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Adultery Shaadishuda Kamini ki Chudai Bhari Zindagi !!

HusnKiMallika

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अब में शेल्फ के ऊपर से शहद की बॉटल झुकी । मैं किचन के स्लैब पर खड़ी थी और मुरली जी अब मेरे नीचे । और आगे जो हुआ वह सब मानो स्लो मोशन में ही हुआ था मैंनेअपनी एक कोमल पैर उठाकर मुरली के कंधे पर रख दि और आगे की ओर झुकते हुए मुरली जी पर कुछ भार डाल दि। जैसे ही मैं आगे झुकी मुरली ने मेरी टांगों के बीच का नजारा देखने के लिए ऊपर देखे।

उसकी आँखें आश्चर्य से चौड़ी हो गईं । उन्होंने देखा कि ड्रेस के अंदर मेंने पैंटी ही नहीं पहनी थी और उन्हें मेरी जाँघिया के पूरी तरह से शेव्डचूत ही दिख रही थी।



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रसोई की खिड़कियों से कमरे को दुदुपहर की धूप से भर देने से, दृष्टि स्पष्ट दिख सकती थी। मुरली ने पहले कभी बिना बाल वाली चूत नहीं देखी थी। उसकी पत्नी हमेशा चूत पर घने बाल रखति थी। यह पहली बार था जब मुरली बिना बालों के किसी चूत को देख रहे थे। उन्होंने मेरी चूत के उभरे दाने पर ध्यान दि ।




इस बीच मैं इस बात से बेखबर होने की नाटक करने लगी , और शहद के बोतल को पकड़ लिया। फिर मेरा पैर उनके कंधे से आगे खिसक गया और मेरी चिकनी चूत अब मुरली जी के चेहरे के करीब आ गई और मैं उनके एक कंधे पर सपोर्ट के लिए मेरी एक जांघ अब उनके कंधों के ऊपर थी। मेरी ड्रेस ऊपर की ओर उठ गई थी और मैंने मुरली जी के बालों में हाथ फेरी।



काफ़ी शशुक्रिया मुरली जी आप नहीं होते तो में गिर ही जाती।



में देखी की मुरली जी बस मेरी चिकनी चूत को देख रहे थे जो उनके चेहरे के बिलकुल क़रीब ही थी।

उन्हें चिढ़ाने में बोली "मरली जी आज आप बहुत भूखे लग रहे हो, नाश्ता चाहते हो ना?"



मुरली अपने चेहरे पर सबसे बड़ी मुस्कान के साथ पागल की तरह सिर हिलाने लगा। मैंने अब उन्हें कस कर पकड़ लिया और दूसरी जाँघ को भी अब उनके दूसरे कंधे पर रख दिया। मुरली जी अब मेरा सारा भार उठा रहा था और उनका चेहरा मेरी कोमल दूधिया जाँघों के बीच दब गया था।



"चलो मुरली जी अब खाने की मेज पर ले जाओ मुझे ", में कामुक अन्दाज़ में उनको कही। मुरली जी मुझे वैसे ही मेरी मुलायम झंघों को पकड़ कर मुझे उनके कंधों पर बिठाकर खाने की मेज की ओर कुछ कदम ले चले गए । उन्होंने मेरी गांड को पकड़ कर नीचे उतारकर मुझे खाने की मेज पर रख दिया और मेरी टांगों को फैला दिया और मेरी चूत की तरफ एक वासना भरी नज़र डाली।



"क्या आपने कभी शहद बॉटल से ही पी हैं अंकल?", मैं पूछी । मुरली ने ना में सिर हिलाया। मैंने कहा कि आज वह नाश्ते के लिए शहद की बॉटल से ही शहद पीने वाले थे। मेरे हाथ में शहद की बोतल थी । मैंने बॉटल की टोप खोली और अपनी चूत के पास बॉटल पकड़ रखी। मैं मुरली जी से कही



“मुरली जी आगे बढ़ो और बॉटल में अपनी जीभ डाल कर सहड को चाटो।” उन्होंने पहले अपनी जीभ बॉटल में दबायी। अब सीन था की मेरी चूत बिलकुल बॉटल के क़रीब थी। जैसे ही उन्होंने शहद थोड़ी चाट ली मेंने बॉटल का हाथ से गिरने का ऐक्शन जाँबुझ कर दिखाया और मेरी चूत पर शहद डाल दि ।



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और फिर मुरली ने चालाकी से एक बार सहड को बॉटल में से चाटी और अगले पल मैं ( जो शहद मेरी चूत से टपक रही थी जिसने मेरी चूत को भीगा दिया था ) उसे मुरली ने चाट ली । में उनकी हरकत के बाद कुछ बोली नहीं तो मुरली जी और बोल्ड हो गए। फिर उन्होंने मेरी अभी भी सहड से भीगी हुयी चूत के बाहरी होंठ को अपने होठों में पकड़ लि और उसे चूमने लगे फिर चाट कर पूरी साफ़ कर डाली । मैं एक कामुक विलाप करी और मुरली की खुशी और बढ गयी।


मेंने और सहड मेरी चूत पर डाली और मुरली जीमेरी चूत फिर से चाटने लगे और ज़ोरों से। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने एक बार फिर बोतल को झुकायी और अब अपनी जाँघों पर शहद डाल दी जो मेरे नंगे पैरों तक जाने लगी । मुरली ने सहड के धारा का अनुसरण किया और मेरी गोरी जाँघों से सहड चाटने लगे , मुरली जी अब मेरी घुटने तक शहद चाटने लगे और फिर सहड को मेरे पैर को नीचे की ओर तक चाट्टे रहे।



मेंने सहड मेरी पैरों की उँगलियों पर डाल दी और फिर उन्होंने एक एक करके मेरे पैरों की उँगलियों को अपने मुंह में लि और अपनी जीभ को उनके चारों ओर घुमाते हुए उन्हें चूसने लगे। मेरी गुलाबी नेल पोलिश वाली उँगियाँ उनकी मुँह में थी। यह सब करते हुए में मुँह से नरम विलाप कर रही थी ।


मैंने सहद की बोतल को दूर रखी और मुरली ने मेरी त्वचा के हर इंच को चूमते हुए अपनी जीभ से मेरी चूत की ओर वापस अपना रास्ता बनाने चलने ही लगी थी लेकिन मेंने उन्हें रोका। फिर मैंने अपनी टाँगें फैलायीं और उनके बनियान को ऊपर खींच कर उतार दि । उसके बाद मैंने उनके सिर को वापस अपने जाँघों के बीच की स्थिति में धकेल दि ।


मुरली खुशी से काँप गए क्योंकि मैंने उनका सिर अपनी जाँघों के बीच बंद कर दी और अपने पैरों को उसकी पीठ पर फेर दिए। मेरी गोरी जाँघों की त्वचा के बीच मुरली की काली त्वचा वाला सिर था जो खुद ही एक काफी इरॉटिक दृश्य था।


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अब मेंने मुरली को मेरी चूत चाटने की अनुमति दी और मुरली मेरी चूत को चाटता रहा और मैंने अपने पैरों को उनकी पीठ पर रगडी और उसके बालों में उँगलियाँ दौड़ाईं। मुरली ने फिर मेरे नरम त्वचा को चूमते हुए और पैर की उंगलियों को चूसते रहे ।


वह फिर से ऊपर आए और मुझे मेरी जांघ के बीच में काट लिया। मैंने खुशी की चीख निकाली। वह अब वापस मेरी चूत के पास गए और फिर से मेरी चूत चाटने लगे । मुझे जल्द ही एक कंपकंपी जैसे संभोग हुआ और मैं टेबल पर लेट गयी।


यह वास्तव में एक दावत थी।

मुरली ने मेरी आँखों में भरी वासना को देखा। उन्होंने देखा कि दूध का बॉटल भी मेज पर पड़ा है और वह मेरे पैरों पर दूध डालने लगे। वह बोलने लगे की उन्हें मेरी त्वचा दूध से भी ज्यादा गोरी लगती हैं। एक बार फिर उन्होंने मेरी टांगों को साफ कर चाटा और अब तक उनकी लुंगी में उनके खड़े लंड के जगह पर एक बड़ा गीला स्पॉट बना लिया था।

मैंने उनका सिर एक बार फिर अपने पैरों के बीच रखा। मैंने इससे पहले इस तरह के उत्साही चूत चटवाने का आनंद नहीं लिया था। वासना से पागल मुरली मेरी चूत को चाटतेरहे और चूमते रहे। फिर वह नीचे जाँघों के पास गए और उन्हें जोर से चूमने लगे और मस्ती से उन्हें फिर से काट लिया। मैंने जल्दी ही पलट गयी और पेट के बाल लेट गयी।


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उन्होंने मेरी सुडौल गांड पर उनके चेहरे को चिपका दिया। जैसे ही उन्होंने मेरी गाँड की छेद को चूमना शुरू किया, हमने गेट पर एक शोर सुनाइ दिया और हड़बड़ा गए। उनकी बीवी पूजा वापस लौटी थी और घर के अंदर अपनी बाइक पार्क कर रही थी।


मैं मुरली की आंखों में घबराहट देख सकती थी । मैंने उन्हें उनके होठों पर उंगली रखते हुए चुप करा दिया। मैं मुरली से कही कि दूध से जो गंदगी उन्होंने बनाई है, उसे जल्दी से साफ करे । मैंने जल्दी से शहद की बोतल को कुर्सी पर चढ़ कर शेल्फ पर रखी और कुर्सी को वापस ले आयी। मुरली ने दूध को कपड़े से पोंछा था, उसे निचोड़ा था और रसोई के कोने में सूखने के लिए लटका दिया था।



अब तक वे उनकी बीवी पूजा को सीढ़ियों पर चढ़ते हुए सुन सकते थे। में मुरली जी से कही कि मैं प्रिया के कमरे में आ जाऊंगी और पूजा के अंदर आते ही पीछे के रास्ते से और वहाँ के सीढ़ियों की ओर निकल जाऊंगी। मुरली सहमति में सिर हिलाए।


जैसे ही दरवाजे की घंटी बजी, मेंने मुरली का हाथ पकड़ लिया और उसे एक तेज वासनापूर्ण लिप-लॉक में खींच ली । मैं प्रिया के दरवाजे के बाहर जाने लगी और फुफकार कर बोली, "अगली बार तक ..." और एक फ़्लाइइंग किस दी । जैसे ही मुरली ने दरवाज़ा खोला और पूजा दिन से थक कर घर के अंदर चली गई, मैं प्रिया के कमरे के बाहर की सीढ़ियों से बाहर निकल गयी और नीचे की ओर चली गयी।



करीब बीस मिनट बाद मेरे सामने वाले दरवाजे की घंटी बजी। मुरली जी थे। उन्होंने उससे कहा कि मकान मालकिन ने रोहित को सुबह घर से निकलते देखा था और वह उसके बारे में अभी भी बहुत परेशान थी। फिर उन्होंने चुपचाप मुझे बताया कि वह यह दिखावा करने वाला है कि वह मुझ पर चिल्ला रहे है और मुझे घर खाली करने या अधिक किराया देने के लिए ज़ोर से बातें करेंगे। वह चिल्लाने का नाटक करने लगे।


