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मुझे तो पहचान ही गई है ये है नीलेश कुलकर्णी और ये है गुप्ता जी की बीवी सलोनी गुप्ता।
मैंने पूछा कौन नीलेश कुलकर्णी सोसाइटी का सेक्रेट्री क्या ।
कुलकर्णी मास्क ऊपर करते हुए बोला हां वही और मिसेज गुप्ता वही जो तुम्हारे हस्बैंड के बिजनेस पार्टनर हैं
मैंने अचरज में पड़कर पूछी यानी आप मुझे पहचान गए
बीच में मिसेज खन्ना अपना मास्क हटाते हुए बोलीं मैं खन्ना साहब की बीवी, हमे तो दिन में ही रघु मालिक ने बताया था कि तुम बड़ी मालकिन की गुलाम बन गई हो और आज ही सबको मिलने का प्लान है।
और हां आपलोग को ये बता देती हूं कि रघु माली है जो कॉलोनी के घरों में काम करता है।
सुनीता मेरे चेहरे से मास्क हटाते हुए बोली ले कुलकर्णी कुत्ते अपनी कुत्तिया को चोद ले कब से चूत बहा रही है। रघु बोला हां बड़ा मीठा रस था पहले अभी तू मजा लेे लेे गांड़ू कुलकर्णी हम तो बाद में तसल्ली से चोदेंगे।
कुलकर्णी - हां तेरा बड़ा लंड तो इसके चूत का भोसड़ा कर देगा।
रघु - हां जैसे तेरे गान्ड का छेद का हाल किया है वैसा ही बोलकर उसके गान्ड पर एक कस कर तमाचा मारते हुए बोला बात में समय मत बिगाड़ जल्दी चोद ले ।
कुलकर्णी अपने चूतड़ सहलाते हुए बोला जी मालिक।
इस पर मिसेज खन्ना और गुप्ता हसने लगी
फिर सुनीता एक्शन में आई और बोली अरे रंडियों हसती ही रहेगी चल रघु का लन्ड खड़ा कर।
मिसेज खन्ना और गुप्ता रघु के लंड पकड़कर मुंह से चूसते चूसते झाड़ के पीछे चले गए सुनीता भी उनके साथ गई मुझे और कुलकर्णी को अकेले छोड़कर।
कुलकर्णी मेरी चूची दबाते हुए बोला तो सुरु करें तुम्हे चोदने की तमन्ना कब से दिल में थी आज पूरी होगी।
मैंने पूछा यहीं क्या घर चलके न
कुलकर्णी - मालकिन से मार खाना है क्या । अभी हम कुत्ते और कुत्तिया हैं और तुमने देखा नहीं कभी क्या कुत्ते और कुत्तिया कैसे चूदम-चुदाई खुले आम सड़क पर करते हैं।
मैं से सर नीचे करके बोली जी देखी है तो क्या हम आज वैसे करेंगे और कोई आ गया तो।
तो क्या वो भी देखेंगे अगर देखना होगा नहीं तो रास्ता नापेंगे।
बोलते बोलते अचानक उसने मेरी कमर पकड़कर आगे की ओर खींचा और मेरी चूत को चाटने लगा। मेरा एक हाथ पकड़कर अपने लन्ड पर रख दिया और ऊपर नीचे करने बोला। उसका लन्ड काफी गर्म था और हल्का मुरझाया हुआ। मैं उसके लन्ड को ऊपर नीचे करने लगी वो एक हाथ से मेरी चूची दबा रहा था तो एक हाथ कि उंगली मेरी चूत में डाल कर चोदने लगा। मुझे मजा आ रहा था मै सिसकारी लेने लगी। फिर कुलकर्णी वाला चल मेरा लन्ड चूस। मैं उसके बात सुनते ही उसके नीचे सड़क पर लेट गई क्यूंकि वो कुत्ता बना हुआ था और उसके लन्ड को चूसने लगी। वो मेरी चूत को हाथ से मसलने लगा । मैं मस्ती में कमर ऊपर कर लेती थी। मुझे अचानक लगा कि मेरे अंदर कोई वासना का सैलाब उमर पड़ा हो और मै चूदने को बेताब को बेताब हो उठी। मैं उसके लन्ड को चूसना छोड़कर बरबस ही बोल पड़ी प्लीज करो न प्लीज मुझे अपने लन्ड से तृप्त कर दो । बोलकर मैं कुत्तिया के पोज में आ गई कुलकर्णी पीछे आकर मेरे चूत पर अपना लंड सेट किया और एक ही झटके में अंदर डाल दी इस अचानक हमले से मेरे मुंह से चीख निकल पड़ी। जिसे सुनकर सामने झाड़ी से मिसेज खन्ना और रघु बाहर निकल आए और मिसेज खन्ना बोली साली रांड क्या करती है पूरे सोसायटी वाले को बुलाएगी क्या। चुपचाप चूद और और मुझे भी चूदने दे। मैंने देखा रघु का लन्ड उसके चूत के रस से नहाया हुआ था।
