिन वाहर लड़कों की जमावड़ा लगा रहता था... वो लोग सिर्फ लाइन मारने के लिए आते थे... वो लोग हमें देख के गन्दी गन्दी गाली देते थे... जैसे कि रण्डी, माल, चुदक्कड़,... लेकिन ये सब सुनकर हम लड़कियां चुपचाप पढाई करने जाते थे Hostel से निकल के...
एक बार तो हद हो गयी... एक लड़का मेरे पीछे बहुत दिनों से पड़ा था.. में जब भी बाहर निकलती थी मेरी दोस्तों के साथ तो वो लड़का बाइक पे पीछे पीछे आ जाता था और बोलता था "अरे कभी तो बात कर डार्लिंग"
मेरी कुछ सहेलियां बोलती थी कि इनसे मुंह मत लगना, ये लोग पास के टपोरी लड़के हैं, इनका यही काम है...
Hostel से Training centre की दूरी सिर्फ 2 km ही थी पर वो लड़के ज्यादा तंग करते थे...
में थी चुदक्कड़ लेकिन उन लड़कों को में बहुत डरती थी क्योंकि वो लोग दिखने में ज्यादा खतरनाक लग रहे थे... कई Cases ऐसे हुए थे उस इलाके में की कई Rape & murder cases हो चुके थे, इसलिए में डरती थी... और हम लोग शाम होते ही बाहर नहीं निकलते थे..
जो लड़का मेरे पीछे पड़ा था वो लड़का एक दिन ऐसा बोला की मेरी कुछ सहेलियां शर्मा के मुंडी नीचे कर लिया....
वो लड़का बोला- चुत मिलेगी या नहीं ?
लेकिन में खुद बड़ी चुदक्कड़ थी तो मुझे कुछ शर्म नहीं आयी लेकिन में कुछ नहीं बोली और चुपचाप चलने लगी...
जैसे ही हम आगे निकल गए वो लड़का चला गया.. तभी मेरी सहेलियां बोली- साला केसी बात कर रहा था देख तो !
में हंसते हुए बोली- ये लड़कों का यही काम होता है...
Nursing के पढाई के वक़्त चुदने को बहुत मन करती थी लेकिन अफसोस कि बात यही थी कि जहां पे हम पढ़ रहे थे वो सिर्फ womens के लिए थी.. उसमें लड़के allowed नहीं थे और बाहर टपोरी लड़कों से भी नहीं चुद सकते क्योंकि ये लोग कुछ गड़बड़ हो जाएगा तो मार के झाड़ी में फेंक देंगे यही डर थी.. इसलिए में और मेरी Roommates अक्सर room के अंदर अपनी चुत में उंगली करते थे...
सच कहूं तो लड़कों से ज्यादा लड़कियां Non-veg बातें किया करती हैं... हम Hostel में रात को जब पढाई करके आते थे सोने के वक़्त ऐसी मजेदार बातें किया करते थे... एक दूसरे के boyfriend के बारे में पूछते थे, तेरी आशिक कितने हैं, कितने लन्ड से चुद चुकी है तू, वगेरह वगेरह !!!!
फिर एक दूसरे की चुचियाँ दबाते थे, चुत में उंगली करते थे... में और मेरी 3 roommates थे जो अक्सर रात को आपस के चुचियाँ दबबाते थे और चुत में उंगलियां घुसेड़ते थे... वो भी एक प्रकार की मजा थी.. क्या करें लन्ड की कमी जो थी...
मेरी एक सहेली थी आनंदी जो कि मेरी roommate भी थी... वो और में अक्सर lesbian sex करते थे, क्योंकि गन्दे गन्दे magazine पढ़ पढ़ के हम सब सिख गए थे... वो और में खुल के बातें किया करते थे... और बाकी Roommates को भी हमारी जैसी लत लग गयी थी...
एक दिन आनंदी मुझे पूछी- कितने लन्ड घुसा चुकी है अपनी बुर में ?
में हंसती हुई बोली- बहुत घुस चुकी है यार..
आनंदी- तब तो ढीला हो गयी है तेरी चुत चोदरिके (हंसते हुए)
में- होने दे ना, मजा तो आने दे
आनंदी मेरी चूची दबाते हुए बोली- तेरी चूची तो बहुत बड़ी बड़ी हो गयी है यार.. जम के चोदे होंगे भोसड़ी वालों ने तुझे...
