Behad shandar updateकुनाल कहीं चला गया था और अब केवल विक्रम काम कर रहा था और पानी में जाकर मछली पकड़ रहा था। अचानक विक्रम आह आवाज़ निकालते हुए पानी में नीचे गिर पड़ा। जब मैं उसके पास गई तो मैं देखी कि उसका पैर एक समुद्री पठर से टकराया था, जिससे उसके पैरों ने ठोकर खाकर वह पानी में गिर पड़ा। उस समय मुझे अपनी टॉप के स्लीव्स को थोड़ा फाड़ना पड़ा और मैं उसके पैर के घाव को साफ करने लगी और उसकी ड्रेसिंग की।
अब ऐसे हुआ था जब वह नीचे गिरा था तो पानी में पड़े कुछ नुकीले स्पाइक्स उसके लंड के काफी करीब उसकी भीतरी जांघों पर चुभ गई थीं।
में बोली “उफ़ विक्रम तुम्हें तो यहाँ कुछ चुभ रहा हैं, और में उसके झंघों के अंदरूनी हिस्से को, उसके बड़े लंड के काफ़ी क़रीब , उसे छूने लगी। इस स्पर्श से विक्रम का लंड खड़ा होते हुए मुझे सलामी देने लगा । मेरी चूत भी उसके उभरते लंड को देखकर थिरकने लगी.. कुछ ही देर में, उसका लंड सख्त हो गया, विक्रम का लंड एक मोटी नसों वाला 7 इंच का लंड दिखने लगा और उसके मांसल लंड का सिर एक टमाटर जैसे फूल चुका था।
"तुम्हें यहाँ कुछ सूजन है," मैं उस पर मीठी मुस्कान बिखेरते बोली । "मुझे इससे आपको छुटकारा देना होगा।"
हमें अपने हेलीकॉप्टर के मलबे में लोशन की एक बोतल मिली थी। मैंने अपनी बायीं हथेली में उस लोशन की कुछ फुहारें डालीं और तुरंत उसके खड़े लंड पर वह मलम लगाना में शुरू कर दि। मैं देखी कि उसके लंड का सिर सूज गया था। मैंने उसके दर्द को कम करने में मदद करने के बहाने उसके लंड को सहलाने का फैसला करी।
मैं उसके लण्ड को अपनी हथेलियों में पकड़ कर, मैंने अपनी लोशनयुक्त हथेली को उसके लंड के चारों ओर रगड़ कर फिर उसके लण्ड के सिर पर लोशन मलने लगी।
विक्रम का सख्त लंड मेरे हाथों में फुदकने लगा, और विक्रम “आह उफ़ बहुत अच्छा लग रहा हैं कामिनी जी” कहते हुए आवाज़ें निकालने लगा । ऐसा लग रहा था कि मैं उसके लंड और लंड सिर पर केवल 5-10 मिनट के लिए लोशन मल रही थी जब उसके पैर झटके और उसका लंड मेरे हाथों से एकदम ज़ोरों से फुदकने लगा।
"आअर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ग्म्म्म्म्म्म्म्म्म!" वह कराह उठा, बिना किसी वार्निंग के उसके लंड से उसका सह निकलने लगा। उसके लंड से उसके गरम वीर्य का बड़ा विस्पोत हुआ और उसका गर्म वीर्य उछालने के बाद उसका पूरा वीर्य मेरे हाथों पर गिर गया। जल्द ही मेरा हाथ उसके मोटे और मलाईदार वीर्य से भरा हुआ था। जब वह शांत हो गया, तो मैंने उसके मुरझाते लंड को , फिर उसके झंघों की धीरे से मालिश की। हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते रहे, और फिर मैंने एक कामुक चुंबन उसके लंड की नोक पर टिका दी।
"क्या अब दर्द हो रहा है विक्रम" मैं मीठी स्वर में उससे पूछी और मुस्कुरायी।
