Awesome,,,,,,
कहानी बहुत अच्छी तरह चल रही है,,,,
लेकिन एक बात बहुत खटक रही है कि आप "रिचा" को "राज" के जिंदगी में वापस ला रहे हो,,,,
"रिचा" किसी भी तरह कहानी में नाईका के किरदार के लिए पात्र नहीं लगती
दौलत के घमंड की बात छोड़ भी दें,,,,,,
"रिचा" के चरित्र पर सवाल उठाते हैं,,,,
"रिचा" को कीर्ति के बारे में पता चलने के पहले से ही छुट्टियों की ट्रिप पर अपने अमीर दोस्त (नाम याद नहीं आ रहा),, के साथ चुम्मा - चाटी,,
कर रही थी,,,,,,
रिचा ने उस दोस्त को हमेशा से ही "राज" के ऑप्शन में रखा था इस हिसाब से भी राज रिचा के लिए एक ऑप्शन ही रहा है
फिर जब राज ने भरोसे की परीक्षा ली तब भी रिचा उसमे बुरी तरह फैल रही और राज के सामने ही अपने उस अमीर दोस्त को "I LOVE YOU " बोल कर उसके साथ चली गई,,,,,,
और इतने से उसका मन नहीं भरा तो स्कूल के रिजल्ट के दिन सब लोगो के सामने अपने बाप के साथ मिल कर राज को , उसके माता - पिता को, उसके खानदान को गालियां तक बक दी,,,,,,
बुड्ढे जगमल दादा को क्या चूल मची है कि राज के जिंदगी में वापस जबरदस्ती लड़किया घुसेड़ रहा है दिव्या के सामने रिचा की ऐसी बढ़ाई कर रहा है की रिचा ने सब कुछ दाव पर लगा कर राज के मां का सपना पूरा कर दिया है,,,,
वाह मतलब बाकचोदी की भी हद होती हैं,,,,,
ये कोण सा प्रायचित है भला की "रिचा" ने अपनी सारी दौलत लगा कर राज की मां का सपना पूरा किया,,,
अरे जिस दौलत पर वोह उड़ रही थी वोह भी तो राज के पिता सहदेव की मेहरबानी ही तो है,,,,
इसमें रिचा की बढ़ाई क्यों?????
अगर इस तरह "रिचा" राज के परिवार वालों के द्वारा राज से जुड़ जाए तो भी रिचा के लिए यह एक "win-win situation" हैं क्यू कि रिचा अगर राज के जिंदगी से जुड़ती है तो राज के संपत्ति का एक छोटा सा हिस्सा भी उसके खर्च की गई संपत्ति से कई गुना अधिक होगा,,,,,,
अगर राज के दिल में अपने माता पिता के प्रति जरा सी भी इज्जत है तो वह रिचा को कभी नहीं अपनाएगा,,,,
वही "पूनम" को ही देख लीजिए जिंदगी में "राज" से सिर्फ दूसरी बार मुलाकात हुई फिर भी राज के लिए अपनी जान देने से भी नही हिचकिचाई "पूनम" के सामने रिचा का प्यार तो "टट्टी" लग रहा है
"One's a cheater always a cheater "
रिचा राज को धोका दे रही थी फिर भी राज ने उसको कुछ नहीं कहा था
और राज ने आखरी मुलाकात में रिचा से फिर कोई वास्ता ना रखने की कसम खाई थी सिर्फ पहले प्यार की तर्ज पर राज की जिंदगी में वापस आना जच नही रहा,,,,
सहदेव और विद्या की मेहरबानी पर जी रही "रिचा" ने उनको और उनके खून को गालियां दी अगर राज उसे अपनाता है तो राज का अपने माता पिता के प्रति अपमान ही होगा,,,,,,
जिस प्रकार "रिचा" ने दूसरा ऑप्शन चुना था उस प्रकार "राज" के पास रिचा से कई गुना अधिक अच्छे ऑप्शन है वोह भी बहुत सारे,,,,,,