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UPDATE 66
दिन ऐसे ही बहुत मजे मजे में कट रहे थे पर
जिसने अपनी सगी बहन को चोद लिया हो
उसको तो अब हर जवान लड़की में एक चूत ही नज़र आती है.
कुछ ऐसा ही हाल मेरा था.
मैं जितना ज्यादा दीदी को चोदता उतना ही
मुझे नयी चूतों को चोदने की इच्छा बढती जाती.
अब तो कामिनी आंटी भी वापस आ गयी थी.
उनको तो पहला मौका मिलते ही मैं चोद ही सकता था
पर अब मैंने मन बना लिया था
की मैं जैसे भी हो रिक्की को भी चोद डालू.
किस्मत मेरा साथ दे रही थी.
कुछ ही दिनों के बाद मम्मी पापा एक शादी
में ५-६ दिनों के लिए दिल्ली चले गए. घर खाली था
और मैं रश्मि दीदी को सुबह से ही चोद रहा था
और बार बार दीदी की गांड में ऊँगली डाल रहा था.
दीदी- तुम ये मेरी गाण्ड में उंगली क्यों डाल रहे हो?
मोनू- दीदी सच कहूँ..
तेरी गाण्ड देख कर मन बेचैन हो गया है..
ऐसी मटकती गाण्ड..
उफ़फ्फ़ इसमें लौड़ा जाएगा..
तो मज़ा आ जाएगा..
बस यही देख रहा था कि अबकी बार मैं तेरी गाण्ड ही मारूँगा.
दीदी- नो वे... और वैसे भी आज का मेरा हो गया मैं थक गयी हूँ
मोनू- अरे अभी कहाँ थक गई यार..
अभी तो बहुत पोज़ बाकी हैं..
आज तो घर पर कोई नहीं है.
यही मौका मिला है की तुम्हें आज
अलग-अलग तरीके से चोदूँ और प्लीज़ दीदी आज गाण्ड मारने दो ना..
उस दिन के बाद तुमने मुझे कभी भी गांड नहीं दी...प्लीज़..
दीदी- नहीं कहा न मैंने बहुत दर्द होता है
मोनू- बस आज की बात है दीदी....
बहुत आराम से मारूंगा...
तुमको तो अब तक चुदाई के लिए एकदम पक्की हो जाना चाहिए…
फिर चाहे ३-४ एक साथ आ जाये...
कोई आगे डाले या पीछे...
दीदी- ये क्या बकवास बात कर रहे हो ?
मैं क्यों चुदूँगी ३-4 से.. रंडी बनाने का इरादा है क्या?
मोनू: अरे दीदी मजाक कर रहा था पर
याद करो की कैसे जब मैंने और
मनीष ने एक साथ चोदा था कितना मज़ा आया था...
दीदी: मजा तो आया था. पर दो की बात और है..
.तीन चार...न बाबा न. पर थ्रीसम में बड़ा मज़ा आता है.
सुन क्यों न मनीष को बुला ले
दो-चार दिनों के लिए. बड़ा मज़ा आयेगा.
मोनू: हां दीदी, तुम उसको आज ही आने के लिए
फ़ोन कर दो तो वो कल तक आ जायेगा.
पर आज तो मेरे बारे में सोचो
दीदी: तेरे बारे में क्या सोचू
मोनू: दीदी मेरा कामिनी आंटी को चोदने का बड़ा मन है.
आज उनको कैसे भी बुला लो न.
दीदी: क्यों मुझसे दिल भर गया तेरा जो
अब कामिनी आंटी को चोदना चाहता है.
मोनू: कैसी बात करती हो दीदी.
उनके बेटे रिशू ने तुम्हे चोदा था न
उसी का बदला लेने के लिए मैं उन्हें चोदुंगा.
मैंने शरारत से कहा.
दीदी: हां हां. मुझे सब पता है...
सुन आज तो मैंने रिशू को बुलाया है
इसलिए आज कामिनी आंटी को नहीं बुला सकती.
वैसे भी वो एकदम चालू औरत है.
उसकी चूत तो तू कभी भी मार सकता है.
मैं मनीष से कहती हूँ की वो मोनिका को साथ ले आये.
मनीष ने जो मुझे चोदा था तो
मोनिका से जी भर के तू मेरा बदला ले लेना. दीदी मुस्कुराते हुए बोली
मोनिका के कड़क बदन की बात सुनते ही मेरे लंड ने एक झटका खाया.
मैंने खुशी से दीदी को बिस्तर पर पटक दिया
और उसके होंठ चूसने लगा.
दीदी भी मस्ती में आ गई और मेरा साथ देने लगी.
मेरा लण्ड तो लोहे जैसा सख़्त हो गया था.
एक तो ऐसी क़ातिल जवानी पास में हो
और दूसरी चूत मिलने की ख़ुशी...
लंड तो लोहा अपने आप ही बन जायेगा.
दीदी- अरे मोनू, ये तुम्हारे लौड़े को क्या हो गया..
कैसे झटके खा रहा है.. लगता है इसको
मोनिका बहुत पसंद है
जो उसका नाम सुन एक दम तन गया है.
मोनू- अरे दीदी इसको सारी बहनों से प्यार है पर
अभी तो इसको तुम्हारी मुलायम गाण्ड का मज़ा मिलने वाला है
इसीलिए उछल रहा है.
दीदी- ठीक है बाबा मिलेगा..
