Moon Light
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Will try tonightपहले भाग की प्रतीक्षा है
Reserved
gyani bhai nayi botal me purani sharab daalne ke liye
on your new thread, dragon's theme seems very promising
Bade bhaiya..
For new thread..
aakhir kaar
congrats for new story
bhai ji new thread ke liye
Congratulations for new story bhai
Congratulations For New thread
congretss bro purani story ko nye tarike se dobara dikhane ke liye
Congratulations for new story
for story
for new thread
hope this story will touch our heart
The ending will be different than te previous one.. So the plot according to ending... Thank You Everyone...Congratulations bhai
Fantastic update bhai ji#1. APEX PREDATOR ~खूनी दरिंदाDragon's Island, 1760
"Neil, सेना को वापसी का आदेश दो और उनके साथ जाकर आइलैंड के किनारे खड़े जहाजो तक लोगो को पहुचाओ . ये लड़ाई अब हम नहीं जीत सकते... ड्रैगन धारक के यहाँ आते ही कोई नहीं बचेगा, मंत्रो का कवच ज्यादा देर तक उसे रोक कर नहीं रख सकता "ड्रैगन आइलैंड की रेतीली युद्ध के मैदान मे सर्प की भाति रेंगते हुए एक ड्रैगन के सिर के बीचो -बीच अपनी 6 फ़ीट लम्बी तलवार घुसाते हुए मार्टिन ने अपने सेनापति से कहा.
इस समय ड्रैगन आइलैंड मे सम्राट मार्टिन और ड्रैगन्स के बीच भीषण युद्ध चल रहा था, जिसमे एक तरफ मार्टिन की इंसानी सेना थी तो दूसरी तरफ आसमान मे एक विशाल ड्रैगन मे बैठे हुआ काले साये की अगुआई मे ड्रैगन्स की असंख्य फौज. ड्रैगन्स के शामिल होते ही केवल एक प्रहर मे ही युद्ध का पासा पलट गया था और समुन्दर मे राज करने वाले सम्राट मार्टिन की विशाल सैन्य टुकड़ियों मे से अब महज एक टुकड़ी ही जिन्दा उस युद्ध के मैदान मे बची थी और एक टुकड़ी आइलैंड के किनारे पर सल्तनत के लोगो को जहाज मे बैठाकर निकालने मे लगी थी.
"मै क्या करूँगा सम्राट, यहाँ से जिन्दा जाकर... मै तो एक सामान्य सा सैनिक हूँ... मुझ जैसे तो असंख्य सैनिक मिल जायेंगे, सल्तनत की लोगो की रक्षा के लिए... आप जाईये..."जमीन मे सर्प की भाति तेजी रेंगते हुए एक ड्रैगन को अपनी ओर आता देख Neil एक हाथ मे तलवार लिए सामने कूदा और उसके सिर पर पैर रख कर अपनी तलवार से सीधे उसका गर्दन उसके शरीर से अलग कर दिया... जिसके साथ ही उस ड्रैगन का पूरा शरीर आग मे धधकने लगा...
उस ड्रैगन को शायद आभास हो गया था की Neil उसकी गर्दन काटने वाला है, इसीलिए उसने अपने मुँह से आग फेकने की कोशिश की, लेकिन उसके शरीर मे उत्पन्न आग उस ड्रैगन के शरीर से बाहर आती,उसके पहले ही Neil ने उसकी गर्दन काट दी, जिससे उसका शरीर उसके द्वारा ही उत्पन्न अग्नि से जलने लगा.
सर्प के आकर के ड्रैगन्स से तो फिर भी सम्राट मार्टिन की सेना मुकाबला कर ले रही थी, लेकिन उनके पीछे हवा मे उड़ने वाले और बिना पँख के कई जहाजो के आकार के विशाल ड्रैगन जब युद्ध मैदान को कंपित करते हुए आते तो, वो सम्राट मार्टिन की सेना को चीटियों की तरह मसल कर रख देते. जो ड्रैगन्स कल तक यहाँ की रक्षक थे, वो आज भक्षक बन गये थे.. जिनकी अगुआई, उड़ते हुए एक ड्रैगन मे बैठा इंसानी रूप का एक काला सांया कर रहा था... उसके एक इशारे पर ड्रैगन्स ताबही का जो सैलाब ला रहे थे, उसने सम्राट मार्टिन की विशाल सेना को रात्रि के एक पहर मे ही मौत के घाट सुला दिया था और सम्राट मार्टिन, अपने मित्र Neil के साथ रक्षा कड़ी की आखिरी टुकड़ी मे अपने और अपने सल्तनत के लोगो के लिए संघर्ष कर रहा था... जिस टुकड़ी का सेनापति Neil था.
"हमले के लिए तैयायययररऱ....."जमीन मे पड़ी ढाल को मजबूती से अपने बांए हाथ मे कसते हुए Neil को जब सामने आसमान मे उड़ते हुए विशाल आसमानी दरिंदे पास आते हुए दिखे तो उसने हुंकार भरी और जब उसके सैनिको ने भी उसी उत्साह के साथ जवाब दिया तो Neil, मार्टिन की ओर रुख किया...
"ये हमारा आखिरी सुरक्षा कवच है, तब तक आप जितने लोगो को लेकर उस नई दुनिया मे जा सकते है.. जाईये.. यदि ड्रैगन्स लोगो के निवास स्थल तक पहुंच गये तो समझ लीजियेगा की....हम मे से कोई नहीं बचा "
"तुम मेरे साथ चलो Neil... इसे तुम मेरा निवेदन मानो या फिर आदेश... हम युद्ध स्थल से पीछे हटते हुए भी इनका मुलाबला कर सकते है..."
"जो सम्राट अपने सल्तनत के लोगो की रक्षा नहीं कर सकता, वो सम्राट कहलाने योग्य नहीं. और इतना मोह क्यूँ सम्राट... क्या अभी तक इस मोह के कारण हुए छल,कपट ने आपकी आँखों के सामने से इस मोह का पर्दा नहीं हटाया...?? "
"Neil, मेरा ड्रैगन नहीं आने वाला.. उसे ड्रैगन धारक ने मार दिया है, पिछली बार की तरह इस बार चमत्कार की कोई उम्मीद नहीं है.. तुम हार जाओगे.."
"हम जैसे सैनिक को हार और जीत से परे सोचकर सिर्फ लड़ाई लड़नी होती है, सम्राट... फिर हम चाहे जीते या हारे. जिए या मरे.... मुझे बचपन से यही सिखाया गया है और यदि मै अब पीछे हट गया तो फिर मेरा कोई अस्तित्व ही नहीं रहेगा. बाहरी दुनिया के छल, कपट, प्रपंचो से भला मेरा क्या मेल सम्राट... मै तो बस मामूली सा सैनिक हूँ, जिसने जब से होश संभाला तब से उसे उसके हाथ मे तलवार देकर.. युद्ध -स्थल को रक्त से सींचने की शिक्षा दी गई है, फिर चाहे वो रक्त सामने वाले प्रतिद्वंदी का हो या फिर स्वयं मेरा... वैसे भी यहाँ ऊंचाई मे तैनात टुकड़ी कम से कम कुछ देर तक उन आसमानी दरिंदो को रोक सकती है.. यदि पीछे हटे तो सीधे भून दिये जायेंगे... आप जाईये, आप सम्राट है.. "
"मैं तुम्हारे बेटे से क्या कहूंगा... जब उसकी आँखे मेरे अगल -बगल तुम्हे ढूंढ़ेगी तो.."अपनी 6 ft लम्बी भारी भरकम तलवार Neil की ओर बढ़ाते हुए मार्टिन ने कहा
"उससे कहना की वो मेरी मौत का सम्मान करें... अलविदा.... सम्राट..."
