• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Horror SHRAAP ya VARDAAN (completed)

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
5,610
26,134
204

Yasasvi3

Darkness is important 💀
1,604
3,666
144
Main batana chahoga ke ye ek shot story hai bhot jada 2 se 3 update tk END jo jayge

ये एक छोटी सी कहानी है जो 2 से 3 अपडेट में खतम हो जाएगी।

नमस्कार दोस्तो कैसे हो आप सब उम्मीद है सब अच्छे ही होगे काफी दिन से एक कहानी के बारे में सोच रहा था खासकर जब मैने (HORROR STORY) डरावनी कहानी पड़ना सुरु की अच्छा लगा खासकर हमारी मित्र (Shetan Devi ji) शैतान देवी जी की कहानियों से मैं काफी प्रेरित हुआ और इसी वजह से मैने एक छोटी सी कहानी के बारे में सोचा है जिसे आज आपसब के सामने पेश के रहा हूं ।

वैसे इस कहानी का क्रेडिट जाता है कुछ खास लोगो को
1 – Shetan Devi ji ko jinki HORROR story read krke mai inse kafi inspire hua
2 – Group ke mast Shairy ko Raj_sharma bhai ko jinhone mujhe full support dia story likhne ka
Sath he
3– SEANIOUR Black , RAJ_K_RAVI BHAI , Itachi_Uchiha BHAI

(A MINI HORROR STORY)


मुंबई शहर कहते है इस शहर के लोगो की जिंदगी काफी तेजी से चलती है आज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मैन शाखा में चहल पहल मची हुई थी इसी शाखा के मुख्या अधिकारी रवि कुमार (RAVI KUMAR) जिसके पास एसबीआई की मुख्य शाखा की सारी जिम्मेदारी थी ।
रवि कुमार ने अपनी मेहनत, ईमानदार के दम में आज ये मुकाम हासिल किया था उन्होंने जिसके चलते देखने वाले थे कहते थे की रवि कुमार दुनिया का सुखी इंसान है ।
लेकिन लोगो को वो दिखता था जो उनके सामने है ।
असल में रवि कुमार ही जानता था वो कितना सुखी है या दुखी है ।
आज एसबीआई की मुख्य शाखा में रौनक बनी हुए थी क्योंकि आज रवि कुमार का जन्मदिन था जिसके चलते शाखा के जितने भी अधिकारी है हर कोई उनको बदाईया दे रहा था कुछ वक्त तक ये सब चलता रहा उसके बाद हर कोई अपने काम में व्यस्त होगया रवि कुमार भी इस सब से फुर्सत पा के अपने कश्क (CABIN) में जा के बैठ गए
टेबल पे उनकी नजर गई जिसमे एक फोटो फ्रेम (photo frem) रखा था
रवि उस फोटो को गौर से देखें जा रहा था साथ ही बोल रहा था
रवि– आज पहली बार मैं अपने जन्मदिन में अकेला हूं वादा किया था तुमने मुझसे मेरी हर खुशी में तुम हमेशा मेरे साथ रहोगी लेकिन तुम मुझे बीच राह मे छोर के क्यू चली गई अंजली (ANJALI)
और इतना बोलते ही रवि की आखों में आसू आग्ये
रवि कुमार पहले अकेला नही था अपने मां बाप के साथ रहता था बचपन से ही रवि पड़ने में होशियार था हर रोज स्कूल से घर बस यही उसका रूटीन था
रवि अपने घर में अपने मां बाप को इकलौता बेटा था इनके अलावा उनका कोई रिश्तेदार नही था
इसी तरह उसकी पढ़ाई चलती रही कालेज में आने के बाद रवि मुलाकात अंजली से हुई शुरुवात दोस्ती से हुई धीरे धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई पढ़ाई पूरी होती ही रवि और अंजलि के मां बाप ने मिल के दोनो का रिश्ता पक्का कर दिया
दोनो को जिंदगी खुशाल से चल रहे थी कुछ समय के बाद रवि और अंजली के मां बाप तीर्थ यात्रा का सोचा अपने साथ रवि और अंजलि को चलने के लिए मना रहे थे
लेकिन तीन रवि की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नई पोस्टिंग हुई थी जिसके चलते रवि और अंजली नही जा सके
कुछ दिन के बाद खबर आई तीर्थ यात्रा में जा रही बस का एक्सीडेंट होगया है जिसमे सभी यात्री मारे गए साथ ही दोनो के मां बाप चल बसे थे
इस खबर से काफी दुखी होगी रवि और अंजलि कुछ दिन में सभी विधि विधान करके रवि और अंजलि अपनी जिन्दगी में आगे बड़ने लगे 4 साल के बाद अंजली ने रवि को खुशखबरी दी अपने मां बनने की दोनो काफी खुश होगाए अपनी खुशी मानने के रेस्टोरेंट में जाने का तय किया खाना पीना करके रवि और अंजलि घर जा रहे थे अपनी कार से तभी किसी ट्रक से कर का एक्सीडेंट होगया जिसके चलते रवि सिर में चोट लग गईं उसी वक्त रवि बेहोश होगया लेकिन अंजली उसमे बच ना पाई किसी तरह हॉस्पिटल में लाया गया इलाज से रवि होश में आया अंजली के बारे में जान के रबी को सदमा लगा जिसके चलते डाक्टर को काफी मेहनत करनी पड़ी रवि पे तब जाके रवि में सुधार हुआ
कुछ समय में पूरी तेरह ठीक होके रवि ने अपने आप को काम में पूरे थे व्यस्त के कर लिया जिसके चलते रवि को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा का मुख्या अधिकारी बना दिया गया
बैंक में रवि के अंदर में पैसों का आवा गमन और लेन देन होता था जिसकी सारी जिमेदारी रवि की होती थी
जब रवि रवि अपने कक्ष में बैठ के अपनी बीवी की फोटो को देख रहा था तभी बैंक में काफी अफरा तफरी होने की आवाज आने लगी रवि ने जब सुना तो अपने कक्ष से भर आते ही उसने देखा बैंक में 4 नकाब पोश हथियार के साथ आग्ये है साथ ही सिक्यूरिट गॉर्ड के गोली मार कर घायल कर दिया है
1 नकाबपोश –(कैशियर को बंदूक दिखा के)तिजोरी की चाबी देदो वर्ना अंजाम बुरा होगा
रवि–(बीच में बोलते हुए)उसे कुछ मत करना मैं इस शाखा का अधिकारी हूं मुझसे बात करो
4 नकाबपोश –(घायल सिक्योरेटी गॉर्ड को गोली चला के मार के रवि से)अगर ज्यादा होशियारी दिखाई तूने तो बाकी के साथ भी यही होगा
रवि के इशारे पे कैशियर ने तिजोरी की चाबी नकाबपोश दीया जब तक नकाबपोश तिजोरी से पैसे इक्कठा कर रहे थे तभी पुलिस सायरिन की आवाज आने लगी जिसके चलते नकाबपोश को समझते देर ना लगी की पुलिस आगयी है बैंक से सही सलामत बहार निकलने के लाई चारो नकाबपोश ने मिल के रवि को बंदूक की नोक पे बैंक से बाहर आने लगे जिसके चलते पुलिस कुछ ना कर सकी पे चारो नकाबपोश रवि को उसकी कार के साथ लेके निकल गए रवि को साथ लेके ताकि रास्ते में पुलिस से आसानी से बचा जा सके