फिर, उन्होंने मुझे बीच में धीरे से कहा कि मुझे कुछ समय में ऊपर आना चाहिए और उनकी बीवी को बताना चाहिए कि मैं घर तुरंत छोर कर जाने की विचार कर रही हूँ क्योंकि किराया भी बढ़ जाएगा तो वह बहुत अधिक हो जाएगा। उनकी बीवी से बीस साल तक शादी करने के बाद वह जानते थे कि उसे कैसे लुभाया जाए।


इस प्रकरण के लगभग पंद्रह मिनट के बाद मैं साधारण सलवार कमीज पहनी और उनके घर गयी ।



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जैसे मुरली जी ने नीचे मुझे समझाया था वही में उनकी बीवी को दोहराई। मुरली जी पूजा को उनके स्थानीय भाषा में समझाने लगे कि में क्या बोल रही हूँ। उन्होंने कुछ चीजें जोड़ीं जैसे कि रोहित एक जरूरी काम के कारण कुछ दिनों के लिए शहर छोड़ रहा था । और यह कि मैं भी अगली सुबह ही चली जाऊँगी ।


पूजा सहम गई क्योंकि वह सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को मारना नहीं चाहती थी। उन्होंने जल्दी से पूरी स्थिति का मूल्यांकन किया और महसूस करी की वहाँ के area से ज़्यादा किराया देने वाला किरायेदार जल्दी से ढूंढना आसान नहीं होगा। आज की घटना को छोड़कर मेरी ओर से किसी भी प्रकार का प्रॉब्लम उन्हें नहीं हुआ था।



इसके अलावा यह उनकी बेटी के लिए सुरक्षित बात थी अगर एक परिवार में हवस से भरे कुंवारे मर्दों के बजाय कोई लड़की वहां रहती थी। और मुरली ने मुझे सब समझा दिया । और बोले कि मकान मालकिन चाहती थी कि मैं घर पर ही रहूं किराए पर और मौजूदा किराए भी वही रहेगा ।


फिर पूजा ने कुछ कहा और मुरली ने मुझे इसका अनुवाद करते हुए कहा कि पूजा मेरी इस बात का सम्मान करती है कि में एक सर्व-पुरुष समाज में भी अच्छी कमा रही हूँ और उसका वह समर्थन करती है।



मकान मालकिन ने फिर अपनी बेटी को बुलाया और मुझे उनके साथ कॉफी पर आमंत्रित किया। मैं विनम्रता से मेरी सहमत दे दी। जैसे ही मकान मालकिन - पूजा रसोई में गई, मुरली ने मुझसे कहा कि रोहित को कुछ दिनों के लिए घर में न आने दे अगर वह आएगा तो वह अपनी पत्नी की देखभाल करेगा।


मेरे जाल ने सचमुच मेंने मक्खी को फँसा लिया था। मैं मन में ही मुस्कुरायी अभी के घटनाओं के बारे में सोचकर। मैंने कैसे मकान मालकिन की वापसी के समय का अनुमान लगाया और याद से मेरी चप्पल नहीं पहनी ताकि जब मकान मालकिन ऊपर आए और में सीढ़ियों से नीचे उतरूँ तो मेरी कदमों पर उनकी ध्यान नहीं जाएगी।


सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि मैंने मुरली को अपनी कामुकता की शक्ति का एक छोटा सा स्वाद दिया था और मैंने इस दिमागी खेल में पूरी तरह से शक्ति को नियंत्रित किया था।



ये था परफेक्ट हनीपोट ट्रैप…………


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Bahut hi badhiya update diya hai HusnKiMallika ji....
Nice and lovely update....
 
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उस दिन से मकान मालकिन पूजा की मुझसे दोस्ती हो रही थी लेकिन मुझे पता था कि मैं उस पर कभी भरोसा नहीं कर सकती। इसलिए मुझे मुरली जी को अपने साइड करने की योगं जारी रखनी पड़ेगी। मैं यह भी जानती थी कि अगर मैं अपने पत्ते सही से खेलूँगी तो वह मेरे हाथों में सॉफ्ट पुटी जैसे रहेंगे।



मेरा इरादा अधेड़ उम्र के मकान मालिक के साथ मौज-मस्ती करने का था, जिसका अंतिम एंड था की वह मेरी समस्याओं को हल कर देने में मदत करेंगे और अगर पूजा फिर से प्रॉब्लम देना शुरू कर देती है तो एक बैकअप योजना रहेगी मेरे पास।


मैंने अपनी योजना के अगले पढ़ाव लेने के लिए उनके घर पर जाने का फैसला किया। शाम के 6 बजे थे। मैं ऊपर उनके घर पहुंचीं और घंटी बजाई। पूजा ने दरवाजा खोला।



उसने देखा कि में एक पारंपरिक सलवार सूट में थी।



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"क्या अच्छी सूट है!" पूजा ने कहा।

"धन्यवाद, पूजा जी । मुझे वास्तव में इस कपड़े का अनुभव पसंद है", उसने नीचे देखते हुए और सूट के परिधान को छूते हुए कहा। में उनके चेहरे को देखी और बोली, "पूजा जी आप बहुत थके हुए लग रहे हो!"



"यह काफी कागजों का ढेर है जिस पर आप काम कर रहे हैं। काम को पूरा करने में एक घंटा तो लगना चाहिए।"



"हां, मैंने अभी उन पर शुरुआत की है और अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है। मुझे खत्म होने में लगभग एक घंटा लगेगा और फिर मुझे रात का खाना बनाने की जरूरत है। महिलाओं के लिए कोई राहत नहीं है।"




"आप सही कह रही हैं पूजा जी! मुझे आश्चर्य है कि आप यह सब कैसे कर पा रही हैं ... काम करो, फिर वापस आओ और घर की देखभाल करो और खाना भी बनाओ।"



"आह! ऐसा अनुभव आपको सब कुछ सिखाता है," पूजा ने गर्व महसूस करते हुए कहा।



तभी मुरली ने मेरी पैरों की ओर देखा जिस पर बिल्कुल नया नेल पेंट लगा हुआ था। मेरी उँगलियाँ अब एक चमकीले और चंचल नारंगी लग रहे थे। मेंने दरवाजे पर अपनी सैंडल उतार दी थी और मेरी पैरों की उंगलियां स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थीं।



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मुरली हर दिन उन सुंदर पैरों की मालिश करने का अवसर प्राप्त करना पसंद करेगा मुझे लगने लगा।

पूजा जी मैं आपको अपने काम से दूर नहीं रखना चाहता, लेकिन मुझे रसोई की नाली के साथ कुछ समस्या का सामना करना पड़ रहा था और मैं चाहती थी कि कोई उसे देख ले क्या प्रॉब्लम हैं वहाँ। मुझे लगता है कि कुछ खाना फंस गया होगा या और नौकरानी ने कचरा डाल दिया होगा जिससे जाम लग गया होगा।



गंदा पानी सिंक में भर गया है और नहीं द्रैन हो रहा था," में ने कही।



"यह अच्छा नहीं हो सकता। मुझे इसे आपके लिए देखने दो।" मुरली जी खुद बोले "वह अजीब नाली समस्याग्रस्त है। वह अंदर गये और समस्या से निपटने के लिए औजारों, सांप के तारों और रासायनिक उत्पादों से भरी बाल्टी बाहर लेकर आए। जाहिर है, उसने पहले भी ऐसा किया था।



"मुझे इसकी देखभाल करने में बीस से तीस मिनट से अधिक का समय नहीं लगना चाहिए।"



"अच्छा! यह मुझे अपना काम करने के लिए शांति और शांति देगा।" पूजा बोली





"हाहा, आशा है कि आप जल्दी से अपना काम कर लेंगे और थोड़ा आराम करेंगे आंटी!" में कही। पूजा ने मुझे शुक्रिया किया और में नचे चली गयी।


जैसे ही में सीढ़ियों से उतर रही थी, मुरली मेरे पीछे आने लगे।



अपने घर पहुँचकर मैंने देखा कि मुरली जी मुझे वासना भरी निगाहों से देख रहे थे। मैं इस बूढ़े आदमी को और मेरी हुस्न की जाल में फ़साना चाहती थी इसलिए मैंने अपनी बाहें फैला दीं और कही।



"उफ्फ्फ यह बहुत तंग ड्रेस है, अंकल मैं कमरे में जाकर अपने कपड़े बदल दूंगी वैसे भी आज रात इतनी नमी (humidity) आ गयी है ।



मुझे पूरा यकीन था कि मुरली मुझे कुछ हल्का और कामुक ड्रेस में बदलने से गुरेज नहीं करेंगे। तो मैं अपनी कमर और चूतड हिलाती हुइ अपने कमरे में चली गयी।





मैंने एक पीले रंग की टी-शर्ट पहनी थी जिसमें मेरी नाभि और मेरी चूचियों की दरार दिखाई दे रही थी । वह टोप ढीली थी, इसलिए जब भी मैं थोडी झुकती थी तो मैं अपने स्तनों को लटकते हुए अपने निपल्स के शेप दिखा सकती थी। मैंने टाइट शॉर्ट्स पहनी थी, जिससे मेरी गांड के कर्व्स और जाँघ दिख रहे थे। मेरा वजन उस समय बस 51kgs थी और मैं 5 फुट 4 इंच की हूं ही। उस समय मेरे पास C-Cup के स्तन थे जो थोड़े ही बड़े थे, अभी जैसे D-cup स्तन नहीं थे ।


( बाईं ओर शादी से पहले C-Cup और दाईं ओर शादी के बाद D-Cup )

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मेरे पास तब छोटे भूरे रंग के निप्पल थे और उनके चारों ओर गुलाबी रंग के areolas थे ।



मैं मुरली जी की ओर एक तरह से अपने स्तनों को हिलाते और अपने कूल्हों को हिलते चलने लगी ताकि उनका अधिक ध्यान आकर्षित रहे मेरे बदन पर।


"तुम्हारी सुंदरता हर बार बढ़ती है जब मैं तुम्हें यहाँ देखता हूँ। तुम्हारे उन भरे हुए होंठों का उल्लेख नहीं कर पाऊँगा, इतने भव्य है वो" मुरली बोले ।


. मैंने अपने होठों को थोड़ा अलग करी और मुस्कुरा दी। और बोली



"ओह, शुक्रिया मुरली जी--"


उन्होंने मेरे सिंक के सिंक के बंद नाले पर काम करना शुरू कर दिया। मैं उनके पास झुकी हुयी खड़ी थी और अपनी कोहनी को स्लैब पर रख दि । इससे मेरे क्लीवेज का साफ अंदाजा मुरली जी को हो गया था।



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मैंने नाले के बारे में पूछी, "मुरली जी, क्या प्रॉब्लम हैं?"


