• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest Randi maa aur behne

tpk

Well-Known Member
12,757
17,218
228
good one
 

Aditya 09

New Member
99
219
33
शादी के बाद समाज के सामने मैं और मेरी रांड मम्मी प्रभा पति-पत्नी थे और शीतल मेरी साली… लेकिन हक़ीक़त में मेरी छोटी बहन शीतल ने कसम दी थी कि इस साली रंडी प्रभा को एक रखैल से ज्यादा मत समझना और इसका जिस्म बेच के पैसे कमाना और मम्मी की कोख में बच्चा देखना चाहती थी मेरी बहन!

पिछले कहानी मेरी और मेरी मम्मी को कैसे कैसे मैंने उस रांड को पटक पटक के चोदा जिसे देख के मेरी बहन शीतल की भी चूत गीली हो गई थी!

करीब हफ्ते भर तक शीतल ने मम्मी को खूब चुदवाया मुझसे दिन रात! पेट भर के अपनी छिनाल मम्मी को चोदने के बाद शीतल और मैंने अब मम्मी को बाज़ारू औरत/रंडी के तौर पे ले जाने का सोचा ताकि उसका जिस्म बेच के कुछ पैसे भी आते रहे हमारे पास!

पर बाहर वालों से तो हमेशा कंडोम लगवा के ही चुदना था मम्मी को… बस एक मैं ही उसे बिना कंडोम दिन में कम से कम 3 बार चोदता था.
पर शीतल ने कहा- पहले मम्मी को पेट भर और चोदा जायेगा. एक बच्चा हो जायेगा उसके बाद इसे फुल टाइम रंडी बना देंगे.
मैंने भी हामी भर दी और यही फाइनल हो गया!

अब मम्मी और शीतल दोनों बहुत ही ज्यादा सेक्सी कपड़े पहनने लगे थे और मम्मी को कभी भी मैं चोदने लगता था जब मेरा या शीतल का मन करता! शीतल ने 8 इंच का डिलडो मंगवा लिया था जिससे वो मम्मी की गांड और चूत मारती थी!

एक बार हम सबने बाहर घूमने का प्लान किया तो सब लोग तैयार होने लगे! शीतल ने जीन्स और टॉप पहन लिया. तभी मम्मी सूट पहन के कमरे से बाहर आयी, उसे देखते ही शीतल बहुत गुस्सा हो गयी और बोली- साली रंडी प्रभा, मैंने इतना टाइट जीन्स पहना है और और तू साली पूरा बदन ढक के चलेगी? मेरे भाई की कुछ तो इज़्ज़त रख साली! पत्नी है तू इसकी… आधी से ज्यादा नंगी चल… ताकि लोग देखें तो सोचें कि क्या मस्त बीवी है इसकी!

इतना कहते ही शीतल ने प्रभा के सूट को गले से पकड़ा और फाड़ दिया! और उसे एक हल्के कपड़े वाली ढीली स्कर्ट दी जो हवा से उड़े और ऊपर का टॉप एक बनियान जैसा दिया.
प्रभा ने फटाफट ये कपड़े पहन लिए! ब्रा या पैंटी दोनों ही शीतल ने मम्मी को नहीं पहनने दिए.
उल्टा शीतल ने मुझे कहा कि मैं उसकी (शीतल की) पैंटी पहनूँ, वो हल्का रहेगा और कहीं जगह मिली तो प्रभा को बाहर ही चोदने में आसानी होगी!

मैंने शीतल की गुलाबी वाली पैंटी पहन ली, वो वाकयी में बहुत हल्की थी!
और फिर हम सबने कैब बुलाई और चिड़ियाघर के लिए निकल गए!

चिड़ियाघर पहुंच कर हमने टिकट लिया और अंदर घूमने लगे, बीच बीच में हल्की हवा से मम्मी की स्कर्ट उड़ने लगती थी जिससे उसकी गोल-गोल गांड दिख रही थी, मम्मी की गांड देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और पानी छोड़ने लगा.
मैंने शीतल से कहा- चोदने का मन कर रहा है!
तो शीतल ने कहा- आगे जंगल की तरफ झाड़ियों में चलते हैं!

हम लोग झाड़ियों में पहुंच गए, वहां कुछ कपल पहले से चुदाई में मगन थे, ये सब देख के शीतल भी गर्म हो गयी, शीतल तुरंत घुटनों पर बैठ गयी और मेरा लंड बाहर निकाल के चूसने लगी.
इस बीच मम्मी मुझसे चिपक गयी, मैंने उसकी गांड दबोच ली और मसलने लगा और साथ में उसे किस भी करने लगा!

शीतल ने मम्मी को कहा- बाथरूम चल, मैं जीन्स खोल के तेरी स्कर्ट पहनूंगी अभी, मुझे चुदना है भाई से अभी!
मम्मी और बहन दोनों बाथरूम गई, उधर से शीतल मम्मी की स्कर्ट पहन कर आयी और मम्मी ने शीतल का दिया हुआ एक छोटा हॉट पैंट दिया जो शीतल पर्स में लेकर आयी थी!

शीतल मुझसे लिपट गयी और मेरा लंड पकड़ के अपनी चूत में घुसा लिया और बोली- भाई, हल्का ही चोदना! और जब गिरने वाला हो तो मम्मी के हॉट पैंट के अंदर गिराना जो उसने पहना है! थोड़ी देर चोदने के बाद जैसे ही मेरा गिरने वाला हुआ, मैंने लंड मम्मी की हॉट पैंट पे डाल दिया जिससे सारा माल उसकी चूत पे गिर गया और हॉट पैंट सफ़ेद थी तो वो दूर से ही गीली नज़र आ रही थी!

अब वापस से शीतल ने अपनी जीन्स पहन ली और हम घर की तरफ निकले, बाहर ही खाना खा लिया और इसी सब घूमने फिरने में घर आते आते 10 बजे गए.
हम बहुत थक गए थे तो तुरंत ही सो गए!

अगले दिन सुबह 8 बजे मेरी नींद खुली, मम्मी सो रही थी पलंग पे वही हॉट पैंट पहने हुए और शीतल मेरे साथ सोफे पे ही सोई थी. तो वो भी उठ गयी और मुझे किस किया. मैंने शीतल को अपनी जांघों पे बैठा लिया और टीवी देखने लगा.
भी मम्मी भी उठी और चाय बनाने किचन में गयी!

मम्मी को देख के शीतल ने कहा- भैया, साली की गांड देख रहे हो? मन हो रहा कि मारू अभी सुबह सुबह ही!
मैंने कहा- जा मार ले!
उसने कहा- ठीक है… लेकिन तुम भी पेलना!
मैंने कहा- ठीक है!

फिर उसने प्रभा को आवाज़ लगायी- ए रंडी, नंगी होकर चाय बना… हम चोदने आ रहे हैं तुझे!
प्रभा ने कहा- मैं वायग्रा खा लेती हूँ, ज्यादा जोश आएगा तो तुम लोगों को भी अच्छा मज़ा दूंगी.
मैंने कहा- ठीक है, बिस्कुट खा के दवा खा ले!

प्रभा बिस्कुट लेकर आयी, मैंने कहा- रुक जा छिनाल, ऐसे नहीं खायेगी, आज से तू खाना या अब जो भी खायेगी, मेरी बहन शीतल की चूत पे उसे मैं रखूँगा और तू उसकी चूत से चाट के खायेगी!
इतना कह कर मैंने शीतल को कहा- बहन, नंगी होकरमेरे लंड को अपनी गांड में लेकर पैर फैला के बैठ जा!