में- तू चुपचाप दबा ना रण्डी
आनंदी हंसती हुई बोली- रण्डी एक बार तेरी चुत मेरे भाई को देना, तेरी चुत को कुत्ते की तरह चोदेगा
में आनंदी को बोली- क्यों तेरा भाई बहुत बड़ा चोदू है क्या ?
आनंदी- उसको एक गर्लफ्रैंड चाहिए चोदने के लिए, उसके लिए तू perfect है... तुझे पटक पटक के चोदेगा...
मुझे उसके भाई से मिलने की इच्छा हो गयी फिर मैंने जल्दी जल्दी बोली- जल्दी से कर यार कल क्लास जानी है..
फिर हम जल्दी जल्दी उंगलियां करके सो गयीं...
Girls Hostel में ये सब आम बातें होती है...
फिर मैंने आनंदी से उसके भाई से भेंट करवाने के लिए बोली तो वो बोला- कभी मेरे घर घूमने आना तब जाके होगी...
ऐसे ही मेरी Nursing की पढ़ाई खत्म हुई....तीन तीन साल में बिना चुदे रही ये बड़ी बात थी...
फिर जब मेरी उम्र 26 की थी तब पिताजी ने मेरी शादी दूसरे गांव की एक लड़के से तय की जो कि Bank में job करता था.. जो कि अब मेरे husband हैं...
पापा ने बोला- लड़का अच्छा है, Bank में Job करता है indore में....
में उससे मिलना चाहा... तो वो एक दिन मेरे घर आये... उस दिन हम दोनों की पहली मुलाकात थी.. वो मुझसे 12 साल बड़े थे.. यानी उनका उम्र उस वक़्त 38 साल थी.... पहले तो में मना कर रही थी कि में शादी नहीं करूंगी फिर घरवालों की दवाब में आके तैयार हो गयी...
एक दिन आनंदी से मिली तो वो बोली- अच्छा है ना, लड़का तुझसे बड़ा है तो तुझे इतना चोदेगा कि पलंग तोड़ देगा (हंसते हुए)
में- जा बे रण्डी
आनंदी- सुहागरात पे रण्डी बना कर चोदेगा तुझे (हंस हंस के)
फिर में भी हंस पड़ी...
आनंदी से जब भी में मिलती थी तो वो ओर में ऐसी ही बातें किया करते थे....
आखिरकार वो दिन आ गयी, मेरी शादी उनसे हो गयी.. उनका नाम वीरेन गुप्ता है....
जैसे कि में उम्मीद की थी कि मेरी सुहागरात जबरदस्त होगी... ठीक उसी तरह सुहागरात पर वीरेन ने मुझे तीन बार चोदा... लेकिन मुझे उतना मजा नहीं आया क्योंकि में Hard चुदाई की शौकीन हो चुकी थी... वीरेन Normal चुदाई कर रहा था... मुझे उतना मजा नहीं आ रही थी जितनी में उम्मीद की थी.. फिर भी चुपचाप चुदती गयी क्योंकि पति आखिर पति होता है...
फिर सुबह हुई तो घर के सारे members से मेरी परिचय हुई.. पता चला घर में एक गबरू जवान देवर भी है... तरुण गुप्ता नाम है उनका...
जब मेरी शादी हुई थी तब मेरी उम्र 26 थी और मेरे पति का उम्र 38 था... फिर शादी के 2 साल बाद में माँ बनी और अपनी पहला बेटा को जन्म दी... तब मेरी उम्र 28 थी...
कुछ महीने बाद मुझे नर्स की सरकारी नौकरी मिल गयी जो कि मैने Apply किये थे... पति ने बोला कि तुम नौकरी मत करो पर में नौकरी करने की जिद पर अड़ी रही... फिर वो भी मान गए....
उस वक़्त में तरुण से बहुत ज्यादा हंसी ठिठोली किया करती थी जैसे कि एक देवर भाभी में होती रहती है... पर तरुण भी मुझे हवस की नजर से देखा करता था... ये बात मुझे समझने में देर नहीं लगी....
क्योंकि मेरे पति का नौकरी indore में था और मेरी नौकरी भी indore में थी तो हम इंदौर आ गए....
गाँव में सास ससुर और देवर को छोड़ कर हम इंदौर में रहने लगे.. घर में एक नौकरानी रख लिए थे, वो बच्चे को सम्भालती थी ज्यादातर... फिर में भी हॉस्पिटल जाने लगी अपनी ड्यूटी पे...
ठीक 5 साल बाद में फिर से माँ बनी और अपनी दूसरा बच्चा को जन्म दी.. उस वक़्त मेरी उम्र 33 थी...