चलते चलते काफी दूर निकल आते है तभी नकाबपोशों को बीच जंगल में एक कच्चा रास्ता दिखाता है जहा कुछ दूरी पे एक घर बना था जिसे देख के पता चल रहा था जाने कितने वक्त से कोई आया न हो वह पे चारू नकाबपोशों को पुलिस से बचने के लिए ये घर सही लगता है तो रवि को लेके घर के अंदर जाते है तभी एक बूढ़ा आदमी इन चारो को दिखता है
बुढ़ा आदमी–(चारो नकाबपोशों और रवि को देख के)तुम जहा से भी आए हो चले जाओ यहां से अगर जिंदा रहना चाहते हो तो
1 नकाबपोश – बुड्ढे हमे सिर्फ एक रात के लिए रुकना है यहां पे सुबह होते ही निकल जाए हम
बूढ़ा आदमी –(हस्ते हुए) बेटा सुबह तक जिंदा रहोगे तभी तो निकल पाओगे तुम
3नकाबपोश –बहौट देर से बकवास कर रहा ही तू बुड्ढे तेरी उम्र का लिहाज कर रहे है इसीलिए बात कर रहे है तेरे से
तभी रवि बेच में बोलता है
रवि–बाबा आप इनके मू मत लगो ये आज मेरे बैंक को लूट के गार्ड को मार के मुझे बंदी बना के ले आय है यहां पे कही ये आपको ना नुकसान दे आप इनके मू मत लगो
बूढ़ा आदमी –(रवि को देख के हस्ते हुए) मेरा काम था सावधान करना बाकी तुम्हारे मर्जी इतना बोल के बूढ़ा आदमी जाने लगा
1नकाबपोश –(बूढ़े आदमी को आवाज देते हुए)ओय बुड्ढे पैसे लेते जा किराया समझ के रख ले
बूढ़ा आदमी –(हस्ते हुए)बेटा मुझे पैसे का कोई मोह नही है तुम्हारे बहाली के लाई समझा रहा था अब तुम जानो और तुम्हारा काम जाने
4 नकाबपोश – एक बात बता बुड्ढे तू हमे क्यू रोकना चाहता है घर में जाने से की है इस घर में ऐसा
बुढा आदमी– क्यू की ये घर शरापित है जो भी यहां आया वो कभी वापस नहीं निकला है इस घर से
3नकाबपोश– अगर ऐसा है तो तू कैसे निकल आया अभी
बूढ़ा आदमी – क्यू की ये मेरा घर है मेरे इलावा कोई आया तो बहार नही आता है
2 नकाबपोश –(बूढ़े आदमी पे बंदूक तानते हुए) हम अंडर जाए भी और सुबह बाहर आए भी और सुन अगर किसी को तूने बताया हमारे बारे में तो इस मैनेजर के साथ तेरा भी राम नाम सत्य केरदेग हम
बूढ़ा आदमी हस्ते हुए चला गया वहा से जबकि रवि और चारो नकाबपोश घर के अंदर चले गए
घर में घुसते ही चारो नकाबपोशों ने अपने नकाब उतार दिए और तभी रवि उन चारों को देख के हैरान होगा क्यू की वो चारो बैंक की दूसरे शाखाओं के से थे ।
ये चारो दूसरे शाखा के कर्मचारी थे जो की लीव में थे इन चारो ने बैंक में ये बोल के लीव लिया था की इनके घर में कुछ इमरजेंसी आगए है जिसके चलते इनकी लीव को मंजूरी मिल गए थी
इन चारो के नाम है
1– मोहन (पैसों का लालची साथ ही छोटे मोटे गेम खेलता है पैसे लगा के जैसे शतरंज , लूडो , साप सीडी)
2– जगराम (ये भी पैसों का लालची है साथ ही इसे शराब पीने का शौक है जिसके चलते कई लोगो का कर्ज लेके बैठा है)
3– हरीश (पैसों का लालच बैंक में लोगो को बेवकूफ बना के कम ब्याज बता के लोन करने के बाद मोटा कमीशन लेटा है और जब सामने वाला लोन चुकाने में देर होजती है तो बिना बताई उनके खिलाफ कार्यवाही करता है ताकि और ज्यादा पैसे ले सके जिसके चलते कितने लोगो को अपना घर बार बेचना पड़ा और कइयों ने आत्महत्या कर ली थी)
4– रघु (पैसों का लालची साथ में बैंक में लोन रिकवरी का काम देखता था जिसके चलते जड़ा पैसे कमाने में कई लोगो के घर बर्बाद किया है इसने इसलिए अब ये बैंक में कागजी कार्यवाही करता है)
रवि–(चारो को हैरानी से देखते हुए) तुम लोग यहां और तुम चारो लीव में थे फिर यह सब क्या है ऐसा क्यू कर रहे हो
रघु– तेरे से बदला लेने के लिए किया साथ में सोचा हम चारो भी अपना भला कर लेते है
मोहन–तूने हमारे काम को चौपट कर के रख दिया था इतनी ईमानदार बन के क्या हासिल कर लेगा तू
हरीश– तुझे जो करना था कर लिया तूने अब आज की रात जी ले तू क्यू की कल का सूरज तू देख नही पाएगा
जगराम– अरे यार तुमलोग कितना बोलते हो बेचारे को मार के किस्सा खतम करो यार इसकी लाश भी गायब करने पड़ेगी हमे ही
मोहन– अबे छोर यार क्यू ज्यादा मेहनत करनी यही गाड़ देगे लाश को इसकी जल्दी मार दो गोली इसको
रघु–बेवकूफी मत करो तुमलोग जल्दी बाजी में अभी शाम होने वाली है आधी रात होने का इंतजार करो क्यू की इस वक्त भर रोड से किसी से गोली चलने की आवाज सुन ली तो दिक्कत हो जाएगी हमे इसलिए आधी रात के बाद इसका काम तमाम करेगे तब तक के लिए इसको कमरे में बंद करदेते है।
चारो ने मिल के रवि को कमरे में बंद कर के चारो घर को देखने लगे एक कमरे में आते ही उन चारों ने तय किया की इस कमरे में एक खड्डा खोदेगे क्यू की कमरे की हालत से पता चलता है जैसे रिपेयरिंग की जा रही थी जो अधूरी रह गए हो गढ्ढा खोदने लगे चारो मिल के ताकि रवि को मार के उसकी लाश इसमें दफना दे
इस काम में इन चारो को 2 घंटे लग गए शाम से रात होगयी अब इन चारो को इंतजार था आधी रात होने का ताकि रवि को मार के दफना दे फिर आराम कर के सुबह निकल जायेंगे चारो
Normally me horror story nahi padhti fir bhi ek story ke according ek bhot aachi shuruwaat ki gyi h...🧐anjli or Ravi ki ek adhi conversation shyad thoda or Ravi ke cheater ko aacha kar paye..(jesa ki batya I know hooror story me shyad se sab na hota ho but hooror movies me kafi kuch asa hota h)...baki story khatam hone ke baat bata denge but still now ab Tak khani aachi ja Rahi h...bhot hi saandar or jaberdast update...keep it up
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
19,367
47,530
259
Main batana chahoga ke ye ek shot story hai bhot jada 2 se 3 update tk END jo jayge

