• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery Naukraani ki fantasy

Raat ki baat

New Member
22
15
3
मेरा नाम ऋतु है मै 39 वर्ष की शादी सुदा औरत हूं। मेरे पति एक बिजनेसमैन है। उनका नाम रोहन है हमारे शादी को 20 वर्ष हो गए हैं। हमारा एक बेटा 17 वर्ष का है जो पढ़ाई के लिए नागपुर में रहता है।
मेरे पति सेक्स के मायने में काफी मस्तीखोर हैं इतने की जब हम दोनों अकेले होते हैं तो मुझे नंगी करके रखते हैं और खुद भी कोई कपड़ा नहीं पहनते हैं। हम दोनों साथ साथ सेक्स कहानियां पढ़ते हैं मुझे भी नंगी होकर उनके साथ कभी किचेन में तो कभी सोफे पर तो कभी बेडरूम में उनका लडं सहलाते हुए सेक्स कहनियां पढ़ने में बहुत मज़ा आता है। मुझे एडल्ट्री सेक्शन खासकर जिसमें नौकर और मालकिन कि कहानी हो जायदा पसंद है। मेरा घर काफी बड़ा है जिसमें काम करने के लिए हमेशा एक नौकरानी की जरूरत होती है। जिसके लिए मैंने एक नौकरानी रखी हुई है जिसका नाम सुनीता है उसकी उम्र 35 वर्ष के लगभग होगा। वो बहुत दिनों से मेरे यहां काम करती है और उसे मेरे और मेरे पति के आदतों के बारे में बहुत कुछ क्या सबकुछ जानती है। जैसे कि मैं और मेरे पति कई बार घर में नंगे ही रहते हैं, कई बार तो सुनीता काम के लिए आई है तो मैंने नंगे रहते हुए ही दरवाज़ा खोला है। रोहन तो कई बार सुनीता की सामने ही चोदने लगते हैं जिसे सुनीता भी बड़े मजे लेकर देखती है। और कई बार वो मेरे जिस्म से खेलती है मेरे चूची कसकर दबाती है मेरे चूतड़ों को मसलती भी है। वैसे तो मै उसकी मालकिन थी लेकिन एक वक़्त मै उसकी दासी हो गई थी मै उसके सामने नंगी रहती थी लेकिन वो अपने जिस्म का एक भी कपड़ा नहीं खोलती थी। सुनीता मुझे अपना कूतिया बनाती थी। मुझे नंगी करके मेरे गले में बेल्ट पहनकर कई बार सड़क पर भी घुमाने लेे जाती थी।
 
  • Like
Reactions: kamdev99008

Raat ki baat

New Member
22
15
3
अब में आपलोंगों को बताती हूं मैं कैसे सुनीता की कुतीया बनी।
एक बार की बात है रोहन अपने बिजनेस के काम से दिल्ली गए हुए थे। उस दिन सुनीता आई तो मैं नंगी ही रोहन के जाने के बाद सो रही थी मुझे पता था कि सुनीता होगी तो मैं वैसे ही दरवाज़ा खोलने चली गई। सुनीता ने जब मुझे इस तरह निर्वस्त्र देखा तो मेरी चूची दबाते हुए पूछी क्या बात है मैडम साब अभी तक दिल्ली गए नहीं बस आपको चोदने में लगे हैं क्या, मैं शरमा कर मुस्काई और पलटकर चलते हुए बोली नहीं रे वो तो कब के गए मैं तो आलस में आकर ऐसे ही दुबारा सो गई। सुनीता मेरे गान्ड पर कसके एक थप्पड़ मारते हुए बोली अरे वाह मालकिन वो तो मै थी अगर कोई और होता तो आपको इस हाल में देखकर चोद देता। मैं अपने चूतड़ सहलाते हुई अरे क्या करती है इतनी कसकर मारती है दर्द होता है कोई और कैसे होता मुझे पता था अभी तू ही होगी।
उसने मेरा हाथ पकड़कर अपनी तरफ खिंचते हुए बाहों में भर ली और एक हाथ से दिनों चूची दबाते हुए और एक हाथ से चूतड़ पर थपकी मारकर मसलते हुए बोली क्यूं वो माली भी तो हो सकता था। कहीं ऐसा तो नहीं तू माली से चूदवाती है। ऐसा सुनकर मुझे उसके बात पर गुस्सा आ गया और मैं उसका हाथ मरोड़ते हुए उसके पीठ पर एक कसके मुक्का मारते हुए बहुत ही तेज आवाज में कहा ये क्या बदतमीजी है आगे से ऐसा कुछ भी मत कहना नहीं तो अच्छा नहीं होगा। मैंने माना की तेरे सामने नंगी घूमती हूं लेकिन मैं चूदती केवल अपने पति से ही समझी। मुझे क्या कोई रण्डी समझ रखा है। जा जाकर अपना काम कर जायदा उड़ मत समझी । थोड़ा छुट क्या दे दिया मेरी मां बनने चली है। ऐसा बोलकर मैं अपने रूम में चली गई और एक nighty पहनली। अंदर ब्रा पैंटी भी। सुनीता गुस्से में पैर पटकती और कुछ भुनभुनाती हुए किचन में चली गई।
 
