तेरी यादों के बाग़ में, मैं शबनम सा चमकता हूँ,
तेरे ख्वाबों की चाँदनी में, मैं तारे सा दमकता हूँ।
तेरे बिना ये दिल मेरा, वीरान सा लगता है,
हर धड़कन तेरे नाम पे, जैसे साज़ सा बजता है।
मेरे आंसुओं की बारिश में, तेरी यादें भीग जाती हैं,
तेरे बिना ये दुनिया, सूनी शाम सी रह जाती है।
तू आ जा मेरी ज़िन्दगी में, जैसे बहारों की लहर,
तेरे बिना ये दिल मेरा, टूटी कश्ती सा रह जाता है।
तेरे बिना ये आँखें, ख़्वाबों से तरसती हैं,
हर पल तेरे बिना, जैसे सदियों सी कटती हैं।
तेरे बिन ये होठ मेरे, खामोशियों में घुल जाते हैं,
तू जो पास नहीं, तो सारे रंग फीके पड़ जाते हैं।
दिल की गलियों में गूँजती है, तेरे कदमों की आहट,
तू जो आए तो, ये दिल बन जाए फिर से इबादत।
तू ही है वो दीपक, जो अंधेरों में जलता है,
तेरे बिना ये जीवन, सहरा सा जलता है।
इक तुझसे है बंधी, मेरी हर साँस की डोर,
तू ही है मेरा जहाँ, तू ही है मेरा शोर।
तेरे बिना ये रूह, अधूरी सी लगती है,
तू ही है वो चाँद, जो मेरे आकाश में सजती है।