मैंने अपने कपड़े उतारे और शीतल ने मेरा लंड पकड़ा और अपनी कसी हुई गांड में पूरा ले लिया और बैठ गयी पैर फैला के!

अब मैंने बिस्कुट को चूर-चूर किया और शीतल की चूत पे गिरा दिया थोड़ा थोड़ा कर के और प्रभा को कहा- आ जा रंडी, चाट बिस्कुट अपनी बेटी की चूत पर से!
प्रभा कुतिया की तरह चाटने लगी शीतल की चूत… लगभग 1 पैकेट बिस्कुट चटवाया हमने, शीतल उसके बाल पकड़ के बढ़िया से चटवा रही थी अपनी चूत!

हमें भूख भी लग गयी थी, मैंने फोन पे खाना आर्डर कर दिया था, वो भी लेकर आ गया तो मम्मी चादर ओढ़ के खाना ले आयी!
अब मम्मी ने वियाग्रा भी खा ली थी और 10 मिनट में उसने असर दिखाना शुरू कर दिया था!

मेरे लंड ने शीतल की गांड में ही अपना पानी छोड़ दिया था तो शीतल उठ के बैठ गयी मेरी जांघों पर!

नाश्ते में सैंडविच था, मैंने कहा- अब मैं तुम दोनों माँ-बेटी की चूत पर सैंडविच चूर-चूर कर के खाऊंगा, तुम लोगों की चूत की पानी में मिक्स होकर सैंडविच में और टेस्ट आएगा!

अब दोनों माँ बेटी सोफे पे टांगें फैला कर बैठ गयी और चूर कर के सैंडविच डालने लगी जिसे मैंने चाटने लगा इससे दोनों जोर जोर से सिसकारी मारने लगी और एक दूसरे को लिप किस करने लग गयी, चूत दोनों की भीगी हुई थी और चुदवाने के लिए तड़प रही थी!

मेरा अभी अभी ही गिरा था तो मैंने कहा- अब तुम दोनों माँ बेटी मिल कर मेरा लंड चाटो सॉस डाल के… जिससे ये जल्दी दुबारा खड़ा हो और तुम लोगों की चुदाई शुरू करूँ!
अब वे दोनों अपने घुटनों पे बैठ गयी और मैं सोफे पे बैठा था, वे सॉस डाल दाल के मेरा लंड चूस रही थी.
बीच में शीतल ने कहा- प्रभा को थप्पड़ से मारो भैया… इसे तभी बढ़िया जोश आएगा!

मैंने कहा- यह साली तो मेरी रखैल है साली बदचलन औरत है ये, इसे तू ही मार!
इस पर शीतल ने कहा- भैया, तुम तो जानते हो कि जब मैं इसकी गांड मारती हूँ तभी इस साली को थप्पड़ मारने में मज़ा आता है मुझे!
मैंने कहा- ठीक है, जो दिल करे वो कर तू इसके साथ!

शीतल ने डिलडो पहन लिया और प्रभा की गांड में पेल दिया पूरा एक ही झटके में… प्रभा दर्द से चीखने लगी तो शीतल ने कस के उसके बाल पकड़े और पीठ में 4-5 थप्पड़ मारे और बोली- साली रंडी, इतने साल जिस तिस मर्द के साथ सोकर उनका बिस्तर गर्म करती रही, आज हम दोनों भाई-बहन तुझे चोद रहे है तो तेरी माँ याद आ रही है साली छिनाल की औलाद! कुत्ते के लंड से चुदावाऊँगी मैं तुझे… देखना तू!

इतने पे मैंने कहा- अबे शीतल, झटके मार के गांड पेल साली की… मेरा लौड़ा भी टाइट हो गया है, मैं इसकी चूत चोदता हूँ!

शीतल बोली- भैया, इसे गोदी में उठा लो अपना लंड घुसा के… ताकि इसकी गांड अच्छे से मार सकूँ मैं!
मैंने वही किया, प्रभा रंडी की चूत में अपना लंड पेला और गोद में उठा लिया गांड पकड़ के, पीछे से शीतल ने भी कस कस के गांड मारना शुरू कर दिया!

मम्मी कस कस के सिसकारी मार रही थी जिससे हमारा जोश और बढ़ रहा था. करीब 20 मिनट चोदने के बाद शीतल ने कहा- भैया, मेरी चूत से पानी टपक रहा है, कुछ करो मेरे साथ भी, इस साली को तो बहुत चोद लिया, अब मेरी जवानी की आग मिटा के मज़े लो भैया!

मैंने तुरंत मम्मी को नीचे पटका और शीतल को कहा- मम्मी के ऊपर चढ़ के तू मम्मी की चूत मार डिलडो से और पीछे से मैं तेरी चूत की आग ठंडी करता हूँ!
इस पर शीतल ने मम्मी को कहा- मेरी प्यारी पूजनीय रंडी मम्मी, गैर मर्दों से तो खूब चूत मरवाई है तूने, आ जा आज अपनी बेटी से चूत मरवा साली हराम की पैदाइश!
इस पर प्रभा ने कहा- आ ना मेरी रानी बेटी, मैं तो बस चुदवाने के लिए तरसती रहती हूँ. हकीकत में भले तू मेरी बेटी है लेकिन समाज के सामने मेरी बहन है अब तो मेरे पति की साली भी है सब रिश्ते नाते की माँ चोद दे बेटी, दुनिया में सिर्फ चोदना चुदना ही एकमात्र रिश्ता होता है!

शीतल प्रभा को नीचे लिटा कर उसके ऊपर चढ़ कर उसे किस कर के उसके बूबे दबाते हुए डिल्डो से उसकी चूत चोदने लगी और गन्दी गन्दी गाली देने लगी जिससे मम्मी का जोश और बढ़ रहा था और मैंने पीछे से शीतल की चूत में अपना लंड पेल दिया एक ही झटके में!

शीतल- ओह मेरे भाई, आज तो अपनी छोटी बहन की चूत फाड़ डालो भैया… बहुत जोश आ गया है.
प्रभा- मादरचोद आनन्द अपनी मम्मी को बीवी बनाया है, बच्चा टिका मादरचोद मेरी कोख में और अपनी बहन को बोल कि और कस के पेले मुझे!
मैंने कहा- साली रंडी प्रभा, तेरी कोख में ही गिराऊंगा आज… जब तक तू मेरे बच्चे की माँ बन जाए!

करीब आधे घंटे तक मैंने शीतल को चोदा इतने में शीतल का गर्म गर्म माल गिर गया, मैंने लंड निकाल लिया और शीतल को मम्मी के मुँह पे बैठ के चूत चटवाने को कहा.
शीतल प्रभा के मुँह पे बैठ गयी और प्रभा ने अपनी जीभ शीतल की चूत में घुसा दी और मैंने चढ़ के मम्मी को चोदने लगा कस कस के!
करीब 15 मिनट बाद मेरा गिरने वाला हुआ तो मैंने शीतल को कहा- बहन, मेरा गिरने वाला है!
शीतल ने तुरंत ही मुझे लिप किस किया और बोली- अंदर ही गिरा दो भैया मम्मी की चूत में, रोज़ अंदर ही गिराना इस साली के… जब तक इसकी कोख में तुम्हारा बच्चा नहीं टिक जाता. और बच्चा होने के बाद इसे रंडी बना देंगे और हम दोनों शादी कर लेंगे!