Neil के जिद के कारण मार्टिन को झुकना पड़ा और वहा से एक घोड़े मे सवार होकर उस जगह के लिए निकल पड़ा, जहा सल्तनत के लोग अब भी फंसे हुए थे, जहा से लोगो को निकाल कर आइलैंड के किनारे जादूई मुर्दो के जहाज ~The Spiritual Ship तक पहुंचाया जा रहा था. पर जाते -जाते मार्टिन ने अपनी जादूई तलवार जो ड्रैगन्स के प्रचंड अग्नि मे भी जल कर नहीं पिघलती थी, उसे उसने Neil को दे दिया था... उस 6 फूट लम्बी तलवार को उसके सिवा आज तक Neil ने ही चलाया था, दूसरे तो उस तलवार को उठा कर हवा मे घुमा तक नहीं पाते थे.
घोड़े पर सवार तेजी से पहाड़ी चढ़ते हुए मार्टिन जब पहाड़ी के ऊपर पंहुचा तो वो पीछे मुड़ा.... उसे अपनी सैनिको की आग से जलने की चीखे सुनाई दे रही थी... Neil का एक हाथ कट चुका था और फिर मानव के समान सीधा खड़े होकर दो पैरो मे चलते हुए एक ड्रैगन ने.. जिसका आधा शरीर इंसानी था और आधा ड्रैगन का..... उसने दर्द से गर्जना करते हुए, एक हाथ कट जाने के बावजूद एक हाथ से तलवार चलाते हुए Neil को आग की लपटो मे समाहित कर दिया.
Present Day, Atlantic Ocean
समुंदर में एक के बाद एक उठती तेज और विशाल लहरों को चीरता हुआ एक विशाल जहाज अटलांटिक महासागर के पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा था.. जहाज के डेक पर सामने की छोर पर खड़ा उस जहाज में काम करने वाला एक शख्स अपनी आंखों के परास से दूर उस भयावह समुंदर में उठ रहे एक के बाद एक भयंकर बवंडरो को देख घबरा गया और सीधे अपने कप्तान के कक्ष की तरफ भागा...
" कप्तान... हम शायद डेविल्स ट्रायंगल के पास पहुंचने वाले हैं.." कप्तान के कक्ष के बाहर पहुंचते ही वह चीखा और वही खड़ा रहा.. जब कुछ देर बाद इंतजार करने के बावजूद अंदर से कोई आवाज नहीं आई तो वह फिर बोला....
" यह कैसा ठरकी कप्तान दिया है जब देखो तब शिप में मौजूद लड़कियों के साथ मजे करते रहता है और हमें यहां खड़ा करके रखवाली करवाता है.. साला, ठरकी... कभी हमें भी चोदने को दे.. लवड़ा, समुन्दर मे मुट्ठ मरवा -मरवा के मछलियों को प्रेग्नेंट करवाता है "कप्तान के कक्ष के बाहर खड़ा जहाजी बड़बड़ाया
" क्या हुआ बे.. अपना गला क्यों फाड़ रहा है.. "कप्तान के कक्ष से निकलते हुए ऊंचे कद-काठी और मजबूत शरीर वाला आदमी अपने शर्ट की बटन बंद करते हुए बाहर आया
"कप्तान आदित्य, मुझे लगता है हम शायद डेविल्स ट्रायंगल के पास पहुंच गए हैं"
" पहुंच गए, इतनी जल्दी.. ये कैसे मुमकिन है... अब मुझे क्या देख रहा, हट सामने से ..."
कप्तान ने अपने शर्ट की जेब से नक्शा निकाला और उसे खोल कर सामने मौजूद विशाल समुंदर की तरफ देखने लगा... पर उसके नक्शे की हालत वैसे ही थी जैसे विशाल समुंदर में उसके जहाज की.. सामने उठते हुए कोहरे के कारण उसे कुछ समझ ही नहीं आया...
"इस नक़्शे की भी तेरी तरह फटी पड़ी है , सही स्थिति का मालूम नहीं चल रहा... सारे संपर्क तो वैसे भी दो दिन पहले टूट चुका है."
"अब क्या करें कप्तान.. कहे तो जहाज को रोकने की प्रक्रिया शुरू करूं ?"
" जहाज क्यों रोकेगा.. अपनी यह गटायन जैसी आंखों से देखता रह, कोई खतरा दिखे तो फिर खबर देना ... बदले मे चूत चाटने के लिए तुझे मिलेगा. अब, मैं आता हूं काम अधूरा छूट गया था."
इतना बोल कर आदित्य, बिना दरवाजा लगाए अंदर घुस गया. उस आदमी की नजर कमरे के अंदर पड़ी. सामने बिस्तर पर एक लड़की बिना कपड़ों के लेटी हुई थी, उसके एक हाथ अपने सीने की उभारो को मसल रहे थे तो दूसरे हाथ से वो अपनी योनि सहला रही थी... आदित्य, सिरहाने के पास रखी टेबल पर कांच की एक गिलास जोर से पटक कर, उसमे शराब उड़ेलने लगा...
" आ गए मेरे कप्तान.. आ जा अब और इंतजार नहीं होता..."
" पहले ये अपना झरना बंद कर बे... साली, चोदर्री.... यह चादर क्या तेरा बाप आकर धोएगा."शराब का प्याला अपने गले से नीचे उतारने के बाद उस लड़की के योनि पर चारो तरफ हाथ फेरते हुए आदित्य बोला और उसकी योनि को अपनी हथेलिया मे भींच लिया... वो लड़की सिसक उठी.
"कप्तान... आओ.."
" पूरा जोश चला गया.. उस लंगूर ने बीच में बुलाकर ठंडा कर दिया, अब चूस कर खड़ा कर तभी काम बनेगा, वरना आज भी भूखी नंगी सोयेगी... "
ये सुनते ही बिस्तर पर लेटी वह लड़की उठ कर बैठ गई और जैसे ही उसने अपना मुंह.. आदित्य की कमर की तरफ किया जहाज अचानक बुरी तरह डगमगाने लगा... और वह लड़की बिस्तर से सीधे नीचे जमीन पर सिर के बल गिरी.. उसके साथ आदित्य भी नीचे गिरा...
" तेरी तो... ए लड़की. तुम अपना जोश बचा के रख.. मैं देख कर आता हूं क्या हुआ... मदरचोद समुन्दर... लगता है समुन्दर मे किसी ने ब्रेकर बना दिया है ... जानेमन, तुम कपडे मत पहनना... मै यूँ गया और यूँ आया.. "आदित्य ने अपना लंड नीचे बेहोश पड़ी उस लड़की के होंठ पर दो -तीन बार रगड़ा और फिर बाहर की ओर भागा.
