मैंने डरते हुए एकदम धीरे से सुनीता को कहा मालकिन कोई आ रहा है, वो पीछे मुड़कर देखी फिर मुसकुराते हुए बोली चिंता न कर तेरे लिए लंड आ रहा है। स्ट्रीट लाइट की रोशनी में जब वो थोड़े पास आ गए तो मैं देखकर दंग रह गई क्यूंकि वो तीन नहीं चार थे उनमें से दो मेरे तरह ही कुत्ते की तरह रेंगते हुए आ रहे थे वो एकदम नंगे थे मेरे जैसे ही उनके गले में भी जंजीर लगे थे और चेहरे पर मास्क थे। वो जो कुत्ते के जैसे आ रहा था उनमें से एक मर्द दिख रहा था और एक औरत। वो पास आए तो मैंने देखा कुत्ता बना आदमी लगभग 45 वर्ष का लग रहा था उसका 7 इंच का लन्ड एकदम खड़ा था। उसका तोंद थोड़ा निकला हुआ था वो एक दम गोरा था किसी अच्छे खाते पीते घर से लग रहा था, आदमी का चैन पकड़े हुए एक औरत थी वो भी पूरी तरह से नंगी थी और वो औरत गेहुंआ रंग की अच्छे खासे खाते पीते घर से लग रही थी। उसके चूचे उन्नत एवम् टाइट थे, उम्र 30 वर्ष के लगभग होगी। जो औरत कुत्तिया बनी थी उसके चूचे जमीन की ओर झूलते हुए इतने आकर्षक लग रहे थे कि किसी का भी मन चूसने को मचल उठे। वो मेरे उम्र की लग रही थी औरत का चैन पकड़े एक आदमी था जो कमर से नंगा था उसका 9 इंच का लन्ड आधा खड़ा था बदन पर एक बनियान पहने हुए था जो उसका रंग एक दम काला था। ये आदमी चैन पकड़े औरत के एक हाथ से कभी चूचे मसल रहा था तो कभी उसके चूतड़ मसल रहा था । चैन पकड़े नर और नारी दोनो ने चेहरे पर कपड़े बंधे हुए थे।
उन्हें देखकर सुनीता बोली ले तुझे चोदने कुत्ते आ गए। अपने आप को तैयार कर ले आज पहली बार तेरी सड़क पर खुलेआम चूदाई होगी। पूरा मजा लेना कोई नखड़े नहीं चाहिए समझ गई न, मेरे चूतड़ पर थपड़ मारते हुए बोली।
ऋतु - जी मालकिन
वो लोग पास आते ही सुनीता के पैर चाटने लगे। वो दोनो जो चैन पकड़े हुए थे वो भी झुक कर कुत्ते के जैसे हो गए और सुनीता के पैर चाटने लगे वो लोग इतने खुश दिख रहे थे जैसे कोई अपने प्रिय से बहुत दिनों बाद मिला है। सुनीता भी नीचे बैठ गई और उनके माथे पर हाथ सहलाते हुए होंठो को बारी बारी से चूमने लगी। यह देखकर मै चकित हो रही थी कि सुनीता के ये लोग भी गुलाम हैं । मेरे मुंह से अकस्मात ही निकल गए मालकिन ये लोग भी। मेरी आवाज़ सुनते ही वो लोग मेरी ओर देखने लगे और वो काला आदमी जो अभी कुत्ता बना हुआ था झट से मेरे पीछे आया और मेरी चूत चाटने लगा। यह देखकर उस गोरे आदमी ने जो कुत्ता बनकर आया था सुनीता के तरफ रुआंसी आवाज़ में बोला मालकिन रघु मालिक रास्ते में सोनिया को भी चोदते आये है मैंने मना किया तो सजा के तौर पर मुझसे अपना वीर्य जो इसके चेहरे और गान्ड पर छोड़ा था चटवाया और अब इस कुत्तिया के साथ भी सुरु हो गए प्लीज मालकीन रघु मालिक को मना करें और मुझे इस नई कुत्तिया के साथ संभोग करने की अनुमति दें , आपने फोन पर वादा भी किया था। सुनीता ने रघु को आंखों से गुस्सा दिखाते हुए हटने का इशारा किया और बोली पहले नई कुत्तिया का इंट्रो तो लेे लेे जिसका पालन करते हुए रघु हटने में देरी नहीं की।
रघु के चूत चाटने से मुझे बहुत ही मजा आ रहा था मस्ती में सिसकारी भी निकालने वाली थी कि रघु हट गया । मुझे बड़ा गुस्सा आया लेकिन मैं चुप रही क्यूंकि मुझे पता था कि में अभी गुलाम हूं अपने नौकरानी की और मर्ज़ी उसकी चलनी है।
इसपर रघु ने कहा इंट्रो क्या लेना देना सभी तो एक दूसरे को जानते ही हैं केवल इस कुत्तिया को अपना मास्क हटा लेने बोलो ।