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Yahan par kar rahi hun reply …keep it up ............. dear ...................![]()
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pls reply me there also ..............
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Vo to bhoht mushkil hai broKoi bhabhi ya aunty ho tho msg kare
Super duper update10 मिनट के बाद मोहन ने अपना एक हाथ मेरी गर्दन के नीचे डाला। मैंने अपने शरीर को उसके इतने करीब धकेल दिया कि मेरा ऊपरी शरीर पूरी तरह से उसकी बाहों में थी।
उसने मेरे चारों ओर अपने पैर लपेटे। फिर अपना लंड मेरी योनी के होठों पर धकेल दिया। मोहन का लंड एक काले साँप की तरह था जो अपना शिकार समेट रहा था। उनका लंड एक साँप की तरह लग रहा था जिससे बिल में घुसना हैं । मोहन ने मुझे पूरी तरह से अपनी बाहों में भर लिया था।
रामचंद्र ने मेरी नग्न पीठ को देख उनोहने अपना लंड मेरी गांड के ग्लोब्ज़ में दबा दिया। उसने मेरी गर्दन के चारों ओर अपनी बाहें भी बढ़ा दीं। मैं सही मायने में दो मर्दों से घिरी हुयी थी ।
रामचंद्र का लंड मेरे गाँड के छेद में प्रवेश नहीं कर रहा थे बल्कि सिर्फ मेरे गाँड के छेद पर जोर से अपना लंड रगड़ रहे थे। .. मोहन का लुंड मेरी चूत के होंठों को रगड़ रहा था और रामचंद्र का लुंड मेरी तंग गांड के छेद से रगड़ रहा था .. यह एक गहन अनुभूति थी मेरे लिए ...
मुझे चिंता थी कि रामचंद्र मेरी गांड चोदेंगे तो में पीछे मूड कर देखी ।
रामचंद्र ने फिर कहा "चिंता मत करो बेब मैं तुम्हारी गांड चोदने वाला नहीं हूँ .. अभी इतने जल्दी तो” .. और उन्होंने आँख मारी।
मैं उन डोनो अंकल्ज़ के चार हाथों से और चार पैरों से कसकर लिपटी हुयी थी। मैंने मोहन का चेहरा देखी। उनका अब पूरी तरह से खड़ा हुआ लंड मेरी चूत के छेद में घुसने लगा था।
अब मोहन ने मेरी चूत को सामने से चोदना शुरू करने लगे, और पीछे से रामचंद्र मेरी गांड के गालों के बीच अपना लंड दबा रहे थे। मोहन के हर जोर के झटकों के साथ रामचंद्र का लंड मेरी गांड के ग्लोब्ज़ में धँस रहा था और उनका मोटा लंड मेरे गाँड के छेद से टकरा रहा था ... उफ़्फ़्फ सीन बहुत गर्म थी लेकिन मुझे लगा कि रामचंद्र कभी भी एक जोर दे सकता है और मोहन के आगे के जोर से रामचंद्र का लंड पीछे से प्रवेश कर सकता है मेरे गाँड के छेद में ।
रामचंद्र उठे और मैं नहीं देख सका कि वह क्या कर रहा है क्योंकि मोहन मुझे सामने से चोद रहा था।
5 मिनट के बाद में देखी कि रामचंद्र मेरे पीछे अपनी पज़िशन में वापस आए लेकिन वह नीचे कुछ करने में व्यस्त थे .. मेरी गांड पर वह उस क्रीम के साथ उँगलियाँ से विशेष रूप से मेरी गांड के छेद पर और .. मेरी गांड के छेद के अंदर क्रीम लगा रहे थे।
तब मैंने महसूस किया कि उनका लंड फिर से मेरे गाँड के ग्लोब के खिलाफ धक्का दे रहा है, जिस पर अब क्रीम थी या शायद जेली और रामचंद्र का लंड अब मेरे गाँड के छेद को फिर से धक्का दे रहा था और मोहन आगे से जोर दे रहे थे।
मुझे एहसास हुआ कि रामचंद्र अब मेरी गांड चोदने की योजना बना रहे है .. लेकिन वह मेरे गाँड के छेद पर अपना लंड रगड़ते रहे ..
मोहन ने मेरी चूत में आगे से बड़ा जोर दिया और मेरी गांड को रामचंद्र के लंड में धकेला जा रहा था, अचानक मुझे लगा कि रामचंद्र का लंड मेरे छेद में घुसने की कोशिश कर रहा है।
मोहन से दो तीन बड़े झटकों के बाद, रामचंद्र के लंड का टोप पीछे मेरी गांड में घुसने लगा था। उफ्फ्फ उनका लुंड का सिर अब मेरी गांड के अंदर हैं जो जेली के साथ चिकनाई कर रही थी ..