  • Like
Reactions: kamdev99008

Raat ki baat

New Member
22
15
3
मैं जब फ्रेश हो कर नहा धोकर बाल सवारती हुई एनक में देखते हुए अपने मोबाइल चेक कर रही थी तभी मैंने देखा मेरे वॉट्सएप पर सुनीता के नंबर से एमएमएस आया है मैं उसे करते हुए सुनीता से पूछने वाली ही थी कि क्या भेजा है उस एमएमएस को देखकर मेरे होश उड़ गए क्यूंकि वो मेरा ही एमएमएस था जिसमें मैं नंगी होकर खाना बना रही थी तो एक में रोहन मुझे किचेन के स्लैब पर झुकाकर चोद रहा था। एक में मैं नंगी हाल मै बैठके चाय पी रही थी। मुझे ये देखकर बड़ा ही गुस्सा आया और सुनीता से झगड़ने लगी उस पर गुस्सा करते हुए कहा ये क्या मजाक है ये वीडियो तुमने क्यूं बनाया है। तुम जैसे नीच लोगों पर भरोसा ही करना बेकार है निकल जाओ मेरे घर से आज के बाद कभी मत आना यहां समझी कूती की बच्ची, साली रांड़ खुद किस किस से चूदती फिरती है और मेरा वीडियो बनाती है। साली हरामजादी । मैं तुझे पुलिस के हवाले कर दूंगी समझी रण्डी की बच्ची। पहले तो सुनीता चुप रही फिर बोली मै तो जा रही हैं लेकिन तुम सोच लो अगर ये एमएमएस तुम्हारे बेटे को भेज दिया जाए या फिर किसी वेबसाइट पर अपलोड करवा दूं तो तुम्हारी क्या इज्जत रहेगी। आज तुम लोगों की कहानी पढ़ती हो कल तुम्हारे चर्चे होंगे।
यह सुनकर मेरे तो होश ही उड़ गए। मै थोड़ा शांत हुई और उससे विनती के लहजे में बोली क्या चाहती हो तुम पैसा कितना पैसा बोलो दूंगी लेकिन पहले ये सब मिटाओ।
सुनीता हसने लगी और बोली मैडम पैसा लेना होता तो मै तो कबका लेके निकल लेती लेकिन मुझे वो नहीं चाहिए वो कुछ और चाहिए।
 

