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bhai, kahani pasand nahi hain to mat padho naa...kisine force to nahi kiya hain...इतना direct और इतनी जल्दी नहीं होता सब, माँ ऐसे मान जाए, कल्पना की बात है, writer कुछ भी लिख सकता है, उसकी सोच इतनी छोटी है इससे ज्यादा वो सोच नहीं नहीं सकता है, जल्दी जल्दी और आसानी से सब को नीचे ले आओ, औरतों का अपना मन कुछ नहीं ह कोई इज़्ज़त और स्वाभिमान नहीं उनका, तैयार बैठी है, ये आवाज़ दे और वो इसके नीचे,,
वाह लेखक वाह, क्या कहानी है, सब आपके खुद के अनुसार,,,
Good going very hotbhai, kahani pasand nahi hain to mat padho naa...kisine force to nahi kiya hain...
bahut saare readers hain jinko yeh story pasand hain..unko maja lene do..and you can read next story pls...
Writer ne man mein jaisa story socha hain, waise hi likhna chahiye..agar tumko pasand nahi hain to no issues..simply dont read it.