जहाज के बाहर खड़ा हुआ आदमी, अब पसीने से तरबतर हुआ जा रहा था.. और सामने समुंदर की तरफ देख रहा था
" अबकी बार क्या हुआ बे"
" कप्तान लगता है भयानक बवंडर जहाज की ओर आ रहे हैं..."
" बवंडर ? हह ... लगता है समुंदर के पिछवाड़े में खुजली हो रही है... अभी शांत करता हूं, समुंदर की खुजली... अबे.. तेरी तो... यह क्या बे . इसकी मां का...."
" कहां कप्तान"
" अबे सामने उठते हुए कोहरे की तरफ देख.... आसमान में इतने बड़े पंछी कब से रेगने लगे मेरा मतलब.. उड़ने लगे.."
जिन पक्षियों पर आदित्य की नजर पड़ी थी, वह बड़े बड़े पंछी, जहाज की ओर ही आ रहे थे और थोड़ी देर बाद उन विशालकाय पंछियो की परछाई भी जहाज पर पड़ने लगी थी.. वो पंछी इतने विशाल और इतनी संख्या मे थे की जहाज और उसके आसपास के एरिया मे उन पंछियो के परछाई मात्रा से अंधेरा छाने लगा. समुंदर मे उठ रही विशाल और भयंकर लहरें जहाज से लगातार टकरा रही थी. जहाज के लगातार डगमगाने के कारण जहाज में मौजूद सभी लोग अंदर से बाहर की तरफ भागे और आसमान में उड़ते हुए विशाल पंछियों को मुंह फाड़ कर देखने लगे... उन पंछियों ने पूरे जहाज को घेर लिया और इस कदर घेरा हुआ था की अब सूर्य की रोशनी तक जहाज पर नहीं पड़ रही थी.
"अबे, कोई बताएगा कि आसमान में क्या उड़ रहा है"
" कप्तान, हटो... "जहाज में काम करने वाले एक आदमी ने आदित्य को तुरंत पीछे की तरफ खींचा और उसके बाद जो हुआ उसे देख वहां खड़े हर एक शख्स के रोंगटे खड़े हो गए... आदित्य तो बच गया था, लेकिन उसके पीछे हटने से सामने दो लोग जिंदा जल रहे थे.
"कप्तान, मैंने इनके बारे में पढ़ा है, ये तो ड्रैगन हैं. जो आज से ढ़ाई सौ साल पहले महान समुद्री सम्राट मार्टिन के काल मे पाए जाते थे... पर ये तो विलुप्त हो गये थे, फिर....... आज तो गए काम से... समुद्र देवता हमारी रक्षा करना "
" अच्छा.. तो यह ड्रैगन है.. इसीलिए इनके पिछवाड़े से आग निकल रही है.. बंदूकें निकालो और भून डालो.. सालों को... आज रात के मांस का इंतजाम हो गया... "
कप्तान के आदेश के बावजूद, बंदूकें लेने कोई नहीं गया. सब वहां जिंदा जल रहे दो लोगों को अब भी देख रहे थे... किसी को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था.... की उनके दो जहाजी उन्ही के सामने जिन्दा जल रहे है और इतना विशालकाय आग उगलने वाले जीव भी उनके बीच हो सकते है.. जिनके बारे मे उन्होंने सिर्फ किस्से -कहानियो मे पढ़ा था...
" इन दोनों को नहीं खाना है बे.. सालो , इन ड्रैगनस को खाना है, इसलिए बन्दूके निकालो और भून डालो..... "आदित्य ने चिल्लाकर कहा
इस बार आदित्य के चिल्लाने पर सभी हड़बड़ाहट में इधर उधर बंदूकें लेने भागे. तब तक विशाल ड्रैगनस ने जहाज को पूरी तरह से ढक लिया था... जहाज में काम करने वाले लोग, बंदूकें लेकर आए.. और अंधेरे में ऊपर गोलियां चलाने लगे. तभी थोड़ी दूर समुंदर में तेज आवाज गूंजी, वह ध्वनि इतनी तीक्ष्ण थी की सभी के हाथ उनकी बंदूकों को छोड़कर, उनके कानों पर आ गये...
"अब यह बेसुरा कौन है बे... गांड....मेरा मतलब...कान फाड़ दिया"आदित्य ने भी बन्दूक छोड़ अपने कानो मे उंगलिया घुसाई
"कप्तान.... वह सामने देखो... बाप रे"
सामने समुंदर की एक लहर जहाज से भी कई गुना ऊपर उठ कर जहाज की ओर बढ़ रही थी... समुंदर में वह आवाज एक बार फिर गूंजी... समुंदर की उस विशाल रौद्र लहर एवं ड्रैगन्स ने उस विशाल जहाज को एक झटके में समुन्दर के अंदर खींच लिया......
P.S. main pahli baar devnagiri me story post kr raha to size, style wagerah sahi hai yaa change karna padega??? Aur story ke scene se related pics bhi dalu,jaise ek pic is update me hai yaa sirf text hee thik rahega... Ye dono chije new hai mere liye.. , so do let me know
very nice update bhai#1. APEX PREDATOR ~खूनी दरिंदाDragon's Island, 1760
"Neil, सेना को वापसी का आदेश दो और उनके साथ जाकर आइलैंड के किनारे खड़े जहाजो तक लोगो को पहुचाओ . ये लड़ाई अब हम नहीं जीत सकते... ड्रैगन धारक के यहाँ आते ही कोई नहीं बचेगा, मंत्रो का कवच ज्यादा देर तक उसे रोक कर नहीं रख सकता "ड्रैगन आइलैंड की रेतीली युद्ध के मैदान मे सर्प की भाति रेंगते हुए एक ड्रैगन के सिर के बीचो -बीच अपनी 6 फ़ीट लम्बी तलवार घुसाते हुए मार्टिन ने अपने सेनापति से कहा.
इस समय ड्रैगन आइलैंड मे सम्राट मार्टिन और ड्रैगन्स के बीच भीषण युद्ध चल रहा था, जिसमे एक तरफ मार्टिन की इंसानी सेना थी तो दूसरी तरफ आसमान मे एक विशाल ड्रैगन मे बैठे हुआ काले साये की अगुआई मे ड्रैगन्स की असंख्य फौज. ड्रैगन्स के शामिल होते ही केवल एक प्रहर मे ही युद्ध का पासा पलट गया था और समुन्दर मे राज करने वाले सम्राट मार्टिन की विशाल सैन्य टुकड़ियों मे से अब महज एक टुकड़ी ही जिन्दा उस युद्ध के मैदान मे बची थी और एक टुकड़ी आइलैंड के किनारे पर सल्तनत के लोगो को जहाज मे बैठाकर निकालने मे लगी थी.