Raat ki baat

New Member
22
15
3
ऋतू- क्या बोलो
सुनीता - मस्ती तेरे साथ। मुझे तेरे साथ मस्ती करनी है आज से जैसा मैं कहूंगी वैसा ही तुम्हे करना होगा बोलो मंज़ूर है।
ऋतु -( सर झुकाकर) तुम क्या चाहती हो मुझे कुछ समझ में नहीं रहा है।
सुनीता - ( थोड़ा मुसकुराते हुए) कुछ नहीं मैडम बस आज से मै आपकी मालकिन हूंगी और आप मेरी कुतिया। और मै जो ऑर्डर दूंगी मानना होगा बोलो हां और एक बात सुन लो तेरी हां बोलने में ही भलाई है नहीं तो तुम तो जानती ही हो मै क्या कर सकती हूं।
मैं माथा पकड़कर बैठ गई वहीं जमीन पर मुझे समझ में नहीं आ रहा था क्या करूं।
सुनीता - मैं चाहूं तो कुछ भी मांग सकती हूं लेकिन मुझे लालच नहीं है मैडम मै तो बस थोड़ी मस्ती करना चाहती हूं मेरी भी कुछ फैंटेसी है उसे पूरा करना चाहती हूं। आपको और साब को इस तरह नंगे देखकर मुझे मजा आता है उसमे मैं अपने तरीके से कुछ करना चाहती हूं मेरा यकीन कीजिए मैडम मेरा मकसद आपको परेशान करना नहीं बल्कि अपनी अंदर की सेक्स इच्छाओं को पूरा करना है जिसमें आप मेरी बेस्ट पार्टनर दिखती हो। मेरा यकीन करो आपको भी उतना ही मजा आएगा।
ऋतु - ठीक है बोलो क्या करना होगा लेकिन पहले इसे डेलीट करो।
सुनीता - इतनी जल्दी नहीं मैडम पहले मैं जो चाहती हूं वो पूरा तो हो।
ऋतु - ठीक है मै आज से तुम्हारी कूतिया हूं।
सुनीता - सोच लो मैडम इतना आसान नहीं होगा मैं जो कहूंगी करना होगा एक पालतू कुतिया की तरह । पता है ना एक कुतिया को आज्ञांकारी के साथ साथ वफादार भी होना होता है। और मैं कुछ भी करने की कह सकती हूं , कुछ भी मतलब कुछ भी।
ऋतु - कुछ सोचने को तुमने छोड़ा कहां है ।
सुनीता ने एक कसके तमाचा ऋतु के गाल पर दी और कहा तुम नहीं रआंड आप अपने मालकिन को आप कहते है समझी।
मेरे आंखों में आसूं आ गए और रोते हुए में बोली जी मालकिन आपकी हर इच्छा सर आंखों पर।
सुनीता - तो पहले नंगी हो जा क्यूंकि कुतिया कपड़े नहीं पहनती पता है ना
ऋतु - जी मालकिन
 