ये एक छोटी सी कहानी है जो 2 से 3 अपडेट में खतम हो जाएगी।

नमस्कार दोस्तो कैसे हो आप सब उम्मीद है सब अच्छे ही होगे काफी दिन से एक कहानी के बारे में सोच रहा था खासकर जब मैने (HORROR STORY) डरावनी कहानी पड़ना सुरु की अच्छा लगा खासकर हमारी मित्र (Shetan Devi ji) शैतान देवी जी की कहानियों से मैं काफी प्रेरित हुआ और इसी वजह से मैने एक छोटी सी कहानी के बारे में सोचा है जिसे आज आपसब के सामने पेश के रहा हूं ।

वैसे इस कहानी का क्रेडिट जाता है कुछ खास लोगो को
1 – Shetan Devi ji ko jinki HORROR story read krke mai inse kafi inspire hua
2 – Group ke mast Shairy ko Raj_sharma bhai ko jinhone mujhe full support dia story likhne ka
Sath he
3– SEANIOUR Black , RAJ_K_RAVI BHAI , Itachi_Uchiha BHAI

(A MINI HORROR STORY)


मुंबई शहर कहते है इस शहर के लोगो की जिंदगी काफी तेजी से चलती है आज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मैन शाखा में चहल पहल मची हुई थी इसी शाखा के मुख्या अधिकारी रवि कुमार (RAVI KUMAR) जिसके पास एसबीआई की मुख्य शाखा की सारी जिम्मेदारी थी ।
रवि कुमार ने अपनी मेहनत, ईमानदार के दम में आज ये मुकाम हासिल किया था उन्होंने जिसके चलते देखने वाले थे कहते थे की रवि कुमार दुनिया का सुखी इंसान है ।
लेकिन लोगो को वो दिखता था जो उनके सामने है ।
असल में रवि कुमार ही जानता था वो कितना सुखी है या दुखी है ।
आज एसबीआई की मुख्य शाखा में रौनक बनी हुए थी क्योंकि आज रवि कुमार का जन्मदिन था जिसके चलते शाखा के जितने भी अधिकारी है हर कोई उनको बदाईया दे रहा था कुछ वक्त तक ये सब चलता रहा उसके बाद हर कोई अपने काम में व्यस्त होगया रवि कुमार भी इस सब से फुर्सत पा के अपने कश्क (CABIN) में जा के बैठ गए
टेबल पे उनकी नजर गई जिसमे एक फोटो फ्रेम (photo frem) रखा था
रवि उस फोटो को गौर से देखें जा रहा था साथ ही बोल रहा था
रवि– आज पहली बार मैं अपने जन्मदिन में अकेला हूं वादा किया था तुमने मुझसे मेरी हर खुशी में तुम हमेशा मेरे साथ रहोगी लेकिन तुम मुझे बीच राह मे छोर के क्यू चली गई अंजली (ANJALI)
और इतना बोलते ही रवि की आखों में आसू आग्ये
रवि कुमार पहले अकेला नही था अपने मां बाप के साथ रहता था बचपन से ही रवि पड़ने में होशियार था हर रोज स्कूल से घर बस यही उसका रूटीन था
रवि अपने घर में अपने मां बाप को इकलौता बेटा था इनके अलावा उनका कोई रिश्तेदार नही था
इसी तरह उसकी पढ़ाई चलती रही कालेज में आने के बाद रवि मुलाकात अंजली से हुई शुरुवात दोस्ती से हुई धीरे धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई पढ़ाई पूरी होती ही रवि और अंजलि के मां बाप ने मिल के दोनो का रिश्ता पक्का कर दिया
दोनो को जिंदगी खुशाल से चल रहे थी कुछ समय के बाद रवि और अंजली के मां बाप तीर्थ यात्रा का सोचा अपने साथ रवि और अंजलि को चलने के लिए मना रहे थे
लेकिन तीन रवि की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नई पोस्टिंग हुई थी जिसके चलते रवि और अंजली नही जा सके
कुछ दिन के बाद खबर आई तीर्थ यात्रा में जा रही बस का एक्सीडेंट होगया है जिसमे सभी यात्री मारे गए साथ ही दोनो के मां बाप चल बसे थे
इस खबर से काफी दुखी होगी रवि और अंजलि कुछ दिन में सभी विधि विधान करके रवि और अंजलि अपनी जिन्दगी में आगे बड़ने लगे 4 साल के बाद अंजली ने रवि को खुशखबरी दी अपने मां बनने की दोनो काफी खुश होगाए अपनी खुशी मानने के रेस्टोरेंट में जाने का तय किया खाना पीना करके रवि और अंजलि घर जा रहे थे अपनी कार से तभी किसी ट्रक से कर का एक्सीडेंट होगया जिसके चलते रवि सिर में चोट लग गईं उसी वक्त रवि बेहोश होगया लेकिन अंजली उसमे बच ना पाई किसी तरह हॉस्पिटल में लाया गया इलाज से रवि होश में आया अंजली के बारे में जान के रबी को सदमा लगा जिसके चलते डाक्टर को काफी मेहनत करनी पड़ी रवि पे तब जाके रवि में सुधार हुआ
कुछ समय में पूरी तेरह ठीक होके रवि ने अपने आप को काम में पूरे थे व्यस्त के कर लिया जिसके चलते रवि को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा का मुख्या अधिकारी बना दिया गया
बैंक में रवि के अंदर में पैसों का आवा गमन और लेन देन होता था जिसकी सारी जिमेदारी रवि की होती थी
जब रवि रवि अपने कक्ष में बैठ के अपनी बीवी की फोटो को देख रहा था तभी बैंक में काफी अफरा तफरी होने की आवाज आने लगी रवि ने जब सुना तो अपने कक्ष से भर आते ही उसने देखा बैंक में 4 नकाब पोश हथियार के साथ आग्ये है साथ ही सिक्यूरिट गॉर्ड के गोली मार कर घायल कर दिया है
1 नकाबपोश –(कैशियर को बंदूक दिखा के)तिजोरी की चाबी देदो वर्ना अंजाम बुरा होगा
रवि–(बीच में बोलते हुए)उसे कुछ मत करना मैं इस शाखा का अधिकारी हूं मुझसे बात करो
4 नकाबपोश –(घायल सिक्योरेटी गॉर्ड को गोली चला के मार के रवि से)अगर ज्यादा होशियारी दिखाई तूने तो बाकी के साथ भी यही होगा
रवि के इशारे पे कैशियर ने तिजोरी की चाबी नकाबपोश दीया जब तक नकाबपोश तिजोरी से पैसे इक्कठा कर रहे थे तभी पुलिस सायरिन की आवाज आने लगी जिसके चलते नकाबपोश को समझते देर ना लगी की पुलिस आगयी है बैंक से सही सलामत बहार निकलने के लाई चारो नकाबपोश ने मिल के रवि को बंदूक की नोक पे बैंक से बाहर आने लगे जिसके चलते पुलिस कुछ ना कर सकी पे चारो नकाबपोश रवि को उसकी कार के साथ लेके निकल गए रवि को साथ लेके ताकि रास्ते में पुलिस से आसानी से बचा जा सके
चलते चलते काफी दूर निकल आते है तभी नकाबपोशों को बीच जंगल में एक कच्चा रास्ता दिखाता है जहा कुछ दूरी पे एक घर बना था जिसे देख के पता चल रहा था जाने कितने वक्त से कोई आया न हो वह पे चारू नकाबपोशों को पुलिस से बचने के लिए ये घर सही लगता है तो रवि को लेके घर के अंदर जाते है तभी एक बूढ़ा आदमी इन चारो को दिखता है
बुढ़ा आदमी–(चारो नकाबपोशों और रवि को देख के)तुम जहा से भी आए हो चले जाओ यहां से अगर जिंदा रहना चाहते हो तो
1 नकाबपोश – बुड्ढे हमे सिर्फ एक रात के लिए रुकना है यहां पे सुबह होते ही निकल जाए हम
बूढ़ा आदमी –(हस्ते हुए) बेटा सुबह तक जिंदा रहोगे तभी तो निकल पाओगे तुम
3नकाबपोश –बहौट देर से बकवास कर रहा ही तू बुड्ढे तेरी उम्र का लिहाज कर रहे है इसीलिए बात कर रहे है तेरे से
तभी रवि बेच में बोलता है
रवि–बाबा आप इनके मू मत लगो ये आज मेरे बैंक को लूट के गार्ड को मार के मुझे बंदी बना के ले आय है यहां पे कही ये आपको ना नुकसान दे आप इनके मू मत लगो
बूढ़ा आदमी –(रवि को देख के हस्ते हुए) मेरा काम था सावधान करना बाकी तुम्हारे मर्जी इतना बोल के बूढ़ा आदमी जाने लगा
1नकाबपोश –(बूढ़े आदमी को आवाज देते हुए)ओय बुड्ढे पैसे लेते जा किराया समझ के रख ले
बूढ़ा आदमी –(हस्ते हुए)बेटा मुझे पैसे का कोई मोह नही है तुम्हारे बहाली के लाई समझा रहा था अब तुम जानो और तुम्हारा काम जाने
4 नकाबपोश – एक बात बता बुड्ढे तू हमे क्यू रोकना चाहता है घर में जाने से की है इस घर में ऐसा
बुढा आदमी– क्यू की ये घर शरापित है जो भी यहां आया वो कभी वापस नहीं निकला है इस घर से
3नकाबपोश– अगर ऐसा है तो तू कैसे निकल आया अभी
बूढ़ा आदमी – क्यू की ये मेरा घर है मेरे इलावा कोई आया तो बहार नही आता है
2 नकाबपोश –(बूढ़े आदमी पे बंदूक तानते हुए) हम अंडर जाए भी और सुबह बाहर आए भी और सुन अगर किसी को तूने बताया हमारे बारे में तो इस मैनेजर के साथ तेरा भी राम नाम सत्य केरदेग हम
बूढ़ा आदमी हस्ते हुए चला गया वहा से जबकि रवि और चारो नकाबपोश घर के अंदर चले गए
घर में घुसते ही चारो नकाबपोशों ने अपने नकाब उतार दिए और तभी रवि उन चारों को देख के हैरान होगा क्यू की वो चारो बैंक की दूसरे शाखाओं के से थे ।
ये चारो दूसरे शाखा के कर्मचारी थे जो की लीव में थे इन चारो ने बैंक में ये बोल के लीव लिया था की इनके घर में कुछ इमरजेंसी आगए है जिसके चलते इनकी लीव को मंजूरी मिल गए थी
इन चारो के नाम है
1– मोहन (पैसों का लालची साथ ही छोटे मोटे गेम खेलता है पैसे लगा के जैसे शतरंज , लूडो , साप सीडी)
2– जगराम (ये भी पैसों का लालची है साथ ही इसे शराब पीने का शौक है जिसके चलते कई लोगो का कर्ज लेके बैठा है)
3– हरीश (पैसों का लालच बैंक में लोगो को बेवकूफ बना के कम ब्याज बता के लोन करने के बाद मोटा कमीशन लेटा है और जब सामने वाला लोन चुकाने में देर होजती है तो बिना बताई उनके खिलाफ कार्यवाही करता है ताकि और ज्यादा पैसे ले सके जिसके चलते कितने लोगो को अपना घर बार बेचना पड़ा और कइयों ने आत्महत्या कर ली थी)
4– रघु (पैसों का लालची साथ में बैंक में लोन रिकवरी का काम देखता था जिसके चलते जड़ा पैसे कमाने में कई लोगो के घर बर्बाद किया है इसने इसलिए अब ये बैंक में कागजी कार्यवाही करता है)
रवि–(चारो को हैरानी से देखते हुए) तुम लोग यहां और तुम चारो लीव में थे फिर यह सब क्या है ऐसा क्यू कर रहे हो
रघु– तेरे से बदला लेने के लिए किया साथ में सोचा हम चारो भी अपना भला कर लेते है
मोहन–तूने हमारे काम को चौपट कर के रख दिया था इतनी ईमानदार बन के क्या हासिल कर लेगा तू
हरीश– तुझे जो करना था कर लिया तूने अब आज की रात जी ले तू क्यू की कल का सूरज तू देख नही पाएगा
जगराम– अरे यार तुमलोग कितना बोलते हो बेचारे को मार के किस्सा खतम करो यार इसकी लाश भी गायब करने पड़ेगी हमे ही
मोहन– अबे छोर यार क्यू ज्यादा मेहनत करनी यही गाड़ देगे लाश को इसकी जल्दी मार दो गोली इसको
रघु–बेवकूफी मत करो तुमलोग जल्दी बाजी में अभी शाम होने वाली है आधी रात होने का इंतजार करो क्यू की इस वक्त भर रोड से किसी से गोली चलने की आवाज सुन ली तो दिक्कत हो जाएगी हमे इसलिए आधी रात के बाद इसका काम तमाम करेगे तब तक के लिए इसको कमरे में बंद करदेते है।
चारो ने मिल के रवि को कमरे में बंद कर के चारो घर को देखने लगे एक कमरे में आते ही उन चारों ने तय किया की इस कमरे में एक खड्डा खोदेगे क्यू की कमरे की हालत से पता चलता है जैसे रिपेयरिंग की जा रही थी जो अधूरी रह गए हो गढ्ढा खोदने लगे चारो मिल के ताकि रवि को मार के उसकी लाश इसमें दफना दे
इस काम में इन चारो को 2 घंटे लग गए शाम से रात होगयी अब इन चारो को इंतजार था आधी रात होने का ताकि रवि को मार के दफना दे फिर आराम कर के सुबह निकल जायेंगे चारो
Bohot badhiya sunny boy👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
Suruwaat bohot achi hai is kahani ki,
Padh ke laga ki kaas update or bada hota. Interesting update tha, aage likho hum or padhenge😀
Waise mujhe lagta hai ki ravi ko marne se pehle hi ye log maare jayenge👍 jaisa ki buddhe ne bola tha ki waha kuch gadbad hai, to wo ghar bhootia hoga, awesome update 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥
धन्यवाद आपका देवी जी
Shetan Devi ji एक नजर अब देखिए
क्या अब आपको इसका अक्षर बड़े लग रहे है
Thoda or bada karo font 22 ka le lo
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
5,610
26,134
204

