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मै ये स्टोरी कल पढ़ना चाहूंगी. फिलहाल किस्से अनहोनी के लिख रही हु. ये फीलिंग खोना नहीं हे फिलहालFRIENDS first time try kr rha ho Horror story me btayga jroor kaise lge aapko story and jroori nhi abi btao story END hone ke bad btaoge to or acha lgega mujhe
Shetan Devi ji , Raj_sharma bhai , RAJ_K_RAVI bhai Black SEANIOUR , Mass , Ufaq saba , komaalrani JI , Yasasvi3 , park , parkas , dev61901
Bohot badhiya sunny boyMain batana chahoga ke ye ek shot story hai bhot jada 2 se 3 update tk END jo jayge
ये एक छोटी सी कहानी है जो 2 से 3 अपडेट में खतम हो जाएगी।
नमस्कार दोस्तो कैसे हो आप सब उम्मीद है सब अच्छे ही होगे काफी दिन से एक कहानी के बारे में सोच रहा था खासकर जब मैने (HORROR STORY) डरावनी कहानी पड़ना सुरु की अच्छा लगा खासकर हमारी मित्र (Shetan Devi ji) शैतान देवी जी की कहानियों से मैं काफी प्रेरित हुआ और इसी वजह से मैने एक छोटी सी कहानी के बारे में सोचा है जिसे आज आपसब के सामने पेश के रहा हूं ।
वैसे इस कहानी का क्रेडिट जाता है कुछ खास लोगो को
1 – Shetan Devi ji ko jinki HORROR story read krke mai inse kafi inspire hua
2 – Group ke mast Shairy ko Raj_sharma bhai ko jinhone mujhe full support dia story likhne ka
Sath he
3– SEANIOUR Black , RAJ_K_RAVI BHAI , Itachi_Uchiha BHAI
(A MINI HORROR STORY)
मुंबई शहर कहते है इस शहर के लोगो की जिंदगी काफी तेजी से चलती है आज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मैन शाखा में चहल पहल मची हुई थी इसी शाखा के मुख्या अधिकारी रवि कुमार (RAVI KUMAR) जिसके पास एसबीआई की मुख्य शाखा की सारी जिम्मेदारी थी ।
रवि कुमार ने अपनी मेहनत, ईमानदार के दम में आज ये मुकाम हासिल किया था उन्होंने जिसके चलते देखने वाले थे कहते थे की रवि कुमार दुनिया का सुखी इंसान है ।
लेकिन लोगो को वो दिखता था जो उनके सामने है ।
असल में रवि कुमार ही जानता था वो कितना सुखी है या दुखी है ।
आज एसबीआई की मुख्य शाखा में रौनक बनी हुए थी क्योंकि आज रवि कुमार का जन्मदिन था जिसके चलते शाखा के जितने भी अधिकारी है हर कोई उनको बदाईया दे रहा था कुछ वक्त तक ये सब चलता रहा उसके बाद हर कोई अपने काम में व्यस्त होगया रवि कुमार भी इस सब से फुर्सत पा के अपने कश्क (CABIN) में जा के बैठ गए
टेबल पे उनकी नजर गई जिसमे एक फोटो फ्रेम (photo frem) रखा था
रवि उस फोटो को गौर से देखें जा रहा था साथ ही बोल रहा था
रवि– आज पहली बार मैं अपने जन्मदिन में अकेला हूं वादा किया था तुमने मुझसे मेरी हर खुशी में तुम हमेशा मेरे साथ रहोगी लेकिन तुम मुझे बीच राह मे छोर के क्यू चली गई अंजली (ANJALI)
और इतना बोलते ही रवि की आखों में आसू आग्ये
