भाग दो
हम सब लोग करीब आधे घण्टे के सफर के बाद होटल आ गए जो कि हमारे शहर का सबसे अच्छा होटल है वंहा पर आने के बाद सभी लोगो ने अपनी पसन्द के हिसाब से ऑर्डर दे दिया कुछ ही समय मे हम लोगो का दिया हुआ ऑर्डर आ गया । अभी हम लोग खाना खा ही रहे थे कि तभी कुछ लड़के अन्दर आये और हम लोगो की तरफ देखते हुए आपस मे बाते करने लगे । इधर हम सब लोग आपस मे हँसी मजाक करते हुए खाना खा रहे थे लेकिन सोनम की नजरें बार बार उन लड़कों की तरफ जा रही थी और वह उन सबको देख कर थोड़ा
सोनम दीदी - कोई बात नही है मैं तो बस ऐसे ही थोड़ा परेशान हु क्योंकि मेरी तबियत खराब है और कोई बात नही है । अब तू आराम से खाना खा और चिन्ता मत कर समझा।
अब चाहे वह जो बोले लेकिन मैंने खुद अपनी आंखों से देखा है कि जबसे वह लड़के आये है तबसे दीदी कुछ परेशानी में है और उनमे से एक लड़का लगातार इनको घूरे जा रहा था ।कुछ देर बाद सोनम दीदी वाशरूम की तरफ गयी हाथ धोने के लिये तो वह लड़का भी तेजी से उधर गया तो मैं भी अपनी जगह से उठा और उनके पीछे चल दिया अभी मैं वाशरूम तक पहुचा भी नही था कि तभी सोनम दीदी की गुस्से से भरी आवाज सुनाई दी मुझे जो वह बोल रही थी
सोनम दीदी - देख राहुल मैंने तुझसे बहुत बार बोला है कि मुझे तेरे में कोई इण्टरेस्ट नही है और तू मेरा पीछा करना छोड़ दे समझा और अब तू मेरा हाथ छोड़ जाने दे मुझे यंहा पर मेरा पूरा परिवार है इसलिए मैं कोई तमाशा नही करना चाहती हु।
सोनम दीदी की बात सुनकर राहुल की गुस्से में आवाज सुनाई दी मुझे
राहुल - तुझे आज तक मैं प्रेम से समझा रहा हु तो तुझे मेरी बात समझ मे नही आती है क्या ।तू यह बात अच्छी तरह से जानती है कि तू मेरे अलावा किसी और कि नही हो सकती है ।पूरे कालेज में तुझे अकेला कर दूंगा मैं बात करने को तरस जाएगी और कोई भी तेरे पास नही आएगा और अगर फिर भी नही मानी तो फिर क्या होगा वह तो तू सोच भी नही सकती है।
अभी वह इसके आगे कुछ बोलता इसके पहले मैं उन लोगो के पास पहुच गया और राहुल को नजरअंदाज करते हुए सोनम दीदी से बोला
मैं - दीदी आप कबसे यंहा पर है आपका सब लोग वंहा पर इन्तजार कर रहे है चलिए जल्दी से वरना लेट हो जाएंगे।
मेरी बात सुनकर दीदी पहले तो चौक उठी फिर मुझे देख कर वह खुश हो गयी पर तभी राहुल की आवाज फिर से सुनाई दी मुझे
राहुल - अबे कौन है रे तू और तेरी हिम्मत कैसे हुई यंहा पर आने की देख नही रहा है हम आपस मे बाते कर रहे है।
उसकी बात सुनकर मैं कुछ बोला नहीं बस दीदी का हाथ पकड़ा और वंहा से जाने लगा तो वह मेरे आगे खड़ा हो गया और गुस्से में बोला
राहुल - तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरी सोनम की हाथ पकड़ने की तू शायद जानता नही है कि मैं कौन हूं और मैं क्या कर सकता हूं।
उसकी बातो से अब मुझे भी गुस्सा आने लगा था तो मैं बोला