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
5,610
26,134
204
UPDATE 2

अब आगे

मोहन , जगराम , हरीश और रघु ने जब कमरे में गड्ढा खोद देने के बाद कमरे से बाहर आए थे की तभी घर के मुख्य द्वार पर खटखटाने कि आवाज आने लगी जिसके चलते चारो घबरा गए तभी मोहन को कुछ सूझा उसने तुरंत मुख्य द्वार खोल दिया देखा तो द्वार पे वाह बूढ़ा आदमी खड़ा था
बूढ़ा आदमी –आराम कर रहे थे क्या द्वार खोलने में इतनी देर
मोहन–(गुस्से में)एक तो तेरे लिए घर का द्वार खोला बुड्ढे उपर से मुझे ताना दे रहा है।
बूढ़ा आदमी –तुमने ही तो कहा था आज आराम कर करोगे तुम यहां पे
हरीश–तू यहां पे क्यू आया है बुड्ढे
बूढ़ा आदमी –मुझे अपने घर में आने के लिए तुमसे पोछना पड़ेगा अब
मोहन–तेरा कमरा कौन सा है
बूढ़ा आदमी –ये पूरा घर मेरा है मैं जहा चाहूं वहा सो जाता हूं
हरीश –तेरी बकवास सुनने का वक्त नहीं है हमारे पास बुड्ढे और (एक तरफ इशारा कर के) आज तू उस कमरे में सोएगा यहां हम सोएंगे
बूढ़ा आदमी – कोई बात नही ये बात मैं जानता हूं वक्त नही है तुम लोगो के पास ज्यादा (हस्ते हुए उस कमरे में चला गया जहा रवि को रखा गया था)
कमरे में आते ही बूढ़ा आदमी देखता है रवि दीवार के सहारे टेक लगाए जमीन में बैठा है जैसे कुछ सोच रहा हो
बूढ़ा आदमी –किस सोच में हो बेटा
रवि– बाबा आप कब आय
बूढ़ा आदमी –अभी आया हू कमरे में जब तुम किसी सोच में डूबे थे
रवि– परिवार को याद कर रहा था बाबा
बूढ़ा आदमी –(अपने जेब से पर्स (wallet) निकलते हुए)ये मुझे घर के बाहर गिरा हुआ मिला
रवि–(पर्स (wallet) को देख के झटके से अपनी जगह से उठके बूढ़े आदमी से पर्स छीन लिया खोल के देखने लगा)
बूढ़ा आदमी –(मुस्कुराते हुए)लगता है कोई महेंगी और कीमती चीज है इसमें जिसके लिए इतनी फुर्ती दिखाई तुमने
रवि–हा बाबा बहुत कीमती चीज है मेरी (पर्स खोल के बूढ़े आदमी को दिखाते हुए) बस यही मेरा सबकुच है बाबा
बूढ़ा आदमी –(रवि को गौर से देखते हुए) किसकी तस्वीर है ये बेटा जिसे
रवि–(पर्स को देखते हुए) ये मेरी बीवी की तस्वीर है बाबा यहीं मेरा छोटा सा परिवार है
बूढ़ा आदमी – मैं कुछ समझा नहीं बेटा आखिर तुम कहना क्या चाहते हो खुल के बताओ मुझे
उसके बाद रवि ने अपनी आपबीती बताई बूढ़े आदमी को ।
बस बाबा यही मेरा एक मात्र सहारा है जीने है इसके सिवा कुछ नही है मेरा इस दुनिया में।
बूढ़ा आदमी –(एक ताक देखता रहा रवि को)
रवि –बाबा मेरा एक काम कर दोगे आप
बूढ़ा आदमी –हा बोलो क्या कर सकता हू तुम्हारे लिए
रवि–में जनता हू बाबा कल का सूरज मैं नही देख पाऊंगा ये लोग मुझे मार के किसी गड्ढे में गाड़ देगे (अपनी जेब से मंगलसूत्र निकल के बूढ़े के दिखाते हुए) बाबा मेरे मरने के बाद इसे मुझसे अलग मत होने देना मैं इसको अपनी बीवी के लिए लाया था उसे अपने हाथो से पहनाना चाहता था जिंदा रह के मैं नही कर सका मर के जरूर करूंगा बाबा क्योंकि मैं जानता हूं मेरी अंजलि मेरे आने का इंतजार कर रही है मेरी ये इच्छा पूरी कर देना बाबा
बूढ़ा आदमी –(मुस्कुराते हुए)कई अरसे से मैने कई तरह के लोगो को देखता आ रहा हू लालच क्रूरता अहंकार से भरी पड़े लोगो को देखा मैने लेकिन आज पहली बार किसी ऐसे को देख रहा हो जो अपने प्यार के लिए मुझसे मदद मांग रहा है
रवि–बाबा आप की बात का मतलब नही समझा मैं आपने कहा कई अरसे से देख रहे हो इस बात का क्या मतों है आपका आख़िर आप इस विरान जगह में अकेले इस घर में क्यू और कैसे रहते हो
बूढ़ा आदमी– (रवि को देख के मुस्कुराते हुए)एक वक्त ये जगह वीरान नही हुआ करती थी खुशाली होती थी यहां भी पूरा परिवार होता था एकसाथ किसी भी चीज की कोई कमी नहीं होती थी यहां पे लेकिन एक इंसान की लालच ने सब कुछ तबाह कर दिया
रवि–क्या हुआ था बाबा और किस की बात कर रहे हो आप
बूढ़ा आदमी –ये मेरी आपबीती है बेटा मैं अपने परिवार का बड़ा बेटा था लालच , छल , शराब , मुजरा ,इन सब का शौक था मुझे परिवार से झूठ बोल के पैसे लेना शराब पीना अगर ना मिले तो छल करना
मेरे पिता ईमानदार कारोबारी के साथ एक अच्छे पंडित थे लोग उनको बहोत मानते थे विवाह , गृहप्रवेश , किसी प्रकार के शुभ कार्य की पूजा के लिए लोग पिता जी को बुलाते थे जिसके चलते पिताजी ने ये घर बनवाया था
एक बार की बात है मैं अपने पिता और चाचा के साथ कारोबार में हाथ बताता था तब मुझे पैसों की लालच आने लगी जिसके चलते अपने कारोबार से मिले पैसे को अपने लिए इस्तमाल करने लगा मुजरा देखने जाने लगा तब पिताजी ने लड़की देख के मेरी विवाह करा दिया ये सोच के मैं सही रास्ते में आजाउगा लेकिन मेरी हरकत में कोई फर्क नही पड़ा मेरी बीवी बहुत सीधी साधी थी मेरे परिवार का ध्यान रखती थी मैं उसकी कदर नही करता था अपनी लालच के चलते अनदेखा करता रहा जिसके चलते कराबोर खतम होने की कगार में आगया फिर एक दिन अपना कर्जा लेने के लिय लोग आने लगे पिता जी और चाचा ने कारोबार बढ़ाने के लिए लिया था कुछ वक्त के बाद पिता जी को मालूम पड़ा ये सब मेरा किया धरा है जिसके चलते घर में बहुत कोहराम हुआ चाचा लड़ने लगे पिता जी से जिस वजह से चाचा घर छोड़ के चले गए मां बरदाश ना कर पाई हार्ट अटैक से मर गई तब पिता जी का गुस्सा मुझपे टूट पड़ा गुस्से में उन्होंने दीवार से टंगी बंदूक उठा के मुझे तान दी गोली चला दी लेकिन तभी मेरी पत्नी बीच में आगयी सीने में लगने से मर गई आखरी वक्त में बस मुझे देखती रही दम तोड़ने से पहले मेरा हाथ पकड़ा हुआ था उसने तभी मेरे पिता जी ने गुस्से में भगवान की मूर्ति को देखते हुए मैने तेरी बरसो पूजा की बिना लालच के कभी तुझा कुछ नही मागा है मैने लेकिन आज मांगता हू मै तुझसे (मेरी तरफ देख के) अब से ये घर यहां रखी दौलत ओर तुझे श्राप है मेरा तू हमेशा इस घर में अकेला रहेगा जो भी इस घर में आएगा वो कभी वापस नही जा पाएगा यही इस घर में दफन होके रह जायगा
बूढ़ा आदमी –इस दिन के बाद से मैं अकेला रह गया हू इस घर में जो भी था आया वो वापस कभी नही निकला था से रोकने की कोशिश की कोई ना माना मैने भागने की कोशिश की यहां से लेकिन अपने घर के बाहर चारो तरफ फैली जमीन के आगे ना जा सका जी रहा हू अकेला तब से मैं
रवि –बाबा फिर आप किस तरह से जिंदा हो जब आप इस घर से भर निकल नही सकते हो खाना पीना कैसे करते होगे आप
बूढ़ा आदमी –मेरे पिता सिद्ध पुरुष थे उनका दिया श्राप विफल नही हो सकता है इस कारण मैं आज तक जिंदा हू तुम्हे शायद पता भी नही होगा बेटा इस बात को आज 140 साल हो चुके है और(तभी बाहर से चिल्लाने की आवाज आई)
रवि–ये कोन चिल्ला रहा है बाबा
बूढ़ा आदमी –(मुस्कुराते हुए) खेल सुरु हो चुका है बेटा मौत का