मोनू- अरे यार ये बात हुई न
दिन ऐसे ही बहुत मजे मजे में कट रहे थे पर
जिसने अपनी सगी बहन को चोद लिया हो
उसको तो अब हर जवान लड़की में एक चूत ही नज़र आती है.
कुछ ऐसा ही हाल मेरा था.
मैं जितना ज्यादा दीदी को चोदता उतना ही
मुझे नयी चूतों को चोदने की इच्छा बढती जाती.
अब तो कामिनी आंटी भी वापस आ गयी थी.
उनको तो पहला मौका मिलते ही मैं चोद ही सकता था
पर अब मैंने मन बना लिया था
की मैं जैसे भी हो रिक्की को भी चोद डालू.
किस्मत मेरा साथ दे रही थी.
कुछ ही दिनों के बाद मम्मी पापा एक शादी
में ५-६ दिनों के लिए दिल्ली चले गए. घर खाली था
और मैं रश्मि दीदी को सुबह से ही चोद रहा था
और बार बार दीदी की गांड में ऊँगली डाल रहा था.
दीदी- तुम ये मेरी गाण्ड में उंगली क्यों डाल रहे हो?
मोनू- दीदी सच कहूँ..
तेरी गाण्ड देख कर मन बेचैन हो गया है..
ऐसी मटकती गाण्ड..
उफ़फ्फ़ इसमें लौड़ा जाएगा..
तो मज़ा आ जाएगा..
बस यही देख रहा था कि अबकी बार मैं तेरी गाण्ड ही मारूँगा.
दीदी- नो वे... और वैसे भी आज का मेरा हो गया मैं थक गयी हूँ
मोनू- अरे अभी कहाँ थक गई यार..
अभी तो बहुत पोज़ बाकी हैं..
आज तो घर पर कोई नहीं है.
यही मौका मिला है की तुम्हें आज
अलग-अलग तरीके से चोदूँ और प्लीज़ दीदी आज गाण्ड मारने दो ना..
उस दिन के बाद तुमने मुझे कभी भी गांड नहीं दी...प्लीज़..
दीदी- नहीं कहा न मैंने बहुत दर्द होता है
मोनू- बस आज की बात है दीदी....
बहुत आराम से मारूंगा...
तुमको तो अब तक चुदाई के लिए एकदम पक्की हो जाना चाहिए…
फिर चाहे ३-४ एक साथ आ जाये...
कोई आगे डाले या पीछे...
दीदी- ये क्या बकवास बात कर रहे हो ?
मैं क्यों चुदूँगी ३-4 से.. रंडी बनाने का इरादा है क्या?
मोनू: अरे दीदी मजाक कर रहा था पर
याद करो की कैसे जब मैंने और
मनीष ने एक साथ चोदा था कितना मज़ा आया था...
दीदी: मजा तो आया था. पर दो की बात और है..
.तीन चार...न बाबा न. पर थ्रीसम में बड़ा मज़ा आता है.
सुन क्यों न मनीष को बुला ले
दो-चार दिनों के लिए. बड़ा मज़ा आयेगा.
मोनू: हां दीदी, तुम उसको आज ही आने के लिए
फ़ोन कर दो तो वो कल तक आ जायेगा.
पर आज तो मेरे बारे में सोचो
दीदी: तेरे बारे में क्या सोचू
मोनू: दीदी मेरा कामिनी आंटी को चोदने का बड़ा मन है.
आज उनको कैसे भी बुला लो न.
दीदी: क्यों मुझसे दिल भर गया तेरा जो
अब कामिनी आंटी को चोदना चाहता है.
मोनू: कैसी बात करती हो दीदी.
उनके बेटे रिशू ने तुम्हे चोदा था न
उसी का बदला लेने के लिए मैं उन्हें चोदुंगा.
मैंने शरारत से कहा.
दीदी: हां हां. मुझे सब पता है...
सुन आज तो मैंने रिशू को बुलाया है
इसलिए आज कामिनी आंटी को नहीं बुला सकती.
वैसे भी वो एकदम चालू औरत है.
उसकी चूत तो तू कभी भी मार सकता है.
मैं मनीष से कहती हूँ की वो मोनिका को साथ ले आये.
मनीष ने जो मुझे चोदा था तो
मोनिका से जी भर के तू मेरा बदला ले लेना. दीदी मुस्कुराते हुए बोली
मोनिका के कड़क बदन की बात सुनते ही मेरे लंड ने एक झटका खाया.
मैंने खुशी से दीदी को बिस्तर पर पटक दिया
और उसके होंठ चूसने लगा.
दीदी भी मस्ती में आ गई और मेरा साथ देने लगी.
मेरा लण्ड तो लोहे जैसा सख़्त हो गया था.
एक तो ऐसी क़ातिल जवानी पास में हो
और दूसरी चूत मिलने की ख़ुशी...
लंड तो लोहा अपने आप ही बन जायेगा.
दीदी- अरे मोनू, ये तुम्हारे लौड़े को क्या हो गया..
कैसे झटके खा रहा है.. लगता है इसको
मोनिका बहुत पसंद है
जो उसका नाम सुन एक दम तन गया है.
मोनू- अरे दीदी इसको सारी बहनों से प्यार है पर
अभी तो इसको तुम्हारी मुलायम गाण्ड का मज़ा मिलने वाला है
इसीलिए उछल रहा है.
दीदी- ठीक है बाबा मिलेगा..
मोनू- अरे यार ये बात हुई न