उफ्फ्फ्फ मैं एक ही समय में अपनी चूत और मेरी गांड में दो बड़े लंड लेने वाली थी ...
फिर पीछे से रामचंद्र और सामने से मोहन के जोर ke झटकों से, मैंने महसूस किया कि रामचंद्र का लंड मेरी गांड के छेद में फिसल गया हैं और अब मेरी चूत और गाँड अब दो लंड से भरी हुयी थी। मेरी चूत में एक लंड और मेरी गांड के छेद में एक लंड से चुद रही थी ..
अब में मेरे bfs से मेरी गांड ३-४ बार मरवायी थी, लेकिन वे रामचंद्र के लुंड जितने बड़े और मोटे नहीं थे।
उफ्फ्फ दर्द और प्लेज़र की भावनाए मेरे अंदर थी क्योंकि वे दोनों ऊर्जा के साथ मेरे डोनो छेदों को चोदने लगे थे।
मैं चार बाहों और चार पैरों से कसकर लिपटी हटी थी और मनों हम तीनो के बदन एक बन गए थे !
अब डोनो मेरी चूत और गाँड चोदने लगे। रामचंद्र लंड अंदर घुसते तो मोहन लंड मेरी चूत से बाहर निकलते , और मोहन जब अपना लंड मेरी चूत में डालते तो रामचंद्र मेरी गाँड से अपना लंड निकालते। डोनो मानो इस तरह से कई लड़कियों और औरतों के चूत और गाँड की एक साथ चुदाई की हैं ।
उफ़्फ़्फ उनके चुदाई का रिधम मुझे बहुत गरम कर रहा था । डोनो अब एक साथ मेरी चूत और गाँड में अपने मोटे लंड घुसते और में अह्ह्ह उफ़्फ़्फ़्फ ऊऊइई माऽऽ कराह मह से निकलती ।
पूरी रूम अब हमारी चुदाई की आवाज़ों से गूंज रही थी। इस घर में दो मर्द और एक लड़की की घमासान चुदाई का खेल, खेला जा रहा था । एक फूल और दो माली ।
रामचंद्र बोले “उफ़्फ़्फ कामिनी कितनी टाइट छेद हैं उफ़्फ़्फ़्फ, कैसे मेरे लंड को जकड़ लिया हैं तेरी इस चंचल गाँड ने ।बहुत सारी लड़कियों की गाँड मारी हैं लेकिन तेरी इतनी टाइट गाँड के छेद को नहीं चोदा हैं मेंने । उफ़्फ़्फ मोहन तुझे भी इसकी गाँड की चुदाई करनी हैं ना ।”
मोहन बोले – “उफ़्फ़्फ़्फ अभी तो इसकी चूत का सारा रस मेरे लंड को पीना हैं दोस्त। उफ़्फ़्फ़्फ चूत भी कितनी टाइट हैं । लगता हैं इसका bf अच्छी तरह से चुदाई नहीं करता था । ना ही उसका लंड हमारे लंड जैसे लम्बा या मोटा भी होगा ।” ये ले साली उफ़्फ़्फ आज तो तेरी चूत बहुत छोड़ूँगा कामिनी।”
ऐसे ५ मीन की चुदाई के बाद अह्ह्ह करते मोहन का लंड झटके मारने लगा मानो अपने लंड का गधा सफ़ेद रस निकलने वाला हो। रामचंद्र का भी लंड अब मानो उसके लंड का पानी चोरने वाला हो।
फिर डोनो ने अपना अपना लंड मेरी चूत और गाँड के बाहर निकल कर मुझे वैसे ही लिटा कर मेरे चेहरे के पास लाए और आह करके एक झटके के साथ डोनो के लंड का गधा सफ़ेद पानी अब मेरे मह पर छूटने लगा। उफ़्फ़्फ़्फ डोनो अपने लंड के पानी से मेरे चेहरे पर फिराग हो गए । मेरा चेहरा अब डोनो के वीर्य से भरी हुयी थी ।
Sexy , hot nd madak updateमुझे अब डोनो से चुदाई करना चाहती थी । मोहन उठे और मेरे ऊपर अपने घुटनों पर अपना शरीर टिका रहे थे। उसने मेरे स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें बड़े प्यार से निचोड़ रहा था। मैं एक महिला थी और बहुत रोमांचित हो रही थी। मुझे लगा कि एक लड़की से महिला के रूप में मेरा जीवन आज बदल जाएगा।
अब मोहन का विशाल लंड मेरी बेचारी चूत के ऊपर लटक रहा था। यह बहुत उत्सुकता से उस पर प्रहार कर रहा था। मेरी चूत की छेद छोटी थी और मोहन का लंड बहुत बड़ा था। मैं डर गयी कि मैं इस लंड को कैसे झेल पाऊँगी। मोहन नीचे झुक गया और मुझे एक लम्बा सा चुंबन देने लगा ।