बूढ़े आदमी को कमरे में जाने के बाद इधर ये चारो आपस में बाते करते है
हरीश–रवि को मरने के बाद इस बुड्ढे को भी मार देते है अगर ये जिंदा रहा हमारे लिए खतरा बना रहेगा
जगराम–सही बोल रहा है तू अगर बाहर ये बात निकल गई हमारे लिए मुसीबत बन जाएंगी
मोहन–ठीक है इन दोनो को मार के इसी गड्ढे में गाड़ देगे हम
रघु–जब यही करना है तो जल्दी किस बात की थोडा आराम कर लेते है यार गड्ढे खोदने से बहुत थक गया हो यार मैं जा रहा हू दूसरे कमरे में आराम करने
चारो निकल जाते है कमरे दूसरे कमरे की ओर मोहन और हरीश एक कमरे में चले जाते है और जगराम और रघु अलग कमरे में चले जाते है
मोहन–(कमरे का दरवाजा बंद करके) जैसा सोचा था वैसा हो रहा है
हरीश–हा बस उन दोनो को मरने के बाद इन दोनो को भी मर देगे उसके बाद सारा पैसा हम दोनो आपस में बात लेगे
मोहन–सही कह रहे हो वैसे भी मुझे जगराम और रघु पे भरोसा नही किया जा सकते है
हरीश– रघुराम नशे का आदि है कही नशे में किसी को बक दिया हम दिक्कत में आजायगे और रघु ठहरा डरपोक उसका भी भरोसा नही है मुझे भी
मोहन–आराम करके चारों को एक साथ मार के गाड़ देगे गड्ढे में
हरीश–(हस्ते हुए) इसीलिए तो गड्ढा को गहरा खोदा हमने
दोनो साथ में हसने लगते है
रघु कमरे में आते ही बेड में लेट जाता है कुछ मिनट में नीद आजाती है उसे यह जगराम के साथ होता है।
थोड़ी देर में तीन लोगो के हसने और बाते करने की आवाज आने लगती है जिसे सुन के जगराम की नीद खुल जाती है वो देखता है की मोहन , हरीश और रघु तीनो कमरे में बैठ के शराब की बॉटल खोल रहे है साथ में खाने का सामान (चखना)रखा है
जगराम–(नीद से जागते ही)अबे तुम तीनो ने पहले से इंतजाम कर के रखा है इसका
हरीश–(हस्ते हुए) जब इतनी मेहनत की है हमलोग ने इसीलिए इसका इंतजाम कर लिया हमने थोड़ी थकान दूर करने के लिए तू भी आजा दूर करले थकान को अपनी
जगराम खुश होके तीनों के साथ बैठ जाता है
जबकि इस्तरफ रघु कमरे में सो रहा था तभी उसे मोहन जागता है
मोहन–(रघु को जगाते हुए) रघु उठ जा जल्दी से
रघु–(नीद से जागते हुए)क्या बात है अभी तो सोया था यार
मोहन–सोना तो जिंदगी भर है लेकिन अभी जाग जा जरूरी काम है तेरे से मुझे
रघु–क्या बात है और कोन सा काम है तुझे
मोहन–मुझे पता चला है इस घर में भी बहुत सारा मल है
दूसरे कमरे में
रघु –(हिरानी से) क्या तुम सच बोल रहे हो
मोहन–हा इसीलिए तुझे जगाने आया हू मुझे सिर्फ तुझपे भरोसा है उन दोनो पे नही मतलब के लिए वो किसी को भी धोखा दे सकते है समझा
रघु– तो सच बोल रहा है मुझे भी उन दोनो पे भरोसा नहीं है
मोहन–अब वक्त ना बर्बाद करो चलो बहुत कम है हम अभी तलाशी लेनी है कमरे की
रघु –ठीक है चलो
दोनो कमरे के बाहर आते है तभी
मोहन–तुम उस कमरे में जाके तलाशी लो मैं इस कमरे में जाता हू मॉल मिल जाय तू मुझे बुला लेना (कमरे की तरफ इशारा करके) यहां से
रघु और मोहन दोनो अलग कमरे में चले जाते है
इस तरफ जगराम के कमरे में
चारो एक साथ मिल के शराब चखने का मजा ले रहे थे तभी कमरे में कोई आता है
जगराम–(कमरे में आने वाले को देखते हुए)तू कमरे से बाहर कैसे आगया
रवि–मरने से पहले सोचा थोड़ा मजा मैं भी लेलू तुमलोगो के साथ
हरीश–आजा तू भी पी ले हमारे साथ आज आखरी बार वैसे भी (जगराम को देखते हुए) कल का सूरज किसी के नसीब में नही आने वाला है (हसने लगता है)
जगराम–(चौकते हुए)ये क्या बोल रहे हो तुम
हरीश–(हस्ते हुए)मेरा मतलब रवि से है यार तू क्या समझा
जगराम–नही कुछ भी नहीं
शराब का नशा चढ़ने लगा जगराम को तब रवि बोला
रवि–कैसा लग रही है शराब तुम्हे
जगराम–कैसे लगने चाहिए जैसे होती है वैसे ही है बस आज नशा ज्यादा लग रहा है
मोहन–तू क्या करने वाला है इन पैसों का
जगराम– अपने घर में हर तरह की शराब रखूंगा महंगी से महंगी रोज स्वाद लोग अलग तरह को शराब का
रघु–(हस्ते हुए) और तेरे कर्जे का की होगा चुकाएगा नही क्या
जगराम– उसकी किसको परवाह है यार जब चाहो तब कर्जे को निपटा सकता हू बस लोन के लिए कोई ना कोई मुर्गा मिल जाएगा कमीशन के नाम पे निपटा दुगा नही तो किसी करोड़ पति के खाते से पार कर लूगा मैं
हरीश– पहले से ही सब कुछ सोच रखा है तुमने
जगराम–सब तेरी संगत का असर है तेरे से सीखा है मैने सारे पैंतरे
मोहन–(हस्ते हुए) अच्छी बात है शराब का ग्लास भरते हुए इसी बात पे ये आखरी जाम पिलो तुम
जगराम–आखरी क्यू यार अभी तो आधी बोतल बाकी है
रवि–हर चीज का एक वक्त होता है जैसे तेरी जाम का आखरी वक्त है
जगराम–क्या
हरीश– ध्यान मत दे तू शराब पी जा बस
जगराम शराब पीने के बाद चारो के देखता है जो है रहे होते है जगराम को देख के तनी जगराम को कुछ अजीब सा महसूस होने लगता है जैसे गले में कुछ चुभ रहा हो उसे जलन होने लगती है गले में तभी
जगराम–मुझे जलन हो रही है गले में बहोत (खासने लगता है तभी मू से खून निकल आता है) अस्पताल ले चलो मुझे (बोल के चारो को देखने लगता है हैरान हो जाता है क्यू की चारो उसे देख के हस रहे थे)
मोहन– (जगराम को पैसे देते हुए) ये लो जाके इलाज करवाले अस्पताल में अपना (हसने लगा)
जगराम बाहर जाने की कोशिश करने लगा लेकिन जा नही पाया पीछे मुड़ के दिखा वहा कोई नही था जैसे आगे सिर घुमाया जगराम ने सामने उसे रघु दिखा
रघु–(हस्ते हुए)अंदर आने का रास्ता है यहां पे लेकिन जाने का कोई रास्ता नही है (जाते हुए)
जगराम– ऐसा क्यू कर रहे हो तुम लोग मैं तुमलोगो का दोस्त हू
चारो एक साथ – लेकिन हम तेरे दोस्त नही है (और तभी उन चारों का रूप बदल गया चेहरे पे खून दिखने लगा एक डरावनी हसी हसने लगे चारो जिसे देख जगराम की आखें फेल गई एक शब्द नही निकल पा रहे थे धीरे धीरे डर से पीछे होने लगा लेकिन ज्यादा पीछे ना होसका पीछे दीवार पे टेक लगा के देख रहा था चारो एक साथ चल के जगराम के पास आने लगे जिसे देख जगराम का शरीर काप ने लगा जैसे ही वो चारो जगराम तक आय वैसे ही डर से जगराम के शरीर ने साथ छोड़ दिया और तभी वो चारो गायब हो गए साथ ही जगराम का शरीर भी गायब होगया)
 
