Kalpana singh
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Uffff so hotजब दरवाजा खुला, तो प्रवेश करने वाला कोई और नहीं बल्कि रामचंद्र अंकल थे, जिनके चेहरे पर मुस्कान थी।
मोहन अंकल बोले
“ मैंने तुमसे कहा था कि यह लड़की इतनी सेक्सी स्लट है। देखो उसने पहले ही मेरा लंड चूस लिया है और मेरे वीर्य को अपने मुँह में ले लिया है। अब वह राउंड 2 के लिए तैयार है।”
रामचंद्र बोले “ हाँ यार तुमने मुझसे कहा था कि तुम उससे जल्द ही हम दोनों को चोदने के लिए लाओगे। कभी नहीं सोचा था कि यह इतना जल्द होगा।”
दोनों मुझे देखकर हंसने लगे। मैं चौंक गयी, थोड़ा शर्मिंदा भी हुयी कि इन अंकल्ज़ ने मुझे इस तरह बरगलाया (trap) है। मन में मुझे यह बात स्वीकार करनी पड़ी कि इन दो कमीनों ने एक शातिर खेल खेला था । में होप कर रही थी की दोनों सच में अमीर हैं।
में बोली “अरे तुम दोनों ने मेरे साथ एक खेल खेला है। दोनों पहले से ही साथ थे, है ना?”
“हां बेब हम दोनों बेस्ट फ्रेंड हैं। हमने ऐसी कई लड़कियों को फंसाया है लेकिन हमें कहना होगा कि आप बहुत ही सेक्सी लड़की हैं और सबसे सेक्सी लड़की जिन्हें हमने फंसाया है।” और यह बात बोलकर मोहन हंसे।
“में सोच में पद गयी , क्या ये भी अमीर बनने का ड्रामा कर रहे होंगे.. सब झूठ का ड्रामा।”
रामचंद्र बोले- “नहीं बेब हम अमीर हैं। हमने अभी-अभी महसूस किया कि सेक्स और पैसे के भूखे लड़कियाँ ऐसे बसों में ही फंस जाते हैं।”
मोहन अपनी अलमारी के तरफ़ गए और पैसों का एक गुच्छा निकाल कर सोफे पर रख दिया। रामचंद्र ने भी अपने बैग के अंदर से ऐसा ही किया और पैसों का एक और गुच्छा निकाल कर सोफ़े पर रख दिया।
मोहन स्माइल देते हटे बोले "देखो घर पर ही हमारे पास ऐसे लाख पैसे मिले हैं।"
"कल्पना कीजिए कि हम कितने अमीर हैं।"
इतने पैसे देखकर मेरी आंखें चमक उठीं। एक ही समय में एक ही स्थान पर इतना पैसा मेंने कभी नहीं देखा था ।यह डोनो काफ़ी अमीर हैं .. अब मुझे उनसे चुदाई करनी ही होगी ताकि वे मुझे एक शानदार जीवन शैली जीने में मदद करें।
लेकिन उनके साथ मुझे नाटक करना था और,
तो में बोली “ नहीं में जा रही हूँ , धोके से मुझे नहीं फँसाकर मेरी चुदाई कर सकते हैं आप।”
जैसे ही मैं उठी तब मोहन ने मुझे अपने बीच बैठने के लिए खींच लिया। मैं उनके बीच में बैठ गयी, अपने स्तनों को अपने हाथों से ढँक लिया।
अब रामचंद्र और मोहन मेरे स्तनों से खेलने लगे.. रामचंद्र दाहिनी ओर और मोहन बाईं ओर बैठे थे और मेरे स्तनों को दबा रहे थे।
अब दोनों अंकल मेरे दोनों नंगे स्तनों की मालिश कर रहे थे। मोहन ने धीरे से अपना सिर उठायी और मेरे स्तनों को चूमने लगे। मेरे स्तन गुलाबी गुलाबी थे। एरोला गहरे गुलाबी और निप्पल, चॉकलेट रंग के थे। रामचंद्र अंकल अब मोहन अंकल के साथ मेरे स्तनों और निप्पलों को चूमने, चूसने और कुतरने में शामिल हो गए।
वह एक के बाद एक मेरे निपल्स पर कुतरने लगे। मोहन ने भी किया। समय-समय पर वे मेरे इसोला को रगड़ रहे थे और धीरे-धीरे और कुछ देर बाद किसी बल से मेरे निप्पलों को दबा रहे थे।
अब मैं खुद पर काबू नहीं रख पा रही थी। मैं उत्तेजना से काँप रही थी, अपने पेट को ऊपर-नीचे कर रही थी और दोनों को अपने पास खींचकर मोहन अंकल कोऔर मेरे स्तनों को दबाने को कह रही थी और रामचंद्र अंकल को मेरी पूरी निपल्ज़ मुँह में लेकर चूसने के लिए कह रही थी। फिर मैंने मोहन और रामचंद्र से कही,
"कृपया रुकें नहीं। मैं चाहती हूं कि यह प्रेम संबंध लंबे समय तक चले। कृपया मेरे स्तनों को और अधिक जोर से चूसे।" डोनो अब पागलों के जैसे मेरी चूचियाँ एक साथ चूसने लगे। रामचंद्र मेरे दाहिने स्तन को चूस रहे थे और मोहन मेरे बाएं स्तन को चूस रहे थे।