वह अब मेरी टोप के अंदर को खुलेआम झांक रहे थे।




वह बोले उन्हें और चेचक करना पड़ेगा और एक उपकरण की ओर इशारा करे जो उन्हें चाहिए था। . जब मैंने यंत्र को सौंप उन्हें दिया, तो मेरी बांह के अंदरूनी हिस्से ने मेरे स्तनों को एक ऊपर साथ धकेल दिया, जिससे मुरली जी को मेरी उभरी चूचियाँ और दिखने लगे।

मुझे संदेह था कि वह मेरे निपल्स का भी थोड़ा सा हिस्सा देख सकते होंगे। वह वासना से मेरी टी-शर्ट के अंदर देखने की कोशिश कर रहे थे चौड़ी आंखे करके और मानो उनके मुँह से लार टपक रहा हो।



मैं जो दिखा रही थी उसे देखने के लिए मैं और नीचे झुकी। वह मेरी ब्रा के अंदर मेरे दोनों चूचियों के ग्लोब और मेरी लॉकेट के साथ एक छोटी सी चेन को मेरी चूचियों में दुबे हुए देख सकते थे। मैं उनकी तरफ देखी, और हमारी हवस भरी नजरें मिलीं।




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"मुरली-जी, मेरी बदन की तरफ़ देख आप काफ़ी उन्हें घूर रहे । आप बहुत शरारती मर्द हैं। "



" कामिनी। आपसे खूबसूरत महिला मेरे जीवन में अब तक मेंने देखी नहीं हैं। आपका बदन घूरने और प्रशंसा के लिए योग्य है।"



मैं शरमा गयी। "उम्म... थैंक्यू, मुरली-जी", मैं धीरे से कही।



मुरली जी मेरे क्लीवेज को घूरते रहे। मैं उत्तेजित हो रही थी। मैं उन्हें और रिझाना चाहती थी। मैंने नाले में कुछ और गंदगी देखी।

"वो क्या है?" मैं और आगे झुकी, और मेरी नेक्लस मेरी टी-शर्ट से बाहर फिसल गयी।



"उफ़..." मैं कही



इस पोज़ में, वह मेरे पूरे ब्रा-में आढे क़ैद स्तनों के साथ-साथ मेरी पूरी पतली ब्रा की पट्टी मेरी स्लीवेलेसस टोप के बाहर फिसल गयी। ,



मैं वापस खड़ा हो गयी। मुरली-जी मुझे देखने लगे क्योंकि मैं उनके सामने मोहक रूप से खड़ी थी ।



"उफ़्फ़ यह मेरी टोप के अंदर होना चाहिए", मैं कही और मुस्कुरायी । मैंने टोप के अंदर हाथ डाल कर मेरी ब्रा अद्जुस्त करी , लेकिन मैंने अपनी टोप के अंदर मेरी ब्रा के पट्टे को स्लाइड करने का प्रयास बिलकुल नहीं करी।





फिर मैंने उनकी आँखों में मोहक रूप से देखि और अपने निचले होंठ को काट लिया।


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Bahut hi badhiya update diya hai HusnKiMallika ji....
Nice and awesome update.....
 
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यह उनके लिए इशारा था । वह उठे और उन्होंने अपना हाथ बढ़ाया, मेरी ब्रा का पट्टा उठा लिया और मेरी बाहों को महसूस करते हुए ब्रा का पट्टा मेरी टोप के अंदर रख दिया, जहां अब ब्रा का पट्टा फिट था। अब उसकी कोहनी मेरी चूचियों के दरार के बीच में थी ।


"मम्ह्ह्ह..." मैंने जवाब में हल्की सी कराह उठी। उसने हाथ हटा लिया।

मुरली जी को काबू नहीं हो रहा था और वो वासना से आगे बढ़े और मेरे दोनों स्तनों को मेरी टोप के ऊपर से अपने हाथों में पकड़ लिया!

वह कुछ सेकंड के लिए उन्हें धीरे से दबा रहे थे और फिर मेरे ग्लोब को और और तेज़ी से दबाने लगे।



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"आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्वतहा. वह समझ गया था कि वह जो कर रहा था उससे मुझे पसंद था। अब मुरली जी ने मेरी टी-शर्ट के अंदर हाथ डाला और मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाने लगे। उसने मेरे निपल्स को उत्तेजित करना शुरू कर दिया। यह सीन बहुत गर्म था, और मैं उस समय बहुत मज्जे ले रही थी।

अरे हाँ, मुरली-जी... दबाते रहो।" मैं उसकी पैंट में लंड के वहाँ नज़र डाली उनकी पैंट में उनके लंड ने एक बड़ा तंबू बनाया था।



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अब हम दोनों बाक़ी सब भूल चुके थे और पूरी तरह से वासना में थे।

मुरली बोले “कामिनी, तुम तेजस्वी लग रही हो। आप चाहें तो मॉडल बन सकती हैं। चलो कभी फोटोशूट प्लान करते हैं।"


मैं थोड़ा शरमा गयी। वह मेरी तारीफ करते रहे, और मेरे गाल शरम से गुलाबी हो गए ।
मैं कही "क्यों न हम अभी एक छोटा सा फोटोशूट करते हैं मुरली जी..."

उन्होंने कहा, "लेकिन मेरे पास मेरा फोन या कैमरा नहीं है।

मैंने उन्हें अपना फ़ोन दिया दिया और उन्हें मेरी फ़ोटोज़ क्लिक करने के लिए कही। फिर उन्होंने मुझसे बाद में तस्वीरें देने का अनुरोध किया। मैं ठीक हैं बोली ।

अब उनके हाथ में मेरा कैमरा फोन था।
मैंने शांति से अपना बायाँ हाथ अपने कमर पर रखे, एक पैर आगे रखा और उसकी ओर देखने लगी । मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं, अपने निचले होंठ को काट लिया, और एक कामुक चेहरा बना लिया। तभी मुझे कैमरे से हल्की क्लिक की आवाजें सुनाई दीं।



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मैंने फिर धीरे-धीरे और आकर्षक ढंग से अपना शीर्ष लगभग दो इंच ऊपर उठा लिया। अब मेरे बेडरूम के दरवाज़े के साइड को पकड़ कर पोस दी । बस इतना कि वह मेरे अंडर-चूचियों की दरार देख सके, उनके ऊपर नेकलेस और पेंडेंट के साथ। उसने फिर दूसरी फोटो खींची।


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फिर मैंने अपना टॉप पूरी तरह से हटा दिया। इसे हटाते समय भी, मुझे एहसास हुआ वह विडीओ भी ली थी। फिर मैंने अपने स्तनों पर एक हाथ ब्रा पर रखा, अपने निप्पल क्षेत्र को ढँक लिया और अपने स्तनों को एक साथ निचोड्ने लगी ।
वैसे पोस में उन्होंने एक फोटो क्लिक की।




मेरे अंदर बहुत सारी भावनाएँ जल रही थीं। मैं काफ़ी हॉर्नी बन चुकी थी । अब मेंने शॉर्ट्स निकाल दी और मैंने अपनी पूरी ब्रा और पैंटी दिखाते हुए पोस दि।

उन्होंने मेरी उस पोसे में एक और फोटो क्लिक की।



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फिर मैंने अपने हाथ ऊपर उठाए, पीठ उनके तरफ़ करी लगभग पंद्रह डिग्री ऊपर मेरी बाहेंन उठा ली ओर मेरी मिल्की पीठ और सफेद कामुक जांघें दिख रही थी। मैंने अपना सिर थोड़ा पीछे झुका लिया और कैमरे की तरफ देखी। मुरली जी ने एक और फोटो लिया ।

इसके बाद मैं खिड़की की तरफ चल दिया। मैंने खिड़की की ग्रिल पकड़ी और मुडी और कैमरे की ओर देखकर मुस्कुरायी।

ओर एक फोटो उन्होंने निकली।


, मैंने आगे जो किया उससे मुरली जी का लंड उनकी पैंट बेशक में कूदने लगा। मैंने दोनों ब्रा की पट्टियों को नीचे कर दिया और अब बस अपनी ब्रा को अपने हाथों से पकड़ कर अपने स्तनों को बाहर धकेल दिया। ऐसा लग रहा था कि किसी भी पल मेरी ब्रा गिर सकती है और मेरे हाथों की वजह से ही पकड़ी गई थी।



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उन्होंने ऐसे पोस में एक और फोटो क्लिक की।

अंत में मैंने जो किया वह सबसे साहसी चीज़ थी, मैंने ऐसा अभिनय किया जैसे मैंने गलती से अपने हाथों को ब्रा से हटा दिया था और उसे गिरने दिया। अब मेरे बड़े दूधिया स्तन और मेरे निप्पल को मेंने अपनी हाथों से ढक लिए और कामुक अन्दाज़ से मुरली जी को देखने लगी।




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यह मुरली जी के आँखों के लिए दावत थी और मैंने उसके अंडरवियर के माध्यम से उसकी पैंट पर कुछ प्रीकम बनते उनकी पैंट गिली होते हुए देख सकी


!! फ़ोटो क्लिक करने से पहले ही अचानक, उन्होंने अपने नाम के पुकारे जाने की अपनी बीवी की तीखी आवाज सुनी।

मुरली जी चिल्लाये कि उनका काम हुआ था और वो ऊपर लौटने की तैयारी कर रहा था। मैं अपने कमरे में गयी और अपनी मोटी ब्रा पहनी और सलवार कमीज भी पहनी और दुपट्टे को अपने सिर पर ओढ़कर हम दोनों एक साथ ऊपर चले गए ताकि एक अशोभनीय पोशाक में देखकर उसकी पत्नी को हम पर जरा भी शक न हो।




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हम सीढि़यों से ऊपर गए और थोड़ी गुस्से से भरी पूजा ने दरवाज़ा खोला । पूजा ने उनसे नाले को साफ करने की कोशिश में बिताए 45 मिनट के बारे में पूछताछ की। मुरली जी ने उत्तर दिया

"आप जानते हैं, हमें नीचे की रसोई में काम करने की आवश्यकता होगी। पाइप सड़ने लगी है और टुकड़े नाले में गिर रहे हैं। यदि हम तेजी से कार्य नहीं करते हैं, तो हमें फर्श में खुदाई करने और ठीक करने की आवश्यकता हो सकती है। "


इस जवाब ने तुरंत पूजा को शांत कर दिया और उसके भावों में भारी बदलाव लाया। उसने अपने पति के चेहरे पर पसीने के मोती, गंदे धब्बों वाली कमीज और चारों तरफ धब्बे और उसकी भारी सांसें देखीं। निश्चित तौर पर उन्होंने उस नाले को ठीक कराने में काफी मेहनत की थी। मरम्मत से एक बड़े खर्च की संभावना ने उसे चिंतित कर दिया और उसका ध्यान हट गया।