Last edited:

Shetan

Well-Known Member
14,264
37,839
259
UPDATE 2

अब आगे

मोहन , जगराम , हरीश और रघु ने जब कमरे में गड्ढा खोद देने के बाद कमरे से बाहर आए थे की तभी घर के मुख्य द्वार पर खटखटाने कि आवाज आने लगी जिसके चलते चारो घबरा गए तभी मोहन को कुछ सूझा उसने तुरंत मुख्य द्वार खोल दिया देखा तो द्वार पे वाह बूढ़ा आदमी खड़ा था
बूढ़ा आदमी –आराम कर रहे थे क्या द्वार खोलने में इतनी देर
मोहन–(गुस्से में)एक तो तेरे लिए घर का द्वार खोला बुड्ढे उपर से मुझे ताना दे रहा है।
बूढ़ा आदमी –तुमने ही तो कहा था आज आराम कर करोगे तुम यहां पे
हरीश–तू यहां पे क्यू आया है बुड्ढे
बूढ़ा आदमी –मुझे अपने घर में आने के लिए तुमसे पोछना पड़ेगा अब
मोहन–तेरा कमरा कौन सा है
बूढ़ा आदमी –ये पूरा घर मेरा है मैं जहा चाहूं वहा सो जाता हूं
हरीश –तेरी बकवास सुनने का वक्त नहीं है हमारे पास बुड्ढे और (एक तरफ इशारा कर के) आज तू उस कमरे में सोएगा यहां हम सोएंगे
बूढ़ा आदमी – कोई बात नही ये बात मैं जानता हूं वक्त नही है तुम लोगो के पास ज्यादा (हस्ते हुए उस कमरे में चला गया जहा रवि को रखा गया था)
कमरे में आते ही बूढ़ा आदमी देखता है रवि दीवार के सहारे टेक लगाए जमीन में बैठा है जैसे कुछ सोच रहा हो
बूढ़ा आदमी –किस सोच में हो बेटा
रवि– बाबा आप कब आय
बूढ़ा आदमी –अभी आया हू कमरे में जब तुम किसी सोच में डूबे थे
रवि– परिवार को याद कर रहा था बाबा
बूढ़ा आदमी –(अपने जेब से पर्स (wallet) निकलते हुए)ये मुझे घर के बाहर गिरा हुआ मिला
रवि–(पर्स (wallet) को देख के झटके से अपनी जगह से उठके बूढ़े आदमी से पर्स छीन लिया खोल के देखने लगा)
बूढ़ा आदमी –(मुस्कुराते हुए)लगता है कोई महेंगी और कीमती चीज है इसमें जिसके लिए इतनी फुर्ती दिखाई तुमने
रवि–हा बाबा बहुत कीमती चीज है मेरी (पर्स खोल के बूढ़े आदमी को दिखाते हुए) बस यही मेरा सबकुच है बाबा
बूढ़ा आदमी –(रवि को गौर से देखते हुए) किसकी तस्वीर है ये बेटा जिसे
रवि–(पर्स को देखते हुए) ये मेरी बीवी की तस्वीर है बाबा यहीं मेरा छोटा सा परिवार है
बूढ़ा आदमी – मैं कुछ समझा नहीं बेटा आखिर तुम कहना क्या चाहते हो खुल के बताओ मुझे
उसके बाद रवि ने अपनी आपबीती बताई बूढ़े आदमी को ।
बस बाबा यही मेरा एक मात्र सहारा है जीने है इसके सिवा कुछ नही है मेरा इस दुनिया में।
बूढ़ा आदमी –(एक ताक देखता रहा रवि को)
रवि –बाबा मेरा एक काम कर दोगे आप
बूढ़ा आदमी –हा बोलो क्या कर सकता हू तुम्हारे लिए
रवि–में जनता हू बाबा कल का सूरज मैं नही देख पाऊंगा ये लोग मुझे मार के किसी गड्ढे में गाड़ देगे (अपनी जेब से मंगलसूत्र निकल के बूढ़े के दिखाते हुए) बाबा मेरे मरने के बाद इसे मुझसे अलग मत होने देना मैं इसको अपनी बीवी के लिए लाया था उसे अपने हाथो से पहनाना चाहता था जिंदा रह के मैं नही कर सका मर के जरूर करूंगा बाबा क्योंकि मैं जानता हूं मेरी अंजलि मेरे आने का इंतजार कर रही है मेरी ये इच्छा पूरी कर देना बाबा
बूढ़ा आदमी –(मुस्कुराते हुए)कई अरसे से मैने कई तरह के लोगो को देखता आ रहा हू लालच क्रूरता अहंकार से भरी पड़े लोगो को देखा मैने लेकिन आज पहली बार किसी ऐसे को देख रहा हो जो अपने प्यार के लिए मुझसे मदद मांग रहा है
रवि–बाबा आप की बात का मतलब नही समझा मैं आपने कहा कई अरसे से देख रहे हो इस बात का क्या मतों है आपका आख़िर आप इस विरान जगह में अकेले इस घर में क्यू और कैसे रहते हो
बूढ़ा आदमी– (रवि को देख के मुस्कुराते हुए)एक वक्त ये जगह वीरान नही हुआ करती थी खुशाली होती थी यहां भी पूरा परिवार होता था एकसाथ किसी भी चीज की कोई कमी नहीं होती थी यहां पे लेकिन एक इंसान की लालच ने सब कुछ तबाह कर दिया
रवि–क्या हुआ था बाबा और किस की बात कर रहे हो आप
बूढ़ा आदमी –ये मेरी आपबीती है बेटा मैं अपने परिवार का बड़ा बेटा था लालच , छल , शराब , मुजरा ,इन सब का शौक था मुझे परिवार से झूठ बोल के पैसे लेना शराब पीना अगर ना मिले तो छल करना
मेरे पिता ईमानदार कारोबारी के साथ एक अच्छे पंडित थे लोग उनको बहोत मानते थे विवाह , गृहप्रवेश , किसी प्रकार के शुभ कार्य की पूजा के लिए लोग पिता जी को बुलाते थे जिसके चलते पिताजी ने ये घर बनवाया था
एक बार की बात है मैं अपने पिता और चाचा के साथ कारोबार में हाथ बताता था तब मुझे पैसों की लालच आने लगी जिसके चलते अपने कारोबार से मिले पैसे को अपने लिए इस्तमाल करने लगा मुजरा देखने जाने लगा तब पिताजी ने लड़की देख के मेरी विवाह करा दिया ये सोच के मैं सही रास्ते में आजाउगा लेकिन मेरी हरकत में कोई फर्क नही पड़ा मेरी बीवी बहुत सीधी साधी थी मेरे परिवार का ध्यान रखती थी मैं उसकी कदर नही करता था अपनी लालच के चलते अनदेखा करता रहा जिसके चलते कराबोर खतम होने की कगार में आगया फिर एक दिन अपना कर्जा लेने के लिय लोग आने लगे पिता जी और चाचा ने कारोबार बढ़ाने के लिए लिया था कुछ वक्त के बाद पिता जी को मालूम पड़ा ये सब मेरा किया धरा है जिसके चलते घर में बहुत कोहराम हुआ चाचा लड़ने लगे पिता जी से जिस वजह से चाचा घर छोड़ के चले गए मां बरदाश ना कर पाई हार्ट अटैक से मर गई तब पिता जी का गुस्सा मुझपे टूट पड़ा गुस्से में उन्होंने दीवार से टंगी बंदूक उठा के मुझे तान दी गोली चला दी लेकिन तभी मेरी पत्नी बीच में आगयी सीने में लगने से मर गई आखरी वक्त में बस मुझे देखती रही दम तोड़ने से पहले मेरा हाथ पकड़ा हुआ था उसने तभी मेरे पिता जी ने गुस्से में भगवान की मूर्ति को देखते हुए मैने तेरी बरसो पूजा की बिना लालच के कभी तुझा कुछ नही मागा है मैने लेकिन आज मांगता हू मै तुझसे (मेरी तरफ देख के) अब से ये घर यहां रखी दौलत ओर तुझे श्राप है मेरा तू हमेशा इस घर में अकेला रहेगा जो भी इस घर में आएगा वो कभी वापस नही जा पाएगा यही इस घर में दफन होके रह जायगा
बूढ़ा आदमी –इस दिन के बाद से मैं अकेला रह गया हू इस घर में जो भी था आया वो वापस कभी नही निकला था से रोकने की कोशिश की कोई ना माना मैने भागने की कोशिश की यहां से लेकिन अपने घर के बाहर चारो तरफ फैली जमीन के आगे ना जा सका जी रहा हू अकेला तब से मैं
रवि –बाबा फिर आप किस तरह से जिंदा हो जब आप इस घर से भर निकल नही सकते हो खाना पीना कैसे करते होगे आप
बूढ़ा आदमी –मेरे पिता सिद्ध पुरुष थे उनका दिया श्राप विफल नही हो सकता है इस कारण मैं आज तक जिंदा हू तुम्हे शायद पता भी नही होगा बेटा इस बात को आज 140 साल हो चुके है और(तभी बाहर से चिल्लाने की आवाज आई)
रवि–ये कोन चिल्ला रहा है बाबा
बूढ़ा आदमी –(मुस्कुराते हुए) खेल सुरु हो चुका है बेटा मौत का