रवि कुमार पहले अकेला नही था अपने मां बाप के साथ रहता था बचपन से ही रवि पड़ने में होशियार था हर रोज स्कूल से घर बस यही उसका रूटीन था
रवि अपने घर में अपने मां बाप को इकलौता बेटा था इनके अलावा उनका कोई रिश्तेदार नही था
इसी तरह उसकी पढ़ाई चलती रही कालेज में आने के बाद रवि मुलाकात अंजली से हुई शुरुवात दोस्ती से हुई धीरे धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई पढ़ाई पूरी होती ही रवि और अंजलि के मां बाप ने मिल के दोनो का रिश्ता पक्का कर दिया
दोनो को जिंदगी खुशाल से चल रहे थी कुछ समय के बाद रवि और अंजली के मां बाप तीर्थ यात्रा का सोचा अपने साथ रवि और अंजलि को चलने के लिए मना रहे थे
लेकिन तीन रवि की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नई पोस्टिंग हुई थी जिसके चलते रवि और अंजली नही जा सके
कुछ दिन के बाद खबर आई तीर्थ यात्रा में जा रही बस का एक्सीडेंट होगया है जिसमे सभी यात्री मारे गए साथ ही दोनो के मां बाप चल बसे थे
इस खबर से काफी दुखी होगी रवि और अंजलि कुछ दिन में सभी विधि विधान करके रवि और अंजलि अपनी जिन्दगी में आगे बड़ने लगे 4 साल के बाद अंजली ने रवि को खुशखबरी दी अपने मां बनने की दोनो काफी खुश होगाए अपनी खुशी मानने के रेस्टोरेंट में जाने का तय किया खाना पीना करके रवि और अंजलि घर जा रहे थे अपनी कार से तभी किसी ट्रक से कर का एक्सीडेंट होगया जिसके चलते रवि सिर में चोट लग गईं उसी वक्त रवि बेहोश होगया लेकिन अंजली उसमे बच ना पाई किसी तरह हॉस्पिटल में लाया गया इलाज से रवि होश में आया अंजली के बारे में जान के रबी को सदमा लगा जिसके चलते डाक्टर को काफी मेहनत करनी पड़ी रवि पे तब जाके रवि में सुधार हुआ
कुछ समय में पूरी तेरह ठीक होके रवि ने अपने आप को काम में पूरे थे व्यस्त के कर लिया जिसके चलते रवि को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा का मुख्या अधिकारी बना दिया गया
बैंक में रवि के अंदर में पैसों का आवा गमन और लेन देन होता था जिसकी सारी जिमेदारी रवि की होती थी
जब रवि रवि अपने कक्ष में बैठ के अपनी बीवी की फोटो को देख रहा था तभी बैंक में काफी अफरा तफरी होने की आवाज आने लगी रवि ने जब सुना तो अपने कक्ष से भर आते ही उसने देखा बैंक में 4 नकाब पोश हथियार के साथ आग्ये है साथ ही सिक्यूरिट गॉर्ड के गोली मार कर घायल कर दिया है
1 नकाबपोश –(कैशियर को बंदूक दिखा के)तिजोरी की चाबी देदो वर्ना अंजाम बुरा होगा
रवि–(बीच में बोलते हुए)उसे कुछ मत करना मैं इस शाखा का अधिकारी हूं मुझसे बात करो
4 नकाबपोश –(घायल सिक्योरेटी गॉर्ड को गोली चला के मार के रवि से)अगर ज्यादा होशियारी दिखाई तूने तो बाकी के साथ भी यही होगा