"इसे ठीक करने में क्या लगेगा? हमें कितना खर्च करना होगा?" वह पूछी
"अगर हम पेशेवर प्लंबर बुलाएँगे तो यह काम जल्दी से किया जाएगा। वे 10,500 रुपये चार्ज करेंगे जिसमें उनका 7000 रुपये का सर्विस चार्ज शामिल होगा।" "हमें ही नीचे की मरम्मत का खर्च करना पड़ता है क्योंकि यह किरायेदार की गलती नहीं है क्योंकि यह एक पुराना सिंक का नाला है जिसे हमने वर्षों से नहीं बदला है।"

पूजा ने गंभीरता से सिर हिलाया। “वह बहुत ज्यादा खर्चा है मुरली” वो बोली


मुरली ने कहा, "हां, लेकिन मुझे शायद ₹4000 में एक नया सेट मिल सकता है। हमें नई नाली के साथ एक नया अपडेटेड सिंक भी मिलेगा जो बंद नहीं होगा। मैं मरम्मत भी करूंगा लेकिन इसमें अधिक समय लगेगा क्योंकि मैं पलंबेरों जैसे फुर्ती से काम नहीं सकूँगा मेरी उम्र के कारण । लेकिन लंबे समय में यह बेहतर है क्यूँकि खर्चा काफ़ी कम होगा ।"

पूजा मुस्कुरा दी। उसे यह विचार पसंद आया। "ठीक है मुरली, आप समझ गए प्रॉब्लम। इसे ठीक करने में अपना समय लगाओ लेकिन अच्छा काम करो।"

मैं खडी होकर उनकी बातें सुन रही थी। मुरली मेरी नजर में कभी भी प्रभावशाली स्मार्ट मर्द नहीं लगते थे, लेकिन जिस तरह से उन्होंने इस मुद्दे को संभाला था और सुनिश्चित किया कि वह खर्चों को भी कम कर देंगे और अपनी पत्नियों की मंजूरी के साथ काम के excuse से मेरी कंपनी का रोज़ का आनंद लेने का मौका उन्हें मिलेगा। इस बात से मेरी वासना उनके प्रति काफ़ी बढ़कर मजबूत हो गई थी।

मैंने फैसला किया था कि में इन्हें तड़पाऊँगी लेकिन उनसे चुदाई करने का मेरा कोई इरादा नहीं था। मुझे एक चतुर साधन संपन्न मर्द पसंद थे और मैं फ़ैसला करी की अब उन्हें मेरे शरीर का आनंद लेने दूँगी और उन्हें मेरी चुदाई करने दूँगी ।


मैं मुस्कुरायी और उन दोनों को धन्यवाद दिया और जाने के लिए मूडी। मुरली मुझे छोड़ने आए। उनहोने मुझे देख एक कामुक मुस्कान बिखेरी और मैं बस फुसफुसायी, "अब मिलेंगे अगली बार तक” और मेरी होठों को जोड़ कर फ़्लाइइंग किस दी




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मैं अपनी बाथरूम पर जाकर शांति से स्नान करने के लिए गयी। जैसे ही मैं बाथटब में लेटी थी, मेरा फोन, जो मेरे बगल में था, बज उठा। एक संदेश सूचना।

मुरली जी ने लिखा था।

"आप सबसे सेक्सी मॉडल हैं जिस पर मैंने कभी अपनी नज़रें गड़ाई हैं। आप के उन बेहतरीन बड़े दूधियों जैसे चूचियों का उल्लेख नहीं कर सकता । मैं आपके साथ और अधिक मज़े करने के लिए उत्सुक हूँ, मेरी सेक्सी कामिनी 😘😘😘😘


'हाँ, मैं आपके साथ और भी मज्जे करने की आशा करती हूँ, मेरे स्मार्ट किरायेदार मुरली जी xoxo ', मैंने जवाब दिया।
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मुरली के दृष्टिकोण से


उस हॉट अधूरे फोटोशूट के बाद तीन दिन तक मैं कामिनी को ठीक से देख नहीं पाया था। आज मुझे अपनी पत्नी के इशारे पर कामिनी से किराया लेने जाना था। मेरी पत्नी बाहर गयी थी और कुछ घंटों के लिए वापस नहीं आने वाली थी। इसलिए कामिनी के पास जाने और उसके साथ चुदाई करने का मौका आज मिला था। अब मैं तैयार होकर उसके घर चला गया।



घंटी बजते ही 5 मीन में कामिनी ने दरवाजा खोला, और मेंने कामिनी का कामुक और सुंदर दृश्य देखा। कामिनी, एक छोटे, सफेद बाथरोब में थी, उसके सिर पर बालों का ढेर था जो अभी भी गीली थी, जैसे मानो वह शॉवर से बाहर आयी हो। कामिनी उन बड़ी, स्वागत करने वाली आँखों से मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी। उसने एक ब्रा पहनी हुई थी और उसकी ब्रा की पट्टियाँ दिखाई दे रही थीं। मैंने अपनी पैंट के अंदर एक हलचल महसूस की, और वहीं खड़ा हो गया। अगर वह मुझे बहकाने की कोशिश कर रही थी तो वह बहुत अच्छी शुरुआत कर रही थी। उसने मीठी सुर में मुझे अंदर बुलाया।

अच्छा, मुरली जी आ जाओ अंदर ... “आप इतने क्या चुप हो?” मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और उसकी खुशबू की साँस ली। वह चमेली के फूल की तरह महक रही थी.



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“मुरली जी ? मुरली जी... तुम ठीक तो हो?”

“ज़रूर...एस-सॉरी कामिनी” हकीकत में वापस आते ही मैं बुदबुदाया। आप आज सुबह वास्तव में बहुत सुंदर लग रही हो ... कामिनी मुस्कराई, और में उसके पीछे चलता रहा। “आज आप बहुत दीप्तिमान दिख रहे हैं।” में कहा

उसकी मुस्कान बहुत बड़ी थी, और उसके चेहरे पर चमक आ गई। “शुक्रिया मुरली जी” कामिनी बोली

उसकी तोवेल का निचला हिस्सा ऊपर की ओर था, उसकी गांड के आधे ऊपर, और मुझे उसके आधे नंगे चूतदों के गालों का दृश्य दिखाई दे रहा था । उसके चूतड गोल, परिपूर्ण और दूधिया सफेद थे । बस उसकी एक लैसी, काली थोंग जो उसके चुरादों के दरार के अंदर फँसी हुयी थी , वो मुझे दिखाई दे रही थी। मेरा लंड मेरी जीन्स में सूजता हुआ में महसूस करने लगा था और में खुद पर क़ाबू लगा रहा था की मैं उस खूबसूरत चूतदों को मेरे दोनों हाथों से पकड़ कर दबाऊँ नहीं ।



अब कामिनी पीछे मुड़ कर मुझे देखकर मुस्कुराने लगी, फिर आगे चलने से पहले कुछ सेकंड से अधिक उसी पोस में मुझे देखती रही । फिर वह एक अलमारी के नीचे की शेल्फ तक पहुँच गई, वह कुछ पाने की कोशिश में झुकी हुई थी और इस पोस की वजह से मेरी नज़र उसकी चूतदों पर फिर से गयी ।



इस बार मुझे एहसास हुआ कि यह जानबूझकर ऐसा कर रही थी । वह फिर लौटते समय उन बड़ी आँखों से मुझे देखकर मुसकरते हुए कमर हिलाते हुए चलने लगी ।

“मुरली जी इतना क्या घूर रहे हो मुझे... तुम ठीक हो ना?” कामिनी बोली

उम - निश्चित रूप से, मैं जवाब में बस इतना ही कह सका । “कुछ चाहिए आपको कॉफी, चाय, पानी...बीयर?” कामिनी बोली

मैंने कॉफी मांगी, फिर चाय... फिर अंत में हकलाने लगा, मैं फिर से एक कॉफी लूंगा, ऐसे बोल कर चुप हो गया।

क्रीम और दूढ चाहिए चाई में ? मैंने ब्लैक कॉफ़ी कहा, इसलिए नहीं कि मुझे वैसे कॉफ़ी पसंद था; यह सिर्फ अधिक मर्दाना लगता इसीलिए वैसे कहा मेंने। फिर वह वापस आई, मेरा कॉफी का काम टेबल पर रख दिया, और मेरे बगल में मुझसे सटा कर पास बैठ गयी।

कॉफ़ी कैसी है? वह जानना चाहती थी, और उसने खुद अपनी कॉफ़ी मी चुस्की ली थी।


कामिनी ने अपने सेक्सी शरीर को मेरे इतना पास सरका दिया था कि हमारे कंधे और घुटने स्पर्श कर रहे थे। वह अपने रोब की जेब में पहुंची और मुझे एक लिफाफा दिया।

ये लो मुरली जी, आपको अपने पैसे पसंद हैं ना, उसने वह बात एक बड़ी एक मुस्कान के साथ कही। मैं पैसे गिनने लगा।



उम्म्म .... जैसे ही उसने अचानक मेरी टांगों के बीच अपना हाथ सरका दिया, मेरी जींस के नीचे मेरे खड़ेइरेक्शन को धीरे से पकड़ने के लिए, मैंने आह भरी।

जब उसकी उंगलियां मेरे उभार को रगड़ने लगीं तो मेरी गिनती खो गई। उसने मेरी ज़िप ढूंढी और उसे नीचे की ओर ज़िप नीचे खींचने लगी।

!

क्या बात है मुरली जी? गिनती नहीं कर सकते? वह कामुक अन्दाज़ में मुझे देखकर बोली।



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फिर उसने मेरे बाएं हाथ के नीचे अपना सुस्वाद सिर झुकाया, मेरे लंड को बाहर निकाला, और उसे एक गर्म, कोमल चुंबन दि ।

अब, मैं कामिनी जैसी सुंदर लड़की के साथ कभी नहीं ऐसा किया था। मेरे, लुंड को इतने गर्म, प्यार भरे मुंह के अंदर दुलारने और चूसा जाने की आदत नहीं थी और मुझे कामिनी के फुर्तीली जीभ से गुदगुदी हो रही थी।

मैंने अपनी पैंट की जेब में पैसे भर दिए, और शुद्ध खुशी से में कराह उथा क्योंकि उसने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया था। मैंने अपनी बाईं ओर देखा, और उसकी नग्न गांड को हवा में देखा, मेंने अपना हाथ कामिनी की नंगी कोमल और मिल्की पीठ पर सरकाने लगा।



मेंने अपनी उँगलियों को उसकी उसकी पतली पतली काली पैंटी के अंदर डाल दी और उसकी गर्म, नम चूत की तरफ़ अपनी उँगलियाँ बढ़ाने लगा ।



मैंने उसकी पैंटी के लाइन को एक तरफ धकेल दिया, और उसके चूत की भगशेफ की जांच शुरू कर दी। मेंने अपनी उँगलियों से उसकी गर्म चूत के डाने के साथ खिलवाड़ करना शुरू किया फिर उसकी चूत के होठों की मालिश करने लगा और मेंने यह महसूस करा कि उसकी चूत से रस बहने लगा था और वो रस उसकी आंतरिक जांघ से नीचे जाने लगी थी।