दोनों अंकल ने मेरे हाथों को पकड़ लिए और में खड़ी हुयी।
मुझे उत्तेजित देखकर दोनों अंकल अतिरिक्त ऊर्जा से उन्होंने मेरे स्तनों को जोर से दबाने लगे और निचोड़ने लगे । मेरी चूचियों को उन्होंने जोर से चूस लिया । मोहन और रामचंद्र अच्छी तरह से अपने शरीर को मेरे शरीर से रगड़ने लगे, जैसे वह अपने मर्दाने बदन से मेरे नाज़ुक गडरायी बदन की मालिश कर रहे हो।
बीच-बीच में रामचंद्र मेरी खुली हुई नाभि को अपनी उंगलियों से प्यार से रगड़ रहे थे और मेरे गोरे नंगे पेट की हल्की मालिश कर रहे थे और अपना हाथ मेरे नीचे दबा रहे थे। मोहन मेरे नितंबों को दबा रहा था। यह मेरे लिए बहुत ही कामुक फ़ीलीगं थी क्योंकि ऐसी स्थिति मेरी जीवन में पहले कभी नहीं हुई थी, कल्पनाओं में भी नहीं। दो भूखे मर्द जो मेरी उमर से दुगने उमर के थे , मेरे शरीर का आनंद ले रहे थे और मुझे जोर से चोदने वाले थे। मैं उनके बीच में फँस गयी थी। मोहन का मोटा लंड मेरी गांड को दबा रहे थे और रामचंद्र का बड़ा लंड मेरी चुत दबा रहे थे। उफ़्फ़्फ डोनो के इस प्रकार रगड़ जाने से मुझे इतनी कामुक फ़ीलिंग हुयी बता नहीं सकती ।
मेरी योनि पर बाल बिलकुल नहीं थे , में वहाँ चिकनी थी और मेरी चूत के लिप्स गुलाबी दिख रहे थे। मेरे पेट में एक गुदगुदी छा रही थी , गाँड में खुजली और चूत में भी। मेरे स्तन बड़े, तो थे ही लेकिन ऐसे लगा जैसे और एक साइज़ बध गए हैं। अब तक हमारी यौन गतिविधियों के बाद मेरी निप्पलस लम्बे, सख्त और उत्तेजित भावनाओं के साथ खड़े थे।
में और मोहन अब आमने सामने थे, और लगातार एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे। रामचंद्र ने शायद ईर्ष्या(jealousy) महसूस करते हुए मुझे घुमाया और वह भी मेरी आँखों में देख रहे थे प्यार और वासना भरी आँखों से ...
मुझे एहसास हुआ कि दोनों में मेरे लिए वास्ना में डूबे हुए थे। दोनों एक दूसरे को कॉम्पिटिशन के तौर पर देख रहे थे। जैसा कि वे कहते हैं - कॉम्पिटिशन केवल कोमपेटिटोर्स (competitors) में से उनका बेस्ट लाती है। और उसका मुझे ही फायदा होने वाला था। मैं वह बात सोचकर अंदर से मुस्कुरायी और मेरी चूत गीली हो गई।
में तुरंत एक हाथ उठायी और उसे रामचंद्र के बड़े खड़े लुंड पर रख दिया। रामचंद्र का लंड मोहन से कम से कम एक इंच लंबा था। मोटाई में शायद डोनो के लंड सेम थे। उनके लंड के चारों ओर नसों का जाल था। उनके लंड का सिर लाल गुलाबी रंग का था और ताजा और चमकीला लग रहा था। रामचंद्र का लंड उनके प्रि-कम से गीला था। मैं कई मिनट तक उनके लंड को पकड़े रखी, इतने बड़े लंड को मैंने अपने होंठों को थोड़ी देर तक महसूस की और उनके सख्त लंड सहला रही थी।
रामचंद्र बोले
“ तुम बहुत सेक्सी हो कामिनी ।हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि हम आप पर अपना ढेर सारा प्यार और पैसा बरसाएंगे। हम चाहते हैं कि आप हम दोनों को बार-बार तुम्हारी चुदाई करने दे। तुम जैसी जवान लड़की की चुदाई करना हमें भी जवान बनाए रखेगा। आप जैसी कामुक लड़की को नियमित रूप से अपनी चूत में तेल लगाने की ज़रूरत है और वहाँ की सर्विसिंग करने की ज़रूरत है और हमारे पिस्टन को विशेष रूप से आपकी तरह की चूत में ड्रिल करते रहने की ज़रूरत है।”
जब वह बात कर रहे थे तो मैं डोनो अंकल के मोटे लंड के साथ खेल रही थी।
अब हम तीनों सोफे पर नग्न बैठे थे।
सीन ऐसा था कि मैंने अपने दोनों पैर उनकी नंगी जांघों पर रख दिए और मेरी चूत खुली उनके सामने लहरा रही थी ।
