अपडेट – 6
जिंदगी में बहुत सारी बुरी बात होती है लेकिन उसके साथ अच्छी बात भी होती है बस आप को समझने की जरूरत होती है।।अभी को भी यही समझना था।अरिंदम भईया के साथ रूम शेयर करना मेरे लिए अच्छी बात ही थी।जो मुझे बाद में समझ आई की अगर वो नही होते तो मेरी जिंदगी में बहुत कुछ बहुत बाद में सीखता या पता चलता।
पूजा से फोन पे ही बात होती थी।मेरा रोज का ही रूटीन था की शाम को एक बार उससे बात हो जाती थी।और हफ्ते में रविवार के दिन उससे मिलना हो जाता था।उसका ड्रेसिंग करना और भी सेक्सी हो गया था।ऐसा नहीं था की पहले वो ऐसा नहीं पहनती थी लेकिन दिल्ली आने के बाद से उसमे बहुत बदलाव आ गया था।हम हर सन्डे को ही मिलते और खाना साथ खा कर,घूम फिर कर अपने अपने रूम पर चले जाते थे।
कभी कभी उसकी फ्रेंड सिमरन भी साथ होती थी।लेकिन एक दिन उनके साथ दो लड़के भी आए डिनर पर,,पहला जिसका नाम रोहित था और दुसरे का नाम साहिल खान था।साहिल और रोहित सिमरन के स्कूल फ्रेंड्स थे जिसमे की साहिल सिमरन के ही मुहल्ले या घर के पास का ही था।ये सब उन्होंने ने मुझे मतलब साहिल ने बताया।खाना खा कर जब हम सब बाहर आए तो पूजा ने मुझसे कहा की वो आज एक पार्टी में जा रही है सिमरन के साथ और सुबह में हॉस्टल आ जायेगी।मैने उससे पूछा की पार्टी किसकी है तो सिमरन ने जवाब दिया की ये पार्टी रोहित की तरफ से है।
क्योंकि पिछले हफ्ते रोहित का बर्थडे था तो ये उसकी तरफ से है।मैने उससे पूछा की पार्टी कहां पर है तो उसने बताया की पार्टी साहिल के फ्लैट पर है।मैने कहा ठीक है कोई नही मजे करो लेकिन स्टडी पर भी ध्यान देना।उसने ओके बोला और हम सब अपने अपने रास्ते हो लिए।मुझे कुछ अजीब तो लगा था पर पूजा पर भरोसा था की वो कभी भी कोई ऐसा काम नही करेगी की जिससे मेरा और उसका रिश्ता खतरे में आ जाए।लेकिन ये मेरी भूल थी क्योंकि जब इंसान अपने जमीर को मार देता है तो उसे गलत सही से कोई मतलब नहीं होता है और यही पूजा भी कर रही थी।
हमको यहां आए हुए 6 महीने हो गए थे और मम्मी भी कई बार कह चुकी थी की एक दो दिन के लिए घर आ जा तुझे देखने का बहुत मन हो रहा है।तो मैंने उनसे बोल दिया की इस सन्डे को आप लोग के साथ टाइम स्पेंड करूंगा।लेकिन ये बात पूजा को नही बता पाया क्योंकि हमारी बात ही आज कल थोड़ा कम ही हो रही थी।मैं तो उससे बात करना चाहता था पर वो कुछ न कुछ बहाना बता कर जल्दी ही फोन काट देती थी।मैं भी इस चीज को दिल पर नही लेता था।सैटरडे को ही मुझे निकलना था तो मैंने सोचा पूजा को जाते हुए उसके हॉस्टल पर मिल लूंगा और उसे बता भी दूंगा।मैं शाम को करीब 4 के आस पास उसके हॉस्टल पहुंचा और उसको कॉल की लेकिन उसका मोबाइल बंद आ रहा था।क्योंकि मैं उसको अक्सर रात को ही कॉल करता था तो शायद इसलिए उसने बंद रखा हो ये सोच कर में हॉस्टल के अंदर चला गया।