रवि के इशारे पे कैशियर ने तिजोरी की चाबी नकाबपोश दीया जब तक नकाबपोश तिजोरी से पैसे इक्कठा कर रहे थे तभी पुलिस सायरिन की आवाज आने लगी जिसके चलते नकाबपोश को समझते देर ना लगी की पुलिस आगयी है बैंक से सही सलामत बहार निकलने के लाई चारो नकाबपोश ने मिल के रवि को बंदूक की नोक पे बैंक से बाहर आने लगे जिसके चलते पुलिस कुछ ना कर सकी पे चारो नकाबपोश रवि को उसकी कार के साथ लेके निकल गए रवि को साथ लेके ताकि रास्ते में पुलिस से आसानी से बचा जा सके
चलते चलते काफी दूर निकल आते है तभी नकाबपोशों को बीच जंगल में एक कच्चा रास्ता दिखाता है जहा कुछ दूरी पे एक घर बना था जिसे देख के पता चल रहा था जाने कितने वक्त से कोई आया न हो वह पे चारू नकाबपोशों को पुलिस से बचने के लिए ये घर सही लगता है तो रवि को लेके घर के अंदर जाते है तभी एक बूढ़ा आदमी इन चारो को दिखता है
बुढ़ा आदमी–(चारो नकाबपोशों और रवि को देख के)तुम जहा से भी आए हो चले जाओ यहां से अगर जिंदा रहना चाहते हो तो
1 नकाबपोश – बुड्ढे हमे सिर्फ एक रात के लिए रुकना है यहां पे सुबह होते ही निकल जाए हम
बूढ़ा आदमी –(हस्ते हुए) बेटा सुबह तक जिंदा रहोगे तभी तो निकल पाओगे तुम
3नकाबपोश –बहौट देर से बकवास कर रहा ही तू बुड्ढे तेरी उम्र का लिहाज कर रहे है इसीलिए बात कर रहे है तेरे से
तभी रवि बेच में बोलता है
रवि–बाबा आप इनके मू मत लगो ये आज मेरे बैंक को लूट के गार्ड को मार के मुझे बंदी बना के ले आय है यहां पे कही ये आपको ना नुकसान दे आप इनके मू मत लगो
बूढ़ा आदमी –(रवि को देख के हस्ते हुए) मेरा काम था सावधान करना बाकी तुम्हारे मर्जी इतना बोल के बूढ़ा आदमी जाने लगा
1नकाबपोश –(बूढ़े आदमी को आवाज देते हुए)ओय बुड्ढे पैसे लेते जा किराया समझ के रख ले
बूढ़ा आदमी –(हस्ते हुए)बेटा मुझे पैसे का कोई मोह नही है तुम्हारे बहाली के लाई समझा रहा था अब तुम जानो और तुम्हारा काम जाने
4 नकाबपोश – एक बात बता बुड्ढे तू हमे क्यू रोकना चाहता है घर में जाने से की है इस घर में ऐसा
बुढा आदमी– क्यू की ये घर शरापित है जो भी यहां आया वो कभी वापस नहीं निकला है इस घर से
3नकाबपोश– अगर ऐसा है तो तू कैसे निकल आया अभी
बूढ़ा आदमी – क्यू की ये मेरा घर है मेरे इलावा कोई आया तो बहार नही आता है
2 नकाबपोश –(बूढ़े आदमी पे बंदूक तानते हुए) हम अंडर जाए भी और सुबह बाहर आए भी और सुन अगर किसी को तूने बताया हमारे बारे में तो इस मैनेजर के साथ तेरा भी राम नाम सत्य केरदेग हम
बूढ़ा आदमी हस्ते हुए चला गया वहा से जबकि रवि और चारो नकाबपोश घर के अंदर चले गए
घर में घुसते ही चारो नकाबपोशों ने अपने नकाब उतार दिए और तभी रवि उन चारों को देख के हैरान होगा क्यू की वो चारो बैंक की दूसरे शाखाओं के से थे ।
ये चारो दूसरे शाखा के कर्मचारी थे जो की लीव में थे इन चारो ने बैंक में ये बोल के लीव लिया था की इनके घर में कुछ इमरजेंसी आगए है जिसके चलते इनकी लीव को मंजूरी मिल गए थी
इन चारो के नाम है
