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“क्या ??, अभी तक, मै तुझको पहले भी बता चूका हु आदिल, रोज-रोज का ये नाटक नहीं चलेगा”
“क्या करू यार, तुझको तो मेरी बॉस के बारे में पता ही है, सब को छोड़ कर वो सिर्फ मेरे ही पीछे लगी रहती है”
“में ये सब नहीं जानता हु, हर रोज तुम लेट हो जाते हो और रोज खाना मझको ही बनाना पड़ता है”
“मेरे भाई आज बना ले यार, कल से पुरे वीक तक सारा काम में कर लूँगा बस आज का खाना बना ले”
“नहीं-नहीं, मुझसे रोज-रोज का ये नाटक नहीं संभला जाता, तू आ और खाना बना”
“अरे भाई, समझा कर ना, अभी मेरी वो खडूस बॉस केबिन में आती ही होगी, और मुझे ये प्रोजेक्ट आज सबमिट करना ही होगा, मेरा प्रमोशन का सवाल है भाई”
“आज लास्ट है बता रहा हु में, रोज-रोज तंग आ गया हु में”
में कुछ बोलू उससे पहले ही अभय फ़ोन डिसकनेक्ट कर देता है,
ये अभय था,
मेरा बचपन का दोस्त,
हम साथ में बड़े हुए,
साथ में पढ़े-लिखे,
और साथ में ही जॉब के लिए 3 साल पहले शहर आये,
उसको यहाँ एक जिम में ट्रेनर की जॉब मिल गयी,
और मुझे एक IT कंपनी में,
उसे शुरू से ही जिम और बॉडी-बिल्डिंग का शोक था और मुझे अपनी लाइफ को सेटल करने में,
आज फिर से में लेट हो गया था, जिस वजह से अभय गुस्सा भी था, उसका गुस्सा होना जायज भी था, इस मंथ में ये सातवी या आठवी बार था की उसको अकेले काम करना पड़ रहा था
लेकिन इस लेट का कारण था या यु कहो की कारण थी मेरी बॉस स्वाति,
उसने इस महीने में मुझे कुछ ज्यादा ही परेशां कर दिया था, बार-बार मुझे ही प्रोजेक्ट फाइनल करने को बोल देती थी, ना तो वो समय से घर जाती थी और ना ही मुझे जाने देती थी,
आज फिर से 11:45 हो चुके थे ऑफिस का टाइम 8 बजे तक का ही था और सब लोग जा चुके थे बस बचे थे में और वो खडूस, बार-बार मुझे प्रमोशन का झांसा देकर रोक लेती थी, बॉस है तो मना भी नहीं कर सकता हु, सो उसके लिए मुझे किसी कुत्ते की तरह काम करना पड़ता है,
अभी अभय के फ़ोन रखे 10 मिनट ही हुए थे की वो मेरी केबिन में आ धमकी
“पूरा हो गया आदिल” एकदम रूखे स्वर में
“हा बॉस, बस फाइनल चेकिंग कर रहा हु”
“ठीक है, चेक होने के बाद मुझे भेज देना, में वेट कर रही हु”
“ओके बॉस”
इतना कहते ही वो वापस चली गयी,
ये थी मेरी बॉस स्वाति,
बहुत स्ट्रीक बिहेवियर है उसका
काम उसको बिलकुल पेर्फक्ट चाहिए शायद इसी लिए वो मुझको ही बार बार U.S का प्रोजेक्ट फाइनल करने को देती थी
26-28 के आसपास ऐज है उसकी,
और एकदम परफेक्ट शेप में बॉडी,
लगता है की रोज जिम या जॉगिंग करती हो
लेकिन है बड़ी स्ट्रीक
इसको सिर्फ अपने काम से ही मतलब है
हसी-मजाक से तो लगता है इसकी जन्मो से दुश्मनी हो
‘चलो अब फाइनल चेक भी हो गया, कोड एकदम परफेक्ट था, कोई भी एरर नहीं, मेने उसको सेंड किया और जल्दी से अपना सामान सही कर ऑफिस से निकलने लगा’
अभी में ऑफिस के गेट के सामने खड़ा था 1 बजने को आ रहा था, शायद आज भी मुझे कोई टैक्सी या ऑटो नहीं मिलने वाला था, और आज तो अभय को भी बाइक लेकर नहीं बुला सकता था क्योकि आज वो मुझसे काफी नाराज था, मेरा अपार्टमेंट लगभग 6 किलोमीटर दूर था, अब तो लगता है की मुझे आज चल कर ही जाना पड़ेगा
मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था बॉस पर,
एक तो पेट बिलकुल खाली था और ऊपर से चल कर भी जाना और तो और रूम पर जाकर खाना मिलेगा भी की नहीं पता नहीं, नहीं सब माइंड में चल रहा था
लगभग आधा किलोमीटर ही चला होऊंगा की एक कार मेरे पास आकर रुकी