पहला भाग।
करन और ज्योति दोनों भाई बहन हैं जिनकी माँ बचपन में ही गुजर जाती है तो उनका बाप दूसरी शादी कर लेता है, लेकिन सौतेली माँ सौतेली ही होती है। उसने दोनों से कभी कोई मतलब नहीं रखा और शादी के बाद बाप के लिए भी इन दोनों का होना या न होना एक जैसा ही था।
दोनों को सुबह कॉलेज जाना होता है तो करन उठकर ज्योति को उठाता है और खुद बाथरूम में चल जाता है। बाथरूम से आने के बाद देखता है कि ज्योति फिर से सो गई है। करन ने ज्योति को अपनी बाहों में उठाकर बाथटब में फेंक दिया। और दोनों एक दूसरे पर पानी उछालने लगे।
उसके बाद तैयार होकर नाश्ता करने के बाद दोनों कॉलेज के लिए निकल जाते हैं। वहां से लौटने के बाद उन्हें पता चलता है कि आज उनकी सौतेली माँ का जन्मदिन है।
शुरुआत काफ़ी अच्छी है। देखते हैं आगे क्या होता है।
करन और ज्योति दोनों भाई बहन हैं जिनकी माँ बचपन में ही गुजर जाती है तो उनका बाप दूसरी शादी कर लेता है, लेकिन सौतेली माँ सौतेली ही होती है। उसने दोनों से कभी कोई मतलब नहीं रखा और शादी के बाद बाप के लिए भी इन दोनों का होना या न होना एक जैसा ही था।
दोनों को सुबह कॉलेज जाना होता है तो करन उठकर ज्योति को उठाता है और खुद बाथरूम में चल जाता है। बाथरूम से आने के बाद देखता है कि ज्योति फिर से सो गई है। करन ने ज्योति को अपनी बाहों में उठाकर बाथटब में फेंक दिया। और दोनों एक दूसरे पर पानी उछालने लगे।
उसके बाद तैयार होकर नाश्ता करने के बाद दोनों कॉलेज के लिए निकल जाते हैं। वहां से लौटने के बाद उन्हें पता चलता है कि आज उनकी सौतेली माँ का जन्मदिन है।
शुरुआत काफ़ी अच्छी है। देखते हैं आगे क्या होता है।