विक्रम भी मुस्कुरा रहा था। मैं फिर उसके कान में फुसफुसायी "मम्म विक्रम इसके बारे में किसी को मत बताना, तुम्हें पता है कि उन्हें बहुत जलन होगी," और मैं उसकी ओर देखते हुए आंख मारी। विक्रम उठ गया और मेरे होठों को चूमने लगा। में भी उसका पूरी तरह से साथ देने लगी।
"नहीं बेब मैं किसी को इसके बारे में नहीं बताऊँगा, यह हमारे बीच एक छोटा सा राज़ रहेगा।
विक्रम ने इतना कह कर मेरी चूचियों को दबोचते हुए , पकड़ी हुई माछिल्यों को लेकर केबिन की तरफ़ चल पड़ा।
मैं अभी भी उत्तेजित थी और कुनाल को ढूँढने चली गई।
मैं थोड़े टाइम बाद कुनाल को कुछ आसपास के नारियल बटोरते देखी।
में फिर दूर से बोली “कुनाल तुम्हारा काम हुआ या नहीं।”
दूर से कुनाल ने कहा कि उसने एक सप्ताह के लिए पर्याप्त फल इकट्ठा कर लिये है, उसके स्वर में इस काम का उसे बहुत गर्व महसूस सुन पा रही थी। में उसके क़रीब गई और मैं उसे देख एक बड़ी मुस्कान दी। कुनाल ने भी कुछ पहना नहीं था और मैं उसके आधे सक्थ लंड को इधर-उधर झूलते हुए देख राही था जैसे वह मेरी ओर चल रहा था। वह मेरी तरफ़ देखने लगा और उसे याद आया होगा की वह एक सेक्सी, कपड़े पहने महिला की उपस्थिति में नग्न था तो वह सहम उठा।
मेरी आँखों के सामने उसका लंड धड़कने लगा और उभरने लगा, मानो उसका लंड एक अजीब, मांसल पौधे की तरह रोशनी की ओर खड़ा हो रहा हो। उसका शाफ्ट विक्रम की तुलना से थोडा पतला था, लेकिन उसका लंड काफ़ी लंबा था, कम से कम 8 इंच का एक लम्बा लंड था उसका। कुनाल ने पलटने की कोशिश की। मैं अपने कूल्हों पर हाथ रखकर उसे रुकने की आवाज़ दी , ऐसे खड़े रहने से मेरे बड़े स्तन मेरे टॉप से आधे बाहर निकल आए थे,
कुनाल पलट कर मेरी चूचियों की तरफ देखने लगा। "यह बेहतर है," मैं मुस्कुरायी।
"कितना सुंदर लण्ड है कुनाल तुम्हारे पास।" मैं इतना बोल कर अपने नरम हाथों में उसके इरेक्शन को पकड़ लि । मेरी हटेलियाँ अभी भी मेरे द्वारा पहले लगाए गए लोशन से कुछ नम थी।
. "क्या आप चाहते हैं कि मैं उस पर कुछ लोशन लगा दूं, ऐसा लगता है कि इसकी देखभाल करने की आवश्यकता है?"
कुनाल मुस्कुराया और सिर हाँ में हिलाने लगा।
एक बार फिर, मैं अपने हाथों में कुछ लोशन डाली और उसके लण्ड पर उसे मलने लगी", में अपना दाहिना हाथ उसके मांसल लंड के ऊपर और नीचे घुमाने लगी, जबकि मेरा बायाँ हाथ उसके लंड की गेंदों पर थी।
उसके लंबे गर्म लंड को अपने हाथों में महसूस कर मेरी योनि के होंठ सूजने लगे। मेरी पतली टॉप के माध्यम से मेरे निप्पल लगभग अश्लील रूप से बाहर खड़े हो गए।
मैं सभी उत्तेजनाओं को उसके उजागर लंड के सिर पर केंद्रित करी, और तेजी से स्ट्रोक के साथ उसके लंड को अपने हाथों में निचोड़ने लगी।
"आह आह आह," वह हांफते हुए बोला, "हे भगवान... हे भगवान..."