बूढ़े आदमी को कमरे में जाने के बाद इधर ये चारो आपस में बाते करते है
हरीश–रवि को मरने के बाद इस बुड्ढे को भी मार देते है अगर ये जिंदा रहा हमारे लिए खतरा बना रहेगा
जगराम–सही बोल रहा है तू अगर बाहर ये बात निकल गई हमारे लिए मुसीबत बन जाएंगी
मोहन–ठीक है इन दोनो को मार के इसी गड्ढे में गाड़ देगे हम
रघु–जब यही करना है तो जल्दी किस बात की थोडा आराम कर लेते है यार गड्ढे खोदने से बहुत थक गया हो यार मैं जा रहा हू दूसरे कमरे में आराम करने
चारो निकल जाते है कमरे दूसरे कमरे की ओर मोहन और हरीश एक कमरे में चले जाते है और जगराम और रघु अलग कमरे में चले जाते है
मोहन–(कमरे का दरवाजा बंद करके) जैसा सोचा था वैसा हो रहा है
हरीश–हा बस उन दोनो को मरने के बाद इन दोनो को भी मर देगे उसके बाद सारा पैसा हम दोनो आपस में बात लेगे
मोहन–सही कह रहे हो वैसे भी मुझे जगराम और रघु पे भरोसा नही किया जा सकते है
हरीश– रघुराम नशे का आदि है कही नशे में किसी को बक दिया हम दिक्कत में आजायगे और रघु ठहरा डरपोक उसका भी भरोसा नही है मुझे भी
मोहन–आराम करके चारों को एक साथ मार के गाड़ देगे गड्ढे में
हरीश–(हस्ते हुए) इसीलिए तो गड्ढा को गहरा खोदा हमने
दोनो साथ में हसने लगते है
रघु कमरे में आते ही बेड में लेट जाता है कुछ मिनट में नीद आजाती है उसे यह जगराम के साथ होता है।
थोड़ी देर में तीन लोगो के हसने और बाते करने की आवाज आने लगती है जिसे सुन के जगराम की नीद खुल जाती है वो देखता है की मोहन , हरीश और रघु तीनो कमरे में बैठ के शराब की बॉटल खोल रहे है साथ में खाने का सामान (चखना)रखा है
जगराम–(नीद से जागते ही)अबे तुम तीनो ने पहले से इंतजाम कर के रखा है इसका
हरीश–(हस्ते हुए) जब इतनी मेहनत की है हमलोग ने इसीलिए इसका इंतजाम कर लिया हमने थोड़ी थकान दूर करने के लिए तू भी आजा दूर करले थकान को अपनी
जगराम खुश होके तीनों के साथ बैठ जाता है
जबकि इस्तरफ रघु कमरे में सो रहा था तभी उसे मोहन जागता है
मोहन–(रघु को जगाते हुए) रघु उठ जा जल्दी से
रघु–(नीद से जागते हुए)क्या बात है अभी तो सोया था यार
मोहन–सोना तो जिंदगी भर है लेकिन अभी जाग जा जरूरी काम है तेरे से मुझे
रघु–क्या बात है और कोन सा काम है तुझे
मोहन–मुझे पता चला है इस घर में भी बहुत सारा मल है
दूसरे कमरे में
रघु –(हिरानी से) क्या तुम सच बोल रहे हो
मोहन–हा इसीलिए तुझे जगाने आया हू मुझे सिर्फ तुझपे भरोसा है उन दोनो पे नही मतलब के लिए वो किसी को भी धोखा दे सकते है समझा
रघु– तो सच बोल रहा है मुझे भी उन दोनो पे भरोसा नहीं है
मोहन–अब वक्त ना बर्बाद करो चलो बहुत कम है हम अभी तलाशी लेनी है कमरे की
रघु –ठीक है चलो
दोनो कमरे के बाहर आते है तभी
मोहन–तुम उस कमरे में जाके तलाशी लो मैं इस कमरे में जाता हू मॉल मिल जाय तू मुझे बुला लेना (कमरे की तरफ इशारा करके) यहां से
रघु और मोहन दोनो अलग कमरे में चले जाते है
इस तरफ जगराम के कमरे में
चारो एक साथ मिल के शराब चखने का मजा ले रहे थे तभी कमरे में कोई आता है
जगराम–(कमरे में आने वाले को देखते हुए)तू कमरे से बाहर कैसे आगया
रवि–मरने से पहले सोचा थोड़ा मजा मैं भी लेलू तुमलोगो के साथ
हरीश–आजा तू भी पी ले हमारे साथ आज आखरी बार वैसे भी (जगराम को देखते हुए) कल का सूरज किसी के नसीब में नही आने वाला है (हसने लगता है)
जगराम–(चौकते हुए)ये क्या बोल रहे हो तुम
हरीश–(हस्ते हुए)मेरा मतलब रवि से है यार तू क्या समझा
जगराम–नही कुछ भी नहीं
शराब का नशा चढ़ने लगा जगराम को तब रवि बोला
रवि–कैसा लग रही है शराब तुम्हे
जगराम–कैसे लगने चाहिए जैसे होती है वैसे ही है बस आज नशा ज्यादा लग रहा है
मोहन–तू क्या करने वाला है इन पैसों का
जगराम– अपने घर में हर तरह की शराब रखूंगा महंगी से महंगी रोज स्वाद लोग अलग तरह को शराब का
रघु–(हस्ते हुए) और तेरे कर्जे का की होगा चुकाएगा नही क्या
जगराम– उसकी किसको परवाह है यार जब चाहो तब कर्जे को निपटा सकता हू बस लोन के लिए कोई ना कोई मुर्गा मिल जाएगा कमीशन के नाम पे निपटा दुगा नही तो किसी करोड़ पति के खाते से पार कर लूगा मैं
हरीश– पहले से ही सब कुछ सोच रखा है तुमने
जगराम–सब तेरी संगत का असर है तेरे से सीखा है मैने सारे पैंतरे
मोहन–(हस्ते हुए) अच्छी बात है शराब का ग्लास भरते हुए इसी बात पे ये आखरी जाम पिलो तुम
जगराम–आखरी क्यू यार अभी तो आधी बोतल बाकी है
रवि–हर चीज का एक वक्त होता है जैसे तेरी जाम का आखरी वक्त है
जगराम–क्या
हरीश– ध्यान मत दे तू शराब पी जा बस
जगराम शराब पीने के बाद चारो के देखता है जो है रहे होते है जगराम को देख के तनी जगराम को कुछ अजीब सा महसूस होने लगता है जैसे गले में कुछ चुभ रहा हो उसे जलन होने लगती है गले में तभी
जगराम–मुझे जलन हो रही है गले में बहोत (खासने लगता है तभी मू से खून निकल आता है) अस्पताल ले चलो मुझे (बोल के चारो को देखने लगता है हैरान हो जाता है क्यू की चारो उसे देख के हस रहे थे)
मोहन– (जगराम को पैसे देते हुए) ये लो जाके इलाज करवाले अस्पताल में अपना (हसने लगा)
जगराम बाहर जाने की कोशिश करने लगा लेकिन जा नही पाया पीछे मुड़ के दिखा वहा कोई नही था जैसे आगे सिर घुमाया जगराम ने सामने उसे रघु दिखा
रघु–(हस्ते हुए)अंदर आने का रास्ता है यहां पे लेकिन जाने का कोई रास्ता नही है (जाते हुए)
जगराम– ऐसा क्यू कर रहे हो तुम लोग मैं तुमलोगो का दोस्त हू
चारो एक साथ – लेकिन हम तेरे दोस्त नही है (और तभी उन चारों का रूप बदल गया चेहरे पे खून दिखने लगा एक डरावनी हसी हसने लगे चारो जिसे देख जगराम की आखें फेल गई एक शब्द नही निकल पा रहे थे धीरे धीरे डर से पीछे होने लगा लेकिन ज्यादा पीछे ना होसका पीछे दीवार पे टेक लगा के देख रहा था चारो एक साथ चल के जगराम के पास आने लगे जिसे देख जगराम का शरीर काप ने लगा जैसे ही वो चारो जगराम तक आय वैसे ही डर से जगराम के शरीर ने साथ छोड़ दिया और तभी वो चारो गायब हो गए साथ ही जगराम का शरीर भी गायब होगया)
Amezig... Muje pata nahi aapko ye consept kese mila. But ye amezing he. Ek dusre ke lie charo khatra bhi ban gae. Charo ek dusre ki hatya kar ke mal lapetna chahte hai. Dhire dhire ek ek ki bari bhi aa rahi hai. Story puri tarah se samaz aa gai. But me last updated tak jaungi.

