Riky007
उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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ऐसा होता है कि कभी कभी कहीं से मन उचाट सा हो जाता है, इसीलिए कुछ लोग को/से ब्रेक लेना अच्छा होता है।
मैं भी २ ३ कहानियां बड़े चाव से पढ़ रहा था, पर एकदम से मन ही नही किया कि आगे पढूं, पर किसी न किसी दिन पढूंगा जरूर।
हां आपकी इस लिस्ट में नही है, इसीलिए चिंता मत करिएगा।