मैं - देख तू चाहे जो कोई भी हो मुझे उससे कोई मतलब नही है और रही बात कि मैं कौन हूं तो तेरे लिए बस इतना जान लेना बहुत है कि यह मेरी बहन है और अगर आज के बाद तू इनके आस पास भी दिखा तो मैं तेरा वह हाल करूँगा जो तू सोच भी नही सकता है।
इतना बोल कर मैं दीदी का हाथ पकड़ा और हम लोग वापस आ गए ।पूरे वक्त तक सोनम दीदी बिल्कुल ही ख़ामोश रही और कुछ भी नही बोल रही थी ।इसके बाद कुछ खास नही हुआ हम सभी लोग आपस मे हँसी मजाक करते हुए खाना खाने लगे और जल्द ही सब लोग फ्री हो गए तो हम सब जैसे आये थे वैसे ही घर वापस आ गए पर इस पूरे वक़्त में सोनम दीदी ने एक बात भी नही बोली थी ।इधर जबसे हम दोनों लोग वाशरूम से वापस आये थे तबसे ही भाभी की नजर हम लोगो पर बनी हुई थी और जैसे ही हम लोग घर पहुँचे तो भाभी मेरे से बोली
भाभी - देवर जी थोड़ा मेरे साथ आये मुझे आपसे कुछ बात करनी है और हा आप भी सोनम ।
उनकी बात सुनकर हम दोनो चौक गए ।वैसे तो इन्होंने यह बात बहुत धीरे बोली थी लेकिन इसके बाद भी नीलम दीदी ने सुन लिया तो वह भाभी से बोली
नीलम दीदी - ऐसी कौन सी बात है भाभी जो आपको इन लोगो से अकेले में बात करनी है क्या हम इतने पराये हो गए है।
अब दीदी ने यह बात कुछ इस अंदाज में बोली कि हम तीनों लोग हँसे बिना नही रहे तो फिर कुछ सोचते हुए भाभी बोलती है
भाभी - ठीक है आप चले हमारे साथ आपके होने से हमको भी आसानी होगी इन दोनों से बात करने में।
अब भाभी ने यह बात गम्भीर आवाज में बोली तो यह सुनकर नीलम दीदी एकदम से शांत हो गयी और फिर बोली
नीलम दीदी - क्या बात है भाभी आप कुछ परेशानी में दिखाई दे रही है ।
भाभी - हा बस कुछ ऐसा ही समझ लीजिए पर बात क्या है यह तो मैं आपको अभी नही बता सकती हूं और(मुझसे और सोनम दीदी से) आप दोनों लोग तुरन्त मेरे कमरे में आये ।
इस पूरे समय सोनम दीदी ने कुछ भी नही बोली बस शान्ति से हम लोगो को ही देख रही थी ।इसके बाद वह और नीलम दीदी आपस मे बातें करते हुए भाभी के पीछे चल दिए। अभी मैं उन लोगो के पीछे जा पाता उसके पहले ही माँ मिल गयी और मेरे पास आते हुए बोलती है
माँ - बेटा आज तूने मेरा दिल खुश कर दिया।मैं तुझे बता नही सकती हूं कि आज मैं कितना खुश हूं पर मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि तू थोड़ा परेशान है।
मैं - नही माँ ऐसी कोई खास वजह नही है वह मैं सोच रहा था कि अब तो कल स्कूल जाने के बाद पता नही क्या होगा जिसके लिए इतनी मेहनत की है वह मिलेगा या नही।
मेरी बात सुनकर माँ अपने सर पर हाथ मारते हुए बोलती है कि
माँ - मैं भी ना क्या बताने आयी थी और कौन सी बात लेकर बैठ गयी । वह आज तेरे स्कूल से तेरे प्रिंसिपल आये हुए थे हम लोगो के जाने के बाद और तेरे पापा से बोले है कि तूने और रूही ने पूरे स्कूल का नाम रोशन किया इसकी वजह से तुम दोनों को ही आगे की पढ़ाई के लिए सरकार और स्कूल दोनो की तरफ से स्कॉलरशिप मिल रही है। तूने पूरे स्टेट में टॉप किया है तो तुझे सरकार की तरफ से पूरे स्टेट में किसी भी कालेज में पूरी पढ़ाई का खर्च सरकार उठायेगी और रूही को स्कूल मैनेजमेंट की तरफ से अपने सिटी के बेस्ट कालेज में पढ़ाई फ्री होगी पूरी तरह से।
