पंडित भाई जब आपने ये कहानी लिखना शुरू की थी तो में इसे बड़े शोक से पढता था और यकीन मानिये ये कहानी मुझे बहुत अच्छी लगी थी पर फिर अपने comment वाला नखरा करना शुरू कर दिया जिसे मुझे बहुत दुख हुआ क्युकी काफ़ी लोग आपकी स्टोरी पर comment करते थे पर फिर भी आपने comment का रोना रोया जिसके चलते मेने इस कहानी से मुँह फेर लिया क्युकी मुझे वो राइटर बिल्कुल पसंद नहीं जो likes या comment का रोना रोये, ये कहानी अपने शुरू की थी अपनी मर्ज़ी से किसी ने आपको फाॅर्स नहीं किया था खेर उसके बाद अपने फिर से अपडेट देना शुरू कर दिया पर मेने आपके अपडेट नहीं पढ़े उस नाराज़गी के चलते हुई अभी कुछ दिनों से मेने आपके अपडेट फिर से पढ़ने शुरू किया जो मुझे काफ़ी पसंद आये पर अब फिर से आपने वो रोना शुरू कर दिया है
इसलिए भाई मेरा सुझाव है आप कहानी बंद करदो क्युकी आपने पास एक प्रॉब्लम से वो है ego की आप समझते हो अपने अपडेट दे दिया तो दुनिया भर के कमैंट्स आपके पास आ जाये जो की प्रक्टिकली पॉसिबल नहीं है बहुत सारे दोस्त आपको कमैंट्स देते है पर आपकी भूक ही ख़तम नहीं हो रही comment और likes की इसलिए भाई बहेतर यही रहेगा आप स्टोरी बाद ही करदो क्युकी इस रोने धोने से आपकी इज़त काम होती है जो में हर्जीज़ नहीं चाहता
कुछ बुरा लगा हो तो माफ़ी चाहूंगा