"मेरा नाम कामिनी है डियर," मैं हँसते हुए बोली और मैं उसके लंड के सिर को जोर से दबाते हुए उसे दबा दिया।
"ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हद, क-कम... कामिनी!" इतना कहते हुए उसके भड़के हुए लण्ड से अद्भुत बल के साथ वीर्य उगलने लगा। उसका नीचे घास पर बहुत सारा वीर्य गिरना शुरू हो गया।
"बहुत अच्छा, कुनाल!" मैं मुस्कुरायी । उसके लंड से उसके सफेद वीर्य की शूटिंग जारी रही।
उसका लंड अभी भी सख्त था, इसलिए मैं उसे सहलाती रही, और इस बात से मोहित थी की उसका लंड कमिंग के बाद भी सख्त था।
उसका लंड मेरे हाथ में फिर से सख्त हो गया।
इस बार में झुकी और उसके लंड के सिर को चूमने लगी और उसे चूसने लगी। अभी भी उसके लंड के नोक पर उसका वीर्य लगा हुआ था और जैसे में उसके लंड के सिर को चूसने लगी, में उसके वीर्य की टेस्ट कर रही थी। में अपनी जीभ को चतुराई से उसके लंड के सिर पर चलाने लगी।
में कुनाल के लंड को 5 मिन तक चुस्ती रही और थोड़े वक्त में कुनाल के लंड से उसके वीर्य का एक और स्प्रे बड़ी गर्म फुहारों से फूट पड़ा। उसका वीर्य थोड़ा मेरे फेस पर जा गिरा और मेरे चेहरे पर उसके सफ़ेद माल के कुछ बूँदे लटक रहे थे।
में ख़ुद को एक सेक्स-देवी की तरह पायी! मैं अभी-अभी दो सुगठित मर्दों को सिर्फ अपने हैंडजॉब और थोड़ा लंड-सिर चुसाई से कम करवायी थी। एक आख़िरी बार में कुनाल के लंड को चूम लि।
मैं अपने चेहरे को साफ़ कर , कुनाल के होठों पर भी किस करी और उसकी काम में भी फुसफुसायी कि अभी जो कुछ हुआ उसके बारे में किसी को मत बताना।
“इट्स अवर लिटिल सीक्रेट कुनाल”
कुनाल ने मुस्कुराते हुए मेरे होठों को चूम लिया और हम दोनों अब सब सामान लेकर केबिन की तरफ़ चल पड़े।
चलते चलते में कुछ सोचने लगी। -मेरी यादश खो गई थी , मुझे नहीं पता था में कौन हूँ , लेकिन में लंड चूसने में इतनी माहिर थी उस पर में थोड़ी आश्चर्य थी।
क्या में ऐसे लंड कई बार चूस चुकी हूँ., क्या में बहुत सारे लंड चूसी हूँ अपनी ज़िंदगी में , क्या में एक स्लट हूँ , ऐसे सब चीज़ें मेरे दिमाग़ में घूम रही थी।
![]()
Shukriya malikarmanBehad shandar update
Rajnish bhi kamini ki chudai dekhega kya???Shukriya malikarman![]()
Pata nahi .. aage padhte rahiye dear !!Rajnish bhi kamini ki chudai dekhega kya???
Bahut hi shaandar update diya hai HusnKiMallika ji...कुनाल कहीं चला गया था और अब केवल विक्रम काम कर रहा था और पानी में जाकर मछली पकड़ रहा था। अचानक विक्रम आह आवाज़ निकालते हुए पानी में नीचे गिर पड़ा। जब मैं उसके पास गई तो मैं देखी कि उसका पैर एक समुद्री पठर से टकराया था, जिससे उसके पैरों ने ठोकर खाकर वह पानी में गिर पड़ा। उस समय मुझे अपनी टॉप के स्लीव्स को थोड़ा फाड़ना पड़ा और मैं उसके पैर के घाव को साफ करने लगी और उसकी ड्रेसिंग की।
अब ऐसे हुआ था जब वह नीचे गिरा था तो पानी में पड़े कुछ नुकीले स्पाइक्स उसके लंड के काफी करीब उसकी भीतरी जांघों पर चुभ गई थीं।
में बोली “उफ़ विक्रम तुम्हें तो यहाँ कुछ चुभ रहा हैं, और में उसके झंघों के अंदरूनी हिस्से को, उसके बड़े लंड के काफ़ी क़रीब , उसे छूने लगी। इस स्पर्श से विक्रम का लंड खड़ा होते हुए मुझे सलामी देने लगा । मेरी चूत भी उसके उभरते लंड को देखकर थिरकने लगी.. कुछ ही देर में, उसका लंड सख्त हो गया, विक्रम का लंड एक मोटी नसों वाला 7 इंच का लंड दिखने लगा और उसके मांसल लंड का सिर एक टमाटर जैसे फूल चुका था।
"तुम्हें यहाँ कुछ सूजन है," मैं उस पर मीठी मुस्कान बिखेरते बोली । "मुझे इससे आपको छुटकारा देना होगा।"