1– मोहन (पैसों का लालची साथ ही छोटे मोटे गेम खेलता है पैसे लगा के जैसे शतरंज , लूडो , साप सीडी)
2– जगराम (ये भी पैसों का लालची है साथ ही इसे शराब पीने का शौक है जिसके चलते कई लोगो का कर्ज लेके बैठा है)
3– हरीश (पैसों का लालच बैंक में लोगो को बेवकूफ बना के कम ब्याज बता के लोन करने के बाद मोटा कमीशन लेटा है और जब सामने वाला लोन चुकाने में देर होजती है तो बिना बताई उनके खिलाफ कार्यवाही करता है ताकि और ज्यादा पैसे ले सके जिसके चलते कितने लोगो को अपना घर बार बेचना पड़ा और कइयों ने आत्महत्या कर ली थी)
4– रघु (पैसों का लालची साथ में बैंक में लोन रिकवरी का काम देखता था जिसके चलते जड़ा पैसे कमाने में कई लोगो के घर बर्बाद किया है इसने इसलिए अब ये बैंक में कागजी कार्यवाही करता है)
रवि–(चारो को हैरानी से देखते हुए) तुम लोग यहां और तुम चारो लीव में थे फिर यह सब क्या है ऐसा क्यू कर रहे हो
रघु– तेरे से बदला लेने के लिए किया साथ में सोचा हम चारो भी अपना भला कर लेते है
मोहन–तूने हमारे काम को चौपट कर के रख दिया था इतनी ईमानदार बन के क्या हासिल कर लेगा तू
हरीश– तुझे जो करना था कर लिया तूने अब आज की रात जी ले तू क्यू की कल का सूरज तू देख नही पाएगा
जगराम– अरे यार तुमलोग कितना बोलते हो बेचारे को मार के किस्सा खतम करो यार इसकी लाश भी गायब करने पड़ेगी हमे ही
मोहन– अबे छोर यार क्यू ज्यादा मेहनत करनी यही गाड़ देगे लाश को इसकी जल्दी मार दो गोली इसको
रघु–बेवकूफी मत करो तुमलोग जल्दी बाजी में अभी शाम होने वाली है आधी रात होने का इंतजार करो क्यू की इस वक्त भर रोड से किसी से गोली चलने की आवाज सुन ली तो दिक्कत हो जाएगी हमे इसलिए आधी रात के बाद इसका काम तमाम करेगे तब तक के लिए इसको कमरे में बंद करदेते है।
चारो ने मिल के रवि को कमरे में बंद कर के चारो घर को देखने लगे एक कमरे में आते ही उन चारों ने तय किया की इस कमरे में एक खड्डा खोदेगे क्यू की कमरे की हालत से पता चलता है जैसे रिपेयरिंग की जा रही थी जो अधूरी रह गए हो गढ्ढा खोदने लगे चारो मिल के ताकि रवि को मार के उसकी लाश इसमें दफना दे
इस काम में इन चारो को 2 घंटे लग गए शाम से रात होगयी अब इन चारो को इंतजार था आधी रात होने का ताकि रवि को मार के दफना दे फिर आराम कर के सुबह निकल जायेंगे चारो
बहोत ही जबरदस्त स्टार्ट है. कहानी के स्टार्टिंग से ही एहसास हो जाता है की रवि की जिंदगी अच्छी तो नहीं चल रही. मगर बैंक लुटेरों के साथ वो फस चूका है. अब उस मकान मे क्या है. वो तो आगे के अपडेट मे ही पता चलेगा. मगर बूढ़े का रोकना, और उसकी बातो से पता लगता है की रवि की जिंदगी मे कोई हादसों से भरा एक और किस्सा जुड़ने वाला है. अगर वो जिन्दा बचा तो. आप एक नाट्य भूतिया कथा का निर्माण कर रहे हो. मुजे आशा है की आप एक बहेतरीन स्टोरी हमारे सामने प्रस्तुत करोगे.Main batana chahoga ke ye ek shot story hai bhot jada 2 se 3 update tk END jo jayge