  • Like
Reactions: Baba27030

Raat ki baat

New Member
22
15
3
सुनीता दूसरे कमरे में गई और एक बेल्ट लेे आयी तब तक मै नंगी हो चुकी थी। सुनीता मेरे पास आकर मेरे चूचे दबाने शुरू किए फिर मेरे चूतड़ मसलने लगी मैं आंख मूंदकर बस महसूस कर रही थी। वैसे तो सुनीता ने कई बार मुझे नंगी देखा था मेरे चूचे दबाए थे चूतड़ मसले थे चांटे भी मारे थे चूतड़ पर लेकिन अभी जो हमिल्टेशन महसूस हो रहा था वो कभी नहीं हुआ था। उसके ऐसा करने से मेरे चूत ने थोड़ा पानी भी छोर दिया। मुझे आश्चर्य हो रहा था कि मुझे मजा कैसे आ रहा है। लग रहा था मै जन्नत में हूं।
फिर उसने बेल्ट को मेरे गले में बांध दिया और बोली अभी से तू ऐसे नंगी ही रहेगी जबतक मैं ना बोलूं ना कपड़े पहनेगी ना ही ये बेल्ट उतारेगी। चल अब जल्दी से एक अच्छी कुतिया की तरह मेरे तलवे चाटकर मेरा धन्यवाद कर।
मैं कुतिया की तरह झुककर सुनीता के तलवे चाटने के लिए जैसे ही जीभ बाहर निकाल मेरे पूरे देह में एक सनसनाहट दौर गई साथ में मेरे चूत से भी हल्का पानी निकल गया। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि इसमें इतना मजा कैसे आ रहा है।
मैंने सुनीता जो नौकरानी से मेरी मालकिन बन गई थी इस वक़्त उसके तलवे चाटने लगी। वो अपना हाथ बढ़ा कर मेरे माथे पर ऐसे हाथ फेर रही थी जैसे कोई अपने डोगी को करता है।
मेरे चूत से काम रस की दो तीन बूंद और निकल गई । जो सुनीता की नज़रों से बच ना सका। और वो मुझे मेरे केश पकड़कर खड़ी कर दी और मेरे चूत में दो उंगली डालते हुए बोली वाह तू तो गीली हो रही है मतलब तुझे मजा आ रहा है तू तो कुतीया के साथ साथ मेरी रणडी भी बन गई। अब तो तेरे लिए एक लंड की भी व्यवस्था करनी होगी। सुनीता के अचानक हुए हमले से मैं चिहुंक गई और मैं अपने दोनो चौहुए पर खड़ी हो गई मेरी आंखे बंद हो गई और मेरे मुंह से सिसकारी निकल गई और मै इतना ही कह सकी सुनीता आ …................
तभी मेरे गान्ड पर एक कसकर थप्पड़ पड़ने से मेरे होश आए और मै दर्द से बिलबिला उठी।
सुनीता ने कहा मालकिन को नाम से नहीं बुलाते रांड
मैंने कहा गलती हो गई मालकिन।
उसके बाद जब तक वो रही मुझे नंगी ही रखा मुझसे सारा घर का काम करवाया और खुद मालकिन की तरह बैठकर फ्रिज में रखे फल खाई। जाते हुए बोली मै रात में यही आऊंगी याद रहे तुझे नंगी ही रहना है।
मालकिन अगर कोई आ गया तो मै कैसे दरवाज़ा खोलूंगी, मैंने डरते डरते पूछा।
वो बोली तेरे यहां तो कोई आता नहीं है अगर माली आएगा तो ऐसे ही खोलना बेचारा कब से तुझे नंगी देखने को तरस रहा है और ऐसे ही नंगी जाकर उसे गार्डन के काम बताएगी समझी।
सुनकर मेरी दिल की धड़कन तेज धड़कने लगी और पसीने पसीने हो गई। जी मालकिन मैंने कहा
फिर सुनीता चली गई ।
मै बेडरूम मै जाकर रोने लगीं कि ये क्या हो रहा है मेरे साथ। फिर रोते रोते कब सो गई पता ही नहीं चला।
नींद खुली डोरबेल की आवाज़ से।
मेरे दिल की धड़कन फिर बढ़ गई ये सोचकर कहीं माली तो नहीं।
मैंने टाइम देखा तो रात के 8 बज चुके थे।
तब मेरे जान में जान आई माली इतनी रात को नहीं आएगा।
मैंने दरवाज़े पर आके पूछा कौन तो वो सुनीता थी वो बोली मैं हूं तेरी मालकिन जल्दी दरवाज़ा खोल कुतिया।