फिर ऐसे ही चलता रहा.. पति Bank जाते थे और में बच्चों को नौकरानी के पास छोड़ कर हॉस्पिटल जाती थी, कभी कभी बच्चों के लिए में छुट्टी कर लेती थी...
पर मेरी sex life में ढीलापन आने लगी थी... मेरे पति Bank से आके थक के सो जाते थे... वो मुझे चोदना तो दूर की बात खाना के सो जाते थे लेकिन में सो नहीं पाती थी.. रात भर मेरी चुत तड़पती रहती थी चुदने के लिए क्योंकि मुझे लन्ड लेने की लत लग चुकी थी...
हॉस्पिटल में 3,4 मर्द ऐसे थे जो मुझको लाइन मारते थे...में उनकी हर बात समझती थी और उनका मजे ले रही थी....
उनमें से एक मेरी स्टाफ का था जो नर्सों के मदद के लिए था, उसका नाम था अगस्ति... वो शादीसुदा था... वो मुझे बहुत लाइन मारता था...
में जब हॉस्पिटल पहुंचती थी तो वो मुझे रोज बोलता था- welcome मैडम, क्या लग रही हो आप ?
उसके बदले में बस एक स्माइल करके अंदर चली जाती थी...
दूसरा एक doctor था बलबंत कर के, वो भी मुझे लाइन मारने में कमी नहीं करता था... उसका उम्र मेरे पति जितना ही था, 46 साल...
वो मुझे बोलता था- गजब की खूबसूरत हो तुम संगीता...
में बस इतनी ही बोलती थी- क्या sir !!!
उसके अलावा और भी कई मर्द थे हॉस्पिटल में जो मुझे चोदना चाहते थे....
फिर कुछ दिन बाद मेने जानबूझ कर अपने देवर तरुण को इंदौर बुलाया.. तब तक मेरे दो बच्चे 6 और 3 साल के थे.... और मेरी उम्र 36 थी...
पति से सेक्स की सुख ना मिलने की वजह से में तंग आ चुकी थी.. फिर में तरुण को seduce करने लगी... जानबूझ के Boobs दिखाने लगी, सेक्सी सेक्सी बातें करने लगी... जानबूझ कर अपनी Boobs को उसके पीठ पर रगड़ने लगी...
फिर क्या था, एक दिन मेरे पति Bank के लिए घर से बाहर निकलते ही मेरा देवर तरुण ने मुझे पकड़कर चूमना सुरु किया.. में समझ गयी कि plan काम कर गया...
में तरुण को रोकने की कोसिस भी नहीं कि... तरुण मुझे चूमाचाटी करके मेरी चुचियों को पागलों की तरह ब्लाउज में हाथ घुसा कर दबा रहा था... मुझे ज्यादा मजा आ रही थी...
कुछ देर बाद वो मुझे बेड के ऊपर लिटा कर देसी पोज़ में चोद रहा था.... मेरी ब्लाउज आधी खुली हुई थी, ब्रा भी boobs पर लटकी हुई थी, पेटीकोट भी पहनी हुई थी... वो सिर्फ मेरी चड्डी निकाल कर चोद रहा था.... वो भी सिर्फ अपना pant और underwear निकाला हुआ था बाकी ऊपर t-shirt पहना था... लेकिन वो मुझे कस के चोद रहा था.... में बहुत दिनों बाद Hard sex की मजा ले रही थी, लगभग college के दिनों के बाद...
बस क्या था उसी दिन से तरुण रोज मेरी चुत मारने लगा जब भी मौका मिलता...
तरुण मुझे मजबूर करने लगा कि में उसके बच्चे की माँ बनू.. में मना करती रही लेकिन आखिर कर मान गयी...
और 38 साल की उम्र में फिर से माँ बनी... वो बच्चा मेरे देवर का था....
फिर तरुण मुझे जब चाहता तब चोदता था, उसका शादी भी हो चुका था लेकिन वो अपनी बीवी को कम चोदता था और मुझे ज्यादा चोदता था....
आसपास के कई लोगों को मेरे और तरुण के बारे में पता लग चुका था...
आज में 47 साल की हूँ, 3 बच्चों की माँ... और उतनी ही चुदक्कड़ जितनी कॉलेज के दिनों में थी... और अभी मेरे पति की उम्र है 59 साल...
कहीं जाइयेगा नहीं बात खत्म नहीं हुई है... मेरे और भी sex Affairs बाकी हैं.....
Just wait.. अपना Comment नीचे दीजिए...