तभी मेरा फव्वारा प्रभा की चूत में बरस गया, पूरा माल मेरी माँ की चूत के अंदर!
और मैं उसी के ऊपर लेट गया!
शीतल भी मेरे बगल में लेट गयी और बोली- भाई, लंड बाहर मत निकलना, थोड़ी देर सो जाते है और फिर अंदर ही खड़ा करना, फिर आगे की चुदाई करेंगे!

इतना कहकर हम सब लेट गए पर मम्मी का अभी नहीं गिरा था, उसका जोश और बढ़ता जा रहा था, करीब आधे घंटे में हम सब उठ गए, लंड मम्मी की चूत से निकला तो मम्मी बोली- अरे मादरचोद, तू मेरा मर्द, मेरा पति है… साले मेरी आग बुझा… जवानी के मज़े ले साले हराम के पिल्ले!
इस पर मुझे भी हल्का जोश आया और मैंने कहा- साली तेरी माँ भी रंडी थी क्या कुतिया?

इस पर प्रभा ने कहा- साले, तुझे सच्चाई बताती हूँ आज!
तभी शीतल भी उठ गयी.

और प्रभा ने कहा- मेरा जन्म ही कोठे पे हुआ था, बहुत छोटी उम्र से चुदवा रही हूँ, मेरा जन्म ही एक रंडी के कोख से हुआ है और मुझे खुद नहीं पता मेरा बाप कौन है! फिर तुम लोगों का बाप आया और मुझे चोद के तुम दोनों को पैदा किया और फिर शादी कर ली लेकिन उससे पहले तीन और लोगों के बच्चे जन्मे हैं मैंने… तेरे बाप से शादी के पहले ही मैं तीन बार माँ बन चुकी थी जिनमें से एक बेटा और दो बेटियाँ हैं, वो तीनों तुम लोगों से बड़ी हैं, उनके बाप ही मुझे होटल में चोदने आते थे, अभी उन बच्चों को असलियत नहीं पता… वो तीनों तुम दोनों से बड़े हैं!

यह सुनते ही मेरा और शीतल का दिमाग घूम गया, शीतल ने साली प्रभा को लात से मारा उसकी गांड पे और बोली- साली, अब हम सब मिलकर तुझे चोदेंगे, उनके बाप का नंबर दे.
 
Last edited:

Aditya 09

New Member
99
219
33
Happy diwali to all

images
 
  • Like
Reactions: kamdev99008

Aditya 09

New Member
99
219
33
तो अब तक अपने देखा कि कैसे मुझे मेरी मम्मी के रंडी होने के पता चलने के बाद मैंने दूसरे शहर जाकर अपनी ही मम्मी से शादी कर ली और उसके बाद अपनी बहन शीतल और माँ प्रभा को पेलता हूँ. या यूँ कहें कि मैं और शीतल मिलकर मम्मी को चोदा करते हैं!

पिछली कहानी से आप लोगों को पता चला कि मेरी मम्मी ने अपना इतिहास बताया हमें कि उसका जन्म एक रंडीखाने में हुआ था क्यूंकि उसकी माँ एक रंडी थी और उसे खुद नहीं पता कि उस साली का बाप कौन है!

इसी बीच उसने 2 बेटियाँ और 1 बेटा जन्मा अपनी कोख से दूसरे मर्दों का और उसके बाद जब मेरा बाप कोठे पे गया तो इसकी सुंदरता पे मोहित होकर इससे शादी कर ली और फिर मेरा और मेरी बहन शीतल का जन्म हुआ!

अब आगे की कहानी:

जैसे ही प्रभा रंडी ने ये बताया शीतल और मैंने उन 3 बच्चों से मिलने की सोचा!
शीतल ने कहा- भैया, उन सबको भी अपने साथ शामिल किया जाए आखिर हम पांचों तो एक ही माँ के बच्चे हैं भले ही हमारे बाप अलग-अलग हैं! फिर और ज्यादा मज़ा आएगा तुम दो भाई और हम तीन बहनें और एक ये रंडी प्रभा!

मुझे भी अच्छा लगा, मैंने मम्मी से सबका नंबर और पता पूछा, शीतल ने कहा- सुबह बात करके बताते हैं सबको उनकी सच्चाई!
फिर सब लोग सो गए.

सुबह मैं उठा तो बगल में शीतल गांड उठा के सोई थी, मैं उठा और उसकी गांड को किस करके सोफे पे आकर बैठ गया. मम्मी वहीं बैठी थी तो उसने मुझे चाय लाकर दी और वो झट से मेरी जान्घों पे बैठ गयी.

आवाज़ सुनकर शीतल भी जग गयी और हॉल में हमारे पास आकर बैठ गयी!
शीतल ने कहा- भैया, सबको फोन लगाओ और बुलाओ!
मैंने ठीक वैसा ही किया. सबसे पहले बेटे यानि सुनील को फोन किया, किस्मत से वो कोलकाता में ही रहता था तो उसने दोपहर तक आ जाने को कहा! वो लगभग मेरी ही उम्र का था!

बाकी दो बहनें शिवानी और अंजलि दोनों को फोन कर के जब मेरी बहन शीतल ने बताया तो वो मानने को तैयार नहीं हुई. तो फिर उनके पापा जो मम्मी को अब भी चोदा करते थे, उन्हें बताया तो उन्होंने फिर जाकर अपनी बेटियों को सच्चाई बताई! तब उन्हें विश्वास हुआ.

अंजलि तो गुस्से से लाल हो गयी, उसकी उम्र करीब 24 साल थी और शिवानी अभी 23 की हुई थी पिछले महीने में! उन दोनों ने अपने बाप को बहुत सी गालियाँ दी और कहा- हमारी फ्लाइट टिकट बुक करो, हमें मिलना है उस रांड औरत से!
उसके पापा ने टिकट करवा दी और दोपहर तक वो भी दिल्ली से कोलकाता पहुंच गए.

करीब दोपहर के २ बज रहे थे, मैं जीन्स-टीशर्ट पहन कर बैठा था, मम्मी ने साड़ी पहनी थी और शीतल ने सफ़ेद रंग का हॉट पेंट और टॉप पहना हुआ था!

तभी घर की घंटी बजी, शीतल ने दरवाज़ा खोला और सामने दो लड़कियाँ दिखाई दी, एकदम कसा हुआ बदन था उनका उनकी उम्र के हिसाब से!
अंजलि ने प्लाज़ो पहन रखा था और शिवानी ने जीन्स टॉप!

शीतल ने दोनों को नमस्ते की उन्होंने भी उसे जवाब दिया और फिर सब गले मिले और शीतल उन्हें अंदर लेकर आयी और सोफे पे बिठाया.
तभी मम्मी आयी तो उन दोनों ने मम्मी को प्रणाम किया! मैंने भी सबसे हाथ मिलाया.

तभी दुबारा घंटी बजी तो शीतल देखने गयी तो सुनील सामने खड़ा था, शीतल ने उसे नमस्ते की और अंदर ले आयी!

अब सब लोग एक जगह बैठे हुए थे तो सबसे पहले अंजलि ने कहा- प्रभा जी, आप मेरी मम्मी हैं… सिर्फ मेरी नहीं, यहाँ बैठे हम सब लोग भाई बहन हैं और तुम हम सबकी मम्मी! लेकिन यह जानकर बहुत बुरा लग रहा है कि हम सब एक रंडी के बच्चे हैं!
इतना कहकर उसकी आँखों में आंसू आ गए तो शिवानी और शीतल ने उसे संभाला!

फिर हम सब बातचीत करने लगे. इसी में 5 बज गए तो बात हुई कि बाहर घूम के आया जाए… सबने हामी भर ली और हम पांचों भाई बहन मम्मी के साथ बाहर निकले!