मैंने झट से दरवाजा खोला और कुतिया के तरह झुककर सुनीता के तलवे चाट कर उसका अभिवादन किया वो बहुत खुश हुई और अंदर आ गई। उसने पूछा खाना बना ली मेरी प्यारी कुतिया?
जी नहीं मालकिन।
सुनीता - तो जा जाकर कुछ बना ।
जी मालकिन बोलकर मैं किचेन के तरफ जाने लगी
सुनीता मुझे जाता देखकर बोली अरे पहले इधर तो आ तेरे इस शानदार जिस्म का मजा तो ले लूं। और तुझे पता है न कैसे आना है। बोलते हुए सोफे पर बैठ गई।
मैं समझ गई वो क्या कहना चाह रही थी
मैं झट से कुति की तरह झुकी और सुनीता के तरफ रेंगते हुए गई और उसके तलवे चाटने लगी।
उसने मेरे बाल पकड़कर ऊपर खींचा और मेरे चूचियों मै मुंह लगाकर चुभलाने लगी फिर मेरी बाएं चूची को दांत से अचानक काट ली में दर्द और मजे में सिसकारी लेने लगी फिर उसने अपनी उंगली मेरे चिकने बिना बाल वाले चूत में डाल कर बोली अरे तू तो फिर गीली हो गई । फिर उसने मुझे पीछे की ओर मोड़ते हुए मेरे गान्ड पर दो तीन थप्पड़ कसके मारा और पूछने लगी बोल राअंड किसके याद में इतनी गीली हो गई। कौन कुत्ता याद आ गया जिससे चूदवाने को इतनी बेताब है ।
ऋतू बोली कोई नहीं मालकिन ये तो आपके सपर्श से और आपकी कुत्तिया बनने के अहसास से मैं बार बार गीली हो जा रही हूं मेरा यकीन कीजिए मालकिन मैं अपने पति के अलावा न ही किसी से चूदी हूं और न ही किसी और से चूदाई का खयाल भी मन में लाई हूं। ये सुनते ही सुनीता खुश होकर हस्ते हुए बोली वाह! मेरी रणडी तब तो बहुत मजा आएगा तेरे साथ। बस इतना समझ आज से तेरे नई ज़िन्दगी सुरु। चल अब जल्दी जा और और सुबह का चिकन बिरयानी गरम करके का मुझे बहुत भूख लगी है फिर तुझे एक सरप्राइज भी देनी है।
मैं नंगी कुत्तिया के समान रेंगते हुए किचेन में गई और फ्रिज से चिकन बिरयानी गर्म करने के लिए ओवन में डाल दी। वैसे तो मैंने पहले कई बार इस तरह से नंगी होकर घर का काम किया था लेकिन आज अपने ही नौकरानी की कुत्तिया बनकर इस तरह से नंगी होकर उसकी हर बात मानने मै और घर का काम करने में एक अलग एहसास हो रहा था। दिन में बहुत रोना आ रहा था लेकिन अभी बहुत मज़ा और एक अलग रोमांच हो रहा था। मैं सोच रही थी कि क्या सर्प्राइज देगी सुनीता और मैं सोच मै इतनी डूब गई की कब पांच मिनट बीत गया पता ही नहीं चला। होश तो तब आया जब सुनीता के जोरदार थप्पड़ मेरे गान्ड पर पड़े मैं दर्द हो रहे गान्ड सहलाती हुई सॉरी मालकिन बोली और ब्रियानी निकालकर सुनीता मैडम को परोसने लगी और खुद के लिए परोस कर जब चेयर पर बैठने लगी तो एक झन्नाटेदार तमाचा मेरे चूची पर मारकर बोली साली रणडी अब तुझे तेरी औकात भी बतानी पड़ेगी चल नीचे बैठ मेरे पैरों के पास तेरी जगह वहीं है समझी। मेरे आंखों से दर्द का और चूत से मस्ती भरे काम रस दोनो छलक पड़े। ये एक अजीब एक्सपीरियंस था दर्द और मजा दोनो का एक साथ।
सुनीता खाते खाते पूछने लगी एक बात बता ऋतु तेरे रोहन के गान्ड बड़े गद्देदार और मुलायम है किसी लड़की माफिक क्या उसने कभी गान्ड मरवाया है । मुझे नहीं पता है मालकिन न ही मैंने उससे कभी पूछा ना उन्होंने कभी बताया। आप तो मालकिन रोहन का गान्ड कितनी बार मसलीं हैं और उनके गान्ड में उंगली भी की थी जब मैं उनसे किचेन में चूद रही थी आपको पता नहीं चला क्या।
 