क्योंकि कॉलेज उस टाइम तक बंद हो जाता था तो उसको रूम पर ही रहना था।जब में हॉस्टल के ऑफिस गया तो वहां पर एक औरत काम कर रही थी।मैने उनको नमस्ते किया तो उन्होंने फाइल को साइड में रख कर मुझसे वहां आने की वजह पूछी तो मैने उन्हें पूजा से मिलने के लिए आया हूं बताया तो उन्होंने मुझसे पूछा की यहां तो तीन पूजा हैं आप को किसी मिलना है।मैने उनको बताया की इससे ज्यादा तो मैं कुछ और नहीं बता सकता आप को क्योंकि उसका रूम नंबर भी नही पता था।तब उन्होंने मुझसे पूछा की उसके पिता का नाम जानते हो तुम तो मैने कहा नही लेकिन मम्मी का नाम ममता है।उन्होंने ठीक है बोला और एक फाइल उठा कर देखने लगी फिर उन्होंने उस फाइल में लगी मुझे पूजा की पिक दिखा कर पूछा की क्या यही है वो जिससे तुम मिलने आए हो।मैने उसकी पिक देखा तो वो पूजा की ही थी तब मैने कहा हां मैडम यही है वो।तब उन्होंने फाइल को गौर से देखा और मुझे भी फिर फाइल को मेरे सामने रख दिया।
और मुझसे बोली की तुम दोस्त हो उसके और तुमको पता नही की उसने 5 महीने पहले ही हॉस्टल छोड़ दिया है।मुझे तो ये सुन कर बहुत ही ज्यादा अचंभा हुआ की ये क्या बात हुई।उन्होंने मुझे फाइल देखने को कहा जब मैने फाइल को सही से देखा तो उसमे 5 महीने पहले की तारीख पर हॉस्टल रिलीज कर दिया था और कारण दिया था की उसके मामा के दोस्त के घर पर उसके रहने का इंतजाम हो गया है।
मैं तो सदमे में था लेकिन मैने मैडम को जाहिर नही होने दिया और उनको धन्यवाद कह कर वहां से निकल गया।मुझे ये समझ नही आया था की पूजा ने मुझसे झूठ क्यों बोला।वो मुझे बता सकती थी और वो तो कहती है की यहां वो नई है फिर ये सब क्या है।मुझे बहुत ही हैरानी हुई ये जानकर, पर उस टाइम मुझे ट्रेन पकड़नी थी तो मैं स्टेशन निकल गया।पूरे रास्ते में सारे अगर मगर सोचता रहा।मैने सोचा नहीं था की ये मेरे साथ होगा लेकिन ये हो गया था।पूजा ने मुझे धोका दिया था।अब मुझे उसकी हर बात पर शक होने लगा था,,इसलिए जब भी मैं उसके हॉस्टल आने की बात करता तो वो मुझे हॉस्टल न आ कर कही और ही बुला लेती थी।लेकिन अगर वो मुझे बता देती तो क्या मैं उसको मना कर देता,, लेकिन हो सकता है की वो जहां बता कर गई है, वहां न गई हो,,कहीं और ही रह रही हो लेकिन कहां?
ऐसे बहुत से सवाल थे जो मुझे परेशान कर रहे थे लेकिन किसी का भी जवाब मेरे पास नही था,,,था तो सिर्फ पूजा के पास।मैं यही सोचते हुए स्टेशन पहुंचा और वहां से घर के लिए निकल गया।जब मैं ट्रेन में बैठा तो मैने सोच लिया था की क्या करना है अब।।।
मैने सोच लिया था की देखते हैं कब तक पूजा मुझसे झूठ बोलती है,,,,और सारा सच क्या है उसको कैसे पता करना है उसके लिए मुझे ठंडे दिमाग से सोचना होगा।।
अपडेट देर से देने के लिए माफी चाहता हूं दोस्तों।।अपना और अपनो का खूब खयाल रखें।जल्द ही मिलते हैं नए अपडेट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।।।।