बाहर घूम फिर के खाना खा के करीब 9 बजे लौट रहे थे, तभी बाजु की मुखर्जी आंटी और उनकी बेटी मिल गए, उन्होंने मम्मी को कहा- क्या बात है मिसेज आनंद, आज साड़ी में बहुत सुन्दर दिख रही हैं आप, आपके हस्बैंड आनंद जी भी खुश लग रहे है मेहमानों के साथ!

इतना सुन कर सब हक्के-बक्के रह गए, मैंने बात बीच में काटते हुए कहा- चलिए घर में चलते हैं, गप्पे मारेंगे!

अंदर आकर सब लोग सोफे पे बैठे और शिवानी ने कहा- आनंद जी, मम्मी की मांग में किसके नाम का सिन्दूर है? वो औरत इन्हें मिसेज आनंद क्यों कह रही थी?
सुनील ने भी पूछा यही सवाल!

फिर शीतल ने मेरी और देखा और कहा- भैया, ये भी हमारे ही भाई बहन हैं तो इन्हें भी सच्चाई बता देती हूँ.
और फिर शीतल ने शुरू से लेकर अभी तक की पूरी कहानी उन्हें सुना दी!

हमारी सच्चाई सुनके सब हक्के-बक्के रह गए. तभी मेरी नज़र सुनील पे पड़ी तो उसका लौड़ा पूरा टाइट था! मैं समझ गया कि वो वासना के चंगुल में है, मैंने शीतल को इशारा किया तो उसने भी देखा. उसके देखते ही सुनील हड़बड़ा गया और शीतल हंसने लगी!

शिवानी का मुँह लाल हो गया था, गुस्से से वो उठी और मम्मी को कस के थप्पड़ मार दिया और बोली- साली छिनार, यहाँ साड़ी पहन के सती सावित्री बन के क्यों बैठी हुई है?
और इतने में सुनील उठा और बोला- तुम ठीक कह रही हो शिवानी, इस साली को नंगा कर के सिटी में घुमाना चाहिए. ये हमारी मम्मी कम और रंडी ज्यादा है!
और इतना कहकर उसने उसके बाल पकड़े और साड़ी खोल दी!

शीतल बोली- तुम लोग बातें करो, मैं कपड़े चेंज कर के आती हूँ.
शीतल अंदर से एक हाफ पैंट पहन कर अपनी गोरी गोरी जान्घें दिखाती हुई बाहर आयी और आकर सीधा मेरी जान्घों पे बैठ गयी.
यह देख कर अंजलि ने कहा- तुम लोग भाई बहन आपस में भी सेक्स करते हो?

इस पर शीतल हंसी और बोली- ये मेरे भैया से ज्यादा मेरे पति हैं, जब मम्मी के पेट में भैया अपना बच्चा टिका देंगे तो भैया फिर मुझसे शादी कर लेंगे. और यकीन मानो… एक बार भैया के साथ बिस्तर पे चुद गई तो कभी इन्हें छोड़ने का नाम नहीं लोगी!
और बोली- देखो, हम सब भाई बहन है और इस रंडी प्रभा के बच्चे हैं. तो क्यों न हम लोग भी मस्ती करें, टेंशन लेकर क्या फायदा! सब लोग मिलकर मम्मी को नंगी कर के खूब मज़े लेंगे और फिर भैया इसकी कोख में अपना बच्चा भी टिकायेंगे!

इतना कहकर शीतल सुनील की गोदी में में जाकर बैठ गयी! उसने भी झपट लिया उसे और शीतल की जाँघें सहलाने लगा.
इस पर शीतल ने कहा- देखो सुनील भाई, सब लोग तैयार हों तो चलो करते हैं मिलकर कुछ मजे वाला काम!

अंजलि बोली- आपस में हम जो भी करें… लेकिन जब एक भाई ने मम्मी से शादी की है तो दूसरा भी करेगा!
इस पर सुनील भड़क गया और बोला- मैं शादी नहीं करूँगा इस रंडी से, तुम लोग जवान हो तुम लोग चोदने दो मुझे!

इस पर अंजलि और मेरी बहन शीतल भड़क गयी और बोली- साले, जब तू हमारे हिसाब से नहीं चल सकता तो भाग जा यहाँ से!
और करीब एक घंटे बहस चली, फिर गुस्सा होकर सुनील वापस चला गया!

अब मर्दों में मैं अकेला बचा था, बाकी मेरी तीन बहनें और एक मेरी रखैल प्रभा थी! सुनील ने सबका मूड ख़राब कर दिया तो शीतल बोली- यार, सबका मूड ख़राब कर दिया इस रंडी के बच्चे ने… मैं बियर लाती हूँ, तुम में से कौन-कौन पियेगा?

मैंने हामी भर दी, मम्मी ने भी सर हिलाया, अंजलि से शीतल ने पूछा तो कहा- मेरे और शिवानी के लिए भी लेती आओ!

शीतल अंदर गयी और काफी सारी बियर लेती आयी और बोली- चलो सब लोग अब मूड बनाते हैं.
तभी अंजलि ने कहा- क्यों न हम सब अच्छे से तैयार हो जायें पहले, फिर बाहर भी चलेंगे.

इतना कहकर अंजलि शिवानी शीतल और मेरी मम्मी अंदर गए और जब बाहर आये तो उन्हें देख कर मेरा लौड़ा सातवें आसमान तक खड़ा हो गया था.
अंजलि और शिवानी दोनों ने एकदम पतले कपड़े वाली टाइट स्कर्ट पहनी थी उनकी गोरी गोरी टाइट जान्घें चमक रही थी, उस पर हाई हील्स पहना था और ऊपर स्लीवलेस टॉप, शीतल ने एकदम ढीली माइक्रो स्कर्ट पहनी और ऊपर सिर्फ ब्रा… और मम्मी ने बस ब्रा और पैन्टी पहनी थी!

उन्हें देख कर मैंने सबसे कहा- तुम सब लोगों ने तो मेरा लौड़ा टाइट कर दिया.
इस पर शीतल बोली- भैया, तुम शिवानी दीदी की पैन्टी पहनो न… बड़ा मज़ा आएगा!
मैंने तुरंत ही शिवानी से उसकी पैन्टी मांगी, उसने अपनी लाल रंग वाली पैन्टी दी जिसे पहन कर मैं सोफे पे बैठ गया और फिर चखने में मूंगफली और ड्राई फ्रूट्स रखा और कहा- चलो अब पीना शुरू किया जाए… माहौल मस्त बनाओ!

इस पर शीतल ने कहा- भैया सब लोग बैठो और क्यों न मम्मी की पीठ को टेबल बना दिया जाए? उसी पर बियर रख के पीते हैं!
अंजलि ने तुरंत हामी भर दी और मैंने प्रभा से कहा- चल रे हरामी रखैल, कुतिया बन के बैठ जा!
मम्मी तुरंत ही बैठ गयी और शीतल आकर मेरी जान्घों पे बैठ गयी और मुझे पिलाने लगी अपने हाथ से!

मेरी लौड़ा खड़ा था तो शीतल की पतली स्कर्ट से सीधा उसकी गांड पे टच हो रहा था. हल्का हल्का नशा अब चढ़ने लगा था, मैं शीतल की जान्घें सहला रहा था, अंजलि और शिवानी देख रहे थे और उनकी आँखों से चढ़ता हुआ जोश मुझे साफ़ दिख रहा था!
मैं शिवानी की जान्घें ताड़ रहा था और शीतल के कान में कहा- शीतल इन दोनों को भी चुदवा मुझसे!
इस पर शीतल ने कहा- भैया क्या अंजलि और शिवानी दीदी की जान्घों से बहती हुई बियर पीना चाहोगे?
मैंने हामी भर दी.