ये एक छोटी सी कहानी है जो 2 से 3 अपडेट में खतम हो जाएगी।
नमस्कार दोस्तो कैसे हो आप सब उम्मीद है सब अच्छे ही होगे काफी दिन से एक कहानी के बारे में सोच रहा था खासकर जब मैने (HORROR STORY) डरावनी कहानी पड़ना सुरु की अच्छा लगा खासकर हमारी मित्र (Shetan Devi ji) शैतान देवी जी की कहानियों से मैं काफी प्रेरित हुआ और इसी वजह से मैने एक छोटी सी कहानी के बारे में सोचा है जिसे आज आपसब के सामने पेश के रहा हूं ।
वैसे इस कहानी का क्रेडिट जाता है कुछ खास लोगो को
1 – Shetan Devi ji ko jinki HORROR story read krke mai inse kafi inspire hua
2 – Group ke mast Shairy ko Raj_sharma bhai ko jinhone mujhe full support dia story likhne ka
Sath he
3– SEANIOUR Black , RAJ_K_RAVI BHAI , Itachi_Uchiha BHAI
(A MINI HORROR STORY)
मुंबई शहर कहते है इस शहर के लोगो की जिंदगी काफी तेजी से चलती है आज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मैन शाखा में चहल पहल मची हुई थी इसी शाखा के मुख्या अधिकारी रवि कुमार (RAVI KUMAR) जिसके पास एसबीआई की मुख्य शाखा की सारी जिम्मेदारी थी ।
रवि कुमार ने अपनी मेहनत, ईमानदार के दम में आज ये मुकाम हासिल किया था उन्होंने जिसके चलते देखने वाले थे कहते थे की रवि कुमार दुनिया का सुखी इंसान है ।
लेकिन लोगो को वो दिखता था जो उनके सामने है ।
असल में रवि कुमार ही जानता था वो कितना सुखी है या दुखी है ।
आज एसबीआई की मुख्य शाखा में रौनक बनी हुए थी क्योंकि आज रवि कुमार का जन्मदिन था जिसके चलते शाखा के जितने भी अधिकारी है हर कोई उनको बदाईया दे रहा था कुछ वक्त तक ये सब चलता रहा उसके बाद हर कोई अपने काम में व्यस्त होगया रवि कुमार भी इस सब से फुर्सत पा के अपने कश्क (CABIN) में जा के बैठ गए
टेबल पे उनकी नजर गई जिसमे एक फोटो फ्रेम (photo frem) रखा था
रवि उस फोटो को गौर से देखें जा रहा था साथ ही बोल रहा था
रवि– आज पहली बार मैं अपने जन्मदिन में अकेला हूं वादा किया था तुमने मुझसे मेरी हर खुशी में तुम हमेशा मेरे साथ रहोगी लेकिन तुम मुझे बीच राह मे छोर के क्यू चली गई अंजली (ANJALI)
और इतना बोलते ही रवि की आखों में आसू आग्ये
रवि कुमार पहले अकेला नही था अपने मां बाप के साथ रहता था बचपन से ही रवि पड़ने में होशियार था हर रोज स्कूल से घर बस यही उसका रूटीन था
रवि अपने घर में अपने मां बाप को इकलौता बेटा था इनके अलावा उनका कोई रिश्तेदार नही था
इसी तरह उसकी पढ़ाई चलती रही कालेज में आने के बाद रवि मुलाकात अंजली से हुई शुरुवात दोस्ती से हुई धीरे धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई पढ़ाई पूरी होती ही रवि और अंजलि के मां बाप ने मिल के दोनो का रिश्ता पक्का कर दिया