माँ की बात सुनकर मैं बहुत खुश हुआ क्यूंकि यह पूरी मेहनत मैने इसके लिए ही किया था ताकि मुझे स्कॉलरशिप मिल सके और मैं अपना पूरा पढ़ाई का खर्च खुद निकाल सकू ताकि परिवार पर बोझ थोड़ा कम हो। अब चाहे जो हो पर मिडिलक्लास फैमली से हु तो यह पैसे बचाने की आदत तो लग ही जाती है और वहीं भाभी जो काफी देर से मेरा इन्तजार कर रही थी मेरे नही आने पर मुझे खोजते हुए बाहर आई तो देखा कि मैं माँ से बाते कर रहा हूं तो वह हम लोगो के पास आकर खड़ी हो गई और हमारी बाते सुनने लगी । जब उन्होंने पूरी बात सुनी तो वह भी बहुत खुश हुई और फिर कुछ देर तक मैं माँ से बात करता रहा और इसके बाद मा वापस चली गयी तो भाभी मेरे को लेकर अपने कमरे में आ गयी जंहा पर सोनम दीदी और नीलम दीदी दोनो ही दरवाजे की तरफ ही देख रही थी तो हम लोगो के अन्दर आते ही भाभी बोली
भाभी - हॉ तो अब आप दोनों लोग बताएंगे कि वंहा पर क्या हुआ था और हां झूठ बिल्कुल भी नही बोलना ।
भाभी की बात सुनकर सोनम दीदी ने एक लम्बी सांस लिया और फिर बोली
सोनम दीदी - अब भाभी आप तो जानती ही है मैंने आपको पहले भी बताया था ना उस लड़के के बारे में वह आज भी वंहा पर आया हुआ था
सोनम दीदी की बात को बीच मे काटते हुए बोली
भाभी - वह सब मैंने देखा है आप केवल इतना बताओ कि वाशरूम में जाने के बाद वंहा पर क्या हुआ जिसकी वजह से आप इतना परेशान हो।
उनकी बात का जवाब देते हुए नीलम दीदी बोली
नीलम दीदी - अब भाभी आप तो जानती ही हो कि वह यंहा के मंत्री का बेटा है जिसकी वजह से वह किसी से डरता नही है एक बार पहले एक लड़के ने सोनम से बात करने की कोशिश की थी तो अगले दिन वह हॉस्पिटल में मिला था और अब सोनम को इसी बात का डर है कि कंही वह रोहन के साथ गुस्से में कुछ ऐसा ना कर दे क्यूंकि उसका तो पुलिस भी कुछ नहीं कर सकती है।
यह सुनकर भाभी मेरी तरफ देखते हुए एक बार हल्का सा मुस्कुराई और फिर सोनम दीदी से बोली
भाभी - सबसे पहले तो तुम यह डरना बन्द करो और मुझे बताओ कि वंहा पर आखिर हुआ क्या था।
भाभी की बात सुनकर सोनम दीदी ने एक लम्बी सांस ली और वंहा पर जो भी हुआ वह सब बात बता दिया और फिर बोली
सोनम दीदी - भाभी यह पहली बार नही हुआ कि जब उसने मेरा हाथ पकड़ा हो या कुछ ऐसा किया हो। यह तो जबसे मैं कालेज जाना सुरु की हु तबसे वह मेरे पीछे पड़ा हुआ है ।अगर कालेज में गलती से किसी लड़के ने मेरे से बात कर ली या टच हो गया तो यह उसका बहुत बुरा हाल कर देता है पूरा साइको है वह बस इसी बात को लेकर मैं डर रही हूं।।
भाभी - आखिर उसके बाप का नाम क्या है जो कि वह इतना ज्यादा उड़ रहा है।
सोनम - मंत्री बिजेंद्र पाल नाम है जो कि पहले एक माफिया था और अब राजनेता बन गया है और मंत्री बनने के बाद तो अब वह पहले से भी ज्यादा ख़तरनाक हो गया है और उसका बेटा राहुल उसके ही नक्से पर चल रहा है।