Paheli bar ek sexual incast story lovers ko non sexual topic par kam karte dekha. Amezing likha hai. Aap alag soch sakte ho. Sirf horror ya kuchh magical hi nahi. Aap sayad crime bhi likh sakte ho. Aage bhi aap sayad kuchh naya karoge ummid hai. Ye vala update dhansu hai. Reply kam mile views ka mile to tension mat lena. Non sexual padhne vale kam hote hai.

True readers hote Hain. Meri story par hi dekh lo. Comments bhar bhar ke hai. Lekin news bahut kam hai. Aap bhi apni soch ko dayre me mat rakhna. Kuchh naya karne ki kosis karte rahena. Maza aaya is bar to. Best of luck
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
5,610
26,134
204
Amezig... Muje pata nahi aapko ye consept kese mila. But ye amezing he. Ek dusre ke lie charo khatra bhi ban gae. Charo ek dusre ki hatya kar ke mal lapetna chahte hai. Dhire dhire ek ek ki bari bhi aa rahi hai. Story puri tarah se samaz aa gai. But me last updated tak jaungi.

Paheli bar ek sexual incast story lovers ko non sexual topic par kam karte dekha. Amezing likha hai. Aap alag soch sakte ho. Sirf horror ya kuchh magical hi nahi. Aap sayad crime bhi likh sakte ho. Aage bhi aap sayad kuchh naya karoge ummid hai. Ye vala update dhansu hai. Reply kam mile views ka mile to tension mat lena. Non sexual padhne vale kam hote hai.
True readers hote Hain. Meri story par hi dekh lo. Comments bhar bhar ke hai. Lekin news bahut kam hai. Aap bhi apni soch ko dayre me mat rakhna. Kuchh naya karne ki kosis karte rahena. Maza aaya is bar to. Best of luck
Very right Shetan Devi ji
Mai likes , comments , viewers in sb ke ke lye nhi kr rha ho
Mai pehle se janta ho is bat ko ki is trh ki story me bhot he km log intrest lete hai
Or
Jaise maine story ki starting me kha tha mai isko aapki HORROR STORY SE INSPIRED hoke likh rha ho baki rahe concept ki bat story ke END hone ke bad btaoga aapko iska secret aapko
IN SB KE LYE
THANKU SOO MUCH Shetan DEVI JI
 

Shetan

Well-Known Member
14,264
37,839
259
Very right Shetan Devi ji
Mai likes , comments , viewers in sb ke ke lye nhi kr rha ho
Mai pehle se janta ho is bat ko ki is trh ki story me bhot he km log intrest lete hai
Or
Jaise maine story ki starting me kha tha mai isko aapki HORROR STORY SE INSPIRED hoke likh rha ho baki rahe concept ki bat story ke END hone ke bad btaoga aapko iska secret aapko
IN SB KE LYE
THANKU SOO MUCH Shetan DEVI JI
Muje tumhari us incast story ke teen update padhkar hi samaz aa gaya tha. Tum me bahot kuchh he. Par tray nahi kiya. Sayad kisi ne push bhi nahi kiya. Kyo ki yaha sab sex padhne ke lie hi aate hai. Par kisi ke khayal sochne ki xamta adbhut hai. Ye use khud bhi bad me pata chalta hai. Aap amezing ho. Aur kuchh naya jabardast karoge. Sex likhna bhi bura nahi he.

Log story me sex dhudhte hai. Par sex me kahani dhudhne vale bhi hai. Kabhi aap ki running story complete ho jae to fir is topic par bat karenge. Thankyou yaar.
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
5,610
26,134
204
Muje tumhari us incast story ke teen update padhkar hi samaz aa gaya tha. Tum me bahot kuchh he. Par tray nahi kiya. Sayad kisi ne push bhi nahi kiya. Kyo ki yaha sab sex padhne ke lie hi aate hai. Par kisi ke khayal sochne ki xamta adbhut hai. Ye use khud bhi bad me pata chalta hai. Aap amezing ho. Aur kuchh naya jabardast karoge. Sex likhna bhi bura nahi he.

Log story me sex dhudhte hai. Par sex me kahani dhudhne vale bhi hai. Kabhi aap ki running story complete ho jae to fir is topic par bat karenge. Thankyou yaar.
Ha bilkul
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
5,610
26,134
204
Muje tumhari us incast story ke teen update padhkar hi samaz aa gaya tha. Tum me bahot kuchh he. Par tray nahi kiya. Sayad kisi ne push bhi nahi kiya. Kyo ki yaha sab sex padhne ke lie hi aate hai. Par kisi ke khayal sochne ki xamta adbhut hai. Ye use khud bhi bad me pata chalta hai. Aap amezing ho. Aur kuchh naya jabardast karoge. Sex likhna bhi bura nahi he.

Log story me sex dhudhte hai. Par sex me kahani dhudhne vale bhi hai. Kabhi aap ki running story complete ho jae to fir is topic par bat karenge. Thankyou yaar.
Actually bat ye hai ki mujhe PUSH kia gya Q ki use waqt meri mulaqat hue Raj_sharma bhai se or Itachi_Uchiha bhai se inhone mera hauslaa badaya or bat agar PUSH ki kre to Raj_sharma bhai ne kia tbi to mai aage le jaa saka story ko 😀😀
.
Islye mai ye story start krne se pehle btaya tha is story ka credit bs aap logo ko jata hai
 
Top