वह अपनी जीभ घुमा रहा था और मेरी लार चूस रहा था। मुझे यह बात बेहद पसंद आ रही थी । चूमने और उसकी जीभ मेरे मुंह में डालने से मुझे काफ़ी सुख मिली। मुझे लगा जैसे वह मेरे मुंह को अपनी जीभ से चोद रहा है। मैंने उसकी जीभ से मिलन करने की कोशिश की और उसकी जीभ को में भी जोर से चूस रही थी।
वहन दुसरी और रामचंद्र ने मेरी छुट को चुस के और गीली बना दी थी। अब में सोची की में मोहन के लुंड को अपनी चिकनी चूत में ले सकुंगी।
मैंने मोहन के सिर को पकड़ कर उसके कान को अपने मुंह के पास खिंची और उनके कानों में बोली, "मोहन। कृपया जल्दी से अपने विशाल लंड से मेरी चुदाई करे। कृपया सावधान रहे की ढीरे से चूत चोदना आपके मोटे लंड से । मेरी चूत की छेद छोटी हैं।
वह धीरे से मेरे कानों में बुदबुदाया और कहा,
"कामिनी तुम्हें शुरुआत में थोड़ा दर्द होगा, लेकिन मैं बहुत धीरे-धीरे तुम्हारी चूत में मेरा लंड डालूँगा और तुम ठीक से मेरा लंड तुम्हारी चूत में जाते हुए महसूस करेंगी। "कामिनी, अब में लंड को आपकी चूत के द्वार पर रख के रगदूँगा ताकि आपकी चूत और गीली हो जाए।"
मैंने उनके लंड को अपनी उँगलियों में पकड़ रखी थी और अपनी चूत के होठों पर कई बार हल्के से मलती रही।
उसके लिंग पर प्री-कम और मेरी चूत में रस रिसने के कारण; मोहन का लंड काफी चिकना हो गया। मैं इतनी दर गयी थी कि कहीं मोहन अपनी उत्तेजना में अपने विशाल लंड को मेरे चूत में जबरदस्ती न घुसा दे।
लेकिन मोहन बहुत प्यार से करने वाले थे। मैंने अपनी एक हथेली से धीरे-धीरे उसके लंड की नोक को अपनी चूत के छेद के प्रवेश द्वार में डाली । मैंने इसे फिर उनके लंड को अपनी चूत के होठों पर मली और अपनी योनी के छेद के अंदर डाली । अब मोहन उसे उतना ही अंदर धकेल रहा था जितना मैं उसे अंदर धकेल रही था। मैं उनके लंड को अपनी चूत की दीवारों में घूमती रही ताकि आसानी से लंड चूत में प्रवेश कर सके।
उसका लंड लगभग तीन इंच ही अंदर गया होगा; उनका लंड इतना मोटा और मांसल था बस आधा भी मेरे bf के एक पूरे लंड के बराबर था । फिर उन्होंने लंड को धीरे-धीरे वापस चूत के बाहर लिया, फिर मोहन ने लंड को पहले से थोड़ा और गहरा धक्का दिया। मैंने फिर अपनी आँखें बंद कर लीं। मोहन अब पीछे हट रहा था और नियमित लेकिन धीमी लय के साथ फिरसे अंदर अपने लंड को धक्का दे रहा था। मैं अब दर्द और उसकी लय का आनंद लेने लगी थी।
मैंने रामचंद्र की ओर देखा तो वह अपने लंड को हिला रहा था और मेरी मोहन से चुदाई के नज़ारे का मज्जा ले रहे थे।
मैंने उन्हें मेरे स्तनों को निचोड़ने के लिए कहा। रामचंद्र एक हाथ से मेरे बालों को प्यार से सहला रहा था और दूसरे हाथ से मेरी चूचियाँ दबा रहा था ।
मोहन ने अपनी लय बढ़ा दी मैं अब मोहन के धक्का-मुक्की का पूरा आनंद ले रहा था। उसका लिंग करीब तीन चौथाई अंदर था। मैं इतना लीक कर रही थी कि लुब्रिकेट करने के लिए इतना रस था।
में मोहन से कही,
"ठीक है, अब इसे पूरा मेरी चूत के अंदर जाने दीजिए। मैं इसे लेने के लिए तैयार हूँ।"
मोहन बहुत खुश हुआ। उसने धीरे-धीरे अपना दबाव बढ़ाया और अपने शाफ्ट को मेरे लव होल के अंदर धकेल दिया। हे भगवान! यह इतना प्राणपोषक और पुरस्कृत अनुभव था।
मोहन अपना लंड अब मुझमें और गहरे उतर रहा था। मैंने उसके लंड को मेरे अंदर आसानी से प्रवेश करने में सक्षम बनाने के लिए पारस्परिक गति में उसका मिलान किया। मैं जोर-जोर से कराह रही थी। हर बार जब उसने धक्का दिया, तो ज़ोर से में आहहहह करके कराह उठी !!!!