Raat ki baat

New Member
22
15
3
नहीं रे उसकी गांड़ एकदम टाइट थी तुम्हारे गान्ड जैसी। ऐसे ही बात करते करते खाना खत्म करने के बाद सुनीता हाथ धोकर गार्डन की और हवा खाने चल दी मुझे भी बुलाया बर्तन धोने के बाद।
मैं आपको बता दूं मेरा एक फ्लोर का कॉटेज नुमा मकान है और मकान के पीछे छोटा सा फूल और घास का बागीचा है आगे पार्किंग की जगह है।
मैं बर्तन धोने के बाद नंगी ही गार्डन में गई तो देखा कि सुनीता एक जगह बैठकर किसी से फोन पर बात कर रही थी। मैं कुत्तिया के समान रेंगते हुए गई और उनके पैर चाटने लगी । वो मेरे पीठ सहलाते हुए प्यार करने लगी और बोली आ गई मेरी कुत्तिया। उधर से पूछा कौन है ऋतु तूने उसे भी अपनी कुत्तिया बना ली। सुनीता बोली हां डार्लिंग तुझे तो मेरे जलवे के बारे में पता है। मैनें पूछा कौन है मालकिन फोन पर तब सुनीता ने कहा तेरा मालिक है पूछ रहा है कब लेगी उसका लंड। मैं शरमा कर इधर उधर देखने लगी, तब सुनीता मेरी चूची कसकर दबाते होली बोली बता ना रांड कब बुला लूं अभी बुला लूं। मैंने डरते डरते कहा जब आप चाहो। क्यूंकि मैं उसके मार से डरने लगी थी तो न ना कह सकी। सुनीता बोली गूड! तूने मुझे खुश कर दिया चल तुझे एक नई जन्नत दिखाती हूं तुम बड़ी ही मस्त कुत्तिया का रोल अदा कर रही है।
कुछ समय ऐसे ही बीता फिर सुनीता बोली चल तुझे आज का सरप्राइज दिखाने का टाइम आ गया है ।
मैंने डरते डरते पूछा कहां जाना है मालकिन
वो बोली सड़क पर तुझे पता नहीं है रात में सड़क पर लोग अपनी कुत्ते कुत्तियों को घुमाते हैं तो अब तू कुत्तिया है मेरी तो मुझे भी घूमना पड़ेगा न। मैं उसकी बात सुनकर सन्न रह गई। मैं उसके पैर पर गिर कर रहम की दुआ मांगने लगी, आप इस घर में जो कहोगी करूंगी मालकिन जिस किसी से चूदने बोलोगी चुदूंगी पर मेरे साथ ऐसा न करो मेरी इज्ज़त को बीच सड़क पर नीलम न करो मैंने आपका क्या बिगाड़ा है। प्लीज मालकिन जरा सोचो अगर किसी ने बाहर मुझे इस हालत में देख लिया तो मेरी क्या इज्जत रहेगी।
सुनीता - अरे कुछ नहीं होगा तेरा रण्डी तुझे क्या लगता है मुझे तेरी बदनामी का डर नहीं है मैंने सब सेट कर दिया है ।
मैं रोने लगी और सुनीता के पैर पर नाक रगड़ कर रहम की भीख मांगने लगी।
सुनीता ने अपने लात से मुझे झटक दिया और गुस्से में बोली सोच लेे मेरी बात मानकर चुपचाप चलती है या तेरे बेटे को ये एमएमएस भेजूं।
ये सुनकर मैं एकदम डर गई फिर अपने आप को हिम्मत बंधाकर आंसू पोछते हुए बोली ठीक है मालकिन मैं तैयार हूं। फिर रुआंसी होकर धीरे से पूछी कुछ नहीं होगा न।
सुनीता मेरे पास आई और बड़े प्यार से मेरे आंसू पोंछते हुए बोली नहीं मेरी फेवरेट कुत्तिया कोई गड़बड़ नहीं होगी।
और मेरे माथे को चूम ली जैसे कोई ममता दिखाते हुए चूमता है।
