Another great update Enigma Bhai, everyone thinks that he is working or doing as he wishes. They think it is their game, can play and use old tactics, can make gameplan, but they do not know that they are just a part or mayor pawns of chess and Arjun is the grandmaster of this game . भाई विनोद व उसके जीजा के बारे में क्या ही कहूँ एक मूर्ख दुसरे मूर्ख को समझा रहा है और दुसरा समझ भी गया। पहला अपने को चाणक्य समझ रहा है दुसरा अपने को दारा सिंह । साले दोनों का पिछवाङा playground बनने वाला है। भाई कबीरदासजी की कहावत है कि
कोयला भी हो उजला, जरि-जरि हैं सेव
मूरख होय न ऊजला, ज्यों कालर का खेत
कि कोयला भी उजला हो जाता है जब भली भांति जल कर उसमें सफदी आ जाती है. परन्तु मूरख का सुधारना उसी प्रकार नहीं होता जैसे बंजर खेत में बीज नहीं उगते।
Enigma भाई आज भी आपने हमे उत्सुक ही छोड़ दिया
कोयला भी हो उजला, जरि-जरि हैं सेव
मूरख होय न ऊजला, ज्यों कालर का खेत
कि कोयला भी उजला हो जाता है जब भली भांति जल कर उसमें सफदी आ जाती है. परन्तु मूरख का सुधारना उसी प्रकार नहीं होता जैसे बंजर खेत में बीज नहीं उगते।
Enigma भाई आज भी आपने हमे उत्सुक ही छोड़ दिया