और तभी शीतल ने कहा- अंजलि दीदी, आप तो बस पी रही हो, इस प्रभा के साथ कुछ कर भी नहीं रही हो, अरे जो दिल करे वो करिये आप दोनों, अपना ही माल समझ के!
अंजलि सोचने लगी.
तभी मम्मी बोली- मुझे भी बियर पिला मादरचोद… ऐसे ही कुतिया बना के बैठा रखा है!
इस पर मैं उठा और अंजलि की हील्स पकड़ के उसके हील्स प्रभा के मुँह में डालता हुआ बोला- इस पर शीतल बियर गिराती जाएगी, तू कुतिया बने रहते ही चाट और चूस अंजलि के सैंडल को… एकदम ब्रांड न्यू है!
अब शीतल धीरे धीरे बियर गिराती जा रही थी अंजलि की हील्स पर जिसे प्रभा जीभ से चाट रही थी.

तभी शीतल ने शिवानी के पैर उठा कर मम्मी की पीठ पे रखवा दिए और उसकी जान्घों पे बियर गिरा कर बोली- आनंद भैया, आ जाओ, अपनी इस बहन की जान्घों को चाटो बढ़िया से! चिकनी हैं, एकदम अच्छा लगेगा तुम्हें और शिवानी दी को भी!

मैं अपने घुटनों पे बैठ गया और शिवानी की गोरी जान्घों से बियर चाटने लगा उसकी कमर पकड़ कर!
शिवानी ने सिस्कारियां भरनी शुरू कर दी, इस पर शीतल नीचे बैठ गई और अंजलि की चूत में अपने मुँह घुसा दिया उसके स्कर्ट के अंदर अपना सर ले जा कर और पैंटी के ऊपर से चाटने लगी. जिस पर अंजलि भी सिसकारी भरने लगी!

तभी शीतल ने शिवानी की स्कर्ट उठा कर बियर उड़ेल दी जिससे शिवानी की पैंटी गीली हो गयी और मुझे बोली- भैया, अब आगे बढ़ो और पूरी पैंटी चाटो!
मैंने शिवानी की स्कर्ट उठा कर उसकी चूत पैंटी के ऊपर से चाटनी शुरू कर दी. मम्मी लगातार सैंडल से बियर चाट रही थी!

अब मैं उठा और शिवानी को अपनी गोदी में बिठा लिया और मम्मी को कहा- प्रभा रांड अब तू उठ के बैठ जा!
मैंने अपनी बहन शिवानी की पैंटी उतर दी और मम्मी को कहा- तेरी जवान बेटी की पैंटी है, इसे सूंघ और चाट अच्छे से!
इतना कहते ही शीतल ने अंजलि की चड्डी भी उतार दी और मम्मी को दे दी और दोनों चड्डी में बियर उड़ेल दी.

मम्मी भी चूसने लगी और मैंने शिवानी का टॉप उतार दिया और उसके बूब्स मसलने लगा, निप्पल चूसने लगा और मम्मी को बोला- शिवानी की चुत में जीभ घुसा के चोद इसे!
मम्मी ने शिवानी की चुत जीभ से कुतिया जैसे चाट के जीभ अंदर घुसा दी.

तभी मैंने देखा कि शीतल और अंजलि एकदम मदहोश होकर एक दूसरे को चूम रही हैं, मैंने तुरंत ही शीतल को कहा- जाकर अपने डिलडो ले आओ.
वो अपने तीनों डिलडो (नकली लंड) लेकर आ गयी.

फिर शीतल ने कहा- भैया, सबसे पहले मम्मी को चोदा जाए… हम सब मिलकर और आज दुनिया के सामने चोदते हैं सड़क पे इस रंडी को!
इधर शिवानी की हालत ख़राब थी कामुकता से… वो बोली- मुझे पहले चुदवा लेने दो! बहुत जोश आया हुआ है, बर्दाश्त के बाहर है!
इस पर अंजलि ने कहा- मेरी भी हालत शिवानी से भी ज्यादा भयानक है, हमें अपनी चुत में कुछ चाहिए!

इतना कहकर उसने शीतल के सारे कपड़े उतर दिए और बोली- बहन डिलडो पहन के चढ़ जा मेरे ऊपर!
और तभी शिवानी ने भी मेरी पैंटी उतार दी और बोली- मुझे भी अपनी रखैल बना लो यार… खूब सेक्स करो मेरे साथ! अब हमेशा तुम्हारे साथ ही रहेंगी हम दोनों!
इतना कहकर मेरा लौड़ा उसने अपनी चुत में ले लिया और कूदने लगी.

उधर शीतल ने डिलडो पहना और लौड़ा पेल दिया अंजलि की चुत में!

मम्मी चुपचाप एक डिलडो से अपनी चुत चोद रही थी, मैंने कहा- अबे साली प्रभा, खुद से क्या मज़ा ले रही है? मेरी बहन शीतल अंजलि की चुत चोद रही है, तू जाकर शीतल की चुत में डिलडो घुसा और उसे भी मज़ा दे!
वो गयी और शीतल की चुत में डिलडो पहन के पीछे से घुसा दिया, शीतल सिसकारी भरने लगी और बोली- आह भैया, भाई हो तो तुम्हारे जैसा हरामज़ादा… अपनी बहन का कितना ख्याल रखता है! आह साली रंडी प्रभा… कस कस के चोद रांड… जैसे तू चुदती थी हमारे बाप से!

अब जितना तेज़ प्रभा शीतल को पेल रही थी, उतनी ही तेज़ी से शीतल अंजलि को चोद रही थी.
और ये देख कर मैंने भी स्पीड बढ़ा दी और शिवानी को ऐसे चोदने लगा जैसे आज उसकी चुत फाड़ ही डालूंगा!

तभी मैंने एक डिलडो लिया और प्रभा की गांड में डाल के हाथ से ही उसकी गांड मरने लगा.

अब हम सब लोग भयानक जोश में थे, एक दूसरे को गालियाँ दे रहे थे जिसे सुनकर हम सबका जोश और बढ़ता जा रहा था.
“आह्ह ह्हह्ह आनंद भैया… शिवानी कैसा मज़ा दे रही है आपको?” अंजलि ने पूछा.
मैंने कहा- जन्नत का!

तो अंजलि बोली- अब बदल के चुदाई करते हैं, आप मेरे भी भाई हैं, इस नाते मेरी चुत में भी आपका लंड जाना चाहिए!
शीतल ने कहा- आअह्ह… एकदम सही कह रही हो अंजलि दी, एक बार भैया का लौड़ा ले लो, फिर देखना कितना मज़ा आता है!
यह कहकर शीतल ने मम्मी को पीछे हटाया और डिलडो निकल के शिवानी को पटक के उसकी चुत में पेल दिया और पीछे से मम्मी ने एक डिलडो शीतल की चूत में!

मैंने अंजलि को गोदी में उठाया, किस किया और फर्श पे पटक के उसकी टांगें उठायी और उसकी चुत में एक ही झटके में अपना लौड़ा पेल दिया.
वो जोर से चिल्ला पड़ी- आअह्ह आनंद चोदो मुझे भी कस कस के अपनी बहन समझ कर!
मैंने उसे कस कस के चोदना शुरू कर दिया!