अचानक मेरी चूत भिनभिनाने लगी। इस बार मोहन ने महसूस किया कि मेरी चूत की दीवारें नियमित अंतराल पर एक ऐंठन में उसके लंड को जकड़ रही हैं। वह मुझे पागल कर रहा था। जैसे-जैसे समय बीतता गया वह तेजी से और गहराई तक मेरी चूत चोदते रहे। मेरे हाथों से में मोहन को जकड़ रही थी और नीचे अपने पैर बेतहाशा हवा में उछाल रही थी।
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“आह क्या चुदाई कर्तेभो मोहन अंकल उफ़्फ़्फ मज्जा आ गया ।
उफ्फ्फ रामचंद्र अंकल अब मुझे अपनी चूत में आपका बड़ा लंड चाहिए.. क्या आप भी मोहन जैसे मस्त चुदाई करते हो उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।
मैं डॉगी पोजीशन में आ गयी और अपने रामचंद्र को पीछे से अपना लिंग मुझमें धकेलने को कहा। मोहन मेरे सामने आए और अपना पूरा सीधा लंड मेरे चेहरे पर मल दिया।
. मैं उनके लंड को अपने मुँह में ले ली। फिर मैंने उनके लंड का सिर और उनकी बड़ी-बड़ी गेंदों को अपनी जीभ से उनके चारों ओर घुमायी। मोहन ने अपना लंड पकड़ कर मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने इसे धीरे-धीरे अंदर लिया और अपनी जीभ को इसके चारों ओर घुमा रही थी। उसका लंड इतना मोटा था।
रामचंद्र अब धीरे-धीरे मेरे छेद में प्रवेश कर सकता था और मुझे फिर से नियमित ताल पर अपनी चूत में एक मोटे लंड का अहसास करी।
रामचंद्र लगातार मेरे स्तनों को निचोड़ रहे थे क्योंकि वह कामुक भावनाओं का अनुभव ले रहे थे और मुझे पागल बना रहे थे।
रामचंद्र के लंड पर मेरी चूत के गहराइयों तक जाने लगी। मोहन ने अपनी आँखें बंद कर ली हैं और उसे अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में कठिनाई हो रही है। रामचंद्र अब तेजी से और तेजी से अपना लंड मेरी चूत में पंप कर रहा था। मैं उसके साथ लय में चली गयी। उनका लम्बा लंड मेरे अंदर इतनी गहरी तक गयी थी कि मानो उनके लंड को अपने पेट में महसूस कर सकती।
में पीछे से रामचंद्र से चुद रही थी और आगे से मोहन के मोटे लंड को चूस रही थी ।
मैं भी रामचंद्र के धक्कों पर खुद पीछे गाँड सरका के उनके चुदाई का साथ देने लगी । मोहन अब मेरे मह से लंड निकल कर पानी पीने बाहर चले गए।
अब रामचंद्र अंकल बेरहमी से मुझ पर चढ़ कर मेरी चूत चोदने लगे । वह मुझे इतनी बेरहमी से चोद रहे थे और मैं भी अपनी कमर हिलते उनका साथ देने लगी ।
“कृपया मुझे और जोर से चोदो !!!! मैं नहीं चाहती कि आप कभी रुकें। जारी रखें!!!! आह चोदिए इस जवान चूत को । अपनी चुदाई की ताक़त दिखाइए । मेरी चूत से ओआनि निकलने वाली हैं उफ़्फ़्फ़्फ रामचंद्रजी में झर रही हूँ मेरी चूत का रस उफ़्फ़्फ”
फिर में बिस्तर पर लेट गयी। एक राउंड संभोग के बाद में दोनो मर्दों के बीच बिस्तर पर आराम कर रही थी ।
Shukriya Dr Raji !!Sexy , hot nd madak update![]()