मैंने पूछा कौन नीलेश कुलकर्णी सोसाइटी का सेक्रेट्री क्या ।
कुलकर्णी मास्क ऊपर करते हुए बोला हां वही और मिसेज गुप्ता वही जो तुम्हारे हस्बैंड के बिजनेस पार्टनर हैं
मैंने अचरज में पड़कर पूछी यानी आप मुझे पहचान गए
बीच में मिसेज खन्ना अपना मास्क हटाते हुए बोलीं मैं खन्ना साहब की बीवी, हमे तो दिन में ही रघु मालिक ने बताया था कि तुम बड़ी मालकिन की गुलाम बन गई हो और आज ही सबको मिलने का प्लान है।
और हां आपलोग को ये बता देती हूं कि रघु माली है जो कॉलोनी के घरों में काम करता है।
सुनीता मेरे चेहरे से मास्क हटाते हुए बोली ले कुलकर्णी कुत्ते अपनी कुत्तिया को चोद ले कब से चूत बहा रही है। रघु बोला हां बड़ा मीठा रस था पहले अभी तू मजा लेे लेे गांड़ू कुलकर्णी हम तो बाद में तसल्ली से चोदेंगे।
कुलकर्णी - हां तेरा बड़ा लंड तो इसके चूत का भोसड़ा कर देगा।
रघु - हां जैसे तेरे गान्ड का छेद का हाल किया है वैसा ही बोलकर उसके गान्ड पर एक कस कर तमाचा मारते हुए बोला बात में समय मत बिगाड़ जल्दी चोद ले ।
कुलकर्णी अपने चूतड़ सहलाते हुए बोला जी मालिक।
इस पर मिसेज खन्ना और गुप्ता हसने लगी
फिर सुनीता एक्शन में आई और बोली अरे रंडियों हसती ही रहेगी चल रघु का लन्ड खड़ा कर।
मिसेज खन्ना और गुप्ता रघु के लंड पकड़कर मुंह से चूसते चूसते झाड़ के पीछे चले गए सुनीता भी उनके साथ गई मुझे और कुलकर्णी को अकेले छोड़कर।
कुलकर्णी मेरी चूची दबाते हुए बोला तो सुरु करें तुम्हे चोदने की तमन्ना कब से दिल में थी आज पूरी होगी।
मैंने पूछा यहीं क्या घर चलके न
कुलकर्णी - मालकिन से मार खाना है क्या । अभी हम कुत्ते और कुत्तिया हैं और तुमने देखा नहीं कभी क्या कुत्ते और कुत्तिया कैसे चूदम-चुदाई खुले आम सड़क पर करते हैं।
मैं से सर नीचे करके बोली जी देखी है तो क्या हम आज वैसे करेंगे और कोई आ गया तो।
तो क्या वो भी देखेंगे अगर देखना होगा नहीं तो रास्ता नापेंगे।
बोलते बोलते अचानक उसने मेरी कमर पकड़कर आगे की ओर खींचा और मेरी चूत को चाटने लगा। मेरा एक हाथ पकड़कर अपने लन्ड पर रख दिया और ऊपर नीचे करने बोला। उसका लन्ड काफी गर्म था और हल्का मुरझाया हुआ। मैं उसके लन्ड को ऊपर नीचे करने लगी वो एक हाथ से मेरी चूची दबा रहा था तो एक हाथ कि उंगली मेरी चूत में डाल कर चोदने लगा। मुझे मजा आ रहा था मै सिसकारी लेने लगी। फिर कुलकर्णी वाला चल मेरा लन्ड चूस। मैं उसके बात सुनते ही उसके नीचे सड़क पर लेट गई क्यूंकि वो कुत्ता बना हुआ था और उसके लन्ड को चूसने लगी। वो मेरी चूत को हाथ से मसलने लगा । मैं मस्ती में कमर ऊपर कर लेती थी। मुझे अचानक लगा कि मेरे अंदर कोई वासना का सैलाब उमर पड़ा हो और मै चूदने को बेताब को बेताब हो उठी। मैं उसके लन्ड को चूसना छोड़कर बरबस ही बोल पड़ी प्लीज करो न प्लीज मुझे अपने लन्ड से तृप्त कर दो । बोलकर मैं कुत्तिया के पोज में आ गई कुलकर्णी पीछे आकर मेरे चूत पर अपना लंड सेट किया और एक ही झटके में अंदर डाल दी इस अचानक हमले से मेरे मुंह से चीख निकल पड़ी। जिसे सुनकर सामने झाड़ी से मिसेज खन्ना और रघु बाहर निकल आए और मिसेज खन्ना बोली साली रांड क्या करती है पूरे सोसायटी वाले को बुलाएगी क्या। चुपचाप चूद और और मुझे भी चूदने दे। मैंने देखा रघु का लन्ड उसके चूत के रस से नहाया हुआ था।