दोनो को जिंदगी खुशाल से चल रहे थी कुछ समय के बाद रवि और अंजली के मां बाप तीर्थ यात्रा का सोचा अपने साथ रवि और अंजलि को चलने के लिए मना रहे थे
लेकिन तीन रवि की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नई पोस्टिंग हुई थी जिसके चलते रवि और अंजली नही जा सके
कुछ दिन के बाद खबर आई तीर्थ यात्रा में जा रही बस का एक्सीडेंट होगया है जिसमे सभी यात्री मारे गए साथ ही दोनो के मां बाप चल बसे थे
इस खबर से काफी दुखी होगी रवि और अंजलि कुछ दिन में सभी विधि विधान करके रवि और अंजलि अपनी जिन्दगी में आगे बड़ने लगे 4 साल के बाद अंजली ने रवि को खुशखबरी दी अपने मां बनने की दोनो काफी खुश होगाए अपनी खुशी मानने के रेस्टोरेंट में जाने का तय किया खाना पीना करके रवि और अंजलि घर जा रहे थे अपनी कार से तभी किसी ट्रक से कर का एक्सीडेंट होगया जिसके चलते रवि सिर में चोट लग गईं उसी वक्त रवि बेहोश होगया लेकिन अंजली उसमे बच ना पाई किसी तरह हॉस्पिटल में लाया गया इलाज से रवि होश में आया अंजली के बारे में जान के रबी को सदमा लगा जिसके चलते डाक्टर को काफी मेहनत करनी पड़ी रवि पे तब जाके रवि में सुधार हुआ
कुछ समय में पूरी तेरह ठीक होके रवि ने अपने आप को काम में पूरे थे व्यस्त के कर लिया जिसके चलते रवि को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा का मुख्या अधिकारी बना दिया गया
बैंक में रवि के अंदर में पैसों का आवा गमन और लेन देन होता था जिसकी सारी जिमेदारी रवि की होती थी
जब रवि रवि अपने कक्ष में बैठ के अपनी बीवी की फोटो को देख रहा था तभी बैंक में काफी अफरा तफरी होने की आवाज आने लगी रवि ने जब सुना तो अपने कक्ष से भर आते ही उसने देखा बैंक में 4 नकाब पोश हथियार के साथ आग्ये है साथ ही सिक्यूरिट गॉर्ड के गोली मार कर घायल कर दिया है
1 नकाबपोश –(कैशियर को बंदूक दिखा के)तिजोरी की चाबी देदो वर्ना अंजाम बुरा होगा
रवि–(बीच में बोलते हुए)उसे कुछ मत करना मैं इस शाखा का अधिकारी हूं मुझसे बात करो
4 नकाबपोश –(घायल सिक्योरेटी गॉर्ड को गोली चला के मार के रवि से)अगर ज्यादा होशियारी दिखाई तूने तो बाकी के साथ भी यही होगा
रवि के इशारे पे कैशियर ने तिजोरी की चाबी नकाबपोश दीया जब तक नकाबपोश तिजोरी से पैसे इक्कठा कर रहे थे तभी पुलिस सायरिन की आवाज आने लगी जिसके चलते नकाबपोश को समझते देर ना लगी की पुलिस आगयी है बैंक से सही सलामत बहार निकलने के लाई चारो नकाबपोश ने मिल के रवि को बंदूक की नोक पे बैंक से बाहर आने लगे जिसके चलते पुलिस कुछ ना कर सकी पे चारो नकाबपोश रवि को उसकी कार के साथ लेके निकल गए रवि को साथ लेके ताकि रास्ते में पुलिस से आसानी से बचा जा सके
चलते चलते काफी दूर निकल आते है तभी नकाबपोशों को बीच जंगल में एक कच्चा रास्ता दिखाता है जहा कुछ दूरी पे एक घर बना था जिसे देख के पता चल रहा था जाने कितने वक्त से कोई आया न हो वह पे चारू नकाबपोशों को पुलिस से बचने के लिए ये घर सही लगता है तो रवि को लेके घर के अंदर जाते है तभी एक बूढ़ा आदमी इन चारो को दिखता है