हमें अपने हेलीकॉप्टर के मलबे में लोशन की एक बोतल मिली थी। मैंने अपनी बायीं हथेली में उस लोशन की कुछ फुहारें डालीं और तुरंत उसके खड़े लंड पर वह मलम लगाना में शुरू कर दि। मैं देखी कि उसके लंड का सिर सूज गया था। मैंने उसके दर्द को कम करने में मदद करने के बहाने उसके लंड को सहलाने का फैसला करी।
मैं उसके लण्ड को अपनी हथेलियों में पकड़ कर, मैंने अपनी लोशनयुक्त हथेली को उसके लंड के चारों ओर रगड़ कर फिर उसके लण्ड के सिर पर लोशन मलने लगी।
विक्रम का सख्त लंड मेरे हाथों में फुदकने लगा, और विक्रम “आह उफ़ बहुत अच्छा लग रहा हैं कामिनी जी” कहते हुए आवाज़ें निकालने लगा । ऐसा लग रहा था कि मैं उसके लंड और लंड सिर पर केवल 5-10 मिनट के लिए लोशन मल रही थी जब उसके पैर झटके और उसका लंड मेरे हाथों से एकदम ज़ोरों से फुदकने लगा।
"आअर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ग्म्म्म्म्म्म्म्म्म!" वह कराह उठा, बिना किसी वार्निंग के उसके लंड से उसका सह निकलने लगा। उसके लंड से उसके गरम वीर्य का बड़ा विस्पोत हुआ और उसका गर्म वीर्य उछालने के बाद उसका पूरा वीर्य मेरे हाथों पर गिर गया। जल्द ही मेरा हाथ उसके मोटे और मलाईदार वीर्य से भरा हुआ था। जब वह शांत हो गया, तो मैंने उसके मुरझाते लंड को , फिर उसके झंघों की धीरे से मालिश की। हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते रहे, और फिर मैंने एक कामुक चुंबन उसके लंड की नोक पर टिका दी।
"क्या अब दर्द हो रहा है विक्रम" मैं मीठी स्वर में उससे पूछी और मुस्कुरायी।
विक्रम भी मुस्कुरा रहा था। मैं फिर उसके कान में फुसफुसायी "मम्म विक्रम इसके बारे में किसी को मत बताना, तुम्हें पता है कि उन्हें बहुत जलन होगी," और मैं उसकी ओर देखते हुए आंख मारी। विक्रम उठ गया और मेरे होठों को चूमने लगा। में भी उसका पूरी तरह से साथ देने लगी।
"नहीं बेब मैं किसी को इसके बारे में नहीं बताऊँगा, यह हमारे बीच एक छोटा सा राज़ रहेगा।
विक्रम ने इतना कह कर मेरी चूचियों को दबोचते हुए , पकड़ी हुई माछिल्यों को लेकर केबिन की तरफ़ चल पड़ा।
मैं अभी भी उत्तेजित थी और कुनाल को ढूँढने चली गई।
मैं थोड़े टाइम बाद कुनाल को कुछ आसपास के नारियल बटोरते देखी।
में फिर दूर से बोली “कुनाल तुम्हारा काम हुआ या नहीं।”
दूर से कुनाल ने कहा कि उसने एक सप्ताह के लिए पर्याप्त फल इकट्ठा कर लिये है, उसके स्वर में इस काम का उसे बहुत गर्व महसूस सुन पा रही थी। में उसके क़रीब गई और मैं उसे देख एक बड़ी मुस्कान दी। कुनाल ने भी कुछ पहना नहीं था और मैं उसके आधे सक्थ लंड को इधर-उधर झूलते हुए देख राही था जैसे वह मेरी ओर चल रहा था। वह मेरी तरफ़ देखने लगा और उसे याद आया होगा की वह एक सेक्सी, कपड़े पहने महिला की उपस्थिति में नग्न था तो वह सहम उठा।
मेरी आँखों के सामने उसका लंड धड़कने लगा और उभरने लगा, मानो उसका लंड एक अजीब, मांसल पौधे की तरह रोशनी की ओर खड़ा हो रहा हो। उसका शाफ्ट विक्रम की तुलना से थोडा पतला था, लेकिन उसका लंड काफ़ी लंबा था, कम से कम 8 इंच का एक लम्बा लंड था उसका। कुनाल ने पलटने की कोशिश की। मैं अपने कूल्हों पर हाथ रखकर उसे रुकने की आवाज़ दी , ऐसे खड़े रहने से मेरे बड़े स्तन मेरे टॉप से आधे बाहर निकल आए थे,
कुनाल पलट कर मेरी चूचियों की तरफ देखने लगा। "यह बेहतर है," मैं मुस्कुरायी।
"कितना सुंदर लण्ड है कुनाल तुम्हारे पास।" मैं इतना बोल कर अपने नरम हाथों में उसके इरेक्शन को पकड़ लि । मेरी हटेलियाँ अभी भी मेरे द्वारा पहले लगाए गए लोशन से कुछ नम थी।
. "क्या आप चाहते हैं कि मैं उस पर कुछ लोशन लगा दूं, ऐसा लगता है कि इसकी देखभाल करने की आवश्यकता है?"