तभी शीतल ने कहा- भैया, अब प्रभा की बालकनी में लेकर चलो, वहां हम सब मिलकर इसे चोदते हैं, हमारी आपसी चुदाई तो हो गयी!
मैं उठा और शीतल को गोदी में उठाया, अपना लौड़ा उसकी चुत में डालकर और कहा- पहले तुझे तो पेल लूं मेरी रानी, तू तो बच ही गयी थी!

दस मिनट शीतल को चोदने के बाद मम्मी के बाल शिवानी ने पकड़े और घसीट के बालकनी में ले गयी और अंजलि उसे लात से मार रही थी. तभी शीतल ने मम्मी को वायग्रा लाकर खिला दिया जिसे खा के मम्मी उछलने लगी जोश में चुदने के लिए!

बालकनी ने शिवानी ने कहा- हम तीनों बहनें भी आज इसकी चुत फाड़ेंगी डिलडो लगा कर!
इस पर प्रभा ने कहा- आज बीस लौड़े भी ले लूंगी मैं! बियर के बाद वायग्रा ने मेरा जोश सातवें आसमान पे पंहुचा दिया है, आज तो रोड पे भी चुद जाऊँगी मैं!

अंजलि डिलडो पहन कर मुझे बोली- भैया, लौड़ा डालो इसकी चुत में, मैं डालती हूँ डिलडो इसकी गांड में… और शीतल बहन, तुम अपनी चुत का रस पिलाओ इस साली को!

मैंने प्रभा की चुत में अपना लौड़ा पेल दिया और अंजलि ने डिलडो पेल दिया था. अब मम्मी की चुत में एक लौड़ा, डिलडो गांड में था और शीतल अपनी चुत चटवा रही थी अपनी माँ से!

हम कस कस के मम्मी को पेल रहे थे, मम्मी चिल्लाने लगी जोश में- आअह्ह उह हरामजादो और चोदो मुझे, पूरी दुनिया से पेलवाओ मुझे!
शिवानी ने कहा- रुक साली, आज तेरी चुत फाड़ डालेंगे हम सब भाई-बहन मिलकर!

मैं शिवानी को किस करते हुए उसकी चुत में उंगली भी कर रहा था.

काफी देर तक मम्मी को चोदते गए हम सब तो वो साली बेहोशी की हालत में पहुंच गयी, तब हम सबने उसे वहीं छोड़ दिया बालकनी में और अंदर आ गये!

शिवानी ने कहा- भैया, आप हम तीनों से भी शादी कर लो, या फिर अपनी रखैल बना लो हमने… पर कैसे भी हमें अपने साथ रखो! और चोदते जाओ… आज प्लीज मेरी चुत के अंदर अपना माल गिराओ, मुझे महसूस करना है!
शीतल ने कहा- हाँ भैया, आज शिवानी की चुत में ही माल गिरा दो! मैं अंजलि दीदी की चोद के उसका माल गिरा दूंगी!

इतना कहकर मैं शिवानी के ऊपर चढ़ कर उसे चोदने लगा कस कस के उसके बूब्स मसलते हुए और अंजलि की चुत शीतल कस कस के चोद रही थी. करीब 15 मिनट बाद अंजलि का पानी झड़ गया और वो वही बेहोशी जैसे होकर वहीं नंगी ही सो गयी.

तभी मैंने शिवानी की चुत से लौड़ा निकला और शीतल की चूत में पेल कर उसे कस कस के चोदने लगा और कहा- मादरचोद रंडी बहन, तेरा गिराऊंगा पहले अपने लंड से तुझे चोद कर!
कुछ देर उसे चोदने के बाद उसका भी गिर गया!

उसके माल से सना हुआ लौड़ा फिर से शिवानी की चुत में पेल दिया मैंने और कुछ देर तक उसका बदन को रौंदने के उसका और मेरा दोनों का साथ ही गिर गया.
वो बोली- भैया, मुझे और मम्मी हम दोनों को बच्चा टिका दो!

शीतल ने भी हामी भरी और मैं बिना लौड़ा निकाले ही सो गया शिवानी के ऊपर!
 

Aditya 09

New Member
99
219
33
उस रात जम के चुदाई के बाद हम सब सो गए, मैंने सबको पेला था तो मैं काफी देर तक सोता रहा और करीब ग्यारह बजे सुबह मेरी नींद खुली. मैंने अपनी बहन शीतल की पैंटी पहन रखी थी. मुझे जगा हुआ देख कर शिवानी तुरंत चाय लेकर आयी. उसने टाइट स्कर्ट और टॉप पहन रखा था, उसके बूब्स लटक रहे थे और उस सफ़ेद टॉप से निप्पल दिखाई दे रहे थे.

मैंने पूछा- शिवानी, ब्रा नहीं पहनी है क्या तूने?
शिवानी- नहीं भैया, ब्रा और पैंटी दोनों ही नहीं पहनी, कल रात का नशा नहीं उतर रहा है न मेरा… और न ही अंजलि का! इसलिए नहीं पहनी ताकि तुम्हें उतारने में समय न बर्बाद करना पड़े!

इतना सुनते ही मैंने तुरंत ही शिवानी का हाथ पकड़ के उसे खींच के अपनी गोद में बिठा लिया और चाय पीने लगा!
मैंने शिवानी से पूछा- बहन, बाकी लोग कहाँ है?
शिवानी- सब लोग घर में ही हैं, अंजलि और शीतल मिलकर मम्मी को चोद रही थी हॉल में, और मैंने फटाफट आपके लिए खाना बना दिया है!
मैं- शिवानी तेरी गोरी गोरी जांघ देख के मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता है, तुझे भी माँ बनाना चाहता हूँ मैं.
शिवानी- भैया, मैं तो क्या अब तो अंजलि भी तुम्हारी हो चुकी है, जिसके साथ जो करना हो करो!

तभी मेरी बहन शीतल आयी अंदर और आकर सीधा मुझे किस किया और शिवानी को बोली- बहन, अब हट जा, भाई के लौड़े का मज़ा तू अकेले अकेले ही लेगी क्या? अब थोड़ी देर मुझे भैया की गोदी में बैठने दे!
शिवानी- अरे शीतल, आ जाओ आ जाओ, बैठो भैया के लौड़े पे, चोद लिया उस साली छिनाल प्रभा को?
शीतल- हाँ यार, थका दिया साली ने, उसका जोश ही ख़त्म नहीं हो रहा है, चूत से बस पानी छोड़ रही है, अब वक़्त आ गया है कि अब लगातार एक हफ्ते तक भैया उसकी चुत में अपना माल गिराए ताकि वो माँ बन जाए!

मैं- बहन, अंजलि को बुलाओ, तुम सबसे मुझे कुछ बात करनी है जरूरी!
शिवानी अंजलि को बुला कर ले आयी और फिर मैंने शीतल को कहा- बहन, लौड़ा चुत में लेकर बैठ मेरी गोदी में… ऐसे खाली मत बैठ!

शीतल ने तुरंत ही मेरा लौड़ा अपनी चुत में घुसेड़ लिया और मेरे दोनों साइड अंजलि और शिवानी बैठ गयी और सबने कहा- बोलो भैया, क्या बात है?
मैं- देखो बहनो, अब माँ की पेट में मैं अपना बच्चा टिका दूंगा लेकिन फिर वो बाहर के मर्दो से नहीं चुदवा पायेगी तो ऐसे में हमारे घर का खर्च कैसे चलेगा?