"मै क्या करूँगा सम्राट, यहाँ से जिन्दा जाकर... मै तो एक सामान्य सा सैनिक हूँ... मुझ जैसे तो असंख्य सैनिक मिल जायेंगे, सल्तनत की लोगो की रक्षा के लिए... आप जाईये..."जमीन मे सर्प की भाति तेजी रेंगते हुए एक ड्रैगन को अपनी ओर आता देख Neil एक हाथ मे तलवार लिए सामने कूदा और उसके सिर पर पैर रख कर अपनी तलवार से सीधे उसका गर्दन उसके शरीर से अलग कर दिया... जिसके साथ ही उस ड्रैगन का पूरा शरीर आग मे धधकने लगा...
उस ड्रैगन को शायद आभास हो गया था की Neil उसकी गर्दन काटने वाला है, इसीलिए उसने अपने मुँह से आग फेकने की कोशिश की, लेकिन उसके शरीर मे उत्पन्न आग उस ड्रैगन के शरीर से बाहर आती,उसके पहले ही Neil ने उसकी गर्दन काट दी, जिससे उसका शरीर उसके द्वारा ही उत्पन्न अग्नि से जलने लगा.
सर्प के आकर के ड्रैगन्स से तो फिर भी सम्राट मार्टिन की सेना मुकाबला कर ले रही थी, लेकिन उनके पीछे हवा मे उड़ने वाले और बिना पँख के कई जहाजो के आकार के विशाल ड्रैगन जब युद्ध मैदान को कंपित करते हुए आते तो, वो सम्राट मार्टिन की सेना को चीटियों की तरह मसल कर रख देते. जो ड्रैगन्स कल तक यहाँ की रक्षक थे, वो आज भक्षक बन गये थे.. जिनकी अगुआई, उड़ते हुए एक ड्रैगन मे बैठा इंसानी रूप का एक काला सांया कर रहा था... उसके एक इशारे पर ड्रैगन्स ताबही का जो सैलाब ला रहे थे, उसने सम्राट मार्टिन की विशाल सेना को रात्रि के एक पहर मे ही मौत के घाट सुला दिया था और सम्राट मार्टिन, अपने मित्र Neil के साथ रक्षा कड़ी की आखिरी टुकड़ी मे अपने और अपने सल्तनत के लोगो के लिए संघर्ष कर रहा था... जिस टुकड़ी का सेनापति Neil था.
"हमले के लिए तैयायययररऱ....."जमीन मे पड़ी ढाल को मजबूती से अपने बांए हाथ मे कसते हुए Neil को जब सामने आसमान मे उड़ते हुए विशाल आसमानी दरिंदे पास आते हुए दिखे तो उसने हुंकार भरी और जब उसके सैनिको ने भी उसी उत्साह के साथ जवाब दिया तो Neil, मार्टिन की ओर रुख किया...
"ये हमारा आखिरी सुरक्षा कवच है, तब तक आप जितने लोगो को लेकर उस नई दुनिया मे जा सकते है.. जाईये.. यदि ड्रैगन्स लोगो के निवास स्थल तक पहुंच गये तो समझ लीजियेगा की....हम मे से कोई नहीं बचा "
"तुम मेरे साथ चलो Neil... इसे तुम मेरा निवेदन मानो या फिर आदेश... हम युद्ध स्थल से पीछे हटते हुए भी इनका मुलाबला कर सकते है..."
"जो सम्राट अपने सल्तनत के लोगो की रक्षा नहीं कर सकता, वो सम्राट कहलाने योग्य नहीं. और इतना मोह क्यूँ सम्राट... क्या अभी तक इस मोह के कारण हुए छल,कपट ने आपकी आँखों के सामने से इस मोह का पर्दा नहीं हटाया...?? "
"Neil, मेरा ड्रैगन नहीं आने वाला.. उसे ड्रैगन धारक ने मार दिया है, पिछली बार की तरह इस बार चमत्कार की कोई उम्मीद नहीं है.. तुम हार जाओगे.."
"हम जैसे सैनिक को हार और जीत से परे सोचकर सिर्फ लड़ाई लड़नी होती है, सम्राट... फिर हम चाहे जीते या हारे. जिए या मरे.... मुझे बचपन से यही सिखाया गया है और यदि मै अब पीछे हट गया तो फिर मेरा कोई अस्तित्व ही नहीं रहेगा. बाहरी दुनिया के छल, कपट, प्रपंचो से भला मेरा क्या मेल सम्राट... मै तो बस मामूली सा सैनिक हूँ, जिसने जब से होश संभाला तब से उसे उसके हाथ मे तलवार देकर.. युद्ध -स्थल को रक्त से सींचने की शिक्षा दी गई है, फिर चाहे वो रक्त सामने वाले प्रतिद्वंदी का हो या फिर स्वयं मेरा... वैसे भी यहाँ ऊंचाई मे तैनात टुकड़ी कम से कम कुछ देर तक उन आसमानी दरिंदो को रोक सकती है.. यदि पीछे हटे तो सीधे भून दिये जायेंगे... आप जाईये, आप सम्राट है.. "
"मैं तुम्हारे बेटे से क्या कहूंगा... जब उसकी आँखे मेरे अगल -बगल तुम्हे ढूंढ़ेगी तो.."अपनी 6 ft लम्बी भारी भरकम तलवार Neil की ओर बढ़ाते हुए मार्टिन ने कहा
"उससे कहना की वो मेरी मौत का सम्मान करें... अलविदा.... सम्राट..."
Neil के जिद के कारण मार्टिन को झुकना पड़ा और वहा से एक घोड़े मे सवार होकर उस जगह के लिए निकल पड़ा, जहा सल्तनत के लोग अब भी फंसे हुए थे, जहा से लोगो को निकाल कर आइलैंड के किनारे जादूई मुर्दो के जहाज ~The Spiritual Ship तक पहुंचाया जा रहा था. पर जाते -जाते मार्टिन ने अपनी जादूई तलवार जो ड्रैगन्स के प्रचंड अग्नि मे भी जल कर नहीं पिघलती थी, उसे उसने Neil को दे दिया था... उस 6 फूट लम्बी तलवार को उसके सिवा आज तक Neil ने ही चलाया था, दूसरे तो उस तलवार को उठा कर हवा मे घुमा तक नहीं पाते थे.
घोड़े पर सवार तेजी से पहाड़ी चढ़ते हुए मार्टिन जब पहाड़ी के ऊपर पंहुचा तो वो पीछे मुड़ा.... उसे अपनी सैनिको की आग से जलने की चीखे सुनाई दे रही थी... Neil का एक हाथ कट चुका था और फिर मानव के समान सीधा खड़े होकर दो पैरो मे चलते हुए एक ड्रैगन ने.. जिसका आधा शरीर इंसानी था और आधा ड्रैगन का..... उसने दर्द से गर्जना करते हुए, एक हाथ कट जाने के बावजूद एक हाथ से तलवार चलाते हुए Neil को आग की लपटो मे समाहित कर दिया.
Present Day, Atlantic Ocean
समुंदर में एक के बाद एक उठती तेज और विशाल लहरों को चीरता हुआ एक विशाल जहाज अटलांटिक महासागर के पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा था.. जहाज के डेक पर सामने की छोर पर खड़ा उस जहाज में काम करने वाला एक शख्स अपनी आंखों के परास से दूर उस भयावह समुंदर में उठ रहे एक के बाद एक भयंकर बवंडरो को देख घबरा गया और सीधे अपने कप्तान के कक्ष की तरफ भागा...