कुनाल मुस्कुराया और सिर हाँ में हिलाने लगा।
एक बार फिर, मैं अपने हाथों में कुछ लोशन डाली और उसके लण्ड पर उसे मलने लगी", में अपना दाहिना हाथ उसके मांसल लंड के ऊपर और नीचे घुमाने लगी, जबकि मेरा बायाँ हाथ उसके लंड की गेंदों पर थी।
उसके लंबे गर्म लंड को अपने हाथों में महसूस कर मेरी योनि के होंठ सूजने लगे। मेरी पतली टॉप के माध्यम से मेरे निप्पल लगभग अश्लील रूप से बाहर खड़े हो गए।
मैं सभी उत्तेजनाओं को उसके उजागर लंड के सिर पर केंद्रित करी, और तेजी से स्ट्रोक के साथ उसके लंड को अपने हाथों में निचोड़ने लगी।
"आह आह आह," वह हांफते हुए बोला, "हे भगवान... हे भगवान..."
"मेरा नाम कामिनी है डियर," मैं हँसते हुए बोली और मैं उसके लंड के सिर को जोर से दबाते हुए उसे दबा दिया।
"ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हद, क-कम... कामिनी!" इतना कहते हुए उसके भड़के हुए लण्ड से अद्भुत बल के साथ वीर्य उगलने लगा। उसका नीचे घास पर बहुत सारा वीर्य गिरना शुरू हो गया।
"बहुत अच्छा, कुनाल!" मैं मुस्कुरायी । उसके लंड से उसके सफेद वीर्य की शूटिंग जारी रही।
उसका लंड अभी भी सख्त था, इसलिए मैं उसे सहलाती रही, और इस बात से मोहित थी की उसका लंड कमिंग के बाद भी सख्त था।
उसका लंड मेरे हाथ में फिर से सख्त हो गया।
इस बार में झुकी और उसके लंड के सिर को चूमने लगी और उसे चूसने लगी। अभी भी उसके लंड के नोक पर उसका वीर्य लगा हुआ था और जैसे में उसके लंड के सिर को चूसने लगी, में उसके वीर्य की टेस्ट कर रही थी। में अपनी जीभ को चतुराई से उसके लंड के सिर पर चलाने लगी।
में कुनाल के लंड को 5 मिन तक चुस्ती रही और थोड़े वक्त में कुनाल के लंड से उसके वीर्य का एक और स्प्रे बड़ी गर्म फुहारों से फूट पड़ा। उसका वीर्य थोड़ा मेरे फेस पर जा गिरा और मेरे चेहरे पर उसके सफ़ेद माल के कुछ बूँदे लटक रहे थे।
में ख़ुद को एक सेक्स-देवी की तरह पायी! मैं अभी-अभी दो सुगठित मर्दों को सिर्फ अपने हैंडजॉब और थोड़ा लंड-सिर चुसाई से कम करवायी थी। एक आख़िरी बार में कुनाल के लंड को चूम लि।
मैं अपने चेहरे को साफ़ कर , कुनाल के होठों पर भी किस करी और उसकी काम में भी फुसफुसायी कि अभी जो कुछ हुआ उसके बारे में किसी को मत बताना।
“इट्स अवर लिटिल सीक्रेट कुनाल”
कुनाल ने मुस्कुराते हुए मेरे होठों को चूम लिया और हम दोनों अब सब सामान लेकर केबिन की तरफ़ चल पड़े।
चलते चलते में कुछ सोचने लगी। -मेरी यादश खो गई थी , मुझे नहीं पता था में कौन हूँ , लेकिन में लंड चूसने में इतनी माहिर थी उस पर में थोड़ी आश्चर्य थी।
क्या में ऐसे लंड कई बार चूस चुकी हूँ., क्या में बहुत सारे लंड चूसी हूँ अपनी ज़िंदगी में , क्या में एक स्लट हूँ , ऐसे सब चीज़ें मेरे दिमाग़ में घूम रही थी।
![]()