इस पर शिवानी ने कहा- क्या भैया, आप भी छोटी छोटी बात पे टेंशन लेते हो, अरे हम तीन बहनें कब काम आएंगी आपके? अरे हम सब का बदन बहुत ही अच्छा है और गैर मर्दों से कंडोम लगवा के सेक्स करने में कोई दिक्कत नहीं है, अगर हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल्स बन जायें हम लोग तो घर का खर्च भी अच्छे से चल जायेगा और आप भी मज़े ले पाओगे अच्छे से! फिर जब माँ बच्चे को जन्म दे देगी तो वो वापस से काम पे लग जाएगी और फिर एक एक कर के हम तीनों बहनों को भी माँ बनाना तुम!

इस पर मैंने कहा- बात तो तुम लोगों की ठीक है… लेकिन अगर तुम सबको मैं बच्चा टिकाऊँगा तो उससे पहले तुम तीनों से शादी करना चाहूंगा मैं, वरना बिना शादी के अगर बच्चा टिका दिया तो तुम सब रखैल ही कहलाओगी मेरी!
शीतल ने कहा- अरे मेरे बड़े भैया, शादी का मन है तो कर लो आज ही हम सबसे, बाकी तुम हमें अपनी रखैल बनाओ या पत्नी… हमें कोई फर्क नहीं पड़ता! तुमने हमारी जवानी को इतना खोल दिया है कि तुम चाहो तो हम खुद और लड़कियाँ लेकर आएंगी तुम्हारे लिए!

यह सुनकर मेरा लौड़ा शीतल की चूत में कसने लगा और मैंने उसके बूब्स मसल के कहा- ठीक है बाबू, ऐसा करते हैं, अभी मैं सिर्फ मम्मी को पेलूंगा, अगले तीन दिनों तक तुम लोगों को टच भी नहीं करूँगा. चौथे दिन तुम तीनों से घर में ही शादी कर के सुहागरात मनाऊंगा!
सबने ख़ुशी में हामी भर दी और फिर मैंने कहा- चलो बाहर घूम के आते हैं सब लोग!

सब लोग नहाने चल दिए और मैं मम्मी के कमरे में गया जो अपनी चूत में वाइब्रेटर डाल के लेटी थी, मैंने कहा- अरे मेरी छिनाल माता जी, सुबह से ही चूत मरवा रही हैं आप अपनी बेटियों से… तेरी ढलती जवानी ने तो कहर मचा रखा है साली!
इतना बोल के मैंने उसके बाल पकड़े और जमीन पे पटक दिया!

मम्मी- क्या करूँ बेटा, अगर जवानी बर्दाश्त होती तो अपने ही बेटे से चुदती क्या मैं? मुझे तो बस हर वक़्त लौड़ा चाहिए, चाहे किसका भी हो! यही हाल मेरी माँ का भी था, रंडी थी साली और मुझे अपने बाप का खुद को अभी तक नहीं पता कि किसकी नाजायज औलाद हूँ मैं, हो सकता है मेरे बाप ने भी ठोका हो मुझे!

मैंने- वो तो मैं शुरू से जनता था साली जब तू मेरे बाप से चुदते वक़्त जोर जोर के चिल्लाती थी ताकि मोहल्ले के लोग भी तुझे चोदें!
मम्मी- बहनचोद, मोहल्ले के नहीं मुझे बहुत शौक था कि तू और तेरा बाप मुझे मिलकर चोदें! चल कोई नहीं, कम से कम इतना तो है कि तुम दोनों बाप बेटों की पत्नी बनी मैं… और दोनों का बच्चा अपनी कोख में लूंगी! साले जल्दी कर न… अब माँ बना मुझे, तेरा माल अपने अंदर ही लेना है मुझे हमेशा!

मैं- मम्मी, अभी मैंने सभी बहनों से बात की है, अगले तीन दिन तक मैं सिर्फ तुझे ही पेलूंगा अपनी रंडी पत्नी समझ के, अब तुझसे शादी की है तो पत्नी वाला मज़ा भी तो दे दे! उसके बाद उन तीनों के साथ एक साथ सुहागरात मनाऊंगा!

मम्मी- अबे ठरकी मादरचोद, मैं तो तेरी ही हूँ, जब जहाँ मन करे जो मन करे, वो करे मेरे साथ, चल आज खुले पार्क में चोद मुझे, लोगों को देखने दे कि तेरी बीवी कितना मज़ा देती है तुझे, और अगले एक हफ्ते तक मेरी चूत में ही अपना माल गिरा… फिर आठवें दिन उस तीन बहनों के साथ सुहागरात मनाना, मैं मनवाऊँगी, तेरा बिस्तर लगाऊँगी!
मैंने कहा- ठीक है, एक हफ्ते तक लगातार दिन रात पेलूंगा तुझे, चल अब फटाफट सेक्सी कपड़े पहन कर तैयार हो जा, बाहर चल शॉपिंग करने शादी की!

अब तीनों बहन तैयार होकर आ गयी और मम्मी ने भी फटाफट नहा के कपड़े पहने! शीतल और अंजलि ने जीन्स पहना और शिवानी ने सूट और मम्मी ने वाइट हॉट पैन्ट, अंदर पतली सी पैंटी ब्रा और स्लीवलेस टॉप!

अब सब लोग निकल गए गाड़ी से, अंजलि गाड़ी चला रही थी और शिवानी बगल में बैठी थी, शीतल, मैं और मम्मी पिछली सीट पे थे.
गाडी अपार्टमेंट से निकालने के बाद शीतल ने कहा- भैया, मॉल जाने में आधा घंटा लगेगा, तुम्हारा लौड़ा भी खड़ा है, अभी एक राउंड मम्मी को चोद के माल उसकी चूत में गिरा दो!
शीतल ने इतना ही कहा था कि मम्मी ने तुरंत मुझे किस किया और मेरी जिप खोल कर मेरा लौड़ा बाहर निकाल लिया और चूसने लगी!

शीतल ने उसकी हॉटपैंट का बटन खोला और पैंटी समेत नीचे उतार दिया, फिर प्रभा सीधी आकर मेरा लौड़ा अपनी चूत में लेकर बैठ कर कूदने लगी. करीब पंद्रह मिनट बाद मेरा गिर गया उसकी चूत में ही! तब तक हम मॉल पहुंच गए!

मम्मी ने फटाफट पैंट पहनी और फिर हम दूकान में गए और वहां सबने अपने लिए एक एक लहंगा लिया, फिर चूड़ियाँ, बिंदी और बाकी सजने के सामान लिया!
फिर हम सब खाना खाने एक रेस्टोरेंट में बैठ गए!

तभी अंजलि का ध्यान गया और प्रभा को बोली- साली रंडी, भैया का माल तेरी चूत में ही गिरकर नीचे पैंटी और हॉटपैंट दोनों को गीला कर चुका है!
सभी ने देखा और फिर प्रभा ने कहा- रहने दे, क्या हुआ मेरे पति का ही है न… यहाँ जितनी भी महिलायें हैं, सब चुदती हैं तो इसमें क्या है!
हम सब मुस्कुराने लगे, खाना खाया और शाम तक वापस आ गये!

रात को सबने खाना खाना शुरू किया. खाना मम्मी की चूत पे शिवानी रखती जाती थी, मैं वहां से चाट चाट के खाता था!
फिर अंजलि ने कहा- भैया, अब तुम दोनों पति-पत्नी अपनी चोदम-पट्टी शुरू करो!
मैंने कहा- हाँ, अब ये साली मम्मी कहाँ रही, अब तो मेरी बीवी हो गयी है, इसे तो लगातार पेलूंगा एक हफ्ते तक… फिर आठवें दिन तुम सबसे शादी करूँगा! तब तक तुम सब सामने बैठ के हमारी चुदाई देखना!