" कप्तान... हम शायद डेविल्स ट्रायंगल के पास पहुंचने वाले हैं.." कप्तान के कक्ष के बाहर पहुंचते ही वह चीखा और वही खड़ा रहा.. जब कुछ देर बाद इंतजार करने के बावजूद अंदर से कोई आवाज नहीं आई तो वह फिर बोला....
" यह कैसा ठरकी कप्तान दिया है जब देखो तब शिप में मौजूद लड़कियों के साथ मजे करते रहता है और हमें यहां खड़ा करके रखवाली करवाता है.. साला, ठरकी... कभी हमें भी चोदने को दे.. लवड़ा, समुन्दर मे मुट्ठ मरवा -मरवा के मछलियों को प्रेग्नेंट करवाता है "कप्तान के कक्ष के बाहर खड़ा जहाजी बड़बड़ाया
" क्या हुआ बे.. अपना गला क्यों फाड़ रहा है.. "कप्तान के कक्ष से निकलते हुए ऊंचे कद-काठी और मजबूत शरीर वाला आदमी अपने शर्ट की बटन बंद करते हुए बाहर आया
"कप्तान आदित्य, मुझे लगता है हम शायद डेविल्स ट्रायंगल के पास पहुंच गए हैं"
" पहुंच गए, इतनी जल्दी.. ये कैसे मुमकिन है... अब मुझे क्या देख रहा, हट सामने से ..."
कप्तान ने अपने शर्ट की जेब से नक्शा निकाला और उसे खोल कर सामने मौजूद विशाल समुंदर की तरफ देखने लगा... पर उसके नक्शे की हालत वैसे ही थी जैसे विशाल समुंदर में उसके जहाज की.. सामने उठते हुए कोहरे के कारण उसे कुछ समझ ही नहीं आया...
"इस नक़्शे की भी तेरी तरह फटी पड़ी है , सही स्थिति का मालूम नहीं चल रहा... सारे संपर्क तो वैसे भी दो दिन पहले टूट चुका है."
"अब क्या करें कप्तान.. कहे तो जहाज को रोकने की प्रक्रिया शुरू करूं ?"
" जहाज क्यों रोकेगा.. अपनी यह गटायन जैसी आंखों से देखता रह, कोई खतरा दिखे तो फिर खबर देना ... बदले मे चूत चाटने के लिए तुझे मिलेगा. अब, मैं आता हूं काम अधूरा छूट गया था."
इतना बोल कर आदित्य, बिना दरवाजा लगाए अंदर घुस गया. उस आदमी की नजर कमरे के अंदर पड़ी. सामने बिस्तर पर एक लड़की बिना कपड़ों के लेटी हुई थी, उसके एक हाथ अपने सीने की उभारो को मसल रहे थे तो दूसरे हाथ से वो अपनी योनि सहला रही थी... आदित्य, सिरहाने के पास रखी टेबल पर कांच की एक गिलास जोर से पटक कर, उसमे शराब उड़ेलने लगा...
" आ गए मेरे कप्तान.. आ जा अब और इंतजार नहीं होता..."
" पहले ये अपना झरना बंद कर बे... साली, चोदर्री.... यह चादर क्या तेरा बाप आकर धोएगा."शराब का प्याला अपने गले से नीचे उतारने के बाद उस लड़की के योनि पर चारो तरफ हाथ फेरते हुए आदित्य बोला और उसकी योनि को अपनी हथेलिया मे भींच लिया... वो लड़की सिसक उठी.
"कप्तान... आओ.."
" पूरा जोश चला गया.. उस लंगूर ने बीच में बुलाकर ठंडा कर दिया, अब चूस कर खड़ा कर तभी काम बनेगा, वरना आज भी भूखी नंगी सोयेगी... "
ये सुनते ही बिस्तर पर लेटी वह लड़की उठ कर बैठ गई और जैसे ही उसने अपना मुंह.. आदित्य की कमर की तरफ किया जहाज अचानक बुरी तरह डगमगाने लगा... और वह लड़की बिस्तर से सीधे नीचे जमीन पर सिर के बल गिरी.. उसके साथ आदित्य भी नीचे गिरा...
" तेरी तो... ए लड़की. तुम अपना जोश बचा के रख.. मैं देख कर आता हूं क्या हुआ... मदरचोद समुन्दर... लगता है समुन्दर मे किसी ने ब्रेकर बना दिया है ... जानेमन, तुम कपडे मत पहनना... मै यूँ गया और यूँ आया.. "आदित्य ने अपना लंड नीचे बेहोश पड़ी उस लड़की के होंठ पर दो -तीन बार रगड़ा और फिर बाहर की ओर भागा.
जहाज के बाहर खड़ा हुआ आदमी, अब पसीने से तरबतर हुआ जा रहा था.. और सामने समुंदर की तरफ देख रहा था
" अबकी बार क्या हुआ बे"
" कप्तान लगता है भयानक बवंडर जहाज की ओर आ रहे हैं..."
" बवंडर ? हह ... लगता है समुंदर के पिछवाड़े में खुजली हो रही है... अभी शांत करता हूं, समुंदर की खुजली... अबे.. तेरी तो... यह क्या बे . इसकी मां का...."
" कहां कप्तान"
" अबे सामने उठते हुए कोहरे की तरफ देख.... आसमान में इतने बड़े पंछी कब से रेगने लगे मेरा मतलब.. उड़ने लगे.."
जिन पक्षियों पर आदित्य की नजर पड़ी थी, वह बड़े बड़े पंछी, जहाज की ओर ही आ रहे थे और थोड़ी देर बाद उन विशालकाय पंछियो की परछाई भी जहाज पर पड़ने लगी थी.. वो पंछी इतने विशाल और इतनी संख्या मे थे की जहाज और उसके आसपास के एरिया मे उन पंछियो के परछाई मात्रा से अंधेरा छाने लगा. समुंदर मे उठ रही विशाल और भयंकर लहरें जहाज से लगातार टकरा रही थी. जहाज के लगातार डगमगाने के कारण जहाज में मौजूद सभी लोग अंदर से बाहर की तरफ भागे और आसमान में उड़ते हुए विशाल पंछियों को मुंह फाड़ कर देखने लगे... उन पंछियों ने पूरे जहाज को घेर लिया और इस कदर घेरा हुआ था की अब सूर्य की रोशनी तक जहाज पर नहीं पड़ रही थी.
"अबे, कोई बताएगा कि आसमान में क्या उड़ रहा है"
" कप्तान, हटो... "जहाज में काम करने वाले एक आदमी ने आदित्य को तुरंत पीछे की तरफ खींचा और उसके बाद जो हुआ उसे देख वहां खड़े हर एक शख्स के रोंगटे खड़े हो गए... आदित्य तो बच गया था, लेकिन उसके पीछे हटने से सामने दो लोग जिंदा जल रहे थे.