इसने मुझे आश्चर्यचकित कर दिया कि वह कितनी जल्दी गीली हो गई थी, और उसकी चुत में एक उंगली थपथपाते हुए, मैंने उसके छोटे गुलाबी चूत के चारों ओर छोटे, त्वरित, उद्देश्यपूर्ण घेरे बनाने के लिए उसी के चूत के रस का उपयोग किया।

मम्म, कामिनी कराह उठी, मेरे लंड को उसने अपने सुंदर, फुर्तीले मुंह में मजबूती से रखा था। उसने मेरे लंड को एक हाथ में पकड़े हुए, दूसरे हाथ से अपनी ठुड्डी को पोंछते हुए ऊपर देखा।

“वाह, आप सच में एक गंदे बूढ़े आदमी हो, मुरली”

फिर कामिनी मेरे घुटनों के बल चली गई, मेरी लंड की गेंदो को बारी बारी से एक अच्छी चाट दी, फिर मेरे लंड के शाफ्ट को अपने लाल लाल होंठों के अंदर लेटे हुए हुए उसे चूसने लगी।



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मेरे घुटनों के बीच थी कामिनी इसलिए, उसकी गांड और उसकी प्यारी योनि तक पहुँचना कठिन था। मेंने फिर उसकी ब्रा को साइड में करके उसके निपल्स को चुटकी बजाते हुए और उसके स्तनों को निचोड़ने लगा।



कामिनी की आँखें मुझसे मिलीं। मेरा लंड उसके मह में और वो ऊपर मुझे देखते हुए , उफ़्फ़्फ़्फ क्या कामुक नजारा था।



कामिनी फिर से सोफ़े पर आयी और लंड चूसते हुए अपने बदन को सोफ़े पर टिका दिया । मेंने मेरा हाथ उसकी पीठ के नीचे, उसकी नग्न गांड के ऊपर, उसके प्यारे चूतदों के बीच, और उसकी गर्म, गीली चुत के पास ले गया।

हे भगवान ... कामिनी बड़बड़ायी, उसका सिर फिर से उठा, उसने अपनी आँखें कसकर बंद कर लीं, मेरी जानने वाली उंगलियों को उसकी चूत में जाने की अनुमति दी।



मेरे लंड की नोक उसकी लार से लथपथ, ढीली ठुड्डी पर टिकी हुई थी क्योंकि वह मेरी उँगलियों को उसकी चूत में होने की आनंद में आनंदित थी जिसे वह महसूस कर रही थी। मम्म...मुरली जी और करिए वह कराह उठी।

मुझे पता था कि वह सिर्फ एक मुखमैथुन देना चाहती है लेकिन मैं उसे चोदना भी चाहता था इसलिए मैंने अब मोर्चा संभाला।

मैंने उसका हाथ थाम लिया और हम दोनों खड़े हो गए और डीप किस करने लगे।



में उसकी ब्रा को खोलने के लिए हाथ उसके पीछे ले गया , और ब्रा को अन्हुक कर दिया ।जैसे ही उसकी ब्रा गिर गयी , कामिनी ने अपने स्तनों को अपने हाथों में पकड़ लिया और उसे ढकने लगी, शर्माते हुए।





मैं उसकी ओर बढ़ा, अपनी भी कमीज को हटाकर, फर्श पर बने कपड़ों के ढेर में जोड़ दिया।

कामिनी ने अब मेरी बेल्ट पूरी तरह से ढीली की और मेरी जीन्स खोल दी, और उन्हें मेरी कूल्हों से नीचे सरका दिया ।



कामिनी ने मेरे हाथों को अपने हाथों में ले लिया, उन्हें अपनी पैंटी के ऊपर अपने कूल्हों पर रख दिया।

मुस्कुराते हुए मैंने उन्हें उसकी जांघों से नीचे उसकी पैंटी सरका दि और पैंटी साइड में फेंक दी। कामिनी ने भी वही मेरे उँडेरवीर के साथ करी और उसे भी निकाल दिया।

हम पहली बार एक दूसरे के सामने बिलकुल नंगे खड़े थे। उफ़्फ़्फ कामिनी सच में एक सेक्स की देवी के रूप में नंगी दिख रही थी।



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अब मुरली जी ने मुझे उनकी बाँहों में पकड़ लिया और मुझे किस करने लगे।

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उनका चुम्बन मेरी आँखों, मेरे कानों, मेरे गले तक चला; मेरे शरीर को उनकी जीभ से उन्होंने सहलाया, जैसे उनके होंठ और जीभ मेरी चूचियों के बीच सेमेरी चूचियों से मेरे बाएं स्तन के नीचे चल रहे थे; फिर उनके चम्मे अब ऊपर मेरे निप्पल तक चलने लगे।



उनकी जीभ ने मेरे निप्पल और चूचियों को गीला कर दिया, अपने हाथों से मेरे स्तन वह दबाने लगे; मेरी चूचियों को ऊपर उठाते हुए, उनके होंठ मेरे स्तन को चूसने लगे । धीरे-धीरे मेरे बाएँ स्तन के इरोला (areola) को छोड़ कर, उन्होंने अपने होठों से मेरे दाएँ स्तन को अपने होठों से पकड़े रखे, उन्होंने उनकी जीभ को मेरे सख्त निप्पल पर फड़फड़ाये।



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मुरली जी ने मेरे शरीर को पकड़े उनका मुंह मेरे स्तनों से नीचे चला गया और वो मेरी नाभि को चूमने के लिए नीचे की ओर अपनी जीभ सरकाने लगे। फिर उन्होंने मेरी नाभि के गोल आकर के अंदर अपनी जीभ से उसे चाटने लगे और मेरी नाभि को मुरली जी तब तक चूसते रहा जब तक कि मैंने उनका सिर कराहते नहीं पकड़ लिया था।



मैंने अब उनका सिर पकड़ रखा था और उनके सिर को में अपने संवेदनशील स्थानों पर ले जाने लगी ।

धीरे-धीरे उनकी जीभ मेरी चुत के ऊपर आइ और फिर मेरी चुत और जाँघ के बीच की क्रीज पर चली गयी । अब मुरली जी का मुँह वही टिका था; और वहाँ मुरली जी मुझे चूमने और चाटने लगे । में इस हरकत से कराहती रही।



उन्होंने अपनी जीभ मेरी चूत के बिलकुल ऊपर टिका दी और वह फिर ऊपर मेरी आँखों में देखने लगे।



"मुझे तुम्हारे सेक्स की खुशबू, मेरे चेहरे के खिलाफ तुम्हारी चुत की अनुभूति पसंद है।" मुरली फुसफुसाए।




मैं हल्का सा मुस्कुरायी, धीरे से उनके सिर को सहलायी, औरक उन्होंने अपने होठों को मेरी चुत के होठों पर ले गए और मेरी चूत को चाटने लगे ।



जैसे ही उनकी जीभ मेरी योनी में फिसल गई, उनके होंठ मेरी चूत के होठों पर, जो फूल की पंखुड़ियाँ जैसे दिख रही थी। फिर मैंने उनका चेहरा अपनी चूत पर दबाया; वह मेरी योनी को चूमने लगे, मेरी चूत की मिठास का स्वाद चखने लगे ।


मुरली जी मेरी चुत की बढ़ती गर्मी को महसूस कर सकते थे क्योंकि उन्होंने धीरे-धीरे अपनी जीभ को मेरी भगशेफ की ओर थपथपायी फिर मेरी पेशाब के छेद से खेलने लगे, फिर से मेरी भगशेफ पर अपनी जीभ टिकाई। फिर अपने जीभ से मुरली जी मेरे चूत के दाने से अपने जीभ से खेलने लगे। वह मुझे परमानंद की स्थिति में लाने के लिए ये सब कर रहे थे।


मुरली जी ने मेरे चेहरे की ओर देखा, अब मेरी आंखें नम हो गई हैं। मेरा सिर पीछे की ओर झुका हुआ था, मुंह खुला था, जिससे मेरी छोटी-छोटी कामुक आवाजें निकालती रही । मेरे हाथ उनके बालों में दौड़ते हुए, उसे पकड़ कर मेरी चूत को और चाटने उन्हें कराह कर में कह रही थी।



मुरली जी ने अब धीरे से मेरे भगशेफ को चूसा, चूत के लिप्स को अपने होठों में पकड़ रखे थे। मेंने उनके सिर को मेरी चूत पर दबाते हुए, मेरी चुट को उनके चेहरे पर सता दिया था । मुरली जी ने अपनी जीभ वापस मेरी योनी में डाल दी।



" अह्ह्ह मेरी चूत खा लो... मेरी चुत चाटो... मेरी भगशेफ चूसिए ... मुरली जी... चूसो मेरी योनि।" में ज़ोरों से कराहने लगी।



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उनके सिर पर दोनों हाथ मेरे रखे हुए थे और मैंने उनके चेहरे को वापस अपनी भगशेफ की ओर खींचीं, फिर उसे दबाते हुए, महसूस करी कि वह वापस उनके मुंह में जा रहा था और में कराह उठी "हाँ, रुको मत मुरली जी," उनकी जीभ मेरी चूत के अंदर और बाहर खिसक रही थी मानो वह उनके मुंह से मेरी चूत चोद रहे हो।



उन्होंने गति बढ़ा दी, तीव्रता बढ़ा दी क्योंकि मैंने उनके चेहरे को अपने हाथों के दबाव से मेरे क्रॉच पर जोर से निर्देशित करी थी।



मुरली ने अपने हाथों को मेरी चुत के साथ सरका दिया, अपने अंगूठों को उनके अंदर खिसका दिया, मेरी भगशेफ के प्रहारों के साथ समय पर मेरे मॉन्स के पीछे मालिश की, और मेरी कूल्हे उस एहसास से हिलते-डुलते रहे।



मेरे गले से आवाजें अब जोर से आने लगी; मेरे क्रॉच के जोर से उनके चेहरे पर तेजी आई, मेरे हाथ उनके सिर को मेरे चूत पर जोर से दबा रहे थे।



मुरली ने मेरी योनी के पहले संकुचन को महसूस किया जब मैं हांफ रही थी, उनका संभोग मेरे नियंत्रण से परे, मेरे शरीर पर कब्जा कर रहा था । मेरी योनी सिकुड़ रही है, परमानंद की लहरें मेरी चुत से निकल रही थी क्योंकि मेरा संभोग अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया था।



मुरली ने मेरा उतेजना भरा चेहरा देखा, और धीरे-धीरे मेरी योनि को चाटना शुरू कर दिया।



मैं नीचे उन्हें देख मुस्कुरायी, धीरे से उनका चेहरा मेरी चूत की ओर दबाते हुए, अपने जुनून की वापसी को महसूस करते रही । मुरली जी ने अपनी जीभ को मेरी योनी पर फिर से थपथपायी फिर अपनी जीभ को मेरी चूत में पूरी तरह से अंदर धकेलते रहे, मेरी चूत के रसों को चखने लगे, और फिर से मेरि चूत की भगशेफ को उनके मुंह में लेकर उसे चूसने लगे।

