
फिर स्कॉट निकला वो बहुत छोटा था इतना की मेरी गान्ड भी नहीं ढक रही थी
मैं ने उसे भी पहन लिया

फिर मैं ने टॉप निकला वो भी बहुत छोटा था
मैं ने उसे भी पहन लिया

फिर मैं भाभी के कमरे में गई
भाभी ने मुझे देखा तो बोला
बहुत सुंदर लग रही हो
अब से तुम ऐसे ही कपड़े पहनोगी
जब तक मैं भाभी के कमरे में आई
घर के सभी मर्द अपने अपने कम
में चले गए थे
मैं मम्मी के सामने आई तो मुझे बहुत शर्म आ रही थी
तो मम्मी ने बोला बेटा शरमाओ मत
न किसी से घबराना न बाहर किसी से न घर में किसी से जो चीज दिखाने की
होती है उसे दिखाना चाहिए न कि छुपाना
मैं भी तो दिखा रही हु ओर तुम्हारी भाभी
भी तो दिखा रही है अब तुम भी दिखाओ
किसी से भी डरने या शर्माने की जरूरत नहीं है
न तुम्हारे पापा से न तुम्हारे भाई से
न दुनिया वालो से तुम्हारे पास जो है
तुम वहीं दिखा रही हो
फिर मा ने भाभी से बोला बहु ये कौन
लाया तो भाभी ने जवाब दिया आप के
बेटे तो मा ने कहा उसे कुछ समझाओ
कितने बड़े कपड़े लाए हैं उसने
थोड़े छोटे होने चाहिए
जिसमें सब कुछ सही से दिख सके
अब मंगवाना तो एक मेरे लिए भी मंगवाना
मैं भी पहनूंगी स्कर्ट और टॉप
फिर यू ही दिन निकल गया साम को
सभी मर्द आ गए
सभी खाना खाने बैठे तो मुझे देख कर
पापा ने बोला बेटी आज तुम बहुत
सुंदर लग रही हो
तो मा ने बोला इतने दिन से तो ये
तुम्हे सुंदर नहीं लगी आज ऐसा क्या
हुआ जो ये सुंदर लग रही है
तो पापा ने बोला इतने दिन से
ये दिख ही कहा रही थी
सिर्फ कपड़े ही दिखते थे इसके
तो मा ने बोला देखने वाला तो कपड़ों में भी सुंदरता देख लेता है क्यों बहु
तो भाभी ने बोला मा जी देखने वाले की नजर मोटाई ओर गोलाई तो कपड़ों में भी दिख जाती है
लेकिन शायद पापा जी की नजर कमजोर
हो गई है
कोई बात नहीं अगर पापा जी को
अभी भी सुंदरता ठीक से नहीं दिखाई दी
तो कल ओर भी अच्छे से दिखा देगी हमारी सुनीता
फिर भाभी ने भैया को बोला आप को तो सुंदर लग रही है न आप की बहन
तो भैया ने बोला तुमने ही तो सुंदर
बनाया है मेरी बहन को
फिर मा ने बोला अब से मेरी बेटी
जो चाहे पहने हो कोई कुछ नहीं बोलेगा
जिसे इसकी सुंदरता देखनी है देखो नहीं
तो अपनी आंखें बंद कर लो
फिर सभी ने खाना खाया और सोने
चले गए
भाभी अपने कमरे में जाते ही भैया से लड़
रही थी भाभी ने भैया से बोला तुम्हे शर्म
नहीं आती ऐसे कपड़े लाने में
मैं ने बोला था न मॉर्डन कपड़े लाना जिसमें
सब कुछ सही से दिख सके
तो भैया ने बोला तुम ने तो बोला था अपनी सौतन के लिए मंगाए हैं
ये कहा बोला कि मेरी बहन के लिए
मंगवाए है
अगर कपड़े सही नहीं है तो रुको
मैं अभी ले के आता हु
फिर भैया चुप चाप घर से बाहर
चले गए ओर एक घंटे के बाद आए
जब तक घर के सभी लोग सो चुके थे
भाभी ने धीरे से दरवाजा खोला और भैया को अंदर लिया
फिर वो अपने कमरे में जा कर सो गए
सुबह भाभी मेरे कमरे में आई
ओर एक पैकट मुझे दिया और बोला
आज ये पहन का बाहर आना
फिर भाभी चली गई
ओर मैं नहाने चली गई और नहा के
आई ओर उस पैकेट को खोला तो उसमें
एक स्कर्ट और टॉप था न ब्रा और ना ही पेंटी
मैं ने स्कर्ट और टॉप पहन लिया
ये एक ट्रांसपेरेंट स्कर्ट और टॉप था
जिसमें मेरा पूरा शरीर सही से दिख रहा था
मेरे बोबे और बिल्कुल चिकनी चूत साफ नजर आ रही थी
ओर मैं बाहर आ गई
मा ने मुझे देखा तो बोला बेटी आज
तुमने सही कपड़े पहने हैं फिर वहां पर भाभी भी आ गई
ओर बोली मा जी आप के बेटे की
पसंद है ये
फिर पापा ओर भैया भी वहां आ गए
आज उनकी छुट्टी थी तो सारा दिन वो घर में ही रहेंगे आज
फिर सब ने नाश्ता किया
पापा ने मा से बोला हमारी बेटी अब जवान हो गई है देखो तो कितनी प्यारी लग रही है
इन कपड़ों में तो मा ने बोला प्यारी क्यों नहीं लगेगी ये कपड़े आखिर उसके भाई की पसंद है
फिर मा ने बोला बेटी सुनीता तू ये नथ उतार क्यों नहीं देती कोई दूसरी नथ पहन ले इसकी जगह कोई मॉर्डन नथ तो
मैं ने मा से कहा मा मैं इस नथ को नहीं
उतार सकती या तो इसे वो उतरेगा जिसने
ये पहनाया है या जिसे मैं सुंदर लगूंगी
तो भाभी ने बोला जिसने पहनाया
है वो उतार तो दे लेकिन जिसे तुम सुंदर लगो गी उसके साथ न इंसाफी हो जाएगी
ओर भाभी ने भैया से कहा क्यों जी मैं सही बोल रही हूं न
तो भैया ने बोला मुझे क्या पता
तो मा ने बोला आज हम सब घर
में है
चलो एक काम करते है देखते है
सुनीता किसको जादा सुंदर लगती
है जिसको भी वो जादा सुन्दर लगी
वो उसकी सिर्फ नाक की नथ
उतार देना लेकिन अगर सुनीता
चाहे कली से फूल बनने की तो
कली से फूल बना देना
फिर हम सभी एक कमरे में आ गए
अब मैं बोली भाभी क्या करना है
तो भाभी बोली अब तुम अपनी सुंदरता
दिखाओ अपने पापा ओर भैया को
तो मैं ने बोला भाभी मैं ऐसे कैसे
सुंदरता दिखाऊं अपने पापा ओर भैया को
बोलो वो रोज की तरह अपने काम में
लग जाए
कुछ भी करे घर में ओर आप ओर मा भी
अपने काम में लग जाओ इस कमरे के अंदर में अपनी सुंदरता नहीं दिख