"कप्तान, मैंने इनके बारे में पढ़ा है, ये तो ड्रैगन हैं. जो आज से ढ़ाई सौ साल पहले महान समुद्री सम्राट मार्टिन के काल मे पाए जाते थे... पर ये तो विलुप्त हो गये थे, फिर....... आज तो गए काम से... समुद्र देवता हमारी रक्षा करना "
" अच्छा.. तो यह ड्रैगन है.. इसीलिए इनके पिछवाड़े से आग निकल रही है.. बंदूकें निकालो और भून डालो.. सालों को... आज रात के मांस का इंतजाम हो गया... "
कप्तान के आदेश के बावजूद, बंदूकें लेने कोई नहीं गया. सब वहां जिंदा जल रहे दो लोगों को अब भी देख रहे थे... किसी को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था.... की उनके दो जहाजी उन्ही के सामने जिन्दा जल रहे है और इतना विशालकाय आग उगलने वाले जीव भी उनके बीच हो सकते है.. जिनके बारे मे उन्होंने सिर्फ किस्से -कहानियो मे पढ़ा था...
" इन दोनों को नहीं खाना है बे.. सालो , इन ड्रैगनस को खाना है, इसलिए बन्दूके निकालो और भून डालो..... "आदित्य ने चिल्लाकर कहा
इस बार आदित्य के चिल्लाने पर सभी हड़बड़ाहट में इधर उधर बंदूकें लेने भागे. तब तक विशाल ड्रैगनस ने जहाज को पूरी तरह से ढक लिया था... जहाज में काम करने वाले लोग, बंदूकें लेकर आए.. और अंधेरे में ऊपर गोलियां चलाने लगे. तभी थोड़ी दूर समुंदर में तेज आवाज गूंजी, वह ध्वनि इतनी तीक्ष्ण थी की सभी के हाथ उनकी बंदूकों को छोड़कर, उनके कानों पर आ गये...
"अब यह बेसुरा कौन है बे... गांड....मेरा मतलब...कान फाड़ दिया"आदित्य ने भी बन्दूक छोड़ अपने कानो मे उंगलिया घुसाई
"कप्तान.... वह सामने देखो... बाप रे"
सामने समुंदर की एक लहर जहाज से भी कई गुना ऊपर उठ कर जहाज की ओर बढ़ रही थी... समुंदर में वह आवाज एक बार फिर गूंजी... समुंदर की उस विशाल रौद्र लहर एवं ड्रैगन्स ने उस विशाल जहाज को एक झटके में समुन्दर के अंदर खींच लिया......
P.S. main pahli baar devnagiri me story post kr raha to size, style wagerah sahi hai yaa change karna padega??? Aur story ke scene se related pics bhi dalu,jaise ek pic is update me hai yaa sirf text hee thik rahega... Ye dono chije new hai mere liye.. , so do let me know
nice start & superb update#1. APEX PREDATOR ~खूनी दरिंदाDragon's Island, 1760
"Neil, सेना को वापसी का आदेश दो और उनके साथ जाकर आइलैंड के किनारे खड़े जहाजो तक लोगो को पहुचाओ . ये लड़ाई अब हम नहीं जीत सकते... ड्रैगन धारक के यहाँ आते ही कोई नहीं बचेगा, मंत्रो का कवच ज्यादा देर तक उसे रोक कर नहीं रख सकता "ड्रैगन आइलैंड की रेतीली युद्ध के मैदान मे सर्प की भाति रेंगते हुए एक ड्रैगन के सिर के बीचो -बीच अपनी 6 फ़ीट लम्बी तलवार घुसाते हुए मार्टिन ने अपने सेनापति से कहा.
इस समय ड्रैगन आइलैंड मे सम्राट मार्टिन और ड्रैगन्स के बीच भीषण युद्ध चल रहा था, जिसमे एक तरफ मार्टिन की इंसानी सेना थी तो दूसरी तरफ आसमान मे एक विशाल ड्रैगन मे बैठे हुआ काले साये की अगुआई मे ड्रैगन्स की असंख्य फौज. ड्रैगन्स के शामिल होते ही केवल एक प्रहर मे ही युद्ध का पासा पलट गया था और समुन्दर मे राज करने वाले सम्राट मार्टिन की विशाल सैन्य टुकड़ियों मे से अब महज एक टुकड़ी ही जिन्दा उस युद्ध के मैदान मे बची थी और एक टुकड़ी आइलैंड के किनारे पर सल्तनत के लोगो को जहाज मे बैठाकर निकालने मे लगी थी.
"मै क्या करूँगा सम्राट, यहाँ से जिन्दा जाकर... मै तो एक सामान्य सा सैनिक हूँ... मुझ जैसे तो असंख्य सैनिक मिल जायेंगे, सल्तनत की लोगो की रक्षा के लिए... आप जाईये..."जमीन मे सर्प की भाति तेजी रेंगते हुए एक ड्रैगन को अपनी ओर आता देख Neil एक हाथ मे तलवार लिए सामने कूदा और उसके सिर पर पैर रख कर अपनी तलवार से सीधे उसका गर्दन उसके शरीर से अलग कर दिया... जिसके साथ ही उस ड्रैगन का पूरा शरीर आग मे धधकने लगा...
उस ड्रैगन को शायद आभास हो गया था की Neil उसकी गर्दन काटने वाला है, इसीलिए उसने अपने मुँह से आग फेकने की कोशिश की, लेकिन उसके शरीर मे उत्पन्न आग उस ड्रैगन के शरीर से बाहर आती,उसके पहले ही Neil ने उसकी गर्दन काट दी, जिससे उसका शरीर उसके द्वारा ही उत्पन्न अग्नि से जलने लगा.
सर्प के आकर के ड्रैगन्स से तो फिर भी सम्राट मार्टिन की सेना मुकाबला कर ले रही थी, लेकिन उनके पीछे हवा मे उड़ने वाले और बिना पँख के कई जहाजो के आकार के विशाल ड्रैगन जब युद्ध मैदान को कंपित करते हुए आते तो, वो सम्राट मार्टिन की सेना को चीटियों की तरह मसल कर रख देते. जो ड्रैगन्स कल तक यहाँ की रक्षक थे, वो आज भक्षक बन गये थे.. जिनकी अगुआई, उड़ते हुए एक ड्रैगन मे बैठा इंसानी रूप का एक काला सांया कर रहा था... उसके एक इशारे पर ड्रैगन्स ताबही का जो सैलाब ला रहे थे, उसने सम्राट मार्टिन की विशाल सेना को रात्रि के एक पहर मे ही मौत के घाट सुला दिया था और सम्राट मार्टिन, अपने मित्र Neil के साथ रक्षा कड़ी की आखिरी टुकड़ी मे अपने और अपने सल्तनत के लोगो के लिए संघर्ष कर रहा था... जिस टुकड़ी का सेनापति Neil था.
"हमले के लिए तैयायययररऱ....."जमीन मे पड़ी ढाल को मजबूती से अपने बांए हाथ मे कसते हुए Neil को जब सामने आसमान मे उड़ते हुए विशाल आसमानी दरिंदे पास आते हुए दिखे तो उसने हुंकार भरी और जब उसके सैनिको ने भी उसी उत्साह के साथ जवाब दिया तो Neil, मार्टिन की ओर रुख किया...