बुढ़ा आदमी–(चारो नकाबपोशों और रवि को देख के)तुम जहा से भी आए हो चले जाओ यहां से अगर जिंदा रहना चाहते हो तो
1 नकाबपोश – बुड्ढे हमे सिर्फ एक रात के लिए रुकना है यहां पे सुबह होते ही निकल जाए हम
बूढ़ा आदमी –(हस्ते हुए) बेटा सुबह तक जिंदा रहोगे तभी तो निकल पाओगे तुम
3नकाबपोश –बहौट देर से बकवास कर रहा ही तू बुड्ढे तेरी उम्र का लिहाज कर रहे है इसीलिए बात कर रहे है तेरे से
तभी रवि बेच में बोलता है
रवि–बाबा आप इनके मू मत लगो ये आज मेरे बैंक को लूट के गार्ड को मार के मुझे बंदी बना के ले आय है यहां पे कही ये आपको ना नुकसान दे आप इनके मू मत लगो
बूढ़ा आदमी –(रवि को देख के हस्ते हुए) मेरा काम था सावधान करना बाकी तुम्हारे मर्जी इतना बोल के बूढ़ा आदमी जाने लगा
1नकाबपोश –(बूढ़े आदमी को आवाज देते हुए)ओय बुड्ढे पैसे लेते जा किराया समझ के रख ले
बूढ़ा आदमी –(हस्ते हुए)बेटा मुझे पैसे का कोई मोह नही है तुम्हारे बहाली के लाई समझा रहा था अब तुम जानो और तुम्हारा काम जाने
4 नकाबपोश – एक बात बता बुड्ढे तू हमे क्यू रोकना चाहता है घर में जाने से की है इस घर में ऐसा
बुढा आदमी– क्यू की ये घर शरापित है जो भी यहां आया वो कभी वापस नहीं निकला है इस घर से
3नकाबपोश– अगर ऐसा है तो तू कैसे निकल आया अभी
बूढ़ा आदमी – क्यू की ये मेरा घर है मेरे इलावा कोई आया तो बहार नही आता है
2 नकाबपोश –(बूढ़े आदमी पे बंदूक तानते हुए) हम अंडर जाए भी और सुबह बाहर आए भी और सुन अगर किसी को तूने बताया हमारे बारे में तो इस मैनेजर के साथ तेरा भी राम नाम सत्य केरदेग हम
बूढ़ा आदमी हस्ते हुए चला गया वहा से जबकि रवि और चारो नकाबपोश घर के अंदर चले गए
घर में घुसते ही चारो नकाबपोशों ने अपने नकाब उतार दिए और तभी रवि उन चारों को देख के हैरान होगा क्यू की वो चारो बैंक की दूसरे शाखाओं के से थे ।
ये चारो दूसरे शाखा के कर्मचारी थे जो की लीव में थे इन चारो ने बैंक में ये बोल के लीव लिया था की इनके घर में कुछ इमरजेंसी आगए है जिसके चलते इनकी लीव को मंजूरी मिल गए थी
इन चारो के नाम है
1– मोहन (पैसों का लालची साथ ही छोटे मोटे गेम खेलता है पैसे लगा के जैसे शतरंज , लूडो , साप सीडी)
2– जगराम (ये भी पैसों का लालची है साथ ही इसे शराब पीने का शौक है जिसके चलते कई लोगो का कर्ज लेके बैठा है)
3– हरीश (पैसों का लालच बैंक में लोगो को बेवकूफ बना के कम ब्याज बता के लोन करने के बाद मोटा कमीशन लेटा है और जब सामने वाला लोन चुकाने में देर होजती है तो बिना बताई उनके खिलाफ कार्यवाही करता है ताकि और ज्यादा पैसे ले सके जिसके चलते कितने लोगो को अपना घर बार बेचना पड़ा और कइयों ने आत्महत्या कर ली थी)