मेरा सर शर्म से नीचे हो गया और चेहरे पर थोड़ी से मुस्कुराहट फैल गई।
फिर सुनीता दरवाज़े की ओर बढ़ी मैं उसके पीछे कुत्तिया की तरह चलने लगी। दरवाज़े पर रुककर उसने वहीं पर रैक पर से एक बैग निकाला जिसमें कुत्तिया का मास्क था जिसे मुझे पहनने को दिया और एक चैन भी निकला जो कुत्ते के गले में बांधते हैं और मेरे गर्दन में लिपटे बेल्ट में इस तरह बांध दी जैसे कि सही में कोई कूत्ती हूं और वो मेरी मालकिन फिर उसने दरवाज़ा खोला और मुझे लेकर बाहर निकल गई। सुनीता ने भी मुंह पर कपड़े बांध लिए। फिर मुझे वहीं रुककर मेरे घर के दरवाज़े को लॉक क्या और बोली चल और आगे आगे सुनीता जो मेरी नौकरानी थी वो मालकिन के तरह चल रही थी और मैं जो उसकी मालकिन थी उसकी कुत्तिया बनकर एकदम नंगी उसके पीछे पीछे चल रही थी। और उसके आज्ञा का पालन कर रही थी। फिर सुनीता बगल में हो गई और मै उसके बगल में मेरे पीठ गान्ड को रुककर सहलाने लगी जैसे कोई कुत्ता को उसका मालिक सहलता है में भी जीभ निकालकर उसके गर्दन को चाटकर उसका धन्यवाद कर रही थी। और बोलने लगीं देखी मेरी प्यारी ऋतु कुत्तिया कोई नहीं है न सड़क पर। हमे पता है इस सड़क पर अभी कोई नहीं आएगा । मैंने पूछा कैसे मालकिन । सुनीता ने कहा तुझे तो पता है इस रोड का ये डेड ऐंड है और दरवाज़े पर बैठे गार्ड को सख्त हिदायत है 11 बजे से 12 बजे तक वो किसी को नहीं आने देगा वो गेट के दरवाज़े को बंद कर देता है समझी। अगर किसी ने छत से देखा तो मैंने डरते डरते पूछा। तो तेरे नंगे जिस्म का मजा लेगा और क्या, अगर वो नीचे आ गया तो उससे तू चूद‌ जाना वैसे भी मास्क से तेरी पहचान तो छुपी है न । मैं सड़क पर नंगी हूं सोच सोच कर चूत पूरा भीग गया था काम रस से। जिसे सुनीता देखकर बोली तू तो एकदम गीली हो गई है लगता है किसी कुत्ते का इंतजाम करना ही होगा आज रात के लिए। मैं तो पूरा गरम हो चुकी थी। मुझसे रहा नहीं गया और मैंने कहा जी मालकिन मुझ पर दया करके किसी से चूदवा दो तुम्हारा एहसान कभी नहीं भूलूंगी।
उसने अपना फोन निकाला और किसी को रिंग करने लगी एक दो रिग होने के बाद फोन कट गया वो मंद मंद मुसकुराते हुए बोली कुत्ता आ रहा है चिंता ना कर। मैं खुश होकर इधर उधर सड़क पर उछलने कूदने लगी अपने दोनो हांथ उठाकर टेहुना पर खड़े होकर सुनीता के मुंह को चाटने लगीं उसके चूची पर हाथ मारने लगी। असल में मुझे रोहन के अलावा किसी और से चूदने का‌ कोई शौक नहीं था लेकिन एक तरफ तो मैं पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी दूसरा मुझे ऐसा भी लग रहा था कि मैं ऐसा नहीं करूंगी तो सुनीता मेरा एमएमएस मेरे बेटे को भेज देगी और मुझे मारेगी अलग।
तभी मैंने देखा एक ओर से मुझे तीन लोग आते दिखे मैं एकदम डर गई मुझे काटो तो खून नहीं।
 