"ये हमारा आखिरी सुरक्षा कवच है, तब तक आप जितने लोगो को लेकर उस नई दुनिया मे जा सकते है.. जाईये.. यदि ड्रैगन्स लोगो के निवास स्थल तक पहुंच गये तो समझ लीजियेगा की....हम मे से कोई नहीं बचा "
"तुम मेरे साथ चलो Neil... इसे तुम मेरा निवेदन मानो या फिर आदेश... हम युद्ध स्थल से पीछे हटते हुए भी इनका मुलाबला कर सकते है..."
"जो सम्राट अपने सल्तनत के लोगो की रक्षा नहीं कर सकता, वो सम्राट कहलाने योग्य नहीं. और इतना मोह क्यूँ सम्राट... क्या अभी तक इस मोह के कारण हुए छल,कपट ने आपकी आँखों के सामने से इस मोह का पर्दा नहीं हटाया...?? "
"Neil, मेरा ड्रैगन नहीं आने वाला.. उसे ड्रैगन धारक ने मार दिया है, पिछली बार की तरह इस बार चमत्कार की कोई उम्मीद नहीं है.. तुम हार जाओगे.."
"हम जैसे सैनिक को हार और जीत से परे सोचकर सिर्फ लड़ाई लड़नी होती है, सम्राट... फिर हम चाहे जीते या हारे. जिए या मरे.... मुझे बचपन से यही सिखाया गया है और यदि मै अब पीछे हट गया तो फिर मेरा कोई अस्तित्व ही नहीं रहेगा. बाहरी दुनिया के छल, कपट, प्रपंचो से भला मेरा क्या मेल सम्राट... मै तो बस मामूली सा सैनिक हूँ, जिसने जब से होश संभाला तब से उसे उसके हाथ मे तलवार देकर.. युद्ध -स्थल को रक्त से सींचने की शिक्षा दी गई है, फिर चाहे वो रक्त सामने वाले प्रतिद्वंदी का हो या फिर स्वयं मेरा... वैसे भी यहाँ ऊंचाई मे तैनात टुकड़ी कम से कम कुछ देर तक उन आसमानी दरिंदो को रोक सकती है.. यदि पीछे हटे तो सीधे भून दिये जायेंगे... आप जाईये, आप सम्राट है.. "
"मैं तुम्हारे बेटे से क्या कहूंगा... जब उसकी आँखे मेरे अगल -बगल तुम्हे ढूंढ़ेगी तो.."अपनी 6 ft लम्बी भारी भरकम तलवार Neil की ओर बढ़ाते हुए मार्टिन ने कहा
"उससे कहना की वो मेरी मौत का सम्मान करें... अलविदा.... सम्राट..."
Neil के जिद के कारण मार्टिन को झुकना पड़ा और वहा से एक घोड़े मे सवार होकर उस जगह के लिए निकल पड़ा, जहा सल्तनत के लोग अब भी फंसे हुए थे, जहा से लोगो को निकाल कर आइलैंड के किनारे जादूई मुर्दो के जहाज ~The Spiritual Ship तक पहुंचाया जा रहा था. पर जाते -जाते मार्टिन ने अपनी जादूई तलवार जो ड्रैगन्स के प्रचंड अग्नि मे भी जल कर नहीं पिघलती थी, उसे उसने Neil को दे दिया था... उस 6 फूट लम्बी तलवार को उसके सिवा आज तक Neil ने ही चलाया था, दूसरे तो उस तलवार को उठा कर हवा मे घुमा तक नहीं पाते थे.
घोड़े पर सवार तेजी से पहाड़ी चढ़ते हुए मार्टिन जब पहाड़ी के ऊपर पंहुचा तो वो पीछे मुड़ा.... उसे अपनी सैनिको की आग से जलने की चीखे सुनाई दे रही थी... Neil का एक हाथ कट चुका था और फिर मानव के समान सीधा खड़े होकर दो पैरो मे चलते हुए एक ड्रैगन ने.. जिसका आधा शरीर इंसानी था और आधा ड्रैगन का..... उसने दर्द से गर्जना करते हुए, एक हाथ कट जाने के बावजूद एक हाथ से तलवार चलाते हुए Neil को आग की लपटो मे समाहित कर दिया.
Present Day, Atlantic Ocean
समुंदर में एक के बाद एक उठती तेज और विशाल लहरों को चीरता हुआ एक विशाल जहाज अटलांटिक महासागर के पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा था.. जहाज के डेक पर सामने की छोर पर खड़ा उस जहाज में काम करने वाला एक शख्स अपनी आंखों के परास से दूर उस भयावह समुंदर में उठ रहे एक के बाद एक भयंकर बवंडरो को देख घबरा गया और सीधे अपने कप्तान के कक्ष की तरफ भागा...
" कप्तान... हम शायद डेविल्स ट्रायंगल के पास पहुंचने वाले हैं.." कप्तान के कक्ष के बाहर पहुंचते ही वह चीखा और वही खड़ा रहा.. जब कुछ देर बाद इंतजार करने के बावजूद अंदर से कोई आवाज नहीं आई तो वह फिर बोला....
" यह कैसा ठरकी कप्तान दिया है जब देखो तब शिप में मौजूद लड़कियों के साथ मजे करते रहता है और हमें यहां खड़ा करके रखवाली करवाता है.. साला, ठरकी... कभी हमें भी चोदने को दे.. लवड़ा, समुन्दर मे मुट्ठ मरवा -मरवा के मछलियों को प्रेग्नेंट करवाता है "कप्तान के कक्ष के बाहर खड़ा जहाजी बड़बड़ाया
" क्या हुआ बे.. अपना गला क्यों फाड़ रहा है.. "कप्तान के कक्ष से निकलते हुए ऊंचे कद-काठी और मजबूत शरीर वाला आदमी अपने शर्ट की बटन बंद करते हुए बाहर आया
"कप्तान आदित्य, मुझे लगता है हम शायद डेविल्स ट्रायंगल के पास पहुंच गए हैं"
" पहुंच गए, इतनी जल्दी.. ये कैसे मुमकिन है... अब मुझे क्या देख रहा, हट सामने से ..."
कप्तान ने अपने शर्ट की जेब से नक्शा निकाला और उसे खोल कर सामने मौजूद विशाल समुंदर की तरफ देखने लगा... पर उसके नक्शे की हालत वैसे ही थी जैसे विशाल समुंदर में उसके जहाज की.. सामने उठते हुए कोहरे के कारण उसे कुछ समझ ही नहीं आया...
"इस नक़्शे की भी तेरी तरह फटी पड़ी है , सही स्थिति का मालूम नहीं चल रहा... सारे संपर्क तो वैसे भी दो दिन पहले टूट चुका है."
"अब क्या करें कप्तान.. कहे तो जहाज को रोकने की प्रक्रिया शुरू करूं ?"
" जहाज क्यों रोकेगा.. अपनी यह गटायन जैसी आंखों से देखता रह, कोई खतरा दिखे तो फिर खबर देना ... बदले मे चूत चाटने के लिए तुझे मिलेगा. अब, मैं आता हूं काम अधूरा छूट गया था."