4– रघु (पैसों का लालची साथ में बैंक में लोन रिकवरी का काम देखता था जिसके चलते जड़ा पैसे कमाने में कई लोगो के घर बर्बाद किया है इसने इसलिए अब ये बैंक में कागजी कार्यवाही करता है)
रवि–(चारो को हैरानी से देखते हुए) तुम लोग यहां और तुम चारो लीव में थे फिर यह सब क्या है ऐसा क्यू कर रहे हो
रघु– तेरे से बदला लेने के लिए किया साथ में सोचा हम चारो भी अपना भला कर लेते है
मोहन–तूने हमारे काम को चौपट कर के रख दिया था इतनी ईमानदार बन के क्या हासिल कर लेगा तू
हरीश– तुझे जो करना था कर लिया तूने अब आज की रात जी ले तू क्यू की कल का सूरज तू देख नही पाएगा
जगराम– अरे यार तुमलोग कितना बोलते हो बेचारे को मार के किस्सा खतम करो यार इसकी लाश भी गायब करने पड़ेगी हमे ही
मोहन– अबे छोर यार क्यू ज्यादा मेहनत करनी यही गाड़ देगे लाश को इसकी जल्दी मार दो गोली इसको
रघु–बेवकूफी मत करो तुमलोग जल्दी बाजी में अभी शाम होने वाली है आधी रात होने का इंतजार करो क्यू की इस वक्त भर रोड से किसी से गोली चलने की आवाज सुन ली तो दिक्कत हो जाएगी हमे इसलिए आधी रात के बाद इसका काम तमाम करेगे तब तक के लिए इसको कमरे में बंद करदेते है।
चारो ने मिल के रवि को कमरे में बंद कर के चारो घर को देखने लगे एक कमरे में आते ही उन चारों ने तय किया की इस कमरे में एक खड्डा खोदेगे क्यू की कमरे की हालत से पता चलता है जैसे रिपेयरिंग की जा रही थी जो अधूरी रह गए हो गढ्ढा खोदने लगे चारो मिल के ताकि रवि को मार के उसकी लाश इसमें दफना दे
इस काम में इन चारो को 2 घंटे लग गए शाम से रात होगयी अब इन चारो को इंतजार था आधी रात होने का ताकि रवि को मार के दफना दे फिर आराम कर के सुबह निकल जायेंगे चारो
धन्यवाद आपका देवी जीबहोत ही जबरदस्त स्टार्ट है. कहानी के स्टार्टिंग से ही एहसास हो जाता है की रवि की जिंदगी अच्छी तो नहीं चल रही. मगर बैंक लुटेरों के साथ वो फस चूका है. अब उस मकान मे क्या है. वो तो आगे के अपडेट मे ही पता चलेगा. मगर बूढ़े का रोकना, और उसकी बातो से पता लगता है की रवि की जिंदगी मे कोई हादसों से भरा एक और किस्सा जुड़ने वाला है. अगर वो जिन्दा बचा तो. आप एक नाट्य भूतिया कथा का निर्माण कर रहे हो. मुजे आशा है की आप एक बहेतरीन स्टोरी हमारे सामने प्रस्तुत करोगे.
नई कहानी के लिए शुभकामनायें.
नोट : यार अक्सर बड़े करो. पढ़ने मे बहोत दिक्कत होती है. ये रिक्वेस्ट है.
हां यह बेस्ट है मेरे नंबर है इसके वजह से मुझे पढ़ने में तकलीफ होती है
Je baat laundeFRIENDS first time try kr rha ho Horror story me btayga jroor kaise lge aapko story and jroori nhi abi btao story END hone ke bad btaoge to or acha lgega mujhe
Shetan Devi ji , Raj_sharma bhai , RAJ_K_RAVI bhai Black SEANIOUR , Mass , Ufaq saba , komaalrani JI , Yasasvi3 , park , parkas , dev61901