इतना सुनकर शिवानी ने कहा- हाँ भैया, इस साली को हम मारेंगे और तुम चोदना!
शीतल ने प्रभा से कहा- अबे रांड साली, जा अपने पति के लिए तुरंत नंगी हो जा और मज़ा दे मेरे भाई को अच्छे से!
इतना कहकर उसने मम्मी के दोनों हाथ पीछे से पकड़ लिए और अंजलि को कहा- अंजलि दी, थप्पड़ मार साली को… गर्म करते हैं इसे अच्छे से ताकि भाई को खूब मज़ा दे!

अंजलि ने कस कस के चांटे लगाने शुरू कर दिए. इस पर शिवानी उठी और चप्पल से मम्मी की गांड पे मारने लगी.
शीतल ने कहा- शिवानी दी, अंदर से वियाग्रा ले आओ!

वो लेकर आयी और मम्मी के मुँह में एक गोली डाल दी, फिर शीतल ने उसे नीचे बैठा दिया और अंजलि को कहा- इसके मुँह में मूतो अंजलि दी, आज तुम्हारे पेशाब से ही ये वियाग्रा खायेगी! अंजलि ने तुरंत ने जीन्स खोली और प्रभा के मुँह में मूत दिया!

और फिर 15 मिनट बाद तो जैसे प्रभा कुत्ते से भी चुदवा ले… इतना जोश चढ़ गया था, वो लंड की प्यास से मरी जा रही थी- मुझे लौड़ा दो, मुझे चुदवाओ!
शीतल- मिलेगा साली, लौड़ा भी मिलेगा तुझे… तब तक मार खा रंडी हमसे, और अच्छे से गर्म हो जा ताकि भाई को असली पत्नी वाला सुख दे!

कुछ देर बाद प्रभा की चूत से पानी गिरने लगा और शीतल ने कहा- अब जा कुतिया अपने पति के पास!
वो सीधा आकर मेरा लौड़ा चूसने लगी, मैंने तुरंत ही उसे पटक दिया जमीन पे और साली के ऊपर चढ़ के चोदने लगा कस कस के! चप-चप की आवाज़ से कमरा भर गया था और प्रभा की सिसकारी निकलने लगी- आअह्ह्ह्ह बेटा… मेरा पति… अपनी माँ की चूत का आज भोसड़ा बना दे!

मैंने और कस कस के चोदना शुरू कर दिया, करीब बीस मिनट पेलने के बाद मैंने अपना फव्वारा मम्मी की चूत में छोड़ दिया, तभी प्रभा का भी गिर गया, फिर हम दोनों लेटे रहे काफी देर तक और फिर सो गए!

करीब एक हफ्ते तक ऐसे ही चोदता रहा मम्मी को दिन-रात! फिर वह दिन आया जब मैं अपनी बहनों से शादी करने वाला था!

दोपहर को करीब दो बजे नींद खुली, तब तक तीनों बहनें फूल माला लेकर आ गयी और शाम को करीब पांच बजे तक सब अपने अपने लहंगे पहन कर तैयार हो गयी! सब एकदम क़यामत लग रही थी! मम्मी भी मस्त साड़ी पहन के तैयार हो गयी और पंडित बन कर मेरी तीनों बहनों से मेरी शादी करवा दी. मैंने सबको मांग में सिन्दूर भरा और शादी हो गयी मेरी सबसे!

इतने में रात के आठ बज गए, मम्मी ने डबल बेड को ट्रिप्पल बेड बना दिया और गुलाब के फूलों से सजा दिया था!
सबने खाना खाया और मैंने कहा- चलो मेरी पत्नियो, अब सुहागरात मनाई जाये!
शीतल ने कहा- भैया, एक साथ ही हम सबको पेलो क्यूंकि एक हफ्ते से हम प्यासी हैं, हमसे बर्दाश्त नहीं होगा!
मैंने कहा- ठीक है!

मैं बेड पे जाकर लेट गया, मम्मी वाइब्रेटर चूत में डाल कर वही कुर्सी पे बैठ गयी!

सबसे पहले शीतल ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और तीनों ने मुझे चूमना शुरू कर दिया!

मैंने शीतल की चोली खोली, फिर शिवानी और अंजलि ने भी अपनी चोली खोल दी और मैंने एक एक करके सबके निप्पल चाटे फिर बूब्स मसल दिए और धीरे धीरे सबका लहंगा भी खोल दिया!
फिर मैंने शीतल को कहा- बाबू, मेरा लौड़ा अपनी चूत में लेकर बैठो!
और शिवानी को कहा- बाबू, तुम अपनी चूत मेरे मुँह पे लेकर बैठो!

शीतल ने लौड़ा अपनी चूत में लिया और कस के चिल्लाई- ओह्ह्ह्ह भैया!
इधर मैंने शिवानी की चूत में अपनी जीभ घुसा दी और अंजलि की चूत में उंगली डाल रखी थी!

फिर थोड़ी देर बाद अंजलि लौड़ा लेकर बैठी अपनी चूत में और कूदने लगी, उसे कुछ ज्यादा ही वासना चढ़ रही थी, मैं शीतल की चूत चाट रहा था अब और शिवानी को उंगली कर रहा था!

अंजलि कस कस के कूदने लगी और सिर्फ 20 मिनट में ही उसका गिर गया और वो वहीं बगल में लेट गयी, उसकी चूत से सना हुआ लौड़ा और जानवर बन गया था, मैंने शिवानी को बोला- अब तुम बैठ के झूला झूलो, करीब आधे घंटे में उसका भी गिर गया!
वो भी लेट गयी, अब मेरी बहन शीतल को मैंने कुतिया बनाया और पेलने लगा कस कस कस!

शीतल- आह भैया, मुझे भी माँ आज ही बना दोगे क्या?
मैंने- हाँ बहन, तेरी दोनों बहनों का तो गिर गया और मैंने तेरे अंदर गिराऊंगा!
शीतल- गिरा दो भैया, आज गिरा ही दो अपने लौड़े का माल मेरी चूत में!

कुछ देर बाद शीतल और मेरा एक साथ गिर गया, सारा माल शीतल की चूत में ही गिरा दिया मैंने!
फिर हम सब सो गए!

अगले दिन सुबह सोकर उठा तो पता चला प्रभा को रात के 3 बजे से उल्टियाँ हो रही है!

शिवानी तुरंत ही प्रेगनेंसी किट लेकर आयी और हमने पाया कि मम्मी की कोख में मेरा बच्चा टिक गया है! अंजलि तुरंत मिठाई लेकर आयी घर में ख़ुशी का माहौल बन गया!

अब हम सबने मम्मी का ख्याल रखना शुरू कर दिया और घर खर्च के के लिए फ़िलहाल शिवानी रोज दो कस्टमर के पास जाती है, उतने में आराम से घर का खर्च चल जाता है!

जब मम्मी वापस काम पे लौटेगी तो शिवानी की कोख में बच्चा टिकाऊँगा, फिर धीरे धीरे अपनी तीनों बहनों में!
The end.
 

Siraj Patel

The name is enough
Staff member
Sr. Moderator
137,293
114,557
354
Hello Everyone :hello:

We are Happy to present to you The annual story contest of Xforum "The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat thread toh pehle se he Hind section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 700 words and maximum 7000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Xforum dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki USC Ki stories ko pure Xforum k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Xforum k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 21st February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.

Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..


Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.


Regards : XForum Staff.
 
Top