Hondacreta
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Waaah bhai maja aagaya
Kya khoob likha hai. Samajh me hi nahai aata kis story ko pehle finish karoon
Kya khoob likha hai. Samajh me hi nahai aata kis story ko pehle finish karoon
Good reviewआज का अद्यतन तो बहुत ही तसल्ली बक्श व बहुत ही विस्तार पूर्वक लिखा है .. वैसे रुपा चाची .. ओह माफ करें रुपा माँ की एक पुत्र की ईच्छा का निर्वारण करणा है , और साथ में दो नयी भाभीयों का भी ख्याल रखना है .. और साथ ही इन दोनों सनकी बहनों की पैजबन्दी का भी लुफ्त उठाना है .. ज्योति से बहुत दिनों बाद प्यार का समागम हुआ .. साथ ही पुष्पा बुआ व ठकुराईन की पोल भी खुली .. जिसके पता लगने से बाकी की घोड़ीयो की बुर में भी खुजली लगी .. मगर साथ ही रघु के परिवार पर कुछ समस्या के काले बादलो का साया मन्डराता नज़र आ रहा है ...
अति उत्क्रष्ठ लेखन क्षमता से सुसजित अद्यतन को पढ़ कर मेरा मन प्रफुलित हुआ ...
ये देख कर बहुत अच्छा लगता है की आनन्द भाई आप सभी पाठकों की दलीलों को मद्देनज़र रखते हुऐ कहानी को आगे बढ़ाते है ।