Raat ki baat

New Member
22
15
3
मैंने डरते हुए एकदम धीरे से सुनीता को कहा मालकिन कोई आ रहा है, वो पीछे मुड़कर देखी फिर मुसकुराते हुए बोली चिंता न कर तेरे लिए लंड आ रहा है। स्ट्रीट लाइट की रोशनी में जब वो थोड़े पास आ गए तो मैं देखकर दंग रह गई क्यूंकि वो तीन नहीं चार थे उनमें से दो मेरे तरह ही कुत्ते की तरह रेंगते हुए आ रहे थे वो एकदम नंगे थे मेरे जैसे ही उनके गले में भी जंजीर लगे थे और चेहरे पर मास्क थे। वो जो कुत्ते के जैसे आ रहा था उनमें से एक मर्द दिख रहा था और एक औरत। वो पास आए तो मैंने देखा कुत्ता बना आदमी लगभग 45 वर्ष का लग रहा था उसका 7 इंच का लन्ड एकदम खड़ा था। उसका तोंद थोड़ा निकला हुआ था वो एक दम गोरा था किसी अच्छे खाते पीते घर से लग रहा था, आदमी का चैन पकड़े हुए एक औरत थी वो भी पूरी तरह से नंगी थी और वो औरत गेहुंआ रंग की अच्छे खासे खाते पीते घर से लग रही थी। उसके चूचे उन्नत एवम् टाइट थे, उम्र 30 वर्ष के लगभग होगी। जो औरत कुत्तिया बनी थी उसके चूचे जमीन की ओर झूलते हुए इतने आकर्षक लग रहे थे कि किसी का भी मन चूसने को मचल उठे। वो मेरे उम्र की लग रही थी औरत का चैन पकड़े एक आदमी था जो कमर से नंगा था उसका 9 इंच का लन्ड आधा खड़ा था बदन पर एक बनियान पहने हुए था जो उसका रंग एक दम काला था। ये आदमी चैन पकड़े औरत के एक हाथ से कभी चूचे मसल रहा था तो कभी उसके चूतड़ मसल रहा था । चैन पकड़े नर और नारी दोनो ने चेहरे पर कपड़े बंधे हुए थे।
उन्हें देखकर सुनीता बोली ले तुझे चोदने कुत्ते आ गए। अपने आप को तैयार कर ले आज पहली बार तेरी सड़क पर खुलेआम चूदाई होगी। पूरा मजा लेना कोई नखड़े नहीं चाहिए समझ गई न, मेरे चूतड़ पर थपड़ मारते हुए बोली।
ऋतु - जी मालकिन
वो लोग पास आते ही सुनीता के पैर चाटने लगे। वो दोनो जो चैन पकड़े हुए थे वो भी झुक कर कुत्ते के जैसे हो गए और सुनीता के पैर चाटने लगे वो लोग इतने खुश दिख रहे थे जैसे कोई अपने प्रिय से बहुत दिनों बाद मिला है। सुनीता भी नीचे बैठ गई और उनके माथे पर हाथ सहलाते हुए होंठो को बारी बारी से चूमने लगी। यह देखकर मै चकित हो रही थी कि सुनीता के ये लोग भी गुलाम हैं । मेरे मुंह से अकस्मात ही निकल गए मालकिन ये लोग भी। मेरी आवाज़ सुनते ही वो लोग मेरी ओर देखने लगे और वो काला आदमी जो अभी कुत्ता बना हुआ था झट से मेरे पीछे आया और मेरी चूत चाटने लगा। यह देखकर उस गोरे आदमी ने जो कुत्ता बनकर आया था सुनीता के तरफ रुआंसी आवाज़ में बोला मालकिन रघु मालिक रास्ते में सोनिया को भी चोदते आये है मैंने मना किया तो सजा के तौर पर मुझसे अपना वीर्य जो इसके चेहरे और गान्ड पर छोड़ा था चटवाया और अब इस कुत्तिया के साथ भी सुरु हो गए प्लीज मालकीन रघु मालिक को मना करें और मुझे इस नई कुत्तिया के साथ संभोग करने की अनुमति दें , आपने फोन पर वादा भी किया था। सुनीता ने रघु को आंखों से गुस्सा दिखाते हुए हटने का इशारा किया और बोली पहले नई कुत्तिया का इंट्रो तो लेे लेे जिसका पालन करते हुए रघु हटने में देरी नहीं की।
रघु के चूत चाटने से मुझे बहुत ही मजा आ रहा था मस्ती में सिसकारी भी निकालने वाली थी कि रघु हट गया । मुझे बड़ा गुस्सा आया लेकिन मैं चुप रही क्यूंकि मुझे पता था कि में अभी गुलाम हूं अपने नौकरानी की और मर्ज़ी उसकी चलनी है।
इसपर रघु ने कहा इंट्रो क्या लेना देना सभी तो एक दूसरे को जानते ही हैं केवल इस कुत्तिया को अपना मास्क हटा लेने बोलो ।
 
Top