वे मेरे स्तनों से खेलते और मैं उनके बड़े मोटे लंड को सहलाती । एक बार जब दोनों के मोटे लंड पूरी तरह से सख्त हो गए तो मैं फिर से अपने घुटनों के बल नीचे चली गयी और बारी-बारी से उन डोनो के लंड चूसने लगी। अब इतना हॉट और सेक्सी सीन था।
दो अंकल एक उनसे भी आधी उम्र की महिला से अपने मोटे लंड को चुसवा रहे थे। वह भी एक सुडौल, गोरी और बहुत सेक्सी बड़े चूचियों वाली युवती से । ऐसे १० मीन तक में बारी बारी से डोनो अंकल के लंड चूसने लगी। उफ़्फ़्फ डोनो के बड़े मोटे लंड मेरी मह में बैठ ही नहीं रहे थे। फिर भी में चुस्ती रही ।
फिर उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और वे भी मेरे डोनो साइड में बिस्तर पर लेटे हुए थे। अब सीन ऐसा था की एक नंगी जवान गडरायी बदन वाली लड़की और दो बड़े लंड वाले अंकल बेड पर थे।
रामचंद्र ने मुझे उनके सामने टर्न करवाया और मेरे सिर पर हाथ फेरकर मेरे होठों पर जोर-जोर से चुंबन देने लगे। मोहन ने मेरी नितंबों को अपने हाथ में पकड़ने के लिए अपना दूसरा हाथ नीचे किया और उन्हें मजबूती से मेरी चूचियाँ निचोड़ी। रामचंद्र ने अपने दोनों पैरों को मेरे दोनों पैरों में लपेट लिया। हम दोनों पुराने प्रेमियों की तरह किस कर रहे थे जैसे हम डोनो एक लंबे अंतराल के बाद मिल रहे हैं।
अब डोनो अंकल मेरी चूचियों को एक साथ चूस रहे थे मैं, रामचंद्र के लंड को एक हाथ से धीरे से पकड़ रही थी, साथ ही साथ लंड को प्यार से मालिश कर रही थी । रामचंद्र का खड़ा लंड मेरी चूत के होठों को दबा रहा था जैसे मानो उनका लंड वह उसे चूम रहा हो। में दूसरे हाथ से मोहन के लंड को पकड़ लिया था। मोहन मेरे पीछे लेटे हुए थे और में पीछे उनके लंड तक पहुँचने के लिए मुझे अपने बाहों को घुमानी पड़ी। ऐसे करने में मुझे मुश्किल महसूस हुयी, लेकिन मुझे इससे ऐतराज नहीं था। मैं दोनों लंडों को प्यार से हिला रही थी और लंडों को पंप कर रही थी।
मोहन अपने दोनों हाथों से मेरे स्तनों की मालिश कर रहा था; एक हाथ मेरे ऊपर से डाल दिया और उनका दूसरा मेरे नीचे से मेरे स्तनों तक फैला हुआ था। मोहन मेरे स्तनों की मालिश कर रहे थे और मेरे निप्पलों को जोर से दबा रहे थे और अपने आप को पीछे से मेरे शरीर में धकेल रहे थे और अब मोहन का लंड मेरे चूतड की गालों के बीच धकेल रहे थे और मुझे रामचंद्र भी आगे से अपने लंड मेरी चूत के वहाँ से धकेल रहे थे।
रामचंद्र ने अपनी जीभ मेरी चूत में डाल दी और में मुड़ गयी और मोहन अंकल से बोली
"मोहन जी कृपया मेरे स्तनों को जोर से निचोड़ें और उन्हें चूसें।"
मोहन को मेरे निमंत्रण की आवश्यकता नहीं थी। वह पहले से ही मेरे स्तन चूस रहा था। मैं उनके दोनों लंडों को निचोड़ कर हिला रही थी और उन्हें अपने हाथों में से सहला रही थी। मैं अब अपने कमर से ऊपर-नीचे उछल रही थी और अपनी संवेदनाओं पर नियंत्रण नहीं कर पा रही थी।
फिर मैंने उन्हें पोजीशन बदलने के लिए कहा तो अब मोहन मेरी चुत को और जोर से चूमने और चाटने लगे और रामचंद्र मेरे स्तनों और निप्पल को चूसने लगे।
इससे पहले मुझे कभी भी दो मर्दो ने एक साथ बिस्तर पर मस्ती नहीं की थी , वो भी दो अंकल, मेरे युवा शरीर का आनंद ले रहे थे। मैं कराह रही थी ।
"आह्ह्ह !!!!! ओह!!!! मैं यह सहन नहीं कर पा रही हूं। मैं खुद को नियंत्रित करने में असमर्थ हूं। प्लीज़ मेरी चूत की आग शांत कीजिए । “
डोनो हंस पड़े-
“कामिनी अब बस चूत की आग को शांत नहीं करेंगे , तेरी गाँड की खुजली भी मिटा देंगे हमारे डोनो बड़े लंड वहाँ डोनो छेड़ो में डाल डाल के।”
यह सुनकर में बहुत शर्मा रही थी।