इतना बोल कर आदित्य, बिना दरवाजा लगाए अंदर घुस गया. उस आदमी की नजर कमरे के अंदर पड़ी. सामने बिस्तर पर एक लड़की बिना कपड़ों के लेटी हुई थी, उसके एक हाथ अपने सीने की उभारो को मसल रहे थे तो दूसरे हाथ से वो अपनी योनि सहला रही थी... आदित्य, सिरहाने के पास रखी टेबल पर कांच की एक गिलास जोर से पटक कर, उसमे शराब उड़ेलने लगा...
" आ गए मेरे कप्तान.. आ जा अब और इंतजार नहीं होता..."
" पहले ये अपना झरना बंद कर बे... साली, चोदर्री.... यह चादर क्या तेरा बाप आकर धोएगा."शराब का प्याला अपने गले से नीचे उतारने के बाद उस लड़की के योनि पर चारो तरफ हाथ फेरते हुए आदित्य बोला और उसकी योनि को अपनी हथेलिया मे भींच लिया... वो लड़की सिसक उठी.
"कप्तान... आओ.."
" पूरा जोश चला गया.. उस लंगूर ने बीच में बुलाकर ठंडा कर दिया, अब चूस कर खड़ा कर तभी काम बनेगा, वरना आज भी भूखी नंगी सोयेगी... "
ये सुनते ही बिस्तर पर लेटी वह लड़की उठ कर बैठ गई और जैसे ही उसने अपना मुंह.. आदित्य की कमर की तरफ किया जहाज अचानक बुरी तरह डगमगाने लगा... और वह लड़की बिस्तर से सीधे नीचे जमीन पर सिर के बल गिरी.. उसके साथ आदित्य भी नीचे गिरा...
" तेरी तो... ए लड़की. तुम अपना जोश बचा के रख.. मैं देख कर आता हूं क्या हुआ... मदरचोद समुन्दर... लगता है समुन्दर मे किसी ने ब्रेकर बना दिया है ... जानेमन, तुम कपडे मत पहनना... मै यूँ गया और यूँ आया.. "आदित्य ने अपना लंड नीचे बेहोश पड़ी उस लड़की के होंठ पर दो -तीन बार रगड़ा और फिर बाहर की ओर भागा.
जहाज के बाहर खड़ा हुआ आदमी, अब पसीने से तरबतर हुआ जा रहा था.. और सामने समुंदर की तरफ देख रहा था
" अबकी बार क्या हुआ बे"
" कप्तान लगता है भयानक बवंडर जहाज की ओर आ रहे हैं..."
" बवंडर ? हह ... लगता है समुंदर के पिछवाड़े में खुजली हो रही है... अभी शांत करता हूं, समुंदर की खुजली... अबे.. तेरी तो... यह क्या बे . इसकी मां का...."
" कहां कप्तान"
" अबे सामने उठते हुए कोहरे की तरफ देख.... आसमान में इतने बड़े पंछी कब से रेगने लगे मेरा मतलब.. उड़ने लगे.."
जिन पक्षियों पर आदित्य की नजर पड़ी थी, वह बड़े बड़े पंछी, जहाज की ओर ही आ रहे थे और थोड़ी देर बाद उन विशालकाय पंछियो की परछाई भी जहाज पर पड़ने लगी थी.. वो पंछी इतने विशाल और इतनी संख्या मे थे की जहाज और उसके आसपास के एरिया मे उन पंछियो के परछाई मात्रा से अंधेरा छाने लगा. समुंदर मे उठ रही विशाल और भयंकर लहरें जहाज से लगातार टकरा रही थी. जहाज के लगातार डगमगाने के कारण जहाज में मौजूद सभी लोग अंदर से बाहर की तरफ भागे और आसमान में उड़ते हुए विशाल पंछियों को मुंह फाड़ कर देखने लगे... उन पंछियों ने पूरे जहाज को घेर लिया और इस कदर घेरा हुआ था की अब सूर्य की रोशनी तक जहाज पर नहीं पड़ रही थी.
"अबे, कोई बताएगा कि आसमान में क्या उड़ रहा है"
" कप्तान, हटो... "जहाज में काम करने वाले एक आदमी ने आदित्य को तुरंत पीछे की तरफ खींचा और उसके बाद जो हुआ उसे देख वहां खड़े हर एक शख्स के रोंगटे खड़े हो गए... आदित्य तो बच गया था, लेकिन उसके पीछे हटने से सामने दो लोग जिंदा जल रहे थे.
"कप्तान, मैंने इनके बारे में पढ़ा है, ये तो ड्रैगन हैं. जो आज से ढ़ाई सौ साल पहले महान समुद्री सम्राट मार्टिन के काल मे पाए जाते थे... पर ये तो विलुप्त हो गये थे, फिर....... आज तो गए काम से... समुद्र देवता हमारी रक्षा करना "
" अच्छा.. तो यह ड्रैगन है.. इसीलिए इनके पिछवाड़े से आग निकल रही है.. बंदूकें निकालो और भून डालो.. सालों को... आज रात के मांस का इंतजाम हो गया... "
कप्तान के आदेश के बावजूद, बंदूकें लेने कोई नहीं गया. सब वहां जिंदा जल रहे दो लोगों को अब भी देख रहे थे... किसी को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था.... की उनके दो जहाजी उन्ही के सामने जिन्दा जल रहे है और इतना विशालकाय आग उगलने वाले जीव भी उनके बीच हो सकते है.. जिनके बारे मे उन्होंने सिर्फ किस्से -कहानियो मे पढ़ा था...
" इन दोनों को नहीं खाना है बे.. सालो , इन ड्रैगनस को खाना है, इसलिए बन्दूके निकालो और भून डालो..... "आदित्य ने चिल्लाकर कहा
इस बार आदित्य के चिल्लाने पर सभी हड़बड़ाहट में इधर उधर बंदूकें लेने भागे. तब तक विशाल ड्रैगनस ने जहाज को पूरी तरह से ढक लिया था... जहाज में काम करने वाले लोग, बंदूकें लेकर आए.. और अंधेरे में ऊपर गोलियां चलाने लगे. तभी थोड़ी दूर समुंदर में तेज आवाज गूंजी, वह ध्वनि इतनी तीक्ष्ण थी की सभी के हाथ उनकी बंदूकों को छोड़कर, उनके कानों पर आ गये...
"अब यह बेसुरा कौन है बे... गांड....मेरा मतलब...कान फाड़ दिया"आदित्य ने भी बन्दूक छोड़ अपने कानो मे उंगलिया घुसाई
"कप्तान.... वह सामने देखो... बाप रे"
सामने समुंदर की एक लहर जहाज से भी कई गुना ऊपर उठ कर जहाज की ओर बढ़ रही थी... समुंदर में वह आवाज एक बार फिर गूंजी... समुंदर की उस विशाल रौद्र लहर एवं ड्रैगन्स ने उस विशाल जहाज को एक झटके में समुन्दर के अंदर खींच लिया......
P.S. main pahli baar devnagiri me story post kr raha to size, style wagerah sahi hai yaa change karna padega??? Aur story ke scene se related pics bhi dalu,jaise ek pic is update me hai yaa sirf text hee thik rahega... Ye dono chije new hai mere liye.. , so do let me know