मुरली फिर से मेरे शरीर को चूमने लगे और मेरी त्वचा को सहलाना शुरू कर दिया; उनकी जीभ फिर से ऊपर फिसलने लगी , मेरी नाभि तक, फिर मेरे स्तनों के बीच में, और आख़िरकर फिर से

मेरी मुँह के क़रीब उन्होंने अपने मुँह को लाए।



वह मेरी चूत के स्वाद और सुगंध को मेरी नाक और मुंह तक लाने के लिए ऊपर आए थे।



मैं उनका उपहार लेने के लिए अपना मुंह खोली, मुरली ने नीचे मेरी नाभि पर अपना लंड घूमने लगे; फिर उनकी जीभ मेरे मुंह में घुसी, हम अब चुम्बन में लग गए और उनका लंड धीरे-धीरे मेरे पेट से रगड़ने लगा।



अब उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटाया और हमने वहीं आराम करते, उनका वजन पूरी तरह से मुझ पर और मेरे स्तन उनकी छाती से दब गए थे।



अब मैं अपनी जीभ मुरली के मुंह में डाल रही था और हम एक गहरी चुंबन में 5मीन तक लगे हुए थे। हमारी जीभ एक-दूसरे के मुंह के गहराइयो तक चल रही थी।




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मैं वासना में थी और अब चाहती थी कि मुरली जी मेरी जमकर चुदाई करे।



"ओह, हां, प्लीज, मुरली जी। चुदाई कर दो... प्लीज!" मैं उनके नीचे लेटी कराह रही थी, उनके लंड को में अपने चूत के अंदर चाहती थी।



"फिरसे मुझे बताओ तुम्हें क्या चाहिए कामिनी” । मुरली जी बोले।



मुझे कहो फिर से तुम्हारी चुदाई करने के लिए, कहो कामिनी डार्लिंग," मुरली जी मुझे फिर से चिढ़ाने लगे, नीचे झुकते हुए और मेरे पेट में अपनी कठोरता को ठोका।

"चुदाई चाहिए आपसे... उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ... आह ... चुदाई ... बस मेरी चुदाई करिए मुरली जी, प्लीज, डार्लिंग मुझे चोदिए," में कराहते हुए बोलती रही।





"ऐसे कहते रहो, बेबी," मुरली जी ने अपने कूल्हों को थोड़ा ऊपर उठाते हुए और नीचे मेरी चूत की ओर बढ़ते हुए बोलने लगे की

वह खुद के बदन को ऐसे अद्जुस्त कर रहे थे ताकि उनका लंड अब मेरे खुले पैरों के बीच कसकर दब जाए।



मैं कराह उठी क्योंकि मैं महसूस करी कि उनके लंड का बड़ा सिर मेरे कोमल, उत्सुक योनी की होंठों को छू रहा था। में मेरी जांघों को फैलाने की कोशिश करती रही ताकि उनका लंड आसानी से मेरी चूत में जा सके लेकिन उन्होंने क्रूरता से अपना लंड वापस पीछे खींच लिया। "कहो, कामिनी, मुझसे चुदाई की भीख मांगो, बेबी।"





"मेरी चुदाई करो कमीने मुरली जी ! अह्ह्ह मेरी चुदाई करो कमीने बुद्धे ... आह ...!" मैंने महसूस किया कि उनका धड़कता हुआ लंड का सिर मेरी योनी के रस से गीला था ।



"मुझे चोदिए मुरली जी!" मैं उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए कराह उठी। "चोदिए मुझे , चोदिए मुझे मुरली जी। !" आख़िर में मुरली जी ने अपने लंड का सिर मेरी चूत में डालने लगे धीरे धीरे उनका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर चला गया था और में उन्हें बाहों में लेकर लिपट गयी, उनके लंड से मेरी चूत भर गयी । उनके लंड का बड़ा हिस्सा मेरे जलते चूत में गहरा चला गया था ।





मैं कराह रही थी और हांफ रही थी, बिस्तर हमारी चुदाई से आगे-पीछे हो रहा था, मेरे स्तन उनके बदन के जोर से कांप रहे थे।

मैंने मेरी चूचियों को अपने उँगलियों से निचोड़ा और जोर से कराहने लगी।



"OHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHमैं जोश कराह उठी, मेरा शरीर काँप रहा था ।

मेरी शरीर पसीना से बह निकली। मेरे बालों की लटें मेरी गर्दन के पिछले हिस्से में नमी से चिपकी हुई थीं। मेरे पैर चौड़े थे, मेरे घुटने मुड़े हुए थे और मेरे पैर उनकी मजबूत पीठ के खिलाफ जकड़ में थे।



में मेरे कूल्हे नीचे से पंप करी । मेरी चूत जो मुरली जी के बादन के नीचे थी वह गरम ठी क्यूँकि मुरली जी अपने लंड से मेरी चूत के अंदर और बाहर जोरदार स्ट्रोक दे रहे थे । मैंने उनकी बाँहों और कंधों में अपनी उँगलियाँ जोर से खोदीं, मेरी लंबी गर्दन आगे झुका दी और उनके कानों में “अह्ह्ह मेरी मस्त चुदाई कर रहे हो मुरली जी” ऐसे कहने लगी।



मेरे प्रेमी का लिंग चूत के बाहर प्रकट हुआ और फिर से मेरी योनी में के अंदर चला गया ।

चुदाई करते करते मुरली जी के नितंब उठे और गिरे, वह तेजी से और तेजी से मेरी चूत में अपना लंड पंप करते हुए जोर से कराह उठे ।" ओह ओह ओह उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मैं छिलायी और मुरली जी मेरी चुदाई करते रहे।

अह्ह्ह्ह हाँ ओह्ह्ह ले लो ... ले लो! चलो, डार्लिंग मेरा लंड और अंदर तक लो! उह उह्ह्ह्ह्ह हां," मुरली जी हांफते हुए कहे।



उसने तनाव में अपने निचले होंठ को काटा और अपना सिर पीछे की ओर झुका लिया, उनका चेहरा वासना की लहर में उलट गया।

उनकी झाँघें बार-बार मेरी झंघों से टकरायी, अपने कूल्हों को अगल-बगल से बेरहमी से झटकते हुए, उनका लंड उन्होंने मेरी चूत में धकेला। एक बार फिर दो बार फिर तीन फिर चार फिर पांच बार उनके लंड ने मेरी योनी में छलांग लगा दी।




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अंत में, उन्होंने जोर से मेरी चूत की ठुकाई करी और जोर से कराहते हुए दो मीन के लिए वह मेरी बदन पर स्थिर रहे।

मेरी चूत से तो पानी बह ही रहा था।

मुरली लंड से पानी चोरना चाहते थे लेकिन चूंकि वह मेरी चुत में नहीं वीर्य चोर सकते थे उन्होंने सुझाव दिया कि वह 69 पोज़िशन (जो उन्होंने अपनी पत्नी के साथ पहले कभी नहीं किया था) - आज़माना चाहते थे और मेरी चुत के रस को चाटना चाहते थे । इस पोस में वह मेरे मुँह में अपना वीर्य भी छोर सकते थे।



वह,मेरी चूत पर अपना चेहरा ले गए और मेरे चेहरे के सामने अपना लंड रखा, । मुरली जी मेरी योनि को अपने मुँह में लेकर चूसने लगे और, मैंने भीअपने मुँह में उनका लंड लेने लगी।



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मुरली जी अब मेरी हरकतों का जवाब दे रहे थे, मेरे चूत का जोर से चूसने लगे । मेरे हाथ उसके उनके लंड पर थे । मैं उनके लंड को चूसने लगी, उनके लंड को मेंने तब तक मेरी मुँह में लिया जब तक कि मेरे होंठ उनके क्रॉच के खिलाफ नहीं सेट हो गए थे, उनका सारा लुंड मेरे मुँह में था और, उसे वहीं पकड़ कर में रखी। मुरली ने एक संभोग के चरमोत्कर्ष की ओर मेरी चुत को चूसते रहे।



मैं एक नए एहसास, एक उत्तेजना को महसूस कर रही थी, मुरली के लंड को मुंह में लिए हुए में लेटी हुयी थी, जबकि वह मेरी चुत को अपनी मुँह में किए हुए थे।

मुरली की उँगलियाँ अब मेरी चुत में थीं, जैसे ही उसने मेरी योनि को चूसा, मेरी खुशी बढ़ा दी। उनका लंड मेरे मुँह में पूरा सख्त था, जैसे-जैसे उनकाउत्साह बढ़ता गया, उनका लंड मेरे गले के पिछले हिस्से की ओर धकेला गया।



मैंने उनके लंड को पूरे अंदर तक रखने की कोशिश की, लेकिन नहीं कर सकी। मेंमें उनके लंड के शाफ्ट को मेरे मुंह के बाहर वापस खिसकने दिया, उनके लंड के सिरको में चूसते रही और अपनी जीभ को उनके लंड पर चला रही थी , जैसे मुरली ममेरी चूत की भगशेफ के साथ कर रहा था।



मैं पूरी तरह से अपने यौन जुनून में डूबी हुयी थी ।



जितना जोर से उन्होंने मेरी योनि को चूसा, उन्होंने अपनी उँगलियाँ मेरी चूत में डाल दीं । जैसे ही मैंने अपने कामोत्तेजना की शुरुआत को महसूस करी, मैंने अपने मुंह को उनके लंड पर आगे-पीछे करना शुरू कर दिया । मैंने उनके लंड के चारों ओर अपना हाथ रखी ताकि उसे बहुत अंदर तक मेरे मुँह में धकेल सकूँ, और उस पर जोर से चूसें ।



अब मुरली जी कराह उठे की उनका वीर्य निकलने वाला है तब मैंने उनके लुंड की नब्ज को महसूस करी।




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उनके सह को मेरे मुंह में एक पिस्तोल से गोली मारते हुए वैसे महसूस करी, और उनका सह मेरी जीभ पर से बहकर मेरे मुँह में जाने लगा। मैंने उनका सह निगलना शुरू कर दिया और और फिर उनकेलंड को बाहर निकाल लिया । उनके सह की एक-एक बूंद में निगल गयी।



हम डोनो बिस्तर पर इधर-उधर हो गए और पज़िशन बदली और मुरली जी ने , मुझे अपनी बाहों में ले लिया, मेरी चूत को चूमने और चाटने लगे और में भी अपने ऑर्गैज़म तक पहुँची और अह्ह्ह कर मेरी चूत से पानी पूरी तरह से बाहर बहने लगा। आज मुरली जी से मुझे एक तीव्र संभोग का सुख मिला था।




फिर उसी स्थिति में एक दूसरे के बाहों में लेट गए, हमें और कुछ करने की आवश्यकता नहीं थी और हम धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ गए।
Bahut hi badhiya update diya hai HusnKiMallika ji....
Nice and awesome update.....
 
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parkas

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अब कामिनी ने मुरली के साथ सेक्स का आनंद काफ़ी बार लिया था लेकिन वह बिस्तर में उतना अच्छे नहीं थे, जितना उसके जिंदगी में अब तक चुदाई की थी । कामिनी अभी भी और चुदाई चाहती थी। रोहित अपने काम में व्यस्त था और मुश्किल से ही उसे कामिनी की चुदाई करने का समय मिलता था । कामिनी चुदाई के लिए उत्तेजित महसूस कर रही थी और कोई नए तगड़े लंड की खोज कर रही थी।


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और उसे ग्राउंड फ्लोर अपार्टमेंट के ठीक बगल के फ्लैट में एक हॉट यंग स्टड मिला था। वह दो सप्ताह से उसे चिढ़ा रही थी और वह महसूस कर सकती थी कि वह युवा उसे जोर से चोदना चाहता हैं। उसका नाम रोहन था।


अब हम रोहन के पड़ोसी लड़के के बीच की यौन घटना के बारे में बताऊंगी जो हमारी प्यारी कामिनी के लिए तरस रहा था।



कामिनी रोहन को वासना से पागल कर रही थी, खासकर जब से उसने उसे अपनी खिड़की से केवल बिना एक ब्रा और शॉर्ट्स में देखा था। उसका लंड एक तम्बू के खंभे की तरह बन गया था जो कामिनी के छेदों पर आक्रमण करने की प्रतीक्षा कर रहा था । कामिनी का नाम लेते रोहन दिन में 4-5 बार हस्तमैथुन करता था, आखिरकार वह सिर्फ 22 साल का था और अपनी यौन गतिविधि के चरम पर था।

कामिनी उसे लगातार चिढ़ाती थी और रोहन अब केवल कामिनी की चुत चोदना चाहता था। -



कामिनी की योजना थी कि उसे सेक्स के लिए और भूख लगे - ताकि जब रोहन उसके पास आए तो बस उसे पकड़ना चाहिए और उसे अपने सख्त लंड से चोदना चाहिए।



कामिनी ने अलग-अलग तरीकों से चिढ़ाना जारी रखा, प्रत्येक स्पष्ट रूप से निर्दोष दिख रहा था लेकिन वह जानती थी - वह एक खेल में थी। डोनो बातें करते या पास होते तो कामिनी रोहन की जांघ के खिलाफ अपना हाथ ब्रश करती, कभी कबार कामिनी का हाथ रोहन की क्रॉच पर जा टकराता। कामिनी बात करते उसके एक स्तन को अपनी बांह से दबाती बिलकुल रोहन के सामने। और कामिनी बातें करते करते असामान्य रूप से रोहन शरीर के करीब आती थी ।



उसने महसूस किया कि यह वह अनजाने में ऐसा नहीं कर रही थी। एक बार गलती हो सकती हैं, दो बार, लापरवाही कह सकते हैं; लेकिन फिर वह और बार ऐसा करती रही, बहुत बार ऐसे करना यह महज एक संयोग था। जब कामिनी उसका चेहरा और उसकी आँखों में आग की लपटों को देखती, उसके क्रॉच में उभार देखती , तो कामिनी को रोहन का इरादा स्पष्ट दिखता।


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कामिनी की कामुकता रोहन को पागल कर रही थी। कामिनी ने अपने एक कोमल कामुकता का परिचय दिया था और वह इसे जानती थी। रोहन जब कामिनी को देखता तो सोचसोचता ता उसकी त्वचा बहुत साफ थी, पूरी तरह से निर्दोष, चिकनी और निष्पक्ष और मलाईदार।

वह पतली और प्यारी थी, बारीक रूप से तैयार की गई विशेषताओं के साथ, सुंदर अंधेरे, डो-जैसी आंखें, आंखों की पलकों के साथ, एक पतली, सीधी नाक और परिपूर्ण, यहां तक कि दांतों पर पूर्ण गुलाबी होंठ। उसने अपने गले में एक लंबा नेक्लस पहनती थी। उसके बड़े स्तन भरे और ऊँचे थे और पके आम के फल की तरह पके हुए लगते थे ।



उसका पेट सपाट था, उसकी कमर संकरी थी और उसके पास मस्त कोक बॉटल के आकार के कूल्हे, सुडौल पैर और पतली टखनों और कलाई के साथ हाथ थे। उसके बाल एक लंबी, नीची चोटी में बंधे थे जो उसके धीरे-धीरे गोल नितंबों के कर्व्स से टंगे हुए थे।

उसकी दूसरी और तीसरी उंगलियों पर सोने का कंगन और हीरे की अंगूठियां थीं। उसके हाथ और पैर सुडौल थे। उसने अपने पैर की उंगलियों पर चांदी की अंगूठियां और छोटी घंटियों के साथ चांदी की सेक्सी पायल पहनी थी जो उसकी पतली टखनों पर कामुकता से बंधी थी।

वह उसके स्तनों से अपनी आँखें नहीं हटा सका। दूसरी ओर कामिनी रोहन के साथ सेक्स करना चाहती थी लेकिन चाहती थी कि रोहन सेक्स की शुरुआत खुद करे।



कामिनी एक दिन दोपहर के भोजन के लिए रोहन को आमंत्रित किया जब ऊपर का पूरा परिवार सप्ताहांत के लिए शहर से बाहर गया था। उसने कुर्ती और लेगिंग पहनी हुई थी लेकिन कुर्ती स्लीवेलेसस थी जिसमें दीप कट नेकलाइन थी।



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इसने उसके अधिकांश ऊपरी शरीर को दिखाया था और कुर्ती के पारदर्शी ऊपरी परिधान के माध्यम से उसे आकर्षक चूचियों की गहरी दरार और तंग कुर्ती द्वारा एक साथ निचोड़े गए सुस्वादु स्तनों का एक आकर्षक दृश्य दिया।



कामिनी को पता था कि जब वह रोटियों के लिए आटा गूँथ रही थी, तब वह उसे देख रहा था, कामिनी ने अपने कंधे झुकाए थे और उसके उसके वजह से उसके स्तन एक साथ निचोड़ गए थे और वह बड़ी चतुराई से आटे के नरम द्रव्यमान को थपथपा रही थी।

उसने रोहन को अपनी ओर देखते हुए देखा और रोहन की आँखों में चमक देखी क्योंकि उसने देखा कि उसके स्तन उसकी कुर्ती के ऊपर से मानो बाहर ही निकल रहे हैं और उसके दूधिया स्तन लगभग दिखाई दे रही थी।



अब रोहन कामिनी के पास आ गया था और कामिनी के बहुत करीब खड़ा था। कामिनी ने अपनी आँखें नीचे कीं और करी और रोहन की जाँघों के बीच एक बड़ा उभार देखा। उसके क्रॉच में उभार से वह अंदाज़ा लगा सकती थी कि रोहन का लंड लफ़ी बड़ा और मोटा होगा, यह सोच कामिनी खुद मन में मुस्कुराई ।



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कामिनी अपने पैरों पर थोड़ी सी उठी, आटे पर जोर से दबाते हुए, उसकी बाहें फैली हुई थीं, और उसके कंधे झुक गए थे और, जैसा कि उसने योजना बनाई थी, उसकी चूचियों के दरार का प्रदर्शन इतना अधिक था कि रोहन को लगा कि कामिनी के दूधिया स्तन कर्ती के बाहर ही निकल सकते हैं।

अब कामिनी ने उसके स्तनों को और उजागर किया और उसकी चूचियों की दरार रोहन के लंड को और कठोर कर रही थी। उसे जो दृश्य देखने को मिल रहा था, उसे वह लालचि निघाओं से देखे जा रहा था।


कामिनी अब रोहन सामना कर रही थी । नीचे के शेल्फ से कुछ सामान निकालने के लिए जब वह झुकी तब रोहन ने उसके लगभग पूरे स्तनों उसके आँखों के सामने झूलते हुए देखा। उसकी नज़र kकामिनी की चूचियों के दरार के बीच दबा हुआ था। रोहन अब कामिनी के बदन से केवल एक इंच की दूरी पर था।


रोहन की दबी हुई वासना-गर्मी से जगमगा उठी। इतने करीब से उसके दूधिया स्तनों के फटने का नजारा सहन करने के लिए उसने खुद पर निरंतरन करी । वह कामिनी के चूचियों को अपने हाथों में लेना चाहता था, अपना लंड उसके मुँह में डालना चाहता था, उसकी योनी की चुदाई करना चाहता था, उसकी ... गाँड की .……. हे भगवान, कामिनी उसके इतनी करीब थी।

उसकी चिकनी और सेक्सी-मीठी तीव्रता से भरी उसके शरीर की कामुक सुगंध आ रही थी , उफ़्फ़्फ इतना कोमल बदन था कामिनी का । रोहन ने अपना नियंत्रण खो दिया।

वह आगे झुक गया और अपने हाथों को कामिनी के ब्लाउज की गर्दन के नीचे दबा दिया, और कामिनी के स्तनों को टटोलता और कुचलता रहा।



उसे उम्मीद थी कि वह चिल्लाएगी, , संघर्ष करेगी । वासना से पागल, रोहन अब कामिनी को रसोई की मेज पर रख कर चोदना चाहता था ।



कामिनी की प्रतिक्रिया ने रोहन को स्तब्ध कर दिया। अपने आप को सम्भालने कामिनी ने एक हाथ रसोई के काउंटर पर रखी लेकिन कामिनी झुकी हुयी रही और रोहन की हवस से भरी आँखों में देखी। कामिनी ने। महसूस किया कि उसके निप्पल सख्त हुए थे और उसके स्तन रोहन के हाथों में मानो सूज गए थे।



कामिनी ने अपना प्यारा चेहरा ऊपर कर लिया और एक कोमल मुस्कान दी रोहन को देख।



रोहन ने कामिनी के स्तनों को अपने हाथों में दबा लिया था। पूरी तरह से प्रचंड, कामुक गति में, उसने धीरे से आगे-पीछे अपने हाथ हिलाये, और कामिनी के निपल्स को अपनी हथेलियों से रगड़ लिया। रोहन हांफते हुए, जल्दी से, कामिनी के निपल्स को निचोड़ा और रोहन आनंद में कराह उठा।



एक धीमी मुस्कान ने उसके चेहरे को झुर्रीदार कर दिया। उसने अपनी जवान मर्दाना हथेलियों के नीचे उसके कठोर निपल्स घुमाए। कामिनी अब धीरे से हांफने लगी। कामिनी अब रोहन के हाथों को अपने ब्लाउज के अंदर रखते हुए धीरे-धीरे अपने घुटनों पर फिसल गई। रोहन तुरंत समझ गया कि क्या होने वाला है।



कामिनी ने अपना चेहरा रोहन के क्रॉच की ओर झुकायी और अपने हाथों को उसके मजबूत जांघों पर सरका दिया। कामिनी का चेहरा रोहन कमर के करीब ले गयी और अब कामिनी का चेहरा , रोहन के क्रॉच की २ इंच दूरी पर थी। रोहन हांफने लगा क्योंकि उसने महसूस किया कि कामिनी की गर्म सांस चल रही थी और कामिनी उसके शॉर्ट्स के अंदर के मोटे लंड के आकार की जांच कामिनी कर रही है।



"मैंने तुम्हें परेशान कर रही थी ना, रोहन?" कामिनी धीरे से बड़बड़ाई, उसकी आवाज धीमी थी।



रोहन की आँखें खुशी से चमक उठीं।



रोहन पहले से ही शयनकक्ष में था, और अपने आप को रोक नहीं पा रहा था और लगातार अपनी हथेली को अपने क्रॉच पर रगड़ रहा था।

उसे पसीना आ रहा था । कामिनी ने uरोहन के क्रॉच शेत्र को चूमा और धीरे-धीरे अपनी उंगलियों से रोहन के क्रॉच को सहलाने लगी।



कामिनी अब रोहन के शॉर्ट्स के बटन खोलने लगी।



कामिनी ने अपने चहरे को रोहन के लंड के क़रीब लायी और रोहन के उँडेरवीर को नीचे करी और सीधा रोहन का लंड कामिनी के चेहरे पर उछला, उसका लंड धड़क रहा था, थोड़े काले रंग का था, पहले से ही प्री-कम से टपक रहा था।



रोहन का लंड कम से कम नौ इंच लंबा और दो इंच से ज्यादा मोटा था। उसके लंड के गेंदें भारी और नीची थीं। उसने अपने युवा प्रेमी के लंड को अपने उंगलियों से सहलायी , लंड की चुभन ली और फिर कामिनी ने और रोहन के लंड को अपने हाथों में लेकर उसे थोड़ा ज़ोर से सहलाने लगी ।


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रोहन का बड़ा मोटा लंड अब कामिनी के हाथों में धड़कता रहा । रोहन धीरे से कराहते हुए अपने कूल्हों से अपने लंड को कामिनी के चेहरे पर ज़ोर से धकेलने लगा ।



"मेरा लंड चूसो! इसे चूसो, कामिनी! जल्दी!" वह कराह उठा ।



कामिनी ने अपनी पतली उंगलियों में उसके शाफ्ट को पंप करते हुए, कामिनी ने रोहन के लंड की चमड़ी को पीछे की ओर घुमायी और अपना मुंह खोलकर, अपनी जीभ को उसके मोटे लुंड-सिर के चारों ओर घुमाने लगी , प्री-कम का स्वाद चखने लगी ।

रोहन ने अपने इरेक्शन पर कामिनी की जीभ के बिजली के स्पर्श पर हांफ दिया। फिर कामिनी ने रोहन के लंड के शाफ्ट पर अपने होठों को डालकर उसे गिली चुम्मे देने लगी । अपने युवा प्रेमी के लुंड-सिर पर अपने होंठों को थपथपाते हुए, उसने धीरे से अपने होठों के बीच लेकर रोहन के लंड के सिरे को चूसने लगी। वह जोर से कराह उठा।



धीरे से, कामिनी ने अपने मुंह की गहराई तक लेकर रोहन के लंड को चूसने लगी। कामिनी के गुलाबी होंठ रोहन के लंड पर थे, और अब उसके लंड को कामिनी ज़ोर से चूसने लगी ।



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रोहन खुशी से फुसफुसाया और अपने ऊपरी शरीर को कामुकता से सहलाते हुए, अपनी बाहों के ऊपर करते हुए अपना बनियान ऊपर उठा लिया और बाजू में फेंक दिया। उसकी बिना बालों वाली छाती गहरी और मांसल थी।

कामिनी अब रोहन के लंड को चूसते हुए धीरे-धीरे से, बेहद उत्तेजित होकर अपने कर्ती के ऊपरी बटनों को खोलना शुरू कर दिया।


"रोहन," वह बुदबुदाती हुई बोली, "मेरा मुँह चोदो... प्लीज।"



रोहन जोर-जोर से कराह रहा था, उसके लंड के नब्ज धधक रहे थे, ।

"हाँ!" वह हांफ गया। "मेरे लंड को चूसो, कामिनी मेरी कुतिया! इसे जोर से चूसो!" कामिनी कराह उठी।


कामिनी उसके मुंह में रोहन के लंड का स्वाद और सुगंध पसंद कर रही थी । रोहन अब उसके मुँह की चुदाई कर रहा था, अपने कूल्हों को तालबद्ध रूप से पंप कर रहा था, कामिनी के चेहरे को लंबे, आसान स्ट्रोक से चोद रहा था, उसके चमकदार लंड को कामिनी के मुंह के अंदर और बाहर घुमा रहा था। रोहन ने कामिनी के मुंह की संवेदनाओं को अपने लंड पर महसूस करते हुए कामिनी के स्तनों को सहलाया, उन्हें अपने हाथों में कुचल दिया।



"हाँ ... ओह कामिनी तुम अब मेरी वेश्या बन गयी हो ... ले तेरी मुँह की चुदाई कर रहा हूँ! ओह उह्ह हाँ ...!" रोहन कहने लगा।

हर गुजरते सेकंड के साथ और अधिक उत्तेजित होकरकामिनी ने उसका लंड चूसा और, रोहन ने उसकी कुर्ती हटा दी। कामिनी की निप्पल उसकी हथेलियों के नीचे चट्टानी थे।



कराहते और फुसफुसाते हुए, कामिनी ने अपने चेहरे और स्तनों को उसके लंड से सहलाया,फिर अपना सिर उठाकर , उसके सख्त, मस्क्युलर पेट को चूमते और चाटते रही, । अपने सूजे हुए स्तनों के बीच रोहन के लंड को डालकर कामिनी ने रोहन को उसके स्तनों को चोदने दिया।



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जैसे उसका लंड कामिनी के चूचियों की चुदाई करने ऊपर आता तो कामिनी उसके लुंड-सिर को चाटने के लिए अपना सर झुका देती। कामिनी अब रोहन के लंड के गेंदों को सहलाने लगी । रोहन कराह उठा और उसके सिर को पीछे की ओर धकेला, उसके कूल्हों को आगे की ओर धकेला, जिससे उसका लंड कामिनी के मुँह में गहराई तक चला गया।


"रोहन ने एक हाथ से कामिनी के चेहरे को तेजी से आगे-पीछे हिलाया, रोहन के कूल्हे पंप कर रहे थे, उसके नितंब फ्लेक्स कर रहे थे और कामिनी की मुँह की चुदाई जारी रखी।



उसका लंड कामिनी के मुँह में धड़क रहा था। कामिनी उसके लंड को चूस्ती रही और चाट्टी रही। उसके लंड से ढेर सारा प्री-कम क्रीम निकल रहा था और कामिनी कराह उठी, उसके लंड को तेजी से मरोड़ते हुए, उसके नीचे अपना मुँह खोलकर, कामिनी अब उसके लंड के प्री-कम को चाटने लगी और वैसे ही पोस में ऊपर रोहन को देखने लगी।



"चलो!" कामिनी कराह उठी। "मेरे मुँह में सह चोरों रोहन!"



लेकिन कामिनी के युवा प्रेमी के पास पर्याप्त अनुभव था। हांफते हुए उसने उसका सिर दूर धकेल दिया।म और रोहन ने कामिनी को अपनी बाहों में ले लिया और डोनो कामिनी के बेडरूम की ओर चले गए।


कामिनी ने अपनी पैंटी उतार दी और धीरे से कराह उठी और बिस्तर पर अपनी पीठ के बल नीचे लेट गई और अपने पैरों को फैला दिया, अपने घुटनों को मोड़कर अपनी योनी को रोहन के तरफ़ धकेल दिया।



"चलो, प्रेमी ... मुझे चोदो," कामिनी अश्लीलता से बड़बड़ायी "मेरी चुदई करो अपना मोटा लुंड मेरी चुत में डालो"



उसके शब्द और भी कामुक और अश्लील थे। खुशी से झूमते हुए, जोर से हांफते हुए, रोहन कामिनी की फैली जाँघों के बीच घुटनों के बल बैठ गया। वह उसके नग्न शरीर पर फैली हुई भुजाओं पर झुक गया। रोहन का लुंड-सिर उसके योनी-होंठों पर लग गया। कामिनी का हाथ रोहन के शरीर के बीच उसके लटकते लंड तक चला गया। उसके लंड को अपने नरम हाथों में लेकर कामिनी अपने चुट-होल तक उसके लंड को ले गयी।


"चलो! करो! मुझे यह चाहिए! मेरी चुदाई करो ! मुझे चोदो रोहन ! मुझे तुम्हारा लुंड चाहिए!"


कामिनी की आँखें अब पूरी तरह से हवस से भरी थी और वह मुस्कुराई क्योंकि वह महसूस करी कि जिस लंड के उसने सपने देखे थे, जिसके लिए उसकी कृतज्ञ चुत खुल रही थी वह प्रिय लिंग उसकी चूत के छेद से रगड़ रहा था। , "ओह, रोहन, चुदाई करो मेरी"


रोहन के लंड का बड़ा बैंगनी रंग का चमकीला सिर अब कामिनी के चूत में घुस रहा था और कुछ ही सेकंड में उसके लंड का सिर कामिनी के नाजुक चुत में गायब हो गया था। रोहन अपने विशाल, मोटे लंड से कामिनी की फैली हुई चुत की चुदाई करने लगा।



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रोहन ने अपने कूल्हों और नितंबों को एक गहरी घुरघुराहट के साथ मोड़ा और कामिनी की तंग चुट के अंदर डाल डाल कर उसकी चुदाई करने लगा । उसने अपनी सांस पकड़ी और फिर रोहन ने आराम से एक कराह दी। रोहन का मोटा लंड अब कामिनी की गीली चूत की दीवारॉन को चौड़ा कर रहा था ।



अपने लंड को चूत से बाहर निकालते हुए, रोहन ने अपना लंड फिर से कामिनी के चुत में डाल दिया, इस बार और गहराई तक, और फिर बार-बार, सावधानी से, जानबूझकर, हर स्ट्रोक्स से और थोड़ा गहराइ तक उसका लंड कामिनी के चूत में डालने लगा । अब रोहन का नौ इंच का लंड पूरी तरह से कामिनी की गीली गर्म चुत के अंदर फ़िट हो गया था ।
Bahut hi badhiya update diya hai HusnKiMallika ji....
Nice and beautiful update.....
 
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parkas bhai, NOM....but ek request..aap sabhi updates padh kar ek combined comment kar sakte ho..reason being..each update kaa review comment same hi hain...individual (same) comments se sirf pages badh rahe hain..
Aise mein Madam kaa genuine update bhi miss ho sakta hain. Pls think over it. Thanks.
 

HusnKiMallika

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Bahut hi badhiya update diya hai HusnKiMallika ji....
Nice and lovely update....

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Oh god so many lovely comments ufff luving them parkas darling .. keep them coming sweetheart !! 💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋
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Update nahi miss hone dungi dear …. Har update ke baad mein bataungi aap sab